महाराष्ट्र में शिव सेना सीएम पद पर अड़ी, बीजेपी तैयार नहीं
महाराष्ट्र में बीजेपी और शिव सेना गठबंधन को भले स्पष्ट बहुमत मिल गया है लेकिन सरकार गठन को लेकर दोनों पार्टियों में कड़वाहट पैदा हो गई है।
शिव सेना ने बीजेपी से मुख्यमंत्री पद ढाई-ढाई साल के लिए दोनों पार्टियों के पास रहने देने की मांग की है। इसके लिए शिव सेना ने बीजेपी से लिखित वादा मांगा है।
शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शनिवार को अपने आवास पर पार्टी के कुल 56 विधायकों के साथ बैठक की। इसी बैठक में उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि दोनों पार्टियों के बीच 50-50 फार्मूला रहेगा और इसके तहत दोनों के पास ढाई-ढाई साल तक मुख्यमंत्री का पद रहेगा।
इसके साथ ही शिव सेना ने कैबिनेट में भी समान संख्या में दोनों पार्टियों के मंत्रियों के होने की शर्त रखी है। कहा जा रहा है कि शिव सेना की इन शर्तों को बीजेपी के लिए मानना आसान नहीं है। ऐसे में बीजेपी शरद पवार की एनसीपी से समर्थन लेने की कोशिश कर सकती है।
बीजेपी को 2014 की तुलना में महाराष्ट्र में इस बार के विधानसभा चुनाव में 17 सीटें कम मिली हैं। शिव सेना को भी पिछली बार की तुलना में सात सीटें कम मिली हैं। सरकार बनाने के लिए 145 विधायक चाहिए जबकि बीजेपी के पास 105 हैं और शिव सेना के पास 56 विधायक हैं।
मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई समझौता नहीं
महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर खींचतान बढ़ती ही जा रही है। हालांकि इस बीच जहां शिवसेना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब बात सिर्फ़ शीर्ष नेताओं के साथ ही होगी वहीं बीजेपी ने भी स्पष्ट संकेत दिये हैं कि मुख्यमंत्री पद उसी के पास रहेगा और वो उसे लेकर किसी भी तरह का कोई समझौता नहीं करेगी।
हालांकि बीजेपी सरकार में शिवसेना को लगभग चालीस फ़ीसद मंत्री पद मिल सकती है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार राज्य कैबिनेट में शिवसेना को कुछ अहम मंत्रालय भी दिये जाएं।
शिवसेना मुख्यमंत्री पद के लिए 50-50 फार्मूला पर आगे बढ़ना चाहती है जबकि बीजेपी इसके लिए तैयार नहीं है।