मणिपुर में गायब दो छात्रों की मौत की पुष्टि के बाद इंफ़ाल में हिंसा और विरोध प्रदर्शन फिर हुआ तेज़

भारत के राज्य मणिपुर में जुलाई 2023 से गायब दो मैतेई छात्रों की मौत की पुष्टि के बाद राज़धानी इंफ़ाल में हिंसा और विरोध प्रदर्शन फिर तेज़ हो गया है।

बुधवार, 27 सितम्बर 2023 को भारी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे और इंफ़ाल में एक नेता के घर पर हमले की कोशिश की। पुलिस की गाड़ी को आग लगाई और एक पुलिसकर्मी के साथ मारपीट कर उनके हथियार छीन लिये।

मणिपुर पुलिस ने बुधवार, 27 सितम्बर 2023 की रात को बयान जारी करते हुए बताया, ''अनियंत्रित भीड़ ने एक नेता के घर पर हमला करने की कोशिश की, सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले दागकर भीड़ को खदेड़ा। बेकाबू भीड़ ने पुलिस की एक जिप्सी को निशाना बनाकर उसे जला दिया, जबकि एक पुलिसकर्मी के साथ मारपीट कर उनका हथियार छीन लिया।''

''मणिपुर पुलिस इस तरह की कार्रवाई की निंदा करती है और ऐसे उपद्रवियों से निपटने के लिए सख़्त क़दम उठाएगी। हथियारों की बरामदगी और बदमाशों को पकड़ने के लिए कॉम्बिंग ऑपरेशन चलाया जा रहा है।''

हालात को देखते हुए इंफ़ाल में कर्फ़्यू में दी जा रही ढील रोक दी गई है और पूरी तरह कर्फ़्यू लागू कर दिया गया है।

इससे पहले मणिपुर पुलिस ने बताया था कि दो छात्रों की मौत की ख़बर के बाद हिंसक विरोध प्रदर्शन बढ़ गए हैं और पुलिस ''कम से कम बलप्रयोग'' कर प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने की कोशिश कर रही है, लेकिन इस कोशिश में कुछ लोग घायल हुए हैं।

पुलिस ने अपने बयान में कहा, ''भीड़ में उपद्रवियों ने सुरक्षा बलों पर लोहे के टुकड़ों और पत्थरों (मार्बल) का इस्तेमाल किया। जवाबी कार्रवाई में सुरक्षा बलों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए न्यूनतम बल प्रयोग किया और आंसू गैस के गोले छोड़े जिसमें कुछ लोग घायल हो गए।''

पुलिस की ओर से ये बयान तब सामने आया जब इस तरह के आरोप लगाए जा रहे थे कि सुरक्षा बलों ने प्रदर्शकारियों पर पैलेट गन का इस्तेमाल किया है।

इसके अलावा बुधवार, 27 सितम्बर 2023 को मणिपुर के पहाड़ी इलाकों में "आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर्स एक्ट" अर्थात अफ्स्पा की अवधि अगले छह महीने के लिए बढ़ाई गई है।

हालांकि, इंफाल घाटी के 19 पुलिस स्टेशनों को इस दायरे से बाहर रखा गया है।

मणिपुर सरकार ने बुधवार, 27 सितम्बर 2023 को एक अधिसूचना जारी कर बताया, "मणिपुर के राज्यपाल की राय है कि विभिन्न चरमपंथी विद्रोही समूहों की हिंसक गतिविधियों के कारण 19 पुलिस स्टेशनों के अधिकार क्षेत्र में आने वाले क्षेत्रों को छोड़कर पूरे मणिपुर राज्य में नागरिक प्रशासन की सहायता के लिए सशस्त्र बलों के उपयोग की आवश्यकता है। इसलिए राज्यपाल इसके द्वारा 1 अक्टूबर, 2023 से छह महीने की अवधि के लिए 19 पुलिस स्टेशनों के अधिकार क्षेत्र में आने वाले क्षेत्रों को छोड़कर पूरे मणिपुर राज्य को 'अशांत क्षेत्र' घोषित करने की मंजूरी देते है।''