बिहार / झारखण्ड

मुझे कोई आरजेडी से साइडलाइन नहीं कर सकता, मेरे और तेजस्वी से पार्टी है : तेजप्रताप

राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद के बड़े पुत्र तेजप्रताप यादव ने कहा कि उन्हें पार्टी से कोई दरकिनार नहीं कर सकता। तेजस्वी और हमारे बीच किसी प्रकार का मनभेद नहीं है। पार्टी हम दोनों से है। कृष्ण-बलराम एक साथ हैं तो मनभेद संभव नहीं।

तेजप्रताप गुरुवार को सिताब दियारा रवाना होने से पूर्व दस सर्कुलर रोड स्थित राबड़ी आवास पर मीडिया से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पार्टी में रहकर आरएसएस व भाजपा के कुछ एजेंट उनके (तेज प्रताप) पार्टी में सक्रिय नहीं होने को लेकर अफवाह फैला रहे हैं।

उन्होंने सोमवार को राजद की बैठक में शामिल नहीं होने को लेकर कहा कि उनकी सेहत खराब थी। मथुरा से सड़क मार्ग से लौटने के बाद बेहद थके होने के कारण बैठक में शामिल नहीं हुए।

तेज प्रताप ने कहा कि उनके पिता लालू प्रसाद जेल में हैं, लेकिन वे पार्टी के शीर्ष नेता हैं और उनके निर्देशानुसार ही पार्टी में हर व्यक्ति के काम का बंटवारा होता है। राजद में वह और उनके छोटे भाई तेजस्वी दोनों निर्देश का पालन करते हैं। तेजस्वी को वह आज भी मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं। गांधी मैदान में इसकी घोषणा पहले ही की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि जल्द ही वे बिहार के दौरे पर निकलेंगे और नौजवानों को एकजुट करेंगे। हमारा संघर्ष सिर्फ भाजपा से है।

हमारे बीच कोई विवाद नहीं : तेजस्वी
तेज प्रताप के राजद की बैठक में शामिल नहीं होने पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि यह कोई मुद्दा नहीं। हमें देश के नौजवानों की चिंता है। बार-बार मतभेद और अनबन की बात की जाती है, लेकिन हम भाइयों में कोई विवाद नहीं है।

गया में बाल भिक्षुओं को बनाया सेक्‍सवर्कर, कराते थे न्‍यूड डांस

बिहार में बोधगया के मस्तीपुर स्थित प्रजना सोशल वेलफेयर संस्था के संचालक बांग्लादेशी बौद्ध भिक्षु संघ प्रिया उर्फ भंते सुजॉय की कोर्ट में पेशी के बाद गुरुवार को जेल भेज दिया गया। भंते के खिलाफ बोधगया थाने में असम के अरुण विकास चकमा के बयान पर आईपीसी की धारा 341, 323, 377, 504, 506 व 4, 6, 8, 10, 12 पोक्सो एक्ट के तहत प्राथमिकी हुई है।

पुलिस ने प्रजना ज्योति बुद्धिस्ट नोविस स्कूल एंड मेडिटेशन सेंटर की जांच शुरू कर दी है।

उधर, इस मामले में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। पुलिस ने पाया है कि मेडिटेशन सेंटर में बाल भिक्षुओं को कथित तौर पर सेक्स वर्कर बना कर रखा जाता था। उन्हें जबरन वरिष्ठ बौद्ध भिक्षुओं के साथ न्यूड डांस कराया जाता था। शोषण का शिकार होने वाले इन बच्चों को खास किस्म की ट्रेनिंग के नाम पर भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों से लाया जाता था। ज्यादातर बच्चे इनमें त्रिपुरा और असम से होते थे। यही नहीं, कुछ बाल भिक्षुओं को यहां से कोलकाता और अन्य जगहों पर अलग-अलग क्लाइंट्स के पास भेजा जाता था।

यौन शोषण मामले के खुलासे के बाद गुरुवार को पटना से एफ एस एल की टीम बोधगया पहुंची है। टीम ने संस्थान पहुंचकर विभिन्न बिंदुओं पर जांच शुरू कर दी है। टीम बच्चों से अप्राकृतिक यौनाचार का साक्ष्य जुटा रही है।

प्रजना ज्योति के छात्रावास में रहकर बौद्ध शिक्षा पा रहे सभी 32 बच्चों की गया के जे पी एन अस्पताल में मेडिकल जांच करायी गई। इनमें बुधवार को मेडिटेशन सेंटर से परिजनों के साथ असम जा रहे 15 बच्चे भी शामिल हैं। शुक्रवार को इन बच्चों का कोर्ट में 164 के तहत बयान दर्ज होगा। इसके बाद इन्हें चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के समक्ष पेश किया जायेगा। कमेटी से मिले निर्देश के बाद बच्चों को परिजनों के हवाले किया जायेगा।

बोधगया मस्तीपुर स्थित बुद्धिष्ट मेडिटेशन सेंटर में यौनाचार उत्पीड़न का मामले सामने आने के बाद इंटरनेशनल बुद्धिष्ट काउंसिल सख्त हो गया है। गुरुवार को बी टी एम सी में काउंसिल के सदस्यों ने आपात बैठक की। इसमें बाल लामाओं के साथ हुए यौनाचार उत्पीड़न की निंदा की गई। काउंसिल के सचिव प्रज्ञादीप ने कहा कि यौनाचार उत्पीड़न के मामले के आरोपित बौद्ध भिक्षु संघ प्रिया को इंटरनेशनल बुद्धिस्ट काउंसिल से कोई लेना देना नहीं है। वह काउंसिल का सदस्य नहीं है। वह स्वतंत्र संस्था चलाता था।

इंटरनेशनल बुद्धिष्ट काउंसिल के सदस्य बनने के लिए टेम्पल होना जरूरी है। सचिव प्रज्ञा दीप ने कहा कि अपराधी कोई भी हो सकता है। चाहे वह बौद्ध भिक्षु के रूप में ही क्यों न हो। अपराधी को सजा मिलनी चाहिए। काउंसिल ऐसे लोगों का समर्थन नहीं करेगा। प्रशासन को हर संभव सहयोग किया जाएगा।

बोधगया के मस्तीपुर स्थित प्रजना ज्योति बुद्धिष्ट नोविस स्कूल एंड मेडिटेशन सेंटर में बौद्ध शिक्षा के नाम पर नाबालिग बच्चों से अप्राकृतिक यौनाचार का खुलासा हुआ है। परिजनों के साथ असम जा रहे 15 नाबालिगों ने पुलिस को दिये बयान में संस्था संचालक भंते संघ प्रिया पर शारीरिक व यौन शोषण, मारपीट, भोजन नहीं देने का आरोप लगाया है। बच्चों का कहना है कि पढ़ाई में थोड़ी-सी गलती पर बाल बौद्ध भिक्षुओं को नंगा करवाया जाता था।

बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव का कैथल, हरियाणा में भाषण

बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव का कैथल, हरियाणा में भाषण

पाकिस्तान आर्मी चीफ को गले लगाने पर नवजोत सिद्धू पर राजद्रोह का मामला दर्ज

क्रिकेटर से नेता बने नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ बिहार के मुजफ्फरपुर में सोमवार को एक अदालत में मामला दर्ज किया गया है। यह मामला पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के रूप में इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तानी सेना प्रमुख को गले लगाने के लिए दर्ज कराया गया है। अधिवक्ता सुधीर ओझा ने मुजफ्फरपुर के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) की अदालत में सिद्धू के खिलाफ मामला दर्ज कराया है।

ओझा ने कहा कि उन्होंने सिद्धू के खिलाफ राजद्रोह सहित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कराया है। न्यूज एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट में बताया गया है कि कि अपनी शिकायत में ओझा ने कहा है कि सिद्धू के व्यवहार से देश के लोगों को दुख पहुंचा है। उन्होंने कहा, ''अदालत ने मामला दर्ज कर लिया है और इसकी सुनवाई अगले सप्ताह होगी।''

भारतीय जनता पार्टी और अकाली दल के नेता पंजाब की कांग्रेस सरकार में मंत्री सिद्धू के पाकिस्तानी सेना प्रमुख से गले लगने के बाद उन पर लगातार हमले कर रहे हैं।

मुजफ्फरपुर बालिका गृह बलात्कार: कई वरिष्ठ आईएएस और नेताओं से पूछताछ कर सकती है सीबीआई

बिहार में मुजफ्फरपुर बालिका गृह बलात्कार मामले में बरामद सबूतों के आधार पर सीबीआई कई और लोगों से पूछताछ कर सकती है। खासकर कई आईएएस, समाज कल्याण विभाग के अधिकारी और राजनेता से पूछताछ हो सकती है। जब्त कागजात के आधार पर सीबीआई इनकी सूची तैयार कर रही है। बिहार के दो -तीन टॉप वरीय आईएएस अफसरों की गतिविधियों पर कड़ी नजर है। इन अफसरों से ब्रजेश ठाकुर से निकटता रही है और ब्रजेश के धंधे को फलने-फूलने में इन्होंने काफी मदद की है।

हाल के वर्षों में समाज कल्याण विभाग में पदस्थापित अफसरों की सूची भी सीबीआई तैयार कर रही है, ताकि उनसे पूछताछ की जा सके। शुक्रवार की छापेमारी में सीबीआई को कई महत्वपूर्ण कागजात हाथ लगे हैं। सीबीआई शनिवार को पूरे दिन इन जब्त कागजात को खंगालती रही। जब्त कागजात के आधार पर सीबीआई अगली कड़ी तक पहुंचने की कोशिश में है। ब्रजेश ठाकुर के मुजफ्फरपुर स्थित आवास व अखबार के दफ्तर से कम्प्यूटर व लैपटॉप मिले हैं। सीबीआई कम्प्यूटर व लैपटॉप को सेन्ट्रल फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री में जांच के लिए भेजेगी। सीबीआई को उम्मीद है कि इस कम्प्यूटर व लैपटॉप से ब्रजेश ठाकुर व उसके गठजोड़ का पता चलेगा।

शुक्रवार की छापेमारी में सीबीआई को पटना के एक शैक्षिक संस्थान के परिसर में स्थित ब्रजेश ठाकुर के अखबार प्रात: कमल के दफ्तर से कई यौन व शक्तिवर्द्धक दवाएं मिली थीं। इस छापेमारी में भी कई महत्वपूर्ण कागजात मिले हैं। सीबीआई को आशंका है कि कहीं बालिका गृह की लड़कियों को यहां अनैतिक कार्य के लिए तो नहीं लाया जाता था।

उधर, पटना के आसरा गृह मामले को लेकर भी पूरे दिन शहर में चर्चा जोरों पर रही। चर्चा है कि सीबीआई आसरा गृह मामले की भी जांच कर सकती है। मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले की सुनवाई पटना हाईकोर्ट में होने वाली है। सबकी निगाहें पटना हाईकोर्ट की अगली सुनवाई पर टिकी है। अब पटना हाईकोर्ट पर निर्भर करेगा कि मनीषा दयाल मामले की जांच सीबीआई को सौंपती है या फिर पटना पुलिस इस मामले की जांच करेगी। सूत्रों के अनुसार, मुजफ्फरपुर के बालिका गृह और पटना के आसरा होम्स मामले में काफी समानता हैं।

मुजफ्फरपुर बालिका गृह बलात्कार कांड: मुख्य अभियुक्त फरार, अफसरों पर कार्रवाई !

मुजफ्फरपुर बालिका गृह बलात्कार कांड का मुख्य अभियुक्त नेताजी कौन है! अभी तक बिहार की नीतीश सरकार पता नहीं कर पाई है। यह ताज्जुब की बात है। लेकिन पीड़ित लड़कियों ने बिहार की समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के पति (नेताजी) को दोषी ठहराया है जिसपर नीतीश सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की है। इसके विपरीत अधिकारियों पर कार्रवाई की मंशा जता कर लीपापोती की कोशिश कर रही है।

मुजफ्फरपुर बालिका गृह बलात्कार कांड में बिहार सरकार बड़ी कार्रवाई की तैयारी में है!  समाज कल्याण विभाग ने पिछले पांच साल के दौरान मुजफ्फरपुर में पदस्थापित अधिकारियों की सूची उनके गृह जिले की जानकारी के साथ तलब की है। माना जा रहा है कि इन अधिकारियों पर कार्रवाई की तैयारी शुरू हो गई है। इस संबंध में कभी भी आदेश जारी हो सकता है।

विभाग की ओर से पांच साल के दौरान जिले में पदस्थापित अधिकारियों की रिपोर्ट मांगे जाने से कलेक्ट्रेट में खलबली है। विभाग ने पदस्थापित रहे सामाजिक सुरक्षा कोषांग के सहायक निदेशक और प्रोग्राम पदाधिकारियों की सूची मांगी है। कहा गया है कि इनकी वर्तमान तैनाती स्थल और गृह जिले के संबंध में भी जानकारी रिपोर्ट में दर्ज की जाए। कलेक्ट्रेट के अधिकारियों का मानना है कि विभाग सामूहिक रूप से सभी अधिकारियों के कार्यकाल में हुई कार्रवाई, आवंटन और भुगतान के संबंध में जांच कराएगी।

आशंका जताई जा रही है कि जिस तरह संबंधित जिलों के बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशकों का निलंबन किया गया है, उसी तरह से इन अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो सकती है। हालांकि विभाग ने कार्रवाई या जांच के संबंध में अपने पत्र में कुछ भी नहीं कहा है। जिला प्रोग्राम पदाधिकारी सह जिला बाल संरक्षण इकाई की प्रभारी सहायक निदेशक ललिता कुमारी ने कहा कि विभाग की मांग पर अधिकारियों के संबंध में जानकारी जुटाई जा रही है। इसे बुधवार को मुख्यालय भेज दिया जाएगा।

पटना के अल्प आवास गृह में महिलाओं के साथ क्रूरता, एफआईआर दर्ज

बिहार में पटना के अल्पावास गृह में भी महिलाओं के साथ हैवानियत की बात सामने आई है। इसके बाद सोमवार को पाटलिपुत्रा इलाके में अल्पावास गृह का संचालन करने वाले एनजीओ आईकार्ड के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।

समाज कल्याण विभाग के जिला परियोजना प्रबंधक भारती प्रियंवदा ने प्राथमिकी दर्ज कराई है। इस अल्पावास गृह का संचालन एनजीओ 2014 से कर रहा था। एनजीओ कर्मियों पर वहां रहने वाली महिलाओं के साथ गाली-गलौज, दुर्व्यवहार, अमर्यादित भाषा का प्रयोग और मारपीट करने का आरोप है। टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस (टिस) की रिपोर्ट में भी इस तरह के आरोप लगाए गए थे।

परियोजना प्रबंधक की ओर से दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि अल्पावास गृह की व्यवस्था सही नहीं थी। यहां पर रहने वाली महिलाओं के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया जाता था। घर के अंदर का माहौल महिलाओं के रहने लायक नहीं थी। यहां पर रहने-खाने से लेकर दवा वितरण की व्यवस्था भी सही नहीं थी। महिलाओं को प्रताड़ित किए जाने का भी आरोप लगा है।

पाटलिपुत्रा थानाध्यक्ष ने बताया कि एनजीओ के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 409, 354, 120 बी, 504, 509 के तहत प्राथमिकी दर्ज कर दी गई है। पुलिस हर पहलू पर जांच कर कार्रवाई करेगी।

अल्पावास गृह में 50 लड़कियों को रखने की क्षमता थी। टिस की रिपोर्ट में गड़बड़ी उजागर होने के बाद पटना में चल रहे इस अल्पावास गृह को पिछले महीने ही बंद कर दिया गया था। यहां रहने वाली लड़कियों और महिलाओं को रक्षा गृह में शिफ्ट कर दिया गया है।

पिछले साल यहां एक गर्भवती महिला की मौत हुई थी। इस मामले में भी एफआईआर हुई थी। इसके अलावा राजापुर की रहने वाली महिला की भी मौत हुई थी, जिसे पीएमसीएच में मृत घोषित किया गया था।

नीतीश कुमार कुर्सीबाज, धोखेबाज़ और पलटीबाज़ हैं, उनकी अंतरात्मा संघी है: तेजस्वी यादव

बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ए बी पी न्यूज़ को अपना साक्षात्कार देते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तीखी आलोचना की।

तेजस्वी यादव ने दो टूक कहा कि नीतीश कुमार की अंतरात्मा संघी है, उन्होंने बिहार की जनता को बार-बार धोखा दिया है। कुर्सी के लिए वो कुछ भी कर सकते हैं।

तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश कुमार को मुजफ्फरपुर कांड के बारे में मार्च से ही जानकारी थी, पर उन्होंने दोषियों को बचा लेने की ठान ली थी, इसीलिए बृजेश ठाकुर को इतने दिनों तक गिरफ्तार नहीं किया गया।  

तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार से सवाल पूछते हुए कहा कि आखिर सीएम नीतीश कुमार को किसका डर था? क्यों समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा ने अबतक इस्तीफा नहीं दिया? क्यों मंत्री के पति को अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया? ब्रिजेश ठाकुर से अब तक पूछताछ क्यों नहीं हुई?

तेजप्रताप ने 'नीतीश चाचा नो एंट्री' का बोर्ड राबड़ी आवास के बाहर लगाया

लालू यादव के पुत्र और राजद विधायक तेजप्रताप यादव ने एक दिन पूर्व अपने विधानसभा क्षेत्र महुआ रवाना होने के पहले मीडिया से बातचीत में कहा था कि नीतीश चाचा के लिए वे अपने घर मे नो इन्ट्री का बोर्ड लगाएंगे।

उसी के बाद उन्होंने मंगलवार को घर के गेट पर नो इंट्री का बोर्ड लगा दिया।

तेजप्रताप ने बिहार की पूर्व सीएम राबडी देवी के आवास 10 सर्कुलर रोड के बाहर यह बोर्ड लगाया है। यहां कागज के एक बोर्ड पर लिखा गया कि 'नीतीश चाचा नो एंट्री'।

इस बोर्ड को लगाने के बाद तेजप्रताप ने मीडिया के सामने आरोप लगाया कि उनकी बढ़ती लोकप्रियता के कारण भाजपा-जदयू के नेताओं ने सोशल मीडिया के मेरे सभी अकाउंट हैक करा दिए हैं।

आपको बता दें कि सोमवार की देर शाम तेजप्रताप के फेसबुक एकाउंट पर राजनीति छोड़ने संबंधी पोस्ट किया गया था। पोस्ट में राजद के कुछ नेताओं के आचरण पर नाराजगी जताते हुए राजनीति से संन्यास लेने तक की बात की गई थी।

हालांकि यह पोस्ट दो घंटे बाद हटा लिया गया और तेज प्रताप ने सफाई दी कि उनका अकाउंट हैक कर लिया गया था। हालांकि इस बारे में अब तक पुलिस में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जदयू के महागठबंधन में पुनः शामिल होने को लेकर कयास लगाए जा रहे है। कांग्रेस के नेताओं के द्वारा इस पर सकारात्मक रुख अपनाए जाने के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने स्पष्ट कर दिया था कि राजद को यह मंजूर नही। राजद किसी भी सूरत में जदयू के साथ नही जाएगा। जदयू के लिए महागठबंधन में नो एन्ट्री है।

गया गैंगरेप कांड में नीतीश सरकार लीपापोती में जुटी है : अलोक मेहता

गया गैंगरेप कांड में नीतीश सरकार लीपापोती में जुटी है : अलोक मेहता