भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार, 2 सितम्बर, 2022 को केरल के कोच्चि में भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत को देश को समर्पित किया।
उन्होंने इस मौक़े पर भारतीय नौसेना के नए ध्वज या निशान का भी अनावरण किया। इस मौक़े पर भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केरल के राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद ख़ान, केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन, केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और नौसेना अध्यक्ष आर हरिकुमार के साथ कई अन्य लोग मौजूद थे।
इस मौक़े पर आयोजित कार्यक्रम में नरेंद्र मोदी ने विक्रांत के महत्व को बताते हुए कहा, "आज यहाँ केरल के समुद्री तट पर भारत, हर भारतवासी, एक नए भविष्य के सूर्योदय का साक्षी बन रहा है। विक्रांत विशाल, विराट, विहंगम है। विक्रांत विशिष्ट है, विक्रांत विशेष भी है। विक्रांत केवल एक युद्धपोत नहीं, 21वीं सदी के भारत के परिश्रम, प्रतिभा, प्रभाव और प्रतिबद्धता का प्रमाण है।''
उन्होंने कहा, ‘‘अगर लक्ष्य दुरन्त हैं, यात्राएं दिगंत हैं, समंदर और चुनौतियाँ अनंत हैं। तो भारत का उत्तर है विक्रांत। आजादी के अमृत महोत्सव का अतुलनीय अमृत है विक्रांत। आत्मनिर्भर होते भारत का अद्वितीय प्रतिबिंब है विक्रांत।''
और मोदी ने क्या कहा?
मोदी के अनुसार, ''आज भारत विश्व के उन देशों में शामिल हो गया है, जो स्वदेशी तकनीक से इतने विशाल एयरक्राफ्ट कैरियर का निर्माण करता है। आज आईएनएस विक्रांत ने देश को एक नए विश्वास से भर दिया है, देश में एक नया भरोसा पैदा कर दिया है।''
उन्होंने कहा, ‘‘आईएनएस विक्रांत के हर भाग की अपनी एक खूबी है, एक ताक़त है। अपनी एक विकासयात्रा भी है। ये स्वदेशी सामर्थ्य, स्वदेशी संसाधन और स्वदेशी कौशल का प्रतीक है। इसके एयरबेस में जो स्टील लगी है, वो स्टील भी स्वदेशी है।''
पीएम मोदी ने बताया, ‘‘इतिहास गवाह है कि कैसे उस समय ब्रिटिश संसद में क़ानून बनाकर भारतीय जहाज़ों और व्यापारियों पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए गए।''
''बूंद-बूंद जल से जैसे विराट समंदर बन जाता है। वैसे ही भारत का एक-एक नागरिक 'वोकल फॉर लोकल' के मंत्र को जीना प्रारंभ कर देगा, तो देश को आत्मनिर्भर बनने में अधिक समय नहीं लगेगा।''
''पिछले समय में इंडो-पैसिफिक रीज़न और इंडियन ओशन में सुरक्षा चिंताओं को लंबे समय तक नजरअंदाज किया जाता रहा। लेकिन आज ये क्षेत्र हमारे लिए देश की बड़ी रक्षा प्राथमिकता है। इसलिए हम नौसेना के लिए बजट बढ़ाने से लेकर उसकी क्षमता बढ़ाने तक हर दिशा में काम कर रहे हैं।''
नेवी में महिलाओं को शामिल करने पर मोदी ने क्या कहा?
उन्होंने कहा, "विक्रांत जब हमारे समुद्री क्षेत्र की सुरक्षा के लिए उतरेगा, तो उस पर नौसेना की अनेक महिला सैनिक भी तैनात रहेंगी। समंदर की अथाह शक्ति के साथ असीम महिला शक्ति, ये नए भारत की बुलंद पहचान बन रही है।''
''अब इंडियन नेवी ने अपनी सभी शाखाओं को महिलाओं के लिए खोलने का फैसला किया है। जो पाबंदियाँ थीं वो अब हट रही हैं। जैसे समर्थ लहरों के लिए कोई दायरे नहीं होते, वैसे ही भारत की बेटियों के लिए भी अब कोई दायरे या बंधन नहीं होंगे।''
रूस ने कहा, भारत आत्मनिर्भरता की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है
आईएनएस विक्रांत के नौसेना में शामिल होने पर भारत में रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने कहा है कि यह पल भारत के लिए गर्व करने वाला है।
उन्होंने कहा कि भारत आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है। इससे पता चलता है कि भारत वैश्विक ताक़त बनने की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। दुनिया को मजबूत भारत की ज़रूरत है।