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संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए शिवसेना, जेडीयू और अकाली दल ने बीजेपी का साथ छोड़ा: तेजस्वी

राष्ट्रीय जनता दल के नेता और भारत के राज्य बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने रविवार, 25 सितम्बर 2022 को कहा कि जनता दल यूनाइटेड, शिरोमणि अकाली दल और शिवसेना ने बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए का साथ संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए छोड़ा।

भारत के पूर्व उपप्रधानमंत्री देवी लाल की जयंती मनाने के लिए बुलाई गई इनलोद (इंडियन नेशनल लोक दल) की रैली में तेजस्वी यादव ने बीजेपी पर झूठे दावे करने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि बीजेपी का मतलब 'बड़का झूठा पार्टी' होता है। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार के पुर्णिया में अपनी हालिया रैली में शहर के एयरपोर्ट के बारे में कहा, जबकि वहां कोई एयरपोर्ट है ही नहीं।

हरियाणा के फतेहाबाद शहर में आयोजित इस रैली में मंच पर बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू नेता नीतीश कुमार, शिरोमणि अकाली दल के सुखबीर सिंह बादल और शिवसेना के सांसद अरविंद सावंत भी मौजूद थे।

तेजस्वी ने अपने संबोधन में इस ओर ध्यान दिलाया कि ये सभी लोग एनडीए का हिस्सा थे। लेकिन संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए उन्होंने सत्तारूढ़ गठबंधन का साथ छोड़ दिया। तेजस्वी यादव ने कहा, ''एनडीए अब कहाँ है?''

नीतीश कुमार ने कहा, भारत में हिंदू-मुसलमान के बीच कोई झगड़ा नहीं, बीजेपी माहौल ख़राब कर रही है

भारत के राज्य बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार, 25 सितम्बर 2022 को हरियाणा के फतेहाबाद में इंडियन नेशनल लोकदल की एक रैली में बीजेपी का मुक़ाबला करने के लिए कांग्रेस और वामपंथी दलों सहित सभी विपक्षी पार्टियों से एकजुट होने की अपील की है।

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, नीतीश कुमार ने रैली में कहा कि 'विपक्ष के इस मुख्य मोर्चे' को मिलकर यह तय करना होगा कि 2024 में बीजेपी की बुरी हार हो।

उन्होंने कहा कि विपक्ष के सभी दल यदि एकजुट होकर लड़े, तो देश को बर्बाद करने वालों से हमें निजात मिल जाएगी।

नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि देश में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच कोई झगड़ा नहीं है और बीजेपी देश में गड़बड़ी पैदा करने की कोशिश कर रही है।

उनके अनुसार, मेरी एकमात्र इच्छा है कि हम सब को राष्ट्रीय स्तर पर एकजुट होने की ज़रूरत है। हमें अपने साथ और भी दलों को जोड़ने की ज़रूरत है।

भारत के पूर्व उपप्रधानमंत्री चैधरी देवीलाल के जन्मदिवस के मौक़े पर आयोजित इस रैली में नीतीश कुमार के अलावा एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार, शिरोमणि अकाली दल के सुखबीर सिंह बादल, तेजस्वी यादव जैसे कई नेता भी शामिल हुए।

सोनिया गांधी से मुलाक़ात के बाद नीतीश कुमार और लालू यादव ने क्या कहा?

विपक्ष को एकजुट करने के मक़सद से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने रविवार, 25 सितम्बर 2022 को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से नई दिल्ली में मुलाक़ात की है।

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, सोनिया गांधी के नई दिल्ली स्थित आवास 10, जनपथ में यह मुलाक़ात हुई।

मुलाक़ात के बाद लालू यादव ने कहा कि तीनों नेता फिर मिलेंगे।

नीतीश कुमार ने कहा, ''हम सबको साथ लेकर चलना चाहते हैं। मिलकर देश की प्रगति के लिए काम करना है।''

नीतीश कुमार ने कहा कि उनके यहां (कांग्रेस में) अध्यक्ष पद का चुनाव है। उसके बाद ही वो कुछ कहेंगी।

लालू यादव ने कहा, ''भाजपा को हटाना है, देश को बचाना है। हमने सोनिया जी से कहा कि आपकी पार्टी सबसे बड़ी है। आप सबको बुलाइए।''

2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के ख़िलाफ़ विपक्षी दलों को एकजुट करने और कांग्रेस के साथ विपक्ष के अन्य दलों के बीच के मौजूदा मतभेदों को कम करने के इरादे से हुई इस मुलाक़ात को काफ़ी अहम माना जा रहा है।

अगस्त 2022 में बीजेपी के साथ बिहार में अपना गठबंधन तोड़ने और राजद व कांग्रेस के साथ सरकार बनाने के बाद नीतीश कुमार की सोनिया गांधी से हुई यह पहली मुलाक़ात है।

इससे पहले नीतीश कुमार ने दिन में हरियाणा के फतेहाबाद में इंडियन नेशनल लोकदल की एक रैली में विपक्ष के कई नेताओं के साथ भाग लिया।

इस रैली में उन्होंने बीजेपी पर सांप्रदायिक तनाव भड़काने का आरोप लगाया।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हेट स्पीच के मामले में सरकार मूकदर्शक क्यों बनी हुई है?

भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने हेट स्पीच के मामले ने सरकार के रवैये पर सवाल उठाए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस मामले में सरकार मूकदर्शक क्यों बनी हुई है? इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने टीवी चैनल के एंकरों की भी भूमिका को भी अहम बताया है।

भारत में न्यूज़ चैनलों पर होने वाली बहस को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने नाराज़गी ज़ाहिर की है। बुधवार, 21 सितम्बर 2022 को हेट स्पीच के मामले में एक सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा है कि ऐसी बहसों में अक्सर हेट स्पीच को जगह दी जाती है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से सवाल पूछा है कि वो ऐसे हेट स्पीच को लेकर मूकदर्शक क्यों बनी रही है?

मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की तरफ से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) के एम नटराज से कई सवाल पूछे हैं। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने पूछा है, ''आख़िर इसमें समस्या क्या है? भारत सरकार इस मामले में कोई स्टैंड क्यों नहीं ले रही है? सरकार क्यों ऐसे मामलों को लेकर मूकदर्शक बनी हुई है?''

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को सलाह दी है कि केंद्र को इस मामले में कोर्ट के विरोध में खड़ा नहीं होना चाहिए, बल्कि मदद करनी चाहिए।

न्यूज़ चैनलों की बहस पर सवाल

सुप्रीम कोर्ट ने भारत के उन न्यूज़ चैनलों पर भी टिप्पणी की है जो अक्सर टीवी पर बहसों में हेट स्पीच को जगह देते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पाया है कि हेट स्पीच से सबसे ज़्यादा फ़ायदा राजनीतिक लोगों को होती है और इसके लिए टीवी न्यूज़ चैनल मौक़ा देते हैं।

जस्टिस के एम जोसेफ़ की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट के बेंच ने कहा है कि न्यूज़ चैनल के एंकर की भूमिका इसी लिहाज़ से बहुत महत्वपूर्ण है। कोर्ट का मानना है कि टीवी बहस में शामिल लोग हेट स्पीच से दूर रहें, यह तय करना एंकर की ज़िम्मेदारी है। इस बेंच में दूसरे जज जस्टिस ऋषिकेश राय हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने हेट स्पीच को लेकर कई याचिकाओं की एक साथ सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की है।

बोलने की आज़ादीः कहां तक छूट हो

सुप्रीम कोर्ट ने ज़ोर देकर कहा है कि बोलने की आज़ादी बहुत ही ज़रूरी है लेकिन टीवी चैनल पर हेट स्पीच के लिए छूट नहीं दी जा सकती। कोर्ट ने ध्यान दिलाया है कि हेट स्पीच के लिए ब्रिटेन में एक टीवी चैनल पर भारी ज़ुर्माना लगाया गया है।

हेट स्पीच को लेकर दायर एक याचिका की पैरवी करने वाले वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े भी कोर्ट की टिप्पणी से सहमत हैं। उन्होंने कहा, "चैनल और राजनेताओं को ऐसी स्पीच से चारा मिलता है। चैनलों को पैसे मिलते हैं और वो बहस में 10 लोगों को एक साथ बैठा देते हैं।''

अपनी नज़रिया न थोपें एंकर

सुप्रीम कोर्ट की बेंच का कहना है, "एंकर को वो बात आगे बढ़ानी चाहिए जो लोग कह रहे हैं, वो नहीं जो वो ख़ुद कहना चाहते हैं। लोकतंत्र के स्तंभ को स्वतंत्र होना चाहिए, उन्हें किसी के आदेश पर नहीं चलना चाहिए।''

नफ़रत को हवा देना मंजूर नहीं

बेंच ने कहा है, ''किसी एंकर का अपना नज़रिया हो सकता है लेकिन बात तब बिगड़ती है जब आपके सामने अलग-अलग राय रखने वाले लोग होते हैं और आप उन्हें बोलने नहीं देते हैं। इस तरह से आप नफ़रत पैदा करते हैं और इससे आपको टीआरपी मिलती है।''

वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े ने बेंच से कहा कि मंगलवार, 20 सितम्बर, 2022 को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा था कि हम हेट ऑक्सीजन नहीं दे सकते। इसपर जस्टिस हेगड़े ने कहा, ''बिल्कुल नहीं। हम नफ़रती हवा नहीं फैला सकते।''

केंद्र सरकार की तरफ से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल नटराज ने कोर्ट को बताया कि इसपर 14 राज्यों ने अपने सुझाव भेज दिए हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को सभी राज्यों के जवाब एक साथ फ़ाइल करने को कहा है। इस मामले की अगली सुनवाई 23 नवंबर, 2022 को होगी।

शंघाई सहयोग संगठन में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्या कहा?

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में अपने भाषण में कोरोना महामारी और यूक्रेन संकट की वजह से उपजे आर्थिक और खाद्य आपूर्ति संकट की चर्चा की। उन्होंने इससे निपटने के उपाय भी बताए।

प्रधानमंत्री मोदी इस सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए गुरुवार, 15 सितम्बर, 2022 की रात समरकंद पहुंचे थे। शुक्रवार, 16 सितम्बर, 2022 को वे सम्मेलन में शामिल हुए और अन्य नेताओं के साथ एक तस्वीर ट्वीट की।

आठ नेताओं की इस तस्वीर में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे दाहिनी ओर और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ सबसे बाईं ओर खड़े दिखे।

एससीओ के प्रभावी नेतृत्व के लिए नरेंद्र मोदी ने उज़्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शौकत मिर्जियोयेव का शुक्रिया अदा किया।

मोदी ने कहा कि आज पूरा विश्व महामारी के बाद आर्थिक संकट से उबरने की कोशिश कर रहा है।

एससीओ के सदस्य देश वैश्विक जीडीपी में लगभग 30 प्रतिशत का योगदान देते हैं। वहीं, विश्व की 40 प्रतिशत जनसंख्या इन देशों में निवास करती हैं। इसलिए इन संकटों से निपटने में एससीओ देशों की भूमिका अहम है।

मोदी ने कहा कि इस वर्ष भारत की अर्थव्यवस्था में 7.5 प्रतिशत वृद्धि की आशा है, जो विश्व की बड़ी इकोनॉमी में सबसे अधिक होगी।

मोदी ने कहा कि भारत प्रत्येक सेक्टर में इनोवेशन का समर्थन कर रहा है और आज देश में 70 हज़ार से अधिक स्टार्टअप्स हैं, जिनमें से 100 से अधिक यूनिकॉर्न (बिलियन डॉलर की कंपनी) हैं।

उन्होंने कहा कि ये अनुभव कई एससीओ सदस्यों के भी काम आ सकता है। इस उद्देश्य के लिए वे 'स्पेशल वर्किंग ग्रुप ऑन स्टार्टअप्स एंड इनोवेशन' की स्थापना करके एससीओ देशों के साथ अनुभव साझा करने को तैयार हैं।

मोटे अनाज की खेती पर जोर

उन्होंने कहा कि विश्व आज खाद्य सुरक्षा के संकट का सामना कर रहा है। इस समस्या का संभावित समाधान है- मोटे अनाज की खेती और उपभोग को बढ़ावा देना।

यह एक ऐसा सुपरफूड है, जो न सिर्फ़ एससीओ देशों में बल्कि विश्व के कई भागों में हजारों सालों से उगाया जाता है।

उन्होंने कहा कि 2023 को 'यूएन इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स' के रूप में मनाया जाएगा। इसे बढ़ावा देने के लिए एससीओ के अंतर्गत 'मिलेट्स फूड फेस्टिवल' के आयोजन पर विचार किया जाना चाहिए।

नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज भारत विश्व के 'मेडिकल एंड वेलनेस टूरिज़्म' के लिए सबसे किफ़ायती जगहों में से एक है।

उन्होंने कहा कि एससीओ देशों के बीच ट्रेडिशनल मेडिसिन पर सहयोग बढ़ाना चाहिए और भारत इसके लिए नए 'एससीओ वर्किंग ग्रुप ऑन ट्रेडिशनल मेडिसिन' की पहल करेगा।

मोदी ने और क्या कहा?

भारत एससीओ सदस्य देशों के बीच अधिक सहयोग और आपसी विश्वास का समर्थन करता है।

महामारी और यूक्रेन संकट से ग्लोबल सप्लाई चेन में कई बाधाएं पैदा हुईं, जिसकी वजह से पूरा विश्व ऊर्जा और खाद्य संकट का सामना कर रहा है।

एससीओ को इसके लिए विश्वस्त, लचीला और विविध चेन विकसित करने के प्रयास करने चाहिए। कनेक्टिविटी के साथ यह भी महत्वपूर्ण है कि एक-दूसरे को ट्रांजिट का पूरा अधिकार दें।

उन्होंने कहा कि भारत को एक 'मैन्यूफैक्चरिंग हब' बनाने की दिशा में प्रगति हो रही है।

आईएनएस विक्रांत पर कांग्रेस ने पीएम मोदी पर तंज करते हुए कहा, 2013 में हमने ही लांच किया था

भारत में जंगी जहाज आईएनएस विक्रांत पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने भारत की केंद्र की बीजेपी की नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना की है।

भारत के तत्कालीन रक्षा मंत्री एके एंटनी का एक वीडियो ट्वीट करते हुए जयराम रमेश ने कहा कि साल 2014 से पहले भी भारत आत्मनिर्भर था।

उन्होंने लिखा, "उस समय के रक्षा मंत्री एके एंटनी ने भारत का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत 12 अगस्त 2013 को लॉन्च किया था, वहीं प्रधानमंत्री (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) ने इसे आज किया है। साल 2014 से पहले एक आत्मनिर्भर भारत मौजूद था।''

यूपीए-2 में एके एंटनी भारत के रक्षा मंत्री थे। वीडियो में एके एंटनी आईएनएस विक्रांत की लैंडिंग के लिए भारत को बधाई दे रहे हैं और बता रहे हैं कि भारत इसे बनाने वाला दुनिया में छटा देश है।

जयराम रमेश का बयान ऐसे समय पर आया है जब आज भारत अपने सबसे बड़े जंगी जहाज विक्रांत को अपने बेड़े में शामिल कर रहा है।

आईएनएस विक्रांत में खास क्या है?

इसके अंदर 2300 कंपार्टमेंट हैं और आप घुसते ही भूल जाएंगे कि ये एक जहाज़ है। 262 मीटर लंबे और 60 मीटर ऊंचे जहाज़ पर समुद्र की तेज़ लहरों का कोई ख़ास असर महसूस नहीं होता।

जहाज़ को चौड़े रास्ते और सीड़ियां जोड़ते हैं इसलिए एक जगह से दूसरी जगह जाना मुश्किल नहीं है। एयरकंडीशनर बाहर की उमस और गर्मी को अंदर नहीं आने देते।

नए विक्रांत में 1700 लोग काम करेंगे। हालांकि अभी इसमें 2000 और लोग भी काम कर रहे हैं जिनके ऊपर केबल ठीक करने, पॉलिश करने और इंटीरियर के काम की जिम्मेदारी है।

विक्रांत पर एक बड़ी मेडिकल फैसिलिटी है। यहां एक 16 बेड का अस्पताल भी है, दो ऑपरेशन थिएटर हैं, लैब है। आईसीयू हैं और सीटी स्कैन है। यहां पांच डॉक्टर और 15 पैरामेडिक हैं।

इस जहाज़ पर 30 फ़ाइटर प्लेन और हेलीकॉप्टर रखे जा सकते हैं।

भारत का पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत नौसेना में शामिल

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार, 2 सितम्बर, 2022 को केरल के कोच्चि में भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत को देश को समर्पित किया।

उन्होंने इस मौक़े पर भारतीय नौसेना के नए ध्वज या निशान का भी अनावरण किया। इस मौक़े पर भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केरल के राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद ख़ान, केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन, केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और नौसेना अध्यक्ष आर हरिकुमार के साथ कई अन्य लोग मौजूद थे।

इस मौक़े पर आयोजित कार्यक्रम में नरेंद्र मोदी ने विक्रांत के महत्व को बताते हुए कहा, "आज यहाँ केरल के समुद्री तट पर भारत, हर भारतवासी, एक नए भविष्य के सूर्योदय का साक्षी बन रहा है। विक्रांत विशाल, विराट, विहंगम है। विक्रांत विशिष्ट है, विक्रांत विशेष भी है। विक्रांत केवल एक युद्धपोत नहीं, 21वीं सदी के भारत के परिश्रम, प्रतिभा, प्रभाव और प्रतिबद्धता का प्रमाण है।''

उन्होंने कहा, ‘‘अगर लक्ष्य दुरन्त हैं, यात्राएं दिगंत हैं, समंदर और चुनौतियाँ अनंत हैं। तो भारत का उत्तर है विक्रांत। आजादी के अमृत महोत्सव का अतुलनीय अमृत है विक्रांत। आत्मनिर्भर होते भारत का अद्वितीय प्रतिबिंब है विक्रांत।''

और मोदी ने क्या कहा?

मोदी के अनुसार, ''आज भारत विश्व के उन देशों में शामिल हो गया है, जो स्वदेशी तकनीक से इतने विशाल एयरक्राफ्ट कैरियर का निर्माण करता है। आज आईएनएस विक्रांत ने देश को एक नए विश्वास से भर दिया है, देश में एक नया भरोसा पैदा कर दिया है।''

उन्होंने कहा, ‘‘आईएनएस विक्रांत के हर भाग की अपनी एक खूबी है, एक ताक़त है। अपनी एक विकासयात्रा भी है। ये स्वदेशी सामर्थ्य, स्वदेशी संसाधन और स्वदेशी कौशल का प्रतीक है। इसके एयरबेस में जो स्टील लगी है, वो स्टील भी स्वदेशी है।''

पीएम मोदी ने बताया, ‘‘इतिहास गवाह है कि कैसे उस समय ब्रिटिश संसद में क़ानून बनाकर भारतीय जहाज़ों और व्यापारियों पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए गए।''

''बूंद-बूंद जल से जैसे विराट समंदर बन जाता है। वैसे ही भारत का एक-एक नागरिक 'वोकल फॉर लोकल' के मंत्र को जीना प्रारंभ कर देगा, तो देश को आत्मनिर्भर बनने में अधिक समय नहीं लगेगा।''

''पिछले समय में इंडो-पैसिफिक रीज़न और इंडियन ओशन में सुरक्षा चिंताओं को लंबे समय तक नजरअंदाज किया जाता रहा। लेकिन आज ये क्षेत्र हमारे लिए देश की बड़ी रक्षा प्राथमिकता है। इसलिए हम नौसेना के लिए बजट बढ़ाने से लेकर उसकी क्षमता बढ़ाने तक हर दिशा में काम कर रहे हैं।''

नेवी में महिलाओं को शामिल करने पर मोदी ने क्या कहा?

उन्होंने कहा, "विक्रांत जब हमारे समुद्री क्षेत्र की सुरक्षा के लिए उतरेगा, तो उस पर नौसेना की अनेक महिला सैनिक भी तैनात रहेंगी। समंदर की अथाह शक्ति के साथ असीम महिला शक्ति, ये नए भारत की बुलंद पहचान बन रही है।''

''अब इंडियन नेवी ने अपनी सभी शाखाओं को महिलाओं के लिए खोलने का फैसला किया है। जो पाबंदियाँ थीं वो अब हट रही हैं। जैसे समर्थ लहरों के लिए कोई दायरे नहीं होते, वैसे ही भारत की बेटियों के लिए भी अब कोई दायरे या बंधन नहीं होंगे।''

रूस ने कहा, भारत आत्मनिर्भरता की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है

आईएनएस विक्रांत के नौसेना में शामिल होने पर भारत में रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने कहा है कि यह पल भारत के लिए गर्व करने वाला है।

उन्होंने कहा कि भारत आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है। इससे पता चलता है कि भारत वैश्विक ताक़त बनने की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। दुनिया को मजबूत भारत की ज़रूरत है।

दिल्लीः अरविंद केजरीवाल ने भारत का पहला वर्चुअल स्कूल लाॅन्च किया

भारत में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भारत के पहले वर्चुअल स्कूल की लाॅन्चिंग बुधवार, 31 अगस्त, 2022 को कर दी। उन्होंने कहा है कि यह स्कूल उन बच्चों के लिए है जो किसी वजह से स्कूल नहीं जा सकते।

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, उन्होंने बताया है कि 'दिल्ली माॅडल वर्चुअल स्कूल' में भारत के किसी कोने के छात्र दाखि़ला ले सकते हैं। इसके लिए आवेदन की प्रक्रिया बुधवार, 31 अगस्त, 2022 से शुरू हो गई है।

केजरीवाल ने कहा, "आज हम दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन के तहत भारत का पहला वर्चुअल स्कूल 'दिल्ली मॉडल वर्चुअल स्कूल' की शुरुआत कर रहे हैं।''

उन्होंने कहा, ''कोई भी छात्र 'दिल्ली मॉडल वर्चुअल स्कूल' में लाइव क्लासेज़ अटेंड कर सकते हैं और रिकॉर्ड किए हुए क्लासेज़ को देख सकते हैं। अभी यह स्कूल कक्षा 9 से 12 तक के लिए शूरू किया जा रहा है।''

केजरीवाल के अनुसार, इस स्कूल में विद्यार्थियों को आईआईटी जेईई और नीट जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी कराई जाएगी। उन्होंने दावा किया है कि यह स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा।

गुजरात दंगों से जुड़े सभी मामलों को सुप्रीम कोर्ट ने बंद किया

भारत के सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार, 30 अगस्त, 2022 को साल 2002 के गुजरात दंगों से जुड़े सभी मामलों को बंद कर दिया। शीर्ष न्यायालय में गुजरात दंगों से जुड़ी 10 याचिकाएँ थीं, जिनमें से एक राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की ओर से भी दायर की गई थी।

भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस रविंद्र भट्ट और जेबी परदीवाला की बेंच ने कहा कि कोर्ट इस मामले में विशेष जाँच समिति गठित कर चुकी थी और दंगों से जुड़े नौ में से आठ मामलों की सुनवाई भी पूरी हो चुकी है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "चूंकि सभी मामले अब अनावश्यक हो चुके हैं, इसलिए अदालत को अब इनपर सुनवाई करने की ज़रूरत नहीं है।''

एसआईटी की ओर से कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने बताया कि नौ में से केवल एक मामले की सुनवाई बाकी है। ये नरोदा गांव इलाके से जुड़ा मामला है और इसमें भी आख़िरी दौर की जिरह जारी है। अन्य मामलों में सुनवाई पूरी हो चुकी है या फिर हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट के सामने इनको लेकर पुनर्विचार याचिकाएं दाखिल की गई हैं।

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि 8 मामलों में सुनवाई पूरी होने की वजह से अब लंबित याचिकाएं गैर-ज़रूरी हो गई हैं।

प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि नरोदा दंगा मामले में भी कानून के अनुसार सुनवाई होगी और एसआईटी उसके अनुरूप कार्रवाई कर सकती है।

27 फरवरी, 2002 में अयोध्या से लौट रही साबरमती एक्सप्रेस के कोच एस-6 में गोधरा स्टेशन पर आग लगाने की घटना हुई थी, जिसमें 59 कारसेवकों की मौत हो गई थी, जिसके बाद गुजरात में दंगे भड़क उठे थे।

गुजरात दंगों में 1000 से ज़्यादा लोग मारे गए थे जिनमें ज़्यादातर मुसलमान थे।

बाबरी मस्जिद गिराए जाने से जुड़ी अवमानना की सभी याचिकाएँ सुप्रीम कोर्ट ने बंद की

भारत के सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बाबरी मस्जिद गिराए जाने को लेकर दायर अवमानना की सभी याचिकाओं को बंद करने का फ़ैसला किया है। ये याचिकाएँ 1992 में बाबरी मस्जिद को गिराए जाने से रोकने में विफल रहने पर उत्तर प्रदेश सरकार और इसके कुछ अधिकारियों के ख़िलाफ़ दायर की गई थी।

सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि समय बीत जाने और 2019 में राम मंदिर मुद्दे पर आए फ़ैसले के मद्देनज़र, अवमानना की इन याचिकाओं को बंद किया जाता है।

जस्टिस संजय किशन कौल की अगुआई वाली खंडपीठ ने इन सभी मामलों को बंद करने का फ़ैसला किया। ये मामला असलम भुरे ने दाखिल किया था।

अदालत का कहना है कि इस मामले में याचिकाकर्ता असलम भुरे की मौत 2010 में हो गई थी।

अदालत ने एडवोकेट एमएम कश्यप की उस मांग को ख़ारिज कर दिया कि याचिकाकर्ता की जगह एमिकस क्यूरी को लाया जाए। छह दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद धर्मांध हिन्दुओं द्वारा गिरा दी गई थी।

2019 में सुप्रीम कोर्ट का इस पर फ़ैसला आया था। जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पाँच जजों की संविधान पीठ ने 40 दिनों तक इस पर सुनवाई की और 1045 पन्नों का ये फ़ैसला सर्वसम्मति से सुनाया था।

भारत के सुप्रीम कोर्ट ने अपने फ़ैसले में बाबरी मस्जिद के स्थल पर पूजा के अधिकार को मंज़ूरी और मस्जिद के लिए दूसरी जगह पर पांच एकड़ ज़मीन देने के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर निर्माण के लिए रास्ता तैयार कर दिया था।

बाद में भारत की बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार (नरेंद्र मोदी सरकार) ने जस्टिस रंजन गोगोई को भारतीय संसद के उच्च सदन राज्य सभा भेज दिया जिसकी चारों तरफ काफी आलोचना हुई।

जबकि 2020 में एक अन्य फ़ैसले में बाबरी मस्जिद को तोड़ने की साजिश में शामिल होने के आरोपी लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती सहित सभी 32 अभियुक्तों को कोर्ट ने सबूत के अभाव में बरी कर दिया।