भारतीय संसद में मोदी सरकार के ख़िलाफ़ विपक्ष के पेश किए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा हो रही है।
इस चर्चा के दूसरे दिन बुधवार, 9 अगस्त 2023 को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी लोकसभा में बोल रहे हैं।
संसद सदस्यता बहाल होने के बाद ये पहली बार है, जब राहुल गांधी संसद के अंदर बोल रहे हैं।
राहुल गांधी ने कहा, ''मैंने पहले जब संसद में अडानी जी का नाम लिया था तो आपकी पार्टी के सीनियर नेताओं को कष्ट हुआ था। आज कोई घबराने की ज़रूरत नहीं है। अडानी जी पर आज नहीं बोलने जा रहा हूं। रूमी ने कहा था जो शब्द दिल से आते हैं वो दिल तक जाते हैं। मैं दिमाग से नहीं, दिल से बोलूंगा.''
राहुल गांधी ने कहा कि हमें अहंकार और नफरत को मिटाना पड़ेगा। कुछ ही दिन पहले मैं मणिपुर गया, हमारे पीएम आज तक नहीं गए क्योंकि उनके लिए मणिपुर हिंदुस्तान नहीं है।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बुधवार, 9 अगस्त 2023 को संसद में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान लोकसभा में भारत जोड़ो यात्रा की यादें साझा की।
राहुल गांधी ने और क्या कहा?
आज मैं एक दो गोले तो ज़रूर मारूंगा, पर ज्यादा नहीं बोलूंगा।
पिछले साल 130 दिन के लिए मैं भारत के एक कोने से दूसरे कोने तक गया। अकेला नहीं, बहुत सारे लोगों के साथ गया।
समंदर के तट से कश्मीर की बर्फीली पहाड़ी तक चला। यात्रा अभी खत्म नहीं हुई है। हम लद्दाख भी ज़रूर आएंगे।
बहुत सारे लोगों ने मुझसे पूछा कि यात्रा के दौरान कि राहुल तुम क्यों चल रहे हो, तुम्हारा लक्ष्य क्या है। कन्याकुमारी से कश्मीर तक क्यों जा रहे हो।
जब वो मुझसे पूछते थे तो शुरुआत में मेरे मुंह से जवाब नहीं निकलता था। शायद ये मुझे ही नहीं मालूम था कि मैंने यात्रा क्यों शुरू की। मैं तब सोच रहा था कि मैं हिंदुस्तान को समझना चाहता हूं, लोगों को मिलना चाहता हूं। गहराई से समझना चाहता हूं।
जिस चीज के लिए मैं मोदी जी की जेलों में जाने के लिए तैयार हूं, मरने के लिए तैयार हूं, जिसके लिए मैंने 10 साल हर रोज़ गाली खाई, मैं उसे समझना चाहता हूं। जिसने मेरे दिल को इतनी मज़बूती से पकड़ रखा था, उसे मैं समझना चाहता था।
मैं हर रोज़ 10 किलोमीटर दौड़ता हूं। तो मैंने सोचा कि 25 किलोमीटर चलने में क्या बड़ी बात है। आज मैं देखता हूं तो उस समय अहंकार था मेरे दिल में। मगर भारत अहंकार को एकदम मिटा देता है। एक सेकेंड में मिटा देता है।
दो तीन दिन में घुटने में दर्द होने लगा। जो भेड़िया निकला था, वो चीटी बन गया। सारा अहंकार चला गया। पर हर रोज़ कोई न कोई शक्ति मुझे मिल जाती थी।
यात्रा के दौरान जो किसान की आंखों में दर्द था, वो दर्द मेरी आंखों में था।
संसद में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बुधवार, 9 अगस्त 2023 को मोदी सरकार पर हमला बोला।
राहुल गांधी ने कहा कि सरकार मणिपुर में हिंदुस्तान की हत्या कर रही है, भारत माता की हत्या कर रही है।
राहुल गांधी ने कहा कि सरकार सिर्फ दो लोगों की सुनते हैं, अमित शाह और अदाणी की। रावण को राम ने नहीं, रावण के अहंकार ने मारा था।
राहुल गांधी के भाषण के बाद बीजेपी नेता और भारत की केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी राहुल गांधी को जवाब देने आईं।
स्मृति ईरानी ने कहा, ''मणिपुर भारत का अभिन्न अंग है, हमेशा भारत का था, है और रहेगा। आज देश देख रहा है कि जब भारत माता की हत्या की बात हुई, तब कांग्रेस ताली बजा रही थी।''
स्मृति ईरानी ने कहा, ''आज तक भारत के इतिहास में भारत माता की हत्या की बात करने वाले बैठकर मेज नहीं थपथपाते हैं।''
लोकसभा में स्मृति ईरानी ने कश्मीरी पंडितों का मुद्दा भी उठाया।
कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने स्मृति इरानी के भाषण पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया।
सुप्रिया श्रीनेत ने लिखा, ''स्मृति ईरानी अपनी नौटंकी बंद करो, शर्म करो, 78 दिन तक जब तक वो भयावह वीडियो नहीं आया - मुँह से एक शब्द नहीं फूटा। आपका यह नक़ली आक्रोश और पाखंड बेशर्मी का एक नया मानक है। किसी के पास इस नाटक के लिये वक़्त नहीं है।''
भारत के राज्य मणिपुर के कुकी-ज़ोमी समुदाय से आने वाली दो महिलाओं को मैतेई बहुल थोबल ज़िले में निर्वस्त्र कर परेड कराने का वीडियो वायरल होने के बाद मुख्य अभियुक्त समेत दो लोगों को गिरफ़्तार किया गया है।
ये घटना चार मई 2023 को हुई थी जिसमें कुकी समुदाय की दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराया गया। इनमें से एक महिला के साथ कथित रूप से गैंगरेप भी किया गया।
चार मई 2023 को हुई इस घटना की एफ़आईआर 18 मई 2023 को दर्ज की गई थी। बुधवार, 19 जुलाई, 2023 को सोशल मीडिया के ज़रिए घटना का वीडियो सामने आया जिसके बाद गुरुवार, 20 जुलाई, 2023 को इस केस में पहली गिरफ्तारी हुई।
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इस घटना को इंसानियत के ख़िलाफ़ अपराध बताया और अपराधियों को फांसी की सज़ा दिए जाने की मांग की है।
गुरुवार, 20 जुलाई, 2023 को मॉनसून सत्र के पहले दिन भारी हंगामे के बाद संसद के दोनों सदनों को शुक्रवार, 21 जुलाई, 2023 को 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
विपक्षी पार्टियों ने मणिपुर पर बहस के लिए लोकसभा में नियम 193 के तहत और राज्यसभा में नियम 176 और 267 के तहत नोटिस देते हुए सैद्धांतिक तौर पर इस मुद्दे पर बहस कराने की मांग की है।
इस बीच सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश ने मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार को नोटिस भेजा है।
मणिपुर की राज्यपाल अनुसूइया उइके ने कहा कि अपराधियों को पकड़ने और उन्हें सज़ा देने के लिए उन्होंने डीजीपी को निर्देश दिए हैं और उन पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई के लिए कहा है जो संबंधित पुलिस स्टेशन में तैनात थे।
इस घटना को लेकर 18 मई 2023 को कांगपोकपी ज़िले में एफ़आईआर दर्ज की गई। इसके बाद इस केस को संबंधित पुलिस थाने थोबल में भेज दिया गया।
एफ़आईआर के अनुसार, मैतेई बहुल इलाके में जब कुकी के गांव को जला दिया गया तो ये महिलाएं अपने परिवार के साथ जान बचाकर भागीं और पुलिस ने उन्हें बचाया लेकिन पुलिस जब उन्हें लेकर जा रही थी तब एक भीड़ ने पुलिस की सुरक्षा घेरे से उन्हें खींच लिया।
एफ़आईआर के अनुसार, एक महिला के पिता और भाई की उनके सामने हत्या कर दी गई और फिर महिला का सरेआम गैंग रेप किया गया।
महिला आयोग ने ट्विटर को दिए वीडियो हटाने के निर्देश
भारत के राष्ट्रीय महिला आयोग ने मामले का संज्ञान लिया है और ट्विटर को इसके वीडियो अपने प्लेटफॉर्म से हटाने के निर्देश दिए हैं।
इस बारे में राष्ट्रीय महिला आयोग ने ट्विटर के पब्लिक पॉलिसी विभाग को औपचारिक रूप से निर्देश दिए हैं।
महिला आयोग का कहना है कि इस वीडियो से पीड़िता की पहचान ज़ाहिर हो रही है और ये दंडनीय अपराध है।
वीडियो के वायरल होने के बाद मणिपुर के हालात को लेकर देशभर में गुस्से का माहौल है।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मॉनसून सत्र शुरू होने से पहले गुरुवार, 20 जुलाई, 2023 को संसद के बाहर मीडिया से बातचीत में मणिपुर घटना पर दुख प्रकट किया और कहा, ''पाप करने वाले कितने हैं, कौन हैं वो अपनी जगह है, पर बेइज्जती पूरे देश की हो रही है। 140 करोड़ देशवासियों को शर्मसार होना पड़ रहा है. दोषियों को बख्शा नहीं जायेगा।''
विपक्षी दलों ने मणिपुर हिंसा को लेकर मोदी सरकार को घेरा और सवाल उठाएं हैं कि आखिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर क्यों नहीं जा रहे हैं।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ''मणिपुर जल रहा है, महिलाओं का बलात्कार हो रहा है, उन्हें निर्वस्त्र घुमाया जा रहा है और पीएम ख़ामोश बैठे हुए हैं और बाहर बयान दे रहे हैं।''
कांग्रेस नेता राहुल गाँधी, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल, सांसद जया बच्चन, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी, शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव, कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत, राजद नेता और बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव समेत कई नेताओं ने घटना की निंदा की है और सरकार पर कोई ठोस कदम ना उठाने का आरोप लगाया है।
भारत के राज्य गुजरात के गोधरा दंगों के बाद फर्जी दस्तावेज बनाने और गवाहों को प्रभावित करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार, 19 जुलाई 2023 को तीस्ता सीतलवाड़ को नियमित जमानत दी है।
शीर्ष अदालत ने कहा कि तीस्ता के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया जा चुका है और उनसे हिरासत में पूछताछ पूरी हो चुकी है, इसलिए उन्हें जमानत दी जानी चाहिए।
कोर्ट ने कहा कि जमानत के दौरान वे किसी भी गवाह को प्रभावित नहीं करेंगी और अगर वे ऐसा करती हैं तो अभियोजन पक्ष जमानत रद्द करने के लिए सीधे हमारे पास आ सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार, 19 जुलाई 2023 को अपने आदेश में गुजरात उच्च न्यायालय के उस आदेश को भी रद्द कर दिया, जिसने उनकी नियमित जमानत खारिज कर दी थी और उन्हें तुरंत आत्मसमर्पण करने के लिए कहा था।
न्यायमूर्ति बीआर गवई की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने यह आदेश पारित किया है।
तीस्ता सीतलवाड़ कौन है?
गुजरात में 2002 के दंगों के अभियुक्तों को अदालत तक ले जाने वाले लोगों में जिनका नाम सबसे ऊपर आता है, वो हैं मानवाधिकार कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़।
तीस्ता सीतलवाड़ और उनकी संस्था 'सिटीज़न्स फॉर जस्टिस एंड पीस' ने गुजरात दंगा पीड़ितों को 'इंसाफ़' दिलवाने के लिए 68 मुक़दमे लड़े हैं और 170 से अधिक लोगों को सजा दिलवाई है जिनमें 1000 से अधिक लोग मारे गए थे।
तीस्ता का जन्म 1962 में मुंबई के एक वरिष्ठ वकील परिवार में हुआ था। उनके दादा एमसी सीतलवाड़ भारत के पहले अटॉर्नी-जनरल थे। वो इस पद पर 1950 से 1963 तक रहे।
भारत के राज्य कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक के बाद हुई प्रेस कान्फ्रेंस में बिना शामिल पटना लौटे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार, 19 जुलाई 2023 को मीडिया को संबोधित किया।
बीजेपी की ओर कहा गया कि विपक्ष की मीटिंग से नीतीश कुमार नाराज होकर पटना लौटे थे, इस सवाल पर उन्होंने कहा, ''हम किस लिए नाराज़ होंगे? और इस मीटिंग से बीजेपी का क्या लेना देना है? लोग तरह तरह की बात करते हैं, इसमें कोई ख़ास बात नहीं है। हमने मीटिंग में बोल दिया था कि हम लोगों को निकलने दीजिए।''
उन्होंने कहा कि बैठक में सब तरह की बात हुई, हर एक ने अपना सुझाव दिया और उसके बाद ही घोषणा की गई।
नीतीश कुमार ने ये भी कहा कि जब सही वक़्त आएगा तब अन्य पार्टियां भी विपक्षी एकजुटता में शामिल होंगी।
18 जुलाई 2023 को दिल्ली में एनडीए की बैठक पर नीतीश कुमार ने कहा, ''अटल बिहारी वाजपेयी के ज़माने में एनडीए की मीटिंग होती थी, सारी पार्टियों को बुलाया जाता था लेकिन उसके बाद इन्होंने एनडीए की कोई बैठक नहीं बुलाई।''
उन्होंने कहा, "पिछले पांच साल में जब हम इनके साथ गए थे तो कहां कोई एनडीए की बैठक हुई? जब हमने एक मीटिंग की तो इन्हें लगा कि एक मीटिंग करा दी जाए।''
नीतीश कुमार एनडीए पर कटाक्ष करते हुए कहते हैं, "इतने लोगों का नाम आया, कौन जानता है, कौन सी पार्टी है? हमारे यहां जो मीटिंग हुई है उसमें सब लोग जाने पहचाने चेहरे हैं। उनके यहां तो ऐसे ही हैं, अब किसी को हम निकाल दिए तो उनको भी शामिल कर लिया।''
"इसलिए हमने जानबूझ कर कहा था कि या तो मर्ज करिए या बाहर जाइए क्योंकि ये रहते तो 23 तारीख़ की मीटिंग की सारी ख़बर उधर देते। उस आदमी को हमने अपनी जगह चीफ़ मिनिस्टर बना दिया था।''
उनका इशारा हम के नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की ओर था।
बेंगलुरु में 26 पार्टियों की विपक्ष की बैठक के बाद विपक्षी एकता का नाम ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ यानी 'इंडिया' रखने की घोषणा की गई थी।
बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी NDA के ख़िलाफ़ इसे ‘विपक्षी एकता’ का एक ठोस क़दम माना जा रहा है।
विपक्षी गठबंधन से नीतीश की नाराज़गी के सवाल पर जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह ने क्या कहा?
भारत के राज्य कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में हुई विपक्षी एकता की बैठक के नीतीश कुमार की नाराज़गी के सवाल पर जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने प्रतिक्रिया दी है।
बैठक ख़त्म होने के बाद नीतीश कुमार साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी दिखाई नहीं दिए थे, जिसके बाद बीजेपी के नेताओं ने सवाल उठाने शुरू कर दिए।
पत्रकारों से बात करते हुए ललन सिंह ने कहा कि यह सिर्फ अफवाह है और इस तरह की अफवाहों का साथ देश का गोदी मीडिया भी दे रहा है।
उन्होंने कहा, "पिछले कई दिनों में कई तरह के दुष्प्रचार हुए हैं। कभी कहा गया कि जनता दल और आरजेडी का विलय होगा। ये दुष्प्रचार गोदी मीडिया ने चलाया। फिर चलाया कि जनता दल और आरजेडी में खटपट है। अब चला रहा है कि नीतीश कुमार जी नाराज़ हैं।''
"नीतीश कुमार जी विपक्षी एकता के सूत्रधार हैं और सूत्रधार कभी नाराज़ नहीं होता। इंडिया सब की सहमति से नाम तय हुआ है।''
इससे पहले बीजेपी नेता सुशील मोदी ने कहा था, ''विपक्षी गठबंधन का संयोजक ना बनाए जाने के कारण नीतीश कुमार नाराज हैं। यह वजह थी कि वे प्रेस कॉन्फ्रेंस छोड़ पटना लौट आए।''
भारत में कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने बीजेपी नेता और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर पलटवार किया है।
मंगलवार, 18 जुलाई 2023 की सुबह नरेंद्र मोदी ने बेंगलुरु में एकजुट हो रहे विपक्ष को भ्रष्टाचारियों का सम्मेलन बताया था।
सुप्रिया श्रीनेत ने ट्वीट कर लिखा, "प्रधानमंत्री मोदी की भाषा और बयान उनके डर का प्रमाण हैं। 9 साल सत्ता में रहने के बाद मोदी जी के अंदर यह दम नहीं है कि अपने काम पर वोट माँग लें।''
"आज भी सिर्फ़ और सिर्फ़ विपक्ष के ख़िलाफ़ ज़हर उगल रहे हैं और अनर्गल आरोप लगा रहे हैं। जिस प्रधानमंत्री की नाक के नीचे देश का सबसे बड़ा अडानी महाघोटाला हुआ हो उसकी हिम्मत कैसे है भ्रष्टाचार पर अपना मुँह खोलने की?"
"जो प्रधानमंत्री पानी पी पी कर विपक्ष के कुछ नेताओं को भ्रष्टाचार पर कोसे और फिर कुछ ही घंटों बाद पार्टी तोड़ कर उन्हें अपनी सरकार में शामिल करे, वो दोहरे मापदंड का जीता जागता सबूत है।''
"आपकी बदले की भावना से प्रेरित केस भी आपकी बातों की ही तरह फ़र्ज़ी और निराधार हैं और लगे हाथ एक बात ज़रूर बताइएगा मोदी जी, बड़ा सीना ठोककर चिल्लाते थे ‘एक अकेला एक अकेला’ तो अब 38 औरों की ज़रूरत क्यों आन पड़ी?"
मोदी ने क्या कहा?
पोर्ट ब्लेयर के वीर सावरकर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के नए टर्मिनल के उद्घाटन के मौके पर पीएम मोदी ने कहा, "भारत की बदहाली के जिम्मेदार कुछ लोग अपनी दुकान खोलकर बैठ गए हैं।''
पीएम मोदी ने कहा, "2024 के लिए 26 होने वाले राजनीतिक दलों पर ये बड़ा फिट बैठता है कि ये लोग गा कुछ रहे हैं, हाल कुछ है, लेबल कुछ है और माल कुछ है...इनकी दुकान पर दो चीजों की गारंटी मिलती है। ये अपनी दुकान पर जातिवाद का जहर बेचते हैं और दूसरा असीमित भ्रष्टाचार करते हैं। आज कल ये लोग बेंगलुरु में जुटे हैं।''
उन्होंने कहा, "जब ये लोग कैमरे के सामने एक फ्रेम में आ जाते हैं तो पहला विचार देश के लोगों के मन में यही आता है कि लाखों करोड़ों रुपये का भ्रष्टाचार। इसलिए देश की जनता कह रही है कि ये तो कट्टर भ्रष्टाचारी सम्मेलन हो रहा है।''
मोदी ने कहा, "इस बैठक की एक और खास बात है, अगर कोई करोड़ों रुपये के घोटाले में जमानत पर है तो उसे बहुत सम्मान की नजर से देखा जाता है। अगर पूरा का पूरा परिवार जमानत पर है तो उसकी और ज्यादा खातिर होती है।''
मंगलवार, 18 जुलाई 2023 को बेंगलुरु में विपक्ष की बैठक का दूसरा दिन है। इस बैठक में 26 राजनीतिक दलों ने हिस्सा लिया।
दूसरी तरफ दिल्ली में भी एनडीए गठबंधन की बैठक हो रही है, जिसमें 38 राजनीतिक दल शामिल हैं।
भारत के राज्य कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक मंगलवार, 18 जुलाई 2023 को दूसरे दिन भी जारी रही।
इस दौरान विपक्षी दलों के नेताओं ने अपनी प्रतिक्रियाएं दीं।
भारत के राज्य उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि देश और लोगों को बचाना जरूरी है।
अखिलेश ने कहा, ''देश की दो तिहाई जनता बीजेपी के खिलाफ हैं तो इस बार बीजेपी का सफाया करने के लिए सब एक हैं।''
भारत के राज्य बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा, ''देश के लोकतंत्र, संविधान, भाईचारे, विविधता को बचाने के लिए हम साथ आए हैं।"
उन्होंने कहा, "संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग किया जा रहा है। देश की संपत्ति को बेचा जा रहा है। अहम मुद्दों पर बात नहीं हो रही है, ज़हर पर बात हो रही है।''
विपक्ष की बैठक में जम्मू और कश्मीर से उमर अब्दुल्लाह और महबूबा मुफ्ती भी शामिल हुए।
जम्मू और कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने कहा, ''जो इस वक़्त मुल्क के हालात हैं, जो संविधान के साथ खिलवाड़ हो रहा है। गांधी के मुल्क की ताकत और विविधता को मिट्टी में मिलाया जा रहा है। भारत के विचार को बचाना होगा।''
लालू यादव ने कहा, नरेंद्र मोदी को विदाई देना है
बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक का मंगलवार, 18 जुलाई 2023 को दूसरा दिन है।
इस मौक़े पर विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं का बेंगलुरु पहुंचना जारी है। इस दौरान लालू प्रसाद यादव भी बेंगलुरु पहुंचे।
लालू प्रसाद यादव जब बैठक के लिए जा रहे थे तो पत्रकारों ने उनसे उनकी प्रतिक्रिया पूछी।
लालू प्रसाद यादव ने कहा, ''नरेंद्र मोदी को अब विदाई देना है।''
बेंगलुरु में विपक्ष की बैठक के बाद शरद पवार ने क्या कहा?
बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक हो रही है।
इस बैठक में एनसीपी प्रमुख शरद पवार भी पहुंचे हैं। महाराष्ट्र में अजित पवार के एकनाथ शिंदे-बीजेपी सरकार से मिलने के बाद ये पहली बार है, जब शरद पवार विपक्षी दलों की इतनी बड़ी बैठक में शरीक हो रहे हैं।
बैठक के दौरान शरद पवार के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया है।
शरद पवार ने कहा, ''आज मैं बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक में शामिल हुआ। इस बैठक में राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, ममता बनर्जी, लालू यादव, नीतीश कुमार, अरविंद केजरीवाल, सीताराम येचुरी, अखिलेश यादव शामिल हुए। इस मौक़े पर सभी मौजूद नेताओं ने ये फ़ैसला किया है कि साथ लड़ेंगे और साथ जीतेंगे।''
भारत में कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि विपक्षी गठबंधन को 'इंडिया' कहा जाएगा और बैठक में शामिल सभी दल इस पर सहमत हो गए हैं।
विपक्षी पार्टियों के गठबंधन का नाम 'इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया)' रखा गया है। विपक्ष की अगली बैठक महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में होगी।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि कैंपेन मैनेजमेंट के लिए सेक्रेटेरियट का गठन किया जाएगा और अन्य खास मुद्दों पर अन्य कमेटियों का गठन दिल्ली में किया जाएगा।
भारत के राज्य बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने भी एक ट्वीट में 'इंडिया' का ज़िक्र करते हुए लिखा-आई-इंडियन, एन-नेशनल, डी-डेवलपमेंटल, आई-इंक्लूसिव, ए-अलायंस।
गठबंधन का चेहरा कौन होगा?
प्रेस कॉन्फ़्रेस के दौरान जब यह सवाल पूछा गया कि 'इंडिया' का चेहरा कौन होगा?
इसका जवाब देते हुए खड़गे ने कहा, ''देखिए, आपने जो सवाल पूछा कि कौन इसको लीड करेंगे और कौन कौन इसको आगे बढ़ाएंगे। इसीलिए मैंने कहा था कि हम 11 लोगों की कॉर्डिनेशन कमेटी बना रहे हैं। उस 11 लोगों की मीटिंग में ही ये तय होगा कि कन्वेनर कौन होंगे। वो छोटी बात है हम उसको हल कर लेंगे।
राहुल गांधी ने क्या कहा?
बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, "ये हमारी दूसरी बैठक है। आज बहुत प्रोडक्टिव काम हुआ है। लड़ाई बीजेपी की विचारधारा और उनकी सोच के खिलाफ है।''
"वो देश पर आक्रमण कर रहे हैं। बेरोजगारी फैल रही है। देश का पूरा का पूरा धन चुने हुए लोगों के हाथ में जा रहा है और इसलिए जब हम बातचीत कर रहे थे तो हमने अपने आप से सवाल पूछा, कि लड़ाई किसके बीच में है?"
"ये लड़ाई विपक्ष और बीजेपी के बीच में नहीं है। देश की आवाज़ को दबाया और कुचला जा रहा है। ये देश की आवाज़ के लिए लड़ाई है और इसलिए ये नाम चुना गया, इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस। इसका मतलब है इंडिया।''
"ये लड़ाई एनडीए और इंडिया के बीच में है। नरेंद्र मोदी जी और इंडिया के बीच में है। उनकी विचारधारा और इंडिया के बीच में है। आप जानते हो कि जब भी कोई इंडिया के सामने खड़ा होता है तो जीत किसकी होती है। ये कहने की ज़रूरत नहीं है।''
"अब हम एक एक्शन प्लान तैयार करेंगे, जहां हम एक साथ मिलकर देश में हमारी विचारधारा के बारे में और जो हम देश के लिए करने जा रहे हैं उसके बारे में बात करेंगे।''
अरविंद केजरीवाल ने क्या कहा?
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, "आज से 9 साल पहले इस देश के लोगों ने नरेंद्र मोदी जी को भारी बहुमत दिया था। इन सालों में उनके पास देश के लिए बहुत कुछ करने का मौका था, लेकिन इन 9 सालों में उन्होंने एक भी सेक्टर में ऐसा नहीं किया जिसमें हम कह सकें कि तरक्की हुई है।''
"हर सेक्टर को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। सबसे अच्छा है कि आप रेलवे की सेकेंड क्लास की टिकट लेकर यात्रा करें तो आपको पता चल जाएगा कि चार से पांच साल पहले रेलवे ठीक ठाक चला करती थी, लेकिन आज बर्बाद कर दी है।''
"इन्होंने अर्थव्यवस्था बर्बाद कर दी, रेलवे बर्बाद कर दी, सारे एयरपोर्ट बेच दिए, जहाज बेच दिए, आसमान, धरती, पाताल सब अपने लोगों को बेच दिया।''
"आज देश में हर आदमी दुखी है। युवा, किसान, मजदूर, व्यापारी, गृहिणी सभी दुखी हैं। आज 26 पार्टियां अपने लिए जमा नहीं हुई हैं। देश में जिस तरह से नफरत फैलाई जा रही है हमें उससे बचाना है और दूसरी तरफ एक नए भारत का सपना लेकर हम लोग एक साथ आए हैं।''
उद्धव ठाकरे ने क्या कहा?
शिवसेना (उद्धव) नेता उद्धव ठाकरे ने कहा कि दूसरी बैठक सफल रही और यह लड़ाई हमारे परिवार के लिए नहीं है बल्कि देश ही हमारा परिवार है।
ममता बनर्जी ने क्या कहा?
ममता बनर्जी ने कहा कि इंडिया को बचाना है, देश को बचाना है। भाजपा देश को बेचने की सौदेबाज़ी कर रही है और लोकतंत्र को खरीदने का मोल-भाव कर रही है।
भारत के राज्य ओडिशा के बालासोर ज़िले में शुक्रवार, 2 जून 2023 की शाम हुए रेल हादसे में अब तक 288 लोगों की मौत हो चुकी है। हादसे में क़रीब 1000 लोग घायल हुए हैं। घायलों में से कई लोगों की हालत गंभीर है।
यह हादसा शालीमार-मद्रास कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन के बाहानगा स्टेशन पर खड़ी एक मालगाड़ी को पीछे से टक्कर मारने की वजह से हुआ। हादसे के वक़्त शालीमार-मद्रास कोरोमंडल एक्सप्रेस की रफ़्तार क़रीब 128 किलो मीटर प्रति घंटे की थी, जबकि यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस क़रीब 125 किलो मीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से चल रही थी। इस रुट पर ट्रेनों की स्पीड 15 दिन पहले ही बढ़ाकर 130 किलो मीटर प्रति घंटा की गई थी।
रेलवे की तकनीकी भाषा में इसे हेड ऑन कॉलिज़न कहते हैं। ऐसे हादसे आमतौर पर बहुत कम देखने को मिलते हैं।
इस दुर्घटना में शालीमार-मद्रास कोरोमंडल एक्सप्रेस के 12 डिब्बे पटरी से उतर गए। इनमें से कुछ डिब्बे दूसरी पटरी पर चले गए। दूसरी पटरी पर ठीक उसी वक़्त बेंगलुरु से आ रही यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस गुज़र रही थी।
पटरी से उतरने के बाद शालीमार-मद्रास कोरोमंडल एक्सप्रेस के जो डिब्बे दूसरी पटरी पर गए थे वो वहां से गुज़र रही यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस से जा टकराई। इसके साथ ही यह भीषण हादसा हुआ।
यह हादसा रेलवे के साउथ इस्टर्न ज़ोन के खड़गपुर डिविज़न में ब्राड गेज नेटवर्क पर हुआ है।
शुक्रवार, 2 जून 2023 की रात इस दुर्घटना के दौरान क्या क्या हुआ?
शुक्रवार 2 जून 2023 को हावड़ा के पास शालीमार रेलवे स्टेशन से ट्रेन नंबर 12841 शालीमार-मद्रास कोरोमंडल एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय पर निकली।
23 डिब्बों की इस ट्रेन को अप लाइन पर बालासोर, कटक, भुवनेश्वर, विशाखापत्तनम और विजयवाड़ा होते हुए चेन्नई पहुंचना था।
इस ट्रेन ने दोपहर बाद 3 बजकर 20 मिनट पर अपना सफ़र शुरू किया और यह पहले संतरागाछी रेलवे स्टेशन पर रुकी और फिर महज़ 3 मिनट की देरी से खड़गपुर स्टेशन पर पहुंची।
ट्रेन शाम 5 बजकर 5 मिनट पर खड़गपुर स्टेशन से चलनी शुरू हुई। यह ट्रेन शाम 7 बजे बालासोर के पास बाहानगा बाज़ार रेलवे स्टेशन की तरफ़ बढ़ रही थी।
इस ट्रेन को बाहानगा स्टेशन पर बिना रुके सीधा आगे निकल जाना था, लेकिन यह स्टेशन पर मेन लाइन की बजाय लूप लाइन की तरफ़ चली गई। इस स्टेशन पर लूप लाइन पर एक मालगाड़ी खड़ी थी और तेज़ गति में चल रही कोरोमंडल एक्सप्रेस ने मालगाड़ी को पीछे से टक्कर मार दी।
बीबीसी के मुताबिक ऑल इंडिया रेलवे मेन्स फ़ेडरेशन के महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि किसी तकनीकी ख़राबी की वजह से कोरोमंडल एक्सप्रेस को हरा सिग्नल दिया गया या फिर तकनीकी गड़बड़ी से ही यह ट्रेन मेन लाइन को छोड़कर लूप लाइन पर चली गई, जिससे यह हादसा हुआ है।
कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन ने मालगाड़ी को पीछे से टक्कर मारी, इस कारण ट्रेन के 12 डिब्बे पटरी से उतर गए। इसके कुछ डिब्बे गिरकर दूसरी तरफ़ डाउन लाइन तक पहुंच गए और उस पर आ रही यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस से टकरा गए।
ठीक इसी समय यशवंतपुर से हावड़ा की तरफ़ आ रही 12864 यशवंतपुर हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन हादसे वाली जगह को क्रॉस कर रही थी। 22 डब्बों की यह ट्रेन क़रीब 4 घंटे की देरी से चल रही थी और ट्रेन का ज़्यादातर हिस्सा हादसे वाली जगह से आगे निकल चुका था।
तभी कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन का हादसा हुआ और इसके कुछ डिब्बे गिरने के बाद लुढ़कते हुए यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस के पिछले हिस्से से टकरा गए। इस टक्कर से यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस के भी 3 डिब्बे पटरी से उतर गए।
भारत के रेल मंत्रालय के प्रवक्ता अमिताभ शर्मा ने शुक्रवार, 2 जून 2023 की रात एक बयान में कहा है कि यह हादसा शुक्रवार, 2 जून 2023 की शाम क़रीब सात बजे हुआ था और हादसे में दोनों ट्रेनों के कुल क़रीब 15 डिब्बे पटरी से उतर गए।
बीबीसी के मुताबिक रेलवे बोर्ड के पूर्व सदस्य (ट्रैफ़िक) श्रीप्रकाश ने कहा कि जिस तरह की जानकारी आ रही है उससे लगता है कि यह हादसा बहुत बड़ी मानवीय ग़लती से हुआ है।
श्रीप्रकाश के मुताबिक़, ''अगर कोई ट्रेन किसी ट्रैक पर खड़ी होती है तो उस ट्रैक पर दूसरी ट्रेन न आ सके इसके लिए पॉइंट रिवर्स कर दिए जाते हैं ताकि ट्रेन दूसरे ट्रैक पर रहे। अगर किसी तकनीकी ख़राबी से ऐसा नहीं हो पाता है तो फ़ौरन ही रेड लाइट सिग्नल कर दिया जाता है ताकि जो भी ट्रेन आ रही हो वो रुक जाए।''
शिव गोपाल मिश्रा के मुताबिक़, इस रूट पर ट्रेनों की स्पीड क़रीब 15 दिन पहले ही बढ़ाकर अधिकतम स्पीड 130 किलोमीटर प्रति घंटा की गई थी।
उनके मुताबिक़ हादसे के वक़्त कोरोमंडल एक्सप्रेस की रफ़्तार क़रीब 128 किलोमीटर प्रति घंटे की थी, जबकि यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस भी क़रीब 125 किलोमीटर प्रतिघंटे की स्पीड से चल रही थी।
इसी स्पीड की वजह से कोरोमंडल एक्सप्रेस को ज़्यादा नुक़सान हुआ। वहीं स्पीड की वजह से यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन का ज़्यादातर हिस्सा हादसे वाली जगह को पार कर चुका था और इसका केवल पिछला हिस्सा हादसे का शिकार हुआ।
ख़ास बात यह भी है कि हादसे की शिकार हुई दोनों ही ट्रेनें एलएचबी कोच की थीं। 'लिंके हॉफ़मैन बुश' कोच जर्मन डिज़ाइन के कोच होते हैं और हादसों के लिहाज से ज़्यादा सुरक्षित माने जाते हैं।
रेलवे के पुराने आईसीएफ़ डिज़ाइन के कोच के मुक़ाबले हादसे में एलएचबी के डिब्बे एक दूसरे के ऊपर नहीं चढ़ते हैं, इससे किसी डिब्बे के दबने का ख़तरा नहीं होता है और मुसाफ़िरों को जान का ख़तरा कम होता है।
ओडिशा हादसे की तस्वीरों से पता चलता है कि कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन का इंजन मालगाड़ी के उपर चढ़ गया। जबकि इंजन के पीछे के कई डिब्बे आपस में टकराने से दब गए।
दक्षिण पूर्व रेलवे ने हादसे से प्रभावित लोगों की मदद के लिए कई हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं।
साथ ही शनिवार, 3 जून 2023 को दक्षिण पूर्व रेलवे हावड़ा से बालासोर के लिए स्पेशल ट्रेन चला रहा है जिसके ज़रिए परिजन दुर्घटना वाली जगह तक पहुंच सकते हैं।
ये ट्रेन संतरागाछी, उलुबेरिया, बागनान, मेचेडा, पांसकुरा, बालीछक, खड़गपुर, हिजली, बेल्दा और जलेश्वर पर रुकेगी।
भारत के राज्य कर्नाटक में बीजेपी सरकार ने विधानसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले मुसलमानों को मिलने वाला 4 फ़ीसदी आरक्षण रद्द कर दिया और इसे कर्नाटक के लिंगायत और वोक्कालिगा समुदायों के बीच 2-2 फ़ीसदी बांट दिया।
बीजेपी का कहना है कि धर्म के आधार पर आरक्षण देना संविधान के खिलाफ़ है, इसलिए ये आरक्षण हटाया गया।
मार्च 2023 में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई ने इस फ़ैसले के बाद कहा था, "संविधान में धार्मिक आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है। खुद डॉ. भीमराव आंबेडकर ने कहा था कि आरक्षण जाति के आधार पर तय होना चाहिए।''
कर्नाटक में साल 1994 में मंडल कमीशन की सिफ़ारिशों के तहत मुसलमानों की कुछ जातियों को अन्य पिछड़ी जाति (ओबीसी) की श्रेणी में एक उप-श्रेणी बनाकर शामिल किया गया था।
इसके तहत मुसलमानों को 'सामाजिक और शैक्षणिक पिछड़ेपन' के आधार पर चार फ़ीसदी आरक्षण देने की बात की गई।
कर्नाटक सरकार ने साल 1986 में चिनप्पा रेड्डी आयोग बनाया था। इस आयोग को काम दिया गया कि वह राज्य में आरक्षण के लिए योग्य जातियों-समुदायों की लिस्ट तैयार करे।
चिनप्पा रेड्डी आयोग की सलाह पर ही ओबीसी के 32 फ़ीसदी कोटे में से मुसलमानों को चार फ़ीसदी आरक्षण देने का फ़ैसला किया।
ओबीसी श्रेणी में ही वोक्कालिगा और लिंगायतों को क्रमशः 4 फ़ीसदी और 5 फ़ीसदी आरक्षण देने का प्रावधान किया गया था। वोक्कालिगा और लिंगायत कर्नाटक में काफ़ी प्रभावशाली समुदाय हैं।
अब कर्नाटक में जो आरक्षण की बदली व्यवस्था है उसमें मुसलमानों को मिलने वाला 4 फ़ीसदी आरक्षण ख़त़्म हो गया है। हालांकि नौ मई 2023 तक भारत के सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बहाल रखी है।
बीजेपी कर्नाटक के विधानसभा चुनाव में मुस्लिम आरक्षण का मुद्दा जोर शोर से उठा रही है ताकि हिन्दू वोटों का ध्रुवीकरण किया जा सके। बीजेपी इसमें कितना सफल हो पाती है इसका पता तो कर्नाटक के विधानसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद ही चल पायेगा!
रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स ने साल 2023 में जारी लिस्ट में भारत को प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में 161वें नंबर और अफ़ग़ानिस्तान को 152वें स्थान पर रखा है।
साल 2022 में भारत इस लिस्ट में 150वें स्थान पर था। एक साल में भारत 11 पायदान नीचे गिरा है।
प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक के मुताबिक अब भारत पाकिस्तान से भी पीछे हो गया है। पाकिस्तान 150वें स्थान पर पहुंच गया है।
इस सूचकांक का आधार पांच श्रेणियां हैं, जिनमें किसी देश के प्रदर्शन का आकलन किया जाता है, जैसे कि राजनीतिक व्यवस्था, आर्थिक हालात, कानूनी ढांचा, सामाजिक-सांस्कृतिक मानक और पत्रकारों की सुरक्षा।
3 मई 2023 को प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में प्रेस की आज़ादी ख़तरे में है।
भारत के राज्य कर्नाटक के मैसूर में मोदी सरकार की विदेश नीति पर बात करते हुए भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि भारत में प्रेस सबसे ज़्यादा अनियंत्रित है।
प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में भारत की रैंकिंग कमज़ोर होने को लेकर एस जयशंकर से सवाल किया गया था, जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि अफ़ग़ानिस्तान हमसे ज़्यादा स्वतंत्र है?
उन्होंने प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक को माइंड गेम बताया। एस जयशंकर ने कहा कि ये माइंड गेम खेलने के तरीक़े हैं जो उस देश के रैंक को कम करने जैसा है, जिसे आप पसंद नहीं करते हैं।