आर्टिकल 370: भारत के सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले पर पाकिस्तान की केयरटेकर सरकार ने क्या कहा?
सोमवार, 11 दिसंबर 2023
पाकिस्तान की अंतरिम सरकार के विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी ने भारतीय सुप्रीम कोर्ट की ओर से अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर दिए गए फ़ैसले पर टिप्पणी की है।
विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा है, ''अंतरराष्ट्रीय क़ानून, पांच अगस्त, 2019 को भारत की ओर से उठाया गया अवैध और एकतरफ़ा कदम स्वीकार नहीं करता है। भारत के सुप्रीम कोर्ट की ओर से इस मुद्दे पर दिए गए न्यायिक समर्थन का कोई क़ानूनी मूल्य नहीं है। संयुक्त राष्ट्र के प्रासंगिक प्रस्तावों के तहत कश्मीरियों के पास आत्म निर्णय का अधिकार है।''
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?
इसके बाद पाकिस्तान सरकार के विदेश मंत्रालय ने इस मुद्दे पर एक विस्तृत बयान जारी किया है।
इस बयान में कहा गया है - ''पिछले सात दशकों से संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद के एजेंडे में शामिल रहा जम्मू-कश्मीर एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त विवाद है। जम्मू-कश्मीर का अंतिम समाधान संयुक्त राष्ट्र के प्रासंगिक प्रावधानों और कश्मीरी अवाम के आकाँक्षाओं के अनुरूप किया जाना है। भारत को कश्मीरी अवाम और पाकिस्तान की इच्छा के विपरीत इस विवादित क्षेत्र की स्थिति के बारे में एकतरफ़ा फ़ैसले करने का अधिकार नहीं है।''
"पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर पर भारतीय संविधान की सर्वोच्चता स्वीकार नहीं करता है। भारतीय संविधान के अधीन किसी भी प्रक्रिया का कोई क़ानून महत्व नहीं है। भारत अपने क़ानूनों और न्यायिक फ़ैसलों के दम पर अंतरराष्ट्रीय दायित्वों से पीछे नहीं हट सकता।''
सुप्रीम कोर्ट के जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के फैसले पर मोदी ने क्या कहा?
सोमवार, 11 दिसंबर 2023
भारत के जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने को वैध ठहराने वाले सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले की तारीफ़ करते हुए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि ये ऐतिहासिक फ़ैसला है।
सोशल प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर पीएम मोदी ने लिखा, ''अनुच्छेद 370 को निरस्त करने पर आज आया सुप्रीम कोर्ट का फैसला ऐतिहासिक है। कोर्ट ने 5 अगस्त 2019 को भारत की संसद के लिए गए फैसले को संवैधानिक रूप से बरकरार रखा है। यह जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में हमारी बहनों और भाइयों के लिए आशा, प्रगति और एकता की एक शानदार घोषणा है।''
उन्होंने कहा, ''कोर्ट ने अपने गहन ज्ञान से एकता के उस सार को मजबूत किया है जिसे हम भारतीय होने के नाते सबसे ऊपर रखते हैं।''
''मैं जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि आपके सपनों को पूरा करने के लिए हमारी प्रतिबद्धता अटूट है।''
मोदी ने कहा, ''हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि विकास का फ़ायदा न केवल आप तक पहुंचे, बल्कि इसका फ़ायदा हमारे समाज के सबसे कमजोर और हाशिए पर रहने वाले वर्गों तक भी पहुंचे, जो अनुच्छेद 370 के कारण भेदभाव का शिकार थे।''
उन्होंने कहा, ''आज का फैसला सिर्फ कानूनी फैसला नहीं है, यह आशा की किरण है, उज्जवल भविष्य का वादा है और एक मजबूत, अधिक एकजुट भारत के निर्माण के हमारे सामूहिक संकल्प का प्रमाण है।''
आर्टिकल 370: सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले पर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने क्या कहा?
सोमवार, 11 दिसंबर 2023
भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आर्टिकल 370 हटाए जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले का स्वागत किया है।
उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने जम्मू-कश्मीर को देश की मुख्यधारा में जोड़ने का ऐतिहासिक काम किया है।
सोशल प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर जेपी नड्डा ने लिखा, "माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा आर्टिकल 370 के विषय में दिये गये फ़ैसले का भारतीय जनता पार्टी स्वागत करती है। उच्चतम न्यायालय की संवैधानिक पीठ ने आर्टिकल 370 और 35ए को हटाने के लिए दिए गये निर्णय, उसकी प्रक्रिया और उद्देश्य को सही ठहराया है।''
सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले से साबित हुआ कि आर्टिकल 370 को हटाने का फ़ैसला पूरी तरह संवैधानिक था: अमित शाह
सोमवार, 11 दिसंबर 2023
भारत के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आर्टिकल 370 पर सुप्रीम कोर्ट के सोमवार को आए फ़ैसले का स्वागत करते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश साबित हो गया है कि आर्टिकल 370 को हटाने का फ़ैसला पूरी तरह संवैधानिक था।''
सोशल प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर अमित शाह ने लिखा, ''सुप्रीम कोर्ट ने आर्टिकल 370 को हटाने के फ़ैसले को बरक़रार रखा है, मैं इसका स्वागत करता हूं।''
उन्होंने कहा, ''5 अगस्त 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आर्टिकल 370 को हटाने का दूरदर्शी फ़ैसला किया। तब से जम्मू-कश्मीर में शांति और सामान्य स्थिति बहाल हुई है।''
अमित शाह ने कहा, ''कभी हिंसा से बदहाल रही घाटी में तरक्की और विकास ने इंसानी ज़िंदगी को नए मायने दिए हैं। पर्यटन और कृषि के क्षेत्र में समृद्धि आई है जिससे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों की आय का स्तर बढ़ा है।''
आर्टिकल 370: बीजेपी को कोई नहीं रोक सकेगा चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद और मुंबई को यूटी बनाने से
सोमवार, 11 दिसंबर 2023
एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि आर्टिकल 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले से वो 'संतुष्ट नहीं' हैं।
असदुद्दीन ओवैसी ने दावा किया है कि अब भारतीय जनता पार्टी को 'चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद और मुंबई को केंद्र शासित प्रदेश बनाने से कोई नहीं रोक सकता है'।
ओवैसी ने कहा है, ''आज जो फ़ैसला आया हम उससे मुतमईन नहीं हैं।''
उन्होंने कहा, ''मेरी नज़र में आर्टिकल 370 को जो हटाया गया है, ये संवैधानिक नैतिकता का उल्लंघन है। बंटवारा और राज्य का दर्जा हटाना, ये बहुत बड़ा धोखा हुआ है, जो हमने कश्मीर की आवाम से वादा किया था।''
ओवैसी ने कहा, ''मैं पहले भी कह चुका हूं और आज भी कह रहा हूं कि अब ये कोर्ट से वैध ठहराया जा चुका है, कल बीजेपी को कोई नहीं रोक सकेगा चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद और मुंबई को यूटी (केंद्र शासित प्रदेश) बनाने से।''
आर्टिकल 370: अखिलेश यादव का बीजेपी से सवाल, 370 हट गई लेकिन चीन के लोग अंदर आ गए
सोमवार, 11 दिसंबर 2023
भारत के राज्य उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि आर्टिकल 370 पर सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला सभी मानेंगे लेकिन भारतीय जनता पार्टी को सीमा सुरक्षा को लेकर सवालों के जवाब देने होंगे।
सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला आ गया है। सभी उसको मानेंगे।
उन्होंने कहा, "सीमा सुरक्षा को लेकर भारतीय जनता पार्टी को देश को जानकारी देनी होगी। लद्दाख को लेकर जब सवाल खड़े हुए थे और चीन अंदर आ गया था, अभी वो वहीं बैठा है। वो पीछे नहीं हटा है। प्रदेश (जम्मू-कश्मीर) का बंटवारा हो गया। 370 हट गई। लेकिन चीन के लोग अंदर आ गए।''
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक अखिलेश यादव ने कहा, "समाजवादी पार्टी ने उस समय पूछा था कि जो सीटें (जम्मू-कश्मीर विधानसभा में) खाली हैं, वो कब भरी जाएंगी। क्योंकि पीओके आपका हिस्सा नहीं है। लेकिन आप उसे स्वीकार भी नहीं करते। वो सीटें आज भी खाली हैं। क्या भारतीय जनता पार्टी आने वाले समय में विधानसभा की उन सीटों को भरने के लिए कोई फ़ैसला लेगी। आखिरकार वो कैसे भरी जाएंगी।''
अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले को लेकर उमर अब्दुल्ला ने कहा, निराश हूं
सोमवार, 11 दिसंबर 2023
भारत के सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने का केंद्र सरकार के फ़ैसले को वैध ठहराया है।
इस फ़ैसले पर कश्मीरी नेता, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि वह सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले से निराश हैं।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लटेफॉर्म एक्स पर लिखा, ''निराश हूं, लेकिन हतोत्साहित नहीं। संघर्ष जारी रहेगा। बीजेपी जहां है वहां तक पहुंचने में उसे दशकों लग गए। हम लंबी दौड़ के लिए भी तैयार हैं।''
सुप्रीम कोर्ट के चीफ़ जस्टिस ने फ़ैसला सुनाते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 हमेशा से अस्थायी प्रावधान था। कोर्ट के मुताबिक़ राष्ट्रपति ने जो फ़ैसला लिया, वो वैध है।
आर्टिकल 370: कांग्रेस नेता कर्ण सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद पीएम मोदी से क्या अपील की?
सोमवार, 11 दिसंबर 2023
कर्ण सिंह महाराज हरि सिंह के बेटे, कश्मीर के पूर्व राजकुमार और कश्मीर के पूर्व सदर-ए-रियासत (राष्ट्रपति) हैं। कश्मीरी नेता और कांग्रेस नेता कर्ण सिंह ने आर्टिकल 370 हटाए जाने को वैध ठहराने के सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले का स्वागत किया है। उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार से अनुरोध किया है कि वो जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा जल्दी बहाल करें।
उन्होंने फ़ैसले का विरोध कर रहे लोगों से अपील की है कि वो ऐसा नहीं करें।
कर्ण सिंह ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने बहुत बारीकी से हर एक विषय को देखा है। चीफ़ जस्टिस जो पढ़ रहे थे, उसमें एक-एक क्लॉज, एक-एक सब क्लॉज उन्होंने देखा है, और सब परिस्थितियां देखते हुए वो नतीजे पर पहुंचे हैं। मैं इसका स्वागत करता हूं।''
कर्ण सिंह महाराज हरि सिंह के बेटे, कश्मीर के पूर्व राजकुमार और कश्मीर के पूर्व सदर-ए-रियासत (राष्ट्रपति) हैं। महाराज हरि सिंह कश्मीर के राजा और जम्मू-कश्मीर के प्रथम सदर-ए-रियासत (राष्ट्रपति) थे। महाराज हरि सिंह ने ही कश्मीर के भारत के साथ विलय पत्र पर हस्ताक्षर किए थे। भारत में विलय के बाद कश्मीर का नाम बदलकर जम्मू-कश्मीर कर दिया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने आर्टिकल 370 हटाने के केंद्र सरकार के फ़ैसले को सोमवार, 11 दिसंबर 2023 को वैध ठहराया।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक कर्ण सिंह ने कहा, "बहुत दिन से ये बात हवा में थी, अब कम से कम स्पष्ट हो गया है कि जो हुआ वो वैध था। राजनीतिक रूप से चाहे कोई समझे की नहीं होना चाहिए था, वो बात और है। लेकिन न्यायिक दृष्टिकोण से वो वैध है।''
उन्होंने कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने दो बातें बहुत अच्छी बात कहीं। मैं चीफ़ जस्टिस चंद्रचूड़ को बधाई देता हूं। एक उन्होंने कहा कि हमें स्टेटहुड (राज्य का दर्जा) जल्दी से जल्दी मिलना चाहिए। जम्मू-कश्मीर को यूनियन टैरेटरी बनाना हमें मंजूर नहीं था।''
कर्ण सिंह ने कहा, "मोदी से प्रार्थना है कि जल्दी से जल्दी राज्य का दर्जा दें।''
उन्होंने कहा, "दूसरी बात उन्होंने (सुप्रीम कोर्ट ने) कहा कि चुनाव सितंबर 2024 तक हो जाने चाहिए।''
कर्ण सिंह ने कहा, "मुझे पता है कि जम्मू-कश्मीर के कुछ लोगों को ये फ़ैसला अच्छा नहीं लगेगा। उनसे मेरी प्रार्थना है कि अब वो इसे (फैसले को) स्वीकार कर लें। अब विरोध करने का लाभ नहीं है। वो राजनीति के लिए तैयार हो जाएं, जब चुनाव हों तो चुनाव डट कर लड़ें।''
आर्टिकल 370: महबूबा मुफ़्ती ने कहा, सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला आइडिया ऑफ़ इंडिया की हार है
सोमवार, 11 दिसंबर 2023
कश्मीरी नेता, जम्मू और कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख और भारत के जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला 'आइडिया ऑफ़ इंडिया की हार है'।
महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि ये गांधी के उस भारत की भी हार है जिसे पाकिस्तान को दरकिनार कर जम्मू-कश्मीर के लोगों ने चुना था।
सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद वीडियो बयान जारी कर महबूबा मुफ़्ती ने कहा, ''मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों से कहना चाहती हूं कि हिम्मत मत छोड़ो। सुप्रीम कोर्ट का आज का फ़ैसला एक पड़ाव है मंज़िल नहीं है। हमारे विरोधी चाहते हैं कि हम उम्मीद छोड़ दें लेकिन ऐसा नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आर्टिकल 370 अस्थायी है, ये हमारी नहीं भारत के तसव्वुर की हार है।''
उन्होंने कहा, ''यहां के मुसलमानों ने जिस तरह पाकिस्तान को दरकिनार करके यहां के पंजाबी, हिंदी, सिख, बौद्ध और गांधी के भारत के साथ हाथ मिलाया आज ये उस आइडिया ऑफ़ इंडिया की हार है।''
महबूबा मुफ़्ती ने कहा, ''1947 के बाद जब संविधान बना तो जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा मिला। लेकिन 70 साल बाद एक ऐसी सरकार आई जो हमेशा ये रट लगाए रहती थी कि सत्ता में आए तो आर्टिकल 370 हटा देंगे और उन्होंने वो कर दिया। ये हमारी हार नहीं है। धोखा उन्होंने किया। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में उन ताकतों को मज़बूत किया जो कहती थी कि भारत के साथ जाना गलत है।''
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पाँच जजों की बेंच ने सर्वसम्मति से फ़ैसला देते हुए जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को ख़त्म करने का फ़ैसला बरकरार रखा है।
पांच अगस्त 2019 को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने आर्टिकल 370 रद्द कर दिया था। चार साल बाद सोमवार, 11 दिसंबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने उस फ़ैसले की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर फ़ैसला सुनाया है।
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान था: भारत के चीफ़ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़
सोमवार, 11 दिसंबर 2023
भारत के सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर के पास भारत के दूसरे राज्यों से अलग कोई आंतरिक संप्रभुता नहीं है।
अनुच्छेद 370 हटाए जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने सोमवार, 11 दिसंबर 2023 को ये कहा। कोर्ट की पांच जजों की पीठ अपना फ़ैसला सुना रही है।
चीफ़ जस्टिस ने कहा, ''जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। ये संविधान के आर्टिकल एक और आर्टिकल 370 से साफ़ है।''
चीफ़ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने फ़ैसला पढ़ते हुए कहा है, ''हम मानते हैं कि आर्टिकल 370 अस्थायी है। इसे एक अंतरिम प्रक्रिया को पूरा करने के लिए बनाया गया था। राज्य में युद्ध की स्थिति के कारण यह एक अस्थायी व्यवस्था थी। यह एक अस्थायी प्रावधान है और इसलिए इसे संविधान के भाग 21 में रखा गया है।''
उन्होंने ये भी कहा कि हमारा मानना है कि भारत के साथ एक्सेशन पर हस्ताक्षर करने के बाद जम्मू-कश्मीर की कोई आंतरिक संप्रभुता नहीं है।
सीजेआई ने कहा, ''अनुच्छेद 370 (3) संवैधानिक एकीकरण के लिए लाया गया था न कि बांटने लिये। संविधान सभा भंग होने के बाद 370 (3) का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता ये दलील स्वीकार नहीं की जा सकती क्योंकि यह संवैधानिक इंटिग्रेशन को रोकता है।''
''कोर्ट राष्ट्रपति के फ़ैसले पर अपील पर सुनवाई नहीं कर सकता। हालाँकि कोई भी फ़ैसला न्यायिक समीक्षा से परे नहीं है। लेकिन 370(1)(डी) के तहत लिए गए कई संवैधानिक आदेशों से पता चलता है कि केंद्र और राज्य ने एक सहयोगी प्रक्रिया के माध्यम से भारत का संविधान जम्मू और कश्मीर में लागू किया है।''
''इससे पता चलता है कि जम्मू-कश्मीर के एकीकरण की प्रक्रिया अतीत से चल रही थी और ऐसे में इस फ़ैसले को राष्ट्रपति की शक्तियों के गलत इस्तेमाल के रूप में नहीं देख जा सकता। इसलिए हम राष्ट्रपति के फ़ैसले को वैध ठहराते हैं।''
आर्टिकल 370 हटाए जाने का फ़ैसला वैध: चीफ़ जस्टिस चंद्रचूड़
सोमवार, 11 दिसंबर 2023
भारत के सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार, 11 दिसंबर 2023 को संविधान के आर्टिकल 370 को हटाए जाने के फ़ैसले को वैध ठहराया है।
आर्टिकल 370 हटाए जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, ''हम संविधान के आर्टिकल 370 को हटाने के लिए राष्ट्रपति की ओर से संवैधानिक आदेश जारी करने की शक्ति के इस्तेमाल को वैध ठहराते हैं।''
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक चीफ़ जस्टिस चंद्रचूड़ ने लद्दाख को अलग करने के फ़ैसले की वैधता भी बरकरार रखी।
चीफ़ जस्टिस ने कहा, ''सॉलिसिटर जनरल ने बयान दिया कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा। हम लद्दाख को अलग करने के फैसले को बरकरार रखते हैं। हम चुनाव आयोग को पुनर्गठन अधिनियम और धारा 14 के तहत जल्द से जल्द चुनाव कराने का निर्देश देते हैं।''
चीफ़ जस्टिस का चुनाव आयोग को जम्मू-कश्मीर विधानसभा के चुनाव सितंबर 2024 तक कराने का निर्देश
सोमवार, 11 दिसंबर 2023
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि वो सितंबर 2024 तक जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराएं।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार, 11 दिसंबर 2023 को आर्टिकल 370 हटाए जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फ़ैसला सुनाया। चीफ़ जस्टिस चंद्रचूड़ ने फैसले की वैधता बरकरार रखी।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, ''हम निर्देश देते हैं कि भारत का चुनाव आयोग 30 सितंबर 2024 तक जम्मू-कश्मीर विधानसभा के चुनाव कराने के लिए कदम उठाए।''
जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के फ़ैसले को सही ठहराते हुए भारत के चीफ़ जस्टिस ने क्या कहा?
सोमवार, 11 दिसंबर 2023
सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने का केंद्र सरकार के फ़ैसले को वैध ठहराया है।
सुप्रीम कोर्ट के चीफ़ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने फ़ैसला सुनाते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 हमेशा से अस्थायी प्रावधान था। कोर्ट के मुताबिक़ राष्ट्रपति ने जो फ़ैसला लिया वो वैध है।
अपना फ़ैसला सुनाते हुए चीफ़ जस्टिस ने ये महत्वपूर्ण बाते कहीं-
- विलय पत्र पर हस्ताक्षर के बाद जम्मू-कश्मीर की संप्रभुता खत्म हो गयी थी। इसलिए अब जम्मू-कश्मीर की आंतरिक संप्रभुता नहीं है।
- अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान था।
- जब संविधान सभा भंग हुई तो सभा की केवल ट्राज़िटरी पावर खत्म हुई लेकिन इसका कोई असर राष्ट्रपति के फ़ैसले लेने की शक्ति पर नहीं पड़ता।
- अनुच्छेद 370 को अनुच्छेद 367 में संशोधन करके लाया गया था, यह अल्ट्रा वायर्स (क़ानूनी अधिकार से परे) था क्योंकि इंटरप्रिटेशन क्लॉज़ का इस्तेमाल संशोधन के लिए नहीं किया जा सकता।
- राष्ट्रपति ने जो फ़ैसला लिया वह सत्ता का दुरुपयोग या दुर्भावनापूर्ण नहीं, इसके लिए राज्य के साथ किसी सहमति की ज़रूरत नहीं थी।
- भारतीय संविधान के सभी प्रावधानों को जम्मू-कश्मीर में लागू करना वैध है।
- 370(1)(डी) के तहत लिए गए कई संवैधानिक आदेशों से पता चलता है कि केंद्र और राज्य ने एक सहयोगी प्रक्रिया के माध्यम से भारत का संविधान जम्मू और कश्मीर में लागू किया। जम्मू-कश्मीर के एकीकरण की प्रक्रिया लंबे समय से चल रही थी और ऐसे में इस फ़ैसले को राष्ट्रपति की शक्तियों के गलत इस्तेमाल के रूप में नहीं देखा जा सकता। इसलिए हम राष्ट्रपति के फ़ैसले को वैध ठहराते हैं।
- सॉलिसिटर जनरल ने बयान दिया कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा। हम लद्दाख को अलग करने के फैसले को बरकरार रखते हैं।
- हम चुनाव आयोग को पुनर्गठन अधिनियम के तहत जल्द से जल्द (सितंबर, 2024 तक) चुनाव कराने का निर्देश देते हैं।
3 नवंबर 2023 को हुए मतगणना में भारत के तीन राज्यों छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में बीजेपी को जीत मिली है तो वहीं एक राज्य तेलंगाना में कांग्रेस की जीत हुई है।
छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस को पीछे छोड़ते हुए 54 सीटों पर जीत हासिल की है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को 35 सीटों पर जीत मिली है। राजस्थान में भी बीजपी ने 115 सीटें जीतकर कांग्रेस को हराया। कांग्रेस को राजस्थान में 69 सीटें मिली हैं।
वहीं मध्य प्रदेश में बीजेपी अपनी सरकार बनाए रखने में फिर से कामयाब रही। बीजेपी ने 163 सीटों पर जीत हासिल की। वहीं कांग्रेस को 66 सीटों पर जीत मिली है।
तेलंगाना में बीआरएस को पीछे छोड़ते हुए कांग्रेस ने 64 सीटों पर जीत दर्ज की है। वहीं बीआरएस को 39 सीटें, बीजेपी को 8 और असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम को 7 सीटें मिली हैं।
निर्वाचन आयोग की ओर से बदले गए कार्यक्रम के अनुसार मिज़ोरम में मतगणना 4 नवंबर 2023 की सुबह आठ बजे से शुरू हुई है जो पहले 3 नवंबर 2023 होनी थी
मिज़ोरम में सत्तारूढ़ दल मिज़ो नेशनल फ़्रंट, ज़ोरम पीपल्स मूवमेंट (ज़ेडपीएम) और कांग्रेस के बीच मुख्य लड़ाई है। तीनों दलों ने सभी 40 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए हैं।
साल 2018 के चुनाव में मिज़ो नेशनल फ़्रंट ने 26 सीटे जीती थीं। उस समय कांग्रेस केवल पांच सीटे ही जीत सकी थी, जबकि 2013 में कांग्रेस 34 सीटों पर विजयी रही थी।
मिजोरम विधानसभा चुनाव नतीजों की तारीख एक दिन आगे बढ़ाकर 4 दिसंबर 2023 कर दी गई थी। पहले वोटों की गिनती बाकी चार राज्यों के साथ 3 दिसंबर 2023 को होनी थी।
मिज़ोरम में विपक्षी गठबंधन ज़ोरम पीपल्स मूवमेंट ने 27 सीटें जीतकर मिज़ोरम में बहुमत हासिल कर लिया है। मिज़ोरम के मुख्यमंत्री ज़ोरामथांगा अपनी सीट पर चुनाव हार गए हैं।
आइजॉल ईस्ट 1 से ज़ोरम पीपल्स मूवमेंट (ज़ेडपीएम) के लालथनसांगा दो हज़ार से अधिक वोटों के अंतर से जीत गए हैं।
ज़ेडपीएम ने अच्छा प्रदर्शन करते हुए 40 में से 27 सीटें जीती हैं।
वहीं ज़ोरामथांगा के मिज़ो नेशनल फ़्रंट (एमएनएफ़) ने नौ सीटें जीती हैं। एमएनएफ 1 सीट पर आगे चल रहा है।
बीजेपी के खाते में दो सीटे आई हैं और कांग्रेस एक सीट पर आगे चल रही है।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अमेरिका में निखिल गुप्ता भारतीय शख़्स के ख़िलाफ़ केस दर्ज होने के बाद एक बार फिर हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड में भारत को घेरने की कोशिश की है।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा है कि ये केस उस बात को रेखांकित करता है जिसका ज़िक्र कनाडा हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में कर रहा है और भारत को इस मामले को गंभीरता से लेने की ज़रूरत है।
जस्टिन ट्रूडो ने बुधवार, 29 नवंबर 2023 को बताया था कि कनाडा की एजेंसियां हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार की संलिप्तता से जुड़े आरोपों को लेकर अगस्त 2023 के बाद से अपने अमेरिकी समकक्षों के साथ काम कर रही थीं।
कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत में 18 जून 2023 को सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या कर दी गयी थी।
इसके बाद कनाडा ने इस मामले में भारत सरकार के शामिल होने जैसे गंभीर आरोप लगाए थे।
लेकिन कनाडा सरकार की ओर से लगाए गए आरोपों को भारत सरकार ने ‘भद्दे’ और ‘प्रेरित’ बताया था।
भारत ने साल 2020 में ही हरदीप सिंह निज्जर को एक आतंकी का दर्जा दिया था।
निखिल गुप्ता के ख़िलाफ़ क्या आरोप हैं?
अमेरिकी अदालत में दाख़िल अभियोग में भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता पर एक लाख डॉलर कैश के बदले एक अमेरिकी नागरिक की हत्या की सुपारी देने के आरोप लगाए गए हैं।
अदालत में पेश दस्तावेज़ के मुताबिक़ निखिल गुप्ता ने भारत सरकार के लिए काम करने वाले एक अधिकारी के कहने पर अमेरिका में एक हिटमैन से संपर्क किया और उसे एक सिख अलगाववादी नेता की हत्या का कॉन्ट्रैक्ट दिया।
अभियोग में दावा किया गया है कि भारतीय अधिकारी से बातचीत के दौरान निखिल गुप्ता ने बताया था कि वो नार्कोटिक्स और हथियारों की अंतरराष्ट्रीय तस्करी से जुड़े हुए हैं।
अभियोग में ये भी दावा किया गया है कि निखिल गुप्ता पर भारत के राज्य गुजरात में एक आपराधिक मामला चल रहा है जिसमें मदद के बदले वो भारतीय अधिकारी के लिए न्यूयॉर्क में हत्या करवाने के लिए तैयार हो गए थे।
दस्तावेज़ के मुताबिक़ निखिल गुप्ता ने जिस हिटमैन से संपर्क किया था वह अमेरिकी ख़ुफ़िया विभाग के अंडरकवर एजेंट थे।
अमेरिका में सिख अलगाववादी नेता की हत्या की साजिश मामले में भारत ने जांच पैनल बनाया
गुरुवार, 30 नवंबर 2023
भारत ने अमेरिका में एक सिख अलगाववादी नेता को मारने की साजिश के आरोपों की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय जांच पैनल का गठन किया है।
बुधवार, 29 नवंबर 2023 की शाम अमेरिका ने दावा किया कि उसने न्यूयॉर्क में रहने वाले एक सिख अलगाववादी अमेरिकी नागरिक की हत्या की योजना को नाकाम कर दिया है। अमेरिका ने इस मामले में बुधवार, 29 नवंबर 2023 को भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता पर आरोप लगाए। कोर्ट में पेश दस्तावेज़ों के मुताबिक उन्हें भारत सरकार के एक कर्मचारी से निर्देश मिले थे।
इससे पहले बीते सप्ताह ब्रिटेन के अख़बार फ़ाइनेंशियल टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट की थी कि अमेरिका ने ख़लिस्तान समर्थक नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कोशिश को फेल कर दिया है। अख़बार ने दावा किया था कि भारत सरकार के अधिकारी इस साजिश में शामिल थे और अमेरिका ने इसे लेकर भारत सरकार को चेतावनी दी है।
बुधवार, 29 नवंबर 2023 को भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत ने इस मामले की जांच के लिए 18 नवंबर 2023 को एक उच्चस्तरीय पैनल का गठन किया है जो मामले की जांच कर रहे हैं।
फ़ाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के बाद अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की प्रवक्ता एड्रिएन वॉटसन ने कहा कि इस मुद्दे को अमेरिका "बेहद गंभीरता" से ले रहा है।
वाशिंगटन पोस्ट ने बुधवार, 29 नवंबर 2023 को एक रिपोर्ट में लिखा है कि सिख अलगाववादी की हत्या की साजिश का पता चलने के बाद बाइडन प्रशासन इससे काफ़ी चिंतित था। उसने सीआईए निदेशक विलियम जे बर्न्स और राष्ट्रीय खुफिया निदेशक एवरिल हेन्स को अगस्त 2023 और अक्टूबर 2023 में भारत भेजा था और मामले की जांच की मांग की थी।
भारत के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका में सिख अलगाववादी नेता की हत्या की साज़िश के मामले पर क्या कहा?
गुरुवार, 30 नवंबर 2023
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि अमेरिका की अदालत में अभियोग भारतीय अधिकारी के खिलाफ़ नहीं लाया गया है। भारत को अमेरिका से क्या इनपुट मिले हैं इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं की जा सकती।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक सवाल के जवाब में कहा है, "एक बात साफ़ करना चाहता हूं कि अमेरिकी अदालत में अभियोग भारतीय अधिकारी के खिलाफ़ नहीं चलाया जा रहा है। हमें जो इनपुट मिले हैं वो हम साझा नहीं कर सकते लेकिन अगर आप कानूनी केस की बात कर रहे हैं तो एक व्यक्ति पर अमेरिकी अदालत में आरोप लगाए गए हैं।''
"ये आरोप लगाया जा रहा है कि वह शख्स भारतीय अधिकारी के साथ काम कर रहे थे जो एक चिंता का विषय है। हम बार बार कह चुके हैं ये भारत की नीति नहीं है। हमारी उच्च स्तरीय जांच पैनल ड्रग रैकेट और सुनियोजित अपराध के नेक्सस के एंगल से भी मामले की जांच करेगी।''
अमेरिका ने अमेरिकी ज़मीन पर एक सिख अलगाववादी नेता और अमेरिकी नागरिक की हत्या की साज़िश के पर्दाफ़ाश का दावा किया है।
निखिल गुप्ता नाम के एक शख़्स पर आरोप हैं कि उन्होंने एक भाड़े के हत्यारे को एक लाख डॉलर (लगभग 83 लाख रुपये) कैश के बदले अलगाववादी नेता की हत्या का ठेका दिया।
आरोप हैं कि निखिल गुप्ता को एक भारतीय अधिकारी निर्देशित कर रहे थे। अभियोग में भारतीय अधिकारी का नाम नहीं है।
18 नवंबर 2023 को भारत ने इन आरोपों की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय जांच पैनल का गठन किया है।
उत्तराखंड के सिलक्यारा सुरंग में फंसे सभी 41 मज़दूरों को सुरक्षित बाहर निकाला गया
मंगलवार, 28 नवंबर 2023
भारत के राज्य उत्तराखंड के सिलक्यारा सुरंग में फंसे सभी 41 मज़दूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है।
उत्तराखंड सरकार ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इस बारे में जानकारी दी है।
उत्तराखंड सरकार का कहना है कि मज़दूरों के बचाव अभियान में राज्य और केंद्र सरकार की एजेंसियों के साथ ही सेना, विभिन्न संगठन और विश्व के नामी टनल विशेषज्ञ शामिल थे।
रेस्क्यू ऑपरेशन में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीआरओ, आरवीएनएल, एसजेवीएनएल, ओएनजीसी, आईटीबीपी, एनएचएआईडीसीएल, टीएचडीसी, उत्तराखंड राज्य शासन, जिला प्रशासन, भारतीय थल सेना, भारतीय वायुसेना समेत तमाम संगठनों, अधिकारियों और कर्मचारियों की अहम भूमिका रही।
कांग्रेस ने क्या कहा?
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा, ''17 दिन की कड़ी मेहनत और मशक्कत के बाद उत्तराखंड की सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को निकाला जा रहा है।
जयराम रमेश ने कहा, ''पूरा देश श्रमिकों के अद्भुत धैर्य और साहस को सलाम करता है। राष्ट्र पूरी बचाव टीम के समर्पण, कौशल और दृढ़ता की भी सराहना करता है और उन्हें दिल से धन्यवाद देता है।''
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्या कहा?
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड की सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाले जाने को भावुक करने वाली सफलता बताया है।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा, "उत्तरकाशी में हमारे श्रमिक भाइयों के रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता हर किसी को भावुक कर देने वाली है। टनल में जो साथी फंसे हुए थे, उनसे मैं कहना चाहता हूं कि आपका साहस और धैर्य हर किसी को प्रेरित कर रहा है। मैं आप सभी की कुशलता और उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूं। यह अत्यंत संतोष की बात है कि लंबे इंतजार के बाद अब हमारे ये साथी अपने प्रियजनों से मिलेंगे। इन सभी के परिजनों ने भी इस चुनौतीपूर्ण समय में जिस संयम और साहस का परिचय दिया है, उसकी जितनी भी सराहना की जाए वो कम है।''
पीएम मोदी ने इस बचाव अभियान में लगे लोगों के जज़्बे को भी सलाम किया है।
पीएम मोदी ने कहा, ''मैं इस बचाव अभियान से जुड़े सभी लोगों के जज़्बे को भी सलाम करता हूं। उनकी बहादुरी और संकल्प-शक्ति ने हमारे श्रमिक भाइयों को नया जीवन दिया है। इस मिशन में शामिल हर किसी ने मानवता और टीम वर्क की एक अद्भुत मिसाल कायम की है।''
सुरंग से बाहर निकाले जाने के बाद मजदूरों को सुरंग के पास बनाए गए अस्थाई अस्पताल ले जाया गया है जहां उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य की जांच-परख की जाएगी।
उत्तराखंड सीएम ने कहा, सुरंग से निकले मजदूरों को 1 लाख की आर्थिक मदद मिलेगी
मंगलवार, 28 नवंबर 2023
भारत के राज्य उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार, 28 नवंबर 2023 की शाम सिलक्यारा सुरंग से सभी मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाले जाने के बाद उनसे जुड़ी जानकारी मीडिया को दी है।
पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सभी श्रमिक एक अलग वातावरण से बाहर आए हैं इसलिए हम डॉक्टरों की सलाह के अनुसार काम करेंगे। उन्हें चिकित्सकीय देखरेख में रखा जाएगा, उनकी निगरानी की जाएगी लेकिन कोई भी गंभीर नहीं है। सभी बचाए गए श्रमिकों को एक-एक लाख रूपये की मदद राशि दी जाएगी। निर्माणाधीन सुरंग की समीक्षा की जाएगी।
उत्तराखंड की सिलक्यारा सुरंग में फंसे सभी 41 मज़दूर सुरक्षित बाहर निकाल लिए गए हैं।
फिलहाल सभी मज़दूर स्वास्थ्य केंद्र में ही मौजूद हैं और उनका इलाज जारी है।
लेकिन पूरे 17 दिनों के बाद मज़दूरों के परिजन भी राहत की सांस ले रहे हैं।
भारत के राज्य बिहार के आरा के रहने वाले एक मज़दूर के परिवारवालों ने समाचार एजेंसी पीटीआई से अपना दर्द और खुशी दोनों साझा की।
अलग-अलग समाचार चैनल पर आ रही तस्वीरों में मज़दूरों के घरवाले जश्न मनाते और खुशी ज़ाहिर करते नज़र आ रहे हैं।
भारत के सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सीबीआई और ईडी से सबूतों को लेकर सवाल पूछे हैं।
मनीष सिसोदिया को कुछ महीनों पहले दिल्ली के कथित आबकारी नीति घोटाले के तहत गिरफ़्तार किया गया था।
क़ानून से जुड़ी ख़बरें प्रसारित करने वाली वेबसाइट 'बार एंड बेंच' के मुताबिक, जस्टिस संजीव खन्ना और एसवीएन भाटी ने जांच एजेंसियों से पूछा है कि मनीष सिसोदिया पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला साबित करने के लिए उनके पास क्या सबूत हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, ''सबूत कहां है, साक्ष्य कहां है। आपको साबित करना होगा। अपराध की कमाई कहां है?''
दोनों संघीय जांच एजेंसियों का दावा है कि आबकारी नीति में बदलाव के दौरान अनियमितता बरती गई और लाइसेंस पाने वालों को अवैध तरीके से फायदा पहुंचाया गया।
कोर्ट ने कहा, ''हम समझते हैं कि नीति में बदलाव किया गया और हर कोई इसे बदलना चाहता है जिससे उसे फायदा मिले। अगर हम कहें कि किसी ख़ास ग्रुप के साथ भेदभावपूर्ण नीति बरती गई तो बिना पैसे के लेन देन को मद्देनज़र रखे, यह कोई अपराध नहीं बनता।''
कोर्ट ने कहा कि जब कोई नीतिगत फैसला लिया जाता है तो हमेशा कुछ दबाव और अंतरविरोध होगा ही, ''यह सच है कि रिश्वत नहीं ली जा सकती है।''
कोर्ट ने ये जानना चाहा कि पूर्व उप मुख्यमंत्री तक पैसा कैसे पहुंचा।
कोर्ट ने पूछा, ''आपने दो आंकड़े बताए, एक 100 करोड़ रुपये और एक 30 करोड़ रुपये। उन्हें ये पैसे किसने दिए थे। हो सकता है कि ये बहुत सारे लोगों ने दिए हों, कोई ज़रूरी नहीं कि ये शराब के धंधे से जुड़े लोग हों । दिनेश अरोड़ा के बयान के अलावा क्या कोई और साक्ष्य हैं।''
सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 12 अक्टूबर 2023 की तारीख़ दी है। दिल्ली सरकार के आबकारी विभाग की ज़िम्मेदारियां मनीष सिसोदिया के पास थीं।
मनीष सिसोदिया को 26 फ़रवरी 2023 को सीबीआई ने गिरफ़्तार किया था।
इसके बाद ईडी ने सीबीआई की एफ़आईआर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग केस में मनीष सिसोदिया को 9 मार्च 2023 को गिरफ़्तार किया था। इसके बाद से वह तिहाड़ जेल में हैं।
मनीष सिसोदिया ने 28 फ़रवरी 2023 को दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफ़ा दे दिया था।
भारत में लॉ कमीशन पॉक्सो एक्ट के तहत आपसी सहमति से यौन संबंध बनाने की उम्र 18 साल से घटाकर 16 साल करने के पक्ष में नहीं है।
भारत सरकार को सौंपी अपनी 283वीं रिपोर्ट में लॉ कमीशन ने कहा है कि आपसी सहमति की उम्र को 18 साल से घटा कर 16 साल करने के नतीजे सही नहीं होंगे।
लॉ कमीशन ने कहा है कि इससे वयस्कों का नाबालिग के साथ यौन संबंध बनाना आसान हो जाएगा भले ही नाबालिग की इसमें सहमति हो।
इसका असर बाल विवाह और बच्चों की तस्करी के ख़िलाफ़ चल रहे अभियान पर भी पड़ेगा। साथ ही इससे जांच एजेंसियों के लिए बाल यौन अपराध में अभियुक्तों के ख़िलाफ़ जांच और कठिन हो जाएगी।
भारत में फिलहाल आपसी सहमति से यौन संबंध कायम करने की उम्र 18 साल है।
लॉ कमीशन का कहना है कि ऐसे दौर में जब बच्चों के ख़िलाफ़ साइबर स्पेस में यौन अपराध और फुसलाकर अपराध की घटनाएं बढ़ रही हैं तो आपसी सहमति से यौन संबंध कायम करने की उम्र घटाने के बेहद घातक परिणाम हो सकते हैं।
वर्ल्ड पापुलेशन रिव्यु के मुताबिक, सऊदी अरब, पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान, ईरान, लीबिया आदि देशों में आपसी सहमति से यौन संबंध कायम करने की कोई उम्र नहीं है।
वर्ल्ड पापुलेशन रिव्यु के मुताबिक, आपसी सहमति से यौन संबंध कायम करने की उम्र नाइजीरिया में 11 साल, फिलीपींस में 12 साल, जर्मनी में 14 साल, थाईलैंड में 15 साल, जापान में 16 साल, मेक्सिको में 17 साल, भारत में 18 साल और नेपाल में 20 साल है।