पूरे भारत में जारी लॉकडाउन के बीच असम के चाय उद्योग को हो रहे नुक़सान को देखते हुए राज्य के कई जिलों में 11 अप्रैल से कुछ चाय बागानों को खोल दिया गया है।
जोरहाट जिले की जिला उपायुक्त रोशनी कोराती ने एक आदेश में जोरहाट में चाय उद्योग को शनिवार से खोलने की पुष्टि की है।
भारत सरकार के गृह मंत्रालय के एक आदेश के क्लॉज़ 500 के अनुपालन का ज़िक्र करते हुए शुक्रवार को जिला उपायुक्त ने चाय उद्योग तथा अन्य हितधारकों के साथ एक बैठक की थी जिसके बाद चाय बागानों को खोलने का फ़ैसला लिया गया है।
हालांकि सभी चाय बागान मालिकों को ये सुनिश्चित करना होगा कि अधिकतम 50 फीसदी मज़दूर और कर्मचारी ही बागान में काम करें। साथ ही आपातकालीन सेवाओं और मज़दूरों के अलावा किसी और को बागान परिसर में आने जाने की अनुमति नहीं होगी।
इसके अलावा बागान प्रबंधन को सुनिश्चित करना होगा कि मज़दूर और कर्मचारी एक मीटर की सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन करें और अनिवार्य रूप से मुंह पर मास्क और हाथ में दस्ताने पहनें।
जिला प्रशासन ने चाय बागान प्रबंधन को मज़दूरों को लिए स्वच्छ पानी के साथ हैंडवॉश और अन्य स्वच्छता सामग्री प्रदान करने के लिए भी कहा है।
जोरहाट के अलावा मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के गृह जिले डिब्रूगढ़ के चाय बागानों को भी इन्हीं शर्तों के आधार पर खोलने की अनुमति दी गई है।
कोरोना वायरस के कारण राज्य के चाय उद्योगों को 24 मार्च से बंद कर दिया गया था। हाल में टी बोर्ड ऑफ़ इंडिया ने अपने एक बयान में कहा था कि लॉकडाउन के कारण असम के चाय उद्योगों को क़रीब 15 फीसदी राजस्व नुक़सान उठाना पड़ सकता है।
असम में कोरोना वायरस से संक्रमित अब तक कुल 29 मामले सामने आए है जबकि एक व्यक्ति की मौत हुई है।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस के संक्रमण पर मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के ज़रिए बैठक कर रहे हैं। इस बैठक में पीएम मोदी कपड़े के मास्क पहने हुए हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी मास्क में हैं। बैठक में लॉकडाउन पर कोई अहम फ़ैसले की उम्मीद है।
भारत में अब तक कोरोना वायरस से संक्रमण के कुल 7,400 मामले सामने आ चुके हैं। इससे भारत भर में 239 लोगों की जान जा चुकी है। प्रधानमंत्री मोदी तीन हफ़्ते के लॉकडाउन पर मुख्यमंत्रियों से बातचीत कर रहे हैं। मुख्यमंत्री बताएंगे कि लॉकडाउन को लेकर क्या फ़ैसला करना है? हालांकि ओडिशा और पंजाब ने लॉकडाउन बढ़ाने के फ़ैसले पहले ही कर लिए हैं?
30 अप्रैल तक रहे लॉकडाउन - अरविंद केरजीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी से गुज़ारिश की है कि लॉकडाउन को 30 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दिया जाए।
शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी के साथ हो रही मुख्यमंत्रियों की बैठक में उन्होंने पूरे देश में 30 अप्रैल तक लॉकडाउन बढ़ाने का सुझाव दिया है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी लॉकडाउन बढ़ाने की मांग की
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के ज़रिए पीएम मोदी के साथ हो रही मुख्यमंत्रियों की बैठक में लॉकडाउन बढ़ाने का समर्थन किया है। हालांकि पंजाब ने गुरुवार को ही एक मई तक लॉकडाउन बढ़ाने का फ़ैसला कर लिया था।
अमरिंदर सिंह ने टेस्टिंग सुविधा बढ़ाने की मांग की
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट कर पीएम मोदी के साथ वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के ज़रिए हुई बैठक की जानकारी दी है। अमरिंदर सिंह ने ट्वीट कर कहा, ''पीएम मोदी के साथ कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर भविष्य की तैयारियों पर बात हुई। हमने टेस्टिंग सुविधा बढ़ाने की मांग की। इसके अलावा ग़रीबों और किसानों को मदद बढ़ाने की भी मांग की।''
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को रात आठ बजे देश को संबोधित करते हुए उसी मध्यरात्रि से अगले 21 दिन तक के लिए पूरे देश में 'टोटल लॉकडाउन' का ऐलान किया था लेकिन भारत की सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में बुधवार की शाम को जो अफ़रा-तफ़री दिखी उसने लॉकडाउन के उद्देश्य को ही ख़तरे में डाल दिया है।
बहरहाल, सामान ख़रीदने की जो होड़ पीएम की घोषणा के बाद दिखी थी, कुछ वैसा ही मंज़र फिर 8 अप्रैल की शाम उत्तर प्रदेश में दिखा। दोपहर से ऐसी ख़बरें आ रही थीं कि उत्तर प्रदेश के कोरोना प्रभावित ज़िलों को सील कर दिया जाएगा।
उत्तर प्रदेश के लगभग हर ज़िले में दोपहर से ही लोगों में राशन, सब्ज़ियाँ, दूध और दवाइयाँ ख़रीदने की होड़ मच गई क्योंकि सोशल मीडिया और कुछ न्यूज़ चैनलों पर ऐसी ख़बरें चल रहीं थी कि प्रदेश सरकार कई ज़िलों को पूरी तरह सील करने जा रही है।
सील किए जाने का मतलब क्या है और वे ज़िले कौन से होंगे इसको लेकिन स्पष्ट जानकारी की कमी दोपहर बाद तक थी जबकि लोगों में घबराहट फैलनी शुरू हो गई थी।
दरअसल, उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार को राज्य के कोरोना संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित 15 ज़िलों में 104 हॉट स्पॉट यानी सबसे संवेदनशील इलाक़ों को पूरी तरह से सील करने का फ़ैसला किया। लेकिन फ़ैसले की घोषणा करने के तरीक़े से शुरुआती कुछ घंटों तक लोगों में इस बात का भ्रम बना रहा कि उनके इलाक़े का क्या होगा।
लखनऊ से इस बात की जानकारी शाम सवा चार बजे राज्य के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने दी। उनके साथ राज्य के पुलिस महानिदेशक हितेश अवस्थी और प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद भी उपस्थित थे।
लेकिन इस प्रेस कॉन्फ़्रेंस के पहले ही, कुछ समाचार माध्यमों में राज्य के मुख्य सचिव आर के तिवारी के हवाले से ये ख़बर चली कि 15 ज़िलों को पूरी तरह से सील किया जाएगा। इस ख़बर के फ़ौरन बाद नोएडा, ग़ाज़ियाबाद और लखनऊ समेत तमाम जगहों पर अफ़रा-तफ़री मच गई।
लोग दोपहर तीन बजे से ही राशन की दुकानों के बाहर जमा होने लगे। कुछ जगहों पर तो पुलिस को बल प्रयोग भी करना पड़ा। मुख्य सचिव आर के तिवारी ने कुछ टीवी चैनल वालों को इस बारे में बाइट दी और कहा, "लॉकडाउन तो पूरे देश में और उत्तर प्रदेश में ही लागू है लेकिन 15 ज़िले जहां लोड काफ़ी ज़्यादा है, इसलिए यहां जो भी प्रभावित क्षेत्र हैं, उन सभी जगहों को सील करने के निर्देश दिए गए हैं।''
मुख्य सचिव ने हॉट स्पॉट शब्द का प्रयोग नहीं किया, लेकिन उनकी बातों से ये साफ़ था कि वो पंद्रह ज़िलों के क्षेत्र विशेष को ही पूरी तरह से सील या लॉकडाउन करने की बात कर रहे हैं लेकिन टीवी चैनलों पर काफ़ी देर तक यही ख़बर प्रसारित होती रही कि पंद्रह ज़िले पूरी तरह से सील कर दिए जाएंगे।
मुख्य सचिव ने यह स्पष्ट किया था कि इन जगहों पर आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सरकार सुनिश्चित करेगी। दरअसल, कोरोना संक्रमण से संबंधित जो भी ताज़ा जानकारी होती है या फिर सरकार के फ़ैसले होते हैं, उनकी जानकारी शाम चार बजे प्रेस ब्रीफ़िंग के ज़रिए दी जाती है जिसे अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी देते हैं।
बुधवार को जब मुख्य सचिव के बयान से भ्रम और अफ़रा-तफ़री की स्थिति उत्पन्न हुई, उसके बाद पत्रकारों ने अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी से इस बारे में जानना चाहा। उन्होंने साफ़ तौर पर कहा कि 15 ज़िलों के केवल हॉट स्पॉट्स यानी विशेष तौर पर चिह्नित इलाक़ों को ही सील किया जाएगा।
अवनीश अवस्थी ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस में भी इन आशंकाओं और अफ़वाहों की चर्चा की लेकिन तब तक अफ़रा-तफ़री मच चुकी थी। बताया जा रहा है कि इसके पीछे सरकार में उच्च स्तर पर बैठे अधिकारियों के बीच निश्चित तौर पर संवादहीनता या फिर तालमेल की कमी है।
सवाल इस बात पर भी उठ रहे हैं कि जब शाम चार बजे प्रेस ब्रीफ़िंग होनी ही थी तो मुख्य सचिव को मीडिया में आने की क्या ज़रूरत थी? सवाल ये भी उठता है कि उत्तर प्रदेश सरकार के इस नए क़िस्म के 'हाट्स्पॉट सीलिंग' की घोषणा के तरीक़े और कुछ समाचार माध्यमों में इसकी 'ब्रेकिंग न्यूज़' चलने से पहले सरकार ने नहीं सोचा कि इसके क्या परिणाम होंगे?
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कोरोना वायरस पर सर्वदलीय बैठक के बाद कहा है कि लॉकडाउन का एक साथ ख़त्म होना मुश्किल दिख रहा है।
भारत सरकार ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए 25 मार्च को देशभर में 21 दिनों की लॉकडाउन लागू किया था। ये 14 अप्रैल को ख़त्म होना है।
इसी बीच सरकार ये समीक्षा कर रही है कि लॉकडाउन को आगे बढ़ाया जाए या नहीं। कई राज्यों ने केंद्र सरकार को लॉकडाउन को आगे बढ़ाने का सुझाव भी दिया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने देश के हालातों को सामाजिक आपातकाल कहा है। उन्होंने कहा है कि उनकी सरकार की प्राथमिकता देश के प्रत्येक व्यक्ति की जान बचाना है।
क्या राजस्थान में लॉकडाउन बढ़ाया जायेगा?
राजस्थान में लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामलों को देखते हुए फ़िलहाल लॉकडाउन ख़त्म करने पर सरकार ने स्पष्ट फ़ैसला नहीं लिया है। हालांकि, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मीडिया से रूबरू होते हुए कई लॉकडाउन को आगे बढ़ाने की ओर इशारा किया।
राजस्थान के मुख्यमंत्री के सलाहकार और गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव स्वरूप के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन किया गया है। जो 14 अप्रैल को ख़त्म हो रहे लॉकडाउन को आगे बढ़ाने या चरणबद्ध तरीके से खोलने पर विचार कर रही है।
राजस्थान गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव स्वरूप ने बीबीसी को बताया कि, "हम इस पर तैयारी कर रहे हैं। फ़िलहाल कुछ नहीं कह सकते।''
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एनडीटीवी पर लॉकडाउन ख़त्म को लेकर कहा कि, "मेरा मानना है कि इसको एक साथ नहीं खोल सकते हम। इसको खोलेंगे तो 21 दिन के लॉकडाउन के मायने ख़त्म हो जाएंगे।''
मध्य प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन बढ़ाने के संकेत दिए
मध्यप्रदेश में 14 अप्रैल के बाद लॉकडाउन ख़त्म होने की संभावना कम ही नज़र आ रही है। हालांकि इस पर अभी तक कोई अंतिम फ़ैसला नही लिया गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संकेत दिए हैं कि लॉकडाउन को बढ़ाया जा सकता है।
उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "जिस तरह के स्थिति अभी है उसमें लोगों से बातचीत की जा रही है। अभी कुछ भी फ़ैसला नहीं लिया गया है।''
उन्होंने कहा कि जिस तरह की स्थिति बनेगी उसके अनुसार फ़ैसला लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि भोपाल और इंदौर में अभी जो स्थिति, उसमें इसे हटाना मुश्किल नज़र आ रहा है। लोगों की जान बचाना सबसे पहला उद्देश्य है, उसके बाद ही कुछ सोचा जा सकता है।
शिवराज सिंह चौहान ने यह ज़रुर कहा है कि जहां पर अभी तक कोरोना पीड़ित नहीं है वहां ज़रुर लॉकडाउन खोलने को लेकर विशेषज्ञों से बातचीत की जा रही है।
मध्य प्रदेश के इंदौर और भोपाल में कोरोना पॉजिटिव मरीज़ लगातार मिल रहे है। मध्य प्रदेश में अब तक कोरोना पॉजिटिव मरीज़ का आंकड़ा 327 पहुंच चुका है। इंदौर में 173 कोरोना पॉजिटिव मरीज़ मिल चुके हैं। वही भोपाल में स्वास्थ्य विभाग के 45 अधिकारी / कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव मिल चुके है जिसकी वजह से आंकड़ा 91 तक पहुंच चुका है।
असम सरकार कंडिशनल लाकडाउन के पक्ष में
असम सरकार के स्वास्थ्य मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा लॉकडाउन पर मीडिया के समक्ष कई बार 15 अप्रैल के बाद कंडिशनल लाकडाउन के पक्ष में अपनी बात कह चुके हैं।
मंगलवार को कैबिनेट की एक बैठक के बाद लाकडाउन पर मीडिया से बात करते हुए मंत्री सरमा ने कहा, "21 दिनों की लॉकडाउन के बाद पूर्ण लॉकडाउन की स्थिति को बरक़रार रखना संभव नहीं है। हमारी सार्वजनिक वितरण प्रणाली लॉकडाउन का समर्थन नहीं करती है। इसलिए हम कुछ छूट के साथ कंडिशनल लॉकडाउन के पक्ष में हैं। देश के कई राज्य की कुल मिलाकर इसके बारे में एक जैसी राय है।''
इसी महीने मनाए जाने वाले रोंगाली बिहु और गुड फ्राइडे जैसे त्योहार के दौरान लोगों को इकट्ठा होने से बचने की सलाह देते हुए मंत्री ने कहा, "केंद्र सरकार लॉकडाउन की स्थिति के बारे में फ़ैसला करेगी और तदनुसार राज्य सरकार के मंत्रिमंडल की बैठक 13 अप्रैल को होगी। यदि केंद्र लॉकडाउन को खोलने और जारी रखने का फ़ैसला राज्यों पर छोड़ती है तो फिर हम फ़ैसला लेंगे। और यदि केंद्र सरकार लॉकडाउन को आगे भी जारी रखने का निर्णय लेती है तो हम उसी के अनुसार आगे बढ़ेंगे।
छत्तीसगढ़ ने दिया लॉकडाउन बढ़ाने का सुझाव
छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव का कहना है कि 14 अप्रैल के बाद भी, राज्य में लॉकडाउन कम से कम दो सप्ताह तक और बढ़ाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, "वैश्विक स्तर पर और देश के स्तर पर विशेषज्ञों का जो आकलन है, उसके अनुसार हमारे यहां बहुत बड़ी आबादी ऐसी है, जिसमें कोरोना के लक्षण अभी नज़र नहीं आ रहे हैं। आशंका जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में हमारे देश में ऐसे मामले और बढ़ेंगे।''
सिंहदेव ने कहा, "छत्तीसगढ़ जिन सात राज्यों से घिरा हुआ है, वहां कोरोना का प्रकोप बढ़ा है। लॉकडाउन के कारण छत्तीसगढ़ में कोरोना के संक्रमण को रोकने में हम कामयाब हुए हैं। दस में से नौ मरीज़ों को अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है। ऐसे में अभी के जो हालात हैं, उसे बरक़रार रखने के लिए छत्तीसगढ़ में 14 अप्रैल के बाद भी कम से कम दो सप्ताह तक लॉकडाउन और जारी रहना चाहिए।''
इससे पहले सोमवार को राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर अंतर्राज्यीय आवागमन प्रारंभ करने के पूर्व पूरे देश में कोविड-19 के प्रसार की स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए ठोस उपाय सुनिश्चित करने का आग्रह किया है।
केरल ने कहा लॉकडाउन को आगे बढ़ाया जाए
वहीं केरल ने अधिकारिक तौर पर केंद्र सरकार से कहा है कि लॉकडाउन को चरणबद्ध तरीके से ही हटाया जाए। केरल ने केंद्र सरकार से कहा है कि लॉकडाउन को तीस जून तक तीन चरणों में हटाया जाए।
ये सलाह एक विशेषज्ञ समिति ने दी है जिसकी अध्यक्षता पूर्व मुख्य सचिव और सेबी के सदस्य केके अब्राहम कर रहे हैं।
वहीं कर्नाटक उन 12 ज़िलों से लॉकडाउन हटाने पर विचार कर रहा है जहां अब तक कोरोना संक्रमण का कोई भी मामला सामने नहीं आया है। वहीं मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने संकेत दिए हैं कि अन्य ज़िलों में लॉकडाउन चरणबद्ध तरीके से हटाया जाएगा।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने कहा है कि उन्होंने प्रधानमंत्री से लॉकडाउन को आगे बढ़ाने की अपील की है। उन्होंने कहा, अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचेगी लेकिन अगर लोगों की मौत हुई तो हम इस नुक़सान की भरपाई नहीं कर पाएंगे। अर्थव्यवस्था को फिर ज़िंदा किया जा सकता है, इसलिए मुझे लगता है कि लॉकडाउन को आगे बढ़ाया जाए।
इसी बीच आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने अभी अपना पक्ष स्पष्ट नहीं किया है लेकिन उनकी सरकार ये कहती रही है कि केंद्र और राज्य सरकार सही वक़्त पर फ़ैसला लेगी इसी बीच कोरोना हॉटस्पाट इलाक़ों में सख़्त क़दम उठाए जा रहे हैं।
भारत में मरने वालों की संख्या 124 हुई, 4789 लोग संक्रमित
भारत में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार मंगलवार शाम तक भारत में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या बढ़कर 124 हो गई है। कोरोना से संक्रमित लोगों की तादाद भी लगातार बढ़ती जा रही है। अब ये बढ़कर 4789 हो गई है।
मुसलमान घर पर रह कर ही मनाएं शब-ए-बारात
देश भर के मुसलमान धार्मिक और सामाजिक नेताओं ने मुसलमानों से अपील की है कि वो शब-ए-बारात का पर्व घर पर ही रहकर मनाएं।
शब-ए-बारात के अवसर पर मुसलमान क़ब्रिस्तान जाते हैं और दुनिया से गुज़र चुके अपने परिवार के लोगों के लिए दुआ करते हैं। उसके अलावा मुसलमान रात में मस्जिद जाकर ख़ास नमाज़ पढ़ते हैं और क़ुरान शरीफ़ की तिलावत करते हैं। इस बार बुधवार को शब-ए-बारात है।
जमीयत-उल-उलेमा हिंद के महमूद मदनी, बरेली के मौलाना तौक़ीर रज़ा ख़ान, जमात-ए-इस्लामी के अमीर सैय्यद सादातुल्लाह हुसैनी, फ़तहपुरी मस्जिद के इमाम मौलाना मुफ़्ती मोकर्रम, जमीयत अहल-ए-हदीस के प्रमुख मौलाना असग़र अली इमाम सलफ़ी, मौलाना ख़ालिद सैफ़ुल्लाह रहमानी, दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन ज़फ़रुल इस्लाम ख़ान समेत कई धर्म गुरुओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने ख़ासकर मुसलमान नौजवानों से अपील की है कि वो किसी भी हालत में घर से नहीं निकलें और जो भी इबादत करनी हो, वो घर पर रहकर ही करें।
उन्होंने मुसलमानों से ख़ास अपील की वो इस मौक़े पर अल्लाह से दुआ करें कि कोरोना वायरस से फैली महामारी से भारत के सभी लोगों की हिफ़ाज़त करें।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस के संक्रमण के ख़िलाफ़ और इसकी लड़ाई में सीधे तौर पर शामिल लोगों के साथ एकजुटता और आभार प्रकट करने के लिए पाँच अप्रैल की रात नौ बजे लाइट ऑफ करने की अपील की है।
पीएम मोदी की इस अपील के बाद वोल्टेज में उतार-चढ़ाव को लेकर चिंता ज़ाहिर की जा रही थी।
इस पर अब ऊर्जा मंत्रालय ने सफ़ाई देते हुए कहा है, ''प्रधानमंत्री की अपील पाँच अप्रैल को रात में नौ बजे से नौ मिनट तक केवल लाइट ऑफ करने के लिए है। स्ट्रीट लाइट या कंप्यूटर्स, टीवी, पंखा, फ़्रीज और एसी ऑफ करने के लिए नहीं कहा गया है। केवल लाइट ऑफ करने की अपील की गई है। हॉस्पिटल, पुलिस स्टेशन, म्यूनिसिपल सर्विस और मैन्युफैक्चरिंग सर्विस में यह अपील लागू नहीं है। पीएम की अपील केवल घरों के लिए है। सभी स्थानीय निकायों से कहा गया है कि स्ट्रीट लाइट ऑन रखें।''
अंग्रेज़ी अख़बार द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने अपनी पार्टी के नेताओं से कहा है कि वे कोरोना संक्रमण को धार्मिक रंग न दें।
दिल्ली में तब्लीग़ी जमात के मरकज़ में हुए कार्यक्रम से कोरोना फैलने की ख़बरों के बाद जे पी नड्डा का ये बयान आया है। रिपोर्टों के मुताबिक देश में कोरोना संक्रमण के कुल मामलों में से एक चौथाई तब्लीग़ी जमात से जुड़े हैं।
गुरुवार शाम पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक में उन्होंने कहा कि पार्टी का कोई भी नेता उकसाने वाला या विभाजन करने वाला बयान न दे।
बैठक में शामिल एक पदाधिकारी ने अख़बार को बताया कि नड्डा ने बैठक में कहा, ''वायरस और इस बीमारी ने दुनियाभर में सभी धर्मों के लोगों को बराबर प्रभावित किया है, कोई भी ऐसा बयान न दे या टिप्पणी न करे जो उकसाने वाला हो। हमें वायरस के ख़िलाफ़ लड़ाई में एकजुट रहना है।''
महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुझाव पर सवाल उठाए है।
महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने कहा है कि यदि देश में सभी लाइटों को एक साथ बंद कर दिया गया तो इससे ग्रिड फेल हो सकता है।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक नितिन राउत ने कहा ऐसी स्थिति में सभी आपात सेवाएं भी बंद हो जाएंगी और इसे ठीक करने में एक सप्ताह तक का समय लग सकता है।
उन्होंने लोगों से अपील की है कि जब वो 5 अप्रैल को मोमबत्ती या दीया जलाएं तो बत्तियां न बुझाएं।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक वीडियो संदेश जारी कर देश के सभी लोगों से पांच अप्रैल की रात नौ बजे नौ मिनट तक दीया या मोमबत्ती जलाने की अपील की है। प्रधानमंत्री ने कहा है कि इस दौरान लोग बिजली की बत्तियां बुझा दें।
प्रधानमंत्री मोदी के इस सुझाव पर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं।
भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक भारत में कोरोना संक्रमण के मामलों की तादाद बढ़कर 2902 हो गई है।
मंत्रालय के मुताबिक अब तक भारत में कोविड-19 की वजह से 68 लोगों की मौत भी हुई है।
बीते तीन दिनों में भारत में कोरोना संक्रमण के मामले दोगुने हो गए हैं। इनमें से करीब 25 फ़ीसदी मामले दिल्ली में तब्लीग़ी जमात के धार्मिक आयोजन से जुड़े हुए हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक बीते चौबीस घंटों में देश में कोरोना संक्रमण के 478 नए मामले सामने आए हैं। ये एक दिन में सबसे बड़ी वृद्धि है। अब तक 183 मरीज़ ठीक हो चुके हैं।
भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के मुताबिक देश भर में कोरोना संक्रमण के कुल मामले 2322 हो गए हैं, जबकि मरने वालों की संख्या 62 हो गई है। इस संक्रमण से लड़ते हुए अब तक 162 लोग ठीक भी हुए हैं।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शुक्रवार को 93 नए मामले सामने आए हैं। दिल्ली में अब कोरोना वायरस के 386 संक्रमित मरीज़ हैं। राज्य सरकार के मुताबिक इसमें 259 मामले तबलीग़ी जमात से संबंधित हैं। शुक्रवार को दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमित दो मरीज़ों की मौत हो गई।
महाराष्ट्र में कोरोना वायरस संक्रमण के 67 नए मामले का पता चला। राज्य में कुल संक्रमित लोगों की संख्या 490 तक पहुंची। शुक्रवार को राज्य में छह संक्रमित लोगों की मौत के बाद मरने वालों की संख्या 26 हुई। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक 50 लोग रिकवरी करने में कामयाब रहे हैं।
राजस्थान में शुक्रवार को कोरोना वायरस के 46 पॉजिटिव मामले सामने आने से राज्य में अब 179 लोग संक्रमण की चपेट में पहुंचे।
उत्तर प्रदेश में संक्रमित मरीजों की संख्या 172, इनमें 47 मरीज़ तबलीग़ी जमात आयोजन में शामिल हुए थे। उत्तर प्रदेश सरकार के मुताबिक दिल्ली में तबलीग़ी जमात के आयोजन में शामिल 1203 लोगों की पहचान की गई है। इनमें से 897 लोगों के टेस्ट किए जा चुके हैं, जिनमें 47 को कोरोना पॉज़िटिव पाया गया है।
तेलंगाना में शुक्रवार को 75 नए संक्रमित मामले सामने आए जबकि दो संक्रमित लोगों की मौत हुई। राज्य में अब कुल 186 लोग संक्रमित हैं, जबकि 15 रिकवरी करने में कामयाब रहे हैं।
गुजरात में कोरोना वायरस की चपेट में अब तक नौ लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक राज्य में संक्रमण के कुल 95 मामले है। 10 लोगों को इलाज के बाद डिस्चार्ज किया जा चुका है। अहमदाबाद में सबसे ज़्यादा 38 और सूरत में अब तक 12 मामले सामने आए।
उड़ीसा से स्थानीय पत्रकार सुब्रत कुमार पति के मुताबिक राज्य में शुक्रवार को संक्रमण के 15 नए मामले सामने आए हैं, अब उड़ीसा में कुल 20 संक्रमित मरीज़ हैं।
पंजाब में शुक्रवार को दो नए मामले सामने आए, राज्य स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक अब पंजाब में कोरोना वायरस के कुल 53 संक्रमित मरीज़ है।
उत्तराखंड में छह नए मामले सामने आए हैं। राज्य में अब तक 16 संक्रमित मामले सामने आ चुके हैं।
असम से स्थानीय पत्रकार दिलीप कुमार शर्मा के मुताबिक शुक्रवार को राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के तीन मामले सामने आए, राज्य में अब कुल 23 मरीज़ है।