पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान कई इलाकों में खूनी संघर्ष, 11 लोगों की मौत

भारत के पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान कई इलाकों में खूनी संघर्ष हुआ। सोमवार दोपहर तक इन झड़पों में 11 लोगों की मौत हो चुकी है। भारत के केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हिंसा के संबंध में पश्चिम बंगाल सरकार से रिपोर्ट मांगी है। मौतों का आंकड़ा बढ़ने की आशंका है। सुबह से ही मतदान के दौरान हिंसा की खबरें मिलनी शुरू हो गई थीं। वहीं, अलग-अलग स्थानों पर हुई झड़पों में दर्जनों लोग जख्मी हुए हैं।

पुलिस ने कहा कि नदिया जिले में मतदान केंद्र के भीतर जाने का प्रयास कर रहे एक युवक की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई, जबकि तृणमूल कांग्रेस के एक कार्यकर्त्ता की दक्षिण 24 परगना जिले के कुलटली में गोली मारकर हत्या कर दी गई। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) का कहना है कि उसके तीन कार्यकतार्ओं की उत्तर 24 परगना के अमडंगा में बम हमलों में मौत हो गई।

मुर्शिदाबाद जिले में दो की मौत हो गई, जबकि नदिया में भी एक की मौत हुई। नदिया जिले के पुलिस महानिरीक्षक संतोष पांडे ने बताया, ''नदिया जिले के शांतिपुर क्षेत्र में सोमवार सुबह स्थानीय लोगों ने तीन युवाओं की पिटाई की। पुलिस ने उन्हें बचाया और स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया। इनमें से एक संजित प्रामाणिक की मौत हो गई।''

कुलटली पुलिस थाने के एक अधिकारी ने कहा, ''तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता आरिफ अली गजी को मतदान केंद्र से बाहर निकलते समय छाती में गोली मारी गई।'' माकपा के उत्तर 24 परगना के नेताओं का कहना है कि कच्चे बम के हमले में उनकी पार्टी के एक कार्यकर्ता की मौत हो गई। हालांकि, पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की है। अमडंगा पुलिस थाने के एक अधिकारी ने कहा, ''हमने इस घटना के बारे में सुना है, लेकिन अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है।''

राज्य में पंचायत चुनाव के लिए सुबह सात बजे मतदान प्रक्रिया शुरू हो गई, जो शाम पांच बजे तक जारी रही। इस दौरान 38,616 उम्मीदवार चुनावी मैदान में आमने-सामने है। चुनाव पूर्व सवेर्क्षणों में अनुमान जताया गया था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इन चुनाव में वाममोर्चे और कांग्रेस को पीछे छोड़ देगी और तृणमूल के समक्ष मुख्य प्रतिद्वंद्वी पार्टी के तौर  पर उभरकर सामने आएगी।

आंकड़ों से पता चलता है कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में कुल 58,692 सीटों में से 20,076 सीटों पर पहले ही निर्विरोध उम्मीदवार चुन लिए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य निवार्चन आयोग से निर्विरोध जीतने वाले उम्मीदवारों के सर्टिफिकेट जारी नहीं करने को कहा है।