पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने इंडियन एक्सप्रेस के आइडिया एक्सचेंज कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी पर वार किया है।
सिद्धू ने कहा कि आज की तारीख में हवा का रुख बदल चुका है। हालात ऐसे हैं कि बीजेपी तड़प रही है।
पंजाब के पर्यटन और संस्कृति मंत्री सिद्धू ने बताया कि बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में वो क्यों शामिल हुए? उन्होंने कहा कि पंजाब के पिछले मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और उनके बेटे सुखबीर बादल राज्य में गुंडातंत्र चला रहे थे, जिससे वो परेशान थे।
उन्होंने कहा कि राज्य में स्वच्छ सरकार और प्रशासन देने के लिए ही उन्होंने साफ दिल वाले राहुल गांधी से हाथ मिलाया।
गुरदासपुर उप चुनाव पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में सिद्धू ने कहा, ''जैसे लोहा लोहे को काटता है, आग आग को काटता है, कांटा कांटे से निकलता है, वैसे ही जब सांप ने काटा है तो उसका एंटीडोज तो विष ही है, कोई सारिडॉन नहीं।''
उन्होंने कहा, लोकतंत्र में शासन जनता का, जनता के लिए होता है, लेकिन बादल सरकार ने क्या किया? उनलोगों ने सरकार को अपने परिवार की जागीर बना लिया। पंजाब सरकार के 35 मंत्रालय बादल परिवार के लोग चला रहे थे। उन लोगों ने राज्य में डंडों के बल पर सरकार चलाई। पंजाब में लोकतंत्र नहीं, गुंडातंत्र हावी था।
आम आदमी पार्टी में शामिल होने की अटकलों और फिर कांग्रेस में शामिल होने पर सिद्धू ने बताया कि अरविंद केजरीवाल से उनकी मुलाकात हुई थी और आम आदमी पार्टी में शामिल होने पर सकारात्मक बातचीत हुई थी, लेकिन उन्होंने पार्टी में मेरे रोल पर कोई चर्चा नहीं की।
बतौर सिद्धू, केजरीवाल ने कहा था कि आप पार्टी ज्वाइन कर लो और जब मैं बिपासना से वापस आ जाऊंगा तो इस पर चर्चा कर लेंगे। लेकिन इस तरह से सिद्धू ने आम आदमी पार्टी में शामिल होने से मना कर दिया।
उन्होंने कहा कि मीडिया में 200 बार खबरें लीक हुईं कि मैं केजरीवाल से मिल रहा हूं।
सिद्धू ने बताया कि केजरीवाल ने कहा था कि आप सात-आठ दिनों तक चुनाव प्रचार करें, इसके बाद हम आपकी पत्नी को पार्टी का टिकट देंगे।
सिद्धू ने बताया कि मीटिंग में मेरे साथ मित्र बंटी भी थे जिन्होंने उस वक्त कहा कि आप चार बार सांसद रह चुके शख्स से बात कर रहे हैं, किसी उम्मीदवार से नहीं। जो टिकट मांग रहा है।
उन्होंने कहा था कि मेरे मित्र पंजाब का मुख्यमंत्री बनना चाह रहे हैं। इसके बाद सिद्धू अपने घर चले गए।
बाद में देखा तो उनके मोबाइल पर 10-12 मिस्ड कॉल थे। जिस शख्स का मिस्ड कॉल था, उसने बताया कि प्रियंका गांधी उनसे मिलना चाहती हैं। बाद में इन दोनों नेताओं की मुलाकात हुई। वहां गुलाम नबी आजाद भी थे।
सिद्धू ने बताया कि प्रियंका गांधी और केजरीवाल की मीटिंग के बीच आसमान-जमीन का अंतर था।