उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

उत्तर प्रदेश में सड़कों को गड्ढामुक्त करने के नाम पर करोड़ों का घोटाला

उत्तर प्रदेश में बीजेपी सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सड़कों को गड्ढामुक्त करने का ऐलान किया था। मगर विभागीय अफसर इस योजना के नाम पर धनराशि का गबन करने में जुट गए। कहीं पुराने काम को नया काम दिखाकर तो कहीं सिर्फ तारकोल छिड़ककर पूरा पैसा का गबन किया गया। हद तो तब हो गई, जब कुछ जगहों पर सिर्फ कागज पर काम दिखाकर पैसे का गबन किया गया।

यह खुलासा बांदा से सत्ताधारी बीजेपी के सांसद भैरों प्रसाद मिश्रा ने किया है। उन्होंने बांदा और चित्रकूट में सड़कों के गड्डामुक्त के नाम पर बड़े घोटाले की बात कही है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है। भैरों प्रसाद मिश्रा वही सांसद हैं, जो संसद में सबसे ज्यादा उपस्थिति को लेकर सुर्खियों में रहे हैं।

बताया जा रहा है कि बांदा और चित्रकूट तो केवल उदाहरण हैं, उत्तर प्रदेश के कई जिलों में पिछले एक साल में सड़कों को गड्ढामुक्त करने के नाम पर कागज पर काम दिखाकर पैसे डकारने का खेल चल रहा है। मार्च 2017 में मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने 15 जून तक एक लाख 21 हजार से अधिक किलोमीटर सड़कों को गड्ढामुक्त करने का ऐलान किया था।

हालांकि तय समय में टारगेट पूरा नहीं हो सका था। बाद में अवधि बढ़ा दी गई थी। देखने में आया कि सड़कों को गड्ढामुक्त करने के नाम पर सिर्फ पी डब्यू डी ने खानापूर्ति की जिससे सरकार की मंशा धराशाय़ी हो गई।

सांसद ने मुख्यमंत्री को संबोधित पत्र में कहा है कि उनके संसदीय क्षेत्र बांदा और चित्रकूट में करोड़ों रुपये की वित्तीय अनियमितता हुई है। विभागीय अफसरों ने सड़कों पर नाममात्र का लेपन कराया। फिर फर्जी ठेकेदारों के जरिए भुगतान दिखाया जा रहा है। इस खेल में विभागीय अफसरों का 50 प्रतिशत की हिस्सेदारी है।

सांसद भैरो प्रसाद मिश्र ने मुख्यमंत्री से गड्डामुक्त के लिए चुनी गई सभी सडकों पर हुए कार्य की जांच कराकर अफसरों से रिकवरी की मांग की है। बता दें कि उत्तर प्रदेश में सड़कों को गड्ढामुक्त करने की जिम्मेदारी लोकनिर्माण विभाग की है। यह विभाग उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के पास है।

हाशिमपुरा हत्याकांड: 40 मुसलमानों के नरसंहार में शामिल पीएसी जवानों के नामों का पहली बार खुलासा

उत्तर प्रदेश में मेरठ के हाशिमपुरा में 2 मई 1987 को 40 मुस्लिम युवकों की हत्याकांड के 30 साल बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को पहली बार सुबूत के तौर पर एक केस डायरी पेश की है। जिसमें आरोपी पी ए सी कर्मियों के नाम दर्ज हैं। पी ए सी कर्मियों पर 40 मुस्लिमों की हत्या का आरोप है। 78 वर्षीय गवाह रणबीर सिंह बिश्नोई की ओर से तैयार केस डायरी में कथित रूप से आरोपी पुलिसकर्मियों के नाम शामिल हैं।

2015 में इन आरोपी पी ए सी कर्मियों को सुनवाई के दौरान अदालत ने बरी कर दिया था। बिश्नोई मंगलवार(27 मार्च) को तीस हजारी कोर्ट के सेशन कोर्ट में हाजिर हुए और केस डायरी सौंपा।

इस केस डायरी में मेरठ पुलिस लाइंस में 1987 में तैनात पी ए सी कर्मियों के नाम दर्ज हैं। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के बाद केस डायरी को साक्ष्य के तौर पर पेश किया गया। डायरी के कुल पांच पन्ने सुबूत के तौर पर पेश किए गए।

बता दें कि मार्च 2015 में सेशन कोर्ट ने आरोपी 16 पी ए सी कर्मियों को सुबूत के अभाव में बरी कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि यह तो साबित होता है कि हाशिमपुरा मुहल्ले के 40 से 45 लोगों का पी ए सी के ट्रक से अपहरण किया गया और उन्हें मारकर गंग नहर, मुराद नगर और हिंडन नदी में फेंक दिया गया। मगर यह साबित नहीं हुआ कि मारने वाले पी ए सी कर्मी ही थे।

कोर्ट में बिश्नोई ने कुल 17 पी ए सी कर्मियों के नाम लिए। जिसमें प्लाटून कमांडर सुरेंद्र पाल सिंह, हेड कांस्टेबल निरंजन लाल, कमल सिंह, श्रवण कुमार, कुश कुमार, एस सी शर्मा, कांस्टेबल ओम प्रकाश, शमी उल्लाह, जय पाल, महेश प्रसाद, राम ध्यान, लीलाधर, हमबीर सिंह, कुंवर पाल, बुद्ध सिंह, बसंत, बल्लभ, नाइक रामबीर सिंह।

यह सुबूत ऐसे वक्त पर आए हैं, जब ट्रायल कोर्ट की ओर से आरोपियों को बरी करने के फैसले को दिल्ली हाई कोर्ट में मई 2015 में चुनौदी दी जा चुकी है। बता दें कि बिश्नोई ने ही चार्जशीट तैयार की थी। उन्होंने कोर्ट में कहा कि मैने सभी दस्तावेजों की जांच कर ही चार्जशीट दायर की थी। घटना के दिन 22 मई 1987 की जी डी की प्रति से पुलिस लाइंस में तैनात पी ए सी कर्मियों के नाम का पता चला।

गोरखपुर उपचुनाव: सीएम योगी आदित्यनाथ के बूथ पर सिर्फ 43 वोट मिले

पिछले तीन दशकों से भाजपा के खाते में रही गोरखपुर सीट पर इस बार समाजवादी पार्टी ने जीत का परचम लहराया है। गोरखपुर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी प्रवीण निषाद ने भाजपा के प्रत्याशी उपेंद्र दत्त शुक्ला को 21,881 वोटों से हरा दिया। प्रवीण निषाद को जहां 4,56,513 वोट मिले, वहीं भाजपा प्रत्याशी 4,34,632 वोट ही हासिल कर सके।

खास बात ये रही कि जिस बूथ पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वोट डाला था, उस बूथ पर पड़े कुल 1775 वोटों में से भाजपा को सिर्फ 43 वोट ही मिल सके। उपचुनाव में सपा को बसपा समेत कई दलों से गठबंधन का जबरदस्त फायदा मिला। मुस्लिम, यादव, दलित और निषादों के वोट पार्टी को अच्छी-खासी तादाद में मिले। वहीं, कांग्रेस अभी भी राज्य में अपने जनाधार के लिए संघर्ष करती दिखी। यही वजह है कि कांग्रेस की प्रत्याशी डॉ. सुरहीता करीम को सिर्फ 18,844 वोट ही मिल सके और उनकी जमानत जब्त हो गई।

चुनावी मतगणना के दौरान थोड़ा विवाद भी हुआ, जब पांच राउंड की मतगणना पूरी होने के बाद सिर्फ एक राउंड का नतीजा घोषित किया गया। सपा प्रत्याशी ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी पर चुनाव में धांधली का भी आरोप लगाया। इसके बाद धरना-प्रदर्शन भी हुआ, हालांकि बाद में स्थिति संभल गई। चुनाव आयोग ने भी निर्वाचन अधिकारी से सवाल-जवाब किए हैं। वहीं, भाजपा की हार के कारणों की बात करें तो भाजपा अति आत्मविश्वास का शिकार हो गई, जिसका उसे खामियाजा भुगतना पड़ा।

उल्लेखनीय है कि शहरी वोटरों को भाजपा समर्थक माना जाता है। लेकिन इन उपचुनावों में शहरों में वोट बेहद कम पड़े। भाजपा नेता सिर्फ कार्यालयों में बैठकर ही चुनाव की समीक्षा करते रहे और वोटरों को बूथ तक लाने में नाकाम रहे। इसी का खामियाजा भाजपा को चुनाव नतीजों में उठाना पड़ा। इसके अलावा भाजपा योगी मैजिक के भरोसे ही बैठी रही, जिससे कार्यकर्ता जमीन पर उतरकर सरकार के कामों को लोगों को समझाने में नाकाम रहे। हालांकि, योगी आदित्यनाथ ने इन चुनावों में 16 कार्यकर्ता सम्मेलन और जनसभाएं की थीं, लेकिन कार्यकर्ताओं में उत्साह की कमी शायद योगी की मेहनत पर भारी पड़ी।

उत्तर प्रदेश उपचुनाव नतीजे 2018 : गोरखपुर, फूलपुर सीटों पर समाजवादी पार्टी की शानदार जीत, बीजेपी हारी

उत्तर प्रदेश की फूलपुर और गोरखपुर लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में समीकरण बदल गया है। बुधवार को हुई मतगणना में समाजवादी पार्टी ने फूलपुर लोकसभा सीट और गोरखपुर लोकसभा सीट पर जीत हासिल कर ली है।

फूलपुर में समाजवादी पार्टी प्रत्याशी नागेंद्र सिंह पटेल बीजेपी प्रत्याशी कौशलेंद्र सिंह पटेल को 59,613 वोटों से हराने में कामयाब रहे।

वहीं गोरखपुर में भी समाजवादी पार्टी उम्मीदवार प्रवीण निषाद ने बीजेपी प्रत्याशी उपेंद्र दत्त शुक्ला को 21,000 वोटों से हराया।

गोरखपुर सीट पर पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और फूलपूर पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का कब्जा था।

बता दें कि इन चुनावों में समाजवादी पार्टी को बीएसपी ने समर्थन दिया था।

उत्तर प्रदेश: फूलपुर उपचुनाव नतीजे 2018 लाइव : समाजवादी पार्टी ने फूलपुर सीट पर जीत हासिल की, बीजेपी की करारी हार

उत्तर प्रदेश की फूलपुर और गोरखपुर लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में समीकरण बदलते हुए दिखाई दे रहे हैं। बुधवार को हो रही मतगणना में समाजवादी पार्टी ने फूलपुर सीट पर जीत हासिल कर ली है। समाजवादी पार्टी प्रत्याशी नागेंद्र सिंह पटेल बीजेपी प्रत्याशी कौशलेंद्र सिंह पटेल को 59,613 वोटों से हराने में कामयाब रहे।

वहीं गोरखपुर में भी समाजवादी पार्टी जीत के करीब है। गोरखपुर सीट पर पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और फूलपूर पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का कब्जा था।

गोरखपुर से समाजवादी पार्टी उम्मीदवार प्रवीण निषाद अपने करीबी प्रतिद्वंदी और भाजपा उम्मीदवार उपेंद्र दत्त शुक्ला से 22,954 मतों से आगे चल रहे हैं। भाजपा इस सीट पर सात बार कब्जा जमा चुकी है।

इससे पहले, जिला अधिकारी राजीव रौतेला ने मतगणना केंद्रों पर पत्रकारों के प्रवेश पर रोक लगा दी थी और पहले चरण के बाद वोटों की संख्या को जारी नहीं किया गया था। राजनीतिक दलों और मीडिया के विरोध के बाद रौतेला ने कई चरणों की गणना हो जाने के बाद उन्हें अंदर जाने की अनुमति दी।

उत्तर प्रदेश: गोरखपुर उपचुनाव परिणाम 2018 लाइव : 21 हजार वोटों से सपा आगे, 29 साल बाद हारेगी बीजेपी

उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को तगड़ा झटका देते हुए समाजवादी पार्टी ने बुधवार को गोरखपुर सीट पर हुए उपचुनाव में विजयी बढ़त बना ली है। गोरखपुर सीट उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सांसद पद से इस्तीफा देने के बाद खाली हुई थी। बहुजन समाज पार्टी ने अपनी कट्टर प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी को उपचुनाव में समर्थन का ऐलान किया था। सपा और बसपा का जनाधार भाजपा पर भारी पड़ता दिख रहा है। भाजपा दोनों ही लोकसभा क्षेत्रों में हार की तरफ बढ़ती हुई दिखाई दे रही है। यह संभावित हार मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के लिए एक बड़ा धक्का साबित होगी।

25 राउंड की मतगणना के बाद गोरखपुर में सपा के प्रवीण निषाद, भाजपा उम्मीदवार उपेंद्र दत्त शुक्ला से 22,954 वोटों से आगे चल रहे हैं। इस सीट पर लगातार पांच बार से आदित्यनाथ जीतते आ रहे थे। गोरखपुर में मात्र 42 फीसदी मतदान हुआ था। चुनावों के नतीजे शाम तक घोषित किए जाने की उम्मीद है। पार्टी को बढ़त बनाता देख सपा के कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाना शुरू कर दिया है। कार्यकर्ता एक-दूसरे को गुलाल लगाकर जश्न मना रहे हैं। कार्यकर्ता बुआ-भतीजा जिंदाबाद के नारे लगा रहे हैं।

उत्तर प्रदेश: रायबरेली के एनटीपीसी प्लांट में बॉयलर पाइप फटा, 10 मरे, 70 घायल

उत्तर प्रदेश के रायबरेली में बड़ा हादसा हुआ है। बुधवार शाम तकरीबन चार बजे यहां एनटीपीसी प्लांट में 500 मेगावॉट की यूनिट संख्या 6 के बॉयलर का पाइप फट गया।

इस हादसे में 10 लोगों की मौत हो गई। जबकि 70 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। घटना के दौरान अफरा-तफरी का माहौल बन गया था।

अधिकारियों के मुताबिक, मृतकों और घायलों की संख्या बढ़ भी सकती है। हादसे में ज्यादातर लोगों के जलने की बात सामने आई है। सभी को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सूचना पर सीआईएसएफ मौके पर पहुंची। जबकि पास के जनपद प्रतापगढ़ और जिले की दमकल की गाड़ियों और एंबुलेंस को राहत एवं बचाव कार्य के लिए बुलाया गया। फिलहाल इस बारे में एनटीपीसी प्रबंधन ने कुछ भी नहीं बताया है।

उत्तर प्रदेश के एडीजी (कानून और व्यवस्था) ने घटनास्थल से 10 शव बरामद करने और 60-70 लोगों के घायल होने की पुष्टि की है।

वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने हादसे के सिलसिले में सूबे के स्वास्थ्य मंत्री से बात की है। उन्होंने इसके अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव को हर संभव मदद मुहैया कराने का निर्देश जारी किया है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे के बाद राज्य के प्रमुख सचिव गृह को मौके पर पहुंचने का आदेश दिया है। उन्होंने इस बाबत ट्वीट भी किया और कहा कि घायलों का इलाज प्राथमिकता के लिहाज से लखनऊ स्थित पीजीआई में कराया जाए। राज्य सरकार ने मुआवजे के तौर पर मृतकों के परिवार वालों को दो लाख रुपए, गंभीर रूप से जख्मी हुए लोगों को 50 हजार रुपए और घायलों को 25 हजार रुपए देने का ऐलान किया है।

बसपा के पूर्व विधायक‎ जाकिर अली सपा में शामिल

गाजियावाद लोनी के पूर्व विधायक‎ जाकिर अली ने बसपा छोड़कर सपा की सदस्यता ली जिसका पूरा श्रेय समाजवादी पार्टी दिल्ली के युवजन सभा के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद निसार खान को जाता है।

समाजवादी पार्टी प्रदेश कार्यालय में बसपा के पूर्व विधायक जाकिर अली ने अपने हजारों समर्थकों के साथ  समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।

इस मौके पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय‎ अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, सांसद व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरनमय नंदा, समाजवादी पार्टी युवजन सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष विकास यादव, प्रमुख प्रवक्ता राजैन्द्र चौधरी, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सुरेन्द्र नागर, विधायक व ‎पूर्व कैबिनेट मंत्री महबूब अली, समाजवादी पार्टी दिल्ली युवजन सभा के प्रदेश अध्यक्ष और निर्देशक उत्तर प्रदेश सरकार मोहम्मद निसार खान मौजूद थे।

पूर्व विधायक जाकिर अली ने सपा की सदस्यता ग्रहण की, साथ ही, अपने पूरे समर्थकों के साथ सपा के पाले में हमेशा के लिये आने का ऐलान भी किया।

उत्तर प्रदेश: विदेशी लड़की से छेड़छाड़, विदेशी कपल को लाठी-डंडों से पीटा

फतेहपुर सीकरी में कुछ युवाओं द्वारा रविवार को लगभग एक घंटे तक स्विट्जरलैंड के एक जोड़े क्वेंटिन जेरेमी क्लेर्क और मैरी ड्रोक्स का पीछा करने, उन्हें प्रताड़ित करने और पत्थरों और डंडों से उन पर हमला करने की खबर सामने आई है।

मामला सुर्खियों में आने के बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है। 4 अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।

हमले के बाद पीड़ितों को आगरा के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया।

भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आगरा में स्विट्जरलैंड के एक जोड़े पर रविवार को हुए हमले के संबंध में गुरुवार को उत्तर प्रदेश सरकार से रिपोर्ट मांगी है।

सुषमा ने स्विट्जरलैंड के जोड़े पर हमले की खबर को साझा करते हुए ट्वीट कर कहा, ''मैंने इसे अभी देखा। मैने इस संबंध में राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है।''

सुषमा ने एक और ट्वीट कर कहा, ''मेरे मंत्रालय के अधिकारी अस्पताल में जाकर पीड़ित जोड़े से मिलेंगे।''

अधिकारियों ने दोपहर में जोड़े से मुलाकात की।

वहीं इस पूरी घटना पर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्‍यमंत्री व समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार को कटघरे में खड़ा किया गया है। अखिलेश ने कहा कि विदेशी पर्यटकों को सेल्फी लेने के लिए पीटा जा रहा है। उत्तर प्रदेश का एंटी रोमियो स्क्वॉड कहां है? वह गुरुवार को समाजवादी पार्टी के कार्यालय में पत्रकार वार्ता को सम्बोधित कर रहे थे।

अखिलेश ने कहा, ''एंटी रोमियो स्क्वॉड का क्या हुआ? एक विदेशी युगल को फतेहपुर सिकरी में सेल्फी लेने के लिए पीटा गया। उत्तर प्रदेश में अप्रत्याशित रूप से अपराध और लूट की घटनाओं में इजाफा हुआ है। कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है।''

टाइम्‍स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, 24 साल के क्‍वेंटिन जेरेमी क्‍लार्क अपनी गर्लफ्रेंड मैरी ड्रोज के साथ 30 सितंबर को भारत आए थे। उन्‍होंने बताया कि आगरा में एक दिन बिताने के बाद वे फतेहपुर सीकरी रेलवे स्‍टेशन के नजदीक खड़े थे, जब एक समूह ने उनका पीछा करना शुरू किया।

क्‍लार्क के अनुसार, ''शुरू में उन्‍होंने कुछ कहा, जो हमारी समझ में नहीं आया और फिर उन्‍होंने हमें रुकने को कहा ताकि वे मैरी के साथ सेल्‍फी ले सकें।''

शोषण जल्‍द ही हमले में बदल आया। दोनों की पिटाई की गई जिसमें क्‍लार्क के सिर में चोट आई है। डॉक्‍टर ने कहा कि उसके एक कान पर लगी चोट से सुनने की क्षमता प्रभावित हुई है। मैरी ड्रोज का हाथ भी टूट गया है और कई जगह चोट के निशान हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, घायल अवस्‍था में दोनों वहीं पड़े रहे। आस-पास खड़े लोग अपने मोबाइल फोन पर उनकी विडियो उतारते रहे।

भयावह अनुभव को याद करते हुए क्‍लार्क ने कहा, ''लड़के मना करने के बावजूद हमारे साथ चलते रहे। पूरे रास्‍ते वह तस्‍वीरें लेते रहे और मैरी के पास आने की कोशिश करते रहे। जो कुछ भी हम समझ सके, उसके अनुसार वे हमारे नाम और आगरा में हमारे रहने की जगह पूछ रहे थे। उन्‍होंने हमें किसी जगह ले जाने को कहा, जिसपर हमने मना कर दिया। कुछ देर बाद मेरे ऊपर लाठियां और पत्‍थर बरसने लगे। जब मैरी ड्रोज ने रोका तो उसे भी नहीं छोड़ा गया।

मैरी ड्रोज ने कहा कि पहले मुझे लगा कि वह एक महिला पर हमला नहीं करेंगे, मगर वह गलत निकलीं। उन्‍होंने कहा, ''मुझे नहीं पता उन्‍होंने क्यों हमला किया? वे हमारा कोई सामान नहीं ले गए।''

मैरी ड्रोज ने इस बात से भी इनकार किया कि वे दोनों 'किस' कर रहे थे। किसी एक स्‍थानीय पुलिसकर्मी ने 'भीड़ के गुस्‍से' के पीछे इसी को वजह बताने की कोशिश की थी, जिसे ड्रोज ने 'अफवाह' करार दिया।

मायावती ने हिंदू धर्म छोड़ने की धमकी दी

बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने हिंदू धर्म छोड़ने की धमकी दी है। उन्होंने कहा है कि वह शंकराचार्य, भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को हाशिए पर पड़े समाज के सुधार के लिए एक मौका देंगीं। अगर वे इसमें नाकाम रहे, तो फिर वह अंबेडकर के रास्ते पर चलेंगी।

उन्होंने इस दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भी तंज कसा। वह बोलीं कि वह (योगी) तो मंदिरों में पूजा से फुर्सत मिलने के बाद ही विकास पर ध्यान देंगे।

मंगलवार को मायावती उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में थीं। वह यहां रानी की सराय में आजमगढ़, वाराणसी और गोरखपुर के बसपा समर्थकों को संबोधित कर रही थीं।

उन्होंने कहा, ''धर्म बदलने से पहले मैं शंकराचार्यों, हिंदू धर्म से जुड़ी संस्थाओं और भाजपा-आरएसएस को एक मौका दूंगी, ताकि वे दलितों, आदिवासियों, पिछड़े वर्ग और धर्म बदलने वाले लोगों के खिलाफ समाज में जारी कुप्रथाएं और अत्याचार को खत्म करें। अगर वे इसमें नाकाम हुए, तो फिर मेरे पास अंबेडकर के रास्ते पर चलने के सिवाय और कोई रास्ता नहीं है।''

बसपा सुप्रीमो ने उत्तर प्रदेश के सीएम को उनकी कार्यप्रणाली को लेकर घेरा। आरोप लगाया कि योगी आदित्यनाथ कैबिनेट स्तर पर बैठकें और फैसले तो लेते हैं, मगर उनको अमल में लाने पर वह नाकामयाब साबित होते हैं। पूजा-पाठ से उन्हें फुर्सत मिले, तो वह उन फैसलों पर अमल के बारे में भी सोच सकते हैं। वह या तो गोरखनाथ मंदिर में नजर आते हैं या फिर अयोध्या, मथुरा, काशी और चित्रकूट में होते हैं। बाकी राज्यों के मंदिरों में भी जाते हैं। यही वजह है कि विकास का मुद्दा पीछे चला गया है। कानून-व्यवस्था की स्थिति भी ठीक नहीं है। वहीं, आपराधिक घटनाएं उनके शासन में समाजवादी पार्टी की सरकार से भी ज्यादा हुई हैं।

यही नहीं, मायावती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने नोटबंदी, जीएसटी और चुनाव से पहले किए गए वादों को पूरा नहीं करने के लिए मोदी की आलोचना की।