अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध

ईरान ने कहा, इसराइल के प्रति संयम रखने के लिए पश्चिमी देशों को ईरान की सराहना करनी चाहिए

ईरान ने कहा, इसराइल के प्रति संयम रखने के लिए पश्चिमी देशों को ईरान की सराहना करनी चाहिए

सोमवार, 15 अप्रैल 2024

ईरान ने कहा है कि इसराइल के प्रति संयम रखने के लिए पश्चिमी देशों को ईरान की सराहना करनी चाहिए।

ईरान के अधिकारियों ने यह बात एक अप्रैल 2024 को सीरिया की राजधानी दमिश्क में ईरान के वाणिज्यिक दूतावास पर हुए जानलेवा हमले के संदर्भ में कही। इसमें कुल 13 लोगों की मौत हुई थी जिसमें रिवॉल्यूशनरी गार्ड के कमांडर ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद रेज़ा ज़ाहेदी की मौत हुई और उनके डिप्टी भी मारे गए।

ईरान ने शनिवार, 13 अप्रैल 2024 की देर रात इसराइल की ओर करीब 300 ड्रोन और मिसाइल दागे।

हालांकि ईरान की तरफ़ से दागे गए अधिकतर हमलावर ड्रोन और मिसाइलों को इसराइल ने अमेरिका और ब्रिटेन की मदद से हवा में ही मार गिराया था।

ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनानी ने कहा, ''ईरान के ख़िलाफ़ आरोप लगाने की बजाए पश्चिमी देशों को खुद को ज़िम्मेदार ठहराना चाहिए। उन्होंने ग़ज़ा में इसराइल की ओर से छेड़े गए युद्ध और अपराधों पर क्या एक्शन लिया है इसका जवाब देना चाहिए।''

नासिर कनानी ने कहा, ''बीते महीनों में ईरान ने जो संयम दिखाया है उसकी पश्चिमी देशों को तारीफ करनी चाहिए।''

वहीं ईरान के करीब माने जाने वाले चीन और रूस ने दोनों ही देशों (ईरान और इसराइल) से संयम बरतने की अपील की है।

हालांकि रूस ने ईरान के हमले की आलोचना नहीं की है। वहीं चीन के विदेश मंत्रालय ने शांति बनाए रखने की अपील की है।

भारत के इसराइल और ईरान दोनों देशों से क़रीबी रिश्ते हैं। भारत ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है।

ईरान से तनाव के बीच भारत में इसराइल के राजदूत नाओर गिलोन ने क्या कहा?

ईरान से तनाव के बीच भारत में इसराइल के राजदूत नाओर गिलोन ने क्या कहा?

सोमवार, 15 अप्रैल 2024

भारत में इसराइल के राजदूत नाओर गिलोन ने कहा है कि वो उम्मीद करते हैं कि भारत पश्चिमी एशिया में ईरान की अस्थिरता पैदा करने की कोशिश को रोकने में मदद करेगा।

नाओर गिलोन ने भारत को इसराइल का दोस्त बताया।

नाओर गिलोन ने कहा, ''पश्चिम एशिया भारत के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि वहां लाखों भारतीय नागरिक काम कर रहे हैं। मुझे लगता है कि भारत ईरान को रोकने में अहम भूमिका निभाएगा। ईरान इस तरह का बर्ताव जारी नहीं रख सकता है।"

इसराइल और ईरान के बीच लगातार तनाव की स्थिति बनी हुई है।

सीरिया की राजधानी दमिश्क स्थित ईरानी वाणिज्य दूतावास पर एक अप्रैल 2024 को हमला हुआ था। इसमें ईरान के दो वरिष्ठ सैन्य कमांडरों की मौत हो गई थी। ईरान ने इस हमले के लिए इसराइल को जिम्मेदार ठहराया है।

इसराइल ने हालांकि इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।

ईरान ने शनिवार, 13 अप्रैल 2024 की देर रात इसराइल पर 300 से ज्यादा मिसाइल और ड्रोन दागे। ईरान ने इस हमले को ईरान के वाणिज्य दूतावास पर हुए इसराइल के हमले की जवाबी कार्रवाई बताया।

हालांकि ईरान की तरफ़ से दागे गए अधिकतर हमलावर ड्रोन और मिसाइलों को इसराइल ने अमेरिका और ब्रिटेन की मदद से हवा में ही मार गिराया था।

इस घटनाक्रम के बाद से इसराइल और ईरान के बीच तनाव बढ़ा हुआ है जिससे समूचे मध्य-पूर्व क्षेत्र में ख़तरा पैदा हो गया है।

भारत के इसराइल और ईरान दोनों देशों से क़रीबी रिश्ते हैं। भारत ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है।

इसराइल अगर ईरान पर जवाबी कार्रवाई करेगा तो अमेरिका उसमें साथ नहीं देगा: अमेरिका

इसराइल अगर ईरान पर जवाबी कार्रवाई करेगा तो अमेरिका उसमें साथ नहीं देगा: अमेरिका

सोमवार, 15 अप्रैल 2024

अमेरिका ने इसराइल को चेताया है कि अगर वह ईरान पर जवाबी कार्रवाई करेगा तो अमेरिका उसमें साथ नहीं देगा।

व्हाइट हाउस के वरिष्ठ अधिकारियों ने ये जानकारी दी है।

शनिवार, 13 अप्रैल 2024 की देर शाम ईरान ने इसराइल पर 300 से अधिक ड्रोन और मिसाइलें दाग़ी थीं।

ईरान का कहना है कि यह हमला 1 अप्रैल 2024 को सीरिया में ईरान के दूतावास पर इसराइल के हमले के जवाब में किया गया था।

ईरान की तरफ़ से दाग़े गए लगभग सभी हमलावर ड्रोन और मिसाइलों को इसराइल ने अपने सहयोगियों अमेरिका और ब्रिटेन के साथ मिलकर हवा में ही मार गिराया था।

अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक़ इस हमले के बाद इसराइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू से बात करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि इसराइल को अपनी प्रतिक्रिया में संयम से काम लेना चाहिए।

अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक़, राष्ट्रपति जो बाइडन ने नेतन्याहू से कहा है कि उन्हें ‘बहुत ध्यानपूर्वक और रणनीतिक तरीक़े से सोचना चाहिए'।

ये इसराइल पर अभी तक ईरान का पहला सीधा हमला था।

अमेरिका ने इसराइल पर हुए हमले के दौरान ईरान की तरफ़ से दाग़े गए क़रीब 80 ड्रोन और कम से कम छह बैलिस्टिक मिसाइलों को मार गिराने का दावा किया है।

भारत ने ईरान से एमएससी एरीज़ पर सवार चालक दल के 17 भारतीय सदस्यों को रिहा करने की मांग की

भारत ने ईरान से एमएससी एरीज़ पर सवार चालक दल के 17 भारतीय सदस्यों को रिहा करने की मांग की

सोमवार, 15 अप्रैल 2024

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ईरान के विदेश मंत्री आमिर अब्दुल्लाहियान से फ़ोन पर बात की है।

एस जयशंकर ने ये जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दी है।

एस जयशंकर ने बताया है कि इस बातचीत के दौरान उन्होंने ईरान के सामने मालवाहक जहाज़ एमएससी एरीज़ पर सवार चालक दल के 17 भारतीय सदस्यों को रिहा करने की मांग की है।

जयशंकर ने इस फ़ोन कॉल के दौरान क्षेत्र के ताज़ा हालात, तनाव को और न बढ़ाने के महत्व, सब्र से काम लेने और तनाव को कूटनीति के ज़रिए कम करने पर भी चर्चा की।

ईरान ने शनिवार, 13 अप्रैल 2024 को इसराइली अरबपति कारोबारी से जुड़े मालवाहक जाहज़ को अपने क़ब्ज़े में ले लिया था। इसके चालक दल में भारतीय नाविक सवार हैं।

ईरान ने शनिवार, 13 अप्रैल 2024 की देर रात इसराइल पर हवाई हमला कर दिया था। हालांकि ईरान की तरफ़ से दागे गए अधिकतर हमलावर ड्रोन और मिसाइलों को इसराइल ने अमेरिका और ब्रिटेन की मदद से हवा में ही मार गिराया था।

इस घटनाक्रम के बाद से इसराइल और ईरान के बीच तनाव बढ़ा हुआ है जिससे समूचे मध्य-पूर्व क्षेत्र में ख़तरा पैदा हो गया है।

भारत के इसराइल और ईरान दोनों देशों से क़रीबी रिश्ते हैं। भारत ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है।

ईरान ने अमेरिका सहित पड़ोसियों और सहयोगियों को इसराइल पर हमले के बारे में पहले ही जानकारी दे दी थी: ईरान के विदेश मंत्री

ईरान के इसराइल पर हमले के बाद भारत ने पश्चिमी एशिया की स्थिति पर चिंता ज़ाहिर की

रविवार, 14 अप्रैल 2024

पश्चिमी एशिया की स्थिति पर भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से प्रतिक्रिया जारी की गई है।

भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने पश्चिमी एशिया की स्थिति पर चिंता ज़ाहिर की है।

भारत के विदेश मंत्रालय ने जारी बयान में कहा गया, ''इसराइल और ईरान के बीच तनाव की वजह से इस क्षेत्र की शांति और सुरक्षा को खतरा है और हम इस बात को लेकर बेहद चिंतित हैं।''

''हम हिंसा से पीछे हटने और कूटनीति के ज़रिए समाधान निकालने की वकालत करते हैं।''

भारत के विदेश मंत्रालय के बयान में आगे कहा गया है, ''ताज़ा हालात पर नज़र बना कर रखी जा रही है और उस क्षेत्र में भारतीय समुदाय से संपर्क बना हुआ है। यहां शांति बने रहना बेहद ज़रूरी है।''

ईरान की ओर से रविवार, 14 अप्रैल 2024 की सुबह इसराइल पर ड्रोन और मिसाइल दागे गए हैं।

ईरान ने इसे एक अप्रैल 2024 को सीरिया में अपने वाणिज्य दूतावास पर हुए हमले की जवाबी कार्रवाई बताया है।

इसराइल ने हालांकि ईरान के वाणिज्य दूतावास पर हुए हमले की ज़िम्मेदारी नहीं ली है।

इसराइल पर ईरान का हमला: अमेरिका और ब्रिटेन कैसे इसराइल का साथ दे रहे हैं?

रविवार, 14 अप्रैल 2024

अमेरिका ने ईरान की ओर से रविवार, 14 अप्रैल 2024 की सुबह इसराइल पर दागे गए कई ड्रोन मार गिराए हैं।

इस बीच ब्रिटेन ने कहा कि उसकी रॉयल एयर फोर्स (आरएएफ) ज़रूरत के मुताबिक ड्रोनों को रोकेगी।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और इंग्लैंड के पीएम ऋषि सुनक ने ईरान के हमले की आलोचना की है।

जो बाइडन और ऋषि सुनक ने इसराइल का साथ देने की बात कही है।

ईरान ने एक अप्रैल 2024 को सीरिया में वाणिज्य दूतावास पर हुए हमले के लिए इसराइल को ही ज़िम्मेदार ठहराया है। इसी का बदला लेने के लिए ईरान की ओर से इसराइल पर हमला किया गया है।

हालांकि इसराइल ने सीरिया में ईरान के वाणिज्य दूतावास पर हमले की ज़िम्मेदारी नहीं ली है।

दो अमेरिकी अधिकारियों ने सीबीएस न्यूज़ को बताया कि अमेरिकी सेना ने ईरान के कई ड्रोन मार गिराए हैं। ये ड्रोन किस तरह के थे इस बारे में जानकारी सामने नहीं आई है।

ब्रिटेन के सुरक्षा मंत्रालय ने कहा है कि ईरान की ओर से हो रहे हमलों को रोकने के लिए अतिरिक्त लड़ाकू विमानों की तैनाती की गई है।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी कहा है कि उनका देश इसराइल के लोगों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।

इसराइल ने अमेरिका की मदद से ईरान की ओर से दागे गए सभी मिसाइल और ड्रोन मार गिराए: जो बाइडन

रविवार, 14 अप्रैल 2024

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने दावा किया है कि इसराइल ने अमेरिका की मदद से ईरान की ओर से दागे गए सभी मिसाइल और ड्रोन मार गिराए हैं।

बाइडन ने कहा, ''हमारी फोर्स के सैनिकों का शुक्रिया। हमने ईरान की ओर से दागे गए सभी मिसाइल और ड्रोन को मार गिराने में इसराइल की मदद की है।''

जो बाइडन ने कड़े शब्दों में ईरान के हमले की आलोचना की है और इसराइल को पूरा समर्थन देने का ऐलान किया है।

जो बाइडन ने कहा, ''इसराइल के नेताओं के साथ मेरी टीम लगातार संपर्क में बनी हुई है। हम अपने लोगों को बचाने के लिए हर एक ज़रूरी कदम उठाएंगे।''

रविवार, 14 अप्रैल 2024 की सुबह ईरान ने इसराइल पर मिसाइल और ड्रोन दागे थे।

अमेरिका और बाकी सहयोगियों के साथ मिलकर हम इसराइल के क्षेत्र को सुरक्षित रखने में कामयाब रहे हैं: इसराइल के रक्षा मंत्री

रविवार, 14 अप्रैल 2024

इसराइल के रक्षा मंत्री योआव गैलांट ने कहा है कि इसराइल के सुरक्षा क्षेत्र के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के साथ पूरी स्थिति का आकलन कर लिया गया है।

योआव गैलांट ने कहा, "अमेरिका और बाकी सहयोगियों के साथ मिलकर हम इसराइल के क्षेत्र को सुरक्षित रखने में कामयाब रहे हैं। बेहद ही मामूली नुकसान हुआ है।''

योआव गैलांट ने कहा, "लेकिन मामला अभी खत्म नहीं हुआ है। हम अलर्ट पर बने हुए हैं। आईडीएफ (इसराइली सेना) की ओर से निर्देश जारी कर दिए गए हैं। हमें हर स्थिति के लिए तैयार रहना होगा। हमने हमले को असफल कर दिया है और हम ऐसा करने में कामयाब रहे हैं।''

रविवार, 14 अप्रैल 2024 की सुबह ईरान की ओर से इसराइल पर मिसाइल और ड्रोन दागे गए।

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने दावा किया है कि अमेरिका की मदद से इसराइल 'लगभग सभी ड्रोन' और मिसाइल मार गिराने में कामयाब रहा है।

इसराइल पर ईरान का हमला: अब तक क्या-क्या हुआ?

रविवार, 14 अप्रैल 2024

ईरान के इसराइल पर ड्रोन और मिसाइल से हमले के बाद संयुक्त राष्ट्र के महासचिव की प्रतिक्रिया आई है।

सीरिया में ईरान के वाणिज्य दूतावास पर हमले के बाद इसे उसकी जवाबी कार्रवाई बताया जा रहा है।

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की है।

एंटोनियो गुटेरेस ने कहा, "मैं बार-बार इस बात पर ज़ोर दे रहा हूं कि न तो ये क्षेत्र और न ही दुनिया एक और युद्ध झेल सकता है।''

इसराइल के रक्षा मंत्री योआव गैलांट ने कहा कि ईरान के साथ संघर्ष 'अभी ख़त्म नहीं हुआ है'।

ईरान ने इसराइल पर पहली बार सीधा हमला किया है, जिसमें 300 से ज़्यादा ड्रोन और मिसाइल शामिल हैं।

ईरान ने कहा कि इस हमले ने 'उसके सभी उद्देश्यों' को पूरा किया है और ये हमला एक अप्रैल 2024 को सीरिया की राजधानी दमिश्क में उसके वाणिज्य दूतावास पर हमले की प्रतिक्रिया है। इसराइल ने न तो इस हमले की पुष्टि की और न ही इससे इनकार किया था।

इसराइल ने अपनी टिप्पणी में कहा था कि वो विदेशी मीडिया रिपोर्ट्स पर टिप्पणी नहीं करते हैं। हालांकि इसराइल ने सीरिया पर हाल के वर्षों में टार्गेटेड हमले करने की बात स्वीकार की थी।

ईरान के इसराइल पर मिसाइल और ड्रोन से हमले के बाद इसराइल के रक्षा मंत्री योआव गैलांट ने कहा कि ईरानी हमले में बड़ा नुक़सान नहीं हुआ है।

योआव गैलांट ने कहा कि देश 'हाई अलर्ट' पर है और किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार है।

ईरान ने कहा है कि अगर इसराइल कार्रवाई करता है तो वो फिर हमला करेगा। इसराइली डिफ़ेंस फ़ोर्सेज के पूर्व प्रवक्ता जोनाथन कोनरिक्स ने कहा कि ये नए मिड्ल ईस्ट का पहला दिन है।

ईरान ने अमेरिका सहित पड़ोसियों और सहयोगियों को इसराइल पर हमले के बारे में पहले ही जानकारी दे दी थी: ईरान के विदेश मंत्री

रविवार, 14 अप्रैल 2024

ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाह्यान ने बताया है कि ईरान ने अपने पड़ोसियों और सहयोगियों को इसराइल पर हमले के बारे में पहले ही जानकारी दे दी थी।

हुसैन अमीर-अब्दुल्लाह्यान ने कहा, "हमारे ऑपरेशन से क़रीब 72 घंटे पहले हमने अपने दोस्तों और इस क्षेत्र के पड़ोसियों को जानकारी दी थी कि ईरान की इसराइल के ख़िलाफ़ कार्रवाई निश्चित, अटल और वैध है।''

हुसैन अमीर-अब्दुल्लाह्यान ने कहा कि विदेशी राजनयिकों के साथ मुलाक़ात के दौरान ईरान ने अमेरिका को भी इसराइल के ख़िलाफ़ हमले के बारे में सूचना दी थी और बताया था कि ये 'सीमित' हमला होगा और इसका उद्देश्य आत्मरक्षा है।

इसराइल अमेरिका की मदद से ईरान के हमले के बारे में तैयारी कर चुका था। उसे पहले से इसकी जानकारी मिली थी और इसराइल और अमेरिका के उन्नत रक्षा सिस्टम पहले से ही इसके लिए तैनात थे।  

ईरान के हमले से इसराइल अपनी सुरक्षा करने में इसलिए कामयाब हुआ क्योंकि ईरान ने अमेरिका को भी इसराइल के ख़िलाफ़ हमले के बारे में सूचना दी थी और बताया था कि ये 'सीमित' हमला होगा और इसका उद्देश्य आत्मरक्षा है।

इसराइल पर ईरान का हमला एक व्यापक युद्ध की शक्ल नहीं लेगा: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन

रविवार, 14 अप्रैल 2024

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन का कहना है कि उन्हें विश्वास है कि इसराइल पर ईरान का हमला एक व्यापक युद्ध की शक्ल नहीं लेगा।

एक कार्यक्रम में अमेरिका के नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के प्रवक्ता जॉन किर्बी से इसराइल पर ईरान के हमले के युद्ध में बदल जाने के बारे में सवाल किया गया था।

इस पर जॉन किर्बी ने कहा, "राष्ट्रपति (अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन) को ये विश्वास है कि ये उस दिशा में नहीं बढ़ेगा।''

जॉन किर्बी ने बताया कि बाइडन जी7 की बैठक बुलाकर 'कूटनीतिक पक्ष' की तरफ़ देख रहे हैं। जॉन किर्बी ने कहा, "कल (रविवार, 14 अप्रैल 2024) रात इसराइल ने आत्मरक्षा के लिए जो किया, वो अद्भुत है। उनकी सैन्य क्षमता ग़जब है। इसकी वजह से बहुत कम नुक़सान हुआ।''

किर्बी ने कहा कि राष्ट्रपति (अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन) बेहद स्पष्ट हैं। ये मामला आगे नहीं बढ़ेगा। आने वाले घंटे और दिन हमें इस बारे में बताएंगे।

ईरान के हमले से इसराइल अपनी सुरक्षा करने में इसलिए कामयाब हुआ क्योंकि ईरान ने अमेरिका को भी इसराइल के ख़िलाफ़ हमले के बारे में सूचना दी थी और बताया था कि ये 'सीमित' हमला होगा और इसका उद्देश्य आत्मरक्षा है।

ईरान से अपने हिसाब से उपयुक्त समय पर इस हमले की क़ीमत वसूलेंगे: इसराइल  

रविवार, 14 अप्रैल 2024

इसराइल ने ईरान के हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि वो सही समय पर ईरान से 'इसकी क़ीमत' वसूलेगा।

इसराइल के वॉर कैबिनेट मंत्री बेनी गांट्ज़ ने कैबिनेट की बैठक शुरू होने से पहले कहा कि हम क्षेत्रीय स्तर पर एक गठजोड़ बनाएंगे और ईरान से अपने हिसाब से उपयुक्त समय पर इस हमले की क़ीमत वसूलेंगे।

बेनी गांट्ज़ ने ये भी बताया कि उनकी जर्मनी के विदेश मंत्री ऐनालिना बारबॉक से बातचीत हुई है और उन्होंने वैश्विक स्तर पर एकजुटता की बात कही है।

इसराइली सेना ने रविवार, 14 अप्रैल 2024 को बताया कि ईरान ने 300 से अधिक ड्रोन और मिसाइलें इसराइल पर दाग़ीं हैं।

एक अप्रैल 2024 को सीरिया में ईरान के वाणिज्य दूतावास पर हमला हुआ था, जिसमें रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के कई अधिकारी मारे गए थे। ईरान ने इसके लिए इसराइल को ज़िम्मेदार ठहराया था और जवाबी कार्रवाई की बात कही थी।

ईरान ने ड्रोन और मिसाइल से इसराइल पर हमला शुरू किया

ईरान ने ड्रोन और मिसाइल से इसराइल पर हमला शुरू किया  

रविवार, 14 अप्रैल 2024

ईरान ने बड़े पैमाने पर इसराइल पर ड्रोन और मिसाइलों से हमले शुरू  किए हैं। सीरिया में ईरान के वाणिज्य दूतावास पर इसराइल के हमले के बाद इसे उसकी जवाबी कार्रवाई बताया जा रहा है।

ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशन गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) ने कहा है कि ‘ख़ास लक्ष्यों’ को निशाना बनाने के मक़सद से हमला किया गया है।

वहीं इसराइली सेना के सूत्रों ने कहा है कि 100 से ज़्यादा ड्रोन छोड़े गए हैं। सीबीएस न्यूज़ के मुताबिक़, अमेरिका ने कुछ ड्रोन को मार गिराया है।

इसराइली डिफ़ेंस फोर्सेज़ (आईडीएफ़) का कहना है कि ‘जहां भी ज़रूरत है वहां उन ख़तरों को रोका जा रहा है।' इसराइल के प्रधानमंत्री ने वॉर कैबिनेट की बैठक बुलाई है।

ईरान के हमले के बाद इसराइल में सायरन की आवाज़ें सुनाई दे रही हैं और यरूशलम में भारी धमाके की आवाज़ सुनने को मिला है क्योंकि शहर में इसराइल के एयर डिफ़ेंस सिस्टम्स ने कई चीज़ों को गिराया है।

ये अभी तक साफ़ नहीं है कि क्या इसराइल में अभी तक कोई ड्रोन पहुंचा है या नहीं। ईरान इसराइल से 1,800 किलोमीटर दूर है। वहीं अमेरिका ने नहीं बताया है कि उसने ड्रोन कहां गिराए हैं।

इसराइल, लेबनान और इराक़ ने अपने एयरस्पेस को बंद कर दिया है और सीरिया और जॉर्डन ने अपने एयर डिफ़ेंस सिस्टम को अलर्ट पर रख दिया है।

1 अप्रैल 2024 को सीरिया में ईरान के वाणिज्य दूतावास पर इसराइल के हमले के बाद ईरान ने बदला लेने की बात कही थी। इस हमले में ईरान के एक टॉप कमांडर समेत सात सैन्य अफ़सरों की मौत हुई थी।

ईरान ने इस हमले के लिए इसराइल को ज़िम्मेदार ठहराया था वहीं इसराइल ने इस हमले की न ही पुष्टि की थी और न ही इसे ख़ारिज किया था।

आईडीएफ़ के प्रवक्ता रियर एडमिरल डेनियल हगारी ने कहा है, ''ईरान ने ईरानी ज़मीन से इसराइली राष्ट्र पर सीधे हमले शुरू किए हैं।''

"इसराइल की ओर आ रहे ईरान के किलर ड्रोन्स को हम नज़दीकी से देख रहे हैं जिन्हें ईरान भेज रहा है। ये बेहद गंभीर और ख़तरनाक बढ़ोतरी है।''

डेनियल हगारी ने कहा है कि इसराइल के वायु सेना के विमान हवा में किसी भी तरह के ख़तरे का सामना करने के लिए तैयार हैं।

ईरान के ड्रोन छोड़े जाने के बाद इसराइली प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने कहा है कि देश के डिफ़ेंस सिस्टम्स को काम पर लगा दिया गया है।

"हम किसी भी तरह की स्थिति के लिए तैयार हैं चाहे रक्षात्मक हो या आक्रामक। इसराइल राष्ट्र मज़बूत है। आईडीएफ़ मज़बूत है। जनता मज़बूत है।''

नेतन्याहू ने कहा कि हमारा साथ देने के लिए अमेरिका के साथ-साथ वे ब्रिटेन, फ्रांस और कई अन्य देशों की सराहना करते हैं।

इस हफ्ते की शुरुआत में इसराइल के रक्षा और विदेश मंत्रियों ने चेतावनी दी थी कि अगर ईरान ने इज़राइल पर हमला किया, तो वह ईरान के अंदर जवाबी हमला करेगा।

ईरानी हमले की खबर आने के बाद, अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता एड्रिएन वॉटसन ने कहा कि राष्ट्रपति बाइडन इसराइल की सुरक्षा करने के लिए दृढ़ हैं।

एड्रिएन वॉटसन ने कहा, "अमेरिका इसराइल के लोगों के साथ खड़ा रहेगा और ईरान के इन खतरों के खिलाफ उनकी रक्षा करेगा।''

"राष्ट्रपति बिडेन स्पष्ट रहे हैं। इज़राइल की सुरक्षा के लिए हमारा समर्थन दृढ़ है।"

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने ईरान के हमलों की निंदा की है और वादा किया है कि वह इसराइल और अपने सभी क्षेत्रीय भागीदारों की सुरक्षा के लिए खड़ा रहेगा।

ईरानी सेना की सबसे शक्तिशाली ब्रांच आईआरसीजी का कहना है कि उसने यह हमला इसराइल के बार-बार किए गए अपराधों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई के तौर पर किया है, जिसमें सीरिया की राजधानी दमिश्क में ईरान के वाणिज्य दूतावास पर हमला भी शामिल है।

ईरान ने इसराइल पर हमले को "ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस" का नाम दिया

रविवार, 14 अप्रैल 2024

ईरानी सेना की ओर से बयान जारी कर कहा गया है कि इसराइल के "लगातार अपराधों" के खिलाफ हमला किया गया है।

ईरान ने एक अप्रैल 2024 को सीरिया में वाणिज्य दूतावास पर हुए हमले के लिए भी इसराइल को ही ज़िम्मेदार ठहराया है।

ईरान की ओर से जारी सेना के बयान में हमले को "ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस" का नाम दिया गया है।

बयान में हमला किस तरह का है इस बारे में जानकारी नहीं दी गई है।

अभी तक जो पता चला है। उसके अनुसार ईरान की एयरफोर्स ने इसराइल की ओर दर्जनों मिसाइल और ड्रोन छोड़े हैं।

1 अप्रैल 2024 को सीरिया की राजधानी दमिश्क में ईरान के वाणिज्य दूतावास पर हमला हुआ था। इसके लिए ईरान ने इसराइल को ज़िम्मेदार ठहराया था।

इसराइल ने इस हमले की सीधे तौर पर ज़िम्मेदारी नहीं ली है।

इस हमले में एक वरिष्ठ ईरानी कमांडर समेत 13 लोगों की मौत हो गई थी।

मरने वालों में ईरान की एलीट कुद्स फोर्स के कमांडर ब्रिगेडियर-जनरल मोहम्मद रेज़ा ज़ाहेदी और उनके डिप्टी ब्रिगेडियर-जनरल मोहम्मद हादी हाजी-रहीमी का नाम शामिल है।

ईरान ने हालांकि साफ कर दिया था कि वो इस हमले का बदला ज़रूर लेगा।

इसराइल पर ईरान के हमले को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने क्या कहा?

रविवार, 14 अप्रैल 2024

ईरान के इसराइल पर किए गए हमलों के मद्देनज़र अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने व्हाइट हाउस में मीटिंग की है।

व्हाइट हाउस ने कहा कि अगले कुछ घंटों में ईरान इसराइल पर और ज़्यादा हवाई हमले कर सकता है।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ''ईरान के खतरों के खिलाफ हम इसराइल की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं और हम उसके लिए मजबूती के साथ खड़े हैं।''

राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की प्रवक्ता एड्रिएन वॉटसन ने कहा, ''राष्ट्रपति जो बाइडन को सारी स्थिति के बारे में राष्ट्रीय सुरक्षा टीम की ओर से लगातार अपडेट किया जा रहा है।''

एड्रिएन वॉटसन ने कहा, ''उनकी टीम इसराइल के अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में बनी हुई है। दूसरे सहयोगियों के साथ भी संपर्क बना हुआ है।''

"जो बाइडन का मैसेज बिल्कुल साफ है कि इसराइल की सुरक्षा के लिए हम पूरा समर्थन देंगे। इसराइल के लोगों के लिए अमेरिका खड़ा होगा और ईरान के खतरों के खिलाफ इसराइल की सुरक्षा में पूरा सहयोग दिया जाएगा।"

कच्छतीवु द्वीप पर पीएम मोदी का बयान: कांग्रेस ने विदेश मंत्री जयशंकर के रुख़ पर उठाए कई सवाल

कच्छतीवु द्वीप पर पीएम मोदी का बयान: कांग्रेस ने विदेश मंत्री जयशंकर के रुख़ पर उठाए कई सवाल

सोमवार, 1 अप्रैल 2024

कच्छतीवु द्वीप को 1974 में श्रीलंका को सौंपने के भारत सरकार के फ़ैसले पर दाख़िल एक आरटीआई आवेदन का जवाब आने के बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है।

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार, 31 मार्च 2024 को इस द्वीप के श्रीलंका के पास चले जाने के मामले को उठाते हुए तत्कालीन कांग्रेस सरकार को ज़िम्मेदार बताया था।

इसके बाद सोमवार, 1 अप्रैल 2024 को कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेताओं जयराम रमेश और पी चिदंबरम ने मोदी सरकार की नीयत पर सवाल उठाए।

इन नेताओं ने मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान 2015 में इस बारे में दाख़िल एक अन्य आरटीआई आवेदन के जवाब का ज़िक्र किया।

जयराम रमेश ने जयशंकर को घेरा

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने 2015 में भारत के विदेश सचिव रहे और अब भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर को घेरा।

जयराम रमेश ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा, "मौजूदा विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर, क्या 27 जनवरी 2015 को विदेश मंत्रालय के जवाब को नकार रहे हैं, जब वही विदेश सचिव थे?"

जयराम रमेश ने बताया, "2015 में कच्छतीवु पर एक आरटीआई सवाल के जवाब में विदेश मंत्रालय ने कहा था कि इस (समझौते) में भारत से संबंधित क्षेत्र का अधिग्रहण करने या उसे छोड़ने का मामला नहीं था, क्योंकि जिस इलाक़े को लेकर सवाल थे, उसका सीमांकन कभी हुआ ही नहीं था। समझौते के तहत, कच्छतीवु द्वीप भारत और श्रीलंका की अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा के श्रीलंका के हिस्से में स्थित है। किसी राजनीतिक अभियान में बलि का बकरा खोजना सबसे आसान है। वो कौन होगा?''

चिदंबरम ने भी उठाए सवाल

भारत के पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम ने भी 2015 के उसी आरटीआई रिप्लाई का सहारा लेकर भारत के विदेश मंत्री जयशंकर पर सवाल खड़े किए हैं।

पी चिदंबरम ने अपने ट्वीट में लिखा, "उस रिप्लाई में उन हालात का ज़िक्र करते हुए भारत ने स्वीकार किया कि एक छोटा द्वीप श्रीलंका का है। विदेश मंत्री (जयशंकर) और उनका मंत्रालय अब कलाबाज़ी क्यों कर रहे हैं? लोग कितनी जल्दी रंग बदल लेते हैं। एक सौम्य उदार आईएफएस अधिकारी से एक चतुर विदेश सचिव और फिर आरएसएस-बीजेपी के माउथपीस बनने तक, जयशंकर का जीवन कलाबाज़ी के इतिहास में दर्ज किया जाएगा।''

कच्छतीवु मामले में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने क्या कहा?

सोमवार, 1 अप्रैल 2024

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार, 1 अप्रैल 2024 को कच्छतीवु मामले में कांग्रेस और डीएमके को निशाना बनाया।

एस जयशंकर ने कहा कि दोनों पार्टियां इस मुद्दे पर ऐसे बात कर रही हैं जैसे उनकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं है। उन्होंने कहा कि लोगों को ये जानने का अधिकार है कि कच्छतीवु द्वीप को दूसरे देश को कैसे दे दिया गया।

इस मुद्दे पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जयशंकर ने कहा, ''ये ऐसा मुद्दा नहीं है, जो आज अचानक उठा है। ये वो मसला है, जो संसद और तमिलनाडु में लगातार उठता रहा है, इस पर बहस हुई। मेरे रिकॉर्ड बताते हैं कि इस मसले पर मैंने 21 बार जवाब दिया है।''

एस जयशंकर ने कहा कि जनता को ये जानने का अधिकार है कि कच्छतीवु द्वीप को श्रीलंका को दे दिया गया और कैसे 1976 में भारतीय मछुआरों का मछली पकड़ने का अधिकार भी उसे दे दिया गया, जबकि संसद में ये गारंटी दी गई थी कि 1974 के समझौते में भारतीय मछुआरों के अधिकार सुरक्षित रखे गए हैं।

एस जयशंकर ने कहा कि भारत को श्रीलंका के अधिकारियों के साथ मिल कर इसका हल निकालना चाहिए।

एस जयशंकर ने कहा, ''पिछले 20 साल में 6184 भारतीय मछुआरों को श्रीलंका ने पकड़ा। भारत की मछली पकड़ने वाली 1175 नावें ज़ब्त कर ली गईं। ये वो बैकग्राउंड है जिसके बारे में हम बताना चाहते हैं।''

इसराइल में नेतन्याहू सरकार के ख़िलाफ़ हज़ारों लोग सड़कों पर उतरे

इसराइल में नेतन्याहू सरकार के ख़िलाफ़ हज़ारों लोग सड़कों पर उतरे

सोमवार, 1 अप्रैल 2024

इसराइल में एक बार फिर सरकार विरोधी हज़ारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर पड़े हैं।

7 अक्तूबर 2023 को हमास के हमले के बाद से इसराइल को सदमा लगा था और इसके बाद इसराइली जनता के बीच एकता देखने को मिली थी।

लेकिन छह महीने बाद इसराइल में एक बार फिर बिन्यामिन नेतन्याहू की सरकार के ख़िलाफ़ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो रहे हैं। हजारों लोग इसराइल में सड़कों पर उतरे हैं।

रविवार, 31 मार्च 2024 की रात यरुशलम में हज़ारों प्रदर्शनकारियों ने उत्तर-दक्षिण में शहर के सबसे बड़े हाइवे को रोक दिया था।

इस दौरान सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनकारियों पर वॉटर कैनन से बदबूदार पानी छोड़ा।

प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि नेतन्याहू तुरंत इस्तीफ़ा देकर चुनाव कराएं। साथ ही कइयों की मांग थी कि ग़ज़ा में बंधक 130 इसराइलियों की रिहाई के लिए जल्द से जल्द डील की जाए।

बंधक बनाए गए लोगों के परिजनों और दोस्तों को डर है कि बिना सौदे के अगर युद्ध लंबा खिंचता है तो अधिक बंधक मारे जाएंगे।

साल 2023 में इसराइल में ऐसे प्रदर्शन हुए थे जिसने सरकार को हिला दिया था। उस समय प्रदर्शन आयोजित करने वाले समूहों ने ही इस बार लोगों से इसराइल की संसद के बाहर जुटने की अपील की।

नेतन्याहू सरकार ग़ज़ा में युद्ध को लेकर बड़े पैमाने पर आलोचना झेल रही है। ग़ज़ा में चल रहे युद्ध में अब तक इसराइल के 600 सैनिक मारे जा चुके हैं।

हमास के सात अक्टूबर 2023 को किए गए हमले में 1200 इसराइली मारे गए थे और 250 लोगों को बंधक बनाया गया था।

इसके बाद से इसराइल के हमले में 32 हज़ार फलीस्तीन के लोग मारे गए हैं और 75 हज़ार फलीस्तीन के लोग घायल हुए हैं। ये आंकड़ा ग़ज़ा के हमास संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय का है।

ग़ज़ा के अल-शिफ़ा अस्पताल से इसराइली सैनिक बाहर आए, डब्लूएचओ ने कहा- 21 शव मिले

ग़ज़ा के अल-शिफ़ा अस्पताल से इसराइली सैनिक बाहर आए, डब्लूएचओ ने कहा- 21 शव मिले

सोमवार, 1 अप्रैल 2024

इसराइली सेना ग़ज़ा शहर के अल-शिफ़ा अस्पताल से बाहर आ गए हैं।  बीबीसी से बात करने वाले चश्मदीदों ने ये जानकारी दी।

दो सप्ताह पहले इसराइली सैनिकों ने अल-शिफ़ा में छापेमारी की थी और इसराइली सेना अल-शिफ़ा अस्पताल के भीतर थी।

इसराइली सेना का कहना था कि उसके पास ऐसी खुफ़िया जानकारी है जिसके अनुसार हमास इस अस्पताल को बेस की तरह इस्तेमाल कर रहा है। लेकिन अपनी बात को साबित करने के लिए इसराइली सेना ने कोई सबूत पेश नहीं किया था। और अब तक इस तरह का कोई सबूत नहीं मिला है जो इसराइली सेना के झूठे खुफ़िया जानकारी को साबित करता हो।

हालांकि बीबीसी ने भी इन रिपोर्टों की पुष्टि नहीं की है।

इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि पिछले दो हफ़्तों के दौरान अल-शिफ़ा अस्पताल में 21 लोगों की मौत हुई है।

इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने कहा था कि यहां 200 ''आतंकवादी'' मारे गए हैं। लेकिन अपनी बात को साबित करने के लिए प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने कोई सबूत पेश नहीं किया था।

सोमवार, 1 अप्रैल 2024 को अल-शिफ़ा अस्पताल से इसराइली सैनिकों की वापसी के बाद फ़लीस्तीनी मीडिया ने हमास संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के हवाले कहा था कि अस्पताल परिसर के आसपास दर्जनों शव मिले हैं।

अल-शिफ़ा अस्पताल पर पहली बार हमले के दौरान इसराइली प्रवक्ता डेनियल हगारी ने कहा था कि हमास के लोग एक बार फिर इस अस्पताल में इकट्ठा हो गए हैं।

हाल के कुछ हफ़्तों के दौरान अल-शिफ़ा अस्पताल के इर्द-गिर्द हमास के लड़ाकों और इसराइली सेना के बीच भारी लड़ाई की ख़बरें आई थीं।

फ़लस्तीनियों को उनके हक़ और मातृभूमि से वंचित रखा गया: भारत के विदेश मंत्री जयशंकर

फ़लस्तीनियों को उनके हक़ और मातृभूमि से वंचित रखा गया: भारत के विदेश मंत्री जयशंकर

गुरुवार, 28 मार्च 2024

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि इसराइल-फ़लस्तीन के बीच जारी संघर्ष में जो भी सही या ग़लत हो, तथ्य यही है कि फ़लस्तीनियों को उनके हक़ और मातृभूमि से वंचित रखा गया है।

एस जयशंकर ने कहा, ''सात अक्तूबर 2023 को जो हुआ वो एक 'आतंकवादी हमला' था, दूसरी ओर, निर्दोष नागरिकों की मौत को भी कोई बर्दाश्त नहीं करेगा। जवाबी कार्रवाई करने को आप सही ठहरा सकते हैं, लेकिन कार्रवाई का ये तरीक़ा नहीं हो सकता। जवाबी कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून के तहत ही की जानी चाहिए।''

जयशंकर ग़ज़ा में जारी इसारइली कार्रवाई की ओर इशारा कर रहे थे।  एस जयशंकर ने ये सारी बातें अपने मलेशिया दौरे के दौरान कही हैं।

भारत हमेशा से इसराइल-फ़लस्तीन विवाद को सुलझाने के लिए टू-नेशन समाधान का समर्थन करता रहा है। यानी कि फ़लस्तीनियों के लिए एक अलग संप्रभु मुल्क हो।

जयशंकर का ये बयान तब आया है, जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने ग़ज़ा में युद्धविराम का प्रस्ताव पास किया है। इस वजह से इसराइल अमेरिका से ख़फ़ा है।

भारत की मोदी सरकार की छवि इसराइल के दोस्त के रूप में है लेकिन भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर का बयान इसराइल को तीखा लग सकता है।