यूक्रेन पर रूसी हमले में 31 लोगों की मौत, बच्चों के अस्पताल पर भी हमला
सोमवार, 8 जुलाई 2024
यूक्रेन पर रूस के ताजा हमलों में 31 लोगों की मौत हो गई है और 150 से ज्यादा घायल हुए हैं। अकेले राजधानी कीएव में 17 लोग मारे गए है। इन 17 मौतों में से दो की मौत बच्चों के एक अस्पताल में हुई है। 11 मौतें नीप्रोपेत्रोवस्क में किए गए कई हमलों में हुई हैं। बाकी लोग कहां मारे गए इस बारे में कुछ भी पता नहीं है।
रूसी हमले की जद में ओहमेतिदयत अस्पताल भी आया है। हमले के वक़्त अस्पताल के बच्चों के वार्ड में 20 बच्चों का इलाज चल रहा था।
बच्चों के अस्पताल की जो तस्वीरें सामने आई हैं उसमें भारी नुकसान को देखा जा सकता है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदोमीर ज़ेलेंस्की पोलैंड के दौरे पर हैं। जहां उनके सुरक्षा समझौतों पर दस्तख़त करने की संभावनाएं हैं। ज़ेलेंस्की ने कहा कि कीएव और स्लोवियास्क समेत कई शहरों में अलग-अलग 40 मिसाइलों से हमले किए गए हैं।
इन हमलों में रिहाइशी इमारतें, भवन और बच्चों के अस्पतालों को नुक़सान हुआ है। पूरे कीएव शहर में धुएं का गुबार देखा जा सकता है।
वहीं सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए कई वीडियो में ओहमेतिदयत अस्पताल को हमले से हुए नुकसान को देखा जा सकता है।
ज़ेलेंस्की ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि लोग अस्पताल के मलबे के नीचे फंसे हुए थे। इस समय डॉक्टरों, नर्सों और आम लोग भी मलबे को हटाने की कोशिश कर रहे हैं।
नेतन्याहू युद्ध अपराधी हैं, इसराइल के पास 34,000 फ़लस्तीनियों को मारने का अधिकार नहीं: बर्नी सैंडर्स
रविवार, 2 जून 2024
अमेरिका के वरिष्ठ डेमोक्रेटिक नेता बर्नी सैंडर्स ने इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू को युद्ध अपराधी कहा है।
बर्नी सैंडर्स का कहना है कि नेतन्याहू को कांग्रेस के संयुक्त सत्र के लिए नहीं बुलाया जाना चाहिए था। बर्नी सैंडर्स ने कहा है कि वो कांग्रेस के संयुक्त सत्र में हिस्सा नहीं लेंगे।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बर्नी सैंडर्स ने एक थ्रेड पोस्ट किया है। बर्नी सैंडर्स ने कहा, "नेतन्याहू युद्ध अपराधी हैं और उन्हें कांग्रेस के संयुक्त सत्र के लिए नहीं बुलाया जाना चाहिए था। मैं इस सत्र में हिस्सा नहीं ले रहा हूं।''
बर्नी सैंडर्स ने कहा, "इसराइल के पास हमास के हमले के ख़िलाफ़ खुद को सुरक्षित रखने का अधिकार है, लेकिन इस अधिकार से आपको फ़लस्तीनियों के ख़िलाफ़ युद्ध छेड़ने की अनुमति नहीं मिल जाती है।''
बर्नी सैंडर्स ने कहा, "इसराइल के पास 34,000 फ़लस्तीनियों को मारने का अधिकार नहीं है। आप 19,000 बच्चों को नहीं मार सकते हैं। आपके पास ग़ज़ा की स्वास्थ्य व्यवस्था को बर्बाद करने का अधिकार नहीं है। आप 400 से ज्यादा स्वास्थ्य कर्मियों को नहीं मार सकते हैं।''
बर्नी सैंडर्स ने कहा, "इसराइल ग़ज़ा में मानवीय मदद को नहीं रोक सकता है। यह अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है। इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने नेतन्याहू और हमास के नेता याह्या सिनवार के ख़िलाफ़ अरेस्ट वारंट जारी किया है। इन दोनों ने अंतरराष्ट्रीय कानून को तोड़ा है।''
अमेरिकी कांग्रेस ने नेतन्याहू को संयुक्त सत्र में हिस्सा लेने का न्योता दिया है।
हमास संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक़ सात अक्टूबर 2023 के बाद से इसराइल के हमलों से 36,000 से ज्यादा फ़लस्तीनियों की मौत हो चुकी है।
एक राष्ट्र के रूप में फ़लस्तीन के अस्तित्व के बिना इसराइल नहीं रह सकता है: सऊदी अरब
इसराइल को फ़लस्तीन का अस्तित्व स्वीकार करना होगा: सऊदी अरब
मंगलवार, 28 मई 2024
रफ़ाह के शरणार्थी कैंप पर इसराइल के जानलेवा हमले के बाद दुनिया के कई देशों से प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं।
सऊदी अरब ने कहा है कि इसराइल को फ़लस्तीन का अस्तित्व स्वीकार करना होगा। सऊदी अरब के विदेश मंत्री फ़ैसल बिन फरहान ने मंगलवार, 28 मई 2024 को कहा कि एक राष्ट्र के रूप में फ़लस्तीन के अस्तित्व के बिना इसराइल नहीं रह सकता है।
सऊदी अरब के इस बयान को काफ़ी अहम माना जा रहा है।
रफ़ाह में हमले के बाद कई देशों में सड़कों पर लोग उतर आए हैं और इसराइल के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
इस्लामिक देशों के संगठन ऑर्गेनाइज़ेशन ऑफ़ इस्लामिक कोऑपरेशन यानी ओआईसी ने भी प्रतिक्रिया दी है।
इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने इसराइल को रफ़ाह में मिलिट्री ऑपरेशन रोकने आदेश दिया
शुक्रवार, 24 मई 2024
इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) ने इसराइल को ग़ज़ा के रफ़ाह में चलाए जा रहे सैन्य अभियान को रोकने का आदेश दिया है।
आईसीजे ने दक्षिण अफ्रीका की याचिका पर यह फ़ैसला सुनाया।
आईसीजे ने कहा है कि इसराइल को रफ़ाह में चलाए जा रहे सैन्य अभियान को तुरंत रोक देना चाहिए, इससे फ़लस्तीनियों को खतरा है।
आईसीजे ने इसराइल को शुक्रवार, 24 मई 2024 के फैसले पर उठाए जाने वाले कदमों को लेकर एक महीने के अंदर रिपोर्ट देने के लिए कहा है।
आईसीजे के फैसले की मुख्ये बातें:
- रफ़ाह में सैन्य अभियान बंद होना चाहिए।
- मानवीय सहायता के लिए मिस्र के साथ लगने वाली रफ़ाह की सीमाओं को खोला जाना चाहिए।
- इन बातों पर जो कदम उठाए जाएं उनकी रिपोर्ट एक महीने के अंदर जमा होनी चाहिए।
हाल के दिनों में इसराइल ने रफ़ाह में सैन्य अभियान को तेज किया है।
इसराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू हमास को मात देने के लिए रफ़ाह में चलाए जा रहे अभियान को जरूरी बता रहे हैं।
अमेरिका समेत कई मानवीय संगठन इस बात की आशंका जता चुके हैं कि इसराइल के रफ़ाह में चलाए जा रहे अभियान से हज़ारों फलस्तीनियों की जान को ख़तरा है।
फिलहाल रफ़ाह में 10 लाख से ज्यादा फलस्तीनियों ने शरण ले रखी है।
इराक़ की सेना ने बग़दाद के दक्षिणी हिस्से में एक ठिकाने पर बड़े विस्फोट का दावा किया
शनिवार, 20 अप्रैल 2024
इराक़ की सेना का कहना है कि बग़दाद के दक्षिणी हिस्से में एक ठिकाने पर हुए बड़े विस्फोट में ईरान समर्थक मिलिशिया के एक सदस्य की मौत हुई है और आठ अन्य लोग घायल हुए हैं।
इराक़ की सेना ने कहा है कि धमाके के वक्त या उससे पहले इस इलाके में कोई ड्रोन या लड़ाकू विमान नहीं देखा गया था। ईरान समर्थित गुट पॉपुलर मोबिलाइज़ेशन फ़ोर्सेज़ ने खुद कहा है कि ये विस्फोट एक हमले का नतीजा था।
ये विस्फोट ऐसे समय में हुआ है जब इसराइल और ईरान के बीच तनाव चरम पर है। शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024 को इसराइल ने ईरान के इस्फ़हान शहर पर हमला किया, जिसका अंदेशा पहले से था। इससे पहले शनिवार, 13 अप्रैल 2024 की रात को ईरान ने इसराइल पर 300 से अधिक ड्रोन और मिसाइलों से हमला किया था।
हालांकि, इसराइल ने दावा किया कि उसने अपने सहयोगियों अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जॉर्डन की मदद से इस हमले को विफल कर दिया। एक अप्रैल 2024 को सीरिया के दमिश्क में ईरानी वाणिज्य दूतावास पर हमला हुआ था जिसमें उसके कई शीर्ष कमांडरों की मौत हुई थी।
इसराइल ने इस हमले पर कोई सीधी टिप्पणी नहीं की, लेकिन ईरान ने इसराइल को ही इस हमले का ज़िम्मेदार ठहराया। इसके जवाब में ही ईरान ने इसराइल पर हमला किया था।
ईरानी विदेश मंत्री ने चेतावनी दी है कि अगर इसराइल ने उसके हितों पर हमले किए तो उनका देश त्वरित और ज़्यादा से ज़्यादा प्रतिक्रिया देगा।
इसराइल के हमले पर ईरान की मीडिया ने क्या कहा?
शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024
ईरान गुरुवार, 18 अप्रैल 2024 की रात इस्फ़हान पर हुए इसराइली हमले को कोई ख़ास अहमियत नहीं दे रहा है। ईरानी अधिकारियों ने कहा है कि इस्फ़हान पर कोई हमला नहीं हुआ है।
ईरान का कहना है कि कुछ ड्रोन थे जिन्हें मार गिराया गया। इसराइल ने हमले को लेकर कोई बयान नहीं दिया है।
लेकिन अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि ईरान पर इसराइल ने हमला किया है और इस विषय पर कई सवाल उठ रहे हैं। इस्फ़हान महत्वपूर्ण परमाणु और सैन्य-औद्योगिक सुविधाओं का एक सेंटर माना जाता है।
हालाँकि, नेशनल सेंटर ऑफ़ साइबरस्पेस और ईरान स्पेस एजेंसी के प्रवक्ता होसैन डेलिरियन ने एक्स पर इस बात से इनकार किया कि देश के बाहर से कोई सीधा मिसाइल हमला हुआ है।
होसैन डेलिरियन ने कहा, "इस्फ़हान या देश के अन्य हिस्सों पर सीमा के बाहर से कोई हवाई हमला नहीं हुआ है।''
होसैन डेलिरियन ने कहा कि इसराइल ने "केवल क्वाडकॉप्टर ड्रोन उड़ाने का एक असफल प्रयास किया था, और क्वाडकॉप्टर को भी मार गिराया गया है।''
ईरान इस हमले को कमतर बना कर पेश कर रहा है।
ईरान के सरकारी प्रसारक आईआरआईबी और देश के अंग्रेजी भाषा वाले चैनल प्रेस टीवी ने ब्रेकिंग न्यूज सेगमेंट, रेगुलर बुलेटिन और टिकर में इस घटना की रिपोर्ट की, लेकिन इसे डाउनप्ले किया गया।
आईआरआईबी के एक संवाददाता ने कहा, "कई ड्रोन को मार गिराया गया है।''
इस्फ़ान से आईआरआईबी पर लाइव कर रहे एक और संवाददाता ने कहा, "शहर में शांति का माहौल है। लोग अपने घरों से बाहर निकल रहे हैं।''
रिपोर्टर ने कहा कि रात भर आसमान में सुनाई देने वाली आवाजें संभवतः एयर डिफेंस सिस्टम की थीं जो इस्फ़हान के आसमान में कई मिनी ड्रोनों को निशाना बना रही थीं।
ईरान के दूसरे सरकारी प्रसारक आईआरआईबी2 ने सुबह इस्फ़हान से लगातार लाइव फ़ीड चलाया।
फ़ार्स न्यूज़ एजेंसी ने बताया कि शहर का परमाणु इंफ्रास्ट्रक्चर पूरी तरह सुरक्षित है।
ईरान के सशस्त्र बलों से जुड़े तस्नीम समाचार एजेंसी ने कई वीडियो में इस्फ़हान के वायु सेना अड्डे, हवाई अड्डे और परमाणु सुविधाओं को दिखाया जिसमें वहां शांति दिखायी जा रही थी।
तेहरान, इस्फ़हान, शिराज और पश्चिमी प्रांतों से उड़ानें अस्थायी रूप से निलंबित कर दी गई थी लेकिन फिर उन्हें थोड़ी देर बाद ही शुरू कर दिया गया।
इसराइल का ईरान पर हमला: अब तक क्या-क्या हुआ?
शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024
इसराइली हमले के बाद ईरान जाने वाली कुछ उड़ान सेवाओं को कुछ देर के लिए रोके जाने के बाद फिर से शुरू कर दिया गया है।
जर्मन विमान सेवा लुफ़्तांसा ने इसराइल और इराक़ के लिए शनिवार, 20 अप्रैल 2024 तक उड़ान सेवाएं रोक दी हैं।
भारत की एयर इंडिया ने भी 30 अप्रैल 2024 तक तेल अवीव जाने वाली सभी फ्लाइट रद्द कर दी है।
ऑस्ट्रियन एयरलाइंस ने तेल अवीव, इर्बिल (उत्तरी इराक़) अम्मान (जॉर्डन) के लिए सेवाएं स्थगित की हैं। दोनों ही उड़ान सेवाओं ने कहा है कि इस महीने के आख़िर तक (30 अप्रैल 2024) वे तेहरान और बेरूत के लिए सर्विस नहीं देंगी।
ईरान के इस्फ़हान शहर के एयर डिफेंस सिस्टम के कमांडर सियावश मिहानदूस्त ने सरकारी टेलीविजन को बताया है कि शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024 की सुबह हुए एक हमले को नाकाम कर दिया गया है।
सियावश मिहानदूस्त ने कहा कि इस्फ़हान में शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024 की सुबह जो आवाज़ें सुनी गई थीं, वो कोई धमाका नहीं था।
इसराइल की ताज़ा कार्रवाई के बाद रूस ने कहा है कि वो तेल अवीव और तेहरान दोनों ही के संपर्क में है।
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोफ़ ने कहा कि रूस ने इसराइल को स्पष्ट कर दिया है कि ईरान इस मुद्दे को अब और नहीं बढ़ाना चाहता है।
इसराइल के पड़ोसी देश जॉर्डन ने 'क्षेत्रीय तनाव के ख़तरे' को लेकर आगाह किया है।
जॉर्डन ने ईरान और इसराइल की एक दूसरे के ख़िलाफ़ की गई कार्रवाई को ख़त्म करने की भी अपील की है।
उधर, पेरिस में पुलिस ने ईरानी दूतावास में दाखिल होने वाले एक शख़्स को गिरफ़्तार किया है।
फ्रांसीसी मीडिया ने एक प्रत्यक्षदर्शी के हवाले से बताया है कि एक संदिग्ध व्यक्ति ईरानी दूतावास में घुस रहा था।
प्रत्यक्षदर्शी का कहना था कि संदिग्ध व्यक्ति के हाथ में ग्रेनेड या कोई विस्फोटक था।
ईरानी सेना के प्रमुख मेजर जनरल सैयद अब्दुलरहीम मुसावी ने इस्फ़हान के धमाके पर ईरानी टीवी को इंटरव्यू दिया है।
मेजर जनरल सैयद अब्दुलरहीम मुसावी ने कहा कि धमाकों की आवाज़ दरअसल एंटी एयरक्राफ्ट डिफेंस सिस्टम से निकली थी जो किसी संदिग्ध चीज़ को देखने के बाद सक्रिय हुई थी।
मेजर जनरल सैयद अब्दुलरहीम मुसावी ने आम लोगों को भरोसा दिलाया कि कोई नुक़सान नहीं हुआ है।
अमेरिका ने भी कहा है कि वो तनाव को कम करने के लिए काम कर रहा है।
ईरान पर इसराइल के हमले को लेकर अमेरिकी विदेश मंत्री ने क्या कहा?
शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024
दो अमेरिकी अधिकारियों ने दावा किया है कि ईरान के इस्फ़हान में गुरुवार, 18 अप्रैल 2024 की रात में इसराइली मिसाइल से हमला हुआ।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ईरान पर हुए इस मिसाइल हमले पर कोई भी बयान देने से कतरा रहे हैं।
उनसे पत्रकारों ने शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024 को पूछा कि इसराइली और ईरानी प्रतिक्रियाएँ नपी-तुली लगती हैं, क्या इसका मतलब ये है कि एक बड़ा टकराव टल गया है?
एंटनी ब्लिंकन से ये भी पूछा गया कि रफ़ाह को लेकर अमेरिका का क्या रुख है?
इन सवालों के जवाब में एंटनी ब्लिंकन ने कहा, "उनका फोकस तनाव कम करने और सभी संबंधित पक्षों से संयम बरतने की अपील करने पर है।''
बीबीसी की संवाददाता जेसिका पार्कर ने एंटनी ब्लिंकन से पूछा कि गुरुवार, 18 अप्रैल 2024 की रात जो कुछ हुआ उस पर वो क्यों बात नहीं कर रहे हैं?
यह कहते हुए कि वो "जो भी कहेंगे, बोरिंग ही होगा" एंटनी ब्लिंकन ने फिर इस पर बात करने से इनकार कर दिया।
हालांकि एंटनी ब्लिंकन ने फिर दोहराया कि अमेरिका किसी भी तरह के मिलिट्री ऑपरेशन में 'शामिल नहीं था' और वह तनाव कम करने के लिए काम करते रहेंगे।
ईरान भी इस हमले को ज्यादा तवज्जो नहीं दे रहा है। इसराइल ने अब तक हमले को लेकर कोई बयान नहीं दिया है।
ये सब कुछ शुरू हुआ जब एक अप्रैल 2024 को ईरान के सीरिया स्थित वाणिज्यिक दूतावास पर हमला हुआ था जिसमें 13 लोगों की मौत हुई थी। इसमें रिवॉल्यूशनरी गार्ड के टॉप कमांडर और डिप्युटी भी मारे गए थे। माना जाता है कि इस हमले के पीछे इसराइल था।
इसके बाद 13 अप्रैल 2024 को ईरान ने इसराइल पर 300 ड्रोन और मिसाइलें दागी थीं। हालांकि अधिकतर ड्रोन और मिसाइलों को इसराइल ने अपने सहयोगियों अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जॉर्डन की मदद से टारगेट से टकराने से पहले ही मार गिराने का दावा किया।
एयर इंडिया ने 30 अप्रैल 2024 तक तेल अवीव की सारी फ्लाइट रद्द कीं
शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024
टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयर इंडिया ने शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024 को कहा कि मध्य पूर्व में मौजूदा स्थिति को देखते हुए तेल अवीव से उसकी उड़ानें 30 अप्रैल, 2024 तक निलंबित रहेंगी।
एयर इंडिया ने एक बयान जारी कर कहा, "मध्य पूर्व में तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए तेल अवीव से हमारी उड़ानें 30 अप्रैल 2024 तक सस्पेंड रहेंगी। हम लगातार स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और इस अवधि में हमारे जिन भी यात्रियों ने टिकट बुक की है, उन्हें वन-टाइम फ्री रिशेड्यूल और कैंसिलेशन का विकल्प मिलेगा। हम एक बार फिर कहना चाहते हैं कि हमारे स्टाफ़ और क्रू की सुरक्षा हमारे लिए सर्वोपरि है।''
ईरान-इसराइल तनाव के बीच ऑस्ट्रेलिया ने अपने नागरिकों को इसराइल छोड़ने की हिदायत दी
शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024
ऑस्ट्रेलिया ने अपने नागरिकों को इसराइल छोड़ने की हिदायत दी है।
अमेरिका के दो अधिकारियों ने शुक्रवार को दावा किया कि इसराइल ने ईरान पर हमला किया है। ईरान ने किसी हवाई हमले की बात से इनकार किया है।
इस दावे के बाद ऑस्ट्रेलिया ने इसराइल में मौजूद अपने नागरिकों से कहा कि 'अगर इसराइल को छोड़ना सुरक्षित है तो ऐसा करिए'।
ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्रालय के हवाले से सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया, ''इसराइल के खिलाफ सैन्य और आतंकवादी हमले का खतरा है। इससे पूरे क्षेत्र में खतरे की स्थिति पैदा हो सकती है।''
''हम इसराइल और इसराइल के नियंत्रण वाले फलस्तीन में मौजूद ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों से वहां से निकलने की अपील करते हैं।''
पिछले कुछ समय से इसराइल और ईरान के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है।
ईरान-इसराइल तनाव: अमेरिका ने इसराइल में अपने वाणिज्य दूतावास के स्टाफ की यात्रा पर रोक लगाई
शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024
अमेरिका ने इसराइल में अपने वाणिज्य दूतावास के कर्मचारियों के यात्रा करने पर रोक लगाई है।
अमेरिका ने वाणिज्य दूतावास के कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों की सुरक्षा के मद्देनज़र यह कदम उठाया है।
अमेरिका के दो अधिकारियों ने शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024 की सुबह इसराइल के ईरान पर हमला करने का दावा किया है।
अमेरिका के इसराइल स्थित वाणिज्य दूतावास ने कहा, ''अगले आदेश तक कर्मचारियों को यात्रा नहीं करने के लिए कहा गया है। सुरक्षा की स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। ये राजनीतिक और हालिया घटनाओं के चलते तेजी से बदल सकती है।''
ईरान ने शनिवार, 13 अप्रैल 2024 की देर रात इसराइल की धरती पर करीब 300 मिसाइल और ड्रोन दागे थे।
इसराइल ने अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जॉर्डन की मदद से ईरान की ओर से दागे गए लगभग सभी ड्रोन और मिसाइल गिराने का दावा किया था।
इसराइल ने हालांकि चेतावनी दी थी कि वह सही समय आने पर इस हमला का जवाब जरूर देगा।
इसराइल के मिसाइल हमले से ईरान का इनकार, कहा- बाहर से कोई हवाई हमला नहीं हुआ
शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024
अमेरिका के दो अधिकारियों ने इसराइल की ओर से शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024 को ईरान पर हमले का दावा किया है। मगर अब ईरान के शीर्ष अधिकारियों की ओर से कहा जा रहा है कि कोई मिसाइल हमला नहीं हुआ है।
ईरानी स्पेस एजेंसी के प्रवक्ता हुसैन दालिरियन ने लिखा, ''इस्फ़हान या देश के किसी भी हिस्से में बाहर से कोई हवाई हमला नहीं हुआ है।''
हुसैन दालिरियन ने कहा, ''इसराइल ने ड्रोन्स उड़ाने की सिर्फ़ नाकाम और अपमानजनक कोशिश की है। ये ड्रोन्स मार गिराए गए हैं।''
ईरान के सरकारी मीडिया ने इस्फ़हान में स्थित परमाणु ठिकानों का वीडियो जारी करते हुए कहा कि ये पूरी तरह से सुरक्षित हैं।
ईरान ने ये भी कहा है कि जिन हवाई उड़ानों पर प्रतिबंध लगाया हुआ था, उन्हें अब हटा दिया गया है।
अमेरिकी मीडिया का कहना है कि इसराइल ने हमले की जानकारी पहले से ही बाइडन प्रशासन को दी हुई थी।
ईरान पर हमले का दावा
शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024
शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024 की सुबह सबसे पहले अमेरिका के दो अधिकारियों ने कहा कि इसराइल ने ईरान पर मिसाइल से हमला किया। अमेरिकी अधिकारियों ने ये जानकारी बीबीसी के अमेरिका में सहयोगी सीबीएस न्यूज़ को दी।
इसके बाद ईरान के सरकारी मीडिया की ओर से कहा गया कि देश के एयर डिफेंस सिस्टम को कई प्रांतों में सक्रिय कर दिया गया है।
ईरान की एक समाचार एजेंसी के मुताबिक़ ईरान के उत्तर-पश्चिमी शहर इस्फ़हान में शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024 की सुबह धमाके की आवाज़ सुनी गई।
ईरान के सरकारी मीडिया आईआरआईबी ने विश्वस्त सूत्रों के हवाले से कहा कि देश के कई हिस्सों में जो धमाके की आवाज़ें सुनाई दीं, वो एयर डिफेंस सिस्टम के अज्ञात मिनी ड्रोन्स को निशाना बनाने के कारण हुई आवाज़ें हैं।
इस्फ़हान में ईरान की सेना का बड़ा एयर बेस है और इस क्षेत्र में परमाणु हथियारों से जुड़े कई अहम ठिकाने भी हैं।
ईरान के सरकारी मीडिया का विश्वस्त सूत्रों के हवाले से कहना है कि परमाणु हथियारों से जुड़े ठिकाने सुरक्षित हैं।
समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक़, ईरानी मीडिया में ऐसी रिपोर्ट्स हैं कि कई शहरों में उड़ानें रद्द की गईं। जिन शहरों में उड़ानें रद्द की गई हैं, उनमें तेहरान, शिराज़ और इस्फ़हान शामिल हैं। हालांकि ईरान का अब कहना है कि ये उड़ान सेवाएं फिर से चालू हो गई हैं।
इससे पहले ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाह्यान ने कहा था कि इसराइल की किसी जवाबी कार्रवाई का तुरंत और बड़े स्तर पर जवाब दिया जाएगा।
अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में तेल के दाम बढ़े, सोना भी हुआ महंगा
शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024
अमेरिकी अधिकारियों की ओर से ईरान पर इसराइली मिसाइलों के हमले के दावे के बाद अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में तेल और गोल्ड के दाम बढ़ गए हैं।
शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024 को एशियाई बाजार में ब्रेंट क्रूड के दाम ढाई फीसदी बढ़ कर 90 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गए। जबकि गोल्ड के दाम 2400 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गए।
इस बीच, जापान, हांगकांग और दक्षिण कोरिया के शेयर बाजारों के सूचकांक धराशायी हो गए।
निवेशक इसराइल की जवाबी कार्रवाई पर पैनी नज़र रखे हुए हैं। उनका मानना है कि मध्य पूर्व में इस तरह के संघर्ष से तेल की ग्लोबल सप्लाई पर असर पड़ सकता है।
इससे कई देशों में आर्थिक गतिविधियां धीमी पड़ सकती हैं। ओमान और ईरान के बीच होरमुज जल डमरुमध्य वाले मार्ग में पहले से तनाव चल रहा है। ये काफी अहम समुद्री मार्ग है।
दुनिया की पूरी ऑयल सप्लाई का 20 फीसदी इसी मार्ग से गुजरता है। ईरान दुनिया का सातवां सबसे बड़ा तेल सप्लायर देश है।
तेल निर्यात करने वाले देशों के संगठन ओपेक के सदस्य सऊदी अरब, ईरान, यूएई, कुवैत और इराक इसी मार्ग से अपनी ज्यादातर सप्लाई विदेश भेजते हैं।
इसराइल ने ईरान पर प्रतिबंध लगाने की मांग की
मंगलवार, 16 अप्रैल 2024
बीबीसी के सिक्योरिटी संवाददाता गॉर्डन कोरेरा के मुताबिक, हर कोई यह देखने का इंतजार कर रहा है कि इसराइल, ईरान के हमले का कैसे जवाब देता है। लेकिन इसके साथ-साथ कूटनीति तेज हो गई है।
इसराइल ईरान के हमले के बाद थोड़ा कम अलग-थलग दिख रहा है क्योंकि ग़ज़ा से ध्यान हट गया है और इसराइल इस मौके को ईरान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाने इस्तेमाल करेगा।
इसराइल के विदेश मंत्री ने 32 देशों को लिखा है कि वह ईरान पर प्रतिबंध लगाएं। साथ ही इसमें ये भी कहा गया है कि वह ईरान के मिसाइल योजना पर प्रतिबंध लगाएं।
ईरान के मिसाइल कार्यक्रम पर संयुक्त राष्ट्र के कई प्रतिबंध अक्टूबर 2023 में ख़त्म हो गये क्योंकि वे ईरान से एक व्यापक समझौते से जुड़े थे। अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय यूनियन ने ईरान पर प्रतिबंध जारी रखा है।
इसराइल के विदेश मंत्री ने ये भी कहा है कि इसराइल के रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स को ‘आतंकवादी संगठन’ घोषित किया जाए। अमेरिका ऐसा पहले ही कर चुका है लेकिन ब्रिटेन ने ऐसा नहीं किया है।
आने वाले दिनों में अमेरिका क्या ईरान पर नए प्रतिबंध लगा सकता है?
मंगलवार, 16 अप्रैल 2024
अमेरिकी ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन का कहना है कि शनिवार, 13 अप्रैल 2024 को इसराइल पर ईरान के हमले के बाद अमेरिका "आने वाले दिनों में" ईरान पर नए प्रतिबंध लगा सकता है।
जेनेट येलेन का कहना है कि ईरान का तेल निर्यात "एक संभावित क्षेत्र है जिस पर प्रतिबंध लग सकता है।''
जेनेट येलेन ने कहा कि ईरान के एक्शन से मध्य पूर्व में स्थिरता को बड़ा ख़तरा है।
जेनेट येलेन ने चेतावनी देते हुए कहा, "इस शनिवार, 13 अप्रैल 2024 के हमले से लेकर लाल सागर में हूती विद्रोहियों के हमलों तक, ईरान की कार्रवाइयों से इस क्षेत्र की स्थिरता को खतरा है और इससे आर्थिक नुकसान हो सकता है।''
वाशिंगटन में जेनेट येलेन ने कहा कि ट्रेजरी अपने प्रतिबंध लगाने के अधिकारों का इस्तेमाल करेगा और सहयोगियों के साथ "ईरानी शासन की दुर्भावनापूर्ण और अस्थिर करने वाली गतिविधि को रोकना जारी रखेगा।''
इससे पहले इसराइल ने 32 देशों से लिखकर ये मांग की थी कि वो ईरान पर प्रतिबंध लगाएं। इसराइल के विदेश मंत्री ने ये भी कहा है कि ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स को ‘आतंकवादी संगठन’ घोषित किया जाए।
शनिवार, 13 अप्रैल 2024 को ईरान ने इसराइल पर पहली बार अपनी धरती से 300 ड्रोन और मिसाइल दागी। इसराइल का दावा है कि उसने अपने सहयोगियों अमेरिका, ब्रिटेन और जॉर्डन की मदद से ज्यादातर मिसाइलों को टारगेट से टकराने से पहले ही निष्क्रिय कर दिया।
ईरान ने ये हमला एक अप्रैल 2024 को सीरिया की राजधानी दमिश्क में ईरान के वाणिज्य दूतावास पर किए गए हमले के जवाब में किया था। इस हमले में कुल 13 लोगों की मौत हुई थी जिसमें ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड के टॉप कमांडर और उनके डिप्यूटी भी मारे गए थे।
इसराइल ने इस हमले की ज़िम्मेदारी नहीं ली लेकिन माना जाता है कि ये हमला इसराइल ने ही किया था।