अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध

भारत के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका में सिख अलगाववादी नेता की हत्या की साज़िश के मामले पर क्या कहा?

अमेरिका में सिख अलगाववादी नेता की हत्या की साजिश मामले में भारत ने जांच पैनल बनाया

गुरुवार, 30 नवंबर 2023

भारत ने अमेरिका में एक सिख अलगाववादी नेता को मारने की साजिश के आरोपों की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय जांच पैनल का गठन किया है।

बुधवार, 29 नवंबर 2023 की शाम अमेरिका ने दावा किया कि उसने न्यूयॉर्क में रहने वाले एक सिख अलगाववादी अमेरिकी नागरिक की हत्या की योजना को नाकाम कर दिया है। अमेरिका ने इस मामले में बुधवार, 29 नवंबर 2023 को भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता पर आरोप लगाए। कोर्ट में पेश दस्तावेज़ों के मुताबिक उन्हें भारत सरकार के एक कर्मचारी से निर्देश मिले थे।

इससे पहले बीते सप्ताह ब्रिटेन के अख़बार फ़ाइनेंशियल टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट की थी कि अमेरिका ने ख़लिस्तान समर्थक नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कोशिश को फेल कर दिया है। अख़बार ने दावा किया था कि भारत सरकार के अधिकारी इस साजिश में शामिल थे और अमेरिका ने इसे लेकर भारत सरकार को चेतावनी दी है।

बुधवार, 29 नवंबर 2023 को भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत ने इस मामले की जांच के लिए 18 नवंबर 2023 को एक उच्चस्तरीय पैनल का गठन किया है जो मामले की जांच कर रहे हैं।

फ़ाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के बाद अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की प्रवक्ता एड्रिएन वॉटसन ने कहा कि इस मुद्दे को अमेरिका "बेहद गंभीरता" से ले रहा है।

वाशिंगटन पोस्ट ने बुधवार, 29 नवंबर 2023 को एक रिपोर्ट में लिखा है कि सिख अलगाववादी की हत्या की साजिश का पता चलने के बाद बाइडन प्रशासन इससे काफ़ी चिंतित था। उसने सीआईए निदेशक विलियम जे बर्न्स और राष्ट्रीय खुफिया निदेशक एवरिल हेन्स को अगस्त 2023 और अक्टूबर 2023 में भारत भेजा था और मामले की जांच की मांग की थी।

भारत के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका में सिख अलगाववादी नेता की हत्या की साज़िश के मामले पर क्या कहा?

गुरुवार, 30 नवंबर 2023

भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि अमेरिका की अदालत में अभियोग भारतीय अधिकारी के खिलाफ़ नहीं लाया गया है। भारत को अमेरिका से क्या इनपुट मिले हैं इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं की जा सकती।

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक सवाल के जवाब में कहा है, "एक बात साफ़ करना चाहता हूं कि अमेरिकी अदालत में अभियोग भारतीय अधिकारी के खिलाफ़ नहीं चलाया जा रहा है। हमें जो इनपुट मिले हैं वो हम साझा नहीं कर सकते लेकिन अगर आप कानूनी केस की बात कर रहे हैं तो एक व्यक्ति पर अमेरिकी अदालत में आरोप लगाए गए हैं।''

"ये आरोप लगाया जा रहा है कि वह शख्स भारतीय अधिकारी के साथ काम कर रहे थे जो एक चिंता का विषय है। हम बार बार कह चुके हैं ये भारत की नीति नहीं है। हमारी उच्च स्तरीय जांच पैनल ड्रग रैकेट और सुनियोजित अपराध के नेक्सस के एंगल से भी मामले की जांच करेगी।''

अमेरिका ने अमेरिकी ज़मीन पर एक सिख अलगाववादी नेता और अमेरिकी नागरिक की हत्या की साज़िश के पर्दाफ़ाश का दावा किया है।

निखिल गुप्ता नाम के एक शख़्स पर आरोप हैं कि उन्होंने एक भाड़े के हत्यारे को एक लाख डॉलर (लगभग 83 लाख रुपये) कैश के बदले अलगाववादी नेता की हत्या का ठेका दिया।

आरोप हैं कि निखिल गुप्ता को एक भारतीय अधिकारी निर्देशित कर रहे थे। अभियोग में भारतीय अधिकारी का नाम नहीं है।

18 नवंबर 2023 को भारत ने इन आरोपों की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय जांच पैनल का गठन किया है।

इसराइल और हमास के बीच युद्ध विराम एक दिन के लिए बढ़ा

इसराइल और हमास ने जानकारी दी है कि दोनों पक्षों के बीच जारी युद्ध विराम एक और दिन के लिए बढ़ाया गया है।

इसराइली सेना ने कहा कि "बंधकों को रिहा करने की प्रक्रिया जारी रखने के लिए मध्यस्थों की कोशिशों के मद्देनज़र" हमास के साथ युद्ध विराम जारी रहेगा।

वहीं हमास ने कहा है कि इसराइल के साथ युद्ध विराम एक दिन के लिए बढ़ रहा है और ये अब सातवें दिन भी लागू होगा।

समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने ये जानकारी दी है।

शुक्रवार, 24 नवंबर 2023 से हमास और इसराइल के बीच बंधकों को लेकर हुई डील लागू है।

जिसके तहत हमास कुछ इसराइली बंधकों को छोड़ रहा है और बदले में इसराइल तय फ़लस्तीनी कैदियों को अपनी जेलों से रिहा कर रहा है।

इस दौरान युद्ध विराम लागू है। साथ ही मदद और ज़रूरी दवाओं से भरे ट्रक ग़ज़ा में दाखिल हो रहे हैं।

गुरुवार, 30 नवंबर 2023 को इस युद्ध विराम का सातवाँ दिन है।

रूस और फ़िनलैंड के बीच सीमा पर तनाव क्यों बढ़ रहा है?

फ़िनलैंड ने रूस से लगने वाली अपनी सीमा पर अंतिम क्रॉसिंग को भी बंद कर दिया है, इस कदम को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के कार्यालय क्रेमलिन ने "एकदम गैरज़रूरी क़दम" बताते हुए इसकी निंदा की है।

फिनलैंड ने रूस पर आरोप लगाया है कि रूस शरणार्थियों को फ़िनलैंड की ओर भेज रहा है। इसे देखते हुए राजा-जोसेप्पी में उत्तरी क्रॉसिंग भी बुधवार, 29 नवंबर 2023 को दो सप्ताह के लिए बंद दिया गया।

फ़िनलैंड का कहना है कि वह रूस के ‘हाइब्रिड ऑपरेशन’ का शिकार हो रहा है। नवंबर 2023 में लगभग 900 शरणार्थी सीमा पार कर फ़िनलैंड में दाखिल हुए हैं।

यह संख्या फ़िनलैंड के पिछले रिकॉर्ड के मुकाबले कहीं ज़्यादा है। इससे पहले बमुश्किल एक दिन में कोई एक सीमा पार करता था। सीमा पर तैनात एक गार्ड ने बताया कि अगस्त 2023 तक रूस बिना ज़रूरी वीज़ा के यहां तक किसी भी विदेशी नागरिक को नहीं आने देते था लेकिन अब ऐसा नहीं हो रहा है।

फ़िनलैंड रूस के साथ 1,340 किमी (830 मील) की सीमा साझा करता है, इस उत्तरी क्रॉसिंग को अस्थायी रूप से बंद करने से पहले फिनलैंड ने दक्षिण-पूर्वी सीमा पर सात क्रॉसिंग को भी बंद कर दिया था।

हालांकि मालगाड़ी के लिए रेलमार्ग खुला रहेगा। सीमा गार्ड का कहना है कि ये सैद्धांतिक रूप से पूर्ण शटडाउन नहीं है। शरण चाहने वाले अभी भी विमान से हेलसिंकी पहुंच सकते हैं।

फ़िनलैंड की आंतरिक मामलों की मंत्री मारी रैनटेनन ने कहा कि यह "राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला" है, और बुधवार, 29 नवंबर 2023 को पोलैंड के राष्ट्रीय सुरक्षा ब्यूरो के प्रमुख ने घोषणा की कि उसके सैन्य सलाहकार "सीमा सुरक्षा की ऑन-साइट समझ " साझा करने के लिए फिनलैंड जा रहे हैं।

पोलैंड के राष्ट्रीय सुरक्षा ब्यूरो के प्रमुख जेसेक सिविएरा ने एक्स पर बताया है कि फिनिश राष्ट्रपति जो इस सप्ताह पोलैंड के दौरे पर थे, उनके अनुरोध पर पोलैंड अपनी समझ और जानकारी फ़िनलैंड से साझा करेगा।

पीएम मोदी से मुलाकात के बाद सऊदी क्राउन प्रिंस एमबीएस ने क्या कहा?

सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुल अज़ीज़ अल सऊद दिल्ली में हुए जी 20 सम्मेलन के बाद भारत के राजकीय दौरे पर हैं।

इस दौरान उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दिल्ली स्थित हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय बैठक की।

बैठक के बाद क्राउन प्रिंस ने कहा, ''इस (भारत-सऊदी अरब) रिश्ते के इतिहास के दौरान कोई असहमति नहीं रही है, आज हम भविष्य के अवसरों पर काम कर रहे हैं... मैं भारत को जी 20 शिखर सम्मेलन के प्रबंधन और मध्य पूर्व, भारत और यूरोप को जोड़ने वाले आर्थिक गलियारे सहित हासिल की गई कई पहल के लिए बधाई देता हूं, ज़रूरी है कि हम इसे बनाने के लिए लगन से काम करें।''

क्राउन प्रिंस तीन दिन के नई दिल्ली दौरे पर हैं और रविवार, 10 सितम्बर 2023 को ख़त्म हुए जी20 शिखर सम्मेलन के बाद सोमवार, 11 सितम्बर 2023 को उन्होंने पीएम मोदी से मुलाकात की।

इससे पहले फरवरी 2019 में क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने भारत का दौरा किया था ये उनका दूसरा राजकीय दौरा है।

भारत में जी20 के दौरान भारत-मध्य-पूर्व-यूरोप के बीच आर्थिक और रेल कॉरिडोर बनाने का समझौता हुआ है। इस समझौते को चीन के बेल्ट एंड रोड एनिशिएटिव के मुक़ाबले में किया जा रहा प्रयास माना जा रहा है।

सऊदी क्राउन प्रिंस एमबीएस से मुलाक़ात के बाद पीएम मोदी ने क्या कहा?

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुल अज़ीज़ अल सऊद के बीच दिल्ली के हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय बैठक हुई।

इस बैठक के बाद पीएम मोदी ने कहा कि ये बैठक दोनों देशों के रिश्तों को नए आयाम पर ले जाएंगी।

उन्होंने कहा, ''हम अपने संबंधों में नए और आधुनिक आयाम जोड़ रहे हैं। भारत के लिए सऊदी अरब अहम स्ट्रैटिजिक साझेदारों में से एक है। विश्व की दो तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में हमारी साझेदारी पूरे क्षेत्र की शांति के लिए महत्वपूर्ण है। क्राउन प्रिंस के साथ बैठक के दैरान हमने अपनी साझेदारी को अगले पड़ाव पर ले जाने के लिए कई इनिशिएटिव की पहचान की है। इस बैठक से हमारे संबंधों को नई दिशा और नई ऊर्जा मिलेगी।''

पीएम मोदी ने कहा, ''भारत ने पश्चिम एशिया और यूरोप के बीच कॉरिडोर स्थापित करने के लिए ऐतिहासिक शुरुआत की है। इससे बस दो देश ही आपस में नहीं जुड़ेंगे बल्कि यूरोप और एशिया के बीच आर्थिक सहयोग, ऊर्जा के विकास और डिजिटल कनेक्टिविटी को बल देगा। क्राउन प्रिंस आपके विजन 2030 के तहत सऊदी अरब जिस तरह तेज़ी से प्रगति कर रहा है उसके लिए आपका हृदय से अभिनंदन करता हूं।''

क्राउन प्रिंस तीन दिन के नई दिल्ली दौरे पर हैं और रविवार, 10 सितम्बर 2023 को ख़त्म हुए जी20 शिखर सम्मेलन के बाद सोमवार, 11 सितम्बर 2023 को पीएम मोदी से अपने राजकीय दौरे के दौरान मुलाकात की।

इससे पहले सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान औपचारिक स्वागत समारोह के लिए राष्ट्रपति भवन पहुंचे थे। यहां भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका स्वागत किया था।

साल 2024 में ब्राज़ील में होने वाले जी20 सम्मेलन पर राष्ट्रपति लूला ने क्या कहा?

ब्राज़ील के राष्ट्रपति लुईस ईनास्यू लूला डा सिल्वा ने सोमवार, 11 सितम्बर 2023 को नई दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए कहा कि उम्मीद है कि ब्राज़ील की अध्यक्षता तक यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध ख़त्म हो जाएगा।  ब्राज़ील में होने वाले समिट में व्लादिमीर पुतिन, शी जिनपिंग भाग लेंगे।

समाचार एजेंसी पीटीआई के सवाल का जवाब देते हुए डा सिल्वा ने कहा, ''मुझे आशा है कि जब हम ब्राज़ील में शिखर सम्मेलन शुरू करेंगे तो युद्ध समाप्त हो चुका होगा।''

उन्होंने कहा, ''मैं शिखर सम्मेलन को बेहतरीन ढंग से आयोजित करने के लिए भारत को बधाई देना चाहता हूं। हमें भारतीय लोगों से बहुत गर्मजोशी मिली है। ब्राज़ील अगले साल जी20 का मेज़बान देश है। हम ब्राज़ील के कई शहरों में कार्यक्रम आयोजित करना चाहते हैं। मुझे नहीं पता कि राष्ट्रपति पुतिन और शी जिनपिंग ने इस बार जी20 में भाग क्यों नहीं लिया लेकिन मैं उन्हें आमंत्रित करूंगा और मुझे उम्मीद है कि वे ब्राजील आएंगे और शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे।''

रविवार, 10 सितम्बर 2023 को ख़त्म हुए जी20 शिखर सम्मेलन की मेज़बानी भारत कर रहा था। शनिवार, 9 सितम्बर 2023 की शाम को सर्वसम्मति से नई दिल्ली डिक्लेयरेशन जारी किया गया, भारत ने कूटनीतिक समझ का परिचय देते हुए सभी देशों को यूक्रेन-रूस युद्ध पर जिस पर साथ लाया उसकी तारीफ़ की जा रही है।

जी-20 शिखर सम्मेलन में अगर रूस के राष्ट्रपति पुतिन आते हैं तो उन्हें गिरफ़्तार नहीं किया जाएगा: ब्राज़ील के राष्ट्रपति

ब्राज़ील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा ने कहा है कि साल 2024 में ब्राज़ील की राजधानी रियो में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन में अगर रूस के राष्ट्रपति पुतिन आते हैं तो उन्हें गिरफ़्तार नहीं किया जाएगा।

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, ब्राज़ील के राष्ट्रपति ने कहा, "मुझे लगता है कि पुतिन ब्राज़ील आ सकते हैं। मैं यही कह सकता हूं कि अगर मैं ब्राज़ील का राष्ट्रपति हूं और वो ब्राज़ील आते हैं तो उनकी गिरफ़्तारी का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है।''

यूक्रेन युद्ध में कथित युद्ध अपराधों को लेकर अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय ने मार्च 2023 में पुतिन के ख़िलाफ़ गिरफ़्तारी वॉरेंट जारी किया है।

माना जा रहा कि इसी वजह से वो पिछले कुछ महीनों से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित बैठकों में खुद नहीं जा रहे हैं।

दिल्ली में जी 20 शिखर सम्मेलन में भी वो नहीं आए और उन्होंने अपने विदेश मंत्री लावरोव को भेजा।

लूला ने कहा कि रियो शिखर सम्मेलन से पहले रूस में ब्रिक्स देशों की एक बैठक होने जा रही है और वो वहां जा रहे हैं।

भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी महात्मा गांधी के ट्रस्टीशिप सिद्धांत में निहित है: बाइडन

जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने आए अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन वियतनाम रवाना होने के पहले रविवार, 10 सितम्बर 2023 को दिल्ली स्थित महात्मा गांधी की समाधि राजघाट पहुंचे और उन्हें श्रद्धांजलि दी।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक ट्वीट कर राजघाट ले जाने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शुक्रिया कहा है।

रविवार, 10 सितम्बर 2023 को जी20 सम्मेलन के लिए आए मेहमानों को लेकर पीएम मोदी दिल्ली के राजघाट पर महात्मा गांधी के समाधि स्थल पहुंचे थे।

सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर राष्ट्रपति बाइडन ने लिखा, ''भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी महात्मा गांधी के ट्रस्टीशिप सिद्धांत में निहित है। ट्रस्टीशिप हमारे देशों के बीच साझा मूल्य है और हमारे साझे ग्रह (पृथ्वी) के लिए भी अहम है।''

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करते हुए कहा, ''धन्यवाद, प्रधानमंत्री जी, आज यहां हमें लाने के लिए।''

जी20 शिखर सम्मेलन में शिरकत करने के बाद रविवार, 10 सितम्बर 2023 को राष्ट्रपति बाइडन वियतनाम चले गए।

मोदी-ट्रूडो द्विपक्षीय बातचीत: मोदी ने कनाडा में जारी 'भारत विरोधी गतिविधियों' को लेकर चिंताएं जताई

जी20 शिखर सम्मेलन के इतर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के बीच द्विपक्षीय बातचीत हुई।

इस दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडा में जारी 'भारत विरोधी गतिविधियों' को लेकर अपनी चिंताएं जताई हैं।

भारत के पीआईबी ने एक बयान जारी किया है जिसके मुताबिक, ''पीएम मोदी ने कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो से कनाडा में चरमपंथी तत्वों की भारत विरोधी गतिविधियां जारी रहने को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की।''

पीएम मोदी ने पीएम ट्रूडो से कहा, ''वे अलगाववाद को बढ़ावा दे रहे हैं और भारतीय राजनयिकों के ख़िलाफ़ हिंसा भड़का रहे हैं। वे राजनयिक परिसरों को क्षति पहुंचा रहे हैं और कनाडा में भारतीय समुदाय और उनके धार्मिक स्थलों पर धमकी दे रहे हैं।''

बयान के अनुसार, ''इन ताक़तों का संगठित अपराध, ड्रग सिंडिकेट और मानव तस्करी के साथ गठजोड़ है और कनाडा के लिए भी ये चिंता का विषय होना चाहिए। इन ख़तरों से निपटने के लिए दोनों देशों के बीच सहयोग ज़रूरी है।''

पीएम मोदी ने ये भी कहा कि भारत और कनाडा के रिश्ते को आगे बढ़ाने के लिए आपसी सम्मान और भरोसा बहुत ज़रूरी है।

कनाडा में पिछले कुछ महीनों के दौरान खालिस्तान समर्थक तत्वों ने भारत विरोधी कई प्रदर्शन किए हैं। पिछले दिनों भारत ने अपने ख़िलाफ़ ऐसे तत्वों के पोस्टर, प्रॉपेगैंडा सामग्रियों और भारतीय राजनयिकों को धमकी के बाद नई दिल्ली में कनाडा के हाई कमिश्नर को समन किया था।

जी-20 सम्मेलन में साझा बयान पर रूस ने क्या कहा?

भारत में आयोजित जी-20 सम्मेलन में साझा बयान पर जब सदस्य देशों के बीच सहमति बनी तो इसे बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा गया।

जी-20 सम्मेलन के पहले ही दिन शनिवार, 9 सितम्बर 2023 को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साझा बयान पर सभी देशों के बीच सहमति बनने का ऐलान किया था और इस कामयाबी के लिए सभी का शुक्रिया अदा किया था।

ये ऐलान सम्मेलन शुरू होने से पहले लगाए जा रहे कयासों से बिलकुल विपरीत था।

माना जा रहा था कि यूक्रेन-रूस जंग के बीच साझा बयान में सहमति बनने की संभावनाएं कम की हैं। मगर जब साझा बयान पर सभी देश सहमत हुए तो इस पर यूक्रेन के साथ-साथ रूस की भी प्रतिक्रिया आई।

रूस के शेरपा स्वेतलाना लुकाश ने कहा, ''साझा बयान संतुलित था और यूक्रेन के मुद्दे पर बातचीत काफी कठिन रही।''

लुकाश ने कहा, ''इस साझा बयान पर सहमत होने में सम्मेलन शुरू होने से पहले 20 दिन और मौक़े पर पांच दिन लगे।''

इस सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शामिल नहीं होने का फ़ैसला किया था। इस सम्मेलन में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने शिरकत की थी।

नई दिल्ली में शनिवार, 9 सितम्बर 2023 को सर्वसम्मति से जारी जी-20 के नई दिल्ली घोषणा-पत्र में यूक्रेन में चल रहे युद्ध का ज़िक्र तो किया गया लेकिन रूस की आलोचना नहीं की गई।

इस घोषणा-पत्र में सात पैराग्राफ़ यूक्रेन युद्ध पर हैं लेकिन इनमें एक जगह भी रूस का ज़िक्र नहीं है।

यूक्रेन ने इस पर प्रतिक्रिया दी है और कहा है, ''रूस के युद्ध पर आए बयान में गर्व करने लायक कुछ भी नहीं है।''