अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध

इसराइल-हमास संघर्ष: फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन ने संयुक्त बयान जारी किया

इसराइल-हमास संघर्ष: फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन ने संयुक्त बयान जारी किया

सोमवार, 12 अगस्त 2024

फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन के राष्ट्राध्यक्षों ने मध्य पूर्व के हालात पर एक संयुक्त बयान जारी किया है।

इसकी जानकारी ब्रिटेन के प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर ने अपने एक्स अकाउंट पर दी।

संयुक्त बयान में कहा गया, "हम फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन के नेता युद्धविराम समझौते और बंधकों की रिहाई के लिए हमारे सहयोगी कतर, मिस्र और अमेरिका के कड़े परिश्रम का स्वागत करते हैं। हम युद्धविराम के लिए तत्काल वार्ता शुरू करने की मांग वाले शेख तमीम बिन हमद अल थानी, राष्ट्रपति सीसी और जो बाइडन के संयुक्त बयान का समर्थन करते हैं।''

इसमें लिखा है, "हम मानते हैं कि अब और अधिक देरी नहीं की जा सकती। हम बढ़ते संघर्ष को रोकने के लिए सभी पक्षों के साथ काम कर रहे हैं। तनाव कम करने और स्थिरता का रास्ता तलाशने में कोई कमी नहीं बरती जाएगी।''

तीनों नेताओं की तरफ से कहा गया है, "अब जंग का अंत होना चाहिए और उन सभी बंधकों को रिहा किया जाना चाहिए जिन्हें हमास ने अब तक बंधक बनाया हुआ है। ग़ज़ा के लोगों को तत्काल मदद की ज़रूरत है।''

इसमें आगे लिखा है, "हम क्षेत्र में बढ़ते तनाव को लेकर चिंतित हैं। संघर्ष को ख़त्म करने और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए एकजुट हैं। इस मसले पर हम ईरान और उसके सहयोगियों से कहना चाहते हैं कि वो ऐसे हमले करने से बचें, जो क्षेत्र में न केवल तनाव बढ़ा सकते हैं बल्कि युद्धविराम पर सहमति और बंधकों की रिहाई को भी ख़तरे में डाल सकते हैं।''

ईरान और उसके सहयोगियों के लिए लिखा है, "वो शांति और स्थिरता के इस अवसर को ख़तरे में डालने के लिए ज़िम्मेदारी होंगे। मध्य पूर्व में और अधिक तनाव बढ़ने से किसी भी देश का भला नहीं होगा।''

हमास ने याह्या सिनवार को अपना शीर्ष नेता चुना

हमास ने याह्या सिनवार को अपना शीर्ष नेता चुना

बुधवार, 7 अगस्त 2024

कतर की राजधानी दोहा में दो दिन तक हुई लंबी वार्ता के बाद हमास ने याह्या सिनवार को अपना नया शीर्ष नेता चुना है।

इस्माइल हनिया की ईरान की राजधानी तेहरान में हत्या कर दी गई थी। हनिया की मौत के पीछे इसराइल का हाथ बताया जा रहा है।

2017 से याह्या सिनवार ग़ज़ा पट्टी में एक ग्रुप लीडर के तौर पर काम कर रहे थे अब उन्हें हमास ने अपना शीर्ष नेता चुना है।

हमास के एक अधिकारी ने बीबीसी को बताया कि हमास के नेतृत्व ने सर्वसम्मति से आंदोलन का नेतृत्व करने के लिए याह्या सिनवार को अपना नेता चुना है।

मध्य पूर्व में बढ़ रहे तनाव के बीच यह घोषणा हुई है। ईरान और उसके सहयोगियों ने इस्माइल हनिया की मौत के बाद जवाबी कार्रवाई करने की बात कही है।

ईरान और उसके सहयोगी इस्माइल हनिया की मौत के लिए इसराइल को जिम्मेदार मानते हैं।

इस्माइल हनिया की मौत को लेकर इसराइल की तरफ से कोई टिप्पणी नहीं की गई है।

हमास के शीर्ष राजनीतिक नेता इस्माइल हनिया की हत्या कैसे हुई थी?

हमास के शीर्ष राजनीतिक नेता इस्माइल हनिया की हत्या कैसे हुई थी?

शनिवार, 3 अगस्त 2024

ईरान ने बताया है कि हमास के शीर्ष राजनीतिक नेता इस्माइल हनिया की मौत कैसे हुई थी?

ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कोर (आईआरजीसी) का कहना है कि हमास के राजनीतिक नेता इस्माइल हनिया की 'हत्या' कम दूरी की मिसाइल से हुई।

आईआरजीसी ने बताया कि मिसाइल में सात किलो का वॉरहेड था और इसे तेहरान के गेस्टहाउस में उनके कमरे के बाहर से दागा गया था।

आईआरजीसी ने यह भी बताया कि इस हत्या के पीछे इसराइल और अमेरिका का हाथ है और सही वक़्त आने पर कड़ा जवाब दिया जाएगा।

बुधवार, 31 जुलाई 2024 को ईरान की राजधानी तेहरान में हमास के शीर्ष राजनीतिक नेता इस्माइल हनिया की एक हमले में मौत हो गई थी।

हनिया ईरान के नए राष्ट्रपति मसूद पेज़ेश्कियान के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के लिए तेहरान पहुंचे थे।

ईरान से इसराइल की रक्षा के लिए अमेरिका मध्य पूर्व में अतिरिक्त जंगी बेड़े और लड़ाकू विमानों को तैनात करेगा: पेंटागन

ईरान से इसराइल की रक्षा के लिए अमेरिका मध्य पूर्व में अतिरिक्त जंगी बेड़े और लड़ाकू विमानों को तैनात करेगा: पेंटागन

शनिवार, 3 अगस्त 2024

अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने कहा है कि ईरान और उसके सहयोगियों के हमले से इसराइल की रक्षा के लिए अमेरिका मध्य पूर्व में अतिरिक्त जंगी बेड़े और लड़ाकू विमानों को तैनात करेगा।

ईरान में हमास के शीर्ष नेता इस्माइल हनिया और लेबनान में हिज़बुल्लाह के कमांडर के मारे जाने के बाद क्षेत्र में काफ़ी तनाव बढ़ा हुआ है।

पेंटागन ने कहा है कि मिसाइल डिफ़ेंस फोर्सेस को तैयार रखा गया है।

पेंटागन ने कहा है कि इसराइल की रक्षा करने की उसकी प्रतिबद्धता दृढ़ है।

इस्माइल हनिया की हत्या के बाद ईरान के सुप्रीम नेता अयातुल्लाह ख़ामेनेई ने इसराइल को सबक़ सिखाने की कसम खाई है और तीन दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है।

बुधवार, 31 जुलाई 2024 को तेहरान में हमास के नेता इस्माइल हनिया को मार दिया गया था। ईरान और ग़ज़ा में उसके सहयोगियों ने इसके लिए इसराइल को ज़िम्मेदार ठहराया है। इसराइल ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है।

62 वर्षीय इस्माइल हनिया को व्यापक रूप से हमास का शीर्ष नेता माना जाता था। ग़ज़ा में युद्ध विराम को लेकर हो रही वार्ता में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी।

इसराइल के लेबनान में हिज़बुल्लाह के कमांडर को मारने का दावा किए जाने के कुछ घंटों बाद ही इस्माइल हनिया की हत्या की ख़बर सामने आई थी।

पेंटागन ने बयान जारी कर कहा है कि यह नई तैनाती अमेरिकी फ़ोर्स की सुरक्षा को बढ़ाएगी, इसराइल की रक्षा में सहयोग को बढ़ाएगी और यह सुनिश्चित करेगी कि अमेरिका जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार है।

अप्रैल 2024 में ईरान के द्वारा इसराइल पर मिसाइल और ड्रोन से हमला किए जाने के बाद भी अमेरिका ने तैनाती को बढ़ाया था।

अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जॉर्डन और इसराइल ने ईरान के लगभग 300 ड्रोन्स को मार गिराने का दावा किया था।

ईरान और उसके सहयोगियों के हमले से इसराइल की रक्षा के लिए अमेरिका की तैनाती से साबित होता है कि इसराइल अपनी खुद की अस्तित्व की रक्षा करने में असमर्थ है। इसराइल का अस्तित्व मध्य पूर्व में तभी तक कायम है जब तक इसराइल को अमेरिका और पश्चिमी देशों का सैन्य, तकनीकी और आर्थिक समर्थन हासिल है।

हमास के शीर्ष नेता इस्माइल हनिया की हत्या

हमास के शीर्ष नेता इस्माइल हनिया की हत्या पर हमास ने क्या कहा?

बुधवार, 31 जुलाई 2024

ईरान की राजधानी तेहरान में हुई हमास के शीर्ष नेता इस्माइल हनिया की हत्या पर हमास ने बयान जारी किया है।

हमास के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि हमास इसका जवाब ज़रूर देगा।

हमास संचालित अल अक्सा टेलीविज़न चैनल के अनुसार, मूसा अबू मरज़ौक ने इसे कायरतापूर्ण कार्रवाई क़रार दिया है और कहा है कि इसका जवाब दिया जाएगा।

इसराइल की तरफ़ से इसे लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया गया है लेकिन कुछ नेताओं ने इस पर प्रतिक्रिया दी है।

हेरिटेज मिनिस्टर अमिचाय इलियाहू ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि हनिया की मौत से दुनिया एक बेहतर जगह बनेगी।

अमिचाय इलियाहू ने सोशल मीडिया पर लिखा है। दुनिया से इस तरह की गंदगी साफ़ करने का यही सही तरीक़ा है।

इसराइली डिफेंस फोर्सेस (आईडीएफ़) ने इस पर प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया है।

आईडीएफ़ ने सीएनएन और फ्रांस की एक न्यूज़ एजेंसी से कहा है कि विदेशी मीडिया से आ रही हनिया की मौत की ख़बरों पर वह कोई प्रतिक्रिया नहीं देंगे।

तेहरान में इस्माइल हनिया के निजी आवास पर एक गाइडेड मिसाइल के ज़रिए हमला किया गया था: सऊदी न्यूज़ एजेंसी

बुधवार, 31 जुलाई 2024

हमास के प्रमुख नेता इस्माइल हनिया की मौत किस तरह से हुई इसके बारे में सऊदी अरब की न्यूज़ एजेंसी अल हदात ने बताया है।

अल हदात ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि तेहरान में इस्माइल हनिया के निजी आवास पर एक गाइडेड मिसाइल के ज़रिए हमला किया गया था।

रिपोर्ट के मुताबिक़, हमला स्थानीय समयानुसार रात 2 बजे किया गया।  यही बात ईरान के सरकारी मीडिया ने भी कही है।

ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड से मान्यता प्राप्त फ़ार्स न्यूज़ ने कहा है कि उत्तरी तेहरान में एक आवास में हनिया ठहरे हुए थे और हवाई हमले में उनकी मौत हुई।

इसराइल से इस्माइल हनिया की हत्या का बदला लेना ईरान का फ़र्ज़ है: अयातुल्लाह अली ख़ामेनेई

बुधवार, 31 जुलाई 2024

ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेज़ेश्कियान ने कहा है कि वे यह निश्चित करेंगे कि इसराइल को इस्माइल हनिया की कायरतापूर्ण हत्या के लिए पछताना पड़े।

मसूद पेज़ेश्कियान ने यह भी कहा कि ईरान अपनी क्षेत्रीय अखंडता और सम्मान की रक्षा करेगा। समाचार एजेंसी एएफ़पी के मुताबिक़ मसूद पेज़ेश्कियान ने इस्माइल हनिया को एक बहादुर नेता बताया।

हमास के शीर्ष नेता इस्माइल हनिया क़तर में रहते थे और वे मसूद पेज़ेश्कियान के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के लिए तेहरान की यात्रा पर थे।

वहीं ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली ख़ामेनेई ने भी कहा कि इस्माइल हनिया की हत्या का बदला लेना ईरान का फ़र्ज़ है।

अयातुल्लाह अली ख़ामेनेई ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से इस्माइल हनिया के लिए कई सारे पोस्ट भी किए।

अपनी एक पोस्ट में अयातुल्लाह अली ख़ामेनेई ने लिखा, "शहीद हनिया कई सालों से चल रही इस लड़ाई के लिए अपनी ज़िंदगी को क़ुर्बान करने के लिए तैयार थे। उन्होंने इसके लिए अपने बच्चों और सभी चाहने वालों तक को क़ुर्बान कर दिया।''

अयातुल्लाह अली ख़ामेनेई ने एक दूसरी पोस्ट में लिखा, "अपराधी और आतंकवादी इसराइल ने हमारे प्यारे मेहमान को हमारी ही ज़मीन पर शहीद कर दिया। हालांकि इससे हमें कष्ट पहुंचा है लेकिन यही इसराइल को कठोर दंड देने की वजह भी बनेगी।''

हमास नेता इस्माइल हनिया की की हत्या पर अलग-अलग देश भी अपनी प्रतिक्रियाएं ज़ाहिर कर रहे हैं।

जॉर्डन ने कहा कि वह इसराइल के हाथों हमास नेता के हत्या की कड़े शब्दों में निंदा करता है। इससे अब और भी ज़्यादा तनाव और अराजकता पैदा होगी।

लेबनान ने भी इस्माइल हनिया की हत्या की निंदा की है। लेबनान के प्रधानमंत्री नज़ीब मिकाती ने बुधवार, 31 जुलाई 2024 की सुबह अपने मंत्रिमंडल के साथ एक आपात बैठक की।

वहीं चीन के विदेश मंत्रालय का कहना है कि वे इस हत्या का कड़ा विरोध करते हैं। वे क्षेत्र में अधिक अशांति को लेकर अपनी चिंता व्यक्त करते हैं।

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन ज़ियान ने कहा कि पूरे ग़ज़ा में एक स्थाई सीज़फ़ायर होना चाहिए।

क़तर ने इस्माइल हनिया की हत्या की निंदा करते हुए उसे एक गंभीर अपराध क़रार दिया।

क़तर के विदेश मंत्रालय ने इसे अंतरराष्ट्रीय और मानवता क़ानून का उल्लंघन बताते हुए यह चेतावनी दी कि यह हत्या और नागरिकों को लगातार निशाना बनाना इस क्षेत्र को और अधिक अराजकता की ओर ले जाएगा और शांति की संभावनाओं को कमज़ोर करेगा।

इसराइल ने अभी तक हमास नेता इस्माइल हनिया की हत्या पर कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी है।

अरब जगत में जंग शुरू होने की आशंकाओं पर अमेरिका के रक्षा मंत्री ने क्या कहा?

बुधवार, 31 जुलाई 2024

फिलीपींस यात्रा के अंतिम दिन मीडिया से बात करते हुए अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा है, ''मुझे नहीं लगता है कि मिडिल ईस्ट में कोई व्यापक जंग होगी।''

अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा, "मेरा मानना है कि कूटनीति के लिए हमेशा जगह होती है।''

हमास के शीर्ष नेता इस्माइल हनिया की हत्या पर लॉयड ऑस्टिन ने कोई टिप्पणी नहीं की है।

लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि मेरे पास इस मामले पर बोलने के लिए कोई अधिक जानकारी नहीं है।

यह पूछे जाने पर कि क्षेत्र में बढ़ते हुए तनाव को देखते हुए अमेरिका इसराइल का समर्थन कैसे करेगा? इस पर लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि हमारा उद्देश्य अभी भी तनाव को कम करना है और हालात को सामान्य करना है।

जॉर्ज टाउन विश्वविद्यालय में मध्य पूर्व विषय के प्रोफे़सर नादिर हाशमी ने बीबीसी से कहा है कि हमास के शीर्ष नेता की हत्या से क्षेत्र में पूर्ण रूप से युद्ध भड़कने की आशंका सबसे ज़्यादा है।

अमेरिकी विदेश मंत्री ने हमास के नेता इस्माइल हनिया की हत्या पर क्या कहा?

बुधवार, 31 जुलाई 2024

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने हमास के शीर्ष नेता इस्माइल हनिया की हत्या पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।

एंटनी ब्लिंकन ने कहा, "जो कुछ भी हुआ ना ही हमारे पास उसकी जानकारी थी और ना ही हम उसमें शामिल थे।''

एंटनी ब्लिंकन ने कहा, "हम इस बारे में अटकलें लगा रहे हैं कि इस घटना का क्या प्रभाव हो सकता है। हालांकि ब्लिंकन ने युद्ध विराम के लिए प्रयास जारी रखने पर भी ज़ोर दिया।''

सिंगापुर में एक कार्यक्रम के दौरान एंटनी ब्लिंकन ने कहा, "युद्ध विराम के महत्व को कोई भी कम नहीं कर सकता है। यह स्पष्ट रूप से बंधकों के हित में है और उन्हें वापस घर लाना है।''

एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि फ़लीस्तीनी भयानक रूप से पीड़ित हैं। बच्चे, महिलाएं और व्यक्ति ग़ज़ा में हमास की गोलीबारी में फंसे हुए हैं।

इस्माइल हनिया की अंतिम यात्रा पर हमास ने क्या कहा?

बुधवार, 31 जुलाई 2024

हमास ने बताया है कि उसके शीर्ष नेता इस्माइल हनिया की अंतिम यात्रा गुरुवार, एक अगस्त 2024 को ईरान की राजधानी तेहरान में निकाली जाएगी।

इसके बाद उनके शव को क़तर की राजधानी दोहा ले जाया जाएगा, जहां वे पिछले कुछ सालों से रह रहे थे।

आख़िर में इस्माइल हनिया का शव दो अगस्त 2024 को क़तर के लूसेल के एक क़ब्रिस्तान में दफ़नाया जाएगा।

बुधवार, 31 जुलाई 2024 को जारी एक बयान में हमास ने कहा था कि तेहरान स्थित आवास पर हुए हमले में इस्माइल हनिया और उनके बॉडीगार्ड की हत्या की गई है।

इस्माइल हनिया क़तर में रहते थे और लंबे वक़्त से वो ग़ज़ा नहीं गए थे।

हमास ने बताया कि इस्माइल हनिया ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेज़ेश्कियान के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने तेहरान गए थे। समारोह मंगलवार, 30 जुलाई 2024 को आयोजित हुआ था।

इस्माइल हनिया की जगह कौन ले सकता है?

बुधवार, 31 जुलाई 2024

हमास चीफ इस्माइल हनिया की हत्या के बाद अब इस पर भी चर्चा शुरू हो गई है कि उनकी जगह कौन ले सकता है?

हालांकि हमास के नए चीफ़ का चुनाव काफ़ी चुनौती भरा हो सकता है और यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसे ज़ल्द नहीं निपटाया जा सकता।

हमास के नए चीफ़ के चुनाव में एक ख़तरा यह भी है कि कहीं इससे ईरान समर्थित चरमपंथियों के लिए संगठन में रास्ता ना खुल जाए।

फ़िलहाल येहिया सिनवार इस्माइल हनिया की जगह लेने के लिए सबसे प्रमुख उम्मीदवारों में से एक के तौर पर सामने आए हैं। येहिया सिनवार अभी ग़ज़ा पट्टी में हमास के प्रमुख हैं।

उनको 7 अक्टूबर 2023 को इसराइल पर हुए हमास हमले का मास्टरमाइंड भी माना जाता है।

येहिया सिनवार के अलावा ख़ालिद मेशाल और ज़हीर जबरीन को भी उम्मीदवार के तौर पर देखा जा रहा है।

ख़ालिद मेशाल को कम चरमपंथी माना जाता है और वे इस्माइल हनिया से पहले कई सालों तक हमास की कमान भी संभाल चुके हैं। हालांकि ईरान के साथ उनके संबंध कभी भी उतने अच्छे नहीं रहे।

वहीं ज़हीर जबरीन इसराइली जेलों में बंद फ़लस्तीनी क़ैदियों के मामलों की देख-रेख कर रहे हैं। इसके अलावा फ़लस्तीन और इसराइल के बीच क़ैदियों की अदला-बदली पर चल रही बातचीत में भी वे अहम भूमिका निभा रहे हैं।

फिलहाल तीनों ही उम्मीदवार इस्माइल हनिया के डिप्टी के तौर पर काम कर रहे थे।

पाकिस्तान में सैन्य छावनी पर हमले में आठ जवानों और दस चरमपंथियों की मौत

पाकिस्तान में सैन्य छावनी पर हमले में आठ जवानों और दस चरमपंथियों की मौत

मंगलवार, 16 जुलाई 2024

पाकिस्तानी सेना के जनसंपर्क विभाग आईएसपीआर ने बताया है कि सोमवार, 15 जुलाई 2024 को ख़ैबर पख़्तूनख़्वा प्रांत के बन्नू शहर में दस चरमपंथियों ने एक सैन्य छावनी पर हमला किया जिसमें आठ जवान मारे गए हैं।

आईएसपीआर के मुताबिक़, "सुरक्षा बलों ने इन चरमपंथियों की छावनी में घुसने की कोशिश को प्रभावी ढंग से नाकाम कर दिया।''

आईएसपीआर ने बताया, "इन आतंकियों ने विस्फोटकों से भरी गाड़ी को इस इलाके में एक दीवार से टकरा दिया।''

आईएसपीआर ने कहा कि इस आत्मघाती विस्फोट के कारण दीवार का एक हिस्सा ढह गया जबकि आसपास के कुछ बुनियादी ढांचे को भी नुक़सान पहुंचा है। विस्फोट में आठ सैनिक मारे गए हैं।

आईएसपीआर ने जानकारी दी कि ऑपरेशन के दौरान सभी दस चरमपंथी मारे गए।

वहीं सेना का कहना है कि सुरक्षाबलों के समय पर और प्रभावी जवाब के कारण सैन्य छावनी को बड़े विनाश से बचा लिया गया और निर्दोष क़ीमती जानें भी बचाई गईं।

हमले के लिए हाफ़िज़ गुल बहादुर समूह को ज़िम्मेदार बताया जा रहा है, जिसे 'गुड तालिबान' के रूप में जाना जाता था।

सेना के मुताबिक़ ये हमला हाफ़िज़ गुल बहादुर ग्रुप ने किया था।  पाकिस्तानी सेना के अनुसार, यह ग्रुप अफ़ग़ानिस्तान से ऑपरेट करता है और पहले भी यह ग्रुप पाकिस्तान के ख़िलाफ़ चरमपंथी गतिविधियों के लिए अफ़ग़ानिस्तान की धरती का इस्तेमाल करता रहा है।

आईएसपीआर के मुताबिक़, पाकिस्तान अपनी चिंताओं से अफ़ग़ानिस्तान की अंतरिम सरकार को अवगत कराता रहा है।

आईएसपीआर का कहना है कि पाकिस्तान की सेना हर क़ीमत पर अपनी भूमि और लोगों को आतंकवाद के ख़तरे से बचाएगी और अफ़ग़ानिस्तान से इन ख़तरों के ख़िलाफ़ आवश्यक क़दम उठाएगी।

कुछ महीने पहले पाकिस्तान ने भी सीमा पार अफ़ग़ानिस्तान में इस ग्रुप के ख़िलाफ़ कार्रवाई की थी।

भारत-ऑस्ट्रिया संबंध पर मोदी और कार्ल नेहमर ने क्या कहा?

भारत-ऑस्ट्रिया संबंध पर मोदी और कार्ल नेहमर ने क्या कहा?

ऑस्ट्रिया दौरे पर गए भारतीय प्रधानमंत्री मोदी ने क्या कहा?

बुधवार, 10 जुलाई 2024

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार, 9 जुलाई 2024 को ऑस्ट्रिया दौरे पर पहुंचे। उन्होंने ऑस्ट्रिया के चांसलर कार्ल नेहमर से राजधानी वियना में मुलाक़ात की और यूक्रेन युद्ध समेत कई मुद्दों पर बात की।

नरेंद्र मोदी ने कहा, "सबसे पहले मैं गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए चांसलर नेहमर का आभार प्रकट करता हूं। मुझे ख़ुशी है कि मेरे तीसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही ऑस्ट्रिया आने का अवसर मिला।''

"मेरी यह यात्रा ऐतिहासिक भी है और विशेष भी। 41 सालों बाद किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री ने ऑस्ट्रिया का दौरा किया है। यह भी सुखद संयोग है कि ये यात्रा उस समय हो रही है जब हमारे आपसी सहयोग के 75 साल पूरे हुए हैं।''

मोदी ने कहा, "आज मेरे और चांसलर नेहमर के बीच बहुत सार्थक बातचीत हुई। हमने आपसी सहयोग को और मज़बूत करने के लिए नई संभावनाओं की पहचान की है। हमने निर्णय लिया है कि संबंधों को रणनीतिक दिशा प्रदान की जाएगी। आने वाले दस सालों के सहयोग के लिए खाका तैयार किया गया है।''

मोदी ने कहा, "मैंने और चांसलर ने यूक्रेन समेत दुनिया में चल रहे सभी विवादों पर बात की है। मैंने पहले भी कहा कि ये युद्ध का समय नहीं है।  समस्याओं का समाधान रणभूमि में नहीं हो सकता। कहीं भी हो मासूम लोगों की जान की हानि स्वीकार नहीं है।''

ऑस्ट्रियाई चांसलर कार्ल नेहमर ने क्या कहा?

बुधवार, 10 जुलाई 2024

ऑस्ट्रियाई चांसलर कार्ल नेहमर ने कहा, "भारत और ऑस्ट्रिया के बीच बहुत अच्छे संबंध हैं। यह विश्वास का रिश्ता है जो 1950 के दशक में शुरू हुआ था। भारत ने ऑस्ट्रिया की मदद की और 1955 में ऑस्ट्रियाई राज्य संधि बातचीत के साथ सकारात्मक निष्कर्ष पर पहुंची। भू-राजनीतिक स्थिति के विकास भारत और ऑस्ट्रिया को एकजुट करती है।''

कार्ल नेहमर ने कहा, "अपनी ऑस्ट्रिया यात्रा से पहले, पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति से मुलाकात की है। इसलिए, शांति प्रगति के संबंध में रूस के इरादों के बारे में प्रधानमंत्री के व्यक्तिगत मूल्यांकन के बारे में सुनना मेरे लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण था।''

"हमारा साझा उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुरूप एक व्यापक, न्यायसंगत और स्थायी शांति प्राप्त करना है।''

कार्ल नेहमर ने कहा, "मेरा मंत्रिमंडल लगातार यूरोपीय यूनियन के संपर्क में है। कल मेरी कैबिनेट ने इस संदर्भ में संभावित दृष्टिकोण और मुद्दों के बारे में चार्ल्स मिशेल से टेलीफोन पर बात की थी। महत्वपूर्ण बात यह है कि ऑस्ट्रिया एक स्वतंत्र और समृद्ध यूक्रेन के लिए महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।''

यूक्रेन युद्ध में रूस की तरफ़ से लड़ रहे भारतीयों को वापस भेजने पर पुतिन सरकार राज़ी हुई

यूक्रेन युद्ध में रूस की तरफ़ से लड़ रहे भारतीयों को वापस भेजने पर पुतिन सरकार राज़ी हुई

बुधवार, 10 जुलाई 2024

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के दौरान रूस ने अपनी सेना में लड़ रहे भारतीयों को वापस उनके देश भेजने का वादा किया है।

भारत के विदेश मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है। यह घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मॉस्को दौरे के अंत में की गई।

इस दौरे में ही राष्ट्रपति पुतिन के आगे इस मुद्दे को उठाया गया था। दिल्ली ने भारतीयों को वापस भेजने की अपील की थी।

इन भारतीयों का कहना है कि उन्हें सेना में लड़ाई से अलग यूनिटों में काम करने के नाम पर भर्ती किया गया था लेकिन बाद में उन्हें यूक्रेन की सक्रिय लड़ाई में भेज दिया गया।

यूक्रेन युद्ध में अब तक कम से कम चार भारतीय मारे गए हैं।

मंगलवार, 9 जुलाई 2024 को विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने एक प्रेस ब्रीफ़िंग में कहा कि मोदी ने उन 'भारतीयों को वापस लाने का मुद्दा ज़ोर शोर' से उठाया, जो 'गुमराह करके रूसी सेना में भर्ती' किए गए थे।

विनय क्वात्रा ने कहा कि रूसी सेना में 35-40 के क़रीब भारतीय हैं, जिनमें 10 को वापस लाया जा चुका है। बाक़ी लोगों को लाने के लिए बातचीत चल रही है।

रूस में फंसे भारतीयों ने कहा कि उन्हें अच्छा ख़ासा पैसा और रूसी पासपोर्ट के बदले भर्ती होने के लिए फुसलाया गया था।

इनमें से अधिकांश लोग ग़रीब परिवारों से हैं, जिन्हें रूसी सेना में हेल्पर के तौर पर नौकरी की पेशकश की गई थी।

इसराइली सेना ने फ़लस्तीनियों से ग़ज़ा शहर खाली करने के लिए कहा

इसराइली सेना ने फ़लस्तीनियों से ग़ज़ा शहर खाली करने के लिए कहा

बुधवार, 10 जुलाई 2024

इसराइली सेना ने उत्तर में तेज सैन्य अभियानों के बीच, ग़ज़ा शहर के सभी निवासियों को दक्षिण से मध्य ग़ज़ा पट्टी तक खाली करने को कहा है।

विमान से गिराए गए पर्चे में सभी निवासियों को सुरक्षित मार्ग से ख़तरनाक युद्ध क्षेत्र को छोड़ने के लिए कहा गया है।

संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि ग़ज़ा में दिए जा रहे निकासी आदेशों को लेकर वह बेहद चिंतित है। युद्ध शुरू होने के बाद यह दूसरी बार है जब ग़ज़ा शहर को पूरी तरह से खाली करने के लिए कहा गया है।

पिछले दो हफ्तों में, इसराइली सेना ने ग़ज़ा शहर के कई ज़िलों में फिर से प्रवेश किया है। सेना का मानना ​​​​है कि हमास और फ़लस्तीनी इस्लामिक जिहाद साल 2024 की शुरुआत से फिर से संगठित हो गए हैं।

इस पर हमास का कहना है, "इसराइल की नई गतिविधि से संभावित युद्धविराम और बंधक रिहाई समझौते पर बुधवार, 10 जुलाई 2024 को क़तर में फिर से शुरू हुई बातचीत के पटरी से उतरने का ख़तरा है।''

अनुमान है कि ग़ज़ा शहर में अभी भी ढाई लाख से अधिक लोग रह रहे हैं और कुछ लोगों को दक्षिण की ओर पलायन करते हुए देखा गया है।

ग़ज़ा में विस्थापितों के कैंप पर इसराइल के हवाई हमले में 29 फ़लस्तीनियों की मौत

ग़ज़ा में विस्थापितों के कैंप पर इसराइल के हवाई हमले में 29 फ़लस्तीनियों की मौत

बुधवार, 10 जुलाई 2024

दक्षिणी ग़ज़ा में एक स्कूल के बाहर विस्थापित लोगों के कैंप पर हुए इसराइली हमले में कम से कम 29 लोगों के मारे जाने की ख़बर है।

हमास संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि ख़ान यूनिस के पूरब में स्थित अबसाना अल-कबीरा क़स्बे में अल-आवदा स्कूल के गेट पर हवाई हमला हुआ।

इसराइली सेना ने कहा है कि उसने "हमास के मिलिटरी विंग के टेररिस्ट" को निशाना बनाने के लिए "सटीक मार करने वाले हथियारों" का इस्तेमाल किया था।

इसराइली सेना ने दावा किया कि संदिग्धों ने सात अक्टूबर 2023 को इसराइल पर हुए हमले में हिस्सा लिया था। लेकिन इसराइली सेना ने अपने दावे की पुष्टि के लिए कोई सबूत पेश नहीं किया है।

इसराइली सेना ने कहा है कि इस हमले में अल-आवदा स्कूल के पास ही विस्थापित लोगों के कैंप में नागरिकों के हताहत होने की ख़बरों की जांच हो रही है।

एक सप्ताह पहले ही इसराइली सेना ने अबासान अल-कबीरा और ख़ान यूनिस के पूरब के इलाक़ों को खाली करने का आदेश दिया था जिसकी वजह से हज़ारों लोग वहां से जा रहे थे।

बीबीसी ने प्रत्यक्षदर्शियों से बात की जिन्होंने बताया कि इलाके में उस समय 3,000 से अधिक विस्थापित मौजूद थे। उन्होंने हमले की भयावहता के बारे में भी बताया।

हमले में व्यापक तबाही हुई है और मरने वालों में फ़लस्तीन महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।

सात अक्टूबर 2023 को इसराइल पर हमला हुआ था जिसमें 1200 लोग मारे गए थे और 251 लोगों को बंधक बनाकर ग़ज़ा ले जाया गया था।

हमास संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इसके बाद शुरू हुई इसराइली सैन्य हमले में अब तक 38,240 फ़लस्तीनियों की मौत हो चुकी है।