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नोटबंदी एक आर्थिक डकैती है: राहुल गांधी

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी शुक्रवार को अल्मोड़ा में जन सभा को संबोधित करने पहुंचे। अल्मोड़ा के एसएसजे परिसर मैदान में यह रैली शुरू हुई।

राहुल गाँधी ने कहा, नोट बंदी एक आर्थिक डकैती है, मोदीजी ने गरीबों पर निशाना लगाया है। मोदीजी ने गरीब पर ज़बरदस्त चोट मारी है, बशीर बद्र के शब्दों में- 'लोग टूट जाते हैं एक घर बनाने में, तुम तरस नहीं खाते बस्तियाँ जलाने में।' नोटबंदी के कारण 100 लोगों से ज्यादा की मृत्यु हुई, 2 मिनट 100 लोगों की याद में संसद में हमें खड़े होने नहीं दिया। हम जानना चाहते हैं कि स्विस बैंक वाले चोर कौन हैं? हम चाहते हैं कि मोदी सरकार उनका नाम सदन में रखे।

वहीं अमिताभ बच्चन की फिल्म के गाने को कोट करते हुए राहुल ने कहा, आपका तो लगता है बस यही सपना, राम-राम जपना पराया माल अपना।

लेकिन आपका तो है बस यही सपना राम-राम जपना गरीब का माल अपना।

राहुल गांधी ने कहा, कांग्रेस पार्टी भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में हमेशा साथ खड़ी रहती है।

राहुल गांधी ने कहा, उत्तराखंड को 7 हजार करोड़ रुपए नहीं दिए जो उत्तराखंड के लोगों का हक है।

राहुल गांधी ने कहा, कांग्रेस पार्टी ने मोदी जी से सिर्फ तीन मांग की थी। कर्ज माफ, बिजली बिल हाफ और अनाज का सही दाम।

राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर हमला करते हुए कहा, मोदी ने लोगों से मनरेगा छीना। हिंदूस्तान के मजदूरों को कहा कि वे गड्ढे खोदते हैं।

राहुल गांधी ने कहा, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में आदिवासियों के खिलाफ युद्ध छेड़ रखा है।

राहुल गांधी ने कहा, हिंदुस्तान को दो भागों में बांट रखा है। एक तरफ हिंदुस्तान के सुपर रीच 1 प्रतिशत लोग 50 परिवार। दूसरी तरफ 99 फीसदी लोग, गरीब लोग हैं।

राहुल गांधी ने कहा, पिछले ढाई साल में नरेंद्र मोदी सरकार ने 1 फीसदी लोगों को फायदा पहुंचाया है। ये वही लोग हैं जो आपके साथ ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जाते हैं।

राहुल गांधी ने कहा, कालाधन हिंदुस्तान के 99 फीसदी लोगों के पास नहीं है।

नजीब जंग का इस्तीफा, केजरीवाल और मोदी के बीच समझौता का परिणाम: कांग्रेस

द‌िल्ली के एलजी नजीब जंग ने सबको चौंकाते हुए अपना इस्तीफा दे दिया। एलजी जंग के ओएसडी के मुताबिक, उन्होंने निजी कारणों से इस्तीफा दिया है और वो अब अपने परिवार के साथ समय बिताना चाहते हैं।

नजीब जंग ने अपने कार्यकाल के दौरान प्रधानमंत्री मोदी से मिले सहयोग के लिए आभार जताया है, वहीं उन्होने दिल्लीवासियों को भी सहयोग के लिए शुक्रिया कहा है। इसके अलावा उन्होंने अरविंद केजरीवाल को भी धन्यवाद दिया है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उनके लिए जंग का इस्तीफा चकित करने वाला है। केजरीवाल ने ट्वीट कर जंग को भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं है।

इन सबके बीच कांग्रेस ने नजीब जंग के इस्तीफे पर सवाल उठाया है। कांग्रेस नेता अजय माकन ने केंद्र से सवाल किया है कि सरकार को बताना चाहिए कि समय से पहले नजीब जंग के पद छोड़ने के पीछे क्या कारण है? साथ ही अजय माकन ने सवाल उठाया है कि क्या केजरीवाल और नरेंद्र मोदी जी के बीच कोई डील हुई है और इसकी वजह से नजीब जंग जी को जाना पड़ा?

इतना ही नहीं, कांग्रेस का कहना है कि अगर केंद्र सरकार सरकार आरएसएस के किसी नुमाइंदे को उपराज्यपाल बनाएगी तो वो उसका विरोध करेंगी।

दरअसल कई मुद्दों पर केजरीवाल और नजीब जंग के बीच विवाद खुलकर सामने आ गए थे। नजीब जंग और केजरीवाल के बीच कई मुद्दों पर मतभेद हमेशा सुर्खियों में रहे। अरविंद केजरीवाल अक्सर आरोप लगाते थे कि नजीब जंग केंद्र सरकार के एजेंट की तरह काम कर रहे हैं। ऐसे में नजीब जंग के समय से पहले इस्तीफा से लोग अचंभे में हैं।

मोदी जी मजाक उड़ाइये. लेकिन सवालों का जवाब दीजिए : राहुल गांधी

उत्तर प्रदेश में बहराइच की रैली में बोलते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी ने कहा, मोदी जी मजाक उड़ाइये, लेकिन सवालों का जवाब दीजिए।

राहुल ने कहा, मैं प्रधानमंत्री जी के मजाक का जवाब ग़ालिब की शायरी में देना चाहता हूँ।
हर एक बात पे कहते हो तुम कि तू क्या है
तुम्हीं कहो कि ये अंदाज़-ए-गुफ़्तुगू क्या है

सहारा-बिड़ला केस पर केजरीवाल ने माँगा मोदी से इस्तीफा

राहुल गांधी के बाद सहारा-बिड़ला केस को लेकर आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी पर हमला बोला है। साथ ही केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी निगरानी में SIT जांच की मांग की है।

केजरीवाल के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट को निष्पक्ष कमिटी बनाकर इस मामले की जांच करानी चाहिए और जबतक जांच पूरी नहीं हो जाती प्रधानमंत्री मोदी को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।

केजरीवाल ने कहा कि देश के साथ धोखा हो गया। कांग्रेस को भ्रष्टाचार के चलते हटाया गया था और बीजेपी भी वही कर रही है। प्रधानमंत्री जांच से इसलिए भाग रहे हैं ताकि उन्होंने जो रिश्वत ली थी, वह साबित न हो सके। आजादी के बाद से किसी पीएम का नाम कच्चे खातों में नहीं आया था। पीएम मोदी का नाम सहारा के कच्चे खातों में आया है।

 

 

 

 

 

 

 

6 महीने में सहारा ने मोदी को 40 करोड़ रुपये दिए: राहुल गांधी

भारत के पीएम नरेंद्र मोदी के गढ़ मेहसाणा में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने उनपर जमकर हमला किया। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने आरोप लगाया है कि 6 महीने में 9 बार सहारा के लोगों ने मोदी जी को पैसा दिया। सहारा का यह रेकॉर्ड आयकर विभाग के पास है। राहुल गांधी ने कहा कि कोई भी बिजनस चलाता है तो वह हिसाब रखता है। 22 नवंबर 2014 को सहारा कंपनी पर छापा पड़ा।

राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर ये आरोप इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का हवाला देकर लगाया है। राहल गांधी के मुताबिक, सहारा के लोगों ने नरेंद्र मोदी को 30 अक्टूबर 2013 को 2.5 करोड़, 12 नवंबर 2013 को 5 करोड़, 27 नवंबर 2013 को 2.5 करोड़ और 29 नवंबर 2013 को 5 करोड़ रुपये दिए।

साथ ही राहुल गांधी ने पीएम मोदी को इसकी स्वतंत्र जांच की चुनौती भी दी। राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी देश को बताएं कि  ये सच है या नहीं। आप इसकी स्वतंत्र जांच कराइये। यह हमारे प्रधानमंत्री पर सवाल उठा है और इसका जवाब मिलना चाहिए।

राहुल गांधी का पीएम मोदी पर पूरा आरोप सहारा-बिड़ला डायरी मामले पर आधारित है और इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में हो रही है। इस मामले में वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण है। प्रशांत भूषण ने अपनी याचिका में कहा है कि सीबीआई और इनकम टैक्स की रेड में ये दस्तावेज मिले थे कि उन्होंने कई नेताओं जिनमें कुछ राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल हैं, को करोड़ों की घूस दी थी। इस मामले की सुप्रीम कोर्ट SIT से जांच कराए। सीबीआई और आयकर के जब्त किए गए कागजातों को कोर्ट में मंगवाया जाए।

याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण को आरोप साबित करने के लिए ठोस सबूत पेश करने का आदेश दिया था। प्रशांत भूषण ने जवाब में कहा कि वो पीएम पर आरोप नहीं लगा रहे। दोनों के पास से इंकम टैक्स को ये सारे दस्तावेज मिले हैं। उनके पास 1500 पेज की रिपोर्ट भी है जिस पर वो हलफनामा दाखिल करेंगे। 12 दिसंबर को कोर्ट बंद था इसलिए उन्होंने तय किया कि वो इस रिपोर्ट को खंगालकर हलफनामा दाखिल करेंगे। लिस्ट में अगली तारीख 11 जनवरी दिखाई दे रही थी।

पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सहारा और बिड़ला ग्रुप द्वारा बड़े नेताओं को करोड़ों रुपये देने के मामले की SIT से जांच कराने से इंकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि क्योंकि मामला एक बड़े जनप्रतिनिधि से जुड़ा है, सिर्फ इसलिए मामले की जांच के आदेश नहीं दे सकते। जो कागजात दिए गए हैं, उनके आधार पर जांच नहीं कराई जा सकती क्योंकि सहारा के दस्तावेज तो पहले ही फर्जी पाए गए हैं। हमने ये अपने आदेश में भी कहा था। कोई भी किसी के नाम की कंप्यूटर में एंट्री कर सकता है, इसे तवज्जो नहीं दी सकती। याचिकाकर्ता कोई ठोस सबूत दे तो सुनवाई कर सकते हैं। अगर कोई ठोस दस्तावेज ना मिलें तो मामले को फिर से कोर्ट ना लाएं।

ओवैसी ने पूछा, एनआईए इतनी तेजी दूसरे केसों में क्यों नहीं दिखाती?

एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने हैदराबाद में हुए धमाके में कोर्ट का फैसला आने पर सवाल खड़ा किया है। ओवैसी ने कहा कि इतनी ही तेजी से मक्का-मस्जिद ब्लास्ट, समझौता ब्लास्ट या बाबरी मस्जिद केस की सुनवाई क्यों नहीं की जाती?

ओवैसी ने कहा कि एनआईए ने जिस तेजी से 2013 में दिलसुख नगर में हुए धमाके की जांच प्रक्रिया पूरी की, उतनी ही तेजी दूसरे केस में क्यों नहीं करती?

ओवैसी ने कहा कि दिलसुख नगर ब्लास्ट में जिस तरह से अधिकारियों ने दिलचस्पी दिखाई, उससे तीन साल में रिजल्ट आ गया। हम ये बोल रहे हैं कि मक्का-मस्जिद ब्लास्ट या मालेगांव ब्लास्ट में एऩआईए क्यों नहीं दिलचस्पी दिखा रही है?

ओवैसी ने कहा कि आखिर मरने वाले सभी हिंदुस्तानी हैं। स्वामी असीमानंद को बेल होने पर एनआईए अपील नहीं करता। 1992 में बाबरी मस्जिद मामले में अब तक केस चल रहा है।

गौरतलब है कि हैदराबाद धमाके में सोमवार को ही कोर्ट ने यासीन भटकल समेत पांच लोगों को फांसी की सजा सुनाई थी।

बीजेपी सहयोगी चंद्रबाबू नायडू ने नोटबंदी की आलोचना की

भाजपा की सहयोगी और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने काला धन या अघोषित रुपये का पता लगाने के लिए 500 और 1,000 के नोट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रतिबंध का शुरू में समर्थन किया था, लेकिन अब कहना है कि वह चिंतित है बड़े पैमाने पर नकदी की कमी के संकट के ख़त्म होने की कोई उम्मीद नज़र नहीं आती। 

'राजनीतिक दल 2,000 रुपये से ज्यादा के चंदों का स्रोत बताएं'

भारत में काले धन पर रोक और राजनीतिक दलों पर शिकंजा कंसने के लिए चुनाव आयोग ने केंद्र सरकार से चंदे में मिलने वाली रकम के कानून में संशोधन की बात कही है। चुनाव आयोग ने केंद्र सरकार को लिखे सुझाव में कहा है कि 2000 रुपये तक से ज्यादा चंदे की रकम देने वाले का नाम सार्वजनिक किया जाना चाहिए।

चुनाव आयोग चाहता है कि राजनीतिक दल 2,000 रुपये से ज्यादा के चंदों का स्रोत बताएं। इससे ज्यादा की रकम देने वाले का नाम उजागर किया जाना चाहिए।

अभी तक जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 के सेक्शन 29 सी के तहत पार्टियों के लिए 20 हजार रुपये से ज्यादा के चंदों का स्रोत बताना जरूरी है।

आयोग ने साथ ही यह भी प्रस्ताव दिया है कि सिर्फ उन्हीं राजनीतिक दलों को इनकम टैक्स में छूट मिलनी चाहिए जो चुनाव लड़ती हों और लोकसभा या विधानसभा चुनावों में जीती हों। दरअसल इनकम टैक्स ऐक्ट, 1961 के सेक्शन 13ए के मुताबिक, राजनीतिक दलों को आयकर छूट मिली हुई है।

मणिपुर के पूर्वी इम्फाल जिले में कर्फ्यू: फूटा प्रदर्शकारियों का गुस्सा, बसें जलाई

आज दोपहर मणिपुर की राजधानी इम्फाल में हिंसा भड़क उठी। राज्य में चल रही आर्थिक नाकेबंदी और इससे पहले इस सप्ताह सुरक्षा बलों पर हुए आतंकवादी हमलों की एक श्रृंखला पर गुस्साये प्रदर्शनकारियों ने हिंसा का सहारा लिया। इम्फाल ईस्ट जिले में अनिश्चितकालीन कर्फ्य लगाया गया है।

सेना प्रमुख की नियुक्ति पर विवाद: कांग्रेस, वाम दल ने उठाएँ सवाल

नए सेना प्रमुख के रूप में वाइस चीफ ऑफ़ आर्मी स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत की नियुक्ति से राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है। कांग्रेस और वाम मोर्चा ने दो वरिष्ठ अधिकारियों को सुपरसीड करके रावत को सेना प्रमुख बनाये जाने पर सवाल उठाये हैं।