विज्ञान और टेक्नोलॉजी

चंद्रयान-1 से मिली जानकारी ने चंद्रमा पर बर्फ की मौजूदगी की पुष्टि की : नासा

नासा ने आज कहा कि वैज्ञानिकों ने चंद्रमा के ध्रुवीय क्षेत्रों के अंधेरे और ठंडे हिस्सों में जमा हुआ पानी मिलने का दावा किया है। यह दावा चंद्रयान-1 से प्राप्त जानकारी के आधार पर किया गया है। चंद्रयान-1 का प्रक्षेपण भारत ने 10 वर्ष पहले किया था।

समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार, सतह पर कुछ मिलीमीटर तक बर्फ मिलने से यह संभावना बनती है कि उस पानी का इस्तेमाल भविष्य की चंद्र यात्राओं में संसाधन के रूप में किया जा सकता है।

जर्नल पीएनएएस में प्रकाशित शोध के मुताबिक, यह बर्फ कुछ-कुछ दूरी पर है और संभवत: बहुत पुरानी है।

सी-बबल : पानी में चलने वाली दुनिया की पहली कार लॉन्च

पानी में चलने वाली कार का अविष्कार पेरिस ने किया है। यह दुनिया की पहली वाटर कार है जिसे पेरिस ने लॉन्च किया है। अभी हाल ही में इसका टेस्ट वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किया गया है।

लॉन्चिंग से पहले इसका टेस्ट ड्राइव लिया गया जिसमें यह अपने मानकों पर खरी उतरी है। कार पानी की सतह से थोड़ा ऊपर उड़ते हुए चलती है। यह संभव हो पाया कार में लगे सी-बबल के जरिए। और सबसे दिलचस्प बात ये है कि इस टैक्सी का नाम सी-बबल रखा गया है।

कोलेस्ट्रॉल कम होने से कैंसर होने का खतरा बढ़ सकता है

कोलेस्ट्रॉल का नाम सुनते ही हमारे दिमाग में दिल की बीमारी का ख्याल आ जाता है। शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने से दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है, लेकिन यह हमेशा हमारी सेहत के लिए नुकसानदेह नहीं होता। कोलेस्ट्रॉल हमारे शरीर की अनेक प्रक्रियाओं के संचालन के लिए बेहद जरूरी होता है। पोषक तत्वों के शरीर में अवशोषण से लेकर तमाम हार्मोन्स के प्रोडक्शन तक में कोलेस्ट्रॉल बेहद जरूरी है।

दरअसल कोलेस्ट्रॉल दो तरह के होते हैं - बैड कोलेस्ट्रॉल और गुड कोलेस्ट्रॉल। शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना हमारी सेहत के लिए नुकसानदेह होता है। सामान्यतः कोलेस्ट्रॉल लेवल कम होना ज्यादा बेहतर माना जाता है। नियमित एक्सरसाइज और खान-पान की बदौलत कोलेस्ट्रॉल कम किया जा सकता है। लेकिन जब शरीर में कोलेस्ट्रॉल के लेवल में ज्यादा कमी आती है तो यह कई तरह के स्वास्थ्य समस्याओं के खतरे बढ़ाती है।

कई तरह के कैंसर से लड़ने में बैड कोलेस्ट्रॉल अहम भूमिका निभाता है। ऐसे में जब हमारे शरीर में इसकी ज्यादा कमी होती है तो कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा लो कोलेस्ट्रॉल आपको कैंसर से प्रभावी तरीके से लड़ने से रोकता है।

तमाम शोधों में यह बताया गया है कि कोलेस्ट्रॉल का कम स्तर गुस्सा बढ़ाने में मददगार होता है। इसके अलावा यह लोगों में हिंसक प्रवृत्ति को भी बढ़ावा दे सकता है।

कोलेस्ट्रॉल याद्दाश्त के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है। ऐसे में कोलेस्ट्रॉल लेवल में कमी याद्दाश्त को कमजोर करने का काम करती है। कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाएं दिमाग की क्षमता को कम करने के लिए जानी जाती हैं।

2011 में हुए एक अध्ययन में बताया गया है कि कोलेस्ट्रॉल का कम स्तर जल्दी मरने का खतरा बढ़ा देता है।

कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाएं हमारे संक्रमण से लड़ने की क्षमता को प्रभावित करती हैं। एक शोध में यह बताया गया है कि कोलेस्ट्रॉल टीबी के मरीजों के लिए मददगार हो सकता है।

दक्षिण प्रशांत क्षेत्र में गिरा चीन का अनियंत्रित स्पेस स्टेशन

चीन का बेकाबू हो चुका स्पेस स्टेशन तियांगोंग-1 सोमवार को दक्षिण प्रशांत क्षेत्र में धरती के वायुमंडल में पहुंचते ही नष्ट हो गया। चीनी स्पेस अथॉरिटी ने इसकी पुष्टि की।

वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, यह यान सुबह 8 बजकर 15 मिनट पर धरती के वायुमंडल में आया और इसका अधिकांश हिस्सा जलकर नष्ट हो गया।

हालांकि, इसके कुछ हिस्से अब धरती पर गिरेंगे, लेकिन पेइचिंग के मुताबिक, कोई भी हिस्सा ज्यादा बड़ा नहीं होगा।

चीन ने 10.4 मीटर लंबा यह स्पेसक्राफ्ट साल 2011 में लॉन्च किया था। चीन की स्पेस एजेंसी चाइना नेशनल स्पेस ऐडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक तियांगोंग-1 से मार्च 2016 से संपर्क टूट चुका था। जिसके बाद से यह अंतरिक्ष में घूम रहा था।

बता दें कि साढ़े आठ टन वजन वाला यह स्पेस स्टेशन साल 2016 में ही अपना नियंत्रण खो चुका था और तब से ही यह धरती की तरफ गिर रहा है। वैज्ञानिकों ने पहले ही अनुमान लगाया था कि इस स्पेसक्राफ्ट का अधिकतर हिस्सा गिरते समय जलकर खाक हो जाएगा, लेकिन 10 से 40 प्रतिशत हिस्सा मलबे के रूप में बचा रह सकता है और इसमें खतरनाक केमिकल्स हो सकते हैं।

अमेरिका में मध्यावधि चुनावों में दखल देने के लिये कोई फेसबुक के इस्तेमाल की कोशिश कर रहा है : मार्क जुकरबर्ग

अमेरिका में 2016 में हुए चुनावों में रूसी हस्तक्षेप के आरोपों के बीच मार्क जुकरबर्ग ने कहा है कि उन्हें पक्का विश्वास है कि नवंबर में होने वाले मध्यावधि चुनावों में दखल देने के लिये कोई फेसबुक के इस्तेमाल की कोशिश कर रहा है।

अभी चुनावों में दखल की संभावनाओं पर सी एन एन द्वारा पूछे जाने पर फेसबुक के सी ई ओ ने कहा, ''मुझे विश्वास है कि कोई कोशिश कर रहा है।'' उन्होंने कहा, ''रूस का 2016 में जो भी प्रयास था। मुझे विश्वास है कि उसका वी2, या दूसरा संस्करण भी है, मुझे यकीन है कि वे उस पर काम कर रहे हैं। और इस बार कुछ अलग युक्ति अपनाई जाएगी जिसके बारे में हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम उसकी पहचान कर सकें और उसका मुकाबला कर सकें।''

उनका यह बयान कैंब्रिज एनालिटिका प्रकरण के सामने आने के बाद आया है जिसमें राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के चुनावी अभियान से जुड़ी ब्रिटिश डेटा कंपनी ने कथित तौर पर पांच करोड़ फेसबुक यूजर्स का आंकड़ा बिना उनकी जानकारी के हासिल और इस्तेमाल किया था।

जुकरबर्ग ने कहा कि फेसबुक कर्मचारियों को कुछ अलग चीज होने की भनक थी जिसे हमें सामने लाना होगा। उन्होंने कहा कि कर्मचारी तकनीक निर्माण कर रहे हैं और मानव समीक्षकों की सेवा ले रहे हैं जिससे दुष्प्रचार और दूसरे हमलों को रोका जा सके। उन्होंने कहा, ''इस साल हमने जो बड़ी प्रतिबद्धताएं व्यक्त की हैं, उनमें से कंपनी में सुरक्षा के लिये काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या दोगुनी करना शामिल है। सुरक्षा और कंटेंट की समीक्षा के लिये इस साल के अंत तक कंपनी में हम 20,000 लोगों के साथ काम करने जा रहे हैं।

व्हाट्सएप के को-फाउंडर ब्रायन एक्टन ने यूजर्स से कहा, यह फेसबुक को डिलीट करने का समय है

राजनीतिक उद्देश्यों के लिए फेसबुक उपभोक्ताओं के कथित डेटा लीक की खबरों के बीच व्हाट्सएप के सह-संस्थापक ब्रायन एक्टन ने मंगलवार को उपभोक्ताओं से सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक को डिलीट करने के लिए कहा।

ब्रायन एक्टन ने ट्वीट कर अपने 23,000 से ज्यादा फालोवर्स से कहा, ''यह फेसबुक को हटाने का समय है।''

फेसबुक ने 2014 में व्हाट्स एप का अधिग्रहण किया था। राजनीतिक डेटा विश्लेषक कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका के फेसबुक के पांच करोड़ उपभोक्ताओं के डेटा तक बिना अनुमति के पहुंचने की रपट सामने आने के बाद फेसबुक कड़ी प्रतिक्रिया का सामना कर रहा है।

कंपनी ने उपभोक्ताओं के डेटा एक फेसबुक एप से सालों पहले हासिल किए थे, जिसे कथित तौर पर मनोवैज्ञानिक उपकरण होने की बात कही गई थी। हालांकि, कंपनी उस जानकारी के लिए अधिकृत नहीं थी।

इससे पहले मंगलवार को ब्रिटेन की डेटा संरक्षण वॉचडाग ने राजनीतिक डेटा विश्लेषक और परामर्शदाता के लंदन मुख्यालय की तलाशी के लिए अदालती वारंट की मांग की। इस परामर्शदाता ने डोनाल्ड ट्रंप के चुनावी टीम के साथ काम किया है और कथित तौर पर मतदान को प्रभावित करने के लिए अमेरिकी मतदाताओं के फेसबुक प्रोफाइल का इस्तेमाल किया।

यू के इंफार्मेशन कमिश्नर ने कैंब्रिज एनालिटिका के मुख्यालय का दौरा करते समय फेसबुक द्वारा नियुक्त किए गए लेखापरीक्षकों को नीचे खड़े रहने का भी आदेश दिया था।

इस बीच अमेरिका व ब्रिटेन के सांसदों ने फेसबुक उपभोक्ताओं के डेटा लीक की रपट के बाद कार्रवाई की मांग की है। मार्क जुकरबर्ग के फेसबुक ने व्हाट्स एप को 2014 में 19 अरब डॉलर में खरीदा था, लेकिन एक्टन 2018 की शुरुआत में 'सिंगल फाउंडेशन' शुरू करने से पहले कंपनी के साथ कई साल बने रहे। बीते महीने उन्होंने 'सिंगल' में पांच करोड़ डालर का निवेश किया, जो बेहद लोकप्रिय व्हाट्स एप के लिए एक स्वतंत्र विकल्प है। एक अन्य व्हाट्स एप के सह-संस्थापक जान कोउम अब भी कंपनी की अगुवाई कर रहे हैं और फेसबुक के बोर्ड में हैं।

चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने का प्रयास बर्दाश्त नहीं होगा: केंद्रीय कानून और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री

भारत ने बुधवार को सोशल मीडिया के अग्रणी मंच फेसबुक और उसके सी ई ओ मार्क जुकरबर्ग को कथित तौर पर चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए डेटा का दुरुपयोग करने को लेकर सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी दी है।

बीजेपी नेता, केंद्रीय कानून और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ''भारत के कानून मंत्री के रूप में मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि हम प्रेस की आजादी, भाषण व अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सोशल मीडिया पर विचारों के स्वतंत्र आदान-प्रदान का पूरा समर्थन करते हैं।''

उन्होंने आगे कहा, ''लेकिन फेसबुक समेत सोशल मीडिया द्वारा अप्रत्यक्ष या प्रत्यक्ष रूप से अवांछित साधनों के जरिए भारत की चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने के किसी भी प्रयास की न तो सराहना की जाएगी और न ही उसे बर्दाश्त किया जाएगा।''

कानून मंत्री ने कहा, ''फेसबुक बिल्कुल स्पष्ट तौर पर यह जान ले कि अगर जरूरी हुआ तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।''

यह चेतावनी उन खबरों के बीच दी गई है, जिनमें बताया गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टीम के साथ कार्य कर रही डेटा विश्लेषक कंपनियों ने कथित तौर अमेरिकी मतदाताओं की लाखों फेसबुक प्रोफाइल का उपयोग उनके मतदान की पसंद को प्रभावित करने के लिए किया है।

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने जुकरबर्ग को भारत के सूचना प्रौद्योगिकी कानून की याद दिलाते हुए कहा, ''अच्छा होगा कि आप भारत के आई टी मंत्री के कथनों पर ध्यान दें।''

उन्होंने कहा, ''अगर किसी भी भारतीय का डेटा फेसबुक की मिलीभगत से लीक होगा तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हमें आई टी कानून में जरूरी शक्ति प्राप्त है, जिसके तहत आपको भारत में तलब भी किया जा सकता है।'' रविशंकर ने कहा कि भारतीय फेसबुक यूजर्स की निजता के साथ छेड़छाड़ का आकलन करने के लिए सरकार अमेरिकी फेडरल ट्रेड कमीशन और न्याय विभाग के संपर्क में है।

उन्होंने चेतावनी दी, ''हम भारतीय यूजर्स के डेटा की चोरी का आकलन करने के लिए कंपनी और फेसबुक को तलब करेंगे और सख्त कार्रवाई करेंगे।''

फेसबुक ने कहा है कि करीब 2,70,000 लोगों ने एप डाउनलोड किया और उन्होंने उस पर अपनी निजी जानकारी साझा की। लेकिन कंपनी ने किसी तरह की गड़बड़ी से इंकार किया और कहा कि कंपनी डेटा हासिल करने और उसके इस्तेमाल में सही प्रक्रियाओं का पालन करती है।

ब्रह्मांड का रहस्य खोलने वाले दिग्‍गज वैज्ञानिक स्‍टीफन हॉकिंग का निधन

महान भौतिक वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग नहीं रहे। बुधवार (14 मार्च) को उनका निधन हो गया। वह 76 साल के थे। हॉकिंग के निधन की जानकारी उनके परिवार ने दी है। स्टीफन हॉकिंग ने अपनी अंतिम सांस घर में ली। उनके बच्चों लूसी, रॉबर्ट और टिम ने इस बारे में आधिकारिक बयान जारी किया। उन्होंने कहा, ''हम पिता के जाने से बेहद दुखी हैं। वह महान वैज्ञानिक थे और असाधारण इंसान थे, जिनका काम और विरासत आने वाले सालों में भी जाना जाएगा।''

हॉकिंग ने बिग बैंग सिद्धांत और ब्लैक होल को समझने में खास योगदान दिया है। यही कारण है कि उन्हें अमेरिका के सबसे उच्च नागरिक सम्मान से नवाजा जा चुका है। उनकी ब्रह्मांड के रहस्यों पर किताब 'ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम' भी दुनिया भर में काफी मशहूर हुई थी।

हॉकिंग मूल रूप से ब्रिटेन के रहने वाले थे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वह मोटर न्यूरॉन बीमारी से पीड़ित थे। हॉकिंग का जन्म इंग्लैंड के ऑक्सफोर्ड में आठ जनवरी 1942 में हुआ था। सेंट एल्बन में वह और उनके छोटे भाई-बहन पले-बढ़े। स्टीफन हॉकिंग के दिमाग को छोड़कर शरीर के बाकी अंग काम नहीं करते थे। वह व्हीलचेयर पर रहते थे। फिर भी विज्ञान की दुनिया में वह अपनी अलग पहचान बनाने में कामयाब रहे। एलबर्ट आइंस्टीन के बाद हॉकिंग दुनिया के सबसे महान सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानी बने।

रोचक बात है कि जिस दिन हॉकिंग पैदा हुए, उसी दिन महान वैज्ञानिक गैलीलियो ने दुनिया को अलविदा कह दिया था। स्टीफन ने एक बार अपनी जान लेने की कोशिश भी की थी। वह तब 38 साल के थे और यह कदम उन्होंने अपनी बीमारी से परेशान होकर उठाया था।

स्कूल में स्टीफन हॉकिंग का पढ़ाई में खासा मन नहीं लगता था। सेंट एल्बन स्कूल में हॉकिंग का ज्यादातर वक्त बोर्ड गेम्स और कंप्यूटर्स के साथ बीता। लेकिन फिर भी उन्होंने आगे चलकर प्रख्यात ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में दाखिला पाया, जहां से उनके पिता ने भी पढ़ाई की थी। हॉकिंग, 17 साल की उम्र में यहां के छात्र बने थे। भौतिक विज्ञान की राह चुनने से पहले उनका मन गणित या औषधि क्षेत्र में पढ़ाई करने का था। हालांकि, कॉलेज में वह कम ही लेक्चर लेते थे। उन्होंने कहा था, ''मैंने ऑक्सफोर्ड में बिताए तीन सालों में महज एक हजार घंटे ही पढ़ाई पर बिताए होंगे।''

रोचक बात है कि कम क्लास लेने और किताबी कीड़ा बन कर न पढ़ने के बावजूद भी उनका दिमाग तेज था। कॉलेज में हॉकिंग ने जब अपनी थीसिस जमा की, जो प्रथम श्रेणी और द्वितीय श्रेणी के बीच की ग्रेड में रखा गया। ऐसे में उन्हें एक मौखिक परीक्षा से गुजरना पड़ा। तब उन्होंने शिक्षकों से कहा था, ''अगर आप मुझे प्रथम श्रेणी देंगे तो मैं कैंब्रिज जाऊंगा। अगर द्वितीय श्रेणी में रखेंगे तो मैं यहीं रह जाऊंगा। ऐसे में मैं आपसे पहली श्रेणी की उम्मीद करता हूं।''

1962 में उन्होंने कैम्ब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज में अपना नाम लिखाया, जहां वह भौतिक विज्ञानी डेनिस स्कीमा और नामी खगोल विज्ञानी फ्रेड हॉयल सरीखे नामों के अंतर्गत थे। यहीं, उनकी रुचि ब्लैक होल्स और विलक्षणता के तत्कालीन प्रारंभिक अध्ययन में दिखने लगी थी। कॉस्मोलॉजी में डॉक्टरेट की डिग्री हासिल करने के बाद वह कैम्ब्रिज में ही रुके। यहां उन्होंने ब्रह्मांड के ढांचे से जुड़े जरूरी प्रश्नों को समझने का प्रयास किया। कैम्ब्रिज में हॉकिंग वाइल्ड से मिले थे, जो लंदन के वेस्टफील्ड कॉलेज में आधुनिक भाषाओं की पढ़ाई कर रही थी। मगर दोनों की डेटिंग से पहले ही हॉकिंग को आइस स्केटिंग बीमारी हो गए। वह डॉक्टर के पास गए, जहां उन्होंने आशंका जताई कि हॉकिंग के पास कम वक्त बचा है।

चीनी कंपनी हुआवेई और एयरटेल ने भारत में 5जी का सफल परीक्षण किया

चीनी प्रौद्योगिकी दिग्गज हुआवेई और दूरसंचार सेवा प्रदाता भारती एयरटेल ने शुक्रवार को भारत में 5जी नेटवर्क के सफल परीक्षण की घोषणा की। कंपनियों ने एक बयान में कहा कि यह परीक्षण एयरटेल के मानेसर (गुरुग्राम) स्थित नेटवर्क एक्सपीरिएंस केंद्र में किया गया।

भारती एयरटेल के निदेशक (नेटवर्क्‍स) अभय सावरगांवकर ने कहा, ''हम 5जी इंटर-ऑपेराबिलिटी और विकास परीक्षण (Inter-Operability Developmental Testing) और भागीदारी की तरफ तेजी से बढ़ रहे हैं। हम भारत में एक मजबूत 5जी पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के लिए अपने भागीदारों के साथ मिलकर काम करने की आशा करते हैं।''

कंपनी ने बताया कि परीक्षण के दौरान 3 जी बी पी एस से अधिक की स्पीड दर्ज की गई। यह 3.5 गीगाहट्र्ज बैंड पर 100 मेगाहट्र्ज बैंडविथ के साथ प्राप्त की गई अधिकतम स्पीड है जिसकी एंड-टू-एंड नेटवर्क लेटेंसी करीब एक मिलीसेकेंड रही।

हुआवेई एच क्यू के निदेशक (वायरलेस मार्केटिंग) इमैनुएल एल्व्स ने कहा, ''हम 5जी पारिस्थितिक तंत्र की तैनाती पर ध्यान दे रहे हैं और भारती एयरटेल के साथ 3.5 गीगाहट्ज बैंड पर 5जी की क्षमता का प्रदर्शन इसे शानदार ढंग से दर्शाता है।''

दूसरी तरफ, 'मेरा पहला स्मार्टफोन' पहल के तहत दूरसंचार सेवा प्रदाता भारती एयरटेल ने मोटोरोला और लेनोवो के चुनिंदा 4जी स्मार्टफोन्स पर 2,000 रुपए के कैशबैक ऑफर की घोषणा की है। मोटोरोला के दो प्रसिद्ध स्मार्टफोन्स - मोटो सी, मोटो ई4 और लेनोलो का के8 नोट इस ऑफर के साथ उपलब्ध है। इस ऑफर के तहत, मोटो सी 3,999 रुपये में, मोटो ई4  6,499 रुपये में तथा लेनोवो के8 नोट 10,999 रुपये में उपलब्ध है।

भारती एयरटेल के मुख्य विपणन अधिकारी ने एक बयान में कहा, ''हम अधिक से अधिक ग्राहकों की पहुंच के भीतर स्मार्टफोन लाने के लिए मोटोरोला के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।'' मोटोरोला मोबिलिटी इंडिया और लेनोवो एम बी जी इंडिया के प्रबंध निदेशक सुधीन माथुर ने कहा, ''यह एयरटेल के ग्राहकों के लिए 4जी में अपग्रेड करने तथा मोटोरोला और लेनोवो स्मार्टफोन के सार्थक अनुभवों का आनंद उठाने का एक बढ़िया अवसर है।''

चैट सिम ने अनलिमिटेड इंटरनेट और मेसेजिंग वाला सिम लॉन्‍च किया

सिम कार्ड मुहैया कराने वाली कंपनी चैट सिम ने गुरुवार को इटली के मिलान में अपने सबसे नए सिम कार्ड चैट सिम 2 को लॉन्च किया। कंपनी के इस सिम कार्ड को लेकर कहा जा रहा है कि इसमें यूजर्स अनलिमिटेड इंटरनेट सर्फिंग और मैसेजिंग कर सकेंगे। खास बात है कि इसके लिए उन्हें किसी प्रकार का शुल्क नहीं देना पड़ेगा और न ही इसके लिए किसी प्रकार की सीमा होगी। चैट सिम के वार्षिक प्लान के तहत यूजर्स के पास तकरीबन 165 देशों में मैसेज भेजने की सुविधा होगी।

चैट सिम 2 बार्सिलोना में 26 फरवरी से एक मार्च तक चलने वाले 'मोबाइल वर्ल्ड कांग्रेस 2018' में पेश किया जाएगा। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि इसी कार्यक्रम में चैट सिम के बाकी फीचर्स से पर्दा उठेगा। चैट सिम 2 में अनलिमिटेड पैक्स जीरो रेटिंग कॉन्सेप्ट पर चलते हैं।

बता दें कि इससे पहले कंपनी ने चैट सिम लॉन्च किया था, जिसमें कुछ बंदिशें थीं। यूजर्स को इसमें फोटो, वीडियो भेजने और वॉइस कॉलिंग करने के लिए कुछ मल्टीमीडिया क्रेडिट्स खरीदने पड़ते थे। हालांकि, चैट सिम 2 को लेकर कंपनी का दावा है कि यूजर मूल प्लान के अंतर्गत ही इंटरनेट सर्फिंग और बाकी मोबाइल एप्लीकेशंस का इस्तेमाल कर सकेंगे।

कंपनी के अनुसार, चैट सिम 2 दुनिया भर के तकरीबन 250 टेलीकॉम ऑपरेटर्स के साथ काम करेगा, जिसकी पहुंच 165 से अधिक देशों तक है। सिम कार्ड के साथ आने वाले प्लान में लोग कुछ चुनिंद एप्लीकेंशस के जरिए अनलिमिटेड चैट कर सकेंगे, जिनमें वॉट्सएप, फेसबुक मैसेंजर, वी चैट, टेलीग्राम, लाइन और हाइक सरीखी एप्स शामिल हैं। यह सिम आईफोन ऑपरेटिंग सिस्टम, एंड्रायड और विंडो फोन व टैबलेट्स पर काम करेगा। फिलहाल भारत में इसकी कीमत क्या होगी, इसके बारे में अभी तक किसी प्रकार की जानकारी सामने नहीं आई है।