भारत

भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू का राष्ट्र के नाम संबोधन

भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू का राष्ट्र के नाम संबोधन

बुधवार, 14 अगस्त 2024

भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संबोधन दिया है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में भारत की अर्थव्यवस्था की तरक्की का खासतौर पर ज़िक्र किया है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, "वर्ष 2021 से वर्ष 2024 के बीच 8 प्रतिशत की औसत वार्षिक वृद्धि दर हासिल करके, भारत सबसे तेज़ गति से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है। इससे न केवल देशवासियों के हाथों में अधिक पैसा आया है, बल्कि ग़रीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों की संख्या में भी भारी कमी आई है।''

"जो लोग अभी भी ग़रीबी से पीड़ित हैं, उनकी सहायता करने के साथ-साथ उन्हें ग़रीबी से बाहर निकालने के लिए भी सभी प्रयास किए जा रहे हैं।  उदाहरण के लिए, कोविड-19 के शुरुआती चरण में आरंभ की गई पीएम ग़रीब कल्याण अन्न योजना के तहत लगभग 80 करोड़ लोगों को मुफ़्त राशन दिया जा रहा है।''

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, "ये हम सभी के लिए गर्व की बात है कि भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, और हम शीघ्र ही विश्व की तीन शीर्षस्थ अर्थव्यवस्थाओं में स्थान प्राप्त करने के लिए तैयार हैं। यह सफलता किसानों और श्रमिकों की अथक मेहनत, नीति-निर्माताओं और उद्यमियों की दूरगामी सोच तथा देश के दूरदर्शी नेतृत्व के बल पर ही संभव हो सकी है।''

कलकत्ता हाई कोर्ट ने महिला डॉक्टर के रेप और मर्डर केस की जांच सीबीआई को सौंपी

कलकत्ता हाई कोर्ट ने महिला डॉक्टर के रेप और मर्डर केस की जांच सीबीआई को सौंपी

मंगलवार, 13 अगस्त 2024

कलकत्ता हाई कोर्ट ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के रेप और हत्या मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं।

कलकत्ता हाई कोर्ट ने घटना की जांच कर रही पुलिस को बुधवार, 14 अगस्त 2024 की सुबह दस बजे तक सभी दस्तावेज सीबीआई को सौंपने को आदेश दिए हैं।

कलकत्ता हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस शिवज्ञानम और जस्टिस हिरण्यमय भट्टाचार्य ने ये फैसला सुनाया।

पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने इस मामले में याचिका दायर की थी।

वकील बिकास रंजन भट्टाचार्य और कौस्तुभ बागची इस मामले की पैरवी कर रहे थे।

शुक्रवार, 9 अगस्त 2024 को आरजी कर मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई कर रही एक महिला डॉक्टर की सेमिनार हॉल में लाश मिली थी। डॉक्टर खाना खाने के बाद सेमिनार हॉल में ही सो गई थीं।

पुलिस के मुताबिक़, बलात्कार और हत्या की ये घटना रात तीन से सुबह छह बजे के बीच हुई है।

माधबी पुरी बुच की सफाई पर हिंडनबर्ग ने क्या कहा?

माधबी पुरी बुच की सफाई पर हिंडनबर्ग ने क्या कहा?

सोमवार, 12 अगस्त 2024

हिंडनबर्ग ने बाज़ार नियामक सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच पर रविवार, 11 अगस्त 2024 की रात एक बार फिर सवाल उठाए हैं।

हिंडनबर्ग ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर दस्तावेज़ों के साथ एक पोस्ट करते हुए कुछ दावे भी किए।

हिंडनबर्ग ने माधबी पुरी बुच के बयान वाले एएनआई के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा, "हमारी रिपोर्ट पर सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच की प्रतिक्रिया में कई ज़रूरी बातें स्वीकार की गई हैं। और कई नए महत्वपूर्ण सवाल भी खडे़ हुए हैं।''

हिंडनबर्ग ने कहा कि माधबी पुरी बुच के जवाब से पुष्टि होती है कि उनका बरमूडा/मॉरीशस के फ़ंड में निवेश था। जिसका पैसा विनोद अदानी ने इस्तेमाल किया। उन्होंने (माधबी पुरी बुच) पुष्टि की है कि ये फ़ंड उनके पति के बचपन के दोस्त चलाते थे, जो तब अदानी के डायरेक्टर थे।

हिंडनबर्ग ने माधबी पुरी बुच की प्रतिक्रिया पर और क्या कहा?

- अदानी से संबंधित निवेश फ़ंड की जांच की ज़िम्मेदारी सेबी को दी गई थी। इसमें माधबी पुरी बुच के व्यक्तिगत निवेश वाले फ़ंड शामिल थे।

- माधबी पुरी बुच के बयान में ये भी दावा किया गया है कि वो दोनों कंसल्टिंग कंपनियों से 2017 में सेबी में नियुक्त होते ही हट गईं। लेकिन 31 मार्च, 2024 की शेयर होल्डिंग बताती है कि अगोरा एडवाइजरी (इंडिया) में माधबी पुरी बुच की 99 फ़ीसदी की हिस्सेदारी है, न कि उनके पति की। वो अब भी एक्टिव हैं और कंपनी में कमाई कर रही हैं।
    
- सिंगापुर के रिकॉर्ड्स के अनुसार, मार्च 2016, 2022 के वक्त तक माधबी पुरी बुच की अगोरा पार्टनर्स सिंगापुर में 100 फ़ीसदी हिस्सेदारी थी। मतलब सेबी में पूर्णकालिक सदस्य रहते हुए। माधबी पुरी बुच ने सेबी का चेयरपर्सन बनने के दो हफ्ते बाद अपने शेयर पति के नाम ट्रांसफर कर दिए।
    
- अगोरा एडवाइजरी ने वित्त वर्ष (2022, 2023 और 2024) में 2.3 करोड़ रुपये का राजस्व कमाया। जबकि माधबी पुरी बुच इस दौरान सेबी की चेयरपर्सन भी हैं।

माधबी पुरी बुच ने सेबी की पूर्णकालिक सदस्य रहते हुए अपने पर्सनल ई-मेल आईडी से पति के नाम का इस्तेमाल कर बिजनेस किया।

व्हिसलब्लोअर दस्तावेज़ों के अनुसार, 2017 में सेबी की पूर्णकालिक सदस्य के रूप में माधबी पुरी बुच की नियुक्ति से कुछ हफ्ते पहले माधबी पुरी बुच ने ये सुनिश्चित किया कि अदानी से जुड़े अकाउंट "केवल उनके पति धवल बुच के नाम पर पंजीकृत हों।''

हिंडनबर्ग रिपोर्ट: राहुल गांधी और सेबी ने क्या कहा?

हिंडनबर्ग रिपोर्ट: राहुल गांधी और सेबी ने क्या कहा?

हिंडनबर्ग रिपोर्ट: राहुल गांधी ने तीन बड़े सवाल उठाये

रविवार, 11 अगस्त 2024

हिंडनबर्ग और सेबी चीफ़ माधबी पुरी बुच मामले पर कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने प्रतिक्रिया दी है।

राहुल गांधी ने 2 मिनट 19 सेकंड का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जारी किया और कहा कि हाल के वक्त में अधिक से अधिक लोग भारतीय शेयर मार्केट में अपनी कमाई लगा रहे हैं, और विपक्ष के नेता के तौर पर मेरी ये ज़िम्मेदारी है कि मैं उनके इसमें निवेश करने के जोखिम के बारे में बताऊं।

राहुल गांधी ने कहा, "ऐसा इसलिए क्योंकि स्टॉक मार्केट का नियमन करने वाली भारत की संस्था सेबी पर आरोप लग रहे हैं।''

राहुल गांधी ने कहा, "लाखों लोगों की जमापूंजी ख़तरे में है इसलिए इस मामले की जांच की जानी चाहिए।''

राहुल गांधी के मुताबिक़, "इससे तीन बड़े सवाल उठते हैं। पहला ये कि आरोप लगने के बाद भी माधबी पुरी ने इस्तीफ़ा क्यों नहीं दिया।''

"दूसरा, ईश्वर न करे अग़र बाज़ार में कुछ गड़बड़ हुई और निवेशकों को अपना पैसा खोना पड़े तो इसकी ज़िम्मेदारी कौन लेगा, सेबी चीफ़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या फिर अदानी।''

"तीसरा, ये मामला पहले ही सुप्रीम कोर्ट में है, अब गंभीर आरोप लगने के बाद क्या सुप्रीम कोर्ट इस मामले में भी स्वत: संज्ञान लेगी।''

राहुल गांधी ने कहा, "अब ये साफ़ हो रहा है कि पीएम मोदी इस पूरे मामले की जांच संयुक्त संसदीय समिति से कराने को लेकर क्यों डर रहे हैं।"

सेबी ने हिंडनबर्ग और अदानी पर क्या कहा?

रविवार, 11 अगस्त 2024

सेबी ने 10 अगस्त, 2024 को हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट पर अपनी प्रतिक्रिया ज़ाहिर की है।

सेबी ने कहा है कि निवेशकों को शांति बनाए रखनी चाहिए और ऐसी रिपोर्टों पर प्रतिक्रिया देने से पहले उस जानकारी का सही से आकलन कर लेना चाहिए।

सेबी के मुताबिक़, ''निवेशकों को पता होना चाहिए कि हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट में एक डिस्क्लेमर शामिल है, जिसमें कहा गया है कि कंपनी जिन बॉन्ड्स की चर्चा कर रही है, उनमें शॉर्ट पोज़िशन रख सकती है।''

सेबी ने कहा है कि अदानी समूह के मामले में सेबी ने 24 में से 23 जांचों को पूरा कर लिया है और आखिरी जांच भी लगभग पूरी होने वाली है।

सेबी के अनुसार उसने अदानी समूह को 100 से ज़्यादा समन्स, लगभग 1,100 पत्र और ईमेल जारी किए हैं। इसके अलावा सेबी ने घरेलू और विदेशी नियामकों से 300 से ज़्यादा बार बातचीत की है। साथ ही सेबी ने 12,000 पन्नों के दस्तावेज़ों की समीक्षा भी की है।

हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट पर अदानी समूह, पवन खेड़ा, माधबी पुरी और सुब्रमण्यम स्वामी ने क्या कहा?

हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट पर अदानी समूह, पवन खेड़ा, माधबी पुरी और सुब्रमण्यम स्वामी ने क्या कहा?

हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट पर अदानी समूह ने क्या कहा?

रविवार, 11 अगस्त 2024

अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग ने अपनी एक रिपोर्ट में सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच पर वित्तीय अनिमयितता के आरोप लगाए हैं। रिपोर्ट में माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की कारोबारी गतिविधियों पर सवाल उठाए गए हैं।

हिंडनबर्ग की इस रिपोर्ट पर अदानी समूह ने बयान जारी किया है।

अदानी समूह ने बयान में कहा है कि हिंडनबर्ग की ओर से लगाए गए ताजा आरोप में दुर्भावना और शरारत पूर्ण तरीके से सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी का चयन किया गया है। ताकि निजी लाभ के लिए पहले से तय निष्कर्ष पर पहुंचा जा सके। यह तथ्यों और कानूनों का पूरी तरह उल्लंघन है।

बयान में कहा गया है, ''हम अदानी समूह पर लगाए गए आरापों को पूर्ण रूप से खारिज करते हैं। यह आरोप उन बेबुनियाद दावों की री-साइकलिंग है जिनकी पूरी तरह से जांच की जा चुकी है। इन आरोपों को जनवरी 2024 में सुप्रीम कोर्ट की ओर से पहले ही खारिज़ किया जा चुका है।''

हिंडनबर्ग की ताज़ा रिपोर्ट: कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने मामले की पूरी जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति की मांग की

रविवार, 11 अगस्त 2024

हिंडनबर्ग की ताज़ा रिपोर्ट के बाद कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने मामले की की पूरी जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति की मांग की है।

शनिवार, 10 अगस्त 2024 की देर शाम हिंडनबर्ग ने एक रिपोर्ट जारी कर सेबी चीफ़ माधबी पुरी बुच और उनके पति पर आरोप लगाए थे जिसके बाद पवन खेड़ा ने कहा कि 'दूध का दूध पानी का पानी अपने आप हो गया'।

पवन खेड़ा ने कहा, "हिंडनबर्ग ने ही एक और रिपोर्ट निकाली जिसमें सेबी चीफ़ माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच के सारे कारनामे सबके सामने आ गए। ऑफ़शोर कंपनी में उनकी इनवेस्टमेंट सबके सामने आ गई।''

पवन खेड़ा ने आरोप लगाते हुए कहा, "ये वो कंपनी है जिसमें गौतम अदानी के भाई विनोद अदानी का निवेश भी है। तो जब सब कुछ सामने है तो सवाल उठता है कि जब माधबी पुरी बुच को सेबी का प्रमुख बनाया गया था तब भारत सरकार को ये जानकारी नहीं थी?''

इस पूरे मामले में सीधे भारत के प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए पवन खेड़ा ने कहा, "अगर सरकार को मामले की जानकारी नहीं थी तो यह बहुत बड़ी विफलता और भूल है। अगर जानकारी थी तो इस षडयंत्र का हिस्सा प्रधानमंत्री खुद हैं। तभी तो राहुल गांधी ने उस वक़्त जो कहा था चौकीदार... वो साबित हो गया।''

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने इस पूरे मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति बनाने की मांग की है।

हिंडनबर्ग के दावों पर माधबी पुरी और उनके पति ने क्या नया बयान दिया?

रविवार, 11 अगस्त 2024

अमेरिकी संस्था हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया कि सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की 'अदानी मनी साइफ़निंग घोटाले' में उपयोग किए गए ऑफ़शोर फ़ंड्स में हिस्सेदारी रही है।

हिंडनबर्ग के इस दावे पर सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने एक और बयान जारी किया है।

माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच के बयान के मुताबिक़, ''हिंडनबर्ग रिपोर्ट में जिस फंड का ज़िक्र किया गया है, उसमें निवेश 2015 में किया गया था, माधबी और धवल सिंगापुर में रह रहे थे। यह निवेश माधबी के सेबी का सदस्य बनने से दो साल पहले का है।''

बयान के मुताबिक़, ''इस फंड में निवेश करने का फै़सला इसलिए किया गया क्योंकि फंड के चीफ़ इनवेस्टमेंट ऑफ़िसर अनिल आहूजा, धवल के बचपन के दोस्त हैं और वे दोनों एक दूसरे को स्कूल और आईआईटी दिल्ली के समय से जानते हैं। जब आहूजा ने 2018 में उस फंड हाउस को छोड़ दिया तो हमने भी अपने निवेश को भुना लिया।''

बयान में बताया गया है कि आहूजा ने पुष्टि की थी कि किसी भी समय फंड हाउस ने किसी भी अदानी समूह की कंपनी के किसी भी बॉन्ड, इक्विटी या डेरिवेटिव में निवेश नहीं किया था।

बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच को हटाने की मांग की

रविवार, 11 अगस्त 2024

बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच को हटाने की मांग की है।

सुब्रमण्यम स्वामी ने हिंडनबर्ग की ताज़ा रिपोर्ट और सेबी चीफ़ माधबी पुरी बुच पर लगाए गए आरोपों के पूरे मामले पर अपनी प्रतिक्रिया ज़ाहिर की है।

सोशल मीडिया एक्स पर किए एक पोस्ट के ज़रिए भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, "सेबी अध्यक्ष के ख़िलाफ़ हितों के टकराव का मामला दूसरी बार उठा है। वैश्विक निवेशकों के बीच भारत की छवि बचाने के लिए उनकी जगह किसी ईमानदार व्यक्ति को लाया जाना चाहिए।''

"मेरी एक जनहित याचिका सोमवार, 12 अगस्त 2024 को दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की प्रथम पीठ में सूचीबद्ध है। मैंने पहले ही हितों के टकराव को लेकर हलफ़नामा दायर कर दिया है।''

अमेरिकी संस्था हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि सेबी की चेयरपर्सन और उनके पति की 'अदानी मनी साइफ़निंग घोटाले' में उपयोग किए गए ऑफ़शोर फ़ंड्स में हिस्सेदारी रही है।

हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट पर सेबी चेयरपर्सन, कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस ने क्या कहा?

हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट पर सेबी चेयरपर्सन, कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस ने क्या कहा?

हिंडनबर्ग ने नई रिपोर्ट जारी की, सेबी की चेयरपर्सन को लेकर किया बड़ा दावा

रविवार, 11 अगस्त 2024

अमेरिकी संस्था हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि सेबी की चेयरपर्सन और उनके पति की 'अदानी मनी साइफ़निंग घोटाले' में उपयोग किए गए ऑफ़शोर फ़ंड्स में हिस्सेदारी रही है।

हिंडनबर्ग की ओर से जारी की गई रिपोर्ट को लेकर सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने बयान जारी कर अपना पक्ष रखा है।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़, माधबी बुच और उनके पति ने कहा है, "हम यह बताना चाहते हैं कि हमारे ऊपर लगाए गए निराधार आरापों का हम खंडन करते हैं।''

उन्होंने कहा है कि 'हमारी ज़िंदगी और हमारा वित्तीय लेखा-जोखा खुली किताब की तरह है और पिछले कुछ वर्षों में सेबी को सभी आवश्यक जानकारियां दी गई हैं।'

माधबी पुरी बुच और उनके पति ने कहा है कि "हमें किसी भी और वित्तीय दस्तावेज़ों का खुलासा करने में कोई झिझक नहीं है, इनमें वो दस्तावेज़ भी शामिल हैं जो उस समय के हैं जब हम एक आम नागरिक हुआ करते थे।''

उन्होंने कहा है कि मामले की पूरी पारदर्शिता के लिए हम उचित समय पर पूरा बयान जारी करेंगे।

उन्होंने कहा है कि "हिंडनबर्ग रिसर्च के ख़िलाफ़ सेबी ने प्रवर्तन कार्रवाई की थी और कारण बताओ नोटिस जारी किया था। उसी के जवाब में हिंडनबर्ग रिसर्च ने नाम ख़राब करने की कोशिश की है।''

सेबी चीफ के ख़िलाफ़ हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर कांग्रेस ने क्या कहा?

रविवार, 11 अगस्त 2024

अमेरिकी संस्था हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि सेबी की चेयरपर्सन और उनके पति की 'अदानी मनी साइफ़निंग घोटाले' में उपयोग किए गए ऑफ़शोर फ़ंड्स में हिस्सेदारी रही है।

हिंडनबर्ग रिसर्च की ओर से जारी की गई नई रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस ने बयान जारी किया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बयान को ट्वीट किया है।

कांग्रेस की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि हिंडनबर्ग के नए खुलासे से यह मालूम चला है कि सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति ने बरमूडा और मॉरीशस आधारित उन्हीं ऑफशोर फंड्स में निवेश किया था जिनमें गौतम अदानी के भाई विनोद अदानी और उनके सहयोगी चांग चुंग-लिंग, नास्सर अली और शाहबान अली ने निवेश किया था।

बयान में कहा गया है कि यह फंड्स बिजली उपकरणों के ओवर इनवॉसिंग से अर्जित किए गए थे। ऐसा माना जा रहा है कि इन फंड्स का प्रयोग सेबी के नियमों का उल्लंघन करते हुए अदानी समूह की कंपनियों में बड़ी हिस्सेदारी हासिल करने के लिए किया गया था।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक्स पर लिखा, ''ये सेबी चेयरपर्सन बनने के तुरंत बाद माधबी पुरी बुच के साथ गौतम अदानी की 2022 में दो बैठकों के बारे में सवाल पैदा करता है। याद करें सेबी उस समय अदानी लेनदेन की जांच कर रहा था।''

बयान में कहा गया है कि सरकार को सेबी की ओर से की जा रही गौतम अदानी मामले की जांच से जुड़े हितों के संघर्ष को खत्म करना चाहिए।

बयान में कहा गया है कि सच्चाई तो यह है कि देश के सर्वोच्च अधिकारियों की मिलीभगत का पता 'अदानी मेगा स्कैम' की पूरी जांच के लिए जेपीसी का गठन करके ही लगाया जा सकता है।

सेबी चीफ़ के ख़िलाफ़ हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर तृणमूल कांग्रेस और महुआ मोइत्रा ने क्या कहा?

रविवार, 11 अगस्त 2024

अमेरिकी संस्था हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी एक रिपोर्ट जारी कर भारत में पूंजी बाज़ार नियामक सेबी की चेयरपर्सन को घेरा है।

हिंडनबर्ग के रिपोर्ट जारी करने के बाद से ही भारतीय राजनीति में बयानबाज़ियों का दौर शुरू हो गया है।

हिंडनबर्ग की सेबी चेयरपर्सन के ख़िलाफ़ जारी की गई रिपोर्ट पर टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर सेबी की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं।

महुआ मोइत्रा ने लिखा है कि 'सेबी के चेयरपर्सन का अदानी समूह में निवेशक होना सेबी के लिए टकराव और सेबी पर कब्ज़ा दोनों है। समधी सिरिल श्रॉफ कॉपरेट गर्वनेंस कमिटी में हैं। कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि सेबी को भेजी गई सारी शिकायतें अनसुनी हो जाती हैं।'

महुआ मोइत्रा ने अपने एक और ट्वीट में लिखा है कि इस चेयरपर्सन के नेतृत्व में सेबी की ओर से अदानी पर की जा रही किसी भी जांच पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। यह सूचना सार्वजनिक होने के बाद सुप्रीम कोर्ट को अपने निर्णय पर दोबारा विचार करना चाहिए।

महुआ ने कहा है कि यहां तक कि सेबी की चेयरपर्सन भी अदानी के समूह में निवेशक हैं। उन्होंने सीबीआई और ईडी को टैग करते हुए लिखा है कि क्या आप लोग पीओसीए और पीएमएलए के मामलों को दायर करेंगे या नहीं।

तृणमूल कांग्रेस ने सेबी प्रमुख माधबी बुच के इस्तीफे की मांग की है।

टीएमसी प्रवक्ता ने कहा, ''सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में लंबित जांच को देखते हुए सेबी चेयरमैन को तुरंत निलंबित किया जाना चाहिए और उन्हें और उनके पति को देश छोड़ने से रोकने के लिए सभी हवाई अड्डों और इंटरपोल पर लुकआउट नोटिस जारी किया जाना चाहिए।''

हिंडनबर्ग रिपोर्ट में बड़ा खुलासा: सेबी की चेयरपर्सन पर लगाया बड़ा आरोप

हिंडनबर्ग रिपोर्ट में बड़ा खुलासा: सेबी की चेयरपर्सन पर लगाया बड़ा आरोप

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में क्या है?

रविवार, 11 अगस्त 2024

हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में कहा गया है कि सेबी के चेयरपर्सन की उन ऑफ़शोर कंपनियों में हिस्सेदारी रही है जिनका इस्तेमाल अदानी ग्रुप की कथित वित्तीय अनियमतताओं में हुआ था।

इसमें कहा गया है कि आज तक सेबी ने अदानी की दूसरी संदिग्ध शेयरहोल्डर कंपनियों पर कोई कार्रवाई नहीं की है जो इंडिया इन्फोलाइन की ईएम रिसर्जेंट फ़ंड और इंडिया फोकस फ़ंड की ओर से संचालित की जाती है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि सेबी चेयरपर्सन के हितों के इस संघर्ष की वजह से बाज़ार नियामक की पारदर्शिता संदिग्ध हो गई है। सेबी की लीडरशिप को लेकर रिपोर्ट में चिंता जताई जा रही है।

हिंडनबर्ग ने कहा है कि अदानी समूह की वित्तीय अनियमितताओं में जिन ऑफशोर फ़ंड्स की संलिप्तता रही है वो काफी अस्पष्ट और जटिल स्ट्रक्चर वाले हैं।

रिपोर्ट में माधबी पुरी बुच के निजी हितों और बाजार नियामक प्रमुख के तौर पर उनकी भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं। हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा है कि अदानी ग्रुप को लेकर सेबी ने जो जांच की है उसकी व्यापक जांच होनी चाहिए।

हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा है कि व्हिसलब्लोअर से उसे जो दस्तावेज़ हासिल हुए हैं उनके मुताबिक़ सेबी में नियुक्ति से कुछ सप्ताह पहले माधबी पुरी बुच के पति धवल बुच ने मॉरीशस के फ़ंड प्रशासक ट्रिडेंट ट्रस्ट को ईमेल किया था। इसमें उनके और उनकी पत्नी के ग्लोबल डायनेमिक ऑप्चर्यूनिटीज फ़ंड में निवेश का ज़िक्र था।

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया है कि माधबी पुरी बुच के सेबी अध्यक्ष बनने से पहले उनके पति ने अनुरोध किया था कि संयुक्त खाते को वही ऑपरेट करेंगे। इसका मतलब ये कि वो माधबी पुरी बुच के सेबी अध्यक्ष बनने से पहले पत्नी के खाते से सभी एसेट्स हटा देना चाहते थे।

चूंकि सेबी अध्यक्ष का पद राजनीतिक तौर पर काफी संवेदनशील होता है इसलिए उनके पति ने ये कदम उठाया होगा।

हिंडनबर्ग की रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया है, ''माधबी पुरी बुच के निजी ईमेल को एड्रेस किए गए 26 फरवरी 2018 के अकाउंट में उनके फ़ंड का पूरा स्ट्रक्चर बताया गया है। फ़ंड का नाम है "जीडीओएफ सेल 90 (आईपीईप्लस फंड 1)''। ये माॉरीशस में रजिस्टर्ड फ़ंड ‘सेल’ है जो विनोद अदानी की ओर से इस्तेमाल किए गए फ़ंड की जटिल संरचना में शामिल था।''

हिंडनबर्ग ने बताया है कि उस समय उस फ़ंड में माधबी पुरी बुच के पति धवल बुच की कुल हिस्सेदारी 872762.65 डॉलर की थी।

भारत के जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में सेना और आतंकवादियों की एक और मुठभेड़

भारत के जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में सेना और आतंकवादियों की एक और मुठभेड़

शनिवार, 10 अगस्त 2024

भारत के जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में शनिवार, 10 अगस्त 2024 को भारतीय सेना और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ की एक और घटना हुई है।

समाचार एजेंसी एएनआई और पीटीआई के मुताबिक़, ''अनंतनाग में हुई इस मुठभेड़ में भारतीय सेना के दो जवानों की मौत हुई है। वहीं तीन जवान घायल हुए हैं। सैन्य ऑपरेशन अभी भी जारी है।''

कश्मीर ज़ोन पुलिस ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से पोस्ट करते हुए लिखा, "अनंतनाग ज़िले के अहलान गगरमांडू इलाक़े में मुठभेड़ शुरू हो गई है। पुलिस और सुरक्षा बल काम पर लगे हुए हैं।''

भारतीय सेना के चिनार कॉर्प्स ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से पोस्ट करते हुए लिखा, "चल रहे सैन्य ऑपरेशन में आतंकवादियों की अंधाधुंध गोलीबारी के कारण दो नागरिक भी घायल हुए हैं। उन्हें तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान की गई है। सैन्य ऑपरेशन जारी है।''

चिनार कॉर्प्स के एक और पोस्ट के मुताबिक़, "विशेष ख़ुफ़िया इनपुट के आधार पर, आज भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ़ ने अनंतनाग के कोकरनाग क्षेत्र में एक ज्वाइंट ऑपरेशन शुरू किया।  गोलीबारी में दो जवान भी घायल हो गए हैं।''

हालांकि भारतीय सेना ने किसी भी जवान के मारे जाने की जानकारी साझा नहीं की है।

हाल के दिनों में भारतीय सेना और आतंकवादियों के बीच कई मुठभेड़ें हुई हैं जिनमें भारत के कई सैनिकों की जान भी गई है।

सुप्रीम कोर्ट ने नीट-यूजी 2024 के परीक्षा परिणाम रद्द करने से इनकार किया

सुप्रीम कोर्ट ने नीट-यूजी 2024 के परीक्षा परिणाम रद्द करने से इनकार किया

मंगलवार, 23 जुलाई 2024

भारत के सुप्रीम कोर्ट ने नीट-यूजी परीक्षा को रद्द करने से इनकार कर दिया है।

भारत के चीफ़ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले तीन जजों की बेंच ने कहा है कि इस बात के कोई पुख़्ता प्रमाण नहीं हैं जो यह साबित कर सकें कि परीक्षा के प्रश्न पत्र योजनाबद्ध तरीके़ से लीक हुए थे।

सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि परीक्षा की पवित्रता पर सवाल नहीं उठता है, इसलिए कोर्ट ने दोबारा परीक्षा कराने का आदेश देने से इनकार कर दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि अगर किसी छात्र को ग़लत तरीक़े से फ़ायदा होते हुए दिखता है तो ऐसे छात्रों को बाद में सज़ा दी जाएगी।

सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि फिर से परीक्षा होने से 20 लाख से ज़्यादा छात्रों पर इसका गंभीर असर होगा। इससे मेडिकल की पढ़ाई के लिए दाख़िले का कार्यक्रम प्रभावित होगा।

सुप्रीम कोर्ट ने ये भी साफ़ किया कि ये आदेश नीट परीक्षा की शुचिता पर है।

जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, "अगर किसी छात्र को कोई व्यक्तिगत शिकायत है तो वह क़ानून के अनुसार अपने अधिकारों को पाने के लिए स्वतंत्र है।  ऐसे छात्र अपनी मांगों को लेकर हाई कोर्ट जा सकते हैं।"

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो भारत सरकार द्वारा गठित सात सदस्यीय कमेटी को कुछ सुझाव भेजेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "कमेटी अदालत के निर्देशों का पालन करते हुए ये सुनिश्चित करेगी कि एनटीए द्वारा करवाई जाने वाली नीट यूजी और अन्य परीक्षाओं की प्रक्रिया को मज़बूत किया जाए ताकि भविष्य में ऐसी ग़लतियां न हों।''

मुज़फ़्फ़रनगर में कांवड़ यात्रा रूट पर दुकानदारों के नाम सार्वजनिक करने पर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगाई

मुज़फ़्फ़रनगर में कांवड़ यात्रा रूट पर दुकानदारों के नाम सार्वजनिक करने पर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगाई

सोमवार, 22 जुलाई 2024

भारत के राज्य उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर में कांवड़ यात्रा के रूट पर दुकानदारों के नाम सार्वजनिक तौर पर प्रदर्शित करने के मुज़फ़्फ़रनगर एसएसपी के आदेश पर भारत के सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी है।

जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की दो जजों वाली पीठ ने ये आदेश दिया है।

इसके साथ ही पीठ ने कांवड़ यात्रा के रूट पर दुकानदारों के नाम सार्वजनिक करने को लेकर भारत के राज्यों मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी किया है।

इस मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार, 26 जुलाई 2024 को होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वो निर्देशों को अमल में लाने पर रोक लगा रही है, दूसरे शब्दों में कहें तो खाना बेचने वालों को ये बताना ज़रूरी है कि वो किस तरह का खाना दे रहे हैं लेकिन उन पर मालिक या स्टाफ़ का नाम सार्वजनिक करने के लिए ज़ोर नहीं डाला जा सकता है।