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ह्यूमन राइट्स वॉच ने अमेरिका और कनाडा में सिख अलगाववादी नेताओं की हत्या की साज़िश की निष्पक्ष जांच की मांग की

ह्यूमन राइट्स वॉच ने अमेरिका और कनाडा में सिख अलगाववादी नेताओं की हत्या की साज़िश की निष्पक्ष जांच की मांग की

शुक्रवार, 15 दिसंबर 2023

मानवाधिकार संस्था ह्यूमन राइट्स वॉच ने अमेरिका और कनाडा के सिख अलगाववादी नेताओं की हत्या की कथित साज़िश में भारतीय अधिकारियों के शामिल होने के आरोपों की विस्तार से और निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है।

ह्यूमन राइट्स वॉच की ओर से शुक्रवार, 15 दिसंबर 2023 को जारी एक प्रेस रिलीज़ में आरोप लगाया गया है कि भारत सरकार विदेशों में रह रहे बुद्धिजीवियों और एक्टिविस्टों के ख़िलाफ़ पहले से ही दुष्प्रचार फैलाने में जुटी हुई है।

ह्यूमन राइट्स वॉच ने ग़ैर क़ानूनी तरीक़े से लोगों को मारने और अधिकारों के उल्लंघन में शामिल सुरक्षा बलों को सज़ा दिलाने में नाकाम रहने का आरोप भारत सरकार पर लगाया है।

ह्यूमन राइट्स वॉच की एशिया डायरेक्टर ऐलेन पियर्सन ने कहा है कि अमेरिका और कनाडा में हत्या की साज़िश रचने में भारत की कथित संलिप्तता, ग़ैर क़ानूनी तरीक़े से लोगों को मारने की प्रवृत्ति का ही विस्तार है।

सितंबर 2023 में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने कनाडा के नागरिक और अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत के शामिल होने का आरोप लगाया था।

उसके बाद 29 नवंबर 2023 को अमेरिकी अधिकारियों ने आरोप लगाया कि सिख अलगाववादी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या के प्रयास में एक भारतीय अधिकारी ने भारत के ही नागरिक निखिल गुप्ता को ज़िम्मेदारी सौंपी थी।

इससे पहले भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सात दिसंबर 2023 को कहा था कि भारत ने अमेरिकी ज़मीन पर एक ख़ालिस्तानी नेता को मारने की कथित साजिश के मामले में जांच शुरू कर दी है। इस मामले में अमेरिका ने इनपुट उपलब्‍ध कराए थे और यह राष्‍ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला है।

साथ ही भारत के विदेश मंत्री ने ये साफ़ किया कि कनाडा के आरोपों पर 'इसी तरह की कार्रवाई' की संभावना नहीं है क्‍योंकि कनाडा ने कोई पुख्ता सबूत या इनपुट भारत को नहीं दिया है।

भारतीय संसद के उच्च सदन राज्यसभा में एस जयशंकर ने कहा कि अमेरिका और कनाडा की ओर से लगाए गए आरोपों को सामान तरीके से देखने का सवाल ही नहीं उठता है क्‍योंकि एक देश (अमेरिका) ने भारत सरकार को इनपुट उपलब्ध कराए हैं, जबकि दूसरे (कनाडा) ने ऐसा नहीं किया था।

उन्होंने कहा, "जहां तक अमेरिका का सवाल है, अमेरिका के साथ हमारे सुरक्षा सहयोग के तहत हमें कुछ इनपुट दिए गए थे। वे इनपुट हमारे लिए चिंता का विषय थे क्योंकि वे संगठित अपराध, तस्करी से संबंधित थे।  इनका हमारी अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा पर असर पड़ता है, इसलिए मामले की जांच करने का निर्णय लिया गया और एक जांच समिति का गठन किया गया है।''

"जहां तक कनाडा का सवाल है, हमें कोई विशिष्ट सबूत या इनपुट उपलब्ध नहीं कराया गया। इसलिए दो देशों, जिनमें से एक ने इनपुट दिए है और एक ने नहीं, उनके साथ एक जैसा न्यायसंगत व्यवहार करने का सवाल ही नहीं उठता है।''

अमेरिका ने जब ख़ालिस्तानी नेता की हत्या की कोशिश में भारत सरकार के अधिकारी के शामिल होने का आरोप लगाया तो भारत ने उसे चिंताजनक बताते हुए उस पर जांच समिति गठित कर दी, लेकिन जब सितंबर 2023 में कनाडा ने ख़ालिस्तान समर्थक नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार के शामिल होने का आरोप लगाया था तो भारत ने इस आरोप को पूरी तरह ख़ारिज कर दिया था।

भारतीय संसद की सुरक्षा में चूक का मामला, पुलिस ने यूएपीए के तहत केस दर्ज किया

भारतीय संसद की सुरक्षा में चूक का मामला, पुलिस ने यूएपीए के तहत केस दर्ज किया

गुरुवार, 14 दिसंबर 2023

बुधवार, 13 दिसंबर 2023 को भारतीय संसद की सुरक्षा में बड़ी चूक हुई और इस मामले में दिल्ली पुलिस ने यूएपीए की धाराओं के तहत एफ़आईआर दर्ज की है।

13 दिसंबर 2001 में भारतीय संसद में हुए हमले की सालगिरह पर लोकसभा में दो लोग विजिटर गैलरी से सांसदों के कक्ष में कूद गए। इन लोगों ने पीले रंग की गैस स्प्रे की और नारे लगाए।

जिस समय सदन के अंदर ये वाकया हुआ उस समय शून्यकाल चल रहा था।

लगभग इसी समय सदन के बाहर संसद के परिसर में एक पुरुष और एक महिला- अनमोल शिंदे और नीलम देवी- ने 'तानाशाही नहीं चलेगी' के नारे लगाते हुए छोटे से कनस्तरों से रंगीन गैस स्प्रे किया।

पुलिस का कहना है कि ये चारो छह लोगों के समूह का हिस्सा हैं जिन्होंने इसकी योजना बनायी। ये योजना इंस्टेंट मैसेजिंग एप पर बनायी गई और ये लोग भारत के राज्य हरियाणा के गुरुग्राम के एक फ़्लैट में रह रहे थे।

पुलिस ने बताया कि केस आईपीसी की धारा 120बी (आपराधिक साजिश), 452 (अतिक्रमण), 153 (दंगा भड़काने के इरादे से जानबूझकर उकसाना), 186 (सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में लोक सेवक को बाधा पहुंचाना) और 353 (हमला) के तहत दर्ज किया गया है। इसके साथ ही यूएपीए की धारा 16 और 18 भी लगायी गई है।

भारतीय संसद की सुरक्षा में हुई चूक के मामले में सात लोग सस्पेंड

गुरुवार, 14 दिसंबर 2023

बुधवार, 13 दिसंबर 2023 को संसद की सुरक्षा में हुई बड़ी चूक के मामले में लोकसभा सचिवालय ने कम से कम सात लोगों को सस्पेंड कर दिया है।

सस्पेंड होने वालों की पहचान रामपाल, अरविंद, वीर दास, गणेश, अनिल, प्रदीप, विमित और नरेंद्र के रूप में की गई है।

समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार, 13 दिसंबर 2023 को हुए वाकये के बाद संसद और आसपास के इलाके में सुरक्षा और बढ़ा दी गयी है। संसद परिसर के बाहर पुलिस के बैरिकेड लगा दिए गए है।

भारत के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी बुधवार, 13 दिसंबर 2023 को संसद पहुंचे हैं।

भारत के गृह मंत्रालय ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक अनीश दयाल सिंह की अध्यक्षता में एक जांच कमिटी बनायी है।

गृह मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया है कि जांच कमिटी संसद की सुरक्षा में हुई चूक और इसकी वजहों की पहचान करेगी और इसे बेहतर करने के लिए गृह मंत्रालय को जल्द रिपोर्ट सौंपेगी।

आर्टिकल 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले पर ओआईसी के बयान पर भारत ने क्या कहा?

आर्टिकल 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले पर ओआईसी के बयान पर भारत ने क्या कहा?

गुरुवार, 14 दिसंबर 2023

भारत के सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर से जुड़े अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र सरकार के फ़ैसले पर मुहर लगा दी है।

इस फ़ैसले पर इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) ने चिंता जतायी और कहा था कि भारत को 5 अगस्त 2019 को किया गया फ़ैसला वापस लेना चाहिए क्योंकि कश्मीर मान्यता प्राप्त विवादित क्षेत्र है।

ओआईसी के इस बयान पर भारत ने अब कड़ी प्रतिक्रिया दी है।

भारत ने ओआईसी के बयान को पूरी तरह से ख़ारिज करते हुए कहा कि ये बयान गलत सूचना और गलत मंशा पर आधारित हैं।

भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, "मानवाधिकारों का बार-बार उल्लंघन करने वाले और बिना किसी पछतावे के सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले देश की शह पर ओआईसी की ओर से की गई टिप्पणी उसके एक्शन को और संदिग्ध बनाती है।''

अरिंदम बागची ने किसी देश का नाम नहीं लिया, लेकिन ये इशारा पाकिस्तान की ओर था।

अरिंदम बागची ने कहा, "भारत सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर इस्लामिक सहयोग संगठन की ओर से जारी बयान को खारिज करता है।''

ओआईसी महासचिवालय ने मंगलवार, 12 दिसंबर 2023 को एक बयान में जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ अपनी एकजुटता दिखायी थी। ओआईसी महासचिवालय ने 5 अगस्त 2019 को भारत सरकार के फ़ैसले को "एकतरफा कार्रवाई" बताया।

ओआईसी के सचिवालय ने कहा था कि कश्मीर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त विवादित जगह है और इसलिए भारत को अपना फ़ैसला वापस लेना चाहिए।

अनुच्छेद 370 पर भारत के सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले को लेकर बिलावल भुट्टो ने क्या कहा?

अनुच्छेद 370 पर भारत के सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले को लेकर बिलावल भुट्टो ने क्या कहा?

मंगलवार, 12 दिसंबर 2023

सोमवार, 11 दिसंबर 2023 को भारत के सुप्रीम कोर्ट ने भारत के जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के भारत के केंद्र सरकार के फैसले के वैध ठहराया।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि साल 2019 में अनुच्छेद 370 रद्द करने का भारत सरकार का फ़ैसला सही था और ये अनुच्छेद एक अस्थायी प्रावधान था।

इस फ़ैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के अध्यक्ष और पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ज़रदारी ने कहा है कि ये फ़ैसला ‘यूएन सिक्योरिटी काउंसिल के प्रस्तावों का घोर उल्लंघन है'।

उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा - "अपने हालिया फ़ैसले से भारत ने साबित कर दिया है कि वह अंतरराष्ट्रीय कानून का लगातार उल्लंघन कर रहा है। विवादित क्षेत्र में ऐसे फैसले विश्वसनीयता की कमी दिखाते हैं।''

"5 अगस्त 2019 से भारत जो कर रहा है वो कश्मीरी लोगों की आकांक्षाओं की अनदेखी और यूएन सिक्योरिटी काउंसिल प्रस्तावों का घोर उल्लंघन है। न तो भारतीय संसद और न ही इसकी न्यायपालिका के पास यूएन सिक्योरिटी काउंसिल के प्रस्तावों या अंतरराष्ट्रीय समझौतों में संशोधन करने का अधिकार है। वैश्विक समुदाय और संयुक्त राष्ट्र की नज़र में कश्मीर एक विवादित क्षेत्र है और इसके भविष्य का फ़ैसला अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत ही होगा।''

सोमवार, 11 दिसंबर 2023 को भारत के सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पाँच जजों की बेंच ने सर्वसम्मति से फ़ैसला देते हुए जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को ख़त्म करने का फ़ैसला बरकरार रखा।

चीफ़ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि राष्ट्रपति ने जो फ़ैसला लिया वह सत्ता का दुरुपयोग या दुर्भावनापूर्ण नहीं, इसके लिए राज्य के साथ किसी सहमति की ज़रूरत नहीं थी।

आर्टिकल 370: भारत के सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले पर पाकिस्तान ने क्या कहा?

आर्टिकल 370: भारत के सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले पर पाकिस्तान की केयरटेकर सरकार ने क्या कहा?

सोमवार, 11 दिसंबर 2023

पाकिस्तान की अंतरिम सरकार के विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी ने भारतीय सुप्रीम कोर्ट की ओर से अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर दिए गए फ़ैसले पर टिप्पणी की है।

विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा है, ''अंतरराष्ट्रीय क़ानून, पांच अगस्त, 2019 को भारत की ओर से उठाया गया अवैध और एकतरफ़ा कदम स्वीकार नहीं करता है। भारत के सुप्रीम कोर्ट की ओर से इस मुद्दे पर दिए गए न्यायिक समर्थन का कोई क़ानूनी मूल्य नहीं है। संयुक्त राष्ट्र के प्रासंगिक प्रस्तावों के तहत कश्मीरियों के पास आत्म निर्णय का अधिकार है।''

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?

इसके बाद पाकिस्तान सरकार के विदेश मंत्रालय ने इस मुद्दे पर एक विस्तृत बयान जारी किया है।

इस बयान में कहा गया है - ''पिछले सात दशकों से संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद के एजेंडे में शामिल रहा जम्मू-कश्मीर एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त विवाद है। जम्मू-कश्मीर का अंतिम समाधान संयुक्त राष्ट्र के प्रासंगिक प्रावधानों और कश्मीरी अवाम के आकाँक्षाओं के अनुरूप किया जाना है। भारत को कश्मीरी अवाम और पाकिस्तान की इच्छा के विपरीत इस विवादित क्षेत्र की स्थिति के बारे में एकतरफ़ा फ़ैसले करने का अधिकार नहीं है।''

"पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर पर भारतीय संविधान की सर्वोच्चता स्वीकार नहीं करता है। भारतीय संविधान के अधीन किसी भी प्रक्रिया का कोई क़ानून महत्व नहीं है। भारत अपने क़ानूनों और न्यायिक फ़ैसलों के दम पर अंतरराष्ट्रीय दायित्वों से पीछे नहीं हट सकता।''

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के फैसले पर सत्ता पक्ष और विपक्ष ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट के जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के फैसले पर मोदी ने क्या कहा?

सोमवार, 11 दिसंबर 2023

भारत के जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने को वैध ठहराने वाले सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले की तारीफ़ करते हुए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि ये ऐतिहासिक फ़ैसला है।

सोशल प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर पीएम मोदी ने लिखा, ''अनुच्छेद 370 को निरस्त करने पर आज आया सुप्रीम कोर्ट का फैसला ऐतिहासिक है। कोर्ट ने 5 अगस्त 2019 को भारत की संसद के लिए गए फैसले को संवैधानिक रूप से बरकरार रखा है। यह जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में हमारी बहनों और भाइयों के लिए आशा, प्रगति और एकता की एक शानदार घोषणा है।''

उन्होंने कहा, ''कोर्ट ने अपने गहन ज्ञान से एकता के उस सार को मजबूत किया है जिसे हम भारतीय होने के नाते सबसे ऊपर रखते हैं।''

''मैं जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि आपके सपनों को पूरा करने के लिए हमारी प्रतिबद्धता अटूट है।''

मोदी ने कहा, ''हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि विकास का फ़ायदा न केवल आप तक पहुंचे, बल्कि इसका फ़ायदा हमारे समाज के सबसे कमजोर और हाशिए पर रहने वाले वर्गों तक भी पहुंचे, जो अनुच्छेद 370 के कारण भेदभाव का शिकार थे।''

उन्होंने कहा, ''आज का फैसला सिर्फ कानूनी फैसला नहीं है, यह आशा की किरण है, उज्जवल भविष्य का वादा है और एक मजबूत, अधिक एकजुट भारत के निर्माण के हमारे सामूहिक संकल्प का प्रमाण है।''

आर्टिकल 370: सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले पर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने क्या कहा?

सोमवार, 11 दिसंबर 2023

भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आर्टिकल 370 हटाए जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले का स्वागत किया है।

उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने जम्मू-कश्मीर को देश की मुख्यधारा में जोड़ने का ऐतिहासिक काम किया है।

सोशल प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर जेपी नड्डा ने लिखा, "माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा आर्टिकल 370 के विषय में दिये गये फ़ैसले का भारतीय जनता पार्टी स्वागत करती है। उच्चतम न्यायालय की संवैधानिक पीठ ने आर्टिकल 370 और 35ए को हटाने के लिए दिए गये निर्णय, उसकी प्रक्रिया और उद्देश्य को सही ठहराया है।''

सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले से साबित हुआ कि आर्टिकल 370 को हटाने का फ़ैसला पूरी तरह संवैधानिक था: अमित शाह

सोमवार, 11 दिसंबर 2023

भारत के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आर्टिकल 370 पर सुप्रीम कोर्ट के सोमवार को आए फ़ैसले का स्वागत करते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश साबित हो गया है कि आर्टिकल 370 को हटाने का फ़ैसला पूरी तरह संवैधानिक था।''

सोशल प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर अमित शाह ने लिखा, ''सुप्रीम कोर्ट ने आर्टिकल 370 को हटाने के फ़ैसले को बरक़रार रखा है, मैं इसका स्वागत करता हूं।''

उन्होंने कहा, ''5 अगस्त 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आर्टिकल 370 को हटाने का दूरदर्शी फ़ैसला किया। तब से जम्मू-कश्मीर में शांति और सामान्य स्थिति बहाल हुई है।''
 
अमित शाह ने कहा, ''कभी हिंसा से बदहाल रही घाटी में तरक्की और विकास ने इंसानी ज़िंदगी को नए मायने दिए हैं। पर्यटन और कृषि के क्षेत्र में समृद्धि आई है जिससे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों की आय का स्तर बढ़ा है।''

आर्टिकल 370: बीजेपी को कोई नहीं रोक सकेगा चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद और मुंबई को यूटी बनाने से

सोमवार, 11 दिसंबर 2023

एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि आर्टिकल 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले से वो 'संतुष्ट नहीं' हैं।

असदुद्दीन ओवैसी ने दावा किया है कि अब भारतीय जनता पार्टी को 'चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद और मुंबई को केंद्र शासित प्रदेश बनाने से कोई नहीं रोक सकता है'।

ओवैसी ने कहा है, ''आज जो फ़ैसला आया हम उससे मुतमईन नहीं हैं।''

उन्होंने कहा, ''मेरी नज़र में आर्टिकल 370 को जो हटाया गया है, ये संवैधानिक नैतिकता का उल्लंघन है। बंटवारा और राज्य का दर्जा हटाना, ये बहुत बड़ा धोखा हुआ है, जो हमने कश्मीर की आवाम से वादा किया था।''

ओवैसी ने कहा, ''मैं पहले भी कह चुका हूं और आज भी कह रहा हूं कि अब ये कोर्ट से वैध ठहराया जा चुका है, कल बीजेपी को कोई नहीं रोक सकेगा चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद और मुंबई को यूटी (केंद्र शासित प्रदेश) बनाने से।''

आर्टिकल 370: अखिलेश यादव का बीजेपी से सवाल, 370 हट गई लेकिन चीन के लोग अंदर आ गए

सोमवार, 11 दिसंबर 2023

भारत के राज्य उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि आर्टिकल 370 पर सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला सभी मानेंगे लेकिन भारतीय जनता पार्टी को सीमा सुरक्षा को लेकर सवालों के जवाब देने होंगे।

सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला आ गया है। सभी उसको मानेंगे।

उन्होंने कहा, "सीमा सुरक्षा को लेकर भारतीय जनता पार्टी को देश को जानकारी देनी होगी। लद्दाख को लेकर जब सवाल खड़े हुए थे और चीन अंदर आ गया था, अभी वो वहीं बैठा है। वो पीछे नहीं हटा है। प्रदेश (जम्मू-कश्मीर) का बंटवारा हो गया। 370 हट गई। लेकिन चीन के लोग अंदर आ गए।''

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक अखिलेश यादव ने कहा, "समाजवादी पार्टी ने उस समय पूछा था कि जो सीटें (जम्मू-कश्मीर विधानसभा में) खाली हैं, वो कब भरी जाएंगी। क्योंकि पीओके आपका हिस्सा नहीं है। लेकिन आप उसे स्वीकार भी नहीं करते। वो सीटें आज भी खाली हैं। क्या भारतीय जनता पार्टी आने वाले समय में विधानसभा की उन सीटों को भरने के लिए कोई फ़ैसला लेगी। आखिरकार वो कैसे भरी जाएंगी।''

अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले को लेकर कश्मीरी नेताओं ने क्या कहा?

अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले को लेकर उमर अब्दुल्ला ने कहा, निराश हूं

सोमवार, 11 दिसंबर 2023

भारत के सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने का केंद्र सरकार के फ़ैसले को वैध ठहराया है।

इस फ़ैसले पर कश्मीरी नेता, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि वह सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले से निराश हैं।

उन्होंने सोशल मीडिया प्लटेफॉर्म एक्स पर लिखा, ''निराश हूं, लेकिन हतोत्साहित नहीं। संघर्ष जारी रहेगा। बीजेपी जहां है वहां तक पहुंचने में उसे दशकों लग गए। हम लंबी दौड़ के लिए भी तैयार हैं।''
 
सुप्रीम कोर्ट के चीफ़ जस्टिस ने फ़ैसला सुनाते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 हमेशा से अस्थायी प्रावधान था। कोर्ट के मुताबिक़ राष्ट्रपति ने जो फ़ैसला लिया, वो वैध है।

आर्टिकल 370: कांग्रेस नेता कर्ण सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद पीएम मोदी से क्या अपील की?

सोमवार, 11 दिसंबर 2023

कर्ण सिंह महाराज हरि सिंह के बेटे, कश्मीर के पूर्व राजकुमार और कश्मीर के पूर्व सदर-ए-रियासत (राष्ट्रपति) हैं। कश्मीरी नेता और कांग्रेस नेता कर्ण सिंह ने आर्टिकल 370 हटाए जाने को वैध ठहराने के सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले का स्वागत किया है। उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार से अनुरोध किया है कि वो जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा जल्दी बहाल करें।

उन्होंने फ़ैसले का विरोध कर रहे लोगों से अपील की है कि वो ऐसा नहीं करें।

कर्ण सिंह ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने बहुत बारीकी से हर एक विषय को देखा है। चीफ़ जस्टिस जो पढ़ रहे थे, उसमें एक-एक क्लॉज, एक-एक सब क्लॉज उन्होंने देखा है, और सब परिस्थितियां देखते हुए वो नतीजे पर पहुंचे हैं। मैं इसका स्वागत करता हूं।''

कर्ण सिंह महाराज हरि सिंह के बेटे, कश्मीर के पूर्व राजकुमार और कश्मीर के पूर्व सदर-ए-रियासत (राष्ट्रपति) हैं। महाराज हरि सिंह कश्मीर के राजा और जम्मू-कश्मीर के प्रथम सदर-ए-रियासत (राष्ट्रपति) थे। महाराज हरि सिंह ने ही कश्मीर के भारत के साथ विलय पत्र पर हस्ताक्षर किए थे। भारत में विलय के बाद कश्मीर का नाम बदलकर जम्मू-कश्मीर कर दिया गया।

सुप्रीम कोर्ट ने आर्टिकल 370 हटाने के केंद्र सरकार के फ़ैसले को सोमवार, 11 दिसंबर 2023 को वैध ठहराया।

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक कर्ण सिंह ने कहा, "बहुत दिन से ये बात हवा में थी, अब कम से कम स्पष्ट हो गया है कि जो हुआ वो वैध था।  राजनीतिक रूप से चाहे कोई समझे की नहीं होना चाहिए था, वो बात और है। लेकिन न्यायिक दृष्टिकोण से वो वैध है।''

उन्होंने कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने दो बातें बहुत अच्छी बात कहीं। मैं चीफ़ जस्टिस चंद्रचूड़ को बधाई देता हूं। एक उन्होंने कहा कि हमें स्टेटहुड (राज्य का दर्जा) जल्दी से जल्दी मिलना चाहिए। जम्मू-कश्मीर को यूनियन टैरेटरी बनाना हमें मंजूर नहीं था।''

कर्ण सिंह ने कहा, "मोदी से प्रार्थना है कि जल्दी से जल्दी राज्य का दर्जा दें।''

उन्होंने कहा, "दूसरी बात उन्होंने (सुप्रीम कोर्ट ने) कहा कि चुनाव सितंबर 2024 तक हो जाने चाहिए।''

कर्ण सिंह ने कहा, "मुझे पता है कि जम्मू-कश्मीर के कुछ लोगों को ये फ़ैसला अच्छा नहीं लगेगा। उनसे मेरी प्रार्थना है कि अब वो इसे (फैसले को) स्वीकार कर लें। अब विरोध करने का लाभ नहीं है। वो राजनीति के लिए तैयार हो जाएं, जब चुनाव हों तो चुनाव डट कर लड़ें।''

आर्टिकल 370: महबूबा मुफ़्ती ने कहा, सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला आइडिया ऑफ़ इंडिया की हार है

सोमवार, 11 दिसंबर 2023

कश्मीरी नेता, जम्मू और कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख और भारत के जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला 'आइडिया ऑफ़ इंडिया की हार है'।

महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि ये गांधी के उस भारत की भी हार है जिसे पाकिस्तान को दरकिनार कर जम्मू-कश्मीर के लोगों ने चुना था।

सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद वीडियो बयान जारी कर महबूबा मुफ़्ती ने कहा, ''मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों से कहना चाहती हूं कि हिम्मत मत छोड़ो। सुप्रीम कोर्ट का आज का फ़ैसला एक पड़ाव है मंज़िल नहीं है। हमारे विरोधी चाहते हैं कि हम उम्मीद छोड़ दें लेकिन ऐसा नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आर्टिकल 370 अस्थायी है, ये हमारी नहीं भारत के तसव्वुर की हार है।''

उन्होंने कहा, ''यहां के मुसलमानों ने जिस तरह पाकिस्तान को दरकिनार करके यहां के पंजाबी, हिंदी, सिख, बौद्ध और गांधी के भारत के साथ हाथ मिलाया आज ये उस आइडिया ऑफ़ इंडिया की हार है।''

महबूबा मुफ़्ती ने कहा, ''1947 के बाद जब संविधान बना तो जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा मिला। लेकिन 70 साल बाद एक ऐसी सरकार आई जो हमेशा ये रट लगाए रहती थी कि सत्ता में आए तो आर्टिकल 370 हटा देंगे और उन्होंने वो कर दिया। ये हमारी हार नहीं है। धोखा उन्होंने किया। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में उन ताकतों को मज़बूत किया जो कहती थी कि भारत के साथ जाना गलत है।''

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पाँच जजों की बेंच ने सर्वसम्मति से फ़ैसला देते हुए जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को ख़त्म करने का फ़ैसला बरकरार रखा है।

पांच अगस्त 2019 को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने आर्टिकल 370 रद्द कर दिया था। चार साल बाद सोमवार, 11 दिसंबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने उस फ़ैसले की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर फ़ैसला सुनाया है।

भारत के जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के फ़ैसले को सही ठहराते हुए सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान था: भारत के चीफ़ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़

सोमवार, 11 दिसंबर 2023

भारत के सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर के पास भारत के दूसरे राज्यों से अलग कोई आंतरिक संप्रभुता नहीं है।

अनुच्छेद 370 हटाए जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने सोमवार, 11 दिसंबर 2023 को ये कहा। कोर्ट की पांच जजों की पीठ अपना फ़ैसला सुना रही है।

चीफ़ जस्टिस ने कहा, ''जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। ये संविधान के आर्टिकल एक और आर्टिकल 370 से साफ़ है।''

चीफ़ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने फ़ैसला पढ़ते हुए कहा है, ''हम मानते हैं कि आर्टिकल 370 अस्थायी है। इसे एक अंतरिम प्रक्रिया को पूरा करने के लिए बनाया गया था। राज्य में युद्ध की स्थिति के कारण यह एक अस्थायी व्यवस्था थी। यह एक अस्थायी प्रावधान है और इसलिए इसे संविधान के भाग 21 में रखा गया है।''

उन्होंने ये भी कहा कि हमारा मानना है कि भारत के साथ एक्सेशन पर हस्ताक्षर करने के बाद जम्मू-कश्मीर की कोई आंतरिक संप्रभुता नहीं है।

सीजेआई ने कहा, ''अनुच्छेद 370 (3) संवैधानिक एकीकरण के लिए लाया गया था न कि बांटने लिये। संविधान सभा भंग होने के बाद 370 (3) का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता ये दलील स्वीकार नहीं की जा सकती क्योंकि यह संवैधानिक इंटिग्रेशन को रोकता है।''

''कोर्ट राष्ट्रपति के फ़ैसले पर अपील पर सुनवाई नहीं कर सकता। हालाँकि कोई भी फ़ैसला न्यायिक समीक्षा से परे नहीं है। लेकिन 370(1)(डी) के तहत लिए गए कई संवैधानिक आदेशों से पता चलता है कि केंद्र और राज्य ने एक सहयोगी प्रक्रिया के माध्यम से भारत का संविधान जम्मू और कश्मीर में लागू किया है।''

''इससे पता चलता है कि जम्मू-कश्मीर के एकीकरण की प्रक्रिया अतीत से चल रही थी और ऐसे में इस फ़ैसले को राष्ट्रपति की शक्तियों के गलत इस्तेमाल के रूप में नहीं देख जा सकता। इसलिए हम राष्ट्रपति के फ़ैसले को वैध ठहराते हैं।''

आर्टिकल 370 हटाए जाने का फ़ैसला वैध: चीफ़ जस्टिस चंद्रचूड़

सोमवार, 11 दिसंबर 2023

भारत के सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार, 11 दिसंबर 2023 को संविधान के आर्टिकल 370 को हटाए जाने के फ़ैसले को वैध ठहराया है।

आर्टिकल 370 हटाए जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, ''हम संविधान के आर्टिकल 370 को हटाने के लिए राष्ट्रपति की ओर से संवैधानिक आदेश जारी करने की शक्ति के इस्तेमाल को वैध ठहराते हैं।''

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक चीफ़ जस्टिस चंद्रचूड़ ने लद्दाख को अलग करने के फ़ैसले की वैधता भी बरकरार रखी।

चीफ़ जस्टिस ने कहा, ''सॉलिसिटर जनरल ने बयान दिया कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा। हम लद्दाख को अलग करने के फैसले को बरकरार रखते हैं। हम चुनाव आयोग को पुनर्गठन अधिनियम और धारा 14 के तहत जल्द से जल्द चुनाव कराने का निर्देश देते हैं।''

चीफ़ जस्टिस का चुनाव आयोग को जम्मू-कश्मीर विधानसभा के चुनाव सितंबर 2024 तक कराने का निर्देश

सोमवार, 11 दिसंबर 2023

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि वो सितंबर 2024 तक जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराएं।

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार, 11 दिसंबर 2023 को आर्टिकल 370 हटाए जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फ़ैसला सुनाया। चीफ़ जस्टिस चंद्रचूड़ ने फैसले की वैधता बरकरार रखी।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, ''हम निर्देश देते हैं कि भारत का चुनाव आयोग 30 सितंबर 2024 तक जम्मू-कश्मीर विधानसभा के चुनाव कराने के लिए कदम उठाए।''

जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के फ़ैसले को सही ठहराते हुए भारत के चीफ़ जस्टिस ने क्या कहा?

सोमवार, 11 दिसंबर 2023

सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने का केंद्र सरकार के फ़ैसले को वैध ठहराया है।

सुप्रीम कोर्ट के चीफ़ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने फ़ैसला सुनाते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 हमेशा से अस्थायी प्रावधान था। कोर्ट के मुताबिक़ राष्ट्रपति ने जो फ़ैसला लिया वो वैध है।

अपना फ़ैसला सुनाते हुए चीफ़ जस्टिस ने ये महत्वपूर्ण बाते कहीं-

- विलय पत्र पर हस्ताक्षर के बाद जम्मू-कश्मीर की संप्रभुता खत्म हो गयी थी। इसलिए अब जम्मू-कश्मीर की आंतरिक संप्रभुता नहीं है।

- अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान था।

- जब संविधान सभा भंग हुई तो सभा की केवल ट्राज़िटरी पावर खत्म हुई लेकिन इसका कोई असर राष्ट्रपति के फ़ैसले लेने की शक्ति पर नहीं पड़ता।

- अनुच्छेद 370 को अनुच्छेद 367 में संशोधन करके लाया गया था, यह अल्ट्रा वायर्स (क़ानूनी अधिकार से परे) था क्योंकि इंटरप्रिटेशन क्लॉज़ का इस्तेमाल संशोधन के लिए नहीं किया जा सकता।

- राष्ट्रपति ने जो फ़ैसला लिया वह सत्ता का दुरुपयोग या दुर्भावनापूर्ण नहीं, इसके लिए राज्य के साथ किसी सहमति की ज़रूरत नहीं थी।

- भारतीय संविधान के सभी प्रावधानों को जम्मू-कश्मीर में लागू करना वैध है।

- 370(1)(डी) के तहत लिए गए कई संवैधानिक आदेशों से पता चलता है कि केंद्र और राज्य ने एक सहयोगी प्रक्रिया के माध्यम से भारत का संविधान जम्मू और कश्मीर में लागू किया। जम्मू-कश्मीर के एकीकरण की प्रक्रिया लंबे समय से चल रही थी और ऐसे में इस फ़ैसले को राष्ट्रपति की शक्तियों के गलत इस्तेमाल के रूप में नहीं देखा जा सकता। इसलिए हम राष्ट्रपति के फ़ैसले को वैध ठहराते हैं।

- सॉलिसिटर जनरल ने बयान दिया कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा। हम लद्दाख को अलग करने के फैसले को बरकरार रखते हैं।

- हम चुनाव आयोग को पुनर्गठन अधिनियम के तहत जल्द से जल्द (सितंबर, 2024 तक) चुनाव कराने का निर्देश देते हैं।

छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में बीजेपी, तेलंगाना में कांग्रेस और मिज़ोरम में ज़ेडपीएम को मिली जीत

3 नवंबर 2023 को हुए मतगणना में भारत के तीन राज्यों छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में बीजेपी को जीत मिली है तो वहीं एक राज्य तेलंगाना में कांग्रेस की जीत हुई है।

छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस को पीछे छोड़ते हुए 54 सीटों पर जीत हासिल की है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को 35 सीटों पर जीत मिली है। राजस्थान में भी बीजपी ने 115 सीटें जीतकर कांग्रेस को हराया। कांग्रेस को राजस्थान में 69 सीटें मिली हैं।

वहीं मध्य प्रदेश में बीजेपी अपनी सरकार बनाए रखने में फिर से कामयाब रही। बीजेपी ने 163 सीटों पर जीत हासिल की। वहीं कांग्रेस को 66 सीटों पर जीत मिली है।

तेलंगाना में बीआरएस को पीछे छोड़ते हुए कांग्रेस ने 64 सीटों पर जीत दर्ज की है। वहीं बीआरएस को 39 सीटें, बीजेपी को 8 और असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम को 7 सीटें मिली हैं।

निर्वाचन आयोग की ओर से बदले गए कार्यक्रम के अनुसार मिज़ोरम में मतगणना 4 नवंबर 2023 की सुबह आठ बजे से शुरू हुई है जो पहले 3 नवंबर 2023 होनी थी

मिज़ोरम में सत्तारूढ़ दल मिज़ो नेशनल फ़्रंट, ज़ोरम पीपल्स मूवमेंट (ज़ेडपीएम) और कांग्रेस के बीच मुख्य लड़ाई है। तीनों दलों ने सभी 40 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए हैं।

साल 2018 के चुनाव में मिज़ो नेशनल फ़्रंट ने 26 सीटे जीती थीं। उस समय कांग्रेस केवल पांच सीटे ही जीत सकी थी, जबकि 2013 में कांग्रेस 34 सीटों पर विजयी रही थी।

मिजोरम विधानसभा चुनाव नतीजों की तारीख एक दिन आगे बढ़ाकर 4 दिसंबर 2023 कर दी गई थी। पहले वोटों की गिनती बाकी चार राज्यों के साथ 3 दिसंबर 2023 को होनी थी।

मिज़ोरम में विपक्षी गठबंधन ज़ोरम पीपल्स मूवमेंट ने 27 सीटें जीतकर मिज़ोरम में बहुमत हासिल कर लिया है। मिज़ोरम के मुख्यमंत्री ज़ोरामथांगा अपनी सीट पर चुनाव हार गए हैं।

आइजॉल ईस्ट 1 से ज़ोरम पीपल्स मूवमेंट (ज़ेडपीएम) के लालथनसांगा दो हज़ार से अधिक वोटों के अंतर से जीत गए हैं।

ज़ेडपीएम ने अच्छा प्रदर्शन करते हुए 40 में से 27 सीटें जीती हैं।

वहीं ज़ोरामथांगा के मिज़ो नेशनल फ़्रंट (एमएनएफ़) ने नौ सीटें जीती हैं। एमएनएफ 1 सीट पर आगे चल रहा है।

बीजेपी के खाते में दो सीटे आई हैं और कांग्रेस एक सीट पर आगे चल रही है। 

गुरपतवंत सिंह पन्नू मामला: अमेरिका में केस दर्ज होने के बाद कनाडा के पीएम ट्रूडो ने क्या कहा?

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अमेरिका में निखिल गुप्ता भारतीय शख़्स के ख़िलाफ़ केस दर्ज होने के बाद एक बार फिर हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड में भारत को घेरने की कोशिश की है।

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा है कि ये केस उस बात को रेखांकित करता है जिसका ज़िक्र कनाडा हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में कर रहा है और भारत को इस मामले को गंभीरता से लेने की ज़रूरत है।

जस्टिन ट्रूडो ने बुधवार, 29 नवंबर 2023 को बताया था कि कनाडा की एजेंसियां हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार की संलिप्तता से जुड़े आरोपों को लेकर अगस्त 2023 के बाद से अपने अमेरिकी समकक्षों के साथ काम कर रही थीं।

कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत में 18 जून 2023 को सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या कर दी गयी थी।

इसके बाद कनाडा ने इस मामले में भारत सरकार के शामिल होने जैसे गंभीर आरोप लगाए थे।

लेकिन कनाडा सरकार की ओर से लगाए गए आरोपों को भारत सरकार ने ‘भद्दे’ और ‘प्रेरित’ बताया था।

भारत ने साल 2020 में ही हरदीप सिंह निज्जर को एक आतंकी का दर्जा दिया था।

निखिल गुप्ता के ख़िलाफ़ क्या आरोप हैं?

अमेरिकी अदालत में दाख़िल अभियोग में भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता पर एक लाख डॉलर कैश के बदले एक अमेरिकी नागरिक की हत्या की सुपारी देने के आरोप लगाए गए हैं।

अदालत में पेश दस्तावेज़ के मुताबिक़ निखिल गुप्ता ने भारत सरकार के लिए काम करने वाले एक अधिकारी के कहने पर अमेरिका में एक हिटमैन से संपर्क किया और उसे एक सिख अलगाववादी नेता की हत्या का कॉन्ट्रैक्ट दिया।

अभियोग में दावा किया गया है कि भारतीय अधिकारी से बातचीत के दौरान निखिल गुप्ता ने बताया था कि वो नार्कोटिक्स और हथियारों की अंतरराष्ट्रीय तस्करी से जुड़े हुए हैं।

अभियोग में ये भी दावा किया गया है कि निखिल गुप्ता पर भारत के राज्य गुजरात में एक आपराधिक मामला चल रहा है जिसमें मदद के बदले वो भारतीय अधिकारी के लिए न्यूयॉर्क में हत्या करवाने के लिए तैयार हो गए थे।

दस्तावेज़ के मुताबिक़ निखिल गुप्ता ने जिस हिटमैन से संपर्क किया था वह अमेरिकी ख़ुफ़िया विभाग के अंडरकवर एजेंट थे।