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भारत के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका में सिख अलगाववादी नेता की हत्या की साज़िश के मामले पर क्या कहा?

अमेरिका में सिख अलगाववादी नेता की हत्या की साजिश मामले में भारत ने जांच पैनल बनाया

गुरुवार, 30 नवंबर 2023

भारत ने अमेरिका में एक सिख अलगाववादी नेता को मारने की साजिश के आरोपों की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय जांच पैनल का गठन किया है।

बुधवार, 29 नवंबर 2023 की शाम अमेरिका ने दावा किया कि उसने न्यूयॉर्क में रहने वाले एक सिख अलगाववादी अमेरिकी नागरिक की हत्या की योजना को नाकाम कर दिया है। अमेरिका ने इस मामले में बुधवार, 29 नवंबर 2023 को भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता पर आरोप लगाए। कोर्ट में पेश दस्तावेज़ों के मुताबिक उन्हें भारत सरकार के एक कर्मचारी से निर्देश मिले थे।

इससे पहले बीते सप्ताह ब्रिटेन के अख़बार फ़ाइनेंशियल टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट की थी कि अमेरिका ने ख़लिस्तान समर्थक नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कोशिश को फेल कर दिया है। अख़बार ने दावा किया था कि भारत सरकार के अधिकारी इस साजिश में शामिल थे और अमेरिका ने इसे लेकर भारत सरकार को चेतावनी दी है।

बुधवार, 29 नवंबर 2023 को भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत ने इस मामले की जांच के लिए 18 नवंबर 2023 को एक उच्चस्तरीय पैनल का गठन किया है जो मामले की जांच कर रहे हैं।

फ़ाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के बाद अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की प्रवक्ता एड्रिएन वॉटसन ने कहा कि इस मुद्दे को अमेरिका "बेहद गंभीरता" से ले रहा है।

वाशिंगटन पोस्ट ने बुधवार, 29 नवंबर 2023 को एक रिपोर्ट में लिखा है कि सिख अलगाववादी की हत्या की साजिश का पता चलने के बाद बाइडन प्रशासन इससे काफ़ी चिंतित था। उसने सीआईए निदेशक विलियम जे बर्न्स और राष्ट्रीय खुफिया निदेशक एवरिल हेन्स को अगस्त 2023 और अक्टूबर 2023 में भारत भेजा था और मामले की जांच की मांग की थी।

भारत के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका में सिख अलगाववादी नेता की हत्या की साज़िश के मामले पर क्या कहा?

गुरुवार, 30 नवंबर 2023

भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि अमेरिका की अदालत में अभियोग भारतीय अधिकारी के खिलाफ़ नहीं लाया गया है। भारत को अमेरिका से क्या इनपुट मिले हैं इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं की जा सकती।

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक सवाल के जवाब में कहा है, "एक बात साफ़ करना चाहता हूं कि अमेरिकी अदालत में अभियोग भारतीय अधिकारी के खिलाफ़ नहीं चलाया जा रहा है। हमें जो इनपुट मिले हैं वो हम साझा नहीं कर सकते लेकिन अगर आप कानूनी केस की बात कर रहे हैं तो एक व्यक्ति पर अमेरिकी अदालत में आरोप लगाए गए हैं।''

"ये आरोप लगाया जा रहा है कि वह शख्स भारतीय अधिकारी के साथ काम कर रहे थे जो एक चिंता का विषय है। हम बार बार कह चुके हैं ये भारत की नीति नहीं है। हमारी उच्च स्तरीय जांच पैनल ड्रग रैकेट और सुनियोजित अपराध के नेक्सस के एंगल से भी मामले की जांच करेगी।''

अमेरिका ने अमेरिकी ज़मीन पर एक सिख अलगाववादी नेता और अमेरिकी नागरिक की हत्या की साज़िश के पर्दाफ़ाश का दावा किया है।

निखिल गुप्ता नाम के एक शख़्स पर आरोप हैं कि उन्होंने एक भाड़े के हत्यारे को एक लाख डॉलर (लगभग 83 लाख रुपये) कैश के बदले अलगाववादी नेता की हत्या का ठेका दिया।

आरोप हैं कि निखिल गुप्ता को एक भारतीय अधिकारी निर्देशित कर रहे थे। अभियोग में भारतीय अधिकारी का नाम नहीं है।

18 नवंबर 2023 को भारत ने इन आरोपों की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय जांच पैनल का गठन किया है।

उत्तराखंड के सिलक्यारा सुरंग में फंसे सभी 41 मज़दूरों को सुरक्षित बाहर निकाला गया

उत्तराखंड के सिलक्यारा सुरंग में फंसे सभी 41 मज़दूरों को सुरक्षित बाहर निकाला गया

मंगलवार, 28 नवंबर 2023

भारत के राज्य उत्तराखंड के सिलक्यारा सुरंग में फंसे सभी 41 मज़दूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है।

उत्तराखंड सरकार ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इस बारे में जानकारी दी है।

उत्तराखंड सरकार का कहना है कि मज़दूरों के बचाव अभियान में राज्य और केंद्र सरकार की एजेंसियों के साथ ही सेना, विभिन्न संगठन और विश्व के नामी टनल विशेषज्ञ शामिल थे।

रेस्क्यू ऑपरेशन में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीआरओ, आरवीएनएल, एसजेवीएनएल, ओएनजीसी, आईटीबीपी, एनएचएआईडीसीएल, टीएचडीसी, उत्तराखंड राज्य शासन, जिला प्रशासन, भारतीय थल सेना, भारतीय वायुसेना समेत तमाम संगठनों, अधिकारियों और कर्मचारियों की अहम भूमिका रही।

कांग्रेस ने क्या कहा?

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा, ''17 दिन की कड़ी मेहनत और मशक्कत के बाद उत्तराखंड की सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को निकाला जा रहा है।

जयराम रमेश ने कहा, ''पूरा देश श्रमिकों के अद्भुत धैर्य और साहस को सलाम करता है। राष्ट्र पूरी बचाव टीम के समर्पण, कौशल और दृढ़ता की भी सराहना करता है और उन्हें दिल से धन्यवाद देता है।''

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्या कहा?

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड की सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाले जाने को भावुक करने वाली सफलता बताया है।

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा, "उत्तरकाशी में हमारे श्रमिक भाइयों के रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता हर किसी को भावुक कर देने वाली है। टनल में जो साथी फंसे हुए थे, उनसे मैं कहना चाहता हूं कि आपका साहस और धैर्य हर किसी को प्रेरित कर रहा है। मैं आप सभी की कुशलता और उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूं। यह अत्यंत संतोष की बात है कि लंबे इंतजार के बाद अब हमारे ये साथी अपने प्रियजनों से मिलेंगे। इन सभी के परिजनों ने भी इस चुनौतीपूर्ण समय में जिस संयम और साहस का परिचय दिया है, उसकी जितनी भी सराहना की जाए वो कम है।''

पीएम मोदी ने इस बचाव अभियान में लगे लोगों के जज़्बे को भी सलाम किया है।

पीएम मोदी ने कहा, ''मैं इस बचाव अभियान से जुड़े सभी लोगों के जज़्बे को भी सलाम करता हूं। उनकी बहादुरी और संकल्प-शक्ति ने हमारे श्रमिक भाइयों को नया जीवन दिया है। इस मिशन में शामिल हर किसी ने मानवता और टीम वर्क की एक अद्भुत मिसाल कायम की है।''

सुरंग से बाहर निकाले जाने के बाद मजदूरों को सुरंग के पास बनाए गए अस्थाई अस्पताल ले जाया गया है जहां उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य की जांच-परख की जाएगी।

उत्तराखंड सीएम ने कहा, सुरंग से निकले मजदूरों को 1 लाख की आर्थिक मदद मिलेगी

मंगलवार, 28 नवंबर 2023

भारत के राज्य उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार, 28 नवंबर 2023 की शाम सिलक्यारा सुरंग से सभी मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाले जाने के बाद उनसे जुड़ी जानकारी मीडिया को दी है।

पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सभी श्रमिक एक अलग वातावरण से बाहर आए हैं इसलिए हम डॉक्टरों की सलाह के अनुसार काम करेंगे। उन्हें चिकित्सकीय देखरेख में रखा जाएगा, उनकी निगरानी की जाएगी लेकिन कोई भी गंभीर नहीं है। सभी बचाए गए श्रमिकों को एक-एक लाख रूपये की मदद राशि दी जाएगी। निर्माणाधीन सुरंग की समीक्षा की जाएगी।

उत्तराखंड की सिलक्यारा सुरंग में फंसे सभी 41 मज़दूर सुरक्षित बाहर निकाल लिए गए हैं।

फिलहाल सभी मज़दूर स्वास्थ्य केंद्र में ही मौजूद हैं और उनका इलाज जारी है।

लेकिन पूरे 17 दिनों के बाद मज़दूरों के परिजन भी राहत की सांस ले रहे हैं।

भारत के राज्य बिहार के आरा के रहने वाले एक मज़दूर के परिवारवालों ने समाचार एजेंसी पीटीआई से अपना दर्द और खुशी दोनों साझा की।

अलग-अलग समाचार चैनल पर आ रही तस्वीरों में मज़दूरों के घरवाले जश्न मनाते और खुशी ज़ाहिर करते नज़र आ रहे हैं।

सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, सबूत कहां है?

भारत के सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सीबीआई और ईडी से सबूतों को लेकर सवाल पूछे हैं।

मनीष सिसोदिया को कुछ महीनों पहले दिल्ली के कथित आबकारी नीति घोटाले के तहत गिरफ़्तार किया गया था।

क़ानून से जुड़ी ख़बरें प्रसारित करने वाली वेबसाइट 'बार एंड बेंच' के मुताबिक, जस्टिस संजीव खन्ना और एसवीएन भाटी ने जांच एजेंसियों से पूछा है कि मनीष सिसोदिया पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला साबित करने के लिए उनके पास क्या सबूत हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, ''सबूत कहां है, साक्ष्य कहां है। आपको साबित करना होगा। अपराध की कमाई कहां है?''

दोनों संघीय जांच एजेंसियों का दावा है कि आबकारी नीति में बदलाव के दौरान अनियमितता बरती गई और लाइसेंस पाने वालों को अवैध तरीके से फायदा पहुंचाया गया।

कोर्ट ने कहा, ''हम समझते हैं कि नीति में बदलाव किया गया और हर कोई इसे बदलना चाहता है जिससे उसे फायदा मिले। अगर हम कहें कि किसी ख़ास ग्रुप के साथ भेदभावपूर्ण नीति बरती गई तो बिना पैसे के लेन देन को मद्देनज़र रखे, यह कोई अपराध नहीं बनता।''

कोर्ट ने कहा कि जब कोई नीतिगत फैसला लिया जाता है तो हमेशा कुछ दबाव और अंतरविरोध होगा ही, ''यह सच है कि रिश्वत नहीं ली जा सकती है।''

कोर्ट ने ये जानना चाहा कि पूर्व उप मुख्यमंत्री तक पैसा कैसे पहुंचा।

कोर्ट ने पूछा, ''आपने दो आंकड़े बताए, एक 100 करोड़ रुपये और एक 30 करोड़ रुपये। उन्हें ये पैसे किसने दिए थे। हो सकता है कि ये बहुत सारे लोगों ने दिए हों, कोई ज़रूरी नहीं कि ये शराब के धंधे से जुड़े लोग हों । दिनेश अरोड़ा के बयान के अलावा क्या कोई और साक्ष्य हैं।''

सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 12 अक्टूबर 2023 की तारीख़ दी है। दिल्ली सरकार के आबकारी विभाग की ज़िम्मेदारियां मनीष सिसोदिया के पास थीं।

मनीष सिसोदिया को 26 फ़रवरी 2023 को सीबीआई ने गिरफ़्तार किया था।

इसके बाद ईडी ने सीबीआई की एफ़आईआर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग केस में मनीष सिसोदिया को 9 मार्च 2023 को गिरफ़्तार किया था। इसके बाद से वह तिहाड़ जेल में हैं।

मनीष सिसोदिया ने 28 फ़रवरी 2023 को दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफ़ा दे दिया था।

लॉ कमीशन आपसी सहमति से यौन संबंध बनाने की उम्र घटाने के पक्ष में नहीं है

भारत में लॉ कमीशन पॉक्सो एक्ट के तहत आपसी सहमति से यौन संबंध बनाने की उम्र 18 साल से घटाकर 16 साल करने के पक्ष में नहीं है।

भारत सरकार को सौंपी अपनी 283वीं रिपोर्ट में लॉ कमीशन ने कहा है कि आपसी सहमति की उम्र को 18 साल से घटा कर 16 साल करने के नतीजे सही नहीं होंगे।

लॉ कमीशन ने कहा है कि इससे वयस्कों का नाबालिग के साथ यौन संबंध बनाना आसान हो जाएगा भले ही नाबालिग की इसमें सहमति हो।

इसका असर बाल विवाह और बच्चों की तस्करी के ख़िलाफ़ चल रहे अभियान पर भी पड़ेगा। साथ ही इससे जांच एजेंसियों के लिए बाल यौन अपराध में अभियुक्तों के ख़िलाफ़ जांच और कठिन हो जाएगी।

भारत में फिलहाल आपसी सहमति से यौन संबंध कायम करने की उम्र 18 साल है।

लॉ कमीशन का कहना है कि ऐसे दौर में जब बच्चों के ख़िलाफ़ साइबर स्पेस में यौन अपराध और फुसलाकर अपराध की घटनाएं बढ़ रही हैं तो आपसी सहमति से यौन संबंध कायम करने की उम्र घटाने के बेहद घातक परिणाम हो सकते हैं।

वर्ल्ड पापुलेशन रिव्यु के मुताबिक, सऊदी अरब, पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान, ईरान, लीबिया आदि देशों में आपसी सहमति से यौन संबंध कायम करने की कोई उम्र नहीं है।

वर्ल्ड पापुलेशन रिव्यु के मुताबिक, आपसी सहमति से यौन संबंध कायम करने की उम्र नाइजीरिया में 11 साल, फिलीपींस में 12 साल, जर्मनी में 14 साल, थाईलैंड में 15 साल, जापान में 16 साल, मेक्सिको में 17 साल, भारत में 18 साल और नेपाल में 20 साल है।

वचाती में महिलाओं के यौन उत्पीड़न: मद्रास हाई कोर्ट ने 215 लोगों को दोषी ठहराने का फ़ैसला बरकरार रखा

भारत के राज्य तमिलनाडु के वचाती गांव में महिलाओं के यौन उत्पीड़न और जनजातीय लोगों पर अत्याचार के मामले में 215 लोगों को कसूरवार ठहराने के निचली अदालत के फ़ैसले को मद्रास हाई कोर्ट ने बरकरार रखा है।

इस केस में दोषी ठहराए गए लोगों में वन विभाग और पुलिस महकमे के कर्मचारी भी शामिल हैं।

दोषी ठहराए गए लोगों पर आरोप है कि चंदन तस्करी के ख़िलाफ़ डाली गई रेड के दौरान उन्होंने गांव के लोगों के साथ बुरा बर्ताव किया था।

मद्रास हाई कोर्ट ने धर्मपुरी की निचली अदालत के फ़ैसले के ख़िलाफ़ दायर की गई अपील को शुक्रवार, 29 सितम्बर 2023 को खारिज कर दिया।

इस फ़ैसले में कसूरवार ठहराए गए 215 लोगों को एक साल से दस साल तक की जेल की सज़ा सुनाई गई थी।

समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार, 29 सितम्बर 2023 को जस्टिस पी वेलमुरुगन ने यौन उत्पीड़न का सामना करने वाली 18 पीड़ित महिलाओं को दस लाख रुपये का मुआवजा फौरन दिए जाने का भी निर्देश दिया।

धर्मपुरी की इस घटना ने पूरे तमिलनाडु को झकझोर कर रख दिया था।

जस्टिस पी वेलमुरुगन ने अपने फ़ैसले में ये भी कहा है कि अगर किसी पीड़ित की मौत हो गई हो तो मुआवजे की रकम उसके परिजनों को दी जाए।

"ज़िलाधिकारी, ज़िले के एसपी और ज़िला वन अधिकारी के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जानी चाहिए और सरकार को पीड़ित परिवारों को मुआवजा देना चाहिए।''

पीड़ितों के वकील ने बताया कि अदालत ने बलात्कार के अभियुक्तों से पांच लाख रुपये वसूल करने का भी आदेश दिया है।

इस केस में धर्मपुरी की अदालत ने साल 2011 में वन विभाग के 126 कर्मचारियों को दोषी ठहराया था।

इसमें चार अधिकारी भारतीय वन सेवा के थे, 84 लोग पुलिस के कर्मचारी थे, पांच राजस्व विभाग के लोग थे।

साल 1992 की इस घटना की जांच बाद में केंद्रीय जांच ब्यूरो को सौंपी गई थी।

इस केस के 269 अभियुक्तों में से 54 की मौत ट्रायल के दौरान हो गई थी।

केस के 12 अभियुक्तों को दस साल, पांच लोगों को सात साल और बाक़ी लोगों को एक साल से तीन साल जेल की सज़ा सुनाई गई थी।

मणिपुर में गायब दो छात्रों की मौत की पुष्टि के बाद इंफ़ाल में हिंसा और विरोध प्रदर्शन फिर हुआ तेज़

भारत के राज्य मणिपुर में जुलाई 2023 से गायब दो मैतेई छात्रों की मौत की पुष्टि के बाद राज़धानी इंफ़ाल में हिंसा और विरोध प्रदर्शन फिर तेज़ हो गया है।

बुधवार, 27 सितम्बर 2023 को भारी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे और इंफ़ाल में एक नेता के घर पर हमले की कोशिश की। पुलिस की गाड़ी को आग लगाई और एक पुलिसकर्मी के साथ मारपीट कर उनके हथियार छीन लिये।

मणिपुर पुलिस ने बुधवार, 27 सितम्बर 2023 की रात को बयान जारी करते हुए बताया, ''अनियंत्रित भीड़ ने एक नेता के घर पर हमला करने की कोशिश की, सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले दागकर भीड़ को खदेड़ा। बेकाबू भीड़ ने पुलिस की एक जिप्सी को निशाना बनाकर उसे जला दिया, जबकि एक पुलिसकर्मी के साथ मारपीट कर उनका हथियार छीन लिया।''

''मणिपुर पुलिस इस तरह की कार्रवाई की निंदा करती है और ऐसे उपद्रवियों से निपटने के लिए सख़्त क़दम उठाएगी। हथियारों की बरामदगी और बदमाशों को पकड़ने के लिए कॉम्बिंग ऑपरेशन चलाया जा रहा है।''

हालात को देखते हुए इंफ़ाल में कर्फ़्यू में दी जा रही ढील रोक दी गई है और पूरी तरह कर्फ़्यू लागू कर दिया गया है।

इससे पहले मणिपुर पुलिस ने बताया था कि दो छात्रों की मौत की ख़बर के बाद हिंसक विरोध प्रदर्शन बढ़ गए हैं और पुलिस ''कम से कम बलप्रयोग'' कर प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने की कोशिश कर रही है, लेकिन इस कोशिश में कुछ लोग घायल हुए हैं।

पुलिस ने अपने बयान में कहा, ''भीड़ में उपद्रवियों ने सुरक्षा बलों पर लोहे के टुकड़ों और पत्थरों (मार्बल) का इस्तेमाल किया। जवाबी कार्रवाई में सुरक्षा बलों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए न्यूनतम बल प्रयोग किया और आंसू गैस के गोले छोड़े जिसमें कुछ लोग घायल हो गए।''

पुलिस की ओर से ये बयान तब सामने आया जब इस तरह के आरोप लगाए जा रहे थे कि सुरक्षा बलों ने प्रदर्शकारियों पर पैलेट गन का इस्तेमाल किया है।

इसके अलावा बुधवार, 27 सितम्बर 2023 को मणिपुर के पहाड़ी इलाकों में "आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर्स एक्ट" अर्थात अफ्स्पा की अवधि अगले छह महीने के लिए बढ़ाई गई है।

हालांकि, इंफाल घाटी के 19 पुलिस स्टेशनों को इस दायरे से बाहर रखा गया है।

मणिपुर सरकार ने बुधवार, 27 सितम्बर 2023 को एक अधिसूचना जारी कर बताया, "मणिपुर के राज्यपाल की राय है कि विभिन्न चरमपंथी विद्रोही समूहों की हिंसक गतिविधियों के कारण 19 पुलिस स्टेशनों के अधिकार क्षेत्र में आने वाले क्षेत्रों को छोड़कर पूरे मणिपुर राज्य में नागरिक प्रशासन की सहायता के लिए सशस्त्र बलों के उपयोग की आवश्यकता है। इसलिए राज्यपाल इसके द्वारा 1 अक्टूबर, 2023 से छह महीने की अवधि के लिए 19 पुलिस स्टेशनों के अधिकार क्षेत्र में आने वाले क्षेत्रों को छोड़कर पूरे मणिपुर राज्य को 'अशांत क्षेत्र' घोषित करने की मंजूरी देते है।''

पीएम मोदी से मुलाकात के बाद सऊदी क्राउन प्रिंस एमबीएस ने क्या कहा?

सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुल अज़ीज़ अल सऊद दिल्ली में हुए जी 20 सम्मेलन के बाद भारत के राजकीय दौरे पर हैं।

इस दौरान उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दिल्ली स्थित हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय बैठक की।

बैठक के बाद क्राउन प्रिंस ने कहा, ''इस (भारत-सऊदी अरब) रिश्ते के इतिहास के दौरान कोई असहमति नहीं रही है, आज हम भविष्य के अवसरों पर काम कर रहे हैं... मैं भारत को जी 20 शिखर सम्मेलन के प्रबंधन और मध्य पूर्व, भारत और यूरोप को जोड़ने वाले आर्थिक गलियारे सहित हासिल की गई कई पहल के लिए बधाई देता हूं, ज़रूरी है कि हम इसे बनाने के लिए लगन से काम करें।''

क्राउन प्रिंस तीन दिन के नई दिल्ली दौरे पर हैं और रविवार, 10 सितम्बर 2023 को ख़त्म हुए जी20 शिखर सम्मेलन के बाद सोमवार, 11 सितम्बर 2023 को उन्होंने पीएम मोदी से मुलाकात की।

इससे पहले फरवरी 2019 में क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने भारत का दौरा किया था ये उनका दूसरा राजकीय दौरा है।

भारत में जी20 के दौरान भारत-मध्य-पूर्व-यूरोप के बीच आर्थिक और रेल कॉरिडोर बनाने का समझौता हुआ है। इस समझौते को चीन के बेल्ट एंड रोड एनिशिएटिव के मुक़ाबले में किया जा रहा प्रयास माना जा रहा है।

सऊदी क्राउन प्रिंस एमबीएस से मुलाक़ात के बाद पीएम मोदी ने क्या कहा?

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुल अज़ीज़ अल सऊद के बीच दिल्ली के हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय बैठक हुई।

इस बैठक के बाद पीएम मोदी ने कहा कि ये बैठक दोनों देशों के रिश्तों को नए आयाम पर ले जाएंगी।

उन्होंने कहा, ''हम अपने संबंधों में नए और आधुनिक आयाम जोड़ रहे हैं। भारत के लिए सऊदी अरब अहम स्ट्रैटिजिक साझेदारों में से एक है। विश्व की दो तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में हमारी साझेदारी पूरे क्षेत्र की शांति के लिए महत्वपूर्ण है। क्राउन प्रिंस के साथ बैठक के दैरान हमने अपनी साझेदारी को अगले पड़ाव पर ले जाने के लिए कई इनिशिएटिव की पहचान की है। इस बैठक से हमारे संबंधों को नई दिशा और नई ऊर्जा मिलेगी।''

पीएम मोदी ने कहा, ''भारत ने पश्चिम एशिया और यूरोप के बीच कॉरिडोर स्थापित करने के लिए ऐतिहासिक शुरुआत की है। इससे बस दो देश ही आपस में नहीं जुड़ेंगे बल्कि यूरोप और एशिया के बीच आर्थिक सहयोग, ऊर्जा के विकास और डिजिटल कनेक्टिविटी को बल देगा। क्राउन प्रिंस आपके विजन 2030 के तहत सऊदी अरब जिस तरह तेज़ी से प्रगति कर रहा है उसके लिए आपका हृदय से अभिनंदन करता हूं।''

क्राउन प्रिंस तीन दिन के नई दिल्ली दौरे पर हैं और रविवार, 10 सितम्बर 2023 को ख़त्म हुए जी20 शिखर सम्मेलन के बाद सोमवार, 11 सितम्बर 2023 को पीएम मोदी से अपने राजकीय दौरे के दौरान मुलाकात की।

इससे पहले सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान औपचारिक स्वागत समारोह के लिए राष्ट्रपति भवन पहुंचे थे। यहां भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका स्वागत किया था।

राहुल गांधी ने भारत- इंडिया नाम पर हो रही चर्चा, अल्पसंख्यकों और लोकतंत्र पर क्या कहा?

यूरोप की यात्रा पर गए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भारत- इंडिया नाम पर हो रही चर्चा, अल्पसंख्यकों और लोकतंत्र पर बात की है।

राहुल गांधी ने रविवार, 10 सितम्बर 2023 को एक वीडियो साझा किया, जिसमें वो पेरिस के साइंसेज़ पीओ यूनिवर्सिटी में छात्रों से बात करते दिख रहे हैं।

भारत के नाम बदलने की चर्चाओं को लेकर राहुल गांधी ने कहा कि जो लोग 'नाम बदलना चाहते हैं वो इतिहास को नकारना चाहते हैं'।

राहुल गांधी ने कहा, ''संविधान में दोनों नाम हैं। इंडिया और भारत दोनों ही शब्द स्वीकार्य हैं। हो सकता है जब हमने अपने गठबंधन का नाम इंडिया के नाम पर रखा तो सरकार थोड़ा चिढ़ी हो और अब देश का नाम बदलने का फैसला किया हो। आप समझ सकते हैं कि चीजें कैसे चल रही हैं।''

गांधी ने कहा, "हम अपने गठबंधन का हमेशा कोई न कोई नाम देते हैं। लेकिन इससे कोई मकसद हल नहीं होता, लेकिन लोग अजीब तरीके से प्रतिक्रिया देते हैं। चीजें तो दिख रही हैं उससे कहीं गहरी बात है।''

राहुल गांधी ने कहा, "संविधान में भारत को 'इंडिया' यानी 'भारत राज्यों का यूनियन है' के रूप में परिभाषित किया गया है। इन राज्यों के लोगों की आवाज़ सुननी होगी और किसी भी आवाज़ को दबाने या डराने की ज़रूरत नहीं है। और संस्थाएं और ढांचा इस आवाज़ की रक्षा करता है उसे बचाना और उसे सुरक्षित रखना सबसे अहम बात है।''

उन्होंने कहा, ''मैंने गीता, उपनिषद् और हिंदू धर्म के कई ग्रंथ पढ़े हैं लेकिन बीजेपी जो कुछ कर रही है, उसमें हिंदू जैसा कुछ नहीं है।''

राहुल गांधी ने कहा, ''जब हम लोकतंत्र शब्द का इस्तेमाल करते हैं तो असल में हम आम आदमी की आवाज़ के बारे में बात कर रहे होते हैं। जैसा हमारे महान नेता महात्मा गांधी ने कहा था कि सबसे महत्वपूर्ण आवाज़ पंक्ति में अंतिम खड़े व्यक्ति की होती है।''

भारत में दलितों और अल्पसंख्यकों को लेकर किए गए एक सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने कहा कि ‘यह भारत की सबसे बड़ी समस्या है।'

उन्होंने कहा, ''इससे लड़ने की ज़रूरत है। बीजेपी और आरएसएस दलित, आदिवासियों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों की आवाज़ और हिस्सेदारी को रोकने की पूरा दम लगाकर कोशिश कर रहे हैं। अगर दलित, मुस्लिम, उच्च जाति या किसी भी व्यक्ति पर हमला होता है तो मैं ऐसा इंडिया नहीं चाहता।''

राहुल ने कहा, ''हमें ये सुनिश्चित करना है कि जिन लोगों ने जो कुछ किया है उन्हें उनके किए की सज़ा मिलनी चाहिए क्योंकि जो लोग ऐसा करने की सोचते हैं उन्हें भी ये लगे कि भारत की आत्मा पर हमला करने के लिए उन्हें भी क़ीमत अदा करनी पड़ेगी।''

भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी महात्मा गांधी के ट्रस्टीशिप सिद्धांत में निहित है: बाइडन

जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने आए अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन वियतनाम रवाना होने के पहले रविवार, 10 सितम्बर 2023 को दिल्ली स्थित महात्मा गांधी की समाधि राजघाट पहुंचे और उन्हें श्रद्धांजलि दी।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक ट्वीट कर राजघाट ले जाने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शुक्रिया कहा है।

रविवार, 10 सितम्बर 2023 को जी20 सम्मेलन के लिए आए मेहमानों को लेकर पीएम मोदी दिल्ली के राजघाट पर महात्मा गांधी के समाधि स्थल पहुंचे थे।

सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर राष्ट्रपति बाइडन ने लिखा, ''भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी महात्मा गांधी के ट्रस्टीशिप सिद्धांत में निहित है। ट्रस्टीशिप हमारे देशों के बीच साझा मूल्य है और हमारे साझे ग्रह (पृथ्वी) के लिए भी अहम है।''

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करते हुए कहा, ''धन्यवाद, प्रधानमंत्री जी, आज यहां हमें लाने के लिए।''

जी20 शिखर सम्मेलन में शिरकत करने के बाद रविवार, 10 सितम्बर 2023 को राष्ट्रपति बाइडन वियतनाम चले गए।