भारत

विपक्ष पर पीएम मोदी के लगाए आरोपों पर कांग्रेस ने क्या कहा?

भारत में कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने बीजेपी नेता और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर पलटवार किया है।

मंगलवार, 18 जुलाई 2023 की सुबह नरेंद्र मोदी ने बेंगलुरु में एकजुट हो रहे विपक्ष को भ्रष्टाचारियों का सम्मेलन बताया था।

सुप्रिया श्रीनेत ने ट्वीट कर लिखा, "प्रधानमंत्री मोदी की भाषा और बयान उनके डर का प्रमाण हैं। 9 साल सत्ता में रहने के बाद मोदी जी के अंदर यह दम नहीं है कि अपने काम पर वोट माँग लें।''

"आज भी सिर्फ़ और सिर्फ़ विपक्ष के ख़िलाफ़ ज़हर उगल रहे हैं और अनर्गल आरोप लगा रहे हैं। जिस प्रधानमंत्री की नाक के नीचे देश का सबसे बड़ा अडानी महाघोटाला हुआ हो उसकी हिम्मत कैसे है भ्रष्टाचार पर अपना मुँह खोलने की?"

"जो प्रधानमंत्री पानी पी पी कर विपक्ष के कुछ नेताओं को भ्रष्टाचार पर कोसे और फिर कुछ ही घंटों बाद पार्टी तोड़ कर उन्हें अपनी सरकार में शामिल करे, वो दोहरे मापदंड का जीता जागता सबूत है।''

"आपकी बदले की भावना से प्रेरित केस भी आपकी बातों की ही तरह फ़र्ज़ी और निराधार हैं और लगे हाथ एक बात ज़रूर बताइएगा मोदी जी, बड़ा सीना ठोककर चिल्लाते थे ‘एक अकेला एक अकेला’ तो अब 38 औरों की ज़रूरत क्यों आन पड़ी?"

मोदी ने क्या कहा?

पोर्ट ब्लेयर के वीर सावरकर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के नए टर्मिनल के उद्घाटन के मौके पर पीएम मोदी ने कहा, "भारत की बदहाली के जिम्मेदार कुछ लोग अपनी दुकान खोलकर बैठ गए हैं।''

पीएम मोदी ने कहा, "2024 के लिए 26 होने वाले राजनीतिक दलों पर ये बड़ा फिट बैठता है कि ये लोग गा कुछ रहे हैं, हाल कुछ है, लेबल कुछ है और माल कुछ है...इनकी दुकान पर दो चीजों की गारंटी मिलती है। ये अपनी दुकान पर जातिवाद का जहर बेचते हैं और दूसरा असीमित भ्रष्टाचार करते हैं। आज कल ये लोग बेंगलुरु में जुटे हैं।''

उन्होंने कहा, "जब ये लोग कैमरे के सामने एक फ्रेम में आ जाते हैं तो पहला विचार देश के लोगों के मन में यही आता है कि लाखों करोड़ों रुपये का भ्रष्टाचार। इसलिए देश की जनता कह रही है कि ये तो कट्टर भ्रष्टाचारी सम्मेलन हो रहा है।''

मोदी ने कहा, "इस बैठक की एक और खास बात है, अगर कोई करोड़ों रुपये के घोटाले में जमानत पर है तो उसे बहुत सम्मान की नजर से देखा जाता है। अगर पूरा का पूरा परिवार जमानत पर है तो उसकी और ज्यादा खातिर होती है।''

मंगलवार, 18 जुलाई 2023 को बेंगलुरु में विपक्ष की बैठक का दूसरा दिन है। इस बैठक में 26 राजनीतिक दलों ने हिस्सा लिया।

दूसरी तरफ दिल्ली में भी एनडीए गठबंधन की बैठक हो रही है, जिसमें 38 राजनीतिक दल शामिल हैं।

विपक्ष की बैठक के बाद शरद, लालू, अखिलेश, तेजस्वी और महबूबा ने क्या कहा?

भारत के राज्य कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक मंगलवार, 18 जुलाई 2023 को दूसरे दिन भी जारी रही।

इस दौरान विपक्षी दलों के नेताओं ने अपनी प्रतिक्रियाएं दीं।

भारत के राज्य उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि देश और लोगों को बचाना जरूरी है।

अखिलेश ने कहा, ''देश की दो तिहाई जनता बीजेपी के खिलाफ हैं तो इस बार बीजेपी का सफाया करने के लिए सब एक हैं।''

भारत के राज्य बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा, ''देश के लोकतंत्र, संविधान, भाईचारे, विविधता को बचाने के लिए हम साथ आए हैं।"

उन्होंने कहा, "संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग किया जा रहा है। देश की संपत्ति को बेचा जा रहा है। अहम मुद्दों पर बात नहीं हो रही है, ज़हर पर बात हो रही है।''

विपक्ष की बैठक में जम्मू और कश्मीर से उमर अब्दुल्लाह और महबूबा मुफ्ती भी शामिल हुए।

जम्मू और कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने कहा, ''जो इस वक़्त मुल्क के हालात हैं, जो संविधान के साथ खिलवाड़ हो रहा है। गांधी के मुल्क की ताकत और विविधता को मिट्टी में मिलाया जा रहा है। भारत के विचार को बचाना होगा।''

लालू यादव ने कहा, नरेंद्र मोदी को विदाई देना है

बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक का मंगलवार, 18 जुलाई 2023 को दूसरा दिन है।

इस मौक़े पर विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं का बेंगलुरु पहुंचना जारी है। इस दौरान लालू प्रसाद यादव भी बेंगलुरु पहुंचे।

लालू प्रसाद यादव जब बैठक के लिए जा रहे थे तो पत्रकारों ने उनसे उनकी प्रतिक्रिया पूछी।

लालू प्रसाद यादव ने कहा, ''नरेंद्र मोदी को अब विदाई देना है।''

बेंगलुरु में विपक्ष की बैठक के बाद शरद पवार ने क्या कहा?

बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक हो रही है।

इस बैठक में एनसीपी प्रमुख शरद पवार भी पहुंचे हैं। महाराष्ट्र में अजित पवार के एकनाथ शिंदे-बीजेपी सरकार से मिलने के बाद ये पहली बार है, जब शरद पवार विपक्षी दलों की इतनी बड़ी बैठक में शरीक हो रहे हैं।

बैठक के दौरान शरद पवार के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया है।

शरद पवार ने कहा, ''आज मैं बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक में शामिल हुआ। इस बैठक में राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, ममता बनर्जी, लालू यादव, नीतीश कुमार, अरविंद केजरीवाल, सीताराम येचुरी, अखिलेश यादव शामिल हुए। इस मौक़े पर सभी मौजूद नेताओं ने ये फ़ैसला किया है कि साथ लड़ेंगे और साथ जीतेंगे।''

मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, विपक्षी गठबंधन को 'इंडिया' कहा जाएगा

भारत में कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि विपक्षी गठबंधन को 'इंडिया' कहा जाएगा और बैठक में शामिल सभी दल इस पर सहमत हो गए हैं।

विपक्षी पार्टियों के गठबंधन का नाम 'इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया)' रखा गया है। विपक्ष की अगली बैठक महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में होगी।

मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि कैंपेन मैनेजमेंट के लिए सेक्रेटेरियट का गठन किया जाएगा और अन्य खास मुद्दों पर अन्य कमेटियों का गठन दिल्ली में किया जाएगा।

भारत के राज्य बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने भी एक ट्वीट में 'इंडिया' का ज़िक्र करते हुए लिखा-आई-इंडियन, एन-नेशनल, डी-डेवलपमेंटल, आई-इंक्लूसिव, ए-अलायंस।

गठबंधन का चेहरा कौन होगा?

प्रेस कॉन्फ़्रेस के दौरान जब यह सवाल पूछा गया कि 'इंडिया' का चेहरा कौन होगा?

इसका जवाब देते हुए खड़गे ने कहा, ''देखिए, आपने जो सवाल पूछा कि कौन इसको लीड करेंगे और कौन कौन इसको आगे बढ़ाएंगे। इसीलिए मैंने कहा था कि हम 11 लोगों की कॉर्डिनेशन कमेटी बना रहे हैं। उस 11 लोगों की मीटिंग में ही ये तय होगा कि कन्वेनर कौन होंगे। वो छोटी बात है हम उसको हल कर लेंगे।

राहुल गांधी ने क्या कहा?

बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, "ये हमारी दूसरी बैठक है। आज बहुत प्रोडक्टिव काम हुआ है। लड़ाई बीजेपी की विचारधारा और उनकी सोच के खिलाफ है।''

"वो देश पर आक्रमण कर रहे हैं। बेरोजगारी फैल रही है। देश का पूरा का पूरा धन चुने हुए लोगों के हाथ में जा रहा है और इसलिए जब हम बातचीत कर रहे थे तो हमने अपने आप से सवाल पूछा, कि लड़ाई किसके बीच में है?"

"ये लड़ाई विपक्ष और बीजेपी के बीच में नहीं है। देश की आवाज़ को दबाया और कुचला जा रहा है। ये देश की आवाज़ के लिए लड़ाई है और इसलिए ये नाम चुना गया, इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस। इसका मतलब है इंडिया।''

"ये लड़ाई एनडीए और इंडिया के बीच में है। नरेंद्र मोदी जी और इंडिया के बीच में है। उनकी विचारधारा और इंडिया के बीच में है। आप जानते हो कि जब भी कोई इंडिया के सामने खड़ा होता है तो जीत किसकी होती है। ये कहने की ज़रूरत नहीं है।''

"अब हम एक एक्शन प्लान तैयार करेंगे, जहां हम एक साथ मिलकर देश में हमारी विचारधारा के बारे में और जो हम देश के लिए करने जा रहे हैं उसके बारे में बात करेंगे।''

अरविंद केजरीवाल ने क्या कहा?

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, "आज से 9 साल पहले इस देश के लोगों ने नरेंद्र मोदी जी को भारी बहुमत दिया था। इन सालों में उनके पास देश के लिए बहुत कुछ करने का मौका था, लेकिन इन 9 सालों में उन्होंने एक भी सेक्टर में ऐसा नहीं किया जिसमें हम कह सकें कि तरक्की हुई है।''

"हर सेक्टर को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। सबसे अच्छा है कि आप रेलवे की सेकेंड क्लास की टिकट लेकर यात्रा करें तो आपको पता चल जाएगा कि चार से पांच साल पहले रेलवे ठीक ठाक चला करती थी, लेकिन आज बर्बाद कर दी है।''

"इन्होंने अर्थव्यवस्था बर्बाद कर दी, रेलवे बर्बाद कर दी, सारे एयरपोर्ट बेच दिए, जहाज बेच दिए, आसमान, धरती, पाताल सब अपने लोगों को बेच दिया।''

"आज देश में हर आदमी दुखी है। युवा, किसान, मजदूर, व्यापारी, गृहिणी सभी दुखी हैं। आज 26 पार्टियां अपने लिए जमा नहीं हुई हैं। देश में जिस तरह से नफरत फैलाई जा रही है हमें उससे बचाना है और दूसरी तरफ एक नए भारत का सपना लेकर हम लोग एक साथ आए हैं।''

उद्धव ठाकरे ने क्या कहा?

शिवसेना (उद्धव) नेता उद्धव ठाकरे ने कहा कि दूसरी बैठक सफल रही और यह लड़ाई हमारे परिवार के लिए नहीं है बल्कि देश ही हमारा परिवार है।

ममता बनर्जी ने क्या कहा?

ममता बनर्जी ने कहा कि इंडिया को बचाना है, देश को बचाना है। भाजपा देश को बेचने की सौदेबाज़ी कर रही है और लोकतंत्र को खरीदने का मोल-भाव कर रही है।

ओडिशा ट्रेन दुर्घटना: किसकी गलती से भीषण रेल हादसा हुआ?

भारत के राज्य ओडिशा के बालासोर ज़िले में शुक्रवार, 2 जून 2023 की शाम हुए रेल हादसे में अब तक 288 लोगों की मौत हो चुकी है। हादसे में क़रीब 1000 लोग घायल हुए हैं। घायलों में से कई लोगों की हालत गंभीर है।

यह हादसा शालीमार-मद्रास कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन के बाहानगा स्टेशन पर खड़ी एक मालगाड़ी को पीछे से टक्कर मारने की वजह से हुआ। हादसे के वक़्त शालीमार-मद्रास कोरोमंडल एक्सप्रेस की रफ़्तार क़रीब 128 किलो मीटर प्रति घंटे की थी, जबकि यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस क़रीब 125 किलो मीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से चल रही थी। इस रुट पर ट्रेनों की स्पीड 15 दिन पहले ही बढ़ाकर 130 किलो मीटर प्रति घंटा की गई थी।

रेलवे की तकनीकी भाषा में इसे हेड ऑन कॉलिज़न कहते हैं। ऐसे हादसे आमतौर पर बहुत कम देखने को मिलते हैं।

इस दुर्घटना में शालीमार-मद्रास कोरोमंडल एक्सप्रेस के 12 डिब्बे पटरी से उतर गए। इनमें से कुछ डिब्बे दूसरी पटरी पर चले गए। दूसरी पटरी पर ठीक उसी वक़्त बेंगलुरु से आ रही यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस गुज़र रही थी।

पटरी से उतरने के बाद शालीमार-मद्रास कोरोमंडल एक्सप्रेस के जो डिब्बे दूसरी पटरी पर गए थे वो वहां से गुज़र रही यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस से जा टकराई। इसके साथ ही यह भीषण हादसा हुआ।

यह हादसा रेलवे के साउथ इस्टर्न ज़ोन के खड़गपुर डिविज़न में ब्राड गेज नेटवर्क पर हुआ है।

शुक्रवार, 2 जून 2023 की रात इस दुर्घटना के दौरान क्या क्या हुआ?

शुक्रवार 2 जून 2023 को हावड़ा के पास शालीमार रेलवे स्टेशन से ट्रेन नंबर 12841 शालीमार-मद्रास कोरोमंडल एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय पर निकली।

23 डिब्बों की इस ट्रेन को अप लाइन पर बालासोर, कटक, भुवनेश्वर, विशाखापत्तनम और विजयवाड़ा होते हुए चेन्नई पहुंचना था।

इस ट्रेन ने दोपहर बाद 3 बजकर 20 मिनट पर अपना सफ़र शुरू किया और यह पहले संतरागाछी रेलवे स्टेशन पर रुकी और फिर महज़ 3 मिनट की देरी से खड़गपुर स्टेशन पर पहुंची।

ट्रेन शाम 5 बजकर 5 मिनट पर खड़गपुर स्टेशन से चलनी शुरू हुई। यह ट्रेन शाम 7 बजे बालासोर के पास बाहानगा बाज़ार रेलवे स्टेशन की तरफ़ बढ़ रही थी।

इस ट्रेन को बाहानगा स्टेशन पर बिना रुके सीधा आगे निकल जाना था, लेकिन यह स्टेशन पर मेन लाइन की बजाय लूप लाइन की तरफ़ चली गई। इस स्टेशन पर लूप लाइन पर एक मालगाड़ी खड़ी थी और तेज़ गति में चल रही कोरोमंडल एक्सप्रेस ने मालगाड़ी को पीछे से टक्कर मार दी।

बीबीसी के मुताबिक ऑल इंडिया रेलवे मेन्स फ़ेडरेशन के महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि किसी तकनीकी ख़राबी की वजह से कोरोमंडल एक्सप्रेस को हरा सिग्नल दिया गया या फिर तकनीकी गड़बड़ी से ही यह ट्रेन मेन लाइन को छोड़कर लूप लाइन पर चली गई, जिससे यह हादसा हुआ है।

कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन ने मालगाड़ी को पीछे से टक्कर मारी, इस कारण ट्रेन के 12 डिब्बे पटरी से उतर गए। इसके कुछ डिब्बे गिरकर दूसरी तरफ़ डाउन लाइन तक पहुंच गए और उस पर आ रही यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस से टकरा गए।

ठीक इसी समय यशवंतपुर से हावड़ा की तरफ़ आ रही 12864 यशवंतपुर हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन हादसे वाली जगह को क्रॉस कर रही थी। 22 डब्बों की यह ट्रेन क़रीब 4 घंटे की देरी से चल रही थी और ट्रेन का ज़्यादातर हिस्सा हादसे वाली जगह से आगे निकल चुका था।

तभी कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन का हादसा हुआ और इसके कुछ डिब्बे गिरने के बाद लुढ़कते हुए यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस के पिछले हिस्से से टकरा गए। इस टक्कर से यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस के भी 3 डिब्बे पटरी से उतर गए।

भारत के रेल मंत्रालय के प्रवक्ता अमिताभ शर्मा ने शुक्रवार, 2 जून 2023 की रात एक बयान में कहा है कि यह हादसा शुक्रवार, 2 जून 2023 की शाम क़रीब सात बजे हुआ था और हादसे में दोनों ट्रेनों के कुल क़रीब 15 डिब्बे पटरी से उतर गए।

बीबीसी के मुताबिक रेलवे बोर्ड के पूर्व सदस्य (ट्रैफ़िक) श्रीप्रकाश ने कहा कि जिस तरह की जानकारी आ रही है उससे लगता है कि यह हादसा बहुत बड़ी मानवीय ग़लती से हुआ है।

श्रीप्रकाश के मुताबिक़, ''अगर कोई ट्रेन किसी ट्रैक पर खड़ी होती है तो उस ट्रैक पर दूसरी ट्रेन न आ सके इसके लिए पॉइंट रिवर्स कर दिए जाते हैं ताकि ट्रेन दूसरे ट्रैक पर रहे। अगर किसी तकनीकी ख़राबी से ऐसा नहीं हो पाता है तो फ़ौरन ही रेड लाइट सिग्नल कर दिया जाता है ताकि जो भी ट्रेन आ रही हो वो रुक जाए।''

शिव गोपाल मिश्रा के मुताबिक़, इस रूट पर ट्रेनों की स्पीड क़रीब 15 दिन पहले ही बढ़ाकर अधिकतम स्पीड 130 किलोमीटर प्रति घंटा की गई थी।

उनके मुताबिक़ हादसे के वक़्त कोरोमंडल एक्सप्रेस की रफ़्तार क़रीब 128 किलोमीटर प्रति घंटे की थी, जबकि यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस भी क़रीब 125 किलोमीटर प्रतिघंटे की स्पीड से चल रही थी।

इसी स्पीड की वजह से कोरोमंडल एक्सप्रेस को ज़्यादा नुक़सान हुआ। वहीं स्पीड की वजह से यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन का ज़्यादातर हिस्सा हादसे वाली जगह को पार कर चुका था और इसका केवल पिछला हिस्सा हादसे का शिकार हुआ।

ख़ास बात यह भी है कि हादसे की शिकार हुई दोनों ही ट्रेनें एलएचबी कोच की थीं। 'लिंके हॉफ़मैन बुश' कोच जर्मन डिज़ाइन के कोच होते हैं और हादसों के लिहाज से ज़्यादा सुरक्षित माने जाते हैं।

रेलवे के पुराने आईसीएफ़ डिज़ाइन के कोच के मुक़ाबले हादसे में एलएचबी के डिब्बे एक दूसरे के ऊपर नहीं चढ़ते हैं, इससे किसी डिब्बे के दबने का ख़तरा नहीं होता है और मुसाफ़िरों को जान का ख़तरा कम होता है।

ओडिशा हादसे की तस्वीरों से पता चलता है कि कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन का इंजन मालगाड़ी के उपर चढ़ गया। जबकि इंजन के पीछे के कई डिब्बे आपस में टकराने से दब गए।

दक्षिण पूर्व रेलवे ने हादसे से प्रभावित लोगों की मदद के लिए कई हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं।

साथ ही शनिवार, 3 जून 2023 को दक्षिण पूर्व रेलवे हावड़ा से बालासोर के लिए स्पेशल ट्रेन चला रहा है जिसके ज़रिए परिजन दुर्घटना वाली जगह तक पहुंच सकते हैं।

ये ट्रेन संतरागाछी, उलुबेरिया, बागनान, मेचेडा, पांसकुरा, बालीछक, खड़गपुर, हिजली, बेल्दा और जलेश्वर पर रुकेगी।

कर्नाटक में मुस्लिम आरक्षण का मुद्दा की असलियत क्या है?

भारत के राज्य कर्नाटक में बीजेपी सरकार ने विधानसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले मुसलमानों को मिलने वाला 4 फ़ीसदी आरक्षण रद्द कर दिया और इसे कर्नाटक के लिंगायत और वोक्कालिगा समुदायों के बीच 2-2 फ़ीसदी बांट दिया।

बीजेपी का कहना है कि धर्म के आधार पर आरक्षण देना संविधान के खिलाफ़ है, इसलिए ये आरक्षण हटाया गया।

मार्च 2023 में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई ने इस फ़ैसले के बाद कहा था, "संविधान में धार्मिक आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है। खुद डॉ. भीमराव आंबेडकर ने कहा था कि आरक्षण जाति के आधार पर तय होना चाहिए।''

कर्नाटक में साल 1994 में मंडल कमीशन की सिफ़ारिशों के तहत मुसलमानों की कुछ जातियों को अन्य पिछड़ी जाति (ओबीसी) की श्रेणी में एक उप-श्रेणी बनाकर शामिल किया गया था।

इसके तहत मुसलमानों को 'सामाजिक और शैक्षणिक पिछड़ेपन' के आधार पर चार फ़ीसदी आरक्षण देने की बात की गई।

कर्नाटक सरकार ने साल 1986 में चिनप्पा रेड्डी आयोग बनाया था। इस आयोग को काम दिया गया कि वह राज्य में आरक्षण के लिए योग्य जातियों-समुदायों की लिस्ट तैयार करे।

चिनप्पा रेड्डी आयोग की सलाह पर ही ओबीसी के 32 फ़ीसदी कोटे में से मुसलमानों को चार फ़ीसदी आरक्षण देने का फ़ैसला किया।

ओबीसी श्रेणी में ही वोक्कालिगा और लिंगायतों को क्रमशः 4 फ़ीसदी और 5 फ़ीसदी आरक्षण देने का प्रावधान किया गया था। वोक्कालिगा और लिंगायत कर्नाटक में काफ़ी प्रभावशाली समुदाय हैं।

अब कर्नाटक में जो आरक्षण की बदली व्यवस्था है उसमें मुसलमानों को मिलने वाला 4 फ़ीसदी आरक्षण ख़त़्म हो गया है। हालांकि नौ मई 2023 तक भारत के सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बहाल रखी है।

बीजेपी कर्नाटक के विधानसभा चुनाव में मुस्लिम आरक्षण का मुद्दा जोर शोर से उठा रही है ताकि हिन्दू वोटों का ध्रुवीकरण किया जा सके। बीजेपी इसमें कितना सफल हो पाती है इसका पता तो कर्नाटक के विधानसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद ही चल पायेगा!

भारत में प्रेस सबसे ज़्यादा अनियंत्रित है: जयशंकर

रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स ने साल 2023 में जारी लिस्ट में भारत को प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में 161वें नंबर और अफ़ग़ानिस्तान को 152वें स्थान पर रखा है।

साल 2022 में भारत इस लिस्ट में 150वें स्थान पर था। एक साल में भारत 11 पायदान नीचे गिरा है।

प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक के मुताबिक अब भारत पाकिस्तान से भी पीछे हो गया है। पाकिस्तान 150वें स्थान पर पहुंच गया है।

इस सूचकांक का आधार पांच श्रेणियां हैं, जिनमें किसी देश के प्रदर्शन का आकलन किया जाता है, जैसे कि राजनीतिक व्यवस्था, आर्थिक हालात, कानूनी ढांचा, सामाजिक-सांस्कृतिक मानक और पत्रकारों की सुरक्षा।

3 मई 2023 को प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में प्रेस की आज़ादी ख़तरे में है।

भारत के राज्य कर्नाटक के मैसूर में मोदी सरकार की विदेश नीति पर बात करते हुए भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि भारत में प्रेस सबसे ज़्यादा अनियंत्रित है।

प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में भारत की रैंकिंग कमज़ोर होने को लेकर एस जयशंकर से सवाल किया गया था, जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि अफ़ग़ानिस्तान हमसे ज़्यादा स्वतंत्र है?

उन्होंने प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक को माइंड गेम बताया। एस जयशंकर ने कहा कि ये माइंड गेम खेलने के तरीक़े हैं जो उस देश के रैंक को कम करने जैसा है, जिसे आप पसंद नहीं करते हैं।

अमृतपाल सिंह को पुलिस ने भिंडरांवाले के गाँव से गिरफ़्तार किया

18 मार्च 2023 से फरार चल रहे 'वारिस पंजाब दे' संगठन के प्रमुख और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है।

गिरफ़्तारी के बाद पंजाब पुलिस अमृतपाल सिंह को बठिंडा के एयरफोर्स स्टेशन लेकर गई, जहां से उन्हें असम के डिब्रूगढ़ जेल भेज दिया गया है।

पंजाब पुलिस के महानिरीक्षक (मुख्यालय) सुखचैन सिंह गिल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, ''अमृतपाल सिंह को पंजाब के मोगा ज़िले के रोडे गांव से गिरफ्तार किया गया है।''

जरनैल सिंह भिंडरांवाले भी रोडे गांव के रहने वाले थे। अमृतपाल सिंह को इसी गांव में 'वारिस पंजाब दे' संगठन का मुखिया बनाया गया था।

गिरफ़्तारी से पहले अमृतपाल सिंह ने गुरुद्वारे के ग्रंथी से पांच ककार (केश, कृपाण, कंघा, कड़ा और कच्छा) लेकर पहने और लोगों को संबोधित किया।

अपने संबोधन में अमृतपाल सिंह ने कहा कि उनके ऊपर झूठे केस दर्ज किए गए। इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर भी डाला गया है।

उनका संबोधन पूरा होने के बाद पंजाब पुलिस ने उन्हें गुरुद्वारे के बाहर से गिरफ़्तार कर लिया।

अकाल तख़्त के पूर्व जत्थेदार और जरनैल सिंह भिंडरांवाले के भतीजे जसबीर सिंह रोडे ने अमृतपाल सिंह की गिरफ़्तारी के बाद बीबीसी से बातचीत की है। जसबीर सिंह रोडे ने कहा कि शनिवार, 22 अप्रैल 2023 की रात पुलिस ने उन्हें बताया कि खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह रोडे गांव से गिरफ़्तार होना चाहते हैं।

जसबीर सिंह रोडे ने बताया कि इस कारण वे ख़ुद रोडे गाँव पहुंचे थे।

अमृतपाल सिंह की गिरफ़्तारी के बारे में जसबीर सिंह रोडे ने बताया, "अमृतपाल सिंह ने पहले 'नितनेम' का पाठ किया। उसके बाद, सभा को संक्षेप में संबोधित किया और फिर गुरुद्वारा साहिब के बाहर चले गए, जहाँ उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया।

जसबीर सिंह ने यह भी दावा किया कि अमृतपाल सिंह इससे पहले उनके संपर्क में नहीं थे।

पुलिस ने 18 मार्च 2023 को 'अजनाला थाने का घेराव' मामले में अमृतपाल सिंह और उसके साथियों को जालंधर के शाहकोट-मलसियान रोड पर गिरफ़्तार करने की कोशिश की थी, लेकिन वे नाका तोड़कर फरार हो गए थे।

पंजाब पुलिस ने बताया है कि अमृतपाल सिंह को रविवार, 23 अप्रैल 2023 की सुबह क़रीब 6.45 बजे गिरफ़्तार किया गया।

पंजाब पुलिस के महानिरीक्षक (मुख्यालय) सुखचैन सिंह गिल ने प्रेस कॉन्फ्रेन्स कर कहा कि अमृतपाल सिंह को असम की डिब्रूगढ़ जेल भेज दिया गया है।

उन्होंने बताया कि पुलिस ने रोडे गांव को पूरी तरह से घेर लिया था, उस वक्त अमृतपाल सिंह गुरुद्वारा साहिब के भीतर थे।

सुखचैन सिंह गिल ने कहा, ''गुरुद्वारा साहिब की इज्ज़त सबसे ऊपर है और उसे बरक़रार रखते हुए उन्हें संदेश भेजा गया कि वे चारों तरफ से घिरे हुए हैं और अब उनके पास बचने का कोई रास्ता नहीं है।''

सुखचैन सिंह गिल के अनुसार, अमृतपाल सिंह के ख़िलाफ़ एनएसए के तहत जारी सभी वारंट रविवार, 23 अप्रैल 2023 की सुबह तामील किए गए।

सुखचैन सिंह गिल के अनुसार, यह पंजाब पुलिस और पंजाब पुलिस की ख़ुफ़िया शाखा का संयुक्त अभियान था।

आईजी सुखचैन सिंह गिल ने इस दौरान पंजाब में शांति बनाए रखने के लिए राज्य के लोगों का शुक्रिया अदा किया है और पंजाब का माहौल ख़राब करने वालों को चेतावनी भी दी है।

हालांकि अमृतपाल सिंह के 8 लोग अभी भी असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं। इन लोगों पर एनएसए लगाया गया है। अमृतपाल सिंह के ख़िलाफ़ भी एनएसए सहित 16 मामले दर्ज हैं।

अमृतपाल सिंह पर और उनके साथियों पर समाज में शत्रुता फैलाने, हत्या का प्रयास करने, पुलिसकर्मियों पर हमला करने और सरकारी कर्मियों के काम करने में बाधा डालने के मामले दर्ज हैं।

फरार रहने के दौरान अमृतपाल सिंह के कथित रूप से वेष बदलकर कई शहरों में घूमने की तस्वीरें और वीडियो मीडिया के ज़रिए सामने आई थीं।

हालांकि पुलिस ने कभी भी इन वीडियो या तस्वीरों की आधिकारिक पुष्टि नहीं की।

योगी ने कहा, भारत हिंदू राष्ट्र था, है और आगे भी रहेगा

भारत के राज्य मध्य प्रदेश में बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री ने कुछ दिनों पहले हिंदू राष्ट्र बनाए जाने की बातें कही थीं।

ये बयान सोशल मीडिया पर चर्चा में रहा था।

धीरेंद्र शास्त्री ने कहा था, ''तुम हमारा साथ दो, हम हिंदू राष्ट्र बनाएंगे।''

अब एक निजी न्यूज़ चैनल के कार्यक्रम में भारत के राज्य उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।

योगी ने कहा है कि भारत हिंदू राष्ट्र था, है और आगे भी रहेगा।

योगी आदित्यनाथ ने कहा, ''सबसे पहली बात ये है कि हिंदू राष्ट्र से हमारा मतलब क्या है। हिंदू कोई मत, मज़हब, संप्रदाय नहीं है। ये एक सांस्कृतिक शब्दावली है, जो भारत के हर एक नागरिक के लिए फ़िट बैठती है।''

योगी आदित्यनाथ ने कहा, ''अगर भारत का कोई व्यक्ति हज करने जा रहा है तो वहां उसको कोई हाजी के रूप में नहीं जान रहा होता है, वहां उसको कोई इस्लाम के रूप में नहीं मानता ... वहां उसको हिंदू नाम से संबोधित किया जाता है। तब वहां किसी को परेशानी नहीं होती।''

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अगर उस परिप्रेक्ष्य में देखेंगे तो भारत हिंदू राष्ट्र है क्योंकि भारत का हर नागरिक हिंदू है। ये कोई जाति सूचक, मत सूचक शब्द नहीं है।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ये हमारी सांस्कृतिक एकता है कि हिमालय से समंदर तक के विस्तृत भू-भाग के अंदर जन्मे हुए लोग अपने आप में हिंदू कहलाते हैं। उस रूप में अगर लेंगे तो हिंदू राष्ट्र से किसी को परहेज़ नहीं होना चाहिए।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अगर आप इसको मत, संप्रदाय या मज़हब के साथ जोड़ रहे हैं तो इसका मतलब है, तब हम हिंदू को समझने की भूल कर रहे हैं।

एडीआर की रिपोर्ट: 2021-22 में बीजेपी को सबसे ज़्यादा डोनेशन मिला

एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफ़ॉर्म (एडीआर) की रिपोर्ट के मुताबिक़, 2021-22 में बीजेपी को सबसे ज़्यादा डोनेशन मिला है।

एडीआर की रिपोर्ट कहती है कि 2021-22 में बीजेपी को 614 करोड़ रुपये और कांग्रेस को 95 करोड़ रुपये डोनेशन में मिले हैं।

बीजेपी और कांग्रेस ने इस बारे में ख़ुद बताया है।

बीजेपी ने बताया कि उसे ये रकम 4957 डोनेशन से हासिल हुई। वहीं कांग्रेस ने बताया कि उसे ये राशि 1255 डोनेशन से मिली है।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़, एडीआर ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि कांग्रेस, एनसीपी, सीपीआई, सीपीआई (एम), एनपीईपी और एआईटीसी को मिली डोनेशन से तीन गुना ज़्यादा डोनेशन बीजेपी को मिली है।

मायावती की बसपा ने बताया कि 2021-22 में उसे 20 हज़ार रुपये से ज़्यादा डोनेशन नहीं मिली है।

राष्ट्रीय पार्टियों को मिलने वाली डोनेशन 2021-22 में 31 फ़ीसदी बढ़कर 187 करोड़ तक पहुंच गई है।

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश को संबोधित किया

भारत के गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश को संबोधित किया। राष्ट्रपति मुर्मू का गणतंत्र दिवस के मौके पर यह पहला संबोधन था।

संबोधन की मुख्य बातें:

- हम सब एक ही हैं, और हम सभी भारतीय हैं। इतने सारे पंथों और इतनी सारी भाषाओं ने हमें विभाजित नहीं किया है बल्कि हमें जोड़ा है। इसलिए हम एक लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में सफल हुए हैं। यही भारत का सार-तत्व है।

- हम विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपनी उपलब्धियों पर गर्व का अनुभव कर सकते हैं। अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में, भारत गिने-चुने अग्रणी देशों में से एक रहा है।

- भारत एक गरीब और निरक्षर राष्ट्र की स्थिति से आगे बढ़ते हुए विश्व-मंच पर एक आत्मविश्वास से भरे राष्ट्र का स्थान ले चुका है। संविधान-निर्माताओं की सामूहिक बुद्धिमत्ता से मिले मार्गदर्शन के बिना यह प्रगति संभव नहीं थी।

- पिछले साल भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया।  यह उपलब्धि, आर्थिक अनिश्चितता से भरी वैश्विक पृष्ठभूमि में प्राप्त की गई है। सक्षम नेतृत्व और प्रभावी संघर्षशीलता के बल पर हम शीघ्र ही मंदी से बाहर आ गए, और अपनी विकास यात्रा को फिर से शुरू किया।

- महिला सशक्तिकरण तथा महिला और पुरुष के बीच समानता अब केवल नारे नहीं रह गए हैं। मेरे मन में कोई संदेह नहीं है कि महिलाएं ही आने वाले कल के भारत को स्वरूप देने के लिए अधिकतम योगदान देंगी।

- जनजातीय समुदाय के लोग, पर्यावरण की रक्षा से लेकर समाज को और अधिक एकजुट बनाने तक, कई क्षेत्रों में सीख दे सकते हैं।

- इस वर्ष भारत G-20 देशों के समूह की अध्यक्षता कर रहा है. विश्व-बंधुत्व के अपने आदर्श के अनुरूप, हम सभी की शांति और समृद्धि के पक्षधर हैं. G-20 की अध्यक्षता एक बेहतर विश्व के निर्माण में योगदान हेतु भारत को अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका प्रदान करती है।

- मैं किसानों, मज़दूरों, वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की भूमिकाओं की सराहना करती हूं जिनकी सामूहिक शक्ति हमारे देश को "जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान" की भावना के अनुरूप आगे बढ़ने में सक्षम बनाती है।

- मैं देश की प्रगति में योगदान देने वाले प्रत्येक नागरिक की सराहना करती हूं।

- मैं उन बहादुर जवानों की विशेष रूप से सराहना करती हूं जो हमारी सीमाओं की रक्षा करते हैं और किसी भी त्याग तथा बलिदान के लिए सदैव तैयार रहते हैं। देशवासियों को आंतरिक सुरक्षा प्रदान करने वाले समस्त अर्ध-सैनिक बलों तथा पुलिस-बलों के बहादुर जवानों की भी मैं सराहना करती हूं।

- मैं सभी प्यारे बच्चों को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए हृदय से आशीर्वाद देती हूं।