खेल

एशिया कप हॉकी: भारत ने पाकिस्तान को 4-0 से रौंद फाइनल में प्रवेश किया

भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने शनिवार को हीरो हॉकी एशिया कप टूर्नामेंट में एक बार फिर चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को हरा दिया। मौलाना भाशानी नेशनल स्टेडियम में खेले गए मैच में भारत ने पाकिस्तान को 4-0 से हराया।

इससे पहले 15 अक्टूबर को खेले गए मैच में भारतीय टीम ने पाकिस्तान को 3-1 से मात दी थी। पहले और दूसरे क्वार्टर में भारत और पाकिस्तान की टीमों ने एक-दूसरे को कड़ी टक्कर दी, लेकिन दोनों में से कोई भी टीम गोल नहीं कर पाई।

पाकिस्तान के खिलाड़ियों को मैच की शुरुआत में गोल करने का एक शानदार मौका मिला था, लेकिन भारतीय गोलकीपर आकाश चिकते ने प्रतिद्वंद्वी टीम की इस कोशिश को नाकाम कर दिया।

तीसरे क्वार्टर में सतबीर सिंह ने 39वें मिनट में गोल कर भारतीय टीम का खाता खोला। इसके बाद तीसरा क्वार्टर भारत के लिए 1-0 की बढ़त के साथ समाप्त हुआ।

भारत ने चौथे क्वार्टर में खेल में शानदार वापसी करते हुए तीन गोल किए।

51वें मिनट में हरमनप्रीत ने पेनाल्टी कॉर्नर पर मिले गोल के अवसर में सफलता हासिल की।

इसके बाद अगले ही मिनट में ललित उपाध्याय ने गोल कर भारत को 3-0 की बढ़त दिला दी।

इस टूर्नामेंट में भारतीय टीम की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले खिलाड़ी गुरजंत सिंह ने 57वें मिनट में गोल कर भारतीय टीम को पाकिस्तान के खिलाफ 4-0 से जीत दिलाई।

बैन नहीं हटाया तो दूसरे देश के लिए खेलूंगा: श्रीसंत

केरल उच्च न्यायालय ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की याचिका पर श्रीसंत पर आजीवन प्रतिबंध का फैसला बरकरार रखा है।

इसकी वजह से स्पॉट फिक्सिंग के आरोप में बरी होने के बावजूद श्रीसंत मैदान पर वापसी नहीं कर सकते। अब इस तेज गेंदबाज ने निराश हो भारत छोड़कर किसी दूसरे देश की ओर से क्रिकेट खेलने का मन बना लिया है।

एशिया नेट न्यूज से बातचीत करते हुए श्रीसंत ने कहा, ''मुझे बीसीसीआई की ओर से प्रतिबंधित किया गया है, आईसीसी की ओर से नहीं। मैं अभी 34 साल का हूं और अभी 6 साल और क्रिकेट खेल सकता हूं। मेरी कोशिश है कि किसी भी सूरत में क्रिकेट खेलूं।''

बता दें कि मुख्य न्यायाधीश नवनीत प्रसाद सिंह वाली खंडपीठ ने कहा कि अदालत भारत में बीसीसीआई द्वारा लगाए गए आजीवन प्रतिबंध पर न्यायिक समीक्षा नहीं कर सकता और इसलिए अपील को स्वीकार करते हुए श्रीसंत पर लगा प्रतिबंध बरकरार रखता है।

उल्लेखनीय है कि केरल उच्च न्यायलय ने अगस्त में श्रीसंत पर लगे आजीवन प्रतिबंध को हटा दिया था।

केरल उच्च न्यायालय पिछले दो दिनों से इस मामले पर सुनवाई कर रहा था और मंगलवार को उसने इस मामले पर अपना फैसला सुनाया। इस फैसले के कारण श्रीसंत अब रणजी नहीं खेल सकते। साथ ही, अब वह भारत में किसी भी स्टेडियम में प्रशिक्षण नहीं कर सकते।

इस बात से नाराज श्रीसंत ने ट्विटर पर लिखा, ''यह सबसे खराब फैसला है। मेरे लिए क्या कोई खास नियम है? असली अपराधी का क्या? चेन्नई सुपर किंग्स का क्या? और राजस्थान का क्या?''

केरल क्रिकेट संघ के सचिव जयेश जॉर्ज ने मीडिया से कहा, जब से श्रीसंत पर लगा आजीवन प्रतिबंध हटा था, तब से ही केरल संघ उनका समर्थन कर रहा था।

जॉर्ज ने कहा, ''हमने उनके पूरे फिटनेस के लिए कई प्रबंध किए थे, ताकि वह मैच के लिए फिट हो जाएं। अब इस फैसले का भी हमें सम्मान करना होगा।''

गौरतलब है कि श्रीसंत के पास अब एक ही विकल्प रह गया है कि वह सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे।

करीबी सूत्रों के अनुसार, श्रीसंत इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे।

ऑस्ट्रेलिया ने 21 रन से भारत को हराया

ऑस्ट्रेलिया ने गुरुवार को एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेले गए चौथे वनडे मैच में भारत को 21 रनों से हरा दिया।

ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत के सामने 335 रनों का विशाल लक्ष्य रखा।

भारतीय टीम पूरे 50 ओवरों में आठ विकेट खोकर 313 रन बना सकी। भारत की तरफ से केदार जाधव ने सबसे ज्यादा 67 रन बनाए।

रोहित शर्मा ने 65 और अजिंक्य रहाणे ने 53 रनों की पारी खेली। ऑस्ट्रेलिया के लिए केन रिचर्डसन ने सर्वाधिक दो विकेट लिए।

इससे पहले, ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी चुनी और डेविड वार्नर (124) तथा एरॉन फिंच (94) के बीच पहले विकेट के लिए 231 रनों की रिकार्ड साझेदारी के दम पर पूरे 50 ओवर खेलने के बाद पांच विकेट के नुकसान पर 334 रन बनाए।

वार्नर ने 119 गेंदों में 12 चौके और चार छक्के लगाए। वहीं फिंच ने 96 गेंदों में 10 चौके और तीन छक्के लगाए।

भारत ने ऑस्ट्रेलिया से तीसरा वनडे और सिरीज़ जीती

भारत ने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ इंदौर में तीसरा वनडे मुक़ाबला पांच विकेट से जीत लिया है।इसके साथ ही पाँच मैचों की सिरीज़ में भारत ने 3-0 की अजेय बढ़त हासिल कर ली है।

ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 294 रनों का लक्ष्य दिया था, जिसे भारत ने 47.5 ओवर में पांच विकेट पर हासिल कर लिया।

भारत की वनडे क्रिकेट में ये लगातार नौवीं जीत है।

भारत की तरफ़ से हार्दिक पांड्या ने सबसे ज़्यादा 78 रन बनाए। उन्होंने 72 गेंदों पर 78 रनों की पारी खेली।

इससे पहले, रोहित शर्मा ने 71 और आजिंक्य रहाणे ने 70 रनों की पारियां खेलकर भारत को जीत की राह पर डाला। कप्तान विराट कोहली ज़्यादा देर पिच पर नहीं टिक पाए। वो 35 गेंद पर 28 रन ही बना सके।

इससे पहले, ऑस्ट्रेलिया ने निर्धारित 50 ओवरों में 6 विकेट के नुक़सान पर 293 रन बनाए थे।

डेविड वॉर्नर और एरोन फिंच ने ऑस्ट्रेलिया को मजबूत शुरुआत दी थी और दोनों ने पहले विकेट के लिए 70 रन जोड़े थे। हार्दिक पांड्या ने वॉर्नर को 42 रन पर आउट कर दिया था। इसके बाद कप्तान स्टीव स्मिथ और फिंच के बीच 154 रनों की साझेदारी हुई थी।

फिंच ने 124 रनों की शानदार पारी खेली, वहीं स्टीव स्मिथ ने 63 रन बनाए और ऑस्ट्रेलियाई पारी के दूसरे बड़े स्कोरर रहे।

भारत की तरफ़ से जसप्रीत बुमराह और केदार जाधव ने दो-दो विकेट लिए। वहीं युजवेंद्र चाहल और हार्दिक पांड्या ने एक-एक खिलाड़ी को आउट किया। केदार जाधव सबसे महंगे गेंदबाज़ साबित हुए। उन्होंने 10 ओवर में 75 रन दिए।

पांच मैचों की वनडे सिरीज़ में भारत 3-0 से आगे चल रहा है।

पी वी सिंधु ने कोरिया सुपर सीरीज जीतकर रचा इतिहास

भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी पी वी सिंधु ने रविवार को कोरिया ओपन बैडमिंटन टूर्नामेंट जीतकर नया इतिहास रच दिया। जापान की नोजोमी ओकुहारा से विश्व चैम्पियनशिप में मिली हार का बदला लेकर सिंधु कोरिया ओपन जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बन गईं।

महिला एकल वर्ग में एक घंटे 24 मिनट तक चले मैच में सिंधु ने ओकुहारा को 22-20, 11-21, 21-18 से मात देकर जीत हासिल की। सिंधु के लिए हालांकि, यह जीत आसान नहीं थी।

इस मैच में आक्रामक नजर आईं ओकुहारा के आगे कई बार सिंधु को घुटनों के बल आते देखा गया। सिंधु से कद में छोटी, लेकिन फुर्ती में आगे ओकुहारा ने भारतीय खिलाड़ी को पछाड़ने का कोई मौका नहीं छोड़ रही थीं।

पहले गेम में सिंधु ने ओकुहारा को 22-20 से हराया, वहीं दूसरे गेम में वह ओकुहारा के आगे कमजोर नजर आईं और 11-21 से पिछड़ गईं। तीसरा गेम दोनों के बीच अहम था, क्योंकि यह खिताबी जीत का फैसला करने वाला था।

तीसरे गेम में सिंधु ने अपनी सारी ऊर्जा और ताकत को झोंकते हुए किसी तरह ओकुहारा को पछाड़ने में सफलता हासिल की।

इस गेम के दौरान एक समय पर सिंधु मैट पर लगभग थक कर लेट गई, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानने की ठानी थी और इसलिए, वह फिर से उठी और उन्होंने तीसरा सेट 21-18 से जीतकर ओकुहारा को मात दी।

गौरतलब है कि इस साल विश्व चैम्पियशिप के फाइनल में ओकुहारा ने सिंधु को मात देकर स्वर्ण पदक जीता था और भारतीय खिलाड़ी को रजत पदक से संतोष करना पड़ा था।

अब सिंधु ने अपना बदला पूरा करते हुए न केवल कोरिया ओपन का खिताब जीता, बल्कि ओकुहारा के खिलाफ खेले गए मुकाबलों का आंकड़ा भी 4-4 से बराबर कर लिया।

सिंधु का यह दूसरा सुपर सीरीज खिताब है। इससे पहले, उन्होंने स्पेन की कैरोलीना मारिन को मात देकर इंडिया ओपन का खिताब जीता था।

सहवाग का बड़ा खुलासा: सेटिंग नहीं होने की वजह से इंडियन क्रिकेट टीम का कोच नहीं बन पाया

वीरेंद्र सहवाग ने शुक्रवार को कहा कि बीसीसीआई में शामिल अधिकारियों का संरक्षण नहीं मिलने के कारण वह भारतीय क्रिकेट टीम का मुख्य कोच बनने से चूक गए और दोबारा इस पद के लिए आवेदन नहीं करेंगे।

सहवाग इस पद की दौड़ में रवि शास्त्री से पिछड़ गए, जिन्हें कप्तान विराट कोहली की पसंद माना जा रहा था।

यह फैसला हालांकि सर्वसम्मत नहीं था और क्रिकेट सलाहकार समिति (सी ए सी) में शामिल पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली इसके खिलाफ थे।

सहवाग ने हिंदी समाचार चैनल 'इंडिया टीवी' में एक 'चैट शो' के दौरान कहा, ''देखिए मैं कोच इसलिए नहीं बन पाया, क्योंकि जो भी कोच चुन रहे थे उनसे मेरी कोई सेटिंग नहीं थी।''

इस पूर्व आक्रामक सलामी बल्लेबाज ने दावा किया कि जब वह इस पद के लिए आवेदन कर रहे थे तो बीसीसीआई के एक वर्ग ने उन्हें भटका दिया था।

सहवाग ने खुलासा किया, ''मैंने कभी भारतीय क्रिकेट टीम को कोचिंग देने के बारे में नहीं सोचा था। मुझे टीम का कोच बनने की पेशकश की गई थी। बीसीसीआई के (कार्यवाहक) सचिव अमिताभ चौधरी और महाप्रबंधक (खेल विकास) एम वी श्रीधर मेरे पास आए थे और मुझे इस पेशकश के बारे में सोचने का आग्रह किया था। मैंने समय लिया और इसके बाद इस पद के लिए आवेदन किया।''

उन्होंने दावा किया कि इस पद के लिए आवेदन करने से पहले उन्होंने भारतीय कप्तान विराट कोहली से भी सलाह मशविरा किया था।

सहवाग ने कहा, ''मैंने विराट कोहली से भी बात की थी, उसने मुझे आगे बढ़ने को कहा था। इसके बाद ही मैंने आवेदन किया था। अगर आप मेरा नजरिया पूछो तो मैं कहूंगा कि मेरी इसमें कभी रुचि नहीं थी।''

उन्होंने कहा, ''मैंने सोचा कि वे आग्रह कर रहे हैं, इसलिए मुझे उनकी मदद करनी चाहिए। मैंने कभी स्वयं आवेदन के बारे में नहीं सोचा और ना ही कभी भविष्य में आवेदन करूंगा।''

सहवाग ने साथ ही कहा कि शास्त्री ने शुरुआत में उन्हें कहा था कि वे इस पद के लिए आवेदन नहीं करेंगे और अगर उन्हें पहले से उनके इरादे का पता होता तो वह अपना नाम नहीं भेजते।

उन्होंने कहा, ''जब मैं चैंपियंस ट्राफी के दौरान इंग्लैंड में था तो मैंने रवि शास्त्री से पूछा कि उन्होंने पद के लिए आवेदन क्यों नहीं किया?

शास्त्री ने इसके बाद मुझे कहा कि वह उस गलती को दोबारा नहीं करेंगे, जो एक बार कर चुके हैं।''

सहवाग ने कहा, ''अगर रवि पहले आवेदन कर देता तो मुझे नहीं लगता कि मेरे इस पद के लिए आवेदन करने की कोई संभावना थी। मैं कभी आवेदन नहीं करता।''

2024 के ओलंपिक खेलों की मेज़बानी पेरिस को, 2028 की लॉस एंजिल्स को

ओलंपिक खेलों के लिए 2024 और 2028 की मेज़बानी का ऐलान हो गया है। 2024 की मेज़बानी फ़्रांस की राजधानी पेरिस को और 2028 की अमरीकी शहर लॉस एंजिल्स को मिली है।

दोनों शहर 2024 ओलंपिक खेलों की मेज़बानी चाहते थे, लेकिन फिर अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति की ओर से फंडिंग की गारंटी लेने के बाद लॉस एंजिल्स चार साल और इंतज़ार करने के लिए तैयार हो गया।

लॉस एंजिल्स का कहना था कि मेज़बानी के लिए तैयारी के लिहाज़ से उसे मौक़ा मिलना चाहिए, जबकि पेरिस का कहना था कि उसके यहां खेलों के लिए प्रस्तावित जगह पुनर्विकास के चलते 2024 के बाद उपलब्ध नहीं होगी।

2008 और 2012 में भी पेरिस ओलंपिक खेलों की मेज़बानी की दौड़ में था। वहां सौ साल पहले ओलंपिक खेल हुए थे।

लॉस एंजिल्स में दो बार 1932 और 1984 में ओलंपिक खेल हो चुके हैं।

हैम्बर्ग, रोम और बुडापेस्ट के द्वारा अपना नाम वापस लेने के बाद 2024 की मेज़बानी के लिए दो ही उम्मीदवार थे - पेरिस और लॉस एंजिल्स।

अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने जून में 2024 और 2028 की मेज़बानी का एक साथ ऐलान करने का फैसला लिया था।

स्‍टार इंडिया को आईपीएल के टीवी और डिजिटल राइट्स मिले

स्टार इंडिया ने 16,347.5 करोड़ रुपये में पांच साल के लिए इंडियन प्रीमियर लीग (आई पी एल) के डिजिटल और टेलीविजन प्रसारण अधिकार खरीद लिए हैं। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने सोमवार को इसकी जानकारी दी।

विश्व स्तर पर आईपीएल के प्रसारण अधिकार के लिए स्टार इंडिया ने सबसे बड़ी बोली लगाई थी। इसके तहत, अब स्टार इंडिया के पास 2018 से 2022 तक आईपीएल प्रसारण का अधिकार रहेगा।

शुरुआत में कुल 24 कंपनियों ने आईपीएल अधिकारों को हासिल करने के लिए पंजीकरण कराया था। इसमें फेसबुक, अमेजॉन, ट्विटर, याहू, रिलायंस जियो, स्टार इंडिया, सोनी पिक्चर्स, डिस्कवरी, स्काई, ब्रिटिश टेलीकॉम और ईएसपीएन डिजिटल मीडिया जैसी कंपनियों के नाम शामिल थे।

बीसीसीआई को आईपीएल के एक मैच से 55 करोड़ रुपये का फायदा होगा, जबकि उसे एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर के मैच से कुल 43 करोड़ रुपये का फायदा होता है।

इस मौके पर स्टार इंडिया के चेयरमैन उदय शंकर ने कहा, ''हमारा मानना है कि आईपीएल एक शक्तिशाली संपत्ति है और हम यह भी जानते हैं कि डिजिटल और टीवी के स्तर पर इस टूर्नामेंट के मूल्य को प्रशंसकों के बीच और अधिक रूप से बढ़ाया जा सकता है। हम इस अधिकार को हासिल करने के बाद देश में इस खेल के विकास के प्रति अधिक प्रतिबद्ध रहेंगे।''

शंकर ने कहा कि भारत, क्रिकेट और आईपीएल में 2008 के बाद से बड़ा बदलाव आया है और यह दावेदारी उस बदलाव की झलक है।

स्टार इंडिया को मिले इन मीडिया अधिकारों में मोबाइल, इंटरनेट और डिजिटल अधिकार शामिल हैं। डिजिटल स्तर पर दर्शक आईपीएल के मैचों को देखने के लिए हॉट स्टार एप का इस्तेमाल करते हैं।

शंकर ने कहा कि मैदान के बाहर बीसीसीआई के साथ तकरार के बावजूद भारत में क्रिकेट मैच देखना हमेशा से एक बेहतरीन अनुभव रहा है।

बीसीसीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी ने कहा, ''हमारा मुख्य लक्ष्य हितधारकों को एक पारदर्शी प्रक्रिया मुहैया कराना है, जहां उनके मन में कोई भी शंका न रहे।''

इससे पहले सोनी नेटवर्क के पास आईपीएल के प्रसारण का अधिकार था। 2009 में सोनी चैनल ने आईपीएल के प्रसारण अधिकारों को 1.63 अरब डॉलर में नौ साल के लिए वर्ल्ड स्पोर्ट्स ग्रुप से खरीदा था।

उल्लेखनीय है कि वर्ल्ड स्पोर्ट्स ग्रुप ने बीसीसीआई से 10 साल के लिए आईपीएल के प्रसारण अधिकार हासिल किए थे।

श्रीसंत पर बीसीसीआई द्वारा लगाए गए आजीवन प्रतिबंध को केरल हाई कोर्ट ने हटाया

केरल हाई कोर्ट ने क्रिकेटर एस श्रीशंत पर लगाए गए बैन को हटा दिया है। यह बैन बीसीसीआई ने लगाया था। श्रीसंत पर 2013 में आईपीएल सीजन 6 के दौरान स्पॉट फिक्सिंग के मामले पर बैन लगाया गया था।

बीसीसीआई ने श्रीसंत पर लाइफ टाइम बैन लगाया था। बीसीसीआई ने सितंबर 2013 में श्रीशंत पर बैन लगाया था। कोर्ट का यह फैसला श्रीसंत के लिए बड़ी राहत लेकर आया है।

बीसीसीई द्वारा लगाए गए बैन को हटाने के लिए श्रीसंत ने केरल हाईकोर्ट का रुख किया था।

साल 2015 में दिल्‍ली की ट्रायल कोर्ट ने श्रीसंत पर लगे सभी आरोपों को रद्द कर दिया था। श्रीसंत के साथ ही अजीत चंदीला और अंकित चव्‍हाण समेत सभी 36 आरोपियों को बरी कर दिया गया था। लेकिन ट्रायल कोर्ट के फैसले के बाद भी बीसीसीआई ने श्रीसंत पर लगे बैन को वापस नहीं लिया था।

वहीं इसी साल अप्रैल महीने में बीसीसीआई ने श्रीसंत की आजीवन बैन हटाने की अपील को भी खारिज कर दिया था।

अपनी याचिका में श्रीसंत ने कहा था कि ट्रायल कोर्ट के फैसले के बाद उन्‍होंने बीसीसीआई से प्रतिबंध हटाने को कहा, लेकिन उसने कोई कार्रवाई नहीं की।

बीसीसीआई ने अपील को यह कहते हुए खारिज किया था कि वह भ्रष्टाचार के प्रति शून्य सहिष्णुता की नीति से कोई समझौता नहीं करेगा।

श्रीसंत ने भारत की ओर से 27 टेस्‍ट, 53 वनडे और 10 टी20 अंतरराष्‍ट्रीय मैच खेले हैं। उन्‍होंने टेस्‍ट में भारत की ओर से 87, वनडे में 75 और टी20 में 7 विकेट लिए हैं। टीम इंडिया की ओर से उन्‍होंने आखिरी मैच साल 2011 में खेला था। इसके बाद से वे टीम से बाहर है। पिछले साल वे राजनीति में भी शामिल हो गए थे। उन्‍होंने बीजेपी के टिकट पर केरल विधानसभा का चुनाव लड़ा था। हालांकि उन्‍हें हार का सामना करना पड़ा था।

माफी चाहता हूँ जीत के साथ अंत नहीं कर पाया: उसेन बोल्ट

अजेय माने जाने वाले उसेन बोल्ट को अपनी विदाई रेस में शिकस्त का सामना करना पड़ा। जमैका के इस दिग्गज की जीत की उम्मीद लगभग सभी ने की होगी, लेकिन उनकी अंतिम रेस में जीत दर्ज की अमेरिका के जस्टिन गेटलिन ने जो डोंपिंग के अपने दागी अतीत के कारण खलनायक के रूप में भी देखे जाते हैं।

विश्व चैंपियनशिप के बहुप्रतीक्षित 100 मीटर फाइनल के बाद ओलंपिक स्टेडियम के स्कोर बोर्ड में गेटलिन को 9 . 92 सेकेंड के समय के साथ विजेता दिखाया गया। उन्होंने अपने हमवतन क्रिस्टियन कोलेमन को 0 . 02 सेकेंड के अंतर से पछाड़ा।

दो बार डोपिंग के लिए प्रतिबंधित हुए और पिछली दो विश्व चैंपियनशिप में बोल्ट से पिछड़ने के बाद रजत पदक से संतोष करने वाले गेटलिन को इस जीत के बाद दर्शकों की हूटिंग का सामना करना पड़ा।

कोलेमेन ने 9 . 94 सेकेंड के समय के साथ रजत पदक अपने नाम किया, जबकि बोल्ट उनसे 0 . 01 सेकेंड पीछे रहे। जमैका के इस दिग्गज की शुरुआत खराब रही और उन्हें 9 . 95 सेकेंड के समय के साथ कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।

बोल्ट ने करियर के दौरान गति को लेकर कई रिकार्ड बनाए। वैज्ञानिकों ने अध्ययन के बाद यह तक दावा किया कि वह बुलेट ट्रेन से भी तेज दौड़ते हैं। लेकिन उनकी अंतिम रेस में साबित हो गया कि वह भी इंसान हैं और उन पर भी उम्र का असर दिख रहा है।

स्पर्धा के बाद गेटलिन से गले लगने वाले बोल्ट ने कहा, ''मैं माफी चाहता हूं कि जीत के साथ अंत नहीं कर पाया। लेकिन मैं समर्थन के लिए आपका आभार व्यक्त करता हूं।''

उन्होंने कहा, ''हमेशा की तरह यह बेहतरीन अनुभव रहा।''

गेटलिन को हालांकि हीट्स और सेमीफाइनल की तरह एक बार फिर दर्शकों की हूटिंग का सामना करना पड़ा। इस दौरान दर्शक 'उसेन बोल्ट, उसेन बोल्ट' चिल्ला रहे थे। यह वही स्टेडियम है जहां 2012 में बोल्ट और गेटलिन को उनके दागी अतीत के कारण 'अच्छाई बनाम बुराई' के रूप में पेश किया गया था।