सुप्रीम कोर्ट द्वारा भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की देखरेख के लिए गठित प्रशासकों की समिति (सीओए) के अध्यक्ष विनोद राय ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय टीम के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने विदेशी दौरों (टेस्ट) के दौरान राष्ट्रीय टीम का बल्लेबाजी सलाहकार बनने से इनकार कर दिया है, जबकि जहीर खान के गेंदबाजी सलाहकार को लेकर फैसला अभी तक नहीं हुआ है।
विनोद राय के मुताबिक, द्रविड़ ने खुद ही पद लेने से मना कर दिया है। द्रविड़ ने इसकी वजह इंडिया-ए और अंडर-19 टीम के मुख्य कोच की भूमिका को बताया है। हालांकि उन्होंने कहा है कि वह मुख्य कोच रवि शास्त्री के कहने पर राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में सीनियर टीम के शिविर के दौरान उपलब्ध रहेंगे।
बीसीसीआई की बैठक होने के बाद विनोद राय ने संवाददाताओं से कहा, ''द्रविड़ के करार को लेकर मामला पूरी तरह से सुलझा लिया गया है। उनका दो साल का करार है इसलिए उन्होंने कहा है कि वह सीनियर टीम के विदेशी दौरों के समय पर उपलब्ध नहीं रहेंगे।''
विनोद राय ने साथ ही कहा कि सीओए और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) जहीर खान के इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की टीम दिल्ली डेयरडेविल्स के साथ मौजूदा करार और भारतीय टीम के प्रस्तावित सलाहकार के करार के बीच में सुंतलन बनाने में लगी हुई है।
विनोद राय के मुताबिक, ''इससे पहले, इस तरह का कोई सिस्टम नहीं था। हम इस मामले को सुलझाने की कोशिश में हैं। जहीर भारतीय टीम के साथ सलाहकार नियुक्त किए जाने की योजना में हैं, लेकिन हम उन्हें तभी अपने साथ जोड़ सकते हैं जब एक करार होगा।''
विनोद राय ने कहा, ''हम जहीर से यह नहीं कह सकते की हम आपके साथ तीन महीने या तीन सप्ताह का करार करेंगे। हमें उनके आईपीएल करार और चैनलों के साथ किए गए करार के बारे में भी सोचना होगा।''
विनोद राय ने कहा, ''यह मामला तभी सुलझाया जा सकता है जब संबंधित व्यक्ति से बात की जाएगी। हमने राहुल और जहीर दोनों से बात कर ली है।''
बीसीसीआई ने 15 जुलाई को सहायक कोचों को लेकर चार सदस्यीय समिति का गठन किया था। इस समिति में बीसीसीआई के कार्यवाहक अध्यक्ष सी के खन्ना, कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी, सीओए के सदस्य डायना इडुल्जी और बीसीसीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) राहुल जौहरी शामिल हैं। द्रविड़ और जहीर को सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वी वी एस लक्ष्मण की तीन सदस्यीय क्रिकेट सलाहकार समिति (सी ए सी) ने टीम के बल्लेबाजी सलाहकार और गेंदबाजी सलाहकार नियुक्त करने की सिफारिश की थी।
लेकिन रवि शास्त्री अपने पसंदीदा लोगों को सहयोगी स्टाफ में चाहते थे और इसी कारण बीसीसीआई ने रवि शास्त्री की पसंद भरत अरुण को टीम का गेंदबाजी कोच नियुक्त किया और संजय बांगर को सहायक कोच।
बीसीसीआई ने कहा कि उन्हें सीएसी पर पूरा भरोसा है और बोर्ड ने किसी भी तरह से सीएसी का अपमान नहीं किया। विनोद राय ने कहा, ''वह काफी व्यस्त लोग हैं और उनकी मंशा सिर्फ एक अच्छा कोच नियुक्त करने की थी। सीएसी को मुख्य कोच चुनने का अधिकार है। बोर्ड के सीईओ और कार्यकारी सचिव बैठक मैं मौजूद थे और इन तीनों ने रवि शास्त्री के नाम पर सहमति दी थी।''
विनोद राय के मुताबिक, ''हालांकि सीएसी ने जहीर और द्रविड़ के नाम सलाहकार के तौर पर सुझाए और सीईओ तथा सचिव को इसके बारे में पता था। इसलिए बीसीसीआई की पहली प्रेस विज्ञप्ति में यह बात कही गई थी कि इन्हें नियुक्त किया गया है। विनोद राय ने कहा कि बीसीसीआई को सीएसी पर पूरा भरोसा है।