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बीसीसीआई ने की घोषणा: रवि शास्त्री हेड कोच, राहुल द्रविड़ बल्लेबाज कोच और जहीर खान गेंदबाज कोच

टीम इंडिया के मुख्य कोच की खोज को लेकर चल रहा संस्पेस मंगलवार रात होते होते खत्म हो गया। बीसीसीआई ने आखिरकार टीम इंडिय के कोच की घोषणा कर दी है।

पीटीआई के अनुसार, बीसीसीआई ने आखिरकार रवि शास्त्री को ही बतौर हेड कोच टीम इंडिया की कमान दी है। रवि शास्त्री के साथ राहुल द्रविड़ को बतौर बल्लेबाज कोच और जहीर खान को गेंदबाज कोच बनाया गया है। राहुल विदेशी दौरे में विशेष रूप से अपनी सेवाएं देंगे।

रवि शास्त्री इससे पहले भी बतौर टीम डायरेक्टर टीम से जुड़े रहे हैं। उनके बाद अनिल कुंबले को टीम इंडिया का कोच बनाया गया था जिन्होंने एक साल का अपना कार्यकाल पूरा होने से कुछ समय पहले ही कप्तान कोहली से अनबन के चलते अपने पद से इस्तीफा दे दिया।

इससे पहले भी मीडिया में खबर आई थी कि रवि शास्त्री को कोच के तौर पर चुन लिया गया है हालांकि बाद में बीसीसीआई ने इस पर सफाई देते हुए कहा था कि फिलहाल नए कोच को लेकर फैसला नहीं हो पाया है।

बीसीसीआई ने कहा, टीम इंडिया के कोच पर अब तक नहीं हुआ फैसला

टीम इंडिया के मुख्य कोच का चयन अब तक नहीं हो पाया है। बीसीसीआई ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि फिलहाल नए कोच को लेकर फैसला नहीं हो पाया है।

सीएसी अब तक इस पर बातचीत कर रही है। इससे पहले मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि रवि शास्त्री को टीम इंडिया का मुख्य कोच चुन लिया गया है।

बीसीसीआई के कार्यकारी सचिव अमिताभ चौधरी ने प्रेस वार्ता में कहा कि हमें उन बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए जो झूठ हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि वह यह नहीं बता सकते कि कब कोच का नाम घोषित किया जाएगा?

अमिताभ चौधरी ने कहा कि सीएसी सदस्य इस बारे में बातचीत कर रहे हैं और वह कोई भी फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं। हम इस मुद्दे को लेकर काफी संवेदनशील हैं। इस पद की दौड़ में वीरेंद्र सहवाग, रवि शास्त्री, टॉम मूडी, रिचर्ड पायबस, लालचंद राजपूत शामिल हैं।

10 जुलाई को कोच चुनने के लिए नियुक्त क्रिकेट एडवाइजरी कमेटी (सीएसी) ने उम्मीदवारों का इंटरव्यू लिया था। इस दौरान सचिन तेंदुलकर, एक सीएसी सदस्य के अलावा ज्यादातर सदस्य स्काइप से जुड़े हुए थे। सिर्फ वीरेंद्र सहवाग व्यक्तिगत तौर पर इंटरव्यू देने पहुंचे थे। जिन उम्मीदवारों ने कोच पद के लिए प्रेजेंटेशन दी, उनमें रवि शास्त्री, टॉम मूडी, वीरेंद्र सहवाग, रिचर्ड पायबस और लालचंद राजपूत थे।

इंग्लैंड के ऑलराउंडर डैरेन स्टीवंस के हेलमेट के परखच्चे उड़ गए

इंग्लिश क्रिकेटर डैरेन स्टीवंस को सिर में बाउंसर गेंद लगने के बाद हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। घटना उस दौरान घटी, जब काउंटी चैंपियनशिप में कैंट और नॉटिंघमशायर टीमों के बीच मैच खेला जा रहा था।

खबर के अनुसार,  स्टीवंस के सिर के अंदरूनी हिस्से में चोट लगी है, साथ ही उन्हें तेज सिरदर्द होने की भी खबरे हैं। घटना मैच की दूसरी पारी के दौरान घटी।

रिपोर्ट के अनुसार, मैच की दूसरी पारी में 31 रन बनाकर बल्लेबाजी कर रहे स्टीवंस को गेंदबाज हैरी गर्ने ने बाउंसर गेंद फेंकी जो उनके सिर के पिछले हिस्से में जाकर लगी। गेंद की गति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उनका हेलमेट भी बाउंसर से बुरी तरह टूट गया।

हालांकि शुरुआत में स्टीवंस ने चोट को नजरअंदाज किया और दोबारा बल्लेबाजी करने के लिए मैदान पर आ गए। लेकिन सात बॉल खेलने के बाद उन्होंने शिकायत की कि उन्हें गेंद साफ दिखाई नहीं दे रही। इसके बाद उन्होंने तुरंत मैच बीच में छोड़ दिया और सिर की जांच के लिए स्टीवंस को हॉस्पिटल ले जाया गया। जहां बयान जारी कर बताया कि स्टीवंस उस मैच में आगे हिस्सा नहीं लेंगे, साथ ही अगले कुछ मैचों में उन्हें आराम देने की बात कही गई है।

मामले में स्टीवंस के कोच मेट वॉकर ने कहा, ''डैरेन अभी भी पूरी तरह से स्वस्थ्य नहीं है। सिर के अंदरूनी हिस्से में चोट के चलते उन्हें आराम की सलाह दी गई है। उनकी बांई आंख में दृष्टि से जुड़ी परेशानी है। हालांकि उन्हें जल्द ही हॉस्पिटल से छुट्टी दे दी जाएगी, लेकिन वो अभी पूरी तरह से स्वस्थ्य नहीं है।''

वहीं दूसरी तरफ स्टीवंस को बाउंस फेंकने वाले गेंदबाज हैरी गर्ने ने इसके लिए दुख जताया है। उन्होंने कहा कि हम दोनों बहुत अच्छे दोस्त हैं और लंबे समय तक हमारी दोस्ती कायम रहेगी।

बता दें कि स्टीवंस 273 फर्स्ट क्लास मैच खेल चुके हैं। साथ ही 400 विकेट लेने से महज 3 विकेट दूर हैं। इंग्लैंड के घरेलू क्रिकेट में उनके दबदबे का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि स्टीवंस अबतक 14,000 रन बना चुके हैं।

बीसीसीआई जल्द लागू करेगी लोढ़ा समिति की सिफारिशें

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने सोमवार को हुई विशेष आम बैठक में लोढ़ा समिति की सिफारिशें जल्द से जल्द लागू करने के लिए एक समिति गठित करने का फैसला किया है। यह समिति 'एक राज्य-एक वोट', 70 साल की आयु सीमा, चयन समिति में सदस्यों की संख्या तीन से बढ़ाकर पांच या उससे अधिक करने जैसे मुद्दे भी देखेगी। अगले दो-तीन दिन में समिति अपना काम शुरू कर देगी और एक पखवाड़े के अंदर अपनी पहली रिपोर्ट देगी।

बीसीसीआई के कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी ने बैठक के बाद पत्रकारों से कहा, ''सर्वोच्च न्यायालय का आदेश लागू करना सुनिश्चित करने के लिए बीसीसीआई एक समिति गठित करेगी। मंगलवार को पांच-छह सदस्यों वाली समिति गठित की जाएगी जो सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन जल्द से जल्द कराने के कार्य की देखरेख करेगी।''

विशेष आम बैठक में पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय श्रृंखलाएं खेलने के मुद्दे पर भी विचार-विमर्श किया गया। इस दिशा में हुई प्रगति के संबंध में पूछे जाने पर चौधरी ने कहा कि स्थितियां अभी वैसी ही बनी हुई हैं और सरकार की अनुमति मिलने के बाद ही किसी दौरे की संभावना बन सकेगी।

चौधरी ने कहा, ''बीसीसीआई द्वारा 2014 में किए गए समझौते के आधार पर हमने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) से मुलाकात की है। यह जरूरी भी थी। हमारा पक्ष अभी भी वही है। सरकार की इजाजत मिलने के बाद ही किसी दौरे की संभावना बनेगी।''

राजस्थान क्रिकेट संघ (आरसीए) के निलंबन के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। बीसीसीआई की सोमवार को हुई इस बैठक में पूर्व अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन ने भी हिस्सा लिया।

रन आउट, डीआरएस समेत क्रिकेट में कई नियम बदले गए

अब अगर क्रिकेट मैदान पर खिलाड़ियों ने हिंसा, दुर्व्यवहार या कोई ओझी हरकत की तो अंपायर उन्हें बाहर भेज सकता है। आईसीसी की मुख्य कार्यकारी समिति ने इस हफ्ते लंदन में आयोजित वार्षिक सम्मेलन में भारत के अनिल कुंबले की अगुआई वाले पैनल की सिफारिशों को मंजूरी दे दी है।

आईसीसी ने यह भी फैसला किया है कि अगर बॉलिंग टीम डीआरएस के तहत एलबीडब्लू की अपील करती है और इस दौरान अंपायर का फैसला गलत निकलता है तो उसका डीआरएस बरकरार रहेगा। डीआरएस का इस्तेमाल अब टी20 क्रिकेट में भी होगा।

आईसीसी द्वारा अपनाए जाने वाले कानूनों में अन्य प्रमुख बदलाव इस प्रकार हैं- अब बल्ले की गहराई और कोर को आईसीसी के मुताबिक ही रखा जाएगा। इसके अलावा अगर बल्लेबाज का बल्ला रनिंग करते हुए या डाइव मारते समय क्रीज के अंदर है, लेकिन उठा हुआ है, तब उसे आउट नहीं दिया जाएगा। आईसीसी के ये सारे नियम 1 अक्टूबर से लागू होंगे।

मार्च में एमसीसी के क्रिकेट प्रमुख जान स्टीफनसन ने कहा था, ''समय आ गया है कि खिलाड़ियों के खराब बर्ताव के लिए सजा लागू की जाए और शोध बताते हैं कि जमीनी स्तर पर उभरते हुए अंपायर इसके कारण खेल से दूर हो रहे हैं।''

उन्होंने कहा था, ''उम्मीद करते हैं कि ये सजाएं अनुशासनात्मक मामलों से निपटने के लिए उन्हें अधिक आत्मविश्वास देंगी और साथ ही खिलाड़ियों को ऐसा करने से रोकने का काम करेंगी।''

रन आउट के संदर्भ में एमसीसी ने बयान में कहा था, ''अगर बल्ला (हाथ में पकड़ा हुआ) या बल्लेबाज का कोई भी अंग क्रीज को पार करके जमीन को छूता है और विकेट गिराए जाने के दौरान अगर यह संपर्क टूट जाता है तो बल्लेबाज को रन आउट होने से बचाव मिलेगा अगर वह दौड़ या कूद लगा रहा .... रही है और विकेट की ओर जा रहे हैं।'' वहीं गलत बर्ताव पर एमसीसी ने ये जानकारी दी थी:

लेवल 1: इसके तहत अत्यधिक अपील और अंपायर के फैसले पर आपत्ति जताना शामिल है। पहले आधिकारिक चेतावनी दी जाएगी और फिर लेवल एक के दूसरे अपराध पर विरोधी टीम को पांच पेनल्टी रन दिए जाएंगे।
लेवल 2: खिलाड़ी की तरफ गेंद फेंकना या खेल के दौरान जानबूझकर विरोधी से शारीरिक संपर्क। इसके तहत विरोधी टीम को तुरंत पांच पेनल्टी रन दिए जाएंगे।
लेवल 3: अंपायर को डराना या किसी अन्य खिलाड़ी, टीम अधिकारी या दर्शक को मारने की धमकी देना। इसके तहत विरोधी टीम को पांच पेनल्टी रन मिलेंगे और दोषी खिलाड़ियों को मैच के प्रारूप के आधार पर तयशुदा ओवरों के लिए मैदान से बाहर कर दिया जाएगा।
लेवल 4: अंपायर को धमकाना या मैदान पर कोई भी हिंसक काम करना। पांच पेनल्टी रन और बाकी मैच के लिए दोषी खिलाड़ी मैच से बाहर। अगर अपराध के समय खिलाड़ी बल्लेबाजी कर रहा होगा तो उसे रिटायर्ड आउट माना जाएगा।

सुनील गावस्कर ने कहा, विराट कोहली एंड कंपनी ही बता दे किसे बनाएं नया कोच

टीम इंडिया के मुख्य कोच के पद से अनिल कुंबले के इस्तीफे के बाद पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है। गावस्कर ने उन लोगों से सफाई देने को कहा है जो मानते हैं कि अनिल कुंबले एक असहनीय शख्स थे।

एनडीटीवी से बातचीत में उन्होंने कहा कि इससे नए कोच को फायदा मिलेगा जिसे यह मालूम होगा कि वह क्या कर सकता है और क्या नहीं। गावस्कर ने तंज कसते हुए कहा, इंतजार करिए, देखते हैं उन लोगों को अनिल कुंबले में क्या गलत लगता है।

उन्होंने कहा, अगर मैं कहूं कि आपको 9.30 बजे प्रैक्टिस के लिए पहुंचना है, तो यह असहनीय हो जाएगा। अगर मैं आपसे नेट्स पर प्रैक्टिस, 50 कैच ज्यादा लेने या नेट्स पर 20 गेंदें ज्यादा फेंकने को कहता हूं तो खिलाड़ियों के लिए यह असहनीय है। नए कोच के लिए बहुत जरूरी है क्योंकि उसे पता चल जाएगा कि उसकी क्या जगह है?

जब पूछा गया कि बॉस कौन है - कप्तान या कोच? तो उन्होंने कहा कि मैदान पर कप्तान बॉस होता है और उसके बाहर कोच या टीम मैनेजर। इन पर खिलाड़ियों को तैयार करने की जिम्मेदारी होती है।

गावस्कर ने कहा, विराट कोहली को सामने आकर अपनी बात रखनी चाहिए। कुंबले को भी यह बताना चाहिए कि बीसीसीआई में से किसने उन्हें विराट की नाखुशी के बारे में बताया। कोहली का बयान ही अटकलों के बादल खत्म करेगा। किस मुद्दे के कारण एेसी स्थिति हो गई? गावस्कर ने कहा, इसके लिए इंतजार करिए कि खिलाड़ियों को कुंबले में क्या गलत लगा?

गावस्कर ने कहा कि क्रिकेट एडवाइजरी कमिटी (सीएसी) की कोच चुनने के लिए होने वाली मीटिंग समय की बर्बादी है।

उन्होंने कहा कि कप्तान और खिलाड़ियों से पूछ लेना चाहिए कि वह किसे कोच चाहते हैं। गावस्कर ने कहा, कप्तान और टीम को अनिल कुंबले के तरीके पसंद नहीं आए, इसलिए एेसी स्थिति पैदा हो गई। खिलाड़ी वेस्टइंडीज दौरे पर हैं, क्यों न उन्हीं से पूछ लिया जाए कि आप लोग किसे कोच चाहते हैं। सीएसी के पास 8-10 आवेदन हैं तो खिलाड़ी ही बता दें कि वह किसे कोच चाहते हैं।

चैम्पियंस ट्रॉफी को खत्‍म कर सकता है आईसीसी

अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) चैम्पियंस ट्रॉफी को खत्म करने के बारे में विचार कर रही है। वह चैम्पियंस ट्रॉफी को खत्म करके चार साल के अंदर दो विश्व टी-20 टूर्नामेंट कराने पर विचार कर रही है।

चैम्पियंस ट्रॉफी का अगला संस्करण 2021 में भारत में होना है, लेकिन खेल के छोटे प्रारूप (टी-20) की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए इस टूर्नामेंट के भविष्य पर संदेह है।

क्रिकइंफो ने आईसीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डेविड रिचर्डसन के हवाले से लिखा है, ''हमेशा से 50 ओवर के दो टूर्नामेंट में अंतर करना मुश्किल रहा है। अब विश्व कप दस टीमों का होने वाला है। ऐसे में चैम्पियंस ट्रॉफी भी लगभग विश्व कप की तरह ही हो गई है जो मैं सोचता हूं कि अच्छा है।''

उन्होंने कहा, ''मेरा मानना है कि विश्व कप अभी भी लंबा टूर्नामेंट होगा। विश्व कप में सर्वश्रेष्ठ चार टीमों को सेमीफाइनल में खेलने का मौका मिलता है। इसमें बारिश से बाधित होने वाले मैच और टीम के एक-दो बुरे मैचों का प्रभाव नहीं पड़ता जैसा कि चैम्पियंस ट्रॉफी में होता है।''

उन्होंने कहा, ''वैसे 2021 में चैम्पियंस ट्रॉफी होगी या नहीं या इसकी जगह दो विश्व टी-20 टूर्नामेंट होंगे, इसके बारे में अभी चर्चा चल रही है। हां, पर ऐसी संभावना है। मैं यह नहीं कह सकता कि ऐसा होने वाला है क्योंकि हमने देखा था कि हाल ही में हुई चैम्पियंस ट्रॉफी अच्छा टूर्नामेंट साबित हुई, खासकर ब्रिटेन में जहां आपको हर टीम के समर्थन में माहौल देखने को मिला।''

उन्होंने कहा, इसलिए इसे खत्म करने की जल्दबाजी नहीं है, लेकिन ईमानदारी से और स्पष्ट कहूं तो चार साल के दौरान दो विश्व टी-20 टूर्नामेंट लाने पर चर्चा चल रही है। रिचर्डसन ने कहा, ''चार साल में दो विश्व टी-20 टूर्नामेंट हमें खेल को वैश्विक स्तर पर बड़े पैमाने पर बढ़ाने का मौका देगा। हम यह टूर्नामेंट 16 या 20 टीम का कर सकते हैं।''

कुंबले-कोहली में बातचीत 6 महीने से बंद थी, नहीं हो सकी सुलह

भारतीय टीम 20 जून को कोच अनिल कुंबले के बिना वेस्टइंडीज दौरे के लिए रवाना हो गई। पहले खबर आई कि कुंबले किसी जरूरी मीटिंग के चलते टीम के साथ नहीं जा सके, मगर इसके बाद देर रात कुंबले ने कोच पद से इस्तीफा देकर मामला साफ कर दिया। इसके पीछे भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली बहुत बड़ी वजह बनते नजर आए।

अब इस बात का भी खुलासा हो गया है कि टीम में बीते 6 महीनों से काफी उथल-पुथल चल रही थी। एक सूत्र ने बताया कि यहां तक कि इस दौरान विराट कोहली और अनिल कुंबले के बीच बातचीत तक बंद थी।

जब बीसीसीआई के शीर्ष अधिकारियों को इस बात का पता चला तो दोनों को आमने-सामने बैठाकर सुलह करवाने की कोशिश की गई, मगर ये भी विफल रही।

बीसीसीआई के अधिकारियों ने बताया कि इन दोनों ने पिछले साल दिसंबर में इंग्लैंड टेस्ट सीरीज समाप्त होने के बाद एक-दूसरे से बात करना बंद कर दिया था। समस्याएं थी, लेकिन यह हैरान करने वाला था कि दोनों के बीच पिछले छह महीने से सही तरह से संवाद नहीं था। रविवार को फाइनल के बाद वे एक साथ बैठे और वे दोनों सहमत थे कि उनका साथ साथ चलना मुश्किल है।

अब बीसीसीआई के वरिष्ठ अधिकारी राजीव शुक्ला ने स्पष्ट कर दिया है कि श्रीलंका दौरे से पहले टीम को नया कोच मिल जाएगा। उन्होंने बताया कि बीसीसीआई ने यह मसला सुलझाने के लिए अपनी तरफ से सर्वश्रेष्ठ प्रयास किए। कार्यवाहक सचिव और सीईओ ने कुंबले और कोहली के साथ इस मामले पर विस्तार से चर्चा की। बोर्ड ने सीओए के चेयरमैन विनोद राय से भी सुझाव लिया। मसला सुलझाने के लिए प्रयास किए गए, लेकिन आखिर में कोई परिणाम नहीं निकला और कुंबले ने हटने का फैसला किया।

वहीं कुंबले ने भी पद से इस्तीफा देने के बाद कहा कि एक दिन पहले बीसीसीआई से मुझे पता चला कि कप्तान को मेरी स्टाइल से परेशानी है और वह मुझे कोच के तौर पर बरकरार रखना नहीं चाहते। मैं इस बात से हैरान था  क्योंकि मैंने हमेशा कप्तान और कोच के बीच की रेखा का सम्मान किया है। बीसीसीआई ने हालांकि मेरे और कप्तान के बीच के मनमुटाव को सुलझाने की कोशिश की, लेकिन यह साफ था कि साझेदारी चलने वाली नहीं है इसलिए मेरा मानना है कि मुझे पद से हट जाना चाहिए।

चैम्पियंस ट्रॉफी में मिली करारी हार से दो दिन में विराट कोहली को लगे दो झटके

भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली के लिए चैम्पियंस ट्रॉफी के फाइनल में पाकिस्तान से मिली करारी हार किसी सदमे से कम नहीं है। भले ही कोहली ने इसे क्रिकेट का एक 'अन्य मैच' बताया हों, लेकिन वह भी जानते हैं कि इससे टीम के मनोबल पर कितना गहरा असर पड़ा होगा। निश्चित रूप से कोहली जल्द इस हार के गम से उबरना चाहेंगे। 23 से टीम इंडिया का वेस्टइंडीज दौरा शुरू होगा, लिहाजा वहां टीम से शानदार प्रदर्शन की उम्मीद होगी।

लेकिन पिछले 24 घंटों में विराट कोहली को दो झटके लग चुके हैं। पहला टीम इंडिया पाकिस्तान के हाथों चैम्पियंस ट्रॉफी गंवा चुकी है और दूसरा आईसीसी वनडे रैंकिंग में भी टीम तीसरे पायदान पर खिसक गई है। दो साल बाद क्रिकेट का वर्ल्ड कप इंग्लैंड में ही होना है, इसलिए विराट कोहली को इस हार से ये सबक लेने होंगे।

चैम्पियंस ट्रॉफी में भारतीय टीम ज्यादातर टॉप 3 बल्लेबाजों पर निर्भर रही। चूंकि मध्यक्रम के बल्लेबाजों को बैटिंग का ज्यादा मौका नहीं मिला, इस कारण वह इंग्लैंड की स्थितियों और पिच के मिजाज को उतना बेहतर नहीं समझ पाए। युवराज सिंह ने पाकिस्तान और धोनी ने श्रीलंका के खिलाफ मैच में शानदार बल्लेबाजी जरूर की, लेकिन फाइनल में दोनों ही नहीं चल पाए।

सवाल उठता है कि क्या धोनी 2019 के वर्ल्ड कप तक उस फॉर्म में रह पाएंगे। 2015 से एशिया के बाहर खेले गए  मैचों में धोनी ने 25 मैच खेले हैं जिसमें महज 460 रन बनाए हैं, वह भी 30.60 की औसत से। वहीं युवराज सिंह ने चार साल बाद विदेश में क्रिकेट खेला है। लिहाजा मध्यक्रम को मजबूत करने के लिए विराट को दिमाग लगाना होगा।

चैम्पियंस ट्रॉफी में एक बात गौर करने वाली रही कि जिन मैचों में टीम इंडिया हारी, उनमें गेंदबाजों ने जमकर रन लुटाए। पहला श्रीलंका के खिलाफ और दूसरा पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल में। भारत को एक अतिरिक्त स्पेशलिस्ट तेज गेंदबाज की कमी खूब खली। उमेश यादव और मोहम्मद शमी को इस मैच में मौका न देना भी टीम के लिए परेशानी का सबब बना। स्पिनर और पेस का संतुलन बनाना भी बड़ा चैलेंज रहेगा।

भारत के पास कई एेसे युवा खिलाड़ी हैं जिन्हें मौका देना अब जरूरी है। अगर भारत को विश्व कप के लिए तैयारी करनी है तो ऋषभ पंत, संजू सैमसन, श्रेयस अय्यर को आजमाना पड़ेगा। कुछ मैचों में इन्हें खिलाकर मैनेजमेंट और कोहली को यह तय करना चाहिए कि वे कहां फिट बैठते हैं।

इंग्लैंड को हराकर पहली बार आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी के फाइनल में पहुंचा पाकिस्तान

पाकिस्तान ने अपने हरफनमौला खेल की बदौलत बुधवार को आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी के पहले सेमीफाइनल मैच में मेजबान इंग्लैंड को आठ विकेटों से करारी मात देते हुए फाइनल में प्रवेश कर लिया।

पाकिस्तान ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करते हुए इंग्लैंड को 49.5 ओवर में 211 रनों पर ही रोक दिया और इसके बाद इस आसान लक्ष्य को 37.1 ओवरों में दो विकेट खोकर हासिल कर लिया।

पाकिस्तान के लिए सर्वाधिक 76 रन अजहर अली ने बनाए। अजहर के साथ पारी की शुरुआत करने उतरे फखर जमान ने एक बार फिर अपना शानदार खेल दिखाया और 57 रनों की शानदार पारी खेली। दोनों ने पहले विकेट के लिए 118 रनों की साझेदारी कर टीम की जीत की बुनियाद रख दी।

बाबर आजम 38 रन पर और मोहम्मद हफीज 31 रनों पर नाबाद लौटे।

इससे पहले, पाकिस्तानी गेंदबाजों ने इंग्लैंड को खुलकर नहीं खेलने दिया और अपनी सटीक लाइन लैंथ से मेजबान टीम के बल्लेबाजों को बांधे रखा। इंग्लैंड के लिए जो रूट ने सर्वाधिक 46 रन बनाए। जॉनी बेयर्सटो ने 43 रनों का योगदान दिया।

पाकिस्तान की तरफ से हसन अली ने तीन विकेट लिए। जुनैद खान और रुमान रइस को दो-दो विकेट मिलीं। शादाब खान को एक विकेट मिला।