टीम इंडिया के मुख्य कोच के पद से अनिल कुंबले के इस्तीफे के बाद पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है। गावस्कर ने उन लोगों से सफाई देने को कहा है जो मानते हैं कि अनिल कुंबले एक असहनीय शख्स थे।
एनडीटीवी से बातचीत में उन्होंने कहा कि इससे नए कोच को फायदा मिलेगा जिसे यह मालूम होगा कि वह क्या कर सकता है और क्या नहीं। गावस्कर ने तंज कसते हुए कहा, इंतजार करिए, देखते हैं उन लोगों को अनिल कुंबले में क्या गलत लगता है।
उन्होंने कहा, अगर मैं कहूं कि आपको 9.30 बजे प्रैक्टिस के लिए पहुंचना है, तो यह असहनीय हो जाएगा। अगर मैं आपसे नेट्स पर प्रैक्टिस, 50 कैच ज्यादा लेने या नेट्स पर 20 गेंदें ज्यादा फेंकने को कहता हूं तो खिलाड़ियों के लिए यह असहनीय है। नए कोच के लिए बहुत जरूरी है क्योंकि उसे पता चल जाएगा कि उसकी क्या जगह है?
जब पूछा गया कि बॉस कौन है - कप्तान या कोच? तो उन्होंने कहा कि मैदान पर कप्तान बॉस होता है और उसके बाहर कोच या टीम मैनेजर। इन पर खिलाड़ियों को तैयार करने की जिम्मेदारी होती है।
गावस्कर ने कहा, विराट कोहली को सामने आकर अपनी बात रखनी चाहिए। कुंबले को भी यह बताना चाहिए कि बीसीसीआई में से किसने उन्हें विराट की नाखुशी के बारे में बताया। कोहली का बयान ही अटकलों के बादल खत्म करेगा। किस मुद्दे के कारण एेसी स्थिति हो गई? गावस्कर ने कहा, इसके लिए इंतजार करिए कि खिलाड़ियों को कुंबले में क्या गलत लगा?
गावस्कर ने कहा कि क्रिकेट एडवाइजरी कमिटी (सीएसी) की कोच चुनने के लिए होने वाली मीटिंग समय की बर्बादी है।
उन्होंने कहा कि कप्तान और खिलाड़ियों से पूछ लेना चाहिए कि वह किसे कोच चाहते हैं। गावस्कर ने कहा, कप्तान और टीम को अनिल कुंबले के तरीके पसंद नहीं आए, इसलिए एेसी स्थिति पैदा हो गई। खिलाड़ी वेस्टइंडीज दौरे पर हैं, क्यों न उन्हीं से पूछ लिया जाए कि आप लोग किसे कोच चाहते हैं। सीएसी के पास 8-10 आवेदन हैं तो खिलाड़ी ही बता दें कि वह किसे कोच चाहते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) चैम्पियंस ट्रॉफी को खत्म करने के बारे में विचार कर रही है। वह चैम्पियंस ट्रॉफी को खत्म करके चार साल के अंदर दो विश्व टी-20 टूर्नामेंट कराने पर विचार कर रही है।
चैम्पियंस ट्रॉफी का अगला संस्करण 2021 में भारत में होना है, लेकिन खेल के छोटे प्रारूप (टी-20) की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए इस टूर्नामेंट के भविष्य पर संदेह है।
क्रिकइंफो ने आईसीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डेविड रिचर्डसन के हवाले से लिखा है, ''हमेशा से 50 ओवर के दो टूर्नामेंट में अंतर करना मुश्किल रहा है। अब विश्व कप दस टीमों का होने वाला है। ऐसे में चैम्पियंस ट्रॉफी भी लगभग विश्व कप की तरह ही हो गई है जो मैं सोचता हूं कि अच्छा है।''
उन्होंने कहा, ''मेरा मानना है कि विश्व कप अभी भी लंबा टूर्नामेंट होगा। विश्व कप में सर्वश्रेष्ठ चार टीमों को सेमीफाइनल में खेलने का मौका मिलता है। इसमें बारिश से बाधित होने वाले मैच और टीम के एक-दो बुरे मैचों का प्रभाव नहीं पड़ता जैसा कि चैम्पियंस ट्रॉफी में होता है।''
उन्होंने कहा, ''वैसे 2021 में चैम्पियंस ट्रॉफी होगी या नहीं या इसकी जगह दो विश्व टी-20 टूर्नामेंट होंगे, इसके बारे में अभी चर्चा चल रही है। हां, पर ऐसी संभावना है। मैं यह नहीं कह सकता कि ऐसा होने वाला है क्योंकि हमने देखा था कि हाल ही में हुई चैम्पियंस ट्रॉफी अच्छा टूर्नामेंट साबित हुई, खासकर ब्रिटेन में जहां आपको हर टीम के समर्थन में माहौल देखने को मिला।''
उन्होंने कहा, इसलिए इसे खत्म करने की जल्दबाजी नहीं है, लेकिन ईमानदारी से और स्पष्ट कहूं तो चार साल के दौरान दो विश्व टी-20 टूर्नामेंट लाने पर चर्चा चल रही है। रिचर्डसन ने कहा, ''चार साल में दो विश्व टी-20 टूर्नामेंट हमें खेल को वैश्विक स्तर पर बड़े पैमाने पर बढ़ाने का मौका देगा। हम यह टूर्नामेंट 16 या 20 टीम का कर सकते हैं।''
भारतीय टीम 20 जून को कोच अनिल कुंबले के बिना वेस्टइंडीज दौरे के लिए रवाना हो गई। पहले खबर आई कि कुंबले किसी जरूरी मीटिंग के चलते टीम के साथ नहीं जा सके, मगर इसके बाद देर रात कुंबले ने कोच पद से इस्तीफा देकर मामला साफ कर दिया। इसके पीछे भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली बहुत बड़ी वजह बनते नजर आए।
अब इस बात का भी खुलासा हो गया है कि टीम में बीते 6 महीनों से काफी उथल-पुथल चल रही थी। एक सूत्र ने बताया कि यहां तक कि इस दौरान विराट कोहली और अनिल कुंबले के बीच बातचीत तक बंद थी।
जब बीसीसीआई के शीर्ष अधिकारियों को इस बात का पता चला तो दोनों को आमने-सामने बैठाकर सुलह करवाने की कोशिश की गई, मगर ये भी विफल रही।
बीसीसीआई के अधिकारियों ने बताया कि इन दोनों ने पिछले साल दिसंबर में इंग्लैंड टेस्ट सीरीज समाप्त होने के बाद एक-दूसरे से बात करना बंद कर दिया था। समस्याएं थी, लेकिन यह हैरान करने वाला था कि दोनों के बीच पिछले छह महीने से सही तरह से संवाद नहीं था। रविवार को फाइनल के बाद वे एक साथ बैठे और वे दोनों सहमत थे कि उनका साथ साथ चलना मुश्किल है।
अब बीसीसीआई के वरिष्ठ अधिकारी राजीव शुक्ला ने स्पष्ट कर दिया है कि श्रीलंका दौरे से पहले टीम को नया कोच मिल जाएगा। उन्होंने बताया कि बीसीसीआई ने यह मसला सुलझाने के लिए अपनी तरफ से सर्वश्रेष्ठ प्रयास किए। कार्यवाहक सचिव और सीईओ ने कुंबले और कोहली के साथ इस मामले पर विस्तार से चर्चा की। बोर्ड ने सीओए के चेयरमैन विनोद राय से भी सुझाव लिया। मसला सुलझाने के लिए प्रयास किए गए, लेकिन आखिर में कोई परिणाम नहीं निकला और कुंबले ने हटने का फैसला किया।
वहीं कुंबले ने भी पद से इस्तीफा देने के बाद कहा कि एक दिन पहले बीसीसीआई से मुझे पता चला कि कप्तान को मेरी स्टाइल से परेशानी है और वह मुझे कोच के तौर पर बरकरार रखना नहीं चाहते। मैं इस बात से हैरान था क्योंकि मैंने हमेशा कप्तान और कोच के बीच की रेखा का सम्मान किया है। बीसीसीआई ने हालांकि मेरे और कप्तान के बीच के मनमुटाव को सुलझाने की कोशिश की, लेकिन यह साफ था कि साझेदारी चलने वाली नहीं है इसलिए मेरा मानना है कि मुझे पद से हट जाना चाहिए।
भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली के लिए चैम्पियंस ट्रॉफी के फाइनल में पाकिस्तान से मिली करारी हार किसी सदमे से कम नहीं है। भले ही कोहली ने इसे क्रिकेट का एक 'अन्य मैच' बताया हों, लेकिन वह भी जानते हैं कि इससे टीम के मनोबल पर कितना गहरा असर पड़ा होगा। निश्चित रूप से कोहली जल्द इस हार के गम से उबरना चाहेंगे। 23 से टीम इंडिया का वेस्टइंडीज दौरा शुरू होगा, लिहाजा वहां टीम से शानदार प्रदर्शन की उम्मीद होगी।
लेकिन पिछले 24 घंटों में विराट कोहली को दो झटके लग चुके हैं। पहला टीम इंडिया पाकिस्तान के हाथों चैम्पियंस ट्रॉफी गंवा चुकी है और दूसरा आईसीसी वनडे रैंकिंग में भी टीम तीसरे पायदान पर खिसक गई है। दो साल बाद क्रिकेट का वर्ल्ड कप इंग्लैंड में ही होना है, इसलिए विराट कोहली को इस हार से ये सबक लेने होंगे।
चैम्पियंस ट्रॉफी में भारतीय टीम ज्यादातर टॉप 3 बल्लेबाजों पर निर्भर रही। चूंकि मध्यक्रम के बल्लेबाजों को बैटिंग का ज्यादा मौका नहीं मिला, इस कारण वह इंग्लैंड की स्थितियों और पिच के मिजाज को उतना बेहतर नहीं समझ पाए। युवराज सिंह ने पाकिस्तान और धोनी ने श्रीलंका के खिलाफ मैच में शानदार बल्लेबाजी जरूर की, लेकिन फाइनल में दोनों ही नहीं चल पाए।
सवाल उठता है कि क्या धोनी 2019 के वर्ल्ड कप तक उस फॉर्म में रह पाएंगे। 2015 से एशिया के बाहर खेले गए मैचों में धोनी ने 25 मैच खेले हैं जिसमें महज 460 रन बनाए हैं, वह भी 30.60 की औसत से। वहीं युवराज सिंह ने चार साल बाद विदेश में क्रिकेट खेला है। लिहाजा मध्यक्रम को मजबूत करने के लिए विराट को दिमाग लगाना होगा।
चैम्पियंस ट्रॉफी में एक बात गौर करने वाली रही कि जिन मैचों में टीम इंडिया हारी, उनमें गेंदबाजों ने जमकर रन लुटाए। पहला श्रीलंका के खिलाफ और दूसरा पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल में। भारत को एक अतिरिक्त स्पेशलिस्ट तेज गेंदबाज की कमी खूब खली। उमेश यादव और मोहम्मद शमी को इस मैच में मौका न देना भी टीम के लिए परेशानी का सबब बना। स्पिनर और पेस का संतुलन बनाना भी बड़ा चैलेंज रहेगा।
भारत के पास कई एेसे युवा खिलाड़ी हैं जिन्हें मौका देना अब जरूरी है। अगर भारत को विश्व कप के लिए तैयारी करनी है तो ऋषभ पंत, संजू सैमसन, श्रेयस अय्यर को आजमाना पड़ेगा। कुछ मैचों में इन्हें खिलाकर मैनेजमेंट और कोहली को यह तय करना चाहिए कि वे कहां फिट बैठते हैं।
पाकिस्तान ने अपने हरफनमौला खेल की बदौलत बुधवार को आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी के पहले सेमीफाइनल मैच में मेजबान इंग्लैंड को आठ विकेटों से करारी मात देते हुए फाइनल में प्रवेश कर लिया।
पाकिस्तान ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करते हुए इंग्लैंड को 49.5 ओवर में 211 रनों पर ही रोक दिया और इसके बाद इस आसान लक्ष्य को 37.1 ओवरों में दो विकेट खोकर हासिल कर लिया।
पाकिस्तान के लिए सर्वाधिक 76 रन अजहर अली ने बनाए। अजहर के साथ पारी की शुरुआत करने उतरे फखर जमान ने एक बार फिर अपना शानदार खेल दिखाया और 57 रनों की शानदार पारी खेली। दोनों ने पहले विकेट के लिए 118 रनों की साझेदारी कर टीम की जीत की बुनियाद रख दी।
बाबर आजम 38 रन पर और मोहम्मद हफीज 31 रनों पर नाबाद लौटे।
इससे पहले, पाकिस्तानी गेंदबाजों ने इंग्लैंड को खुलकर नहीं खेलने दिया और अपनी सटीक लाइन लैंथ से मेजबान टीम के बल्लेबाजों को बांधे रखा। इंग्लैंड के लिए जो रूट ने सर्वाधिक 46 रन बनाए। जॉनी बेयर्सटो ने 43 रनों का योगदान दिया।
पाकिस्तान की तरफ से हसन अली ने तीन विकेट लिए। जुनैद खान और रुमान रइस को दो-दो विकेट मिलीं। शादाब खान को एक विकेट मिला।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की प्रशासनिक समिति (सीओए) के अध्यक्ष विनोद राय ने साफ किया है कि अनिल कुंबले वेस्टइंडीज दौरे के लिए भी टीम इंडिया के कोच पद पर बने रहेंगे।
इससे पहले यह कहा जा रहा था कि कुंबले का कार्यकाल चैम्पियंस ट्रॉफी के बाद समाप्त हो जाएगा। टीम इंडिया का वेस्टइंडीज दौरा 23 जून से शुरू हो रहा है, जहां भारत को पांच वनडे और एक टी20 मैच खेलना है।
कुछ ही दिन पहले बीसीसीआई ने भी कहा था कि अभी टीम इंडिया के नए कोच की तलाश में और समय लगेगा और इसलिए फिलहाल कुंबले टीम इंडिया के मुख्य कोच बने रहेंगे।
बीसीसीआई के मुताबिक, पिछले हफ्ते नए कोच की तलाश के लिए लंदन में सौरव गांगुली, सचिन तेंदुलकर और वी.वी.एस. लक्ष्मण की सदस्यता वाली बीसीसीआई की क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) की बैठक हुई थी।
बीसीसीआई के मुताबिक, इस बैठक में गांगुली, तेंदुलकर और लक्ष्मण ने दो घंटे नए कोच की नियुक्ति पर चर्चा की, लेकिन इसके बाद उन्होंने बीसीसीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी को बताया कि उन्हें कोच के चयन के लिए अधिक समय चाहिए।
टीम इंडिया के कोच पद के लिए जिन्होंने आवेदन किया है, उसमें वीरेंद्र सहवाग, टॉम मू़डी, लालचंद राजपूत, डोडा गणेश, रिचर्ड पेबस और मौजूदा कोच अनिल कुंबले का नाम शामिल है।
टीम इंडिया कैरेबियाई दौरे पर पहला वनडे 23 जून को और फिर दूसरा 25 जून को त्रिनिदाद के क्वींस पार्क ओवल में खेलेगी। इसके बाद भारत को 30 जून और 2 जुलाई को एंटिगा के सर विवियन रिचर्ड स्टेडियम में और फिर आखिरी वनडे 6 जुलाई को जमैका के सबिना पार्क में खेलना है। वेस्टइंडीज और भारत के बीच इस दौरे पर एकमात्र टी20 मैच 9 जुलाई को जमैका के ही सबिना पार्क में खेला जाएगा।
रोहन बोपन्ना ने गुरुवार (8 जून) को यहां कनाडा की अपनी जोड़ीदार गैब्रियला डाब्रोवस्की के साथ मिलकर फ्रेंच ओपन मिश्रित युगल ट्राफी जीतकर अपना पहला ग्रैंडस्लैम खिताब हासिल किया।
वह ग्रैंडस्लैम खिताब जीतने वाले चौथे भारतीय बन गये हैं।
बोपन्ना और डाब्रोवस्की की सातवीं वरीयता प्राप्त जोड़ी ने फाइनल में शानदार वापसी की। उन्होंने दो मैच प्वाइंट बचाकर जर्मनी की अन्ना लेना गोरेनफील्ड और कोलंबिया के राबर्ट फराह को 2-6, 6-2, 12-10 से हराया।
भारत और कनाडा की जोड़ी एक समय दो अंक से पीछे थी, लेकिन गोरेनफील्ड और फराह ने मौका गंवा दिया। बोपन्ना और डाब्रोवस्की ने इसका पूरा फायदा उठाया और फिर दो मैच प्वाइंट हासिल किये तथा जर्मनी की खिलाड़ी के डबल फाल्ट खिताब अपने नाम किया। यह केवल दूसरा अवसर है जबकि बोपन्ना अपने करियर में ग्रैंडस्लैम के फाइनल में पहुंचे थे। उन्होंने 2010 में पाकिस्तान के ऐसाम उल हक कुरैशी के साथ मिलकर यूएस ओपन के फाइनल में जगह बनायी थी जहां उन्हें ब्रायन बंधुओं बाब और माइक से हार का सामना करना पड़ा था।
बोपन्ना से पहले केवल लिएंडर पेस, महेश भूपति और सानिया मिर्जा ही भारत के लिये ग्रैंडस्लैम खिताब जीत पाये हैं। डाब्रोवस्की निर्णायक अंक पर अपनी सर्विस गंवा बैठी। फराह ने लंबी रैलियां चलने के बाद बोपन्ना के सिर के ऊपर से वॉली जमायी। रविवार को अपना 22वां जन्मदिन मनाने वाली अन्ना लेना गोरेनफील्ड ने आसानी से सर्विस बचाकर स्कोर 3-1 कर दिया।
पहले सेट में तब बोपन्ना पर दबाव था और उनका फोरहैंड बाहर चला गया और पांचवें गेम में उनके खिलाफ दो ब्रेक प्वाइंट थे लेकिन कनाडाई खिलाड़ी ने नेट पर अच्छा खेल दिखाया और उन्होंने इन्हें बचा दिया। फराह की सर्विस अच्छी रही और जब 2-4 पर डाब्रोवस्की सर्विस कर रही थी तो उन पर दबाव स्पष्ट देखा जा सकता था। उनका बैकहैंड बाहर चला गया और शून्य पर उनकी सर्विस टूट गयी। बोपन्ना ने दूसरे सेट की शुरूआत डबल फाल्ट से की, लेकिन वह अपनी सर्विस बचाने में सफल रहे। इस बीच उन्होंने लाइन काल के लिये चेयर अंपायर से बहस भी की। किसी भी तरह वापसी की चाहत सातवीं वरीय जोड़ी पर भारी पड़ी और डाब्रोवस्की दूसरे सेट के शुरू में अपनी सर्विस बचाये रखने में असफल रही।
बोपन्ना और उनकी कनाडाई जोड़ीदार ने हालांकि तब राहत की सांस ली जब गोरेनफील्ड शून्य पर अपनी सर्विस गंवा बैठी। इसके बाद फराह भी छठे गेम में अपनी सर्विस नहीं बचा पाये जिससे बोपन्ना और डाब्रोवस्की 4-2 से आगे हो गये। इसके बाद कनाडाई खिलाड़ी ने मैच में पहली बार अपनी सर्विस बचायी और इसके बाद आसानी से दूसरा सेट अपने नाम करके मैच बराबरी पर ला दिया।
मैच टाईब्रेकर में बोपन्ना और डाब्रोवस्की ने 3-0 से बढ़त बनायी, लेकिन इसके बाद उन्होंने लगातार पांच अंक गंवाये और 3-5 से पीछे हो गये। इसके बाद स्कोर 5-5 से बराबरी पर पहुंचा। आगे भी उतार चढ़ाव चलता रहा और आखिर में बोपन्ना और डाब्रोवस्की चैंपियन बनने में सफल रहे।
चैंपियंस ट्रॉफी में रविवार को भारत और पाकिस्तान के बीच एजबेस्टन में हाईवोल्टेज मुकाबला हुआ। पाकिस्तान ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला लिया। भारत ने 3 विकेट खोकर 319 रन बनाए।
पाकिस्तान को डकवर्थ लुईस नियम के तहत पहले तो 324 रन का टारगेट मिला, लेकिन जब तीसरी बार बारिश के चलते मैच रोकना पड़ा तो लक्ष्य बदलकर 41 ओवर में 289 रन कर दिया गया।
अजहर अली ने पाकिस्तान को काफी हद तक संभालने की कोशिश की, लेकिन अर्धशतक पूरा करते ही वह रवींद्र जडेजा की गेंद पर कैच आउट हो गए। टीम की बल्लेबाजी इतनी लचर रही कि महज 131 रन पर आधी टीम पवेलियन लौट गई।
बात अगर पहली पारी की करें तो भारत की बल्लेबाजी शुरुआती ओवरों में बेहद धीमी रही। बारिश ने 10वें ओवर में मैच में खलल डाल दिया था।
हालांकि इसके बाद ओवर में बिना किसी कटौती के मैच फिर से शुरू हुआ। रोहित शर्मा और शिखर धवन के बीच पहले विकेट के लिए 136 रन की साझेदारी हुई। शिखर धवन 68 रन बनाकर कैच आउट हुए।
भारत ने 33.1 ओवर में एक विकेट खोकर 173 रन बना लिए थे और इसी के साथ फिर से बारिश शुरू हो गई।
मैच दोबारा शुरू तो हुआ, लेकिन 2-2 ओवर की कटौती के साथ।
रोहित शर्मा बेहतरीन पारी खेल रहे थे, लेकिन 91 रन पर वो रन आउट हो गए। इसके बाद कप्तान कोहली (81) और युवराज सिंह (53) के बीच 93 रन की जबरदस्त साझेदारी हुई।
आखिरी ओवर में हार्दिक पांड्या ने इमाद वसीम के ओवर में लगातार तीन छक्के जड़े, जिसकी बदौलत भारत ने निर्धारित 48 ओवरों में 319 रन बनाए।
पाकिस्तान की ओर से गेंदबाजी करते हुए हसन अली और शादाब खान महज 1-1 विकेट ही झटक सके। उनके अलावा वहाब रियाज 8.4 ओवर में 87 रन देने वाले सबसे महंगे गेंदबाज रहे।
आस्ट्रेलिया की महान टेनिस खिलाड़ी मारग्रेट कोर्ट ने दावा किया है कि टेनिस महिला समलैंगिकों से भरा पड़ा है और ट्रांसजेंडर बच्चे 'शैतान' का काम है।
मारग्रेट के इस बयान से समलैंगिकता को लेकर उनके नजरिये को लेकर चल रहा विवाद और बढ़ गया है। अब इसाई पादरी 24 बार की ग्रैंडस्लैम चैम्पियन मारग्रेट को पिछले हफ्ते आलोचना का सामना करना पड़ा था जब उन्होंने कहा था कि वह कंटास विमान कंपनी से जहां तक संभव हो, यात्रा नहीं करेंगी क्योंकि उसने समान लिंग में विवाह का समर्थन किया है।
मार्टिना नवरातिलोवा ने इसके बाद आस्ट्रेलिया ओपन से आग्रह किया था कि वे अपने स्टेडियम से मारग्रेट का नाम हटाए और इसका रिकल होगेनकैंप ने समर्थन किया था जो टेनिस में समलैंगिक पुरूष खिलाड़ी हैं।
मारग्रेट ने कहा, ''मेरे कहने का मतलब है कि टेनिस समलैंगिक महिला खिलाड़ियों से भरा पड़ा है। जब मैं खेलती थी तब भी कुछ खिलाड़ी थी, लेकिन ये लोग युवाओं को पार्टी और अन्य जगह ले जाया करते थे।''
इसी खबर के साथ आपको एक और विवादित खबर बता दें कि हाल ही में एक फ्रांसीसी टेनिस खिलाड़ी ने लाइव प्रसारण के दौरान एक रिपोर्टर को किस करने की कोशिश की।
यूरोस्पोर्ट्स की पत्रकार मेली थामस को मैक्सिमी हामौ ने पकड़कर दो बार उनकी गर्दन पर किस करने की कोशिश की। रोलांड गैरोस पर हुए इस मामले के बाद 21 साल के टेनिस खिलाड़ी मैक्सिमी हामौ को एक टूर्नामेंट के लिए बैन कर दिया गया। ऐसा उनके व्यवहार को देखते हुए किया गया है।
मेली मैक्सिमी के पहले राउंड में खेलने के बाद उनका इंटरव्यू ले रही थीं। उसी दौरान मैक्सिमी ने मेली को किस करने की कोशिश की।
मेली ने एक अंग्रेजी अखबार से कहा कि अगर उस समय मैं ऑन एयर नहीं होती तो मैं उनको एक पंच जरूर मारती।
रोलांड गैरोस पर ऑर्गेनाइजर्स द्वारा निर्वासित होने वाले मैक्सिमी हामौ दुनिया के 287 वें खिलाड़ी हैं। रोलांड गैरोस की तरफ से एक बयान में कहा गया कि टूर्नामेंट निदेशकों ने एक पत्रकार के साथ ऐसा व्यवहार करने के बाद मैक्सिमी हामौ की मान्यता रद्द करने का फैसला लिया।
वहीं यूरोस्पोर्टस के एक प्रवक्ता ने कहा कि हामौ का यह व्यवहार बहुत ही गलत था। हमें मेली थॉमस और मैक्सिमी हामौ के बीच के साक्षात्कार के दौरान हुई घटना पर पछतावा है। मैक्सिमी का व्यवहार बहुत गलत था। हम इस तरह के व्यवहार को बिल्कुल सपोर्ट नहीं करते हैं। मेली एक जानी मानी पत्रकार हैं, किसी भी दर्शक को इससे कोई भी परेशानी हुई हो तो उसके लिए हमें खेद है।
बीसीसीआई के अधिकारियों ने टीम इंडिया के कोच पद के लिए वीरेंद्र सहवाग को आवेदन करने को कहा है। मौजूदा कोच अनिल कुंबले का कॉन्ट्रैक्ट इस महीने खत्म हो रहा है। उन्हें इसके रिन्यू होने की उम्मीद है।
बताया गया कि सहवाग से बीसीसीआई के जनरल मैनेजरों ने कोच पद के लिए आवेदन करने को कहा है।
कुंबले बीसीसीआई सदस्यों और सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त बीसीसीआई प्रशासकों से वेतन वार्ता में सबसे आगे रहे हैं। उन्होंने क्रिकेटरों, सदस्यों और सपोर्ट स्टाफ के लिए वेतन बढ़ाने की मांग भी की है। उनके कार्यकाल में टीम इंडिया ने लगातार 5 टेस्ट सीरीज जीती हैं और वह नंबर एक के पायदान तक भी पहुंची है। 100 प्रतिशत रिकॉर्ड के बावजूद बीसीसीआई ने पिछले हफ्ते कोच पद के लिए आवेदन मांगे हैं।
एक शीर्ष बीसीसीआई अधिकारी ने कहा, हमने आईपीएल के समय सहवाग से बातचीत की थी और कोच पद के लिए अप्लाई करने को कहा था। लेकिन वह इस दौड़ में अकेले नहीं होंगे। अन्य पूर्व क्रिकेटर भी इसके लिए आवेदन करेंगे।
वहीं जब संडे एक्सप्रेस ने वीरेंद्र सहवाग से इस संबंध में पूछा तो उन्होंने कहा कि उनसे अब तक कोच के लिए आवेदन करने को नहीं कहा गया है। वहीं यह भी मालूम चला है कि कुछ भारतीय खिलाड़ियों ने कुंबले के कोच बने रहने की वकालत की है। ड्रेसिंग रूम में कोच से नाखुशी की बात बीसीसीआई प्रशासकों तक पहुंचा दी गई है, लेकिन लिखित में अब तक कुछ नहीं दिया गया है।
कुंबले फिलहाल चैंम्पियंस ट्रॉफी के लिए टीम इंडिया के साथ इंग्लैंड में हैं, जहां उसका पहला मुकाबला 4 जून को पाकिस्तान से होगा।
एक बीसीसीआई अधिकारी ने कहा, बोर्ड एक बार फिर से कोच पद का चयन करना चाहता है। दूसरा कॉन्ट्रैक्ट 2019 के विश्व कप तक चलेगा। इसलिए कॉन्ट्रैक्ट की अवधि पर भी कोच नियुक्त करने से पहले विचार करना होगा।
उन्होंने बताया कि सभी आवेदकों को हाई प्रोफाइल क्रिकेट कमिटी, जिसमें सचिन तेंडुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण शामिल हैं, के सामने 31 मई के बाद पेश होना होगा।
दिलचस्प बात है कि एक साल पहले सौरव गांगुली ने कुंबले से इस पद के लिए आवेदन करने को कहा था और तत्कालीन कोच रवि शास्त्री की जगह उन्हें कोच चुना था।