भारत

राहुल का मजाक बनाने की कोशिश में मोदी और शाह से हुई गलती

उत्‍तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सूबे का सियासी पारा चरम पर है। ऐसे में हर पार्टी का बड़ा नेता, दूसरी पार्टी पर निशाना साध रहा है। हालांकि ऐसा लगता है कि बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक गलत बयान दे बैठे।

महराजगंज की रैली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तंज कसते हुए उन्‍होंने अपने समर्थकों से पूछा कि क्‍या उन्‍होंने कभी नारियल जूस जैसी चीज का नाम सुना है।

उन्‍होंने कहा, ''कांग्रेस के एक नेता बड़े कमाल के हैं। हम प्रार्थना करेंगे कि उन्हें लम्बी उम्र मिले। कल उन्‍होंने (राहुल गांधी) एक बहुत बड़ी घोषणा कर डाली… उन्‍होंने कहा कि अब वह नारियल से जूस निकालेंगे… और जूस निकालने के बाद, वह उसे इंग्‍लैंड में बेचेंगे। गरीब से गरीब बच्‍चे को भी पता होगा कि नारियल से पानी मिलता है। जूस तो नींबू, संतरे, मोसम्‍बी से मिलता है… क्‍या आपने कभी नारियल जूस देखा या सुना है? शायद मुझे जानकारी न हो मगर मुझे बताइए… नारियल केरल में पाए जाते हैं, मगर वह कहते हैं कि वह नारियल जूस निकालेंगे।''

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह जब बुधवार को मणिपुर पहुंचे तो उन्‍होंने भी राहुल गांधी पर 'नारियल जूस' को लेकर कटाक्ष किया।

अमित शाह ने कहा, ''कल यहां राहुल बाबा आए थे। इन्होंने कहा, मणिपुर के नारियल जूस को एक्सपोर्ट करेंगे। क्या आपने कभी नारियल का जूस देखा है? अरे भैया राहुल, यहां अनानास होता है नारियल नहीं होता। लगता है शायद आपको इबोबी सिंह ने ठीक से भाषण लिखकर नहीं दिया है। या फिर आपको नारियल और अनानास का अंतर मालूम नहीं है।''

प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह ने राहुल पर जिस 'नारियल जूस' के लिए तंज कसा, वह तो राहुल गांधी ने इम्‍फाल ईस्‍ट की अपनी सभा में कहा ही नहीं।

28 फरवरी की रैली में राहुल ने जो कहा, वह इस प्रकार है, ''यहां (मणिपुर में) आप नींबू उगाते हैं, नारंगी उगाते हैं, अनानास उगाते हैं… मैं उम्‍मीद करता हूं कि ऐसा दिन आएगा, जब लंदन में बैठकर कोई अनानास का जूस पियेगा और बॉक्‍स पर लेबल देखेगा 'मेड इन मणिपुर'।''

राहुल गांधी के बयान को ज्‍यादातर मीडिया संस्‍थानों ने गलत कवर किया, लेकिन हमारे मीडिया संस्थान ने ऐसा नहीं किया। नारियल और नारंगी को लेकर हुई कंफ्यूजन से ऐसा हुआ होगा। कांग्रेस पार्टी ने मोदी को जवाब देने के लिए राहुल की स्‍पीच का वीडियो जारी किया है, जिसे आप नीचे देख सकते हैं।

गुरमेहर कौर ने विरेंदर सहवाग को कहा, मेरे खिलाफ नफरत को बढ़ावा देने के लिए शुक्रिया

दिल्‍ली यूनिवर्सिटी में दो छात्र संगठनों के बीच हिंसक भिड़ंत के बाद एबीवीपी के खिलाफ सोशल मीडिया पर कैंपेन चलाने वाली गुरमेहर कौर ने खुद को पूरे आंदोलन से अलग कर लिया है। 2016 में जब उन्‍होंने भारत और पाकिस्‍तान के नेताओं से शांति वार्ता करने की अपील करता एक वीडियो बनाया था, तब कौर पहली बार चर्चा में आई थीं।

हालांकि अब उनकी एक फेसबुक पोस्‍ट ने भारत में एक अलग बहस को जन्‍म दे दिया है। कारगिल शहीद की बेटी, गुरमेहर कौर को सोशल मीडिया पर ट्रोल किया गया, उन्‍हें 'चुनावी शिगूफा' बताया गया। इस बीच, कई आवाजें उनके समर्थन में भी उठीं, मगर पूरे हंगामे से वह खुद बेहद दुखी हैं।

रेडिफ डॉट कॉम को दिए एक इंटरव्‍यू में उन्‍होंने साफ किया कि वह किसी स्‍टूडेंट यूनियन का हिस्‍सा नहीं, बस दिल्‍ली यूनिवर्सिटी की एक छात्रा भर हैं। उन्‍होंने यह भी साफ किया कि उन्‍हें जो बलात्‍कार की धमकियां मिली थीं, उनके बारे में वह निश्चित तौर पर नहीं कह सकतीं कि ऐसा एबीवीपी की तरफ से किया गया या नहीं।

गुरमेहर कौर ने बताया कि उन्‍हें फेसबुक पर रेप की धमकियां मिलीं और एक शख्‍स ने उन्‍हें कहा कि '2017 उनकी जिंदगी का आखिरी साल होगा।'

कौर के मुताबिक, उन्‍होंने शिकायत दर्ज कराने की कार्यवाही शुरू कर दी है। गुरमेहर ने बीजेपी सांसद प्रताप सिम्‍हा के ट्वीट जिसमें उन्‍होंने कौर की तुलना दाऊद इब्राहिम से की थी, पर टिप्‍पणी करने से इनकार कर दिया।

कौर के अभियान पर क्रिकेटर विरेंदर सहवाग ने चुटीला ट्वीट किया था, जिसे बॉलीवुड अभिनेता रणदीप हूडा ने भी सराहा।

इस पर कौर ने कहा कि 'मुझे मिल रही नफरत को और भड़काने के लिए मैं विरेंदर सहवाग का धन्‍यवाद करती हूं। आखिर में, मैं एक 20 साल की लड़की हूं और अगर विरेंदर सहवाग और रणदीप हूडा अपनी पोजिशन का इस्‍तेमाल मेरे खिलाफ करना चाहते हैं तो ठीक है। ये उनके लिए अच्‍छा है।'

छात्रों के प्रोटेस्ट मार्च से गुरमेहर कौर अलग हुई

रामजस कॉलेज विवाद मामले में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) पर सोशल मीडिया के जरिए टिप्पणी करने के बाद सुर्खियों में आई गुरमेहर कौर के समर्थन में दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और छात्र मंगलवार को एक प्रोटेस्ट मार्च निकालने वाले हैं। हालांकि गुरमेहर कौर ने इस अभियान से अलग होने का फैसला किया है और कहा है कि उन्हें अकेला छोड़ दिया जाए। गुरमेहर ने यह बातें मंगलवार सुबह अपने ट्विटर हैंडल पर कहीं।

उन्होंने कहा, ''मैं अभियान से अलग हो रही हूं। आप सभी को बधाई। मुझे अकेला छोड़ दो। मैंने वही कहा जो कहना चाहिए था। मैं काफी कुछ सह चुकी हूं। 20 साल की उम्र में इससे ज्यादा सहने की ताकत नहीं है।''

अभियान के बारे में बोलते हुए गुरमेहर ने लिखा, ''यह अभियान छात्रों के बारे में ना सिर्फ मेरे बारे में। प्लीज बड़ी संख्या में जाईए और मार्च में हिस्सा लीजिए। बेस्ट ऑफ लक।''

विरोधियों को जवाब देते हुए उन्होंने लिखा, ''जो लोग भी मेरी बहादुरी और साहस को लेकर सवाल उठा रहे हैं उन्हें बता दूं कि मैने जरूरत से ज्यादा बहादुरी दिखाई। लेकिन एक बात तो पक्की है, अगली बार हिंसा और धमकियों के खिलाफ बोलने से पहले हम दो बार सोचेंगे।''

20 साल की गुरमेहर कौर डीयू के लेडी श्रीराम कॉलेज में इंग्लिश (ऑनर्स) की छात्रा हैं। गुरमेहर के पिता कारगिल की जंग में शहीद हो गए थे। उन्‍होंने रामजस कॉलेज में हिंसा के बाद फेसबुक पर कैंपेन चलाया था कि जिसमें उन्होंने लिखा था, ''वह एबीवीपी से डरती नहीं हैं और उनके साथ पूरे देश के छात्र हैं।''

गुरमेहर के मुताबिक, इस कैंपेन के बाद उन्हें रेप की धमकियां मिली हैं। गुरमेहर के चर्चाओं में आने के बाद उनकी एक वीडियो भी सामने आई, जिसमें उनका कहना था कि ''पाकिस्‍तान ने उनके पिता की जान नहीं ली बल्कि युद्ध ने ली।'' उनके इस बयान पर पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने परोक्ष रूप से निशाना भी साधा था और कहा था, ''मैंने दो ट्रिपल सेंचुरीज नहीं लगाईं, मेरे बैट ने लगाईं।''

राहुल गांधी ने कारगिल शहीद की बेटी का समर्थन किया

दिल्‍ली यूनिवर्सिटी के रामजस कॉलेज में छात्र संगठनों के बीच हुई हिंसा राष्‍ट्रीय राजनीति का मुद्दा बन चुकी है। सोमवार (27 फरवरी) सरकार के कई मंत्रियों ने इस मुद्दे पर सोशल मीडिया कैंपेन शुरू करने वाले गुरमेहर कौर को लेकर बयान दिए।

हालांकि कई वामपंथी संगठनों ने गुरमेहर का समर्थन किया है। अब विपक्षी दलों की ओर से कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी ने भी गुरमेहर के पक्ष में ट्वीट किया है। राहुल के कार्यालय के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से लिखा गया, ''डर की तानाशाही के खिलाफ हम अपने छात्रों के साथ हैं। गुस्‍से, असहिष्‍णुता और ज़हालत में उठी हर आवाज के लिए एक गुरमेहर कौर होगी।''

गुरमेहर अब इस पूरी बहस का केंद्र बन गई हैं। दरअसल, रामजस कॉलेज में हुई हिंसा के खिलाफ उन्‍होंने अपनी फेसबुक प्रोफाइल पर एक तख्‍ती के साथ अपनी फोटो पोस्‍ट की थी, जिसमें लिखा था, ''मैं दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ती हूं। मैं एबीवीपी से नहीं डरती। मैं अकेली नहीं हूं। भारत का हर छात्र मेरे साथ है। हैशटैग स्टूडेंट्स अगेंस्ट एबीवीपी।''

रविवार को एक भाजपा सांसद ने गुरमेहर की तुलना 1993 मुंबई बम धमाकों के मास्‍टरमाइंड दाऊद इब्राहिम से कर डाली थी। बीजेपी सांसद प्रताप सिम्‍हा ने ट्विटर पर कौर और दाऊद की तस्‍वीर पोस्‍ट करते हुए लिखा, ''कम से कम दाऊद ने अपने राष्‍ट्र-विरोधी रवैये को सही ठहराने के लिए अपने पिता के नाम का इस्‍तेमाल नहीं किया।'' तस्‍वीर में कौर की तख्‍ती पर लिखे 'पाकिस्‍तान ने मेरे पिता को नहीं मारा, जंग ने मारा' के जवाब में दाऊद के हाथ में थमाई तख्‍ती में लिखा, ''मैंने 1993 में लोगों को नहीं मारा, बमों ने मारा।''

क्रिकेटर विरेंदर सहवाग ने भी ट्विटर पर हाथ में तख्‍ती लिए एक तस्‍वीर पोस्‍ट की है, जिसपर लिखा है, ''मैंने दो तिहरे शतक नहीं बनाए, मेरे बैट ने बनाए।'' सहवाग के ट्वीट्स का अभिनेता रणदीप हूडा ने समर्थन किया। इसके बाद कई लोगों ने दोनों को निशाना बनाया, हालांकि बड़ी संख्‍या में यूजर्स उनके पक्ष में भी नजर आए।

गुरमेहर कौर को लेकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने ट्वीट किया था, ''वे कौन लोग हैं जो इस युवा लड़की की मानसिकता को दूषित कर रहे हैं। रक्षा क्षेत्र में सामर्थ्य रखने वाला देश दुश्मन से नहीं बल्कि इन हरकतों से हारता है।''

तेज बहादुर ने पीएम मोदी के भ्रष्टाचार खत्म करने की इच्छा पर उठाए सवाल

सुरक्षाबलों के मेस में खाने की क्वालिटी पर सवाल उठाकर सुर्खियों में आने वाले तेज बहादुर यादव का फिर से एक वीडियो सामने आया है। इस बार बीएसएफ जवान ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से देश से भ्रष्टाचार खत्म करने को लेकर सवाल पूछा है।

तेज बहादुर यादव ने पोस्ट किए अपने वीडियो में कहा, ''प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछना चाहता हूं कि मैंने वीडियो में बीएसएफ का जो खाने की क्वालिटी दिखाई थी, वो सही थी, लेकिन बावजूद इसके उस पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। वीडियो डालने के बाद मुझे परेशान किया गया। ये क्यों हो रहा है? मैंने अपने विभाग में खराब खाने को लेकर हो रहा करप्शन इसलिए दिखाया क्योंकि आदरणीय प्रधानमंत्री चाहते थे कि देश से भ्रष्टाचार खत्म हो। मेरे को ही मेंटली टॉर्चर किया गया। क्या भ्रष्टाचार दिखाने का मुझे यह नहीं न्याय मिला। आप सभी लोगों से अनुरोध है कि कृपया करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछे कि क्या एक जवान ने खाने का भ्रष्टाचार दिखाया क्या उसका यहीं न्याय है कि उसको ही टार्चर किया जा रहा है, मेरा वीआरएस रोक दिया गया।"

एएनआई के मुताबिक, तेज बहादुर ने हाल ही पोस्ट किए अपने वीडियो में कहा कि मेरा दिनांक 10 जनवरी से मोबाइल जमा हो गया था। इसके बाद मुझे जानकारी मिली है कि मेरे अकाउंट से छेड़छाड़ की गई है जिसमें मेरे पाकिस्तान से कुछ दोस्त पाए गए हैं। इसलिए आप झूठी अफवाहों पर विश्वास न करें जब तक मेरा कोई वीडियो नहीं आए। हाल ही में बीएसएफ ने दिल्ली हाई कोर्ट में बताया था कि तेज बहादुर यादव द्वारा बीएसएफ के खाने को लेकर जो भी आरोप लगाए गए थे, वह गलत पाए गए। इस संबंध में कोई भी शिकायत दर्ज नहीं की गई।

गौरतलब है कि बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव ने पिछले दिनों फेसबुक पर वीडियो पोस्‍ट कर खाने की गुणवत्‍ता पर सवाल उठाए थे। यादव की नियंत्रण रेखा के पास तैनाती थी और जनवरी के पहले सप्‍ताह में उन्‍होंने आरोप लगाया था कि जो राशन जवानों के लिए आता है उसे सीनियर अधिकारी बाजार में बेच देते हैं। वहीं ड्यूटी देने वाले जवानों को घटिया खाना मिलता है। यह वीडियो वायरल होने के बाद बीएसएफ की ओर से जांच शुरू की गर्इ थी। खुद गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने जांच के आदेश दिए थे।

मोदी के मेक इन इंडिया प्‍लान को झटका, नौकरियां जाने का खतरा बढ़ा

केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ‘मेक इन इंडिया’ की चाहे चाहे जितनी भी बातें कर ले और निवेशकों का आकर्षित करने के प्लान बना ले लेकिन उसका असर होता नहीं दिख रहा है। सात साल में पहली बार भारत में निर्मित माल की बिक्री में 3.7 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। इस स्थिति से निर्माण क्षेत्र में छंटनी की आशंका बढ़ गई है, लोगों की नौकरियां जा सकती हैं और बैंकों के डिफॉल्टर्स की सूची लंबी हो सकती है। जानकारों का कहना है कि नोटबंदी से पहले जारी वैश्विक मंदी और कमजोर मांग की वजह से भारत में निर्मित वस्तुओं की मांग कम हुई है। यह गिरावट लेदर, टेक्सटाइल और स्टील सेक्टर में ज्यादा देखने को मिला है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के आंकड़ों के मुताबिक साल 2009-10 में निर्माण क्षेत्र में विकास दर 12.9 फीसदी था जो 2015-16 में घटकर 3.7 फीसदी रह गया है।

वैश्विक गिरावट की वजह से सितंबर 2016 में छमाही औद्योगिक समीक्षा के बाद इंजीनियरिंग सेक्टर की बड़ी कंपनी लार्सन एंड टुब्रो ने करीब 14000 कर्मचारियों की छंटनी की थी। इसके अलावा माइक्रोसॉफ्ट, आईबीएम और नोकिया जैसी बड़ी कंपनियों में भी साल 2016 में बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की छंटनी की खबर है। इन कंपनियों ने भी छंटनी के लिए कमजोर मांग को ही जिम्मेदार ठहराया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मेक इन इंडिया अभियान की लॉन्चिंग से ठीक एक सप्ताह बाद ही नवंबर 2014 में नोकिया ने चेन्नई में अपने दफ्तर को बंद करते हुए करीब 6600 लोगों को रातों रात बेरोजगार बना दिया था।

अर्थव्यवस्था के जानकारों का कहना है कि सरकार को मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की मदद करनी चाहिए जो सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 15-16 फीसदी की हिस्सेदारी रखते हैं और करीब 12 फीसदी कर्मचारियों को रोजगार मुहैया कराते हैं। हालांकि, साल 2015-16 में सर्विस सेक्टर में 4.9 फीसदी की तेजी दर्ज की गई है। यह पिछले वित्त वर्ष में 3.7 फीसदी था।

रिजर्व बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि निजी क्षेत्र की छोटी कंपनियां जिनकी सालाना बिक्री 100 करोड़ से कम है, वो सबसे ज्यादा प्रभावित हुई हैं। इन कंपनियों की बिक्री में पिछले सात सालों में कुछ खास बढ़ोत्तरी नहीं हुई है। इन कंपनियों की बिक्री में साल 2009-10 में 8.8 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी जो साल 2015-16 में बढ़कर 19.2 फीसदी तक पहुंच गई है।

अच्छा होता अगर बीजेपी चुनाव में मुस्लिमों को भी टिकट देती: मुख्तार अब्बास नकवी

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सभी पार्टियों ने राज्य को जीतने के लिए अपना जोर लगा रखा है। इसी बीच धर्म के मुद्दे को लेकर नए सिरे से राजनीति शुरू हो गई है।

हाल ही में केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने बीजेपी द्वारा यूपी में एक भी मुस्लिम उम्मीदवार को विधानसभा चुनावों में टिकट न देने पर अफसोस जताया है। वहीं उमा भारती के इस बयान पर पलटवार करते हुए बीजेपी सांसद विनय कटियार ने कहा कि बीजेपी को मुस्लिम वोट नहीं देते तो फिर ऐसे में हम क्यों मुस्लिमों को टिकट दें?

इसी कड़ी में तीसरा बयान केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने दिया है। उमा भारती और विनय कटियार के बयानों को लेकर उन्होंने कहा कि अच्छा होता अगर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मुस्लिमों को भी टिकट देती।

हालांकि वह पार्टी नेताओं के बीच किसी तरह का विवाद होने की बात से इंकार कर गए।

उन्होंने कहा कि बीजेपी समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलने में विश्वास रखती है और पार्टी की राज्य में सरकार बनने पर मुस्लिम समुदाय के लोगों को इसकी भरपाई की जाएगी।

इसके अलावा नकवी ने कहा, ''जहां तक सवाल टिकट का है तो स्थिति बेहतर हो सकती थी (मु्स्लिमों को टिकट दिए जाते)।'

इसके अलावा मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि प्रदेश में सरकार बनने पर हम उनकी (मुस्लिमों) परेशानियों को दूर करेंगे और उन्हें इसकी भरपाई की जाएगी।

गौरतलब है कि उमा भारती ने कहा था कि बीजेपी ने एक भी मुस्लिम उम्मीदवार को चुनावों में टिकट नहीं दिया, लेकिन उन्हें विधान परिषद में सीट दे सकते हैं। इसके लिए उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से बात करने की बात भी कही।

वहीं विनय कटियार ने कहा था कि मुस्लिम बीजेपी को वोट नहीं देते तो फिर मुस्लिमों को टिकट क्यों दिए जाएं। इसके अलावा विनय कटियार ने आज (27 फरवरी) फिर से राम मंदिर को लेकर बयान दिया है जिसमें उन्होंने कहा कि अयोध्या में सब कुछ है, लेकिन राम मंदिर के बिना सब बेकार है।

मतलब साफ है कि बीजेपी उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव हार रही है।

गुजरात में आईएसआईएस से जुड़े दो संदिग्ध गिरफ्तार

आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने रविवार को गुजरात के राजकोट और भावनगर से दो संदिग्ध आईएसआईएस के आतंकियों को गिरफ्तार किया है।

सूत्रों के मुताबिक, दोनों भाई हैं और अगले कुछ दिनों में गुजरात में धार्मिक स्थानों पर सिलसिलेवार बम धमाके करने की कथित रूप से साजिश रच रहे थे।

एटीएस के पुलिस उपाधीक्षक केके पटेल ने कहा, एक गुप्त सूचना के आधार पर गुजरात एटीएस टीम ने आईएसआईएस के साथ संबंध को लेकर दो संदिग्ध आतंकियों को पकड़ा है।

उन्होंने कहा, दोनों भाई हैं और उनके नाम वसीम और नईम रामोदिया हैं। वसीम को राजकोट से और उसके भाई को भावनगर से गिरफ्तार किया गया।

केके पटेल ने बताया कि एटीएस ने गत शनिवार की रात दो टीम बनाई और उन दोनों को पकड़ा। दोनों भाई बम बनाने वाली सभी सामग्री के साथ तैयार थे और अगले दो दिनों में धार्मिक स्थानों पर धमाके करने की साजिश कर रहे थे।

केके पटेल के अनुसार, दोनों संदिग्ध की गिरफ्तारी से एक बड़ा आतंकी हमला टल गया। दोनों के पास से गन पाउडर, बैटरी के साथ देशी बम और नकाब बरामद हुए हैं। पुलिस ने कंप्यूटर भी जब्त किए हैं। इनमें आपत्तिजनक और प्रतिबंधित सामग्री थी।

उन्होंने कहा, वे टि्वटर और अन्य सोशल मीडिया नेटवर्कों के माध्यम से देश के बाहर आईएसआईएस कार्यकर्ताओं के संपर्क में थे। एटीएस वर्ष 2015 से ही उन पर नजर रखे हुए थी।

एटीएस के पुलिस अधीक्षक हिमांशु शुक्ला ने कहा, यह सच है कि चोटिला मंदिर उनके निशाने पर था। हाल ही में वसीम ने इस मंदिर की रेकी भी की थी। दोनों से पूछताछ की जा रही है। हालांकि, उन्होंने आगे की जांच को ध्यान में रखकर फिलहाल इस संबंध में ज्यादा जानकारी देने से इनकार कर दिया।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, दोनों भाई सौराष्ट्र क्रिकेट संघ (एससीए) से जुड़े एक अंपायर आरिफ रामोदिया के बेटे हैं। राजकोट निवासी आरिफ हाल ही में सौराष्ट्र विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त हुए हैं। उनका बड़ा बेटा वसीम अलंग में शिपब्रेकिंग यार्ड से जुड़े रोजगार में था। वहीं, छोटा बेटा नईम बीसीए (बैचलर ऑफ कम्प्यूटर एप्लीकेशन) का छात्र रहा है।

लालू ने कहा, उत्तर प्रदेश में अखिलेश की जीत तय है

उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में समाजवाजी पार्टी को समर्थन दे रही आरजेडी के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सपा अध्यक्ष अखिलेश की जीत तय है।

रविवार को बीजेपी पर निशाना साधते हुए लालू ने कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव फिर से सरकार बनाएंगे और इसके बाद हम बीजेपी का होलिका दहन करेंगे।

लालू ने कहा कि बीजेपी राष्ट्रीय झंडे को भूल चुकी है और उसने भगवा रंग के झंडे को अपना लिया है।

इसके बाद लालू ने कहा कि इससे पहले कि भगवा के नाम का जप करने वाली बीजेपी होली मनाए उससे पहले ही हम उसका होलिका दहन कर देंगे।

उत्तर प्रदेश से चुनाव प्रचार कर बिहार वापस लौटे लालू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री पद का जो स्तर है मोदी उस पद के स्तर से गिर कर घटिया बातें करते हैं।

इसके बाद लालू ने कहा कि यह चुनाव भारत के साथ-साथ मोदी और बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह का भी भविष्य तय करेगा।

लालू ने कहा, वह अब गधे की खूबियां बता रहे हैं। गधा तो कभी-कभी बोलता है, लेकिन हमारे प्रधानमंत्री 24 घंटे बोलते रहते हैं, किसी की सुनते ही नहीं हैं।

उत्तर प्रदेश के रायबरेली में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए लालू ने कहा था कि मोदी दावा करते हैं कि वह उत्तर प्रदेश का गोद लिया हुआ बेटा हैं, इन विधानसभा चुनावों में उनकी पार्टी की हार के साथ ही उनका प्रभाव भी खत्म हो जाएगा।

चुनावी रैलियों में मोदी के प्रचार के तौर-तरीके पर प्रहार करते हुए लालू ने कहा था कि प्रधानमंत्री खोखली बातें करते हैं।

वहीं लालू ने मोदी पर तंज कसते हुए कहा था कि पीएम मोदी कहते हैं कि मेरा क्या है? झोला उठाकर चल दूंगा, लेकिन ये नहीं बताया कि इस झोले में अंबानी, अडाणी के अलावा और कौन-कौन से झोल-झमेले भरे हुए हैं।

लालू ने कहा, दुनिया चांद पर जाने के लिए कदम बढ़ा चुकी है, किंतु मोदी सरकार सिर्फ दंगा फसाद कराने में जुटी हुई है।

वो कहते हैं बिजली नहीं आती, मैं कहता हूं तार पकड़ कर दिखा दें: अखिलेश

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक बार फिर निशाना साधा है। अखिलेश ने कहा, ''वो कहते हैं कि गोरखपुर में बिजली नहीं आती, मैं कहता हूं कि वहां का कोई बिजली का तार पकड़ कर दिखा दें, बिजली आती है या नहीं।''

भारतीय जनता पार्टी अखिलेश सरकार पर इस बात को लेकर निशाना साध रही है कि उत्तर प्रदेश में बिजली नहीं आती। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मुद्दे को उठाया था। पीएम ने कहा था कि उत्तर प्रदेश में ईद पर बिजली आती है तो दिवाली पर भी आनी चाहिए। होली पर बिजली आती है तो रमजान में भी बिजली आनी चाहिए।

साथ ही, अखिलेश यादव ने कहा, ''समाजवादियों ने बिना किसी भेदभाव के विकास किया है। मैं इस पर बहस करने के लिए तैयार हूं। देश के किसान सोच रहे हैं कि यूपी के बहाने उनका कर्ज माफ हो जाए। कहीं यूपी के किसान से वोट लेने के लिए आपने इनसे ये बात को नहीं की? आपने मन की बात की, लेकिन यूपी की जनता इंतजार कर रही है कि आप कब काम की बात करेंगे।"

इसके अलावा अखिलेश यादव ने रविवार को महाराजगंज में रैली को संबोधित करते हुए काशी में बिजली नहीं आने के आरोप पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती दी कि अगर काशी में 24 घंटे बिजली नहीं आ रही तो मोदी गंगा मैया की कसम खाकर ये बात कहें।

अखिलेश ने चुनावी जनसभा में कहा, ''हमने जितनी बिजली रमजान पर दी, उससे अधिक दीवाली पर दी और क्रिसमस पर भी दी, जब किसी से सच बुलवाना होता है तो कहते हैं कि खाओ गंगा मैया की कसम। वाराणसी से चुनाव लड़ते समय पीएम ने कहा था कि गंगा मैया ने हमें बुलाया है, अगर काशी में 24 घंटे बिजली नहीं आ रही तो पीएम खाएं गंगा मैया की कसम।''

रैली में कांग्रेस के साथ गठबंधन पर अखिलेश ने कहा कि कांग्रेस के साथ हमारा सहयोग है। समाजवादी लोग वैसे तो जब साइकिल चलाते हैं तो अपने आप पैडल मारकर साइकिल चला लेते हैं। जब जोश और उत्साह में होते हैं तो हैंडिल छोड़कर भी चला लेते हैं। अब तो हैंडल पर कांग्रेस पार्टी का भी हाथ लग गया है तो बताओ साइकिल की रफ्तार कितनी होगी?