भारत

नोटबंदी और कड़े वीजा नियमों की वजह से आईआईटी और आईआईएम में नौकरियां घटी

नोटबंदी की वजह से मांग में कमी आई है जिसका असर कंपनियों पर हुआ है। साथ ही अमेरिका और ब्रिटेन की सरकार द्वारा संरक्षणवाद को बढ़ावा देने से भारतीय आईटी कंपनियां डरी हुई हैं जिससे नई नौकरियों नहीं मिल रहीं।

भारत के सभी आईआईटी संस्थानों में कैंपस प्लेसमेंट की देखरेख करने वाले पैनल आईआईटी प्लेसमेंट कमिटी के संयोजक कौसतुभा मोहंती ने कहा, कैंपस प्लेसमेंट में शामिल होने वाली कंपनियों की संख्या में इजाफा तो हुआ है, लेकिन छात्रों को मिलने वाले नौकरियों की संख्या में गिरावट आई है। हालांकि इसका सही आंकड़ा प्लेसमेंट की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही मिलेगा।

एचआर आउटसोर्सिंग एंड टेक्नोलॉजी फर्म पीपलस्ट्रॉन्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 तक छात्रों को कैंपस प्लेसमेंट से नौकरी मिलने की दर में 20-25 फीसदी की गिरावट आ सकती है।

पीपलस्ट्रॉन्ग के सीईओ पंकज बंसल ने कहा, अगले एक साल में कैंपस प्लेसमेंट में कमी आएगी। वैश्विक अर्थव्यवस्था में गिरावट से आईटी कंपनियां नई नौकरियों में कटौती करेंगी।

आईआईएम, तिरूचिरापल्ली के अभिषेक तोतावर ने कहा, पिछले साल की तुलना में इस साल प्लेसमेंट में कमी आई है।

भारत के प्रमुख इंजीनियरिंग और बिजनेस कॉलेजों के प्लेसमेंट में कमी आई। पीपलस्ट्रॉन्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 तक प्लेसमेंट में 20 से 25 फीसदी की गिरावट आई है।

पीपलस्ट्रॉन्ग के पंकज बंसल ने कहा, नोटबंदी के बाद नई कंपनियां भी प्रभाव में आई हैं और रोजगार की संभावना घट गई है। कॉलेज प्लेसमेंट में गिरावट के दौर में इंस्टीट्यूट को चाहिए कि वह प्रोग्राम में बदलाव और कौशल विकास पर ध्यान दें।

पीपलस्ट्रॉन्ग के सर्वे में सामने आया कि 40 फीसदी कंपनियां लगभग एक साल के अनुभव वाले लोगों को ही नौकरी देना चाहती हैं।

मैनेजमेंट डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट गुड़गांव में प्रोफेसर कनवाल कपिल ने कहा, टीसीएस और इंफोसिस इससे पहले स्नातकों को कंसल्टिंग की नौकरी दे रही थीं, लेकिन इस साल वह भी कैंपस में नहीं आईं।

एफएमसीजी कंपनियों पर नोटबंदी के असर से इस क्षेत्र में नई नौकरियां नहीं मिल रही हैं।

उत्तर प्रदेश में 65.5 फीसदी वोटिंग, उत्तराखंड में 68 फीसदी मतदान

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में बुधवार को छिटपुट घटनाओं के बीच 65 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ। मुख्य निर्वाचन अधिकारी टी वेंकटेश ने बताया कि दूसरे चरण में सहारनपुर, बिजनौर, मुरादाबाद, सम्भल, रामपुर, बरेली, अमरोहा, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, शाहजहांपुर तथा बदायूं जिले की 67 सीटों पर 65 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ।

इसके साथ ही इस चरण में कुल 720 उम्मीदवारों का चुनावी भाग्य इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों में बंद हो गया। उत्तर प्रदेश में गत 11 फरवरी को हुए पहले चरण में 64 प्रतिशत मतदान हुआ था।
    
वहीं एक और राज्य उत्तराखंड की 69 विधानसभा सीटों पर 68 फीसदी से ज्यादा मतदान दर्ज किया गया। मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग करके 628 प्रत्याशियों का भविष्य ईवीएम में कैद कर दिया।

उत्तराखंड निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, शाम पांच बजे मतदान का समय खत्म होने तक प्रदेश में 68 फीसदी से ज्यादा मतदान रिकार्ड हो चुका था।

हालांकि, मतदान स्थलों के बाहर मतदाताओं के कतारों में लगे होने की वजह से इस संबंध में अंतिम आंकड़े बाद में आ पाएंगे।

शशिकला का आत्मसमर्पण, नई पहचान कैदी संख्या 3295

बेंगलुरु की परपप्ना अग्रहारा जेल में शशिकला कैदी संख्या 3295 के रूप में जानी जाएंगी। दरअसल जेल प्रशासन ने यही कैदी संख्या उन्हें आवंटित किया है। इसी प्रकार मामले के दो अन्य दोषी इलरवासी और दिनकरण कैदी संख्या 3296 और 3297 के रूप में जाने जाएंगे।

बुधवार की शाम को तीनों आरोपियों की जेल प्रशासन ने मेडिकल परीक्षण कराया और इसके बाद नियमों के मुताबिक प्लेट, गिलास, कंबल आवंटित किया।

सूत्रों की मानें तो शशिकला को जेल में टीवी, टेबल फैन और गद्दा भी मुहैया कराया गया हैं। हालांकि, अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की है।

सूत्रों ने बताया कि शशिकला ने श्रम के रूप में मोमबत्ती और अगरबत्ती बनाने का काम चुना है। इसके लिए उन्हें रोजाना 50 रुपये की मजदूरी मिलेगी और रविवार को भी काम करना होगा।

इससे पहले अन्नाद्रमुक महासचिव शशिकला ने जज से ए श्रेणी की बैरक और 24 घंटे मेडिकल सुविधा की मांग की थी जिसे विशेष अदालत ने खारिज कर दिया। शशिकला को अब दो अन्य महिला कैदियों के साथ एक कोठरी में रहना होगा।

अन्नाद्रमुक महासचिव वी के शशिकला ने आय से अधिक संपत्ति मामले में मिले चार साल कैद की सजा काटने के लिए बुधवार शाम को बेंगलुरु में आत्मसमर्पण कर दिया।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने आत्मसमर्पण के लिए मोहलत देने की याचिका खारिज करते हुए तत्काल जेल जाने का आदेश दिया था।

शशिकला ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद सड़कमार्ग से आत्मसमर्पण के लिए बेंगलुरु रवाना हुई। इससे पहले वह जयललिता और अन्नाद्रमुक संस्थापक एमजी रामचंद्रण के स्मारक पर जाकर अपनी श्रद्धाजंलि अर्पित की।

बेंगलुरु में परपप्ना अग्रहारा जेल में ही बनाई गई विशेष अदालत के समक्ष उन्होंने शाम करीब साढे पांच बजे आत्मसमर्पण किया। मामले में दोषी ठहराए गए इलवरासी और सुधाकरण ने भी आत्मसमर्पण कर दिया है।

इस बीच उनके वकील ने कहा कि अब शशिकला सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर नहीं करेंगी।

बेंगलुरु की जिस जेल में शशिकला आत्मसमर्पण करने पहुंची, वहां पर कुछ उपद्रवियों ने तमिलनाडु की पंजीकृत गाड़ियों पर हमला कर दिया। अपृष्ट खबर के मुताबिक, शशिकला के वकील के वाहन पर भी हमला किया गया।

बेंगलुरु में चल रहे एयरो शो की वजह से हवाई अड्डा बंद था इसलिए शशिकला चेन्नई से बेंगलुरु सड़क मार्ग से पहुंची।

शशिकला को आत्मसमर्पण करने से दो सप्ताह की छूट देने की गुहार लेकर बुधवार को पहुंचे वरिष्ठ अधिवक्ता केटीएस तुलसी की सुप्रीम कोर्ट ने कोई दलील नहीं सुनी।

शीर्ष अदालत ने कहा, शशिकला को तत्काल आत्मसमर्पण करना होगा। हम इस मामले पर कोई सुनवाई नहीं करेंगे। जस्टिस पीसी घोष के नेतृत्व वाली पीठ के समक्ष बुधवार को शशिकला की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता केटीएस तुलसी पेश हुए। उन्होंने मामले में त्वरित सुनवाई की मांग करते हुए शशिकला को आत्मसमर्पण करने के लिए कुछ मोहलत देने की मांगी की ताकि वह अपने कामकाज की व्यवस्था कर सकें।

तुलसी अपनी बात रख ही रहे थे कि अदालत ने हस्तक्षेप करते हुए कहा, हम इस पर कोई आदेश नहीं देना चाहते। हम फैसले में कोई बदलाव नहीं करने जा रहे। माफ कीजिये। हमने जो इतना लंबा आदेश दिया है उसमें सब कुछ पहले ही लिख दिया गया है और उसमें सभी बातें कही गई है। मैं एक भी शब्द बदलने नहीं जा रहा।

शशिकला की दिनभर की गतिविधि
- 10:41 बजे सुबह शीर्ष अदालत ने शशिकला को सरेंडर के लिए मोहलत देने की याचिका खारिज की
- 11: 48 बजे शशिकला पोएस गार्डन स्थित आवास से निकली, 12 बजे जयललिता की समाधि पर पहुंची
- 12: 56 बजे अन्नाद्रमुक प्रमुख चेन्नई के टीनगर स्थित एमजीआर मेमोरियल हाउस गईं, वहां से बेंगलुरु रवाना
- 5:15 बजे शाम शशिकला बेंगलुरु के परपप्ना अग्रहारा जेल पहुंची, 5: 40 बजे किया आत्मसमर्पण।

इसरो ने एक साथ 104 सैटेलाइट अंतरिक्ष में भेजकर इतिहास रचा

आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक और कामयाबी हासिल कर ली। इसरो ने पीएसएलवी-सी37 से एक साथ 104 उपग्रह प्रक्षेपित कर नया कीर्तिमान स्थापित किया।

इसरो का यह मिशन भारत की अंतरिक्ष में एक मजबूत मौजूदगी दर्ज करवाएगा। इसरो ने पीएसएलवी-सी 37 के जरिए सुबह 9 बजकर 28 मिनट पर 104 उपग्रहों को प्रक्षेपित किया।

अब तक रूस के पास एक साथ सबसे अधिक उपग्रह छोड़ने का रिकॉर्ड है। उसने 37 उपग्रहों को एक साथ प्रक्षेपित कर यह मुकाम हासिल किया था। इसरो भी जून 2015 में एक साथ 23 उपग्रह प्रक्षेपित कर अपनी काबलियत साबित कर चुका है।

इस मिशन में मुख्य उपग्रह 714 किलोग्राम वजन वाला कार्टोसेट-2 सीरीज उपग्रह है जो इसी सीरीज के पहले प्रक्षेपित अन्य उपग्रहों के समान है।

इसके अलावा इसरो के दो तथा 101 विदेशी अति सूक्ष्म (नैनो) उपग्रहों का भी प्रक्षेपण किया गया है जिनका कुल वजन 664 किलोग्राम है।

विदेशी उपग्रहों में 96 अमेरिका के तथा इजरायल, कजाखस्तान, नीदरलैंड, स्विटजरलैंड और संयुक्त अरब अमीरात के एक-एक उपग्रह शामिल हैं।

इसरो के इस मिशन में सैन फ्रांसिस्को की एक कंपनी के 88 छोटे सैटेलाइट लॉन्च किए गए।

भारत द्वारा ही विकसित ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान इसरो का सबसे विश्वस्त रॉकेट है। पीएसएलवी-सी 37 इस श्रेणी के रॉकेट का 39वां मिशन है।

अब तक पीएसएलवी की मदद से 38 मिशन को अंजाम दिया जा चुका है।

कार्टोसेट-2 सीरीज का उपग्रह धरती की निगरानी के इस्तेमाल में आएगा। इसके अलावा दो नैनो उपग्रह आईएनएस-1ए और आईएनएस-1बी को भी कक्षा में स्थापित किया।

इसरो ने इस मिशन में सबसे भारी PSLV का इस्तेमाल किया है। PSLV-37 का वज़न 320 टन, ऊंचाई 44.4 मीटर है।

88 छोटे सैटेलाइटों का इस्तेमाल धरती की तस्वीरों के लिए किया जाएगा।

इसरो का यह रॉकेट 15 मंजिला इमारत जितना ऊंचा है।

जम्मू-कश्मीर: बांदीपुरा-हंदवाड़ा में सेना ने 4 आतंकी मार गिराए, तीन जवान शहीद

जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में मंगलवार शाम को सेना के जवानों और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने तीन आतंकियों को मार गिराया। इस मुठभेड़ में सेना का एक मेजर भी घायल हुआ है।

बताया जा रहा है कि सेना को सूचना मिली थी कि कुछ आतंकी हंदवाड़ा के रिहायशी इलाके में छुपे हुए हैं। इस सूचना के आधार पर सेना ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया। इस दौरान आतंकियों ने सेना पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। सेना ने इसकी जवाबी कार्रवाई में तीन आतंकियों को मार गिराया। सेना का सर्च ऑपरेशन अभी भी जारी है।

बांदीपुरा मुठभेड़
उत्तर कश्मीर के बांदीपुरा जिले में आतंकवादियों एवं सुरक्षा बलों के बीच आज हुई मुठभेड़ में एक आतंकी मारा गया, जबकि सुरक्षा बलों के तीन जवान शहीद हो गए।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आज तड़के शुरू हुई गोलीबारी में सुरक्षा बलों के छह अन्य जवान और एक आम नागरिक जख्मी हो गए।

अधिकारी ने कहा कि सुरक्षा बलों ने आतंकियों की मौजूदगी की सूचना मिलने पर आज सुबह हाजिन क्षेत्र के पारे मोहल्ला को घेर लिया।

उन्होंने बताया कि सुरक्षा बल आतंकियों के नजदीक पहुंच ही रहे थे कि मुठभेड़़ शुरू हो गई। आतंकियों के साथ गोलीबारी में सुरक्षा बलों के नौ जवान जख्मी हो गए जिनमें से तीन की बाद में मौत हो गई। इस दौरान एक आतंकी भी मारा गया जिसकी अभी पहचान नहीं हो सकी है।

शशिकला ने पलानीसामी को अपना उत्तराधिकारी बनाया, सेल्वम समेत कई नेता पार्टी से बर्खास्त

भारत के सुप्रीम कोर्ट द्वारा अन्नाद्रमुक महासचिव वीके शशिकला को चार साल की सजा सुनाने के बाद पार्टी ने शशिकला के करीबी ई पलानीसामी को विधायक दल का नया नेता चुना है। साथ ही, तमिलनाडु के कार्यवाहक मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम को पार्टी ने निकाल दिया गया है।

इतना ही नहीं, शशिकला ने पनीरसेल्वम का साथ देने वाले प्रदेश के शिक्षा मंत्री के पांडिराजन और अन्य तीन नेताओं को भी पार्टी से बर्खास्त कर दिया है।

कोर्ट के फैसले के बाद भी शशिकला के बाद गिरफ्तारी की तलवार लटकने के बावजूद शशिकला ने रिजॉर्ट में ठहरे विधायकों के साथ बैठक की और आगे की रणनीति तय की। बैठक में ई पलनिसामी को विधायक दल का नेता चुना गया।

इसके अलावा पनीरसेल्वम की पार्टी की प्राथमिक सदस्यता खत्म करने का ऐलान कर दिया गया। इतना ही नहीं, शिक्षा मंत्री के पांडिराजन के अलावा पीएच पांडियन, एन विशवानाथन और वरिष्ठ नेता सी पोन्नैयन को भी पार्टी से बर्खास्त कर दिया गया ।

आय से अधिक संपत्ति मामले में शशिकला को दोषी ठहराये जाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दीपा पेरावई मंच ने पटाखे जलाकर और मिठाइयां बांटकर इसका स्वागत किया। दीपा पेरावई तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता की भतीजी दीपा जयकुमार के समर्थकों का मंच है। पेरावई के पुडुचेरी इकाई के संयोजक पी एम भास्कर ने कहा, यह एक अभूतपूर्व फैसला है और सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले ने लोकतंत्र को तहस-नहस करने की शशिकला की मंशा को चूर-चूर कर दिया है।

बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने अन्नाद्रमुक महासचिव वी के शशिकला और अन्य को आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपति के मामले में दोषी करार देने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि 20 साल लंबे इंतजार का फल मिला है और इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि किस दल ने भ्रष्टाचार किया है, अदालत कड़ा रूख अपनाएगी। जनता पार्टी के तत्कालीन प्रमुख के रूप में इस संबंध में 1996 में पहली शिकायत दर्ज कराने वाले स्वामी ने कहा, हम इसके लिए 20 साल लड़े हैं।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा वी के शशिकला को दोषी ठहराए जाने के कुछ ही मिनटों बाद अन्नाद्रमुक ने पार्टी महासचिव का समर्थन करते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा जयललिता का बोझ अपने ऊपर उठाया है।

सुप्रीम कोर्ट ने आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति रखने के मामले में शशिकला को आज दोषी करार दिया। न्यायालय ने 19 साल पुराने मुकदमे में उन्हें बरी करने वाले कनार्टक हाई कोर्ट के फैसले को दरकिनार कर दिया। इस मामले में दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिता भी आरोपी थीं।

द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन ने वीके शशिकला को दोषी करार देने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए राज्यपाल सीएच विद्यासागर राव से अनुरोध किया कि वह तमिलनाडु में स्थिर सरकार बनाने की दिशा में कदम उठाएं। स्टालिन ने कहा, लंबे समय के बाद न्याय हुआ है, करीब दो दशक के बाद। यह ऐतिहासिक फैसला है। उन्होंने कहा कि यह फैसला दिखाता है कि नेताओं को सार्वजनिक जीवन में कैसा होना चाहिए।

वी के शशिकला को आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद तमिलनाडु में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। चेन्नई से लगभग 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित रिजॉर्ट में पुलिस की मौजूदगी खासतौर पर बढ़ा दी गई। शशिकला को समर्थन देने वाले विधायक पिछले कुछ दिनों से यहीं रह रहे हैं। शशिकला खुद भी रात को रिजॉर्ट में ही रूकी थीं। चेन्नई और राज्य के अन्य हिस्सों में पुलिस सड़कों पर अधिक चौकसी बरतते दिखी।

शशिकला का राजनैतिक कैरियर ख़त्म: अब सीएम नहीं बन पाएंगी

भारत में तमिलनाडु में जारी राजनीतिक घमासान के बीच आज एआईएडीएमके की महासचिव वीके शशिकला को सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। आय से अधिक संपत्ति मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शशिकला को चार साल की सजा सुनाई है जिसके बाद शशिकला के मुख्यमंत्री बनने का सपना टूट गया। अब उन्हें जेल जाना होगा।

इस मामले में कोर्ट ने शशिकला पर 10 करोड़ का जुर्माना भी लगाया है। वह 10 साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगी। इसी मामले में शशिकला के दो रिश्तेदार इलावरसी और सुधाकरण को भी कोर्ट ने दोषी पाया है और इन्हें भी चार साल की सजा सुनाई गई है।

सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति पीसी घोष और न्यायमूर्ति अमिताव रॉय वाली दो न्यायाधीशों की पीठ ने शशिकला और उनके दो रिश्तेदारों को बेंगलुरू स्थित निचली अदालत में समर्पण करने तथा चार वर्ष कारावास की सजा का बचा हुआ हिस्सा पूरा करने का निदेर्श दिया।

इस फैसले के बाद शशिकला अब विधायक नहीं बन सकती हैं और ऐसे में वह मुख्यमंत्री भी नहीं बन सकेंगी। पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि ऑन रेकॉर्ड रखे गए दस्तावेजों और साक्ष्यों के आधार पर हम हाई कोर्ट के फैसले और आदेश को दरकिनार करते हुए सभी आरोपियों को दोषी करार देने वाले निचली अदालत के फैसले को बहाल करते हैं।

पीठ ने कहा, चूंकि जयललिता का निधन हो चुका है, इसलिए उनके खिलाफ कार्यवाही बंद की जाती है।

सुप्रीम कोर्ट जे जयललिता के पांच दिसंबर को हुए निधन को ध्यान में रखते हुए उनके खिलाफ दायर अपीलों पर कार्यवाही खत्म कर दी है। अब उनके खिलाफ केस नहीं चलेगा।

1991-1996 के बीच जयललिता के मुख्यमंत्री रहते समय आय से अधिक 66 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित करने के मामले में  सितंबर 2014 में बेंगलुरु की स्पेशल कोर्ट ने जयललिता, शशिकला और उनके दो रिश्तेदारों को चार साल की सजा और 100 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। इस मामले में शशिशकला को उकसाने और साजिश रचने की दोषी करार दिया गया था। लेकिन मई, 2015 में कर्नाटक हाईकोर्ट ने जयललिता और शशिकला समेत सभी को बरी कर दिया था। इसके बाद कर्नाटक सरकार, डीएमके और सुब्रमण्यम स्वामी ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

सुप्रीम कोर्ट ने चार महीने की सुनवाई के बाद पिछले साल जून में अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। सुप्रीम कोर्ट में कर्नाटक सरकार की दलील थी कि हाईकोर्ट का फैसला गलत है और हाईकोर्ट ने बरी करने के फैसले में मैथमैटिकल एरर किया है। सुप्रीम कोर्ट को हाईकोर्ट के फैसले को पलटना चाहिए ताकि ये संदेश जाए कि जनप्रतिनिधि होकर भ्रष्टाचार करने पर कड़ी सजा मिल सकती है।

शशिकला पांच फरवरी को अन्नाद्रमुक विधायक दल की नेता चुनी गयीं। अब अगले 10 साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगी। इस तरह उनके मुख्यमंत्री बनने की उनकी महत्वाकांक्षा पर पानी फिर गया।

शशिकला से जयललिता की मुलाकात 1980 के दशक में हुई थी। तब वो पार्टी की प्रचार सचिव थीं। शशिकला एआईएडीएमके प्रमुख जयललिता की सबसे करीबी थीं और जयललिता उन पर बेहद विश्वास करती थीं। करीब तीन दशकों तक दोनों के बीच गहरी दोस्ती रही। कुछ लोग शशिकला को जयललिता की परछाई कहा करते थे।

2011 में शशिकला पर जयललिता को धीमा जहर देकर मारने की कोशिश करने का गंभीर आरोप लगा। आरोप था कि शशिकला जयललिता की हत्या के बाद अपने पति नटराजन को मुख्यमंत्री बनते देखना चाहती थीं।
इसके बाद जयललिता ने शशिकला को पार्टी से निकाल दिया और उनसे पूरी तरह दूरी बना ली।

हालांकि बाद में शशिकला ने उनसे माफी मांग ली। जयललिता का दिल पिघल गया और उन्होंने शशिकला को माफ कर दिया।

आय से अधिक संपत्ति मामले में शशिकला को चार साल की कैद

आय से अधिक संपत्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एआईएडीएमके के महासचिव वी के शशिकला को चार साल की सजा सुनाई है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शशिकला के दो रिश्तेदारों को भी चार साल की सजा सुनाई है। इस मामले में तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता भी आरोपी थीं।

हालांकि उनका निधन होने के चलते उनके खिलाफ चल रही सभी कार्यवाही पर रोक लगा दी गई है। वैसे जयललिता और शशिकला समेत चारों लोगों के खिलाफ यह याचिका 1996 में भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने दाखिल की थी।

1996 में तत्कालीन जनता पार्टी के नेता और अब भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने मुकदमा दायर कर आरोप लगाया था कि जयललिता ने 1991 से 1996 तक सीएम पद पर रहते हुए 66.44 करोड़ रुपए की बेहिसाब संपत्ति इकट्ठा की थी।

जब मामला बेंगलुरू की स्पेशल कोर्ट में पहुंचा तो अभियोजन पक्ष ने जयललिता की संपत्ति का ब्योरा दिया।

उन्होंने कहा, जयललिता, शशिकला और बाकी दो आरोपियों ने 32 कंपनियां बनाईं जिनका कोई कारोबार नहीं था। ये कंपनियां सिर्फ काली कमाई से संपत्तियां खरीदती थीं।

इन कंपनियों के जरिए नीलगिरी में 1000 एकड़ और तिरुनेलवेली में 1000 एकड़ की जमीन खरीदी गई। जयललिता के पास 30 किलोग्राम सोना, 12 हजार साड़ी थीं। उन्होंने दत्तक बेटे वी.एन. सुधाकरण की शादी पर 6.45 करोड़ रुपए खर्च किए। अपने आवास पर एडिशनल कंस्ट्रक्शन पर 28 करोड़ रुपए लगाए।

कुलगाम मुठभेड़: हिजबुल के 4 आतंकी मारे गए, 2 जवान शहीद

जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में आज सुबह से आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ जारी है। इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने हिजबुल के चार आतंकवादियों को मार गिराया है जो एक घर में छुपे हुए थे। जबकि तीन आतंकी भागने में कामयाब रहे। पुलिस ने चार हथियार भी बरामद किए हैं।

इस मुठभेड़ में सेना के दो जवान शहीद हो गए, वहीं एक पुलिसकर्मी घायल हो गया। मुठभेड़ में एक आम नागरिक की भी मौत हो गई।

दरअसल जम्मू-कश्मीर पुलिस को सूचना मिली थी कि सात अातंकियों का एक ग्रुप साउथ कश्मीर के गांव में छुपा बैठा है। इसके बाद पुलिस ने इसकी जानकारी सेना को दी।

पुलिस और सुरक्षाबलों ने संयुक्त रूप से इस सूचना के आधार पर कुलगाम के गांव में शनिवार रात से सर्च अभियान शुरू किया।

कुलगाम के कंट्रोल रूम ने बताया कि घर में छुपे हुए आतंकियों ने इसी बीच फायरिंग शुरू कर दी। स्थानीय लोगों का कहना है कि सेना ने घर को  ब्लास्ट करके आतंकवादियों को मार गिराया। तीन आतंकियों के शव को बरामद कर लिया गया है और एक आतंकी के अभी भी जख्मी हालत में छुपे होने की आशंका हैं। वहीं इस धमाके के बाद घायल तीन आतंकी इलाके से बाहर निकल गए हैं। अभी भी रूक-रूककर गोलाबारी हो रही है।

इससे पहले चार फरवरी को सोपोर में सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को मार गिराया था।

वेब वर्क कहें या एबीसी मतलब एड्सबुक्स डॉट कॉम ने सोशल ट्रेडिंग से की ठगी

भारत में दिल्ली से सटे नोएड में ऑनलाइन सोशल ट्रेडिंग के नाम पर लोगों को चूना लगाने का एक और मामला सामने आया है।

वेब वर्क ट्रेड लिंक प्राइवेट लिमिटेड नाम की इस कंपनी पर भी एब्लेज की तरह लोगों के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप लगा है।

फिलहाल वेब वर्क ट्रेड लिंक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने 20 अप्रैल तक काम बंद कर दिया है जिसके बाद इस कंपनी की पुलिस में शिकायत हुई है।

कंपनी के निवेशकों ने आरोप लगाया है कि कंपनी ने एब्लेज की तरह ही उनके साथ धोखाधड़ी की है। कंपनी के निदेशक संदेश वर्मा तथा अनुराग गर्ग ने अखबारों में विज्ञापन देकर जानकारी दी है कि कंपनी सितंबर 2016 से काम कर रही है। बैंकिंग प्रणाली में बदलाव के चलते कंपनी 20 अप्रैल तक काम नहीं कर पाएगी।

सूत्रों का कहना है कि आयकर एवं ईडी शीघ्र ही इस कंपनी की जांच शुरू कर सकते हैं।

वेब वर्क ने निवेशकों को आकर्षित करने के लिए बॉलीवुड एक्टर्स शाहरुख़ खान और नवाजुद्दीन सिद्दीकी से विज्ञापन कराए हैं।

वेब वर्क कहें या फिर एबीसी ये दोनों एक ही शख्स की कपंनी हैं जिनका संचालन नोएडा के सेक्टर 2 में डी-57 से किया जा रहा है।

सोशल मीडिया और नेट पर इनकी पहचान ADDSBOOKS.COM के नाम से की जा सकती है। इस कंपनी के जाल में फंस चुके लोग अब इनके दफ्तर के बाहर प्रदर्शन करने को मजबूर हैं।