भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को मऊ में एक जनसभा रैली को संबोधित करने आ रहे हैं। इसी बीच मऊ के एसएसपी ने काफिले पर आतंकी हमले की आशंका जताया है।
उत्तर प्रदेश पुलिस को भेजे इनपुट में एजेंसियों ने कहा है कि प्रधानमंत्री के काफिले पर रॉकेट लांचर या विस्फोटक भरे वाहन से हमला किया जा सकता है। प्रधानमंत्री कल छठे चरण के मतदान से पहले पूर्वी उत्तर प्रदेश में चुनावी सभा करने मऊ आ रहे हैं।
मऊ के एसएसपी रविंद्र सिंह ने बताया कि जिले में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। अधिकारी ने बताया कि मोदी के काफिले पर रॉकेट लांचर से हमला हो सकता है।
उन्होंने बताया कि पिछले कुछ सालों में लश्कर-ए-तोएबा और आईएसआईएस जैसे आतंकवादी संगठनों से सम्बन्धित कुछ आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया था, फिर भी वर्तमान में इन क्षेत्रों में ऐसे लोगों की उपस्थिति से इनकार नहीं किया जा सकता है।
एएसपी ने बताया कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में आतंकी संगठन बेहद सक्रिय हैं। पाकिस्तान में बैठे आतंकी पूर्वी उत्तर प्रदेश के आतंकी संगठन के साथ मिलकर इस घटना को अंजाम दे सकते हैं।
अधिकारियों को संदेह है कि पीएम मोदी को गुजरात के पूर्व गृह मंत्री के फरार हत्यारों से भी खतरा है। पुलिस ने बताया कि रसूलपती और उसके दो सहयोगी जो पाकिस्तान में बैठे है वह प्रधानमंत्री के काफिले पर रॉकेट लांचर से या विस्फोटक से हमला करने की योजना बना रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसे इनपुट पर सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी जाती है। किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए हम पूरी तरह से तैयार हैं। थल से नभ तक सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गई है। सुरक्षा को लेकर प्रशासन, वायुसेना के अधिकारी व एसपीजी के जवान पूरे दिन सक्रिय हैं।
एसएसपी ने बताया कि जनपद साम्प्रदायिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण है। जिले की पड़ोसी जिलों से सटा हुआ क्षेत्र अंडरवर्ल्ड और अंतरराष्ट्रीय अपराधियों के लिए एक सुरक्षित स्थान हो सकता है जिसमें खूंखार आतंकवादियों के जत्थे के घुसने से इंकार नहीं किया जा सकता है।
बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री का आगमन कल दिन में 12 बजे से प्रस्तावित है। दोपहर 1.30 वह सभा स्थल पर पहुंच जाएंगे। अनुमान है कि सभा में दो लाख से ज्यादा लोग पहुंच सकते हैं।
उत्तर प्रदेश के चुनाव प्रचार से दूर बीजेपी सांसद वरुण गांधी को पार्टी ने आखिरी दो चरणों के प्रचार अभियान में स्टार प्रचारकों की सूची से हटा दिया है। वरुण को पार्टी ने तीसरे, चौथे व पांचवे चरण के लिए स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल किया था।
उन्होंने एक दिन पहले ही इंदौर के एक कार्यक्रम में रोहित वेमुला व किसानों की आत्महत्या के मामले में अपनी ही सरकार को परोक्ष रूप से कठघरे में खड़ा किया था।
वरुण को बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में पहले दो चरणों के चुनाव में स्टार प्रचारकों में शामिल नहीं किया था। हालांकि, बाद में तीसरे, चौथे व पांचवे चरण में शामिल किया गया था। इन चरणों में उनके संसदीय क्षेत्र सुल्तानपुर में भी मतदान था।
हालांकि, उस सूची में भी उनका नाम आखिरी स्थान पर था। अब पार्टी ने छठे व सातवें चरण के लिए स्टार प्रचारकों की सूची से उन्हें हटा दिया है। सूत्रों के अनुसार उनकी जगह केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा का नाम जोड़ा गया है।
माना जा रहा है कि पार्टी ने वरुण को स्टार प्रचारकों में जगह न देने का फैसला उनके एक दिन पहले इंदौर में दिए भाषण के बाद किया है। इस कार्यक्रम में वरुण ने कहा था कि रोहित वेमुला का सुसाइड नोट को पढ़कर उनकी आंखों में आंसू आ गए थे। साथ ही उन्होंने किसानों की आत्महत्याओं को लेकर भी परोक्ष रूप से सरकार को घेरा था।
वरुण गांधी ने स्टार प्रचारक होने के बाद भी तीन चरणों में उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार में हिस्सा नहीं लिया। वरुण गांधी के नजदीकी सूत्रों का कहना है कि वे इन दिनों देश भर में आइडिया फार न्यू इंडिया और नेशन बिल्डिंग मामले पर विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रमों में हिस्सा ले रहे हैं। यह कार्यक्रम अप्रैल तक चलेंगे।
गाजियाबाद के भोजपुर में 20 साल पहले हुए एक फर्जी एनकाउंटर मामले में सीबीआई कोर्ट ने आज फैसला सुना दिया। कोर्ट ने चार आरोपी पुलिसवालों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
20 साल पहले 8 नवंबर 1996 में हुए एक एनकाउंटर को कोर्ट ने फर्जी बताते हुए 4 पुलिसवालों को इस केस में आरोपी माना है।
जब इनकाउंटर की जानकारी स्थानीय लोगों को लगी तो उन्होंने हाइवे पर जाम लगा दिया था। साथ ही, उन्होंने मांग किया कि इस मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए।
इसके बाद राज्य सरकार ने उनकी मांगों को मानते हुए केस सीबीआई के हवाले करने का फैसला किया। 7 अप्रैल 1997 को केस सीबीआई के हवाले कर दिया गया।
भोजपुर पुलिस ने 8 नवंबर 1996 को एक एनकाउंटर में कथित तौर पर 4 बदमाशों को ढेर किया था। मृतक युवक गाजियाबाद के ही मोदीनगर इलाके के रहने वाले थे। इसके बाद इस एनकाउंटर की सीबीआई जांच शुरु की गई थी। जांच में सीबीआई ने इस एनकाउंटर को फर्जी पाया है।
आज कोर्ट में तत्कालीन थाना प्रभारी लाल सिंह, एस आई जोगेन्द्र सिंह और सुभाष को हिरासत में ले लिया गया, जबकि अन्य आरोप सिपाही सूर्यभान इस दौरान कोर्ट में गैर हाजिर रहा। वहीं एक सिपाही रणबीर की पहले ही मौत हो चुकी है।
तेरह दिनों से लापता इंडियन एयरफोर्स के एक जवान का शव 16 टुकड़ों में बरामद हुआ है। शव 16 लिफाफों में पैक कर फ्रिज और अलमारी में रखा गया था। उसका वायुसेना के ही एक सार्जेंट की पत्नी से अवैध संबंध था जिसके बाद उस सार्जेंट ने अपने साले और पत्नी के साथ मिलकर उसकी एक धारदार हथियार से बेहरमी से हत्या कर दी थी।
एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, मृतक का नाम विपिन शुक्ला है। इसकी उम्र 27साल है और वह उत्तर प्रदेश के गोंडा से था। हत्या का आरोपी सार्जेंट सुलेश कुमार भी उत्तर प्रदेश से ही है। पुलिस ने सुलेश कुमार और उसकी पत्नी अनुराधा को गिरफ्तार कर लिया है। सुलेश का साला शशि भूषण फरार हैं। शशि भूषण नेवी में है।
विपिन शुक्ला साल 2014 से भिसियाना में तैनात था। वैसे तो विपिन शादी-शुदा था, लेकिन वो यहां पत्नी के बिना ही रहता था। विपिन एयरफोर्स में कॉरपोरल के पद पर था और महिलाओं से जुड़ी एक कैंटीन में काम करता था। यहीं उसकी मुलाकात सार्जेंट की पत्नी अनुराधा से हुई। दोनों के बीच अवैध संबंध बन गए और अनुराधा गर्भवती हो गई।
पुलिस के आला अधिकारी ने बताया कि अनुराध चाहती थी कि विपिन उससे शादी कर ले, लेकिन पहले से शादीशुदा होने के चलते विपिन ने ऐसा करने से इंकार कर दिया।
साल 2016 में विपिन की पत्नी भी भिसियाना आ गई और साथ रहने लगी। इस बात से नाराज अनुराधा ने अपने और विपिन के अवैध संबंध के बारे में पति सुलेश कुमार को बताया। यह जानकर सुलेश गुस्से में आ गया और उसने हत्या का प्लान बना डाला।
क्वार्टर शिफ्ट करने से पहले 8 फरवरी को सुलेश ने विपिन को पैकिंग में मदद के लिए अपने घर बुलाया। पत्नी और साले के साथ मिलकर तेज धारदार हथियार से उसकी हत्या कर दी और शव को संदूक में छिपा दिया। जब यह परिवार 19 फरवरी को नए घर में शिफ्ट हुआ तो उन्होंने शव को 16 टुकड़ों में काटकर थैलियों में छिपा दिया।
मुलायम सिंह यादव के भाई और जसवंतनगर विधानसभा सीट से सपा उम्मीदवार शिवपाल यादव ने बुधवार को कहा कि यदि 11 मार्च के बाद उनका अपमान नहीं हुआ तो फिर साथ में हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा, 'सपा के टिकट से चुनाव लड़ रहा हूं तो फिर सपा में ही हूं। 11 मार्च के बाद अगर अपमान और उपेक्षा न हो तो फिर साथ में ही रहेंगे।'
शिवपाल यादव ने सपा-कांग्रेस गठबंधन पर भी बात की। उन्होंने कहा कि मैं जहां कांग्रेस के उम्मीदवार लड़ रहे हैं, वहां नहीं जाना चाहता हूं। लेकिन यदि नेताजी चाहेंगे तो मैं जाऊंगा और सपा के उम्मीदवारों के लिए प्रचार करूंगा।
उन्होंने कहा कि मैं हमेशा ही जसवंतनगर सीट से जीतता आया हूं। इस बार कुछ लोग बीजेपी के साथ मिलकर और साजिश कर के मुझे हराने में लगे हुए थे। ये लोग अवैध कामों में लगे हैं। उन्होंने कहा कि मैं हमेशा चाहता हूं कि नेताजी का सम्मान हो। मैं नेताजी के साथ हूं, उनका जो आदेश होगा वो ठीक है।
न्यूज एजेंसी से बातचीत में शिवपाल ने कहा कि कुछ बड़े लोगों के इशारे पर डीएम-एसएसपी ने शांत पूर्ण पोलिंग बूथ (जसवंतनगर सीट) पर लाठी चार्ज करवाया था।
निखिल प्रियदर्शी पर लगे संगीन आरोपों ने कई हाई प्रोफाइल लोगों की पोल खोल कर रख दी है। मंगलवार को पूर्व मंत्री की बेटी ने निखिल पर एक और आरोप लगाया। उसने आरोप लगाया, ''निखिल ने मेरे साथ जबरदस्ती की थी। मैं डर गई थी इस कारण कुछ नहीं कही।''
उस वक्त फैमिली सपोर्ट भी नहीं था, लेकिन अब मेरा पूरा परिवार साथ खड़ा है। पीड़िता ने खुलासा किया है कि प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष ब्रजेश कुमार पांडेय उसे दिल्ली ले जाना चाहते थे। पीड़िता ने ऐसा करने से मना कर दिया। इस पर निखिल बौखला गया था। निखिल उसे कई नेताओं के साथ भेजने की कोशिश करता था। उसने कई बार पीड़िता के साथ मारपीट भी की जिससे उसके शरीर के अलग-अलग हिस्सों में चोट आयी है।
आरोपितों और पीड़िता का टावर लोकेशन एक साथ मिला है। पीड़िता ने जिस दिन ब्रजेश पांडेय को साथ होने की बात कही थी उस रोज के सिर्वलांस में ये बातें सामने आयी हैं। ब्रजेश, निखिल और पीड़िता एक ही जगह थे।
आरोप है कि निखिल ने धोखे से पीड़िता के कोल्डड्रिंक में नशे की गोलियां मिला दीं। जब वह नशे में थी तो ब्रजेश पांडेय ने उसके साथ गलत करने की कोशिश की।
पीड़िता ने बताया कि विडियो बनाकर निखिल उसे ब्लैकमेल करता था। उसे कहीं नहीं जाने की धमकी देता था। निखिल ने एक बार उसे धमकी दी थी कि अगर वह कानून की चौखट तक गयी तो परिणाम ठीक नहीं होंगे। वह उसकी हत्या तक करवा सकता है।
निखिल के रसूख व ऊपरी कनेक्शन के कारण अब तक वह बचता आ रहा है। पीड़िता ने ऐसे ही आरोप लगाए हैं। उसने कहा कि एक बड़े पुलिस अधिकारी का बेटा निखिल का दोस्त है। कई नेताओं और पुलिसवालों से उसके बेहतर संबंध हैं।
अय्याशी करने में आगे रहने वाले निखिल प्रियदर्शी के संबंध काफी दिनों तक एक भोजपुरी अभिनेत्री से रहे थे। निखिल ने उसे पटना के राजापुर पुल इलाके में स्थित फ्लैट में रखवाया था। इसके लिए वह 30 हजार प्रति महीना रुपए भी खुद ही देता था।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सदानंद सिंह मंगलवार की शाम पीड़िता के घर पहुंचे। उससे और पीड़िता के पिता से बात की। कांग्रेस नेता पीड़िता के घर से केस से जुड़े कुछ कागजात ले गए। उन्होंने पीड़ित परिवार को हरसंभव मदद करने की बात कही। करीब आधे घंटे तक समय बिताने के बाद सदानंद वहां से निकल गए।
प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष ब्रजेश पांडेय ने नैतिकता के आधार पर पार्टी के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने मंगलवार को अपना इस्तीफा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. अशोक चौधरी को भेजा, जिसे अध्यक्ष ने स्वीकार कर लिया। उक्त जानकारी प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता व पूर्व विधायक डॉ. हरखु झा ने दी।
अपने पत्र में पांडे ने कहा है कि कुछ दिन पहले समाचार पत्रों में आए समाचार के आधार पर मुझे पता चला कि मुझे एक साजिश के तहत गलत ढंग से गंदे एवं घिनौने आरोपों में फंसाने की साजिश रची जा रही है। मैं कांग्रेस का सच्चा सिपाही हूं। मैं नहीं चाहता हूं कि पार्टी को मेरी वजह से किसी प्रकार की क्षति हो।
उल्लेखनीय है कि एक पूर्व कांग्रेस मंत्री की पुत्री ने वाहन कारोबारी निखिल प्रियदर्शी के साथ पांडे के खिलाफ यौन शोषण करने, सेक्स रैकेट चलाने सहित कई गंभीर आरोप लगाए हैं।
पूर्व मंत्री की पुत्री के साथ दुष्कर्म और ब्लैकमेल करने के मुख्य आरोपित निखिल प्रियदर्शी की अग्रिम जमानत की अर्जी पर मंगलवार को सुनवाई हुई। पॉक्सो की विशेष अदालत ने मामले में सुनवाई के लिए 27 फरवरी को अगली तिथि निर्धारित की है।
इससे पहले पॉक्सो के विशेष न्यायाधीश परवेज आलम ने इस मामले के अभियुक्त रिटायर आईपीएस और निखिल प्रियदर्शी के पिता कृष्ण बिहारी प्रसाद सिन्हा और भाई मनीष प्रियदर्शी की अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है। अदालत ने उसके दोस्त संजीत शर्मा की भी अग्रिम जमानत खारिज कर दी है। इस मामले के मुख्य अभियुक्त निखिल प्रियदर्शी पुलिस की गिरफ्तारी के डर से फरार चल रहा है। जमानत खारिज होने के बाद उसके पिता, भाई और दोस्त भी गिरफ्तारी के डर से फरार हो गए हैं।
पीड़िता का 164 के तहत कोर्ट में बयान भी पुलिस ने दर्ज कराया है। बयान में कहा है कि निखिल प्रियदर्शी जबरन उसका यौन शोषण करता था। इस काम में उसका साथ दोस्त संजीत कुमार और भाई दिया करता था।
पीड़िता ने यह भी कहा है कि एक बार उसके विरोध करने पर उसे कुर्सी से बांध कर पीटा गया। इसके अलावे पुलिस और कोर्ट में जाने पर जान से मारने की भी धमकी देते थे। इस मामले में एससी एसटी थाने में 22 जुलाई 2016 को प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी जिसमें निखिल प्रियदर्शी समेत अन्य को नामजद अभियुक्त बनाया गया है।
वहीं, कांड के आईओ ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश के यहां आवेदन दाखिल कर इस मामले को एससी एसटी कोर्ट से ट्रांसफर कोर्ट में भेजने का अनुरोध किया है। बहरहाल, अभी इस मामले का अभिलेख एससी एसटी कोर्ट में ही चल रहा है।
अब अगली सुनवाई 27 फरवरी को होगी।
समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद और मुलायम सिंह के करीबी अमर सिंह अब बगावत पर उतर आए हैं। अमर सिंह ने मुलायम सिंह और अखिलेश यादव पर आरोप लगाया कि पिता-पुत्र ने मिलकर झगड़े की पटकथा लिखी थी।
न्यूज-18 चैनल को दिए इंटरव्यू में अमर सिंह ने कहा है कि मुलायम सिंह और अखिलेश यादव एक हैं और हमेशा एक ही रहेंगे। राज्य सभा सांसद ने कहा कि पिता मुलायम सिंह यादव से अखिलेश का सत्ता संघर्ष पूरी तरह ड्रामा था और इसकी स्क्रिप्ट खुद नेता जी (मुलायम सिंह) ने ही तैयार की थी।
अमर सिंह ने चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि मुलायम अपने बेटे के हाथों हार के खुश हैं। साइकिल, बेटा और एसपी (समाजवादी पार्टी) उनकी कमजोरी है। पूरे घटनाक्रम को ड्रामा बताते हुए अमर सिंह ने कहा, ''यह एक रचा हुआ ड्रामा था जिसमें हम सभी को रोल दिया गया था। मुझे बाद में अहसास हुआ कि मेरा इस्तेमाल किया जा रहा है।''
यह पूरा फैमिली ड्रामा मुलायम सिंह यादव ने रचा। वह इसके स्क्रिप्ट राइटर है। ऐसा अखिलेश की छवि सुधारने के लिए किया गया। यह सारा नाटक सत्ता विरोधी लहर, कानून-व्यवस्था की स्थिति से लोगों का ध्यान हटाने की एक चाल थी ताकि विधानसभा चुनाव में उनको इसका लाभ मिल सके। अमर सिंह यहीं नहीं रुके। उन्होंने अखिलेश यादव के नेतृत्व पर प्रश्न चिंह लगाए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बचाव करते हुए अमर सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री किसी पार्टी का नहीं होता। अमर सिंह ने पीएम मोदी को बाहरी बताने वाले बयान पर अखिलेश और राहुल गांधी दोनों पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि अखिलेश मुझे बाहरी कहते हैं तो मैं तो हमेशा से बाहरी था, वहां पर अंदर के लोग तो सिर्फ मुलायम सिंह, अखिलेश यादव, शिवपाल यादव और रामगोपाल यादव हैं, सारे निर्णय ये चार लोग करते हैं।
कुछ दिन पहले मुलायम और अखिलेश के बीच पार्टी पर वर्चस्व बनाने को लेकर लोगों ने घमासान देखा और ये लड़ाई चुनाव आयोग में जाकर समाप्त हुई जब बेटे का पक्ष लेते हुए चुनाव आयोग ने पार्टी का चुनाव चिन्ह साइकिल पुत्र को दे दिया।
हालांकि इस सारे मनमुटाव के लिए जिम्मेदार अमर सिंह को ठहराया गया।
भारत में तेजी से बढ़ते ई-कॉमर्स बाजार में छूट (डिस्काउंट) के नाम पर बड़ा खेल चल रहा है। उत्पाद पर दिखाई जाने वाली छूट के फर्जी होने के दावे सामने आए हैं।
एक सर्वेक्षण में 41 फीसदी खरीदार इसके भुक्तभोगी बताए गए हैं। सरकार ने भी इससे जुड़े आंकड़े तलब किए हैं। 'लोकल सर्कल' नाम की संस्था द्वारा यह सर्वेक्षण 200 जिलों में 10 हजार लोगों के बीच किया गया है।
सर्वेक्षण के मुताबिक, ऑनलाइन बाजार में उत्पादों के अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) को बढ़ाकर भारी छूट मुहैया कराई जाती है। 34 फीसदी लोग इस मामले में समझ ही नहीं पाए कि उनके साथ कोई धोखाधड़ी हुई है। जबकि 25 फीसदी खरीदार इस ऑनलाइन प्लेटफॉर्म में होने वाली गड़बड़ी से अनभिज्ञ थे।
हालांकि ई-कॉमर्स कंपनियों का कहना है कि वह सिर्फ माध्यम हैं। जिन विक्रेताओं द्वारा ऐसा किए जाने की सूचना या शिकायत मिलती है, उन्हें तत्काल प्रभाव से काली सूची में डाल दिया जाता है।
आंकड़ें पर एक नजर
- भारतीय ई-कॉमर्स बाजार 2021 तक 76 अरब डॉलर पहुंच जाएगा
- 60 करोड़ डॉलर से 12.3 अरब डॉलर हो गया भारत का ई-कॉमर्स बाजार दो साल में
(नील्सन के एक अध्ययन के मुताबिक)
‘लोकल सर्कल’ संस्था का कहना है कि ई-कॉमर्स कंपनियों को और जिम्मेदार बनना होगा। ई-कॉमर्स को एकजुट होकर धांधली करने वाले विक्रेताओं को प्रतिबंधित करना चाहिए।
महाराष्ट्र में बीजेपी समर्थित विधानपरिषद सदस्य प्रशांत परिचारक ने सैनिकों की पत्नियों को लेकर विवादित बयान दिया है। विभिन्न नगर निकायों और जिला परिषद चुनावों से पहने सोलापुर एमएलसी ने सैनिकों की पत्नियों की वफादारी और चरित्र पर सवाल खड़े किए हैं।
अपने जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए परिचारक ने शनिवार को कहा था, ''सैनिक बच्चा होने के बाद पंजाब बॉर्डर पर मिठाइयां बांटते हैं, जबकि वे पूरे एक साल से घर नहीं आए थे।'' परिचारक के इस बयान की समाज के विभिन्न हिस्सों ने निंदा की जिसके बाद उन्होंने एक बयान जारी करते हुए कहा कि उनका इरादा सैनिकों का अपमान करने का नहीं था।
उन्होंने कहा, ''मैं व्यक्तिगत तौर पर सैनिकों और उनके परिवारों का सम्मान करता हूं। अगर उनकी भावनाएं आहत हुईं हों तो मैं क्षमा मांगता हूं। इस तरह की बात करना मेरी गलती थी।''
हालांकि कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इस बयान को 'पूरी तरह निंदनीय और अपमानजनक'' बताया है। उन्होंने कहा, ''भाजपा को परिचारक के बयान पर अपनी स्थिति साफ करनी चाहिए और यह बताए कि वह ऐसे बयानों का समर्थन करती है या नहीं। सैनिकों का अपमान करना राष्ट्रद्रोह है और बीजेपी को इसपर सफाई देनी ही चाहिए।''
नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की महिला विंग की प्रदेश अध्यक्ष चित्रा वाघ ने डेक्क्न क्रॉनिकल से बातचीत में इस बयान को 'भद्दा' बताया है। उन्होंने कहा, ''नेता (परिचारक) ने सेना की बेइज्जती की है। बीजेपी का पर्दाफाश हो गया, उनके खिलाफ कार्रवाई जरूर होनी चाहिए।''
महाराष्ट्र बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता, माधव भंडारी ने इस मुद्दे पर यह कहते हुए टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि परिचारक सीधे तौर पर पार्टी से नहीं जुड़े हैं।
हालांकि परिचारक के बयान का बीएमसी चुनावों में भाजपा को नुकसान हो सकता है। यहां 21 फरवरी को मतदान होना है। भाजपा पिछले साल अक्टूबर में सेना द्वारा की गई 'सर्जिकल स्ट्राइक्स' को भुनाने की कोशिश कर रही है क्योंकि सतारा, कोल्हापुर और सांगली जैसे जिलों से बड़ी संख्या में सैनिक आते हैं, जहां मंगलवार को वोटिंग होनी है।
गौरतलब है कि इन बीएमसी चुनावों में भाजपा और शिवसेना अलग-अलग लड़ रही हैं। शिवसेना अध्यक्ष ने कहा था कि राजग में बने रहने का फैसला चुनाव बाद लिया जाएगा।
उत्तर प्रदेश चुनाव के दौरान राजनीतिक पार्टियां एक-दूसरे पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं चूक रहीं। जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार उत्तर प्रदेश के सीएम अखिलेश यादव पर वार कर चुके हैं, वहीं अखिलेश यादव भी तुरंत उसका जवाब दे रहे हैं।
अखिलेश ने सोमवार को रायबरेली में रैली करते हुए गुजरात टूरिज्म के एक विज्ञापन पर चुटकी ली। इस विज्ञापन में अमिताभ बच्चन को दिखाया गया है, जो गुजरात के खास गधों की विशेषताएं बता रहे हैं। इसपर चुटकी लेते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि गुजरात के गधों का विज्ञापन करना बंद कीजिए।
अखिलेश ने इस पूरे विज्ञापन को पढ़कर भी सुनाया। अखिलेश ने कहा, गुजरात के तो गधों का भी प्रचार किया जा रहा है और प्रधानमंत्री मुझ पर इल्जाम लगाते हैं।
गौरतलब है कि एक जनसभा के दौरान प्रधानमंत्री ने सपा सरकार पर जनता का पैसा विज्ञापनों पर लुटाने की बात कही थी। यह पहली बार है जब अखिलेश ने किसी चुनावी जनसभा में अमिताभ बच्चन का नाम लिया हो।
बता दें कि अमिताभ की पत्नी और एक्ट्रेस जया बच्चन सपा सांसद हैं।
इसके अलावा अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा। अखिलेश ने पीएम मोदी के उस बयान पर पलटवार किया जिसमें पीएम ने कहा था कि अगर रमजान पर 24 घंटे बिजली आती है तो दिवाली पर भी आनी चाहिए। इसपर अखिलेश यादव ने कहा, ''आप (पीएम) गंगा मैय्या को बहुत मानते हो, गंगा की कसम खाओ और बोलो सपा 24 घंटे बनारस में बिजली दे रही है या नहीं।'' उन्होंने कहा, ''आप तो गंगा को हमसे ज्यादा मानते हो, लेकिन गंगा हमारे यहां से पहले गुजरती है।''
अखिलेश ने रायबरेली के ऊंचाहार विधानसभा क्षेत्र से सपा प्रत्याशी मनोज पाण्डेय के समर्थन में आयोजित चुनावी सभा में कहा, ''हम मानते हैं कि अगर गांव का गरीब किसान गंगा की तरफ हाथ करके कसम खाता है तो सच ही बोलता है। बताओ, जिसको काशी ने चुनकर भेजा है, हमें उस पर कितना भरोसा करना चाहिये।''