बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने भारत के पीएम और बीजेपी नेता नरेंद्र मोदी को जवाब देते हुए कहा है कि नरेंद्र दामोदर मोदी यानी निगेटिव दलित मैन। इससे पहले पीएम ने उरई में सोमवार को बसपा का मतलब बहनजी सम्पत्ति पार्टी कहा था।
मायावती ने सुल्तानपुर में कहा कि बसपा पार्टी बाद में, पहले एक आंदोलन है। उन्होंने साथ ही कहा कि वह देश के दलितों की धरोहर हैं। कांग्रेस और सपा का स्वार्थ का गठबंधन है और काम नहीं, सपा का अपराध बोल रहा है।
उन्होंने कहा कि नोटबंदी से जनता दुखी है। उन्होंने कहा कि मुलायम ने पुत्र मोह में अपने भाई शिवपाल को बेइज्जत कराया। सपा में दो खेमे एक दूसरे को हराने का काम कर रहे हैं। भाजपा आई तो आरएसएस का एजेंडा लागू होगा।
उन्होंने कहा कि जामिया और अलीगढ़ विश्वविद्यालय का अल्पसंख्यक का दर्जा छीनने की कोशिश की गई है। अल्पसंख्यकों में असुरक्षा व्याप्त है। उन्होंने दावा किया कि यूपी में पूर्ण बहुमत की सरकार बनेगी।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के जालौन के उरई में जनता को संबोधित करते हुए कहा कि यूपी में सबसे बुरा हाल अगर किसी क्षेत्र का है तो वह बुंदेलखंड का है।
पीएम ने बुन्देली में का हो रओ... कहकर जनता को संबोधित करना शुरू किया। उन्होंने आगे कहा कि सपा-बसपा और कांग्रेस राज में सब तबाह हो गओ...का मैं, सही कह रहो..।
मोदी ने कहा कि यदि बीजेपी की सरकार बनती है तो बुंदेलखंड की आवाज को सुना जाएगा। पीएम मोदी ने बसपा सुप्रीमो मायावती पर हमला करते हुए कहा कि बहनजी ने नोटबंदी पर कहा पूरी तैयारी नहीं की थी। सरकार ने नहीं की थी या आपने नहीं की थी। नोटबंदी से ज्यादा इन्हें इस बात की परेशानी है कि तैयारी का मौका नहीं मिला।
पीएम मोदी ने बसपा को नया नाम देते हुए कहा कि अब बसपा का नाम बदल गया है। अब वह बहुजन समाज पार्टी नहीं रह गई है बल्कि बहनजी सम्पत्ति पार्टी बन गई है।
उन्होंने कहा कि ये चुनाव मुख्यमंत्री बनाने के लिए नहीं है, इस क्षेत्र को तय करना है कि सपा-बसपा से बाहर आना है या नहीं। सपा-बसपा या कांग्रेस सब एक ही सिक्के के अलग-अलग पहलू हैं। आप अपने आप से पूछो, आपके साथ अन्याय हुआ है या नहीं, आपकी उपेक्षा हुई है या नहीं? सरकार में जो भी आया, वो बुंदेलखंड को लूटते रहे।
उन्होंने कहा कि जब भाजपा की सरकार बनेगी तब बुंदेलखंड की बात सुनने के लिए एक स्वतंत्र 'बुंदेलखंड विकास बोर्ड' बनाया जाएगा। सपा-बसपा एक-दूसरे के जानी दुश्मन हैं, घोर विरोधी हैं, लेकिन नोटबंदी पर दोनों एक हो गए।
उन्होंने कहा कि सपा-बसपा और कांग्रेस को चुन-चुन कर साफ कर दीजिए और ऐसी सजा दीजिए कि जो 'टेकेन फॉर ग्रानटेंड' मानते है, वो भूल जाएं। पीएम ने कहा कि बुंदेलखंड की बर्बादी को ठीक करने के लिए, गढ्ढे से बाहर निकालने के लिए, लखनऊ में भी बीजेपी का इंजन लगाना होगा। बुंदेलखंड में बस एक ही उद्योग पनपा है, 'अवैध खनन' उसके लिए ही लखनऊ से यहां लोग आते हैं।
अवैध खनन पर लगाम लगाने के लिए पीएम ने कहा कि अवैध खनन के कारोबार को खत्म करने के लिए एक स्कॉड बनाया जाएगा। वैज्ञानिकों ने जो सैटेलाइट लॉन्च किए हैं, उसका उपयोग हम अवैध खनन को रोकने के लिए करेंगे। भू-संपत्ति को बचाने के लिए हम सैटेलाइट का उपयोग करेंगे और दोषी को दंड दिया जाएगा। यहां जो अवैध खनन कर रहा है, वो लखनऊ में बैठे नेता के लिए कर रहा है। बुंदेलखंड को इस संकट से निकालना है, यहां का विकास करना है।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में रविवार को जमकर वोटिंग हुई। मतदाताओं के उत्साह ने आखिरकार पिछले विधानसभा चुनाव का रिकार्ड तोड़ ही दिया। उत्तर प्रदेश के 12 जिलों की 69 सीटों पर रविवार को 61.16 फीसदी मतदान हुआ।
वर्ष 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में इस तीसरे चरण में कुल 59.96 प्रतिशत मतदान हुआ था, जबकि 2014 के पिछले लोकसभा चुनाव में इन जिलों में कुल 58.43 फीसदी वोट पड़े थे।
उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी टी. वेंकटेश के अनुसार, तीसरे चरण में भी मतदान शांतिपूर्ण रहा। छिटपुट झड़पों को छोड़कर कहीं कोई बड़ी अप्रिय घटना नहीं हुई। जसवंतनगर व कानपुर में दो गुटों में हुई झगड़ों के बारे में प्रेस कान्फ्रेंस में मौजूद एडीजी ला एण्ड आर्डर दलजीत चौधरी ने कहा कि पुलिस ने व्यवस्था बनाए रखने के लिए कार्रवाई की और इस कार्रवाई के चलते कहीं भी मतदान प्रभावित नहीं हुआ।
लखनऊ के अलावा औरैया, कन्नौज, बाराबंकी, उन्नाव, सीतापुर, फर्रुखाबाद, हरदोई, कानपुर देहात, कानपुर नगर, मैनपुरी व इटावा में मतदान हुआ। सुबह सात बजे शुरू हुए मतदान की रफ्तार आरंभ में धीमी रही, मगर जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया मतदान में भी तेजी आती गई।
लखनऊ के विभिन्न मतदान केन्द्रों पर कई प्रमुख सियासी हस्तियों ने वोट डाले जिनमें केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, बसपा प्रमुख मायावती, केन्द्रीय मंत्री कलराज मिश्र व उमा भारती, मुख्य निर्वाचन अधिकारी टी.वेंकटेश, मुख्य सचिव राहुल भटनागर, डीजीपी जावीद अहमद, महापौर डॉ. दिनश शर्मा आदि प्रमुख हैं।
सीतापुर में तैनात माइक्रो आब्जर्वर का दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। वह लखनऊ से सीतापुर चुनाव डयूटी करने जा रहे थे कि रास्ते में ही यह घटना हो गई। वह सीतापुर सीट के धरैया मतदान केन्द्र पर तैनात थे और एसबीआई की सिधौली शाखा में कैशियर के पद पर कार्यरत थे।
हरदोई में कृष्णपाल नामक एक होमगार्ड की अचानक तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई। बाराबंकी में ड्यूटी के दौरान एक तृतीय श्रेणी कर्मचारी की मौत हो गई।
उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि हरदोई में चुनाव डयूटी के दौरान मरे गार्ड और बाराबंकी में मरे तृतीय श्रेणी कर्मचारी के मामलों को चुनाव आयोग ने संज्ञान में लिया है और इन दोनों के परिजनों को चुनाव डयूटी के नियमों के अनुसार दस-दस लाख रुपये का मुआवजा देने की कार्रवाई की जा रही है, जबकि सीतापुर में चुनाव डयूटी करने जा रहे माइक्रो आब्जर्वर के मामले में आयोग ने सीतापुर के डीएम से रिपोर्ट मांगी है।
भारत के प्रान्त मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के गांव में शौचालय को रसोईघर के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है जो मोदी सरकार के स्वच्छता अभियान के तहत बने शौचालयों की पोल खोल रही है। ऐसी ही कई और तस्वीरें भी हैं जिनमें लोग शौचायल का इस्तेमाल शौच की बजाए कुछ अन्य कामों के लिए कर रहे हैं।
छतरपुर जिले के कोदां गांव में दिनेश यादव ने अपने शौचायल को रसोईघर में तब्दील कर रखा है क्योंकि शौचालय के लिए सेफ्टिक टैंक का निर्माण नहीं कराया गया था।
दिनेश की पत्नी सुशीला ने मीडिया को बताया कि शौचायल के लिए पैसा तो उनके खाते में आया है, लेकिन गांव के प्रधान ने इस शौचायल का निर्माण कराया है। खाते में पैसा आने के बाद प्रधान ने उनसे सारी रकम ले ली थी और सरपंच ही उनके शौचालयों का निर्माण कराता है।
उन्होंने बताया कि घर में शौचालय बनने के बाद भी वह बाहर ही शौच के लिए जाती हैं। उनके घर के सदस्यों को अब भी शौच के लिए बाहर जाना पड़ता है।
वहीं छतरपुर शहर में लक्षण कुशवाहा नाम के मजदूर ने स्वच्छ भारत अभियान के तहत बने अपने शौचालय में किराना स्टोर खोल लिया है। बताया जा रहा है कि ठेकेदार ने सही से सेफ्टिक टैंक नहीं बनवाया जिससे उन्होंने अब शौचालय में दुकान खोल ली है।
लक्षण की बेटी नीलम ने बताया कि ठेकेदार ने जो टैंक बनवाया, वह बहुत ही छोटा था और ठीक से बनाया भी नहीं गया था।
उन्होंने कहा कि इस बारे में अधिकारियों से शिकायत भी की थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
मामले में जब इलाके के अतिरिक्त जिलाधिकारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच कराई जाएगी। लोगों ने शौचायल में दूकान कैसे खोल ली और शौच का इस्तेमाल करने की बजाए लोगों ने इसे रसोईघर कैसे बना लिया?
वहीं एनजीओ सोशल मीडिया फाउंडेशन ने आरोप लगाया है कि स्वच्छता अभियान के तहत बनाए गए शौचालय में भारी हेराफेरी हुई है। यही कारण है कि शौचालय के नाम पर सिर्फ नमूना बना दिए गए हैं।
पटना से संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस से तिहाड़ जाने के क्रम में प्रशासन की ओर से 48 बर्थ का रिजर्वेशन कराया गया, लेकिन शहाबुद्दीन जनरल टिकट पर सफर कर रहे थे। टिकट चेकिंग के दौरान जब शहाबुद्दीन के पास टीटीई पहुंचे तो उनसे रिजर्वेशन टिकट मांगी गई।
अनधिकृत रूप से सफर करने के कारण टीटीई ने मौके पर शहाबुद्दीन को जुर्माने की रसीद थमाई। शहाबुद्दीन पर रेल नियमों के तहत 450 रुपए का जुर्माना किया गया। अधिकारियों ने दबी जुबान से जुर्माने का सच स्वीकारा, लेकिन आधिकारिक बयान देने से बचते रहे।
इधर जेल आईजी के निर्देश पर संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस से जाने से पहले काफी गोपनीयता बरती गई। सीवान प्रशासन के अधिकारियों ने जानबूझकर शहाबुद्दीन का रिजर्वेशन नहीं कराया ताकि चार्ट देखकर उनके बर्थ का पता न किया जा सके। सुरक्षा को लेकर प्रशासन इस कदर सतर्क रहा कि पटना से मुगलसराय के बीच शहाबुद्दीन का बर्थ दो बार बदला गया।
इधर जुर्माने को लेकर भी तरह-तरह की बातें की जाती रहीं। जुर्माने की राशि शहाबुद्दीन ने दी या प्रशासन ने इसे लेकर कोई भी बोलने से बचता रहा।
हालांकि राजेन्द्रनगर के टिकट काउंटर से शहाबुद्दीन के लिए जनरल टिकट की खरीद प्रशासन के द्वारा ही की गई थी।
भारत के सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक महिला के साथ कथित रूप से सामूहिक बलात्कार और उसकी बेटी के साथ बलात्कार की कोशिश के आरोप में आज अखिलेश सरकार के वरिष्ठ मंत्री गायत्री प्रजापति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली।
सुप्रीम कोर्ट ने कल दिए अपने आदेश में प्रजापति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था।
हजरतगंज के पुलिस क्षेत्राधिकारी अविनाश कुमार मिश्र ने बताया है कि प्रजापति और उनके छह साथियों के खिलाफ पॉक्सो अधिनियम सहित बलात्कार एवं बलात्कार की कोशिश संबंधी विभिन्न धाराओं में आज गौतमपल्ली पुलिस थाने पर मुकदमा दर्ज किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश पुलिस को निर्देश दिया था कि वह इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करके आठ सप्ताह के भीतर मामले की स्थिति रिपोर्ट दाखिल करे।
गायत्री पर 35 वर्षीया एक महिला का आरोप है कि जब वह उनसे तीन वर्ष पहले 2014 में पहले मिली थी तो उन्होंने उसके साथ बलात्कार किया। गायत्री ने पीड़िता के कुछ आपत्तिजनक फोटो भी लिये और धमकी दी कि वह इन फोटो को सार्वजनिक कर देंगे। इस धमकी के दम पर वह दो साल तक बलात्कार करते रहे।
महिला का आरोप है कि जब मंत्री और उसके साथियों ने उसकी नाबालिग लडकी की इज्जत पर भी हाथ डालने की कोशिश की तब उसने इस मामले में पुलिस में मुकदमा दर्ज कराने का फैसला किया और पुलिस महानिदेशक तक गुहार लगायी।
उसका कहना है कि जब उसकी गुहार नहीं सुनी गयी तब उसने अदालत की शरण में जाने का फैसला किया। उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ समाजवादी परिवार में पिछले दिनों चले वर्चस्व की लड़ाई में मुख्यमंत्री अखिलेश ने प्रजापति को मंत्री परिषद से बर्खास्त कर दिया था। मगर मुलायम सिंह यादव के दखल के बाद उन्हें पुन: मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया गया और वे अमेठी विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं।
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने शनिवार को दावा किया कि हिज्बुल मुजाहिद्दीन के एक आतंकवादी के साथ नौ और लोगों को गिरफ्तार कर आतंकी संगठन के एक मॉडयूल को ध्वस्त कर दिया।
ये लोग बारामूला जिले में युवा और मासूम लड़कों को आतंकी संगठन से जुड़ने के लिए प्रभावित कर रहे थे।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया, बारामूला के सोपोर में सीलू गांव के आतंकी इरशाद अहमद शाह की गिरफ्तारी के साथ पुलिस ने ऐसे लोगों के एक बड़े नेटवर्क का खुलासा किया जो आतंकी गतिविधियों का प्रसार कर रहे थे और बारामूला तथा सोपोर में स्थानीय लड़कों की भर्ती कर रहे थे। अब तक कुल नौ लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि शाह उर्फ तनवीर, दो अन्य फरार लोगों के साथ मिलकर बेहरामपोरा में एदुल अमीन मीर नाम के नागरिक की हत्या में शामिल था। वो पिछले दो सालों से हिज्बुल के साथ सक्रिय था।
अधिकारी ने कहा कि मीर की हत्या की साजिश बेहरामपोरा में हिज्ब के कार्यकर्ता अजहर इम्तियाज के घर पर रची गई थी। इम्तियाज को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।
उन्होंने कहा कि मीर की हत्या में शामिल दो अन्य आतंकियों की गिरफ्तारी की भी कोशिश जारी है।
उन्होंने कहा कि शाह की गिरफ्तारी के साथ ही आतंकी संगठन के ऐसे कई समर्थक कार्यकतार्ओं को गिरफ्तार किया गया जो उग्रवाद भड़काने के साथ ही नए लड़कों को आतंकवाद के लिए बहकाने की कोशिश में लगे थे।
तमिलनाडु में शक्ति परीक्षण के लिए बुलाए गए विधानसभा के विशेष सत्र में विपक्ष ने 'शक्ति' का ऐसा प्रदर्शन किया कि मर्यादाएं तार-तार हो गईं।
गुप्त मतदान की मांग खारिज होने पर द्रमुक विधायकों ने स्पीकर ओ. धनपाल की शर्ट फाड़ दी। मेज, कुर्सियां और माइक तोड़ दिए। इस दौरान हाथापाई में विधानसभा का एक कर्मचारी घायल हो गया।
हंगामे के कारण विधानसभा की कार्यवाही पहले एक और फिर तीन बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। शशिकला धड़े के विधायकों को छोड़कर एकजुट हुए सभी विपक्षी सदस्यों ने गुप्त मतदान के जरिए फैसला करने की मांग की थी। स्पीकर ने इस मांग को खारिज कर दिया, जिस पर डीएमके और ओ पनीरसेल्वम गुट भड़क गए।
द्रमुक विधायकों ने स्पीकर पी धनपाल का घेराव किया। धक्कामुक्की की। वेल में आकर कागज फाड़े और कुर्सियां फेंकी। मेज पर चढ़कर नारेबाजी की गई। एक विधायक तो स्पीकर की कुर्सी पर ही बैठ गया। दो बार कार्यवाही स्थगित करने के बाद भी हंगामा जारी रहने पर द्रमुक विधायकों को सदन से बाहर ले जाने का आदेश देना पड़ा।
स्पीकर ने कहा कि द्रमुक विधायकों ने मेरी शर्ट फाड़ी। मुझे बेइज्जत किया। मैंने अपना काम कानून के मुताबिक किया। कमीज के फटे हुए हिस्से को दिखाते हुए उन्होंने कहा कि वह इसे बर्दाश्त करने और आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं।
स्टालिन जब सदन से बाहर निकले तो उनकी शर्ट के बटन खुले हुए थे। उन्होंने दावा किया कि उनके साथ हाथापाई की गई। स्पीकर ने अपनी शर्ट खुद फाड़ ली और उनके विधायकों पर आरोप मढ़ दिया।
स्टालिन ने बताया कि पुलिस ने तलाशी के नाम पर उनकी कार को रोका था। इस पर धनपाल ने कहा कि वह इसकी जांच के आदेश देंगे।
विश्वास मत के दौरान सदन के सभी दरवाजे बंद करवा दिए गए। सदन की कार्यवाही का लाइव टेलिकास्ट भी नहीं किया गया। यहां तक कि सदन में मौजूद पत्रकार भी कार्यवाही के अपडेट्स न देख पाए और न सुन पाए।
विधायकों ने स्पीकर ओ. धनपाल से धक्का-मुक्की करते हुए उनकी शर्ट तक फाड़ दी। दो-दो विधायक उनकी कुर्सी पर भी जा बैठे। स्पीकर को द्रमुक विधायकों को बाहर करने के लिए विधानसभा परिसर में पुलिस बुलानी पड़ी।
तमिलनाडु विधानसभा में शनिवार को वही हालात देखने को मिले जो 28 साल पहले एमजी रामचंद्रन के निधन के बाद नजर आए थे। 1989 में जयललिता विपक्ष की नेता थी और द्रमुक के एम करुणानिधि मुख्यमंत्री थे। इसी साल 25 मार्च को सदन में द्रमुक और अन्नाद्रमुक विधायकों के बीच हाथापाई हुई। इस दौरान जयललिता की साड़ी खींची गई। इस घटना के बाद जयललिता ने एक बार खुद कहा था कि उस दिन सदन में द्रमुक नेताओं ने उनकी साड़ी खींची थी।
सदन पहले भी शर्मसार हुआ
1997: उत्तर प्रदेश में कल्याण सिंह सरकार को बहुमत साबित करना था। विश्वास मत के दौरान सदन में कुर्सियां चलीं। जमकर जूते-चप्पल भी चले।
2004: ओडिशा विधानसभा में कांग्रेस और सत्तापक्ष के विधायकों के बीच हाथापाई हुई। मेज गिरने से तत्कालीन मुख्यमंत्री नवीन पटनायक घायल हो गए थे।
2006: पश्चिम बंगाल में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर हाथापाई हुई। कुर्सियां तोड़ी गईं। इसमें कई विधायक घायल हो गए थे।
2009: आंध्र प्रदेश में विपक्षी तेलुगु देशम, टीआरएस और वामदलों ने सीएम राजशेखर रेड्डी के बेटे जगन मोहन रेड्डी की कंपनियों पर हेराफेरी का आरोप लगाया। इस दौरान गिलास तोड़े गए। इस घटना में कई विधायक घायल हो गए थे।
2009: महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी विधायक अबु आजमी हिंदी में शपथ ले रहे थे। इस दौरान एमएनएस के विधायकों ने उनके साथ धक्का-मुक्की की।
2010: बिहार में मानसून सत्र के दौरान एक घोटाले को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक आमने-सामने आ गए। इस दौरान कुर्सियां और स्पीकर की ओर चप्पल भी फेंकी गई।
2005 के सीरियल ब्लास्ट मामले में दिल्ली पुलिस को करारा झटका लगा है। पुलिस किसी भी अपराधी के खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास और देश द्रोह जैसे आरोप साबित करने में नाकाम रही है।
अदालत ने इस मामले में एक आरोपी तारिक अहमद डार को दोषी ठहराया है। डार को सिर्फ गैर-कानूनी गतिविधियों में शामिल होने का दोषी माना गया है। उसे दस साल की सजा हुई है। ग्यारह साल की सजा पूरी कर लेने के कारण अदालत ने उसे तुरंत रिहा करने का आदेश दिया है, जबकि इस मामले के अन्य दो आरोपी मोहम्मद रफीक और मोहम्मद फाजली को सभी आरोपों से बरी कर दिया।
वर्ष 2005 में दिवाली से 2 दिन पहले, 29 अक्तूबर, 2005 की शाम जब भारत की राजधानी नई दिल्ली के सरोजिनी नगर बाजार में लोग धनतेरस की खरीददारी कर रहे थे। तभी एक के बाद एक तीन जगहों पर बम धमाके हुए। इस बम धमाके से दिल्ली सहित पूरा भारत दहल गया।
दिल्ली को दहला देने वाला पहला धमाका नई दिल्ली स्टेशन से सटे पहाड़गंज के भीड़भाड़ वाले मार्केट में हुआ। इसके कुछ ही मिनटों में दूसरा बम धमाका गोविंद पुरी इलाके में दिल्ली परिवहन निगम की बस में हआ। पुलिस व सुरक्षा एजेंसियां कुछ समझ पाती, इसके चंद मिनटों बाद तीसरा धमाका सरोजनी नगर मार्केट में हुआ। जहां सबसे अधिक मौते हुई।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को सीरियल ब्लास्ट को अंजाम देने में तारिक अहमद डार की भूमिका के बारे में तब पता चला जब इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) ने पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तयब्बा के प्रमुख अबु अलकाम के सेटेलाइन फोन (008821621523999) को टैप किया। अलकामा थुराया सेटेलाइट फोन के माध्यम से तारिक अहमद डार से बात करता था। अलकामा ने तारिक अहमद डार के मोबाइल (नंबर-9906719815) पर दो बार काल किया था। इसे भी आईबी ने ट्रेस किया।
बतौर दिल्ली पुलिस, डार ने अलकामा से कहा था कि 'दिल्ली के बाजारों में सीसीटीवी कैमरे लगे होते हैं, लड़कों के पहचान होने का खतरा रहता है। लेकिन इस बार के बाजारों में कैमरे नहीं है और इससे कोई खतरा नहीं है। साथ ही कहा था कि इस धमाके की जिम्मेदारी लेने की जरूरत नहीं है।'
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के मुताबिक, तारिक अहमद डार लश्कर के लिए प्रवक्ता का काम भी संभालता था। उसने इस बम धमाके के बाद भी बीबीसी को फोन कर कहा था कि दिल्ली के सीरियल ब्लास्ट में लश्कर-ए-तयब्बा की कोई भूमिका नहीं है।
अदालत में दाखिल आरोप पत्र के अनुसार, महज दस हजार रुपये प्रतिमाह कमाने वाले डार के एचडीएफसी, एसबीआई और जम्मू-कश्मीर बैंक में खाता था। इन खातों में खाड़ी देशों से पैसा आता था। जांच में पाया गया था कि बहुत ही कम समय में डार के खाते में 84 लाख रुपये जमा हुए थे और इनमें से 26 लाख रुपये खाड़ी देशों से आया था।
अदालत में दिल्ली पुलिस किसी भी अपराधी के खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास और देश द्रोह जैसा आरोप साबित करने में नाकाम रही है। परिणामस्वरूप अदालत ने इस मामले में महज एक आरोपी तारिक अहमद डार को सिर्फ गैर-कानूनी गतिविधियों में शामिल होने का दोषी माना। उसे दस साल की सजा हुई है। तारिक अहमद डार पहले ही ग्यारह साल की सजा काट चुका है इसलिए अदालत ने उसे तुरंत रिहा करने का आदेश दिया है, जबकि इस मामले के अन्य दो आरोपी मोहम्मद रफीक और मोहम्मद फाजली को सभी आरोपों से बरी कर दिया।
वीके शशिकला के समर्थक इडाप्पडी के पलानीसामी को गुरुवार को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई जिससे अन्नाद्रमुक महासचिव के खिलाफ कार्यवाहक मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम की बगावत से राज्य में शुरू हुई राजनीतिक अनिश्चितता समाप्त हो गई।
पलानीसामी पिछले नौ महीने में इस शीर्ष पद पर काबिज होने वाले तीसरे व्यक्ति हैं।
राज्यपाल सी विद्यासागर राव ने राजभवन में एक सादे समारोह में 63 वर्षीय पलानीसामी को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। वह 31 सदस्यीय मंत्रिमंडल के प्रमुख बने हैं। मंत्रियों को भी इसी कार्यक्रम में शपथ दिलायी गई।
पलानीसामी पिछले नौ महीने में मुख्यमंत्री की शपथ लेने वाले तीसरे अन्नाद्रमुक नेता हैं। अन्नाद्रमुक सुप्रीमो और मुख्यमंत्री जयललिता ने मई, 2016 में विधानसभा चुनाव जीतकर लगातार दूसरी बार अपनी पार्टी को सत्ता में पहुंचाया था। जिन 74 दिन वह मौत से जूझ रही थी, तब वह इस पद पर बनी रही।
पांच दिसंबर को जयललिता के निधन के कुछ ही घंटे के अंदर पन्नीरसेल्वम को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलायी गई। जब भ्रष्टाचार के मामले में जयललिता को जेल जाना पड़ा था तब भी उन्होंने यह प्रभार संभाला था। शशिकला का मार्ग प्रशस्त करने के लिए पन्नीरसेल्वम बाद में इस पद से हट गए। पहले ही पार्टी महासचिव चुनी गईं शशिकला पांच फरवरी को पार्टी विधायक दल की नेता निर्वाचित हुईं।
लेकिन सामान्यत: कम बोलने वाले पन्नीरसेल्वम ने दो दिन बाद ही शशिकला के खिलाफ बगावत का झंडा उठा लिया और दावा किया कि उन्हें इस्तीफा देने के लिए बाध्य किया गया। उन्होंने तमिलनाडु की जनता और अन्नाद्रमुक कार्यकर्ताओं की इच्छा पर फिर से मुख्यमंत्री बनने की मंशा भी प्रकट की। उनकी आक्रामकता से तमिलनाडु में राजनीतिक संकट पैदा हो गया।
पन्नीरसेल्वम से टकराव के बीच शशिकला नौ फरवरी को राज्यपाल से मिलीं और उन्होंने सरकार बनाने का दावा किया। विभिन्न वर्गों की आलोचना के बावजूद राज्यपाल ने देखो एवं इंतजार करो को वरीयता दी। इस बीच अन्नाद्रमुक के प्रतिद्वंद्वी धड़ों में शह-मात चलती रही।
वैसे राव का यह कदम तब सही प्रतीत हुआ जब आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति के मामले में शशिकला और उनके परिवार के दो सदस्यों को 14 फरवरी को उच्चतम न्यायालय ने दोषी माना और उनकी सजा बहाल कर दी। इस फैसले के बाद शशिकला 10 साल के लिए चुनाव लड़ने के अयोग्य हो गईं और मुख्यमंत्री बनने के उनके सपने पर पानी फिर गया।
शशिकला ने तब अपने निष्ठावान पलानीसामी का चयन किया। पलानीसामी को अन्नाद्रमुक विधायक दल का नेता चुना गया और उन्होंने मंगलवार को सरकार बनाने का दावा किया। पलानीसामी को राज्यपाल ने आज सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया। कल रात उन्होंने उन्हें 124 समर्थक विधायकों की सूची सौंपी थी। उनके पास 234 सदस्यीय विधानसभा में अपना बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का वक्त है।
वैसे आज के शपथग्रहण समारोह में हरे रंग का परिदृश्य गायब था जो दिवंगत जयललिता के शपथ ग्रहण समारोहों में उनका पसंदीदा रंग हुआ करता था। आज बस इस कार्यक्रम के बैनर में ही यह रंग नजर आया। मद्रास विश्वविद्यालय के सभागार में प्रस्तावित शशिकला की ताजपोशी पर धूमधाम की उम्मीद थी, लेकिन वह ताजपोशी हो ही नहीं पाई एवं धूमधाम भी गायब रही।