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पनीरसेल्वम खेमा हुआ मजबूत, शशिकला की धमकी

तमिलनाडु में एआईएडीएमके की महासचिव शशिकला और प्रदेश के कार्यवाहक मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम के बीच बढ़े टकराव से सियासी उथल-पुथल मचा हुआ है, लेकिन दोनों नेताओं के टकराव में अब पनीरसेल्वम खेमा तेजी से मजबूती की ओर बढ़ रहा है।

पांच सांसदों के समर्थन के बाद अब तीन और सांसदों ने भी पनीरसेल्वम का समर्थन किया है। उधर राज्यपाल की ओर से बहुमत साबित करने का वक्त नहीं मिलने से नाराज शशिकला ने आज (रविवार को) अपने समर्थकों संग प्रदर्शन करने की धमकी दी है। आज पूरे प्रदेश की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।

एआईएडीएमके में टकराव के बाद कार्यवाहक मुख्यमंत्री पनीरसेल्वम की ताकत लगातार बढ़ती जा रही है। अब उनके खेमें में तीन और सांसद आ गए हैं जिनका नाम तूतीकोरिन से एआईएडीएमके सांसद जयसिंह त्यागराज नटर्जी और वेल्लोर के सांसद सेंगुत्तुवन हैं। इसके अलावा पेरंबलूर से सांसद आऱ पी़ मरतराजा ने भी पनीरसेल्वम खेमे को अपना समर्थन दिया है।

अब पनीरसेल्वम के पास आठ सांसदों का समर्थन हो गया है। वहीं एक मंत्री समेत 6 विधायकों का समर्थन भी उनके पास है। इसके अलावा ऐसी संभावना जताई जा रही है कि मंगलवार तक 25 फीसदी विधायक भी इनके साथ आ सकते हैं।

सांसद वी. सथ्यबामा, के. अशोक कुमार, पीआर सुंदरम वनरोजा, ई. पुन्नूस्वामी, राज्यसभा मेंबर वी. मैत्रेयन और विधायक ई. मदुसुधानन व राज्य के शिक्षा मंत्री के. पांडिराजन पन्नीरसेल्वम के समर्थन में पहले ही आ चुके हैं। एआईएडीएमके के कुल 50 सांसद हैं।

आठ सांसदों के समर्थन के बाद अब एक और पूर्व सांसद का भी समर्थन भी कार्यवाहक मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम को मिल गया है। रविवार की सुबह एआईएडीएमके के पूर्व सांसद रामाराजन पनीरसेल्वम से मिले और उन्हें अपना समर्थन दिया।

रामाराजन ने कहा कि पनीरसेल्वम ही हमारे नेता हैं। उन्होंने कहा कि ये एमजी रामचंद्रन के बताए मार्ग पर चलते हैं।

राज्य के शिक्षा मंत्री के. पांडिराजन ने दावा किया कि 20 और विधायक उनके खेमे में आ सकते हैं और उनकी संख्या 135 तक पहुंचेगी।

उन्होंने ये भी भरोसा दिलाया है कि प्रदेश में चल रहा ड्रामा जल्द ही खत्म हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि मैंने वोटर्स की बात सुनकर अपना पाला बदला है। पार्टी में एकजुटता बनाए रखने के लिए ही मैंने पन्नीरसेल्वम का समर्थन किया है।

वहीं मीडिया से बातचीत में सांसद अशोक कुमार ने कहा कि जल्द ही और भी सांसद इस खेमे में आएंगे। तमिलनाडु से एआईएडीएमके के 37 लोकसभा सांसद हैं।

पनीरसेल्वम खेमे को मिल रहे समर्थन से घबरायी शशिकला ने परोक्ष चेतावनी दी कि मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण नहीं होने पर अब धैर्य जवाब दे रहा है। निष्पक्षता एवं लोकतंत्र में अपने विश्वास के चलते हमने सब्र किया है। हमारे अंदर एक सीमा तक ही सब्र हो सकता है, उसके बाद तो हम तय करेंगे कि हम क्या करेंगे?

उन्होंने रविवार को प्रदर्शन करने की भी धमकी दी है। इस बीच, पुलिस ने राजधानी चेन्नई में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है।

इससे पहले, शशिकला ने राज्यपाल सी विद्यासागर राव को पत्र लिख कर उन्हें यथाशीघ्र मुख्यमंत्री की शपथ दिलाने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की थी।

उन्होंने कहा था कि वह उनके सामने अपने समर्थक विधायकों की परेड कराने को भी तैयार हैं।

उन्होंने अन्नाद्रमुक विधायक दल की नेता चुने जाने के प्रस्ताव की प्रति भी उन्हें सौंपी।

शनिवार शाम को वे गोल्डन-बे रिजॉर्ट में विधायकों से मिलने पहुंचीं। बताया जा रहा है कि इस रिजॉर्ट में विधायकों को बंधक बनाकर रखा गया है। शशिकला का दावा है कि सभी विधायक उनके साथ हैं। विधायकों से बैठक के बाद शशिकला ने कहा, ''सभी विधायक ठीक और खुश हैं। सभी को राज्यपाल के जवाब का इंतजार हैं।''

235 सीटों वाली तमिलनाडु विधानसभा में बहुमत के लिए 118 विधायकों का समर्थन चाहिए। फिलहाल एआईएडीएमके के पास 135 और डीएमके के पास 89 सीटें हैं। पनीरसेल्वम खेमे का दावा है कि उनके पास 50 से ज्यादा विधायकों का समर्थन है, जबकि शशिकला ने करीब 94 विधायकों को एक रिजॉर्ट में बंद करके रखा है।

शशिकला को एआईएडीएमके विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद पनीरसेल्वम ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था।

हालांकि बाद में पनीरसेल्वम ने कहा था कि उनसे जबर्दस्ती इस्तीफा लिया गया है।

गवर्नर से मिलकर दोनों ही खेमों ने सरकार बनाने का दावा पेश किया है।

उत्तर प्रदेश: पहले चरण में छिटपुट हिंसा के बीच 64 फीसदी मतदान

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के पहले चरण में पश्चिमांचल के 15 जिलों की कुल 73 सीटों पर शनिवार को छिटपुट घटनाओं के बीच करीब 64 प्रतिशत से अधिक वोट पड़े।

चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार, पहले चरण में मतदाताओं ने काफी जोश-ओ-खरोश से मतदान किया। चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुसार जो भी मतदाता शाम पांच बजे तक मतदान केन्द्र में उपस्थित हो जाएंगे, उन्हें वोट डालने दिया जाएगा।

पहले चरण में शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, हापुड़, बुलन्दशहर, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, आगरा, फिरोजाबाद, एटा और कासगंज जिलों की 73 सीटों पर मतदान हुआ।

मतदान केन्द्रों पर सुबह से ही मतदाताओं की लम्बी-लम्बी कतारें देखी गईं। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 61.04 प्रतिशत मतदान हुआ था।
    
पहले चरण में विभिन्न पार्टियों के कई उम्मीदवारों की प्रतिष्ठा दांव पर थी। नोएडा सीट पर केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के पुत्र पंकज सिंह, कैराना सीट से भाजपा सांसद हुकुम सिंह की बेटी मगांका, मथुरा सीट से भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा तथा कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता प्रदीप माथुर, सरधना सीट से भाजपा के विवादास्पद विधायक संगीत सोम तथा थाना भवन सीट से सुरेश राणा समेत कुल 839 उम्मीदवारों का चुनावी भाग्य इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों में बंद हो गया।

मतदान के दौरान कुछ जगहों से झड़पें होने की खबरें मिली हैं।

बागपत से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, शहर की बाघू कालोनी में दो समुदायों के बीच एक समुदाय को मतदान से रोकने की कोशिश किए जाने तथा मतदान पर्चियां छीने जाने पर आपस में पथराव तथा मारपीट हुई।

इस घटना में 10 लोग घायल हो गये। मौके पर पहुंची पुलिस ने सभी घायलों को अस्पताल पहुंचाया।

राहुल गांधी ने कहा, मोदी जी जन्मपत्री निकालें, मैं उनसे नहीं डरता हूं

उत्तर प्रदेश के रामपुर के बिलासपुर में राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि मोदी जी कहते है कांग्रेस की जन्मपत्री उनके पास है, मैं कहता हूं कि वो जन्मपत्री निकालें, मैं उनसे नहीं डरता हूं।

राहुल ने आगे कहा कि मैंने अखिलेश जी को सुझाव दिया है कि युवा हमारी सरकार बना रहे हैं, हमें इनके बारे में सोचना है।

उन्होंने कहा कि मोदीजी बहुत जल्दी देश के 50 उद्योगपतियों के 6 लाख करोड़ के कर्ज माफ करेंगे, लेकिन आम लोगों के लिए कुछ नहीं करेंगे।

मैंने पीएम से कहा कि जैसे आपने उद्योगपतियों के लोन माफ़ कर दिए, किसानों का कर्ज माफ कर दो, मोदी जी चुप्पी साध गए।

कालेधन पर बोलते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल ने कहा कि स्विस बैंक ने कालाधन वालों की लिस्ट केंद्र सरकार को दे दी, फिर भी उन्होंने नाम सार्वजनिक नही किए। ऐसा क्यों किया?

उन्होंने आगे कहा कि अमीर बैंक का लोन न दे तो डिफाल्टर और किसान न दे तो चोर। मोदी ने माल्या को 1200 करोड़ गिफ्ट किए।

राहुल ने कहा कि मोदी जी की कैशलेस स्कीम में घपला है और पेटीएम का मतलब पे टू मोदी है।

शशिकला को बड़ा झटका, सेल्वम खेमे में शामिल हुए पांडिराजन

तमिलनाडु में चल रहे राजनीतिक संकट के बीच अब सबकी नजरें राज्यपाल सी वद्यासागर राव पर टिक गई हैं। उधर एआईएडीएमके की महासचिव वी के शशिकला ने राज्यपाल को पत्र लिख कर उनसे मिलने का समय मांगा। वहीं कार्यवाहक मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम के खेमे में एक मंत्री के शामिल होने से उन्हें मजबूती मिली है।

एआईएडीएमके की महासचिव वी के शशिकला नटराजन को बड़ा झटका देते हुए उनके समर्थक और राज्य मंत्री के पांडिराजन ओ पनीरसेल्वम के खेमे में शामिल हो गए। पनीरसेल्वम ने अपने कैंप में उनका स्वागत किया।

उन्होंने कहा कि मेरा समर्थन मुख्यमंत्री पनीरसेल्वम को है और हमारा मकसद सिर्फ पार्टी को एकजुट रखना है। बता दें कि पांडिराजन को शशिकला का वफादार माना जाता है।

इससे पहले तमिलनाडु से ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के दो लोकसभा सांसद शनिवार को राज्य के कार्यवाहक मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम के खेमे में शामिल हो गए थे। अशोक कुमार कृष्णागिरि और सुंदरम नमाक्कल से सांसद हैं। उन्होंने अपनी पूर्ववर्ती दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिता के पॉयस गार्डन स्थित आवास को स्मारक में तब्दील कर देने के लिए एक हस्ताक्षर अभियान भी शुरू किया है। इससे पहले राज्यसभा सदस्य वी मैत्रेयन भी पन्नीरसेल्वम गुट के साथ हो गए थे।।

शशिकला ने राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर अपने विधायकों संग उनसे मिलने का समय मांगा है। शशिकला ने गवर्नर को लिखी चिट्ठी में शपथ ग्रहण समारोह में होने वाली देरी पर भी सवाल उठाए हैं। शशिकला ने राव से कहा कि उन्हें यकीन है कि वह संविधान और लोकतंत्र की संप्रभुता को बचाने के लिए तुरंत ही कदम उठाएंगे ।

पनीरसेल्वम ने सात फरवरी को शशिकला के खिलाफ खुला विद्रोह कर दिया था। इससे दो दिन पहले ही शशिकला के मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ करने के लिए उन्हें विधायी दल का नेता चुना गया था।

पनीरसेल्वम ने आरोप लगाया था कि शशिकला के मुख्यमंत्री बनने का मार्ग प्रशस्त करने के लिए उन्हें इस्तीफा देने पर मजबूर किया गया।

भारत में पीडीवी मिसाइल का सफल परीक्षण

भारत ने आज ओडिशा के तट से अपनी इंटरसेप्टर मिसाइल का सफलतापूर्वक प्रायोगिक परीक्षण किया और द्विस्तरीय बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा प्रणाली विकसित करने की दिशा में एक अहम उपलब्धि हासिल की।

इस इंटरसेप्टर को आईटीआर के अब्दुल कलाम द्वीप (व्हीलर द्वीप) से सुबह सात बजकर 45 मिनट पर प्रक्षेपित किया गया। रक्षा अनुसंधान विकास संगठन के एक अधिकारी ने कहा कि पीडीवी नामक यह अभियान पृथ्वी के वायुमंडल से 50 किमी ऊपर बाहरी वायुमंडल में स्थित लक्ष्यों के लिए है।

उन्होंने कहा, पीडीवी इंटरसेप्टर और दो चरणों वाली लक्ष्य मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण हुआ। लक्ष्य को दरअसल 2000 किमी से अधिक दूरी से आती शत्रु बैलिस्टिक मिसाइल के तौर पर विकसित किया गया। इसे बंगाल की खाड़ी में एक पोत से दागा गया।

एक स्वचालित अभियान के तहत रडार आधारित प्रणाली ने शत्रु की बैलिस्टिक मिसाइल की पहचान कर ली। रडार से मिले आंकड़ों की मदद से कंप्यूटर नेटवर्क ने आ रही बैलिस्टिक मिसाइल का मार्ग पता लगा लिया।

पीडीवी को पूरी तरह तैयार रखा गया था। कंप्यूटर सिस्टम से जरूरी निर्देश मिलते ही इसे छोड़ दिया गया। यह अहम दिशासूचक प्रणालियों की मदद से अवरोधन बिंदू तक पहुंच गई। सभी कार्यों का निरीक्षण विभिन्न स्थानों पर स्थित टेलीमीट्री रेंज स्टेशनों ने तत्काल आधार पर किया।

अन्नाद्रमुक संकट: मधुसूदनन और शशिकला ने एक दूसरे को बर्खास्त किया

अन्नाद्रमुक महासचिव एक ओर सरकार बनाने के लिए विधायकों को अपने पक्ष में रखने के लिए एड़ी-चोटी का बल लगा रही हैं। वहीं दूसरी ओर पार्टी के भीतर विरोधियों पर सख्त कार्रवाई कर कड़ा संदेश देने की कोशिश कर रही हैं।

इसी कड़ी में शशिकला ने शुक्रवार को पार्टी के प्रेसीडियम चेयरमैन ई मधुसूदनन को बर्खास्त कर दिया। इसके जवाब में मधुसूदनन ने शशिकला को महासचिव पद से हटा दिया है।

शशिकला ने चेन्नई में जारी एक बयान में कहा कि मधुसूदनन को पार्टी के सिद्धांतों के खिलाफ जाने और उसकी बदनामी करने के लिए प्राथमिकता सदस्यता के साथ-साथ सभी पदों से बर्खास्त कर दिया गया है। उन्होंने पूर्व मंत्री के ए सेनगोट्टैयन को अन्नाद्रमुक के नए प्रेसिडियम चेयरमैन के पद पर नियुक्ति की भी घोषणा की।

शशिकला ने पार्टी कार्यकतार्ओं से आग्रह किया है कि वे मधूसूदनन के साथ कोई संबंध ना रखें और सेनगोट्टैयन को अपना सहयोग दें।

मधुसूदनन ने गुरुवार को पनीरसेल्वम का समर्थन करते हुए कहा था कि अन्नाद्रमुक को बचाने वाले हर शख्स को पनीरसेल्वम का साथ देना चाहिए।

मधुसूदनन ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए प्रेसीडियम चेयरमैन होने के नाते शशिकला को महासचिव पद से हटा दिया है। उन्होंने कहा कि महासचिव का चुनाव केवल पार्टी कार्यकर्ता कर सकते हैं।

उन्हें अन्नाद्रमुक का महासचिव मानने से इनकार कर दिया है। उन्होंने शुक्रवार को चुनाव आयोग को भेजे आवेदन में शशिकला को बतौर अन्नाद्रमुक महासचिव मान्यता नहीं देने की गुजारिश की है।

मधुसूदनन ने पार्टी संविधान का हवाला देते हुए कहा कि महासचिव पद के लिए जरूरी है कि व्यक्ति कम से कम पांच साल से पार्टी का प्राथमिक सदस्य हो।

अन्नाद्रमुक में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए शशिकला (चिनम्मा) ने पहले भी कड़े फैसले किए हैं। उन्होंने पनीरसेल्वम को भी पार्टी कोषाध्यक्ष से हटा दिया था। पनीरसेल्वम का साथ देने से नाराज होकर उन्होंने पार्टी के आईटी विंग के सचिव रामचंद्रण की भी छुट्टी कर दी थी।

पट्टाली मक्कल कॉची (पीएमके) ने शुक्रवार को कहा कि तमिलनाडु के राज्यपाल सी. विद्यासागर राव को राज्य में सरकार गठन के लिए अन्नाद्रमुक की महासचिव वी. के. शशिकला को आंखें मूंद कर आमंत्रित नहीं करना चाहिए।

पीएमके के प्रवक्ता और वकील एन. विनोबा भूपति ने कहा, भारतीय संविधान निमार्ताओं ने अनुच्छेद 164 का प्रावधान किया, ताकि कोई भी क्षमतावान व लोकप्रिय व्यक्ति पहले मंत्री बन सके और फिर छह माह के भीतर चुनाव लड़कर विधानसभा या विधानपरिषद की सदस्यता ले सके।

उन्होंने कहा कि राज्यपाल को कार्यवाहक मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम के आरोप पर भी गौर करना चाहिए, जिनका कहना है कि उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया।

शशिकला का तमिलनाडु की सत्ता पर कब्ज़ा

शशिकला का तमिलनाडु की सत्ता पर कब्ज़ा

गुजरात में हार्दिक पटेल शिवसेना के मुख्यमंत्री का चेहरा होंगे: उद्धव ठाकरे

बीजेपी और शिवसेना के गठबंधन में दरार बढ़ती जा रही है। भले ही शिवसेना ने महाराष्ट्र सरकार से समर्थन वापस न लिया हो, लेकिन अब दोनों पार्टियां ने महानगरपालिका के चुनाव अलग-अलग लड़ने का फैसला लिया है।

इतना ही नहीं, उद्धव ठाकरे ने ऐलान किया है कि गुजरात विधानसभा चुनाव में पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल शिवसेना की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे।

बताया जा रहा है कि सोमवार रात को हार्दिक पटेल मुंबई पहुंचे और उन्होंने आज शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से उनके बांद्रा स्थित मातोश्री में मुलाकात की।

इस मुलाकात के बाद उद्धव ठाकरे और हार्दिक पटेल ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की। इस दौरान जब ठाकरे से पूछा गया कि क्या उनकी पार्टी गुजरात में चुनाव लड़ेंगी तो उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी यूपी में चुनाव लड़ रही है और वह गुजरात में भी चुनाव लड़ेंगी।

इसके बाद उन्होंने कहा कि हार्दिक पटेल उनके सीएम उम्मीदवार हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि यह उनकी हार्दिक के साथ पहली बैठक है इसलिए अभी कई और बातों पर फैसला होना बाकी है।

जब इस बारे में पटेल से पूछा गया कि वह शिवसेना में शामिल होंगे तो पहले उन्होंने कुछ भी नहीं कहा। इसके बाद उन्होंने कहा कि शिवसेना में शामिल होने पर कोई फैसला नहीं लिया है।

शिवसेना बीएमसी चुनावों में हार्दिक पटेल को स्टार प्रचारक बनाना चाहती है।

वहीं जब उद्धव ठाकरे से बीजेपी के साथ गठबंधन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की सरकार नोटिस पर चल रही है।

शिवसेना पहले से ही बीजेपी पर हमले कर रही है और पटेल ने भी गुजरात में बीजेपी सरकार पर तल्ख टिप्पणियां की हैं।

पटेल ने हाल ही में गुजरात लौटकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला किया था। उन्‍होंने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा था कि आप दो लाख रुपये का सूट पहनते हैं और खुद को गांधी कहते हैं।

दिल्ली समेत उत्तर भारत में भूकंप के झटके महसूस किए गए

दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में सोमवार रात को 10.33 बजे रिक्टर पैमाने पर 5. 8 तीव्रता का भूकंप आया। भूकंप का केंद्र उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में था।

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की इकाई राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान ब्यूरो के ऑपरेशन प्रमुख जेएल गौतम ने बताया कि भूकंप का केंद्र रुद्र प्रयाग जिले में 33 किलोमीटर की गहराई में था।

पिथौरागढ़ के एसपी अजय जोशी ने कहा कि हमें कुछ झटकों की खबरें मिली हैं, लेकिन जानमाल के नुकसान का अभी कोई पता नहीं चला है।

उन्होंने कहा कि हम सूचनाएं एकत्र कर रहे हैं और जरूरत पड़ी तो केंद्र से मदद मांगी जाएगी। देहरादून के अलावा चमोली, रुद्रप्रयाग, पौड़ी, श्रीनगर, टिहरी, उत्तरकाशी, हरिद्वार, रुड़की, हल्द्वानी, पिथौरागढ़, नैनीताल समेत पूरे कुमाऊं मंडल में भी भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग डर के मारे घरों से बाहर निकल आए।

भूकंप के झटके पंजाब और हिमाचल में भी महसूस किए गए। चंड़ीगढ़, चंबा, कांगड़ा, पंचकुला, शिमला के लोगों ने करीब 33 सेकेंड तक भूकंप के झटके महसूस किए।

गृह मंत्रालय ने भूकंप को लेकर उत्तराखंड सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। जबकि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) को अलर्ट रहने को कहा गया है। भूकंप के बाद पहाड़ी इलाके में भूस्खलन की आशंका जताई जा रही है।

भूकंप का केंद्र रुद्रप्रयाग में 33 किलोमीटर की गहराई में होने से जानमाल का ज्यादा नुकसान होने की आशंका नहीं है। उत्तराखंड के मुख्य सचिव एस रामास्वामी ने बताया कि सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी कर एहतियात बरतने को कहा है। डीएफओ और संबंधित अधिकारियों को भी स्थिति पर नजर रखने को कहा गया है।

भूकंप की तीव्रता को लेकर भ्रम की स्थिति रही। भारतीय मौसम विज्ञान के अनुसार, रिक्टर स्केल पर 5.8 की तीव्रता का भूकंप था, जबकि यूएस जियोलॉजिकल सर्वे का कहना है कि भूकंप की तीव्रता 5.6 थी।

भूकंप के बाद राहत एवं बचाव अभियान के लिए एनडीआरएफ की टीमें गाजियाबाद से उत्तराखंड भेजी गई हैं। एनडीआरएफ के महानिदेशक आर के पचनंदा ने बताया कि करीब 90 सदस्यों वाली एनडीआरएफ की दो टीमें रुद्र प्रयाग भेजी गई हैं।

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर भारत में भूकंप के बाद के हालात का जायजा लेने के लिए अधिकारियों से बात की। वहीं गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में रात में आए भूकंप पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

भूगर्भ विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तराखंड भूकंप के लिहाज से जोन 5 में आता है, जहां रिक्टर स्केल पर आठ की तीव्रता से बड़े भूकंप आने की आशंका रहती है। इस क्षेत्र में टेक्टोनिक प्लेटों के टकराने से भूकंप आते हैं। यहां यूरेशियन और भारतीय प्लेटों के बीच टकराहट देखने को मिलती है जिस कारण भूकंप आते हैं। यूरेशियन प्लेट में चीन, कश्मीर का हिस्सा आता है। बद्रीनाथ, केदारनाथ समेत इस इलाके में बड़ा भूकंप आने की आशंका भूगर्भ विज्ञानी काफी समय से जता रहे हैं। लेकिन इस बारे में कोई निश्चित भविष्यवाणी नहीं की जा सकती और इसको लेकर सावधान रहने की जरूरत है।

59 कोबरा कमांडोज ड्यूटी पर जाते वक्त ट्रेन से गायब

केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 59 प्रशिक्षु कोबरा कमांडोज के एक साथ ड्यूटी से गायब हो जाने का हैरतअंगेज मामला सामने आया है। यह घटना मुगलसराय स्टेशन की है। जहां जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में एक प्रशिक्षण केन्द्र में पांच सप्ताह का बेसिक प्रशिक्षण ले कर वापस लौट रहे कोबरा कमांडोज ने अपने गंतव्य स्टेशन गया स्थित 205वें कोबरा यूनिट के मुख्यालय जाने की बजाए अचानक अपनी यात्रा समाप्त करके अपने-अपने घरों की ओर जाने का निर्णय किया।

अधिकारियों ने बताया कि जवानों ने अपने इस फैसले की जानकारी अपने दल के कमांडर को नहीं दी और चुपचाप गायब हो गए। सीआरपीएफ ने इसे अनृधिकत अनुपस्थिति करार देते हुए जवानों के खिलाफ कोर्ट ऑफ इनक्वारी के आदेश दिए हैं।

सीआरपीएफ और कमांडो बटालियन फॉर रेजोयूल्ट एक्शन के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि इन जवानों को गया स्थित 205वें कोबरा यूनिट के मुख्यालय में आज पहुंचना था। यहां उनकी बिहार में नक्सल विरोधी अभियानों के लिए आगे की नियुक्ति की जानी थी।

उन्होंने कहा कि प्रशिक्षु कमाडोंज के साथ ही यात्रा करने वाले प्रशिक्षकों और हवलदारों ने किसी तरह इनसे संपर्क साध कर इनके बारे में मालुमात हासिल की।

वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि पूरी जांच के आदेश दे दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि यह निर्धारित करने की जरूरत है कि कैसे इन जवानों ने एक साथ गायब होने का निर्णय किया? सारे जवान बिहार और उत्तर प्रदेश के हैं।