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सर्वेक्षण: उत्तर प्रदेश चुनाव में सपा-कांग्रेस गठबंधन को बहुमत

भारत के प्रान्त उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मुख्य रूप से तीन मुख्य प्रतिद्वंदियों के बीच मुकाबला है। एबीपी न्यूज चैनल और सीएसडीएस ने 17 से 23 जनवरी के दौरान उत्तर प्रदेश में किए चुनावी सर्वेक्षण में समाजवादी पार्टी-कांग्रेस गठबंधन को बहुमत के करीब बताया गया है।

हालांकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की लोकप्रियता में दिसंबर 2016 के मुकाबले दो फीसदी की गिरावट दर्शायी गई है। वहीं दूसरे स्थान पर बीजेपी गठबंधन को दिखाया गया है। उत्तर प्रदेश में बसपा को सर्वेक्षण में तीसरे स्थान पर खिसकता दिखाया गया है। सपा के झगड़े में अखिलेश यादव पार्टी के सर्वोच्च नेता बनकर उभरे हैं।

अखिलेश यादव की लोकप्रियता में दो फीसदी की गिरावट आई है। दिसंबर में 28 फीसदी की पसंद अखिलेश थे, लेकिन जनवरी में इसी सवाल पर अखिलेश 26 फीसदी वोटरों की पसंद रह गए। मायावती पहले की तरह ही 21 फीसदी पर तो राजनाथ सिंह 03 फीसदी पर बने हुए हैं।

सर्वेक्षण के मुताबिक, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों से लोग संतुष्ट हैं। सर्वेक्षण की मानें तो प्रधानमंत्री के रूप में मोदी और मुख्यमंत्री के रूप में अखिलेश से संतुष्ट लोगों का प्रतिशत एक समान है।

सपा-कांग्रेस के गठबंधन से फायदे के मामले में कोई स्पष्ट राय नहीं दिखी। करीब 43 प्रतिशत लोगों ने इस पर अपनी कोई राय ही नहीं दी। लेकिन 37 प्रतिशत लोगों ने एसपी को फायदा बताया।

अखिलेश यादव के खिलाफ सत्ताविरोधी रुझान घटा, 43 प्रतिशत देना चाहते हैं दूसरा मौका। झगड़े के लिए शिवपाल यादव को जिम्मेदार मानते हैं 36 प्रतिशत मतदाता। विकास बना मुख्य चुनावी मुद्दा, 32 प्रतिशत मानते हैं इसे मुद्दा। नोटबंदी पर मोदी सरकार का समर्थन बढ़ा 41 प्रतिशत लोगों ने फैसले को सही ठहराया।

एबीपी न्यूज-लोकनीति-सीएसडीएस ने 17 से 23 जनवरी के बीच उत्तर प्रदेश के लोगों की राय ली। इसमें उत्तर प्रदेश की 65 विधानसभा क्षेत्रों के 6481 लोगों से बात की। यह सर्वेक्षण यूरोपियन सोसाइटी फॉर ओपिनियन एंड मार्केटिंग रिसर्च (ESOMAR) के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए किया गया।

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों को लेकर दूसरी ओर एक और न्यूज चैनल टाइम्स नाऊ-वीएमआर ने पोल सर्वे किया। इसमें ठीक उलट 1991 के बाद पहली बार राज्य में भाजपा को बहुमत में दिखाया गया है। टाइम्स नाऊ ने उत्तर प्रदेश के 24 जिलों मे 7500 मतदाताओं को इस सर्वेक्षण में शामिल किया।

भारत की अर्थव्यवस्था बहुत अच्छी नहीं है: मनमोहन सिंह

भारत में आर्थिक समीक्षा जारी होने से ठीक एक दिन पहले कांग्रेस ने मोदी सरकार पर आर्थिक मोर्चे पर विफल रहने का आरोप लगाया है। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भारत की आर्थिक स्थिति के बारे में एक पुस्तिका जारी करते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था बहुत अच्छी नहीं है। रोजगार घट रहा है। निवेश कम हुआ और निर्यात में भी गिरावट आई है।

'द रियल स्टेट ऑफ इकोनॉमी 2017, ए कंपरिहेंसिव मिड टर्म इकोनॉमिक एनालिसिस ऑफ मोदी गर्वमेंट' पुस्तिका जारी करते पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि रेटिंग एजेसिंया लगातार अर्थव्यवस्था के बारे में आगाह कर रही है। ऐसे में यह सोचना जरुरी है कि अर्थव्यवस्था को विकास के पथ पर लाने के लिए क्या ठोस कदम उठाए जाने चाहिए?

इस मौके पर भारत के पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि मंगलवार को सरकार अर्थव्यवस्था को मजबूत दिखाने की कोशिश करेंगी। पर कांग्रेस ने इस पुस्तिका के जरिए लोगों के सामने सच्चाई पेश की है। यूपीए सरकार का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि दस वर्ष की औसत विकास दर 7.5 फीसदी थी। पर मौजूदा सरकार इसे बरकरार रखने में विफल रही है।

चिदंबरम ने कहा कि मौजूदा सरकार के ढ़ाई वर्ष के कार्यकाल में रोजगार के अवसर घटे हैं। निजी पूंजी का निवेश नहीं हो रहा है। आधारभूत ढ़ांचा क्षेत्र में निवेश घट रहा है। सरकार प्रतिदिन 30 किमी सड़क बनाने का दावा कर रही है, पर हकीकत में यह छह किमी है। सरकार बुलेट ट्रेन की बात कर रही है, पर रेल के पटरी से उतरने की घटनाएं बढ़ी हैं।

कांग्रेस ने केंद्र की मोदी सरकार से सामाजिक कल्याण की योजनाओं के आवंटन में कटौती नहीं करने की मांग की है। पी.चिदंबरम मे कहा कि नोटबंदी के बाद मनरेगा की मांग में 60 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसलिए सरकार को बजट में सामाजिक कल्याण की योजनाओं में आवंटन बढ़ाना चाहिए। साथ ही अर्थव्यवस्था की हालत सुधारने के लिए घाटा कम करने पर भी ध्यान देना चाहिए क्योंकि सरकार घाटा कम करने का लक्ष्य हासिल करने में नाकाम रही है।

1 फरवरी से एटीएम में कैश विदड्रॉअल लिमिट खत्म होगी!

भारत में नोटबंदी के बाद से लागू एटीएम से कैश विदड्रॉअल लिमिट एक फरवरी से खत्म हो जाएगी। अारबीआई के अनुसार, अब एटीएम मशीन से एक दिन में एक डेबिट कार्ड से 24 हजार रुपये तक निकाल सकते हैं, लेकिन एक हफ्ते में 24 हजार रुपये निकालने की लिमिट बरकरार रहेगी।

रिजर्व बैंक की ओर से जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि चालू खातों, कैश क्रेडिट खातों और ओवरड्राफ्ट खातों से निकासी पर लागू प्रतिबंध हटा लिया गया है। साथ ही एटीएम से पैसे निकाले की लिमिट भी खत्म कर दी गई है, लेकिन बचत खातों पर लगाई गई निकासी सीमा हटाने के बारे में आगे विचार किया जाएगा।

फिलहाल अभी एटीएम से हर दिन 10 हजार रुपये निकल रहे हैं। 16 जनवरी को आरबीआई ने बैंक एटीएम से पैसे निकालने की सीमा हर रोज 4500 रुपए से बढ़ाकर रोजाना 10,000 रुपए कर दिया था। 4500 से पहले एटीएम से केवल 2500 रुपये निकालने की सीमा थी।

हालांकि रिजर्व बैंक ने एक हफ्ते में 24,000 रुपए निकासी की सीमा को बरकरार रखा। यह सीमा केवल बचत खाते को लेकर है।

भारत में केंद्र की मोदी सरकार ने 8 नवंबर 2016 को कालेधन पर रोक लगाने के लिए 500 रुपये और 1000 रुपये के नोटों के चलन पर रोक लगा दी थी। इन पुराने नोटों के स्थान पर 500 रुपये और 2000 रुपये के नये नोट जारी किये गए थे।

फिलहाल, एटीएम से पैसे निकालने की साप्ताहिक सीमा 24,000 है, लेकिन एक दिन में 24,000 रुपये निकाले जा सकते हैं।

गांधी जी हर हिन्दुस्तानी के दिल में हैं, उन्हें कभी मिटाया नहीं जा सकता: राहुल गाँधी

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी सोमवार को महात्मा गांधी की हत्या के संबंध में आरएसएस पर की गई अपनी टिप्पणियों को लेकर मानहानि के एक मामले में महाराष्ट्र के भिवंडी की एक अदालत में पेश हुए। अदालत में पेश के बाद राहुल ने कहा कि मेरी लड़ाई विचारधारा के खिलाफ है, वो विचारधारा जिसने गांधी जी की हत्या की।

उन्होंने कहा कि गांधी जी हर हिन्दुस्तानी के दिल में हैं उन्हें कभी मिटाया नहीं जा सकता। इस मामले की सुनवाई 3 मार्च तक टाल गई है।

राहुल ने सोमवार सुबह एक ट्वीट कर कहा, ''गोवा रवाना होने से पहले आज सुबह भिवंडी जाऊंगा।''

आरएसएस के एक कार्यकर्ता राजेश कुंते ने भिवंडी में छह मार्च 2014 को दिए राहुल के भाषण को लेकर उनके खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था।

कांग्रेस की रैली के दौरान राहुल ने कथित तौर पर कहा था, ''गांधी की हत्या आरएसएस के लोगों ने की थी।''

अदालत ने पिछली सुनवाई में राहुल को जमानत पर रिहा कर दिया था।

''मेरी लड़ाई एक विचारधारा के खिलाफ है, वही विचारधारा जिसने गाँधी जी की हत्या की, वही विचारधारा जो गाँधी जी को खादी ग्राम उद्योग के पोस्टर्स से हटा रही है। गाँधी जी हिन्दुस्तान के लोगों के दिल मे हैं, उनको मिटाया नहीं जा सकता। उनकी हत्या ज़रूर कर दी, मगर उनको कभी मिटाया नहीं जा सकता, इसलिए मै यहाँ आया हूँ।''
- राहुल गाँधी, कांग्रेस उपाध्यक्ष, भिवंडी (जिला ठाणे), महाराष्ट्र, भारत

चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार बैंकों से लिमिट से अधिक पैसा नही निकाल पाएंगे

भारत में नोटबंदी के बाद नकदी निकालने की साप्ताहिक सीमा को पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में लड़ रहे उम्मीदवारों के लिए बढ़ाने के चुनाव आयोग के अनुरोध को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने खारिज कर दिया जिस पर आयोग की तीखी प्रतिक्रिया आई है।

चुनाव आयोग ने बुधवार को आरबीआई से उम्मीदवारों की नकदी निकासी की साप्ताहिक सीमा 24,000 रपये से बढ़ाकर दो लाख रपये करने का अनुरोध किया था।

चुनाव आयोग का कहना था कि नोटबंदी के बाद लागू सीमा से उम्मीदवारों को अपने प्रचार का खर्च निकालने में कठिनाई होगी।

लेकिन रिजर्व बैंक का कहना है कि इस स्तर पर सीमा बढ़ाना संभव नहीं है। नाराज दिख रहे चुनाव आयोग ने आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल को पत्र लिखकर इस मुददे से निपटने के तरीके पर गंभीर चिंता प्रकट की है।

चुनाव आयोग ने कहा, ऐसा लगता है कि आरबीआई को स्थिति की गंभीरता का आभास नहीं है।

यह बात दोहराई जाती है कि निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कराना और सभी उम्मीदवारों को समान अवसर प्रदान करना चुनाव आयोग का संवैधानिक अधिकार है और उचित तरीके से चुनाव कराने के लिए जरूरी है कि चुनाव आयोग के दिशानिदेर्शों का पालन किया जाए।

चुनाव आयोग ने रिजर्व बैंक से प्रस्ताव पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है।

उद्धव ठाकरे ने बीजेपी को ताना मारा, मंदिर बनाएंगे, पर कब बनाएंगे

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा शिवसेना को वसूली करने वालों की पार्टी बताने से नाराज शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा कि वह इस पर प्रतिक्रिया नहीं देना चाहेंगे, लेकिन उद्धव ठाकरे ने बीजेपी की अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का वादा अभी तक पूरा नहीं करने को लेकर आलोचना की।

फडणवीस ने कल रात मुम्बई में बीजेपी की एक रैली को संबोधित करते हुए शिवसेना को वसूली करने वालों की पार्टी बताया था और पिछले दो दशकों से मुम्बई पर उसके प्रभुत्व को मुम्बई के लिए बड़ा नुकसान बताया था।

ठाकरे ने मुम्बई में अपनी मौजूदगी में बहन्मुम्बई महानगरपालिक (बीएमसी) में विपक्ष के पूर्व नेता एवं कांग्रेस पार्षद देवेंद्र अंबेरकर के शिवसेना में शामिल होने के बाद संवाददाताओं से कहा कि मैं उनकी (फडणवीस) कल रात की टिप्पणी पर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं करना चाहता।

उन्होंने कहा कि उन्होंने (फडणवीस) पहले कहा था कि केवल लाल किले से भाषण देने से कोई भी प्रधानमंत्री नहीं बन जाता। इसी तरह से कोई भी केवल (स्वयं को) मानकर भगवान कृष्ण नहीं बन जाता।

ठाकरे ने बीजेपी मुम्बई प्रमुख आशीष शेलार का नाम नहीं लिया जिन्होंने कल की रैली के दौरान अपने संबोधन में शिवसेना-बीजेपी संबंधों के लिए महाभारत की उपमा दी थी। उन्होंने फडणवीस को भगवान कृष्ण बताया था और उम्मीद जतायी थी कि कृष्ण कौरवों (शिवसेना) के खिलाफ लड़ेंगे।

ठाकरे ने कहा कि मैं उस पर (जो फडणवीस ने कहा) अधिक नहीं बोलूंगा क्योंकि मेरा भी गला खराब हो जाएगा। उनका इशारा परोक्ष रूप से कल रात फडणवीस के अपने संबोधन के दौरान दो बार पानी पीने की ओर था क्योंकि उनका गला खराब था।

उन्होंने कहा कि जो उन्होंने (फडणवीस) कहा उस पर नहीं बोलूंगा। मुम्बई के लोग उसका जवाब देंगे। उन्होंने कहा कि उनकी (फडणवीस की) पहले ही छवि खराब हो गई है। अब भय यह है कि छवि गुंडों के सीएम की न बन जाए।

ठाकरे ने बीजेपी पर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का अपना वादा पूरा नहीं करने के लिए ताना मारा और कहा, वे (भाजपा) वे ईंटें खोज रहे होंगे जो उन्होंने पहले एकत्रित की थीं। उन्होंने कहा कि यदि वे ईंट खोज लेंगे, तो हो सकता है कि वे मंदिर बना दें। मंदिर बनाएंगे, पर कब बनाएंगे।

'ये गठबंधन मौकापरस्त नहीं है, ये तो दिलों का गठबंधन है'

कांग्रेस-सपा गठबंधन के बाद आज पहली बार अखिलेश यादव और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की मुलाकात हुई। लखनऊ में दोनों नेताओं ने एक दूसरे को गले लगाया और एक साथ मंच साझा किया।

मंच पर दोनों पार्टियों के कई और दिग्गज भी मौजूद रहे। राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने संयुक्त रूप से प्रेस वार्ता को संबोधित किया।

पहले राहुल गांधी ने संबोधन करना शुरू किया और कहा, मैं और अखिलेश एक-दूसरे को पहले से जानते हैं, हम मिलकर काम करेंगे और यूपी का विकास करेंगे।

राहुल गांधी ने कहा, मैंने कहा था अखिलेश अच्छा लड़का है, पर उसे काम नहीं करने दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विकास की राजनीति को विरोधी रोकना चाहते हैं इसलिए हमने हाथ मिलाया है ताकि हम मिलकर लड़ाई लड़ सकें। हम प्रगति की ओर कदम बढाएंगे।

हम नफरत की राजनीति को रोकना चाहते हैं इसलिए ये गठबंधन किया है। हम चुनाव प्रचार कैसे करेंगे, हमारी प्लानिंग क्या होगी, ये अभी नहीं बताएंगे। सोनिया गांधी और मुलायम सिंह यादव चुनाव प्रचार करेंगे या नहीं, इसका खुलासा भी अभी नहीं करेंगे।

राहुल ने दावा किया है कि दोनों पार्टी मिलकर 300 से ज्यादा सीटें हासिल करेंगी। प्रियंका गांधी के साथ पर राहुल ने कहा, उन्होंने हमेशा मेरा साथ दिया है, अब तक दिया है और आगे भी देंगी। वे चुनाव प्रचार करेंगी या नहीं, ये उनकी इच्छा है। उनपर कोई जोर नहीं दिया जाएगा।

राहुल गांधी ने कहा, ये गठबंधन मौकापरस्त नहीं है, ये तो दिलों का गठबंधन है। हमने निजी रिश्तों को राजनीतिक रंग दिया है। हम संघ और बीजेपी को समझाना चाहते हैं कि हम यूपी को टूटने नहीं देंगे। बीजेपी तो बस एक हिन्दुस्तानी को दूसरे हिन्दुस्तानी से लड़ाती है। उनके विचारों से देश को खतरा है।

अखिलेश यादव ने कहा, हमारे निजी रिश्ते पहले से ही थे और अब राजनीति में भी हम जुड़ गए हैं। हम दो पहिएं हैं, हमारी उम्र में भी ज्यादा फर्क नहीं है।

गठबंधन पर अखिलेश ने कहा, इस गठबंधन के जरिए हम पिपल एलाइंस बनकर उभर आएंगे।

अखिलेश ने दोनों पार्टियों के मिलन को गंगा यमुना का मिलन कहा। ये एक ऐतिहासिक गठबंधन है, सपा और कांग्रेस मिलकर विरोधियों को करारा जवाब देंगे। हाथ के साथ साइकिल हो और साइकिल के साथ हाथ हो, तो सोचिए रफ्तार क्या होगी।

अमेठी और रायबरेली की सीट पर अखिलेश ने कहा, आने वाला वक्त बताएगा, सब अभी बता देंगे तो मसला खत्म ही हो जाएगा।

मायावती संग गठबंधन पर अखिलेश बोले कि उनके साथ गठबंधन कैसे होगा, वे तो बहुत जगह लेती हैं। उनका चुनाव चिन्ह भी हाथी है।

राहुल और अखिलेश ने कहा कि यह गठबंधन क्रोध, गुस्से, बांटने की राजनीति और कंपनियों को पैसा देने की राजनीति के जवाब देने के लिए किया गया है।

दोनों ने संयुक्त रूप से मोदी पर निशाना साधा और कहा कि मोदी जी की भाषा में यह गठबंधन थ्री पी के लिए किया गया है यानी प्रोग्रेस, प्रासपेरिटी और पीस ...। इसमें अखिलेश ने एक और पी जोड़ते हुए कहा कि यह पीपुल्स एलायंस है ...।

लखनऊ में एक ही रथ पर राहुल-अखिलेश का रोड शो

उत्‍तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सीएम अखिलेश यादव और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने साझा रोड शो किया। दोनों एक ही रथ पर सवार हुए। रोड शो करीब 15 किमी का सफर तय किया। इस दौरान यह तीन विधानसभा क्षेत्रों को कवर किया। पूरा रोड शो मुस्लिम बहुल क्षेत्रों से गुजरा। रोड शो शुरू होने से पहले राहुल और अखिलेश जीपीओ पर पहुंचे। वहां दोनों ने महात्मा गांधी व अंबेडकर की प्रतिमा पर फूल चढ़ाये।

इससे पहले गठबंधन के बाद आज पहली बार अखिलेश यादव और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की मुलाकात हुई। लखनऊ में दोनों नेताओं ने एक दूसरे को गले लगाया और एक साथ मंच साझा किया। मंच पर दोनों पार्टियों के कई और दिग्गज भी मौजूद रहे। राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने संयुक्त रूप से प्रेस वार्ता को संबोधित किया। राहुल ने दावा किया है कि दोनों पार्टी मिलकर 300 से ज्यादा सीटें हासिल करेंगी।

पहले राहुल गांधी ने संबोधन करना शुरू किया और कहा, मैं और अखिलेश एक-दूसरे को पहले से जानते हैं, हम मिलकर काम करेंगे और यूपी का विकास करेंगे।

राहुल गांधी ने कहा, मैंने कहा था अखिलेश अच्छा लड़का है, पर उसे काम नहीं करने दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विकास की राजनीति को विरोधी रोकना चाहते हैं इसलिए हमने हाथ मिलाया है ताकि हम मिलकर लड़ाई लड़ सकें। हम प्रगति की ओर कदम बढाएंगे।

अखिलेश यादव ने कहा, हमारे निजी रिश्ते पहले से ही थे और अब राजनीति में भी हम जुड़ गए हैं। हम दो पहिये हैं, हमारी उम्र में भी ज्यादा फर्क नहीं है।

गठबंधन पर अखिलेश ने कहा, इस गठबंधन के जरिए हम पिपल एलाइंस बनकर उभर आएंगे। सीएम ने कहा कि एक ऐतिहासिक गठबंधन है, सपा और कांग्रेस मिलकर विरोधियों को करारा जवाब देंगे। हाथ के साथ साइकिल हो और साइकिल के साथ हाथ हो, तो सोचिए रफ्तार क्या होगी।

अमेठी और रायबरेली की सीट पर अखिलेश ने कहा, आने वाला वक्त बताएगा, सब अभी बता देंगे तो मसला खत्म ही हो जाएगा।

निगम चुनाव में बीजेपी के साथ गठबंधन नहीं करेगी शिवसेना

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी पार्टी मुंबई तथा महाराष्ट्र के अन्य नगर निगमों के लिए फरवरी में होने वाले चुनावों में अपने दम पर उतरेगी।

ठाकरे की गुरुवार शाम की गई इस घोषणा से इस बारे में जारी रहस्य समाप्त हो गया है कि दोनों दल भारत के सबसे धनवान नगर निगम बहन्मुंबई महानगरपालिका (एमसीजीएम) के लिए मिलकर चुनाव लड़ेंगे या नहीं। महाराष्ट्र में दोनों सत्तारूढ़ सहयोगी दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर बातचीत में गतिरोध आ गया था।

गोरेगांव में पार्टी कार्यकर्ताओं की एक बैठक को संबोधित करते हुए ठाकरे ने भाजपा का नाम लिए बगैर कहा कि मैं किसी के सामने नहीं झुकूंगा। अगर कोई सोचता है कि हम उन से कम हैं तो हम उन्हें हटाकर दिखा देंगे।

ठाकरे ने अपने तीखे भाषण में कहा कि शिवसेना बिना गठबंधन के चुनाव लड़ने को तैयार है और हमें ऐसे सिपाहियों की जरूरत है जिनमें पीछे से वार करने के बजाय सामने से हमला करने का साहस हो।

शिवसेना अध्यक्ष ने कहा कि एक बार मैंने फैसला कर लिया तो मैं नहीं चाहता कि इस पर कोई सवाल खड़ा करे। अगर आप मेरे साथ खड़े रहने का वादा करते हैं तो मैंने महाराष्ट्र में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला कर लिया है। मैं किसी के दरवाजे पर गठबंधन के लिए भीख का कटोरा लेकर नहीं जाऊंगा। मैंने फैसला कर लिया है कि किसी नगर निगम या जिला परिषद के चुनाव में कोई गठबंधन नहीं होगा।

तमिलनाडु में हाल ही में हुए विरोध प्रदर्शनों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आगामी चुनाव जल्लीकट्टू से कम नहीं हैं जहां एक सांड़ को हमेशा के लिए काबू में करना जरूरी है। शिवसेना के नियंत्रण वाले एमसीजीएम के कामकाज में पारदर्शिता की बीजेपी की मांग के संदर्भ में ठाकरे ने कहा कि जब आप पारदर्शिता की बात करते हैं तो हम राज्य सरकार और केंद्र में भी उसी तरह की पारदर्शिता की अपेक्षा रखते हैं।

ठाकरे ने बीजेपी का नाम नहीं लिया, लेकिन चुटीले अंदाज में कहा कि मैंने किसी से कहा कि हम भी कुछ गुंडों की भर्ती कर लें। लेकिन फिर मुझे बताया गया कि कोई नहीं बचा। मेरे शिवसैनिक आपके सभी आरोपों का जवाब देने के लिए तैयार हैं, लेकिन आप सुनिश्चित कर लीजिए कि पुलिस इस मामले में शामिल नहीं हो।

बीजेपी नीत केंद्र सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए शिवसेना प्रमुख ने आरोप लगाया कि देश में आज डर का माहौल है और सत्तारूढ़ पार्टी के खिलाफ जो भी बोलता है, उसे राष्ट्रविरोधी बताया जाता है।

उन्होंने कहा कि वो लोग आज सबकुछ भूल गए हैं जिनके साथ अगर शिवसेना सुप्रीमो (दिवंगत बाल ठाकरे) नहीं खड़े होते तो वे कचरे की पेटी में होते।

ठाकरे ने कहा कि जब आप प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री का पद अपने पास रखते हो तो हम एक शब्द नहीं बोलते, ना ही हम बेहतर मंत्रालयों की मांग करते हैं। लेकिन आप मेरे अपने घर में आकर मुझे बेदखल करने की कोशिश करेंगे तो मैं बर्दाश्त नहीं करूंगा।

बहन्मुंबई महानगरपालिका के साथ नासिक, पुणे, कोल्हापुर और नागपुर समेत राज्य के 10 नगर निगमों के लिए चुनाव 21 फरवरी को होना है। राज्य की 25 जिला परिषदों के लिए चुनाव दो चरणों में 16 और 21 फरवरी को होगा।

जम्मू-कश्मीर के गुरेज में हिमस्खलन से 10 सैनिक शहीद

जम्मू-कश्मीर के गुरेज सेक्टर में हुए हिमस्खलन में लापता चार और सैनिकों के शव बरामद हुए हैं जिससे शहीद होने वाले सैनिकों की संख्या 6 से बढ़कर 10 हो गई।

बताया जा रहा है कि 25 जनवरी की देर शाम को छह सैनिक गुरेज सेक्टर पर अपने आर्मी कैम्प पर मौजूद थे तभी तेज बर्फबारी से हिमस्खलन हुआ। इसमें सैनिकों का कैंप बर्फ के ढेर में दब गया और उसमें मौजूद छह सैनिक शहीद हो गए।

गश्त में गए चार और सैनिक लापता हो गए थे जिनके शव बरामद कर लिए गए हैं। इस प्रकार से हिमस्खलन में शहीद होने वाले सैनिकों की संख्या 10 हो गई।

सुरक्षा बलों की टीमें राहत व बचाव कार्य में जुटी हैं।

इससे पहले बुधवार को ही सीमा से सटे इलाके सोनापार में हिमस्खलन से एक सैनिक की मौत हो गई थी और दो सैनिक लापता हो गए थे।