उत्तर प्रदेश के आगरा में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने 12 किलोमीटर लंबा रोड शो किया। इस दौरान दोनों विजय बस की छत पर सवार हुए। उनके साथ एसपीजी के जवान भी थे। रोड शो के दौरान राहुल गांधी ने लोगों को संबोधित करते हुए विरोधी पार्टियों पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि बीजेपी हर जगह क्रोध फैलाती है। वहीं, बीएसपी तो मैदान में ही नहीं है। ऐसे में उसके बारे में बात करने की जरूरत नहीं है।
नोटबंदी पर बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि जो लोग हिंदुस्तान में लाइन में लगे हुए थे, क्या वो सभी चोर थे? गरीब, ईमानदारों को लाइन में लगा दिया और फायदा 50 परिवारों को दिया।
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने आगे कहा कि क्या यहां किसी की जेब में 15 लाख रुपये आए हैं क्या? कोई कह सकता है कि नरेंद्र मोदी जी ने मुझे 15 लाख दिए? विकास की बात नहीं होती है, झूठ की राजनीति करते हैं।
वहीं अखिलेश यादव पर राहुल गांधी ने कहा कि अखिलेश जी ने पिछले सालों में अच्छा काम किया है। उन्होंने दिल से काम किया है। हम दोनों मिलकर अब यूपी को बदलेंगे। उन्होंने कहा, ''यूपी में सरकार गरीबों और मजदूरों की होगी, पांच साल बाद आप कहोगे कि प्रदेश को पहचान नहीं पा रहे।''
इसके बाद पांच फरवरी को कानपुर में संयुक्त रैली की तैयारी है। अखिलेश व राहुल गांधी कानपुर में दोनों दलों के कार्यक्रमों से तैयार न्यूनतम साझा कार्यक्रम भी जारी कर सकते हैं। गठबंधन की सरकार बनने पर इसी आधार पर योजनाएं लागू की जाएंगी।
आगरा में यह रोड शो दोपहर में दयालबाग इंजीनियरिंग कॉलेज से शुरू हुआ। भगवान टाकीज, दीवानी चौराहा, सुर सदन, सेंट पीटर्स कॉलेज, हरी पर्वत चौराहा, आगरा कॉलेज व छिपीटोला मोड़ होते हुए छिपीटोला चौराहे पर जाकर समाप्त होगा।
आगरा के बाद पांच फरवरी को कानपुर में रोड शो होगा। वैसे कानपुर में रोड शो पर सुरक्षा कारणों से एसपीजी की तरफ से आपत्ति किए जाने की बात सामने आ रही है। ऐसे में संभव है कि कानपुर में रोड शो की जगह सपा व कांग्रेस की साझा सभा हो जिसे अखिलेश यादव व राहुल गांधी संबोधित करेंगे। कानपुर में ही दोनों दलों का साझा न्यूनतम कार्यक्रम भी जारी किया जाएगा। इसमें दोनों दलों की घोषणाओं को शामिल किया जाएगा।
माना जा रहा है कि कांग्रेस अपने उपाध्यक्ष राहुल गांधी की किसान यात्रा के दौरान उठाए गए मुद्दों को इसमें शामिल करा सकती है। इसमें किसानों का कर्ज माफ करने और बिजली बिल का बकाया आधा माफ करने का वायदा शामिल हो सकता है।
भारत के सुप्रीम कोर्ट एयरसेल-मैक्सिस डील में भ्रष्टाचार के आरोपों से मारन बंधुओं को बरी किए जाने के फैसले के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालन (ईडी) की याचिका पर आठ फरवरी को सुनवाई करेगा।
ईडी की ओर से अधिवक्ता आनंद ग्रोवर ने चीफ जस्टिस जगदीश सिंह केहर की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने दलील दी कि यह मनीलांड्रिंग से जुड़ा अलग मामला है इसलिए शीर्ष अदालत को ईडी की याचिका की सुनवाई करनी चाहिए।
हालांकि न्यायालय ने कहा कि यदि एजेंसी को अपील दायर करना ही था तो उसे उचित अदालत में करना चाहिए था। शीर्ष अदालत का इशारा हाईकोर्ट की ओर था। ग्रोवर के आग्रह पर न्यायालय ने इसकी सुनवाई के लिए आठ फरवरी की तारीख मुकर्रर की।
ईडी ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के विशेष न्यायाधीश ओ पी सैनी द्वारा गुरुवार को मारन बंधुओं-पूर्व टेलिकॉम मिनिस्टर दयानिधि मारन एवं कलानिधि मारन सहित अन्य आरोपियों को आरोपमुक्त किये जाने को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है।
एजेंसी ने सुबह में न्यायालय से अनुरोध किया था कि वह इस मामले में मारन बंधुओं की कुर्क सम्पत्ति को रिलीज करने के आदेश न दे। न्यायालय ने मामले की सुनवाई भोजनावकाश के बाद अपराह्न दो बजे करने पर रजामंदी जतायी थी।
भोजनावकाश के बाद संक्षिप्त सुनवाई के बाद न्यायालय ने सुनवाई की अगली तारीख आठ फरवरी मुकर्रर की थी। एयरसेल-मैक्सिस करार में सभी आरोपियों पर भ्रष्टाचार एवं मनीलांड्रिंग के आरोप थे।
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि मलेशिया के मेक्सिस समूह के टी आनंद कृष्णन और आर मार्शल को पेश होना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि यदि आरोपी सम्मन पर प्रतिक्रिया नहीं जताते हैं और यहां अदालत में पेश नहीं होते तो वे वित्तीय नुकसान के हालात में आपत्ति नहीं जता सकेंगे।
कांग्रेस की तमिलनाडु इकाई ने एयरसेल-मैक्सिस सौदे से जुड़े मामलों में मारन बंधुओं के बरी हो जाने का आज स्वागत किया और कहा कि वे निर्दोष साबित होकर सामने आए हैं।
तमिलनाडु कांग्रेस के अध्यक्ष एस तिरूवुक्कारसार ने एक बयान में कहा, "मैं दयानिधि मारन और कलानिधि मारन को बधाई देता हूं जो इस फैसले से निर्दोष होकर सामने आए हैं।''
इस मामले में सीबीआई ने मारन बंधुओं एवं मलेशियाई नागरिक व कंपनी मैसर्स सन डायरेक्ट टीवी (प्राइवेट लिमिटेड), मैसर्स एस्ट्रो ऑल एशिया नेटवर्क पीएलसी, यूके मैसर्स मैक्सिस कम्युनिकेशन बरहाद मलेशिया, मैसर्स साउथ एशिया इंटरटेनमेंट होल्डिंगस लिमिटेड, मलेशिया और तत्कालीन अतिरिक्त सचिव (दूरसंचार) जेएस शर्मा (जिनकी मामले की जांच के दौरान मौत हो चुकी है) के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था।
इस संबंध में प्रवर्तन निदेशालय ने भी धनशोधन का मामला दर्ज कराया था।
भारत के गुजरात के गांधीनगर की एक अदालत ने 2002 में गोधरा कांड के बाद हुए दंगों से संबंधित एक मामले के सभी 28 आरोपियों को ठोस सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है जिन लोगों को अदालत ने बरी किया है उसमें कलोल नागरिक सहकारी बैंक के अध्यक्ष गोविंद पटेल भी शामिल हैं। सभी आरोपी पहले ही लंबे समय से जमानत पर हैं।
गोधरा रेलवे स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन में आग लगाए जाने की घटना के एक दिन बाद 28 फरवरी 2002 को गांधीनगर जिले के कलोल तालुका के पलियाड गांव में आगजनी, दंगा और अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय की संपत्ति को क्षति पहुंचाने का इन 28 लोगों पर आरोप था।
संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के अलावा उस गांव के तकरीबन 250 लोगों की उग्र भीड़ पर हमले के दौरान पलियाड में एक दरगाह के कुछ हिस्से को भी नुकसान पहुंचाने का आरोप था। उस उग्र भीड़ में पुलिस की प्राथमिकी में नामजद 28 आरोपी भी शामिल थे।
31 जनवरी को फैसला सुनाते हुए कलोल के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश बी डी पटेल ने गौर किया कि आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत उपलब्ध नहीं है क्योंकि सभी प्रत्यक्षदर्शी यह कहते हुए मुकर गए कि वे आरोपी की पहचान करने में सक्षम नहीं हैं।
इसके अलावा, इन प्रत्यक्षदर्शियों ने अदालत से कहा कि उन्हें किसी से भी फिलहाल कोई शिकायत नहीं है क्योंकि उनका आरोपियों से पहले ही समझौता हो चुका है। पहले दलील के दौरान बचाव पक्ष के वकील भावेश रावल ने अदालत को सूचित किया कि सौहार्द स्थापित करने के लिए समझौते के फार्मूला के तहत अल्पसंख्यक समुदाय को हुए नुकसान के लिए आरोपियों ने पहले ही भुगतान कर दिया है।
गोधरा रेलवे स्टेशन पर 27 फरवरी 2002 को साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन के एस-6 डिब्बे को जलाए जाने की घटना में 58 लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद गुजरात में बड़े पैमाने पर दंगे हुए थे जिसमें तकरीबन 1000 लोगों की मौत हुई थी। मरने वालों में ज्यादातर अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय के थे।
नागालैंड में शहरी निकाय चुनाव में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण के विरोध में जारी प्रदर्शन हिंसक हो गया है। महिला आरक्षण का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने राज्य निर्वाचन आयुक्त के कार्यालय में तोड़फोड़ की और कोहिमा नगर पालिका परिषद व जिला कमिश्नर के ऑफिस में आग लगा दी।
वहीं हालात बेकाबू होता देख नगालैंड पुलिस की मदद के लिए सेना की पांच टुकड़ियां भेजी गई हैं।
एक प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार, गुस्साई भीड़ ने क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय और एक्साइज विभाग के दफ्तर में भी आग लगा दी। हालांकि इन सभी घटनाओं की पुलिस ने फिलहाल पुष्टि नहीं की है।
प्रदर्शनकारी मुख्यमंत्री टी.आर. जेलिआंग और उनके पूरे मंत्रिमंडल के इस्तीफे की मांग कर रहे थे। प्रदर्शनकारी शहरी निकाय चुनाव में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने का विरोध कर रहे हैं। वे इस बात पर गुस्से में थे कि प्रभावशाली आदिवासों समूहों के विरोध के बावजूद जेलिआंग सरकार शहरी निकाय के चुनाव करा रही थी।
इससे पहले गुरुवार को विभिन्न आदिवासी संगठनों की प्रतिनिधि संस्था नगालैंड ट्राइब्स एक्शन कमेटी (एनटीएसी) ने जेलिआंग सरकार को शाम चार बजे तक इस्तीफा देने, दीमापुर के पुलिस कमिश्नर को हटाने और जारी चुनाव प्रक्रिया को समाप्त करने का अल्टीमेटम दिया था।
एनटीएसी ने राजभवन को एक ज्ञापन भी सौंपा है। हालांकि राज्यपाल पीबी आचार्य इटानगर में थे। उनके पास अरूणाचल प्रदेश के राज्यपाल का भी प्रभार है। अब कोहिमा पहुँच चुके है। राज्य कैबिनेट और आदिवासी समूहों से बैठक कर स्थिति को नियंत्रण में करने का प्रयास कर रहे हैं। मंगलवार को दीमापुर में दो प्रदर्शनकारियों के पुलिस फायरिंग में मारे जाने के बाद से ही राज्य में माहौल तनावपूर्ण हो गया था। बुधवार को जब उनका शव कोहिमा में लाकर रखा गया तो स्थिति और तनावपूर्ण हो गई।
अब शव का अंतिम संस्कार किया जा चुका है।
एनटीएसी के दबाव में जेलिआंग ने चुनाव प्रक्रिया को रद्द कर दिया है और दीमापुर के पुलिस कमिश्नर का ट्रांसफर कर दिया है ताकि फायरिंग की घटना की निष्पक्ष जांच हो सके।
हालांकि मुख्यमंत्री की घोषणाएं चार बजे की समय सीमा समाप्त होने के पहले ही हुई थी, फिर भी भीड़ हिंसक हो गई।
भारत के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच बजट 2017-18 पेश किया। इस बजट में जेटली ने नोटबंदी की मार से जूझ रहे वेतनभोगी मध्यवर्ग और छोटे कारोबारियों को राहत देते हुए इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव किए हैं।
अब तीन से पांच लाख रुपये तक की सालाना व्यक्तिगत आय वालों पर टैक्स की मौजूदा 10 प्रतिशत दर को घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया। इसके साथ ही 50 करोड़ रुपये तक का वार्षिक कारोबार करने वाली छोटी इकाइयों के लिए टैक्स की दर घटाकर 25 प्रतिशत कर दी।
इस बार के आम बजट में रेलवे बजट को भी मिलाया गया है। इस लिहाज से यह ऐतिहासिक बजट है। इसके साथ ही आमतौर पर फरवरी के अंत में बजट पेश किया जाता है, लेकिन इस बार इसे फरवरी माह के शुरू में ही पेश किया गया।
वित्त मंत्री ने टैक्स छूट के लिए न्यूनतम आय की सीमा को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दिया है। इससे अब 3 लाख रुपये की वार्षिक आय पर कोई टैक्स नहीं लगाया जाएगा।
तीन लाख से 5 लाख रुपये की सालाना आय पर टैक्स की दर 10 से घटाकर 5 प्रतिशत की गई। 50 लाख रुपये से एक करोड़ रुपये सालाना कमाने वाले लोगों को 10 प्रतिशत टैक्स देना होगा। एक करोड़ रुपये से अधिक की वार्षिक आय पर 15 प्रतिशत टैक्स जारी रहेगा।
इस बजट में महिला और बाल कल्याण के लिए आवंटन एक लाख 56 हजार 528 करोड़ रुपये से बढ़ाकर एक लाख 84 हजार 632 करोड़ रुपये किया गया है। सरकार ने ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए 500 करोड़ रुपए के आवंटन से गांवों में महिला शक्ति केंद्र स्थापित करने की घोषणा की है। यह राशि ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कौशल विकास, रोजगार, डिजिटल साक्षरता, स्वास्थ्य और पोषण के अवसरों के लिए 'वन स्टॉप' सामूहिक सहायता पर खर्च की जाएगी।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि गर्भवती महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करने की राष्ट्रव्यापी योजना के अंतर्गत छह हजार रुपए सीधे ऐसी गर्भवती महिला के बैंक खाते में जमा किए जाएंगे जो किसी भी चिकित्सा संस्थान में बच्चे को जन्म देगी और अपने बच्चों का टीकाकरण कराएगी।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि इस वर्ष मनरेगा का बजट बढ़ाकर 48000 करोड़ रुपए किया जा रहा है जो अब तक की सबसे बड़ी वृद्धि है। पिछले वर्ष मनरेगा का बजट 38500 करोड़ रुपए था।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पड़ रही है। इस मौके पर सरकार एक करोड़ परिवारों को गरीबी से निजात दिलाकर 50,000 ग्राम पंचायतों को गरीबी मुक्त करेगी।
सरकार ने कृषि क्षेत्र की विकास दर चार प्रतिशत से अधिक करने के उद्देश्य से कृषि ऋण 10 लाख करोड़ निर्धारित करने का प्रस्ताव दिया है। इसके अलावा सिंचाई के लिए 40 हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। किसानों के फसल बीमा योजना के प्रति बढ़ते आकर्षण के बावजूद 2016-17 में कुल फसल क्षेत्र का 30 प्रतिशत हिस्सा ही बीमित था जिसे 2017-18 में बढ़ाकर 40 प्रतिशत और 2018-19 में बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सरकार ने देश के सभी 648 कृषि विज्ञान केन्द्रों में नई लघु प्रयोगशालाएं स्थापित करने का निर्णय लिया है।
सरकार उच्च शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों के दाखिले के लिए राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी का गठन करेंगी और देश के स्तरीय शैक्षणिक संस्थानों को स्वायत्तता देने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के नियमों में सुधार लाएगी।
इसके अलावा वह माध्यमिक शिक्षा का स्तर बढ़ाने और लैंगिक समानता लाने के लिए नवाचार कोष की भी स्थापना करेगी और स्कूलों में पढ़ाई से छात्रों के ज्ञान के आकलन के लिए एक प्रणाली विकसित करेगी।
जेटली ने आज संसद में 2017-18 का बजट पेश करते हुए भारत में शिक्षा सुधारों को लेकर यह घोषणा करते हुए बताया कि छात्रों के लिए सूचना प्रौद्योगिकी के बेहतर इस्तेमाल से ऑनलाइन पढ़ाई की सुविधा के वास्ते 'स्वंय' नामक एक प्लेटफार्म भी बनाया जाएगा।
सरकार ने स्व रोजगार को बढ़ावा देने और रोजगार के नए अवसर सृर्जित करने के लिए 50 करोड़ रुपए तक का कारोबार करने वाली छोटी कंपनियों राहत देते हुए इनका आयकर घटाकर 25 प्रतिशत करने की घोषणा की है।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2015-16 के आंकड़ों के अनुसार 6.94 लाख कंपनियां रिटर्न दाखिल कर रही हैं जिसमें से 6.67 लाख कंपनियां इस श्रेणी में आती हैं इसलिये इस प्रावधान से 96 प्रतिशत कंपनियां कम टैक्स का लाभ उठाएंगी। इससे बड़ी कंपनियों की तुलना में छोटे उद्योगों का क्षेत्र अधिक प्रतिस्पर्धी बनेगा। इससे 7,200 करोड़ रुपये प्रति वर्ष का राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है।
वित्त मंत्री ने कालेधन के खिलाफ अपने अभियान को आगे बढ़ाते हुये तीन लाख रुपये अथवा इससे अधिक के नकद लेनदेन पर रोक लगा दी है।
इसी प्रकार राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे में पारदर्शिता लाने के लिये 2,000 रुपये से अधिक का कोई भी चंदा केवल चेक अथवा ऑनलाइन लेनदेन के जरिये ही लिया जा सकेगा। राजनीतिक दल अब किसी व्यक्ति से केवल 2,000 रुपये ही नकद चंदा ले सकेंगे।
रेल क्षेत्र में हाल के समय में कई हादसे हुए हैं। इसी के मद्देनजर सरकार ने बजट 2017-18 में रेलवे के लिए एक लाख करोड़ रुपये के विशेष सुरक्षा कोष की स्थापना का प्रस्ताव किया है। इसके तहत ट्रैक और सिग्नल प्रणाली का उन्नयन किया जाएगा और मानवरहित क्रॉसिंग को समाप्त किया जाएगा।
इस बार रेल बजट को आम बजट में मिला दिया गया है। इसमें 3,500 किलोमीटर की नई लाइनें चालू करने का भी प्रस्ताव है।
2016-17 के लिए यह लक्ष्य 2,800 किलोमीटर का है। रेलवे को नए वित्त वर्ष में बजट से सकल 55,000 करोड़ रुपये की सहायता मिलेगी। वित्त मंत्री अरण जेटली ने अगले वित्त वर्ष के लिए रेलवे का योजना आकार 1,31,000 करोड़ रुपये रखने का प्रस्ताव किया है। चालू वित्त वर्ष के लिए यह 1,21,000 करोड़ रुपये है।
भारत में विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण में मोदी सरकार के आर्थिक विकास और गरीबों और वंचितों के कल्याण के लिए किए गए कामों और वायदों को झूठ का पुलिंदा करार देते हुए कहा कि यह एक अनुभवहीन सरकार की अपनी नाकामियों को छुपाने की कवायद भर है।
भारत के राष्ट्रपति के अभिभाषण पर प्रतिक्रिया वक्त करते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि देश के लिए रोजगार सृजन सबसे अहम मुद्दा है, लेकिन सरकार इस मोर्चे पर नाकाम साबित हुई है।
कांग्रेस प्रवक्ता रेणुका चौधरी ने कहा कि सरकार आज जिन नीतियों और समाज कल्याण योजनाओं को लेकर अपनी पीठ थपथपा रही है, वह सब कांग्रेस के शासन काल में शुरू की गई योजनाएं है। भाजपा सरकार ने अपनी ओर से कुछ नहीं किया है सिवाय लोगों से झूठे वादे करने और उन्हें भ्रमजाल में फंसाए रखने के।
रेणुका चौधरी ने कहा किसानों की बात करने वाली मोदी सरकार के काल में किसान आत्महत्या कर रहे हैं। युवा बेरोजगार हो गए है। नोटबंदी ने हजारों घर तबाह कर दिए। छोटे कारोबार खत्म हो गए। गरीब मर रहे हैं। यह सिर्फ नोटबंदी नहीं, बल्कि गला बंदी और देश बंदी भी है। सबको डरा कर चुप करा दिया गया है। मीडिया भी कुछ बोलने से डर रहा है। राष्ट्रपति भी मजबूर हैं। संवैधानिक मजबूरी है जो सरकार ने लिख कर दिया है उसे पढ़ना पढ़ रहा है।
पश्चिम बंगाल से कांग्रेस के सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में सरकार ने जो कुछ कहा है वह भाजपा का चुनावी घोषणा पत्र जैसा है। कोरी बाते हैं जिन पर न तो अमल किया गया है और न ही किया जाएगा।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के तारीक अनवर ने कहा कि आर्थिक सर्वेक्षण में कोई नई नीति, कोई नई बात कुछ नहीं है। न इसमें रोजगार की बात है, न मंहगाई दूर करने की बात है।
रेवल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के एन प्रेमचंद्रन ने कहा कि नोटबंदी को लेकर इतना हल्ला मचाया गया, लेकिन अभिभाषण में इसका कहीं कोई जिक्र नहीं था। यह भी नहीं बताया गया कि इसके जरिए कितना काला धन बाहर आया? कितने पुराने नोट जमा हुए? सरकार ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध ली है। बाकी सब पुरानी नीतियां और बाते हैं। बस एक नयी बात सरकार ने जो की है, वह लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाने से संबंधित है।
भारत के पंजाब के शहर मौर मंडी के पास कांग्रेस के एक उम्मीदवार की रैली के करीब एक कार में हुए शक्तिशाली विस्फोट में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई है।
पुलिस ने कहा कि जिस समय विस्फोट हुआ, उस समय कांग्रेस उम्मीदवार हरमिंदर जस्सी मौर मंडी के पास एक सभा को संबोधित कर रहे थे। सभा स्थल के पास हुए इस विस्फोट में कम से कम 15 लोग घायल भी हो गए हैं।
पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। विस्फोट की यह घटना ऐसे समय में हुई है, जब राज्य विधानसभा चुनाव के लिए चार फरवरी को मतदान होने हैं।
जानकारी के अनुसार, बठिंडा के उपायुक्त घनश्याम थोरी ने कहा कि विस्फोट रात करीब 9 बजे हुआ। मारे गए लोगों में दो वयस्क और एक बालक शामिल है। उनकी पहचान अभी तक नहीं हुई है। घटना के कारणों का पता नहीं चला है। पुलिस प्रशासन और फोरेंसिंक टीम भी मौके पर पहुंच गई है।
बताया जा रहा है कि जहां यह हादसा हुआ वहां से 100 मीटर की दूरी पर कांग्रेसी उम्मीदवार हरमिन्दर सिंह जस्सी की रैली हो रही थी। फिलहाल घायलों को अस्पताल पहुंचाया जा रहा है और राहत कार्य जारी है।
भारत के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट संसद में पेश की है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में जारी वैश्विक मंदी के बावजूद यह मजबूती बनी रही है।
आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2016-17 में इंडस्ट्री सेक्टर में ग्रोथ रेट घटकर 5.2 प्रतिशत पर आने का अनुमान है। पिछले वित्त वर्ष में यह 7.4 प्रतिशत थी।
आर्थिक सर्वेक्षण में इंडस्ट्री सेक्टर के नेगेटिव एक्सपोर्ट ग्रोथ रेट का रुझान 2016-17 (अप्रैल-दिसम्बर) के दौरान कुछ हद तक बदली है और निर्यात 0.7 प्रतिशत बढ़कर 198.8 बिलियन तक पहुंच गया। निर्यात में दर्ज की जा रही नेगेटिव ग्रोथ का रुख कुछ हद तक वर्ष 2016-17 (अप्रैल-दिसंबर) में सुधार के लक्षण दर्शाने लगा क्योंकि निर्यात 0.7 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 198.8 अरब अमेरिकी डॉलर के स्तर पर पहुंच गया। वहीं वर्ष 2016-17 (अप्रैल-दिसंबर) के दौरान आयात 7.4 प्रतिशत घटकर 275.4 अरब अमेरिकी डॉलर के स्तर पर आ गया।
वर्ष 2016-17 (अप्रैल-दिसंबर) के दौरान व्यापार घाटा कम होकर 76.5 अरब अमेरिकी डॉलर रह गया, जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष के दौरान यह 100.1 अरब अमेरिकी डॉलर आंका गया था। बहरहाल, व्यापार घाटा में कमी तो आई है, लेकिन व्यापार घाटा अभी भी हो रहा है।
साल 2016-17 की प्रथम छमाही में चालू खाता घाटा (सीएडी) कम होकर जीडीपी के 0.3 प्रतिशत पर आ गया, जबकि वित्त वर्ष 2015-16 की प्रथम छमाही में यह 1.5 प्रतिशत और 2015-16 के पूरे वित्त वर्ष में यह 1.1 प्रतिशत रहा था।
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की तेज आवक और विदेशी पोर्टफोलियो निवेश की शुद्ध आवक सीएडी के वित्त पोषण के लिहाज से पर्याप्त रहीं जिसके परिणामस्वरूप वित्त वर्ष 2016-17 की प्रथम छमाही में विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि का रुख रहा।
वित्त वर्ष 2016-17 की प्रथम छमाही में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में बीओपी के आधार पर 15.5 अरब अमेरिकी डॉलर की वृद्धि दर्ज की गई।
वर्ष 2016-17 के दौरान रुपये का प्रदर्शन अन्य उभरती बाजार की अर्थव्यवस्थाओं की मुद्राओं के मुकाबले बेहतर रहा है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के चाचा और समाजवादी पार्टी के अपदस्थ राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई शिवपाल यादव ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव के बाद नई पार्टी बनाने की घोषणा की।
उन्होंने इटावा में बोलते हुए कहा, ''11 मार्च को नतीजे आएंगे, उसके बाद हम पार्टी बनाएंगे।''
शिवपाल ने जसवंतनगर विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल करने के बाद नुमाइश पंडाल में आयोजित जनसभा में यह ऐलान किया।
शिवपाल यादव ने कहा कि जो चाहे मुझसे ले लो, लेकिन नेताजी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकते। मरते दम तक नेताजी के साथ रहेंगे और उनका आदेश मानेंगे।
उन्होंने कहा कि मेहरबानी हो गई कि टिकट दे दिया, नहीं तो फिर निर्दलीय ही चुनाव लड़ना पड़ता।
शिवपाल यादव ने कहा कि अभी हमने पर्चा भर दिया है। कल तक बहुत सी अटकलें लगाई जा रही थी, लेकिन हमने साईकिल और समाजवादी पार्टी से पर्चा भर दिया है।
शिवपाल ने मुलायम सिंह यादव के बारे में भी बयान दिया। उन्होंने कहा कि आज हम जो भी हैं, नेताजी की वजह से ही हैं। इसके अलावा बहुत से लोगों ने कहा कि वो जो कुछ भी हैं, नेताजी की वजह से ही हैं, लेकिन आज उन्हीं लोगों ने नेताजी को अपमानित करने का काम किया है।
समाजवादी सरकार में अपने विभाग के बारे में बोलते हुए शिवपाल यादव ने कहा कि पांच साल जो सरकार चली थी, उसमें हमारे विभाग क्या किसी से कम अच्छे चले।
उन्होंने आगे कहा, ''हम जानते हैं कि समाजवादी पार्टी में भी भीतरघात करने वाले लोग हैं। उनसे सावधान रहने की जरूरत है। हम केवल गलत काम रोक रहे थे, गलत काम का विरोध कर रहे थे। तब नेताजी को हटा दिया गया।''
भारत के प्रान्त उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी गठबंधन का मुखर विरोध करने के बाद समाजवादी पार्टी के अपदस्थ राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने रुख और कड़ा कर लिया हैं। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को गठबंधन में कांग्रेस के लिए छोड़ी गई 105 सीटों पर नामांकन दाखिल करने की हिदायत दी है।
मुलायम सिंह यादव ने सोमवार को नई दिल्ली में कार्यकर्ताओं से कहा कि कांग्रेस की सीटों पर नामांकन दाखिल कर चुनाव लड़े। उन्होंने कहा कि सपा को कांग्रेस के खिलाफ लड़कर खड़ा किया है। इसलिए वह गठबंधन के लिए प्रचार नहीं करेंगे।
मुलायम सिंह ने कहा कि वह अभी भी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को इस गठबंधन के खिलाफ समझाने की कोशिश कर रहे हैं।
मुलायम सिंह ने कहा कि यह गठबंधन पार्टी को खत्म कर देगा। क्योंकि कांग्रेस के हिस्से में आई सीटों पर सपा का कोई उम्मीदवार नहीं होगा।
मुलायम सिंह यादव ने कांग्रेस से लड़कर मुस्लिम मतदाताओं का भरोसा जीता था। मुलायम को डर है कि गठबंधन से कांग्रेस मजबूत होती है तो मुस्लिम वोट वापस कांग्रेस के पास चला जाएगा क्योंकि कांग्रेस मुस्लिम की पहली पसंद रही है।
सपा नेता मानते हैं कि इस गठबंधन में सपा के मुकाबले कांग्रेस को ज्यादा फायदा होगा क्योंकि 105 सीट पर कांग्रेस का संगठन मजबूत होगा और पिछले चुनाव के मुकाबले अधिक सीट भी मिल सकती है।
यही मुलायम सिंह की नाराजगी की असल वजह है इसलिए मुलायम सिंह यादव ने गठबंधन में कांग्रेस के हिस्से में आई सीट पर कार्यकर्ताओं को नामांकन करने को कहा है। उनका कहना है कि इन सीट पर हमारे नेता और कार्यकर्ता क्या करेंगे? सब ने मेहनत की है। उनका क्या होगा? वह पार्टी खत्म नहीं होने देंगे।
सपा के नेता हालांकि मान रहे हैं कि मुलायम सिंह के कांग्रेस के हिस्से में आई सीट पर चुनाव लड़ने के ऐलान से बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि अधिकतर नेता और कार्यकर्ता अखिलेश यादव को अपना नेता मान चुके हैं। मुलायम सिंह यादव के कहने से नेता और कार्यकर्ता कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़ते हैं तो कांग्रेस उम्मीदवारों की मुश्किल जरुर बढ़ जाएगीं।
पहले दो चरणों के चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया खत्म हो चुकी है। ऐसे में मुलायम सिंह यादव के निर्देश पर कार्यकर्ता बाकी पांच चरणों के लिए ही नामांकन दाखिल कर सकते हैं। कांग्रेस को गठबंधन में पहले दो चरण में 43 और बाकी चरणों में 62 सीट मिली है।