विदेश

अफगानिस्तान में नमाज के दौरान तालिबान का हमला, 140 जवानों की मौत

अफगानिस्तान में बल्ख प्रान्त के शहर मजार-ए-शरीफ में एक सैन्य अड्डे पर तालिबान के हमले में 140 से अधिक अफगान सैनिक मारे गए हैं। अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि हमले के समय हमारे अधिकतर सैनिक शुक्रवार की नमाज पढ़ रहे थे। अफगान सेना के 140 से ज्यादा सैनिक हताहत हुए हैं।

इससे पहले अमेरिकी सेना के प्रवक्ता कर्नल जोन थामस ने बताया था कि हमला कई घंटे तक चला और शाम को रुका। इस हमले में 50 के करीब अफगानी सैनिक मारे गये। उन्होंने कहा कि अभी यह स्पष्ट तौर पर नहीं कहा जा सकता कि अमेरिकी नेतृत्व वाली गठबंधन सेना हमले के स्थान से कितनी दूर थी।

दूसरी तरफ अफगानिस्तान सेना के प्रवक्ता अहमद जाविद सलीम की मानें तो 20 सैनिकों की मौत हो गई है और 31 घायल हैं। वहीं न्ययूॉर्क टाइम्स के मुताबिक, मरने वाले जवानों की संख्या 66 पहुंच गई है, जबकि 74 सैनिक घायल हैं।

अफगान सेना के प्रवक्ता नसरतुल्ला जमशीदी ने बताया कि कि यह हमला सैन्य ठिकाने में स्थित मस्जिद के नजदीक हुआ। उस वक्त सैनिक शुक्रवार की नमाज अदा कर रहे थे।

उन्होंने बताया कि दो सैन्य वाहनों में तालिबान के छह हमलावर अफगानी सेना की वर्दी में आए थे। इन हमलावरों ने गेट पर तैनात प्रहरियों से कहा कि वाहनों में घायल सैनिक हैं और उन्हें तुरंत अंदर पहुंचाया जाना जरूरी है इसलिए वे तुरंत गेट खोल दें। जमशीदी ने बताया कि इसके बाद तालिबान हमलावरों ने रॉकेल प्रोपेल्ड ग्रेनेड्स और बंदूकों से अफगान सैनिकों पर हमला बोल दिया। जवाबी कार्रवाई में एक हमलावर मारा गया जबकि पांच अन्य को गिरफ्तार कर लिया गया है।

भारत के पीएम नरेंद्र मोदी ने इस हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है। उन्होंने ट्वीट किया कि वे माजर-ए-शरीफ में हुई इस कायराना आतंकी हमले की निंदा करते हैं। इस हमले में जिन परिवारों ने अपनों को खोया है उनके प्रति पूरी संवेदानाएं हैं।

कुलभूषण जाधव के खिलाफ यूएन में सबूत सौंपने के लिए पाकिस्तान बना रहा दस्तावेज

पाकिस्तान में कथित तौर पर जासूसी के आरोप में फांसी की सजा पाए पूर्व इंडियन नेवी अफसर कुलभूषण जाधव को लेकर पाकिस्तान नई चाल चलने जा रहा है। पाकिस्तान कुलभूषण जाधव के मामले में नया डोजियर तैयार कर रहा है जिसे वह सबूत के तौर पर संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के सामने पेश करेगा।

एएनआई के मुताबिक, पाकिस्तान द्वारा तैयार किया जा रहा नया डोजियर कुलभूषण जाधव के प्रारंभिक बयान और अदालत के सामने उसके द्वारा दिए गए बयानों पर आधारित है।

पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, कोर्ट से पहले कुलभूषण जाधव द्वारा दिए गए बयान में उसने कराची और ब्लूचिस्तान में कथित तौर पर जासूसी और अन्य गतिविधियों में शामिल होने की बात स्वीकारी है।

इसके साथ ही डोजियर में कोर्ट मार्शल जनरल की प्रमाणिक रिपोर्ट भी शामिल होगी। डोजियर में कुलभूषण जाधव के कथित आतंकवादी गतिविधियों और अदालत की कार्यवाही की समयसीमा भी शामिल होगी।

कथित तौर पर जासूसी के आरोप में सजा पाए भारतीय कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा को खारिज करने और न्याय दिलाने के लिए भारत की ओर से पाकिस्तान से शुक्रवार को चार्जशीट की कॉपी की मांगी की गई थी।

इससे पहले कुलभूषण जाधव से भारतीय दूतावास के संपर्क करने को लेकर भारत के 14वें अनुरोध को पाकिस्तान ने शुक्रवार को खारिज कर दिया और कहा कि उन्हें मौत की सजा देश के कानूनों के अनुसार दी गई है।

पाकिस्तान ने यह भी कहा कि जनवरी महीने में उसने जाधव से संबंधित 'विशिष्ट सूचनाएं' मांगी थी जिसे नई दिल्ली ने खारिज कर दिया था।

पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त गौतम बंबावले ने इस्लामाबाद में पाकिस्तान की विदेश सचिव तहमीना जांजुआ से मुलाकात की और जाधव से भारतीय दूतावास के संपर्क करने की मंजूरी और उनके खिलाफ आरोप पत्र की प्रति मांगी।

नेपाल में गायब हुआ पाकिस्तानी कर्नल मोहम्मद हबीब

नेपाल से गायब हुए पाकिस्तान के रिटॉयर्ड कर्नल मोहम्मद हबीब के परिवार वालों ने कहा है कि उनका किडनैप हुआ है और इसमें दुश्मन देश की जासूसी एजेंसियों का हाथ है।

पाकिस्तान में भारत की जासूसी एजेंसियों को अक्सर दुश्मन देश की जासूसी एजेंसियां कहकर पुकारा जाता है।

पाकिस्तान सेना का पूर्व अधिकारी कर्नल मोहम्मद हबीब नेपाल में कथित रुप से एक नौकरी के लिए इंटरव्यू देने के लिए आया था, लेकिन नेपाल के लुम्बिनी शहर पहुंचकर रिटॉयर्ड कर्नल मोहम्मद गायब हो गया है।

मोहम्मद हबीब के परिवार वालों ने इस बावत रावलपिंडी के रावत पुलिस स्टेशन में एक एफआईआर दर्ज करावाया है। मोहम्मद हबीब के बेटे साद हबीब ने कहा, ''मुझे शक है कि मेरे अब्बा को अगवा कर लिया गया है और इसके लिए दुश्मन की जासूसी एजेंसियां जिम्मेदार हो सकती है।''

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, साद ने बताया कि उसके पिता को जावेद अंसारी नाम का एक शख्स नेपाल में मिला जो उसे लेकर लुम्बिनी गया था। लुम्बिनी भारत-नेपाल सीमा के नजदीक स्थित नेपाल का एक शहर है।

खबरों के मुताबिक, हबीब पाकिस्तानी सेना से अक्टूबर 2014 में रिटायर्ड हुआ था और पाक आर्मी के तोप विभाग में काम करता था। आर्मी से रिटायर होने के बाद मोहम्मद हबीब एक निजी फर्म में काम कर रहा था।

हबीब ने नेपाल में नौकरी के लिए ऑनलाइन आवेदन दिया था। इसके बाद मार्क थॉम्पसन नाम के शख्स ने हबीब से टेलिफोन और ईमेल के जरिये संपर्क किया था और उसे इंटरव्यू देने आने के लिए हवाई टिकट भी मुहैया कराया था।

हबीब ने अपने घरवालों को अपने आखिरी संदेश में बताया था, वो अपने ठिकाने पर पहुंच चुका है।

पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद नफीस जकारी ने नेपाली अधिकारियों से हबीब की गुमशुदगी के सिलसिले में जांच करने को कहा है।

शुरुआती जांच में पता चला है कि कम्प्यूटर से ब्रिटेन का एक नंबर जेनेरेट किया गया था, जबकि जिस ई मेल और वेबसाइट से उसे मैसेज भेजा गया था, वो भारत में रजिस्टर्ड है।

पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों ने शक जताया है कि किसी दुश्मन देश की एजेंसी ने मोहम्मद हबीब को फंसाने के लिए ये जाल रचा था।

फिलीपीन के रिसोर्ट आईलैंड पर उग्रवादी हमला, पांच लोगों की मौत

फिलीपीन के मध्य हिस्से में एक रिसोर्ट द्वीप में मंगलवार को सैनिकों और अबू सयाफ समूह के संदिग्ध चरमपंथियों के बीच झड़प में कम से कम आठ लोग मारे गए।

सैन्य अधिकारियों ने बताया कि बोहोल प्रांत के इनाबोंगा तटीय इलाके के एक गांव में मुठभेड़ में कम से कम पांच बंदूकधारी, दो सैनिक और एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई।

राष्ट्रीय पुलिस महानिदेशक रोनाल्ड डेला रोजा ने बताया कि सैनिकों और पुलिसकर्मियों ने आज बंदूकधारियों पर धावा बोला। बंदूकधारी वहां तीन नौकाओं से पहंचे थे। बंदूकधारी तीन मकानों में छिप गए और फिर गोलीबारी शुरू हुई।

इसकी पुष्टि हो गई है कि बंदूकधारियों का ताल्लुक अबू सयाफ से है। यह संभव है कि ये लोग मध्य फिलीपीन में अपहरण के बदले फिरौती के प्रयास के तहत यहां पहुंचे होंगे।

अबू सयाफ द्वारा इस पर्यटक द्वीप पर घुसपैठ का यह पहला मामला हो सकता है जो फिरौती के लिए अपहरण की घटनाओं को अंजाम देता है औैर अक्सर विदेशी नागरिकों को निशाना बनाता है।

कुलभूषण जाधव का पूर्वनियोजित हत्या नहीं है, कश्मीर में हो रहा है पूर्वनियोजित हत्या: पाकिस्तान

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने मंगलवार को कहा कि कुलभूषण जाधव के पास 60 दिनों के भीतर अपील करने का अधिकार है तथा उन्होंने इस भारतीय नागरिक को सुनाई गई मौत की सजा को उचित ठहराया।

उन्होंने यह भी कहा कि पिछले तीन महीनों से जाधव का ट्रायल चल रहा है। सैन्य फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल के जरिए आतंकवाद एवं जासूसी के मामले में कथित संलिप्तता को लेकर सेना अधिनियम के तहत जाधव को मौत की सजा सुनाई गई है। सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने मौत की सजा की पुष्टि की है।

आसिफ ने सीनेट में कहा कि जाधव के पास मौत की सजा के खिलाफ 60 दिनों के भीतर अपील करने का अधिकार है।

उन्होंने भारत की इस चिंता को खारिज कर दिया कि जाधव के खिलाफ सुनवाई में उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया।

पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने कहा, ''कानूनी कार्यवाही में ऐसा कुछ नहीं था जो कानून के खिलाफ हो।''

उन्होंने पूर्वनियोजित हत्या के आरोपों को भी खरिज करते हुए कहा, ''यह पूर्वनियोजित हत्या नहीं है। जो कश्मीर में हो रहा है वो पूर्वनियोजित हत्या है।''

आसिफ ने कहा कि जाधव के खिलाफ सुनवाई तीन महीने तक चली। उन्होंने कहा कि जो लोग पाकिस्तान की सुरक्षा के खिलाफ काम करते हैं उनके साथ सख्ती से पेश आया जाएगा।

रक्षा मंत्री ने कहा, ''दुश्मन चाहे सीमा के पार से आए या पाकिस्तान के भीतर हो, उसे सजा मिलेगी।''

पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने भारतीय नेवी के पूर्व ऑफिसर कुलभूषण जाधव को जासूसी के आरोप में फांसी की सजा सुनाई है। पाकिस्तान का आरोप है कि कुलभूषण जाधव पाकिस्तान में जासूसी कर रहा था और पाकिस्तान के खिलाफ विध्वंसक गतिविधियों को अंजाम दे रहा था।

कुलभूषण जाधव की मौत की सजा पर भारत ने कहा, ये सोची-समझी हत्‍या है

पाकिस्तान द्वारा भारतीय कुलभूषण जाधव को फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद भारत ने कड़ा रुख अख्तियार किया। भारत ने जेल में बंद करीब एक दर्जन पाकिस्तानी कैदियों की रिहाई पर रोक लगाने का फैसला किया जिन्हें बुधवार को छोड़ा जाना था।

भारत सरकार ने यह फैसला पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलदीप जाधव को फांसी की सजा सुनाए जाने के कुछ घंटे बाद लिया।

टाइम्स ऑफ इंडिया ने अाधिकारिक सूत्रों के हवाले से कहा कि सरकार को लगता है कि पाकिस्तानी कैदियों को रिहा करने का यह सही समय नहीं है। भारत और पाकिस्तान को अपनी जेल में बंद एक-दूसरे के नागरिकों को सजा पूरी किए जाने के बाद रिहा किया जाना था, लेकिन कुलभूषण जाधव पर आए फैसले के बाद भारत ने पाकिस्तानी कैदियों की रिहाई पर रोक लगाने का फैसला किया है।

कुलभूषण जाधव मामले में सरबजीत सिंह की बहन दलबीर कौर ने कहा कि उन्होंने मेरे भाई के साथ भी ऐसा ही किया था, मुझे आश्चर्य नहीं हो रहा।

इस मामले पर रॉ के पूर्व चीफ एएस दौलत ने कहा कि पाकिस्तान में कुछ भी संभव है, उन्होंने तो अतीत में अपने एक प्रधानमंत्री को फांसी पर लटका दिया था।

वहीं, मुंबई में जाधव के पड़ोस में रहने वाले सुधीर पवार का कहना है कि वह हैरान हैं। जाधव हमारे साथ रहता था, हम जानते हैं कि वह कैसा था। यह पाकिस्तान द्वारा रची गई साजिश है।

पाकिस्‍तान के इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने कहा है कि 'जासूस का पाकिस्‍तानी आर्मी एक्‍ट के तहत फील्‍ड जनरल कोर्ट मार्शल के जरिए ट्रायल किया गया और मौत की सजा सुनाई गई। सेनाध्‍यक्ष जनरल कमर जावेद बाजवा ने मौत की सजा की पुष्टि की है।'

पाकिस्तान हमेशा ये कहता आया है कि कुलभूषण जाधव हिन्दुस्तान की खुफिया एजेंसी RAW का एजेंट है।

पाकिस्तान की इस कार्रवाई पर भारत ने नाराजगी जाहिर की है और पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्‍दुल बासित को तलब किया है। बासित को डिमार्श जारी कर कहा गया है कि जाधव की सजा वाली कार्यवाही हास्‍यास्‍पद है।

विदेश मंत्रालय के डिमार्श में कहा गया है, ''अगर कानून और न्‍याय के मूल सिद्धांतों का पालन नहीं होता तो भारत के लोग और सरकार इसे सोची-समझी हत्‍या समझेंगे।''

जाधव को 3 मार्च, 2016 को बलूचिस्‍तान के मश्‍केल क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया था। जाधव पर जासूसी और कराची तथा बलूचिस्‍तान में अशांति फैलाने का आरोप है।

पाकिस्तान के आरोपों को खारिज करते हुए भारत सरकार ने अपने आधिकारिक बयान में कहा था कि जाधव कभी इंडियन नेवी का सदस्य रहा है, और रिटायरमेंट के बाद से उसका भारत सरकार या इंडियन नेवी से कोई संपर्क नहीं रहा है।

अमरीका ने कोरियाई समुद्र में युद्धपोत भेजे

अमरीकी सेना ने हमला करने में सक्षम युद्धपोतों को कोरियाई प्रायद्वीप की तरफ बढ़ने का आदेश दिया है। हमला करने में सक्षम कार्ल विनसन टुकड़ी में युद्धपोत के अलावा एयरक्राफ्ट कैरियर भी शामिल है।

अमरीकी पैसिफिक कमांड का कहना था कि दक्षिण पैसिफिक की तरफ कूच करती ये तैनाती एक बुद्धिमानी भरा कदम है जो दिखाता है कि हम इस क्षेत्र में पूरी तरह तैयार हैं।

राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने कहा है कि उत्तर कोरिया की परमाणु धमकियों से निपटने के लिए अमरीका अकेले सक्षम है।

अमरीकी पैसिफिक कमान के प्रवक्ता डेव बेनहम का कहना था, ''इस क्षेत्र में सबसे बड़ा खतरा उत्तर कोरिया है क्योंकि वो गैर ज़िम्मेदार है और वो अपने मिसाइल परीक्षणों और परमाणु हथियार बनाने के प्रयासों से खतरा पैदा कर रहा है।''

इससे पहले उत्तर कोरिया ने कहा था कि सीरिया पर अमरीकी मिसाइल हमले इस बात को साबित करते हैं कि अपने परमाणु कार्यक्रम को और मजबूत करने का उत्तर कोरिया का फ़ैसला सही था।

उतर कोरिया की सरकारी मीडिया ने एक सरकारी प्रवक्ता के हवाले से कहा, ''शुक्रवार को हुआ हमला एक संप्रभु राज्य के ख़िलाफ़ असहनीय आक्रामकता है।''

बीते बुधवार को सीरिया के विद्रोहियों के कब्ज़े वाले इलाके में संदिग्ध रासायनिक हमला हुआ था। इसमें 89 लोग मारे गए थे।

इसके बाद अमरीका ने शुक्रवार को टॉमहॉक मिसाइलों से सीरिया के कुछ ठिकानों पर हमला किया।

उत्तर कोरिया ने हाल के दिनों में परमाणु मिसाइल विकसित करने के लिए कई परीक्षण किए हैं।

संयुक्त राष्ट्र, उत्तर कोरिया पर मिसाइल और परमाणु परीक्षण को लेकर उसपर कई प्रतिबंध लगा चुका है। लेकिन उत्तर कोरिया ने इन प्रतिबंधों को बार-बार तोड़ा है। उन्होंने लगातार अधिक शक्तिशाली परमाणु बमों के सफल परीक्षण किए हैं।

उनका दावा है कि उन्होंने मिसाइल में फिट किए जा सकने लायक परमाणु बम बनाने में क़ामयाबी हासिल कर ली है। हालांकि कुछ विशेषज्ञों ने उत्तर कोरिया के इन दावों पर संदेह जताए हैं।

शुक्रवार को अमरीकी मिसाइलों ने सीरियाई हवाई पट्टी को निशाना बनाया जिसमें छह लोग मारे गए।

सीरियाई सरकार के किसी केंद्र पर यह पहला अमरीकी हमला था। हालांकि वो पहले भी इस इलाक़े में इस्लामिक स्टेट को निशाना बना चुका है।

केसीएनए समाचार एजेंसी ने उत्तर कोरिया के एक सरकारी अधिकारी के हवाले से कहा है, ''सीरिया के ख़िलाफ़ अमरीकी मिसाइल हमला साफ तौर पर एक संप्रभु राष्ट्र के ख़िलाफ़ असहनीय आक्रामकता है और हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं।''

उन्होंने कहा, ''आज की हकीक़त ये बताती है कि हमें ताक़त के ख़िलाफ़ ताक़त के साथ खड़ा होना होगा और इसने ये लाखों बार साबित किया है कि परमाणु हथियार विकसित करने का हमारा फैसला एक सही चुनाव था।''

अधिकारी के अनुसार, ''केवल हमारी अपनी सैन्य शक्ति ही हमें साम्राज्यवादी आक्रामकता से बचा पाएगी। अमरीकी आक्रामकता का मुक़ाबला करने के लिए हम अपनी सैन्य ताक़त को बढ़ाना जारी रखेंगे।''

शेख हसीना देश को भारत के हाथों बेच रही हैं: खालिदा जिया

बांग्लादेश की विपक्षी नेता खालिदा जिया ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री शेख हसीना जिंदगी भर सत्ता में बने रहने का सपना पूरा करने के लिए देश को भारत के हाथों बेच रही हैं।

पूर्व प्रधानमंत्री एवं बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की प्रमुख खालिदा ने कल रात पार्टी के एक कार्यक्रम में कहा, ''हसीना जिंदगी भर सत्ता में रहने का सपना देखती हैं। उन्होंने इसके लिए ढेर सारी चीजें कीं। उन्होंने देश के लिए कुछ नहीं रखा, सभी बेच डाला।''

बीएनपी प्रमुख का यह बयान भारत और बांग्लादेश के बीच रक्षा समेत 22 समझौतों पर दस्तखत होने के कुछ ही घंटे बाद आई। चार दिन की भारत यात्रा पर आई हसीना और भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में रक्षा और असैनिक परमाणु समेत प्रमुख क्षेत्रों में 22 संधियां की गईं।

बहरहाल, लंबे समय से लंबित तीस्ता जल बंटवारा पर समझौता नहीं हुआ, मोदी ने जल्द हल के लिए अपनी सरकार की वचनबद्धता दोहराई।

खालिदा ने कहा, ''ऐसा प्रतीत होता है कि वह (हसीना) बाकी देश को बेच डालेंगी ... लेकिन विश्व इतिहास बताता है कि देश बेचने के बाद कोई नहीं बचता।''

हसीना के साथ व्यापक बातचीत करने के बाद नरेन्द्र मोदी ने बांग्लादेश के लिए साढ़े चार अरब डालर की नई रियाअती ऋण सुविधाओं और सैन्य खरीदारी के लिए 50 करोड़ डालर की अतिरिक्त सहायता की घोषणा की।

खालिदा और हसीना के बीच तीखी प्रतिद्वंद्विता है और पिछले तीन दशक से उनके इस प्रतिद्वंद्विता का जहर बांग्लादेशी सियायत में भी फैल रहा है। इससे पहले, कल बीएनपी ने रक्षा समझौते पर दस्तखत को 'जनता और देश के साथ चरम विश्वासघात' करार दिया और पार्टी के प्रवक्ता रूहुल कबीर रिज्वी ने दावा किया कि इस घटनाक्रम से बांग्लादेश की सुरक्षा व्यवस्था भारत के सामने बेपरदा हो जाएगी।

रिज्वी ने कहा, ''करारनामों पर दस्तखत के बाद हमारी सुरक्षा और वजूद दांव पर लग गए हैं।''

सत्तारूढ़ अवामी लीग के महासचिव एवं सड़क परिवहन एवं पुल मंत्री ओबैदुल कादर ने बीएनपी से कहा कि वह भारत और बांग्लादेश के बीच हस्ताक्षरित करारनामों का ब्योरा जाने बगैर कोई टिप्पणी नहीं करे।

कादर ने कहा, ''करार में कुछ ऐसा नहीं है जिसे छिपाया जाए क्योंकि यह प्रौद्योगिकी का युग है।''

मिस्र की चर्च में धमाका: 21 लोगों की मौत, 40 घायल

उत्तरी मिस्र के तंता शहर में पाम रविवार को एक कॉप्टिक चर्च में हुए एक विस्फोट में कम से कम 21 लोग मारे गए और 59 घायल हो गए हैं।

एक सुरक्षा सूत्र ने कहा, सेंट जॉर्ज मार गिर्गिस चर्च में अगली सीट के नीचे विस्फोटक लगाया गया था, और मुख्य प्रार्थना कक्ष में इसमें विस्फोट कर दिया गया।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, ''मृतकों की संख्या में वृद्धि हो सकती है क्योंकि घायलों में कई की हालत गंभीर है।''

विदेश मंत्रालय ने ट्वीट किया, ''मिस्र में फिर आतंकवादी हमला, इस बार पाम रविवार को। मिस्रवासियों के खिलाफ एक और अप्रिय घटना, लेकिन असफल प्रयास है।''

पाम रविवार ईसाई कैलेंडर का एक सबसे पवित्र दिन है। सीएनएस के मुताबिक, सोशल मीडिया पर जारी वीडियो में दिख रहा है कि हमले के तुरंत बाद चर्च के बाहर भीड़ जमा हो गई।

प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि विस्फोट से एक दीवार पूरी तरह नष्ट हो गई है।

राष्ट्रपति अब्दल फतह अल-सीसी ने कहा कि सैन्य अस्पतालों में घायलों को भर्ती कराया गया है।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, एम्बुलेंस अथॉरिटी के प्रमुख, मगदी अवाद ने कहा कि उत्तरी काहिरा से लगभग 120 किमी दूर स्थित चर्च में कम से कम 26 एम्बुलेंस तैनात किए गए हैं। किसी समूह या व्यक्ति ने अभी तक हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।

कॉप्टिक ईसाई मिस्र की आबादी के 10 प्रतिशत है। वे सदियों से बहुसंख्य मुस्लिम आबादी के साथ शांतिपूर्वक रह रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि पिछले साल दिसंबर में एक प्रार्थना सभा के दौरान काहिरा में एक कॉप्टिक कैथ्रेडल में हुए एक बम विस्फोट में 25 लोग मारे गए थे।

पोप फ्रांसिस इस महीने काहिरा का दौरा करने वाले हैं और वहां वह कॉप्टिक ऑर्थोडॉक्स चर्च के प्रमुख सहित विभिन्न धर्मगुरुओं से मुलाकात करेंगे।

नस्लीय हिंसा को लेकर भारत के ख‍िलाफ हुए अफ्रीकी राजदूत

अफ्रीकी स्टूडेंट्स पर भारत में हो रहे लगातार हमलों को लेकर अफ्रीकी राजदूतों ने चिंता जताई है। इसे नस्लीय और दूसरे देशों से आए लोगों के प्रति नफरत का व्यवहार बताते हुए उन्होंने इसपर भारत के खिलाफ एक्शन लेने की बात कही है। अफ्रीकी राजदूतों ने इस मामले पर अंतर्राष्ट्रीय जांच कमिटी बैठाने के साथ कहा है कि मुद्दे पर भारत पर्याप्त कार्रवाई नहीं कर रहा है।

बता दें कि 27 मार्च को भारी मात्रा में ड्रग्स लेने के चलते 17 वर्षीय भारतीय लड़के की मौत पर एक ग्रुप ने ग्रेटर नोएडा में कैंडल मार्च निकाला। इस मामले में पुलिस ने कुछ नाइजीरियन लोगों से पूछताछ कर उन्हें छोड़ दिया था। इससे गुस्साए लोगों ने कैंडल मार्च के दौरान 4 नाइजीरियन छात्रों पर हमला कर दिया।

हालांकि, पुलिस ने भी इस मामले में अब तक 5 लोगों को गिरफ्तार करने के अलावा करीब 1200 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।

इस मामले पर नाइजीरियन उच्च आयोग के अधिकारियों ने घायलों से मुलाकात की और इसे उनके लिए असुरक्षित बताया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस मुद्दे पर विदेश मंत्रालय से भी बातचीत जारी है।

एक शीर्ष अफ्रीकी राजनयिक ने ग्रेटर नोएडा हमले को नस्लीय बताते हुए कहा, ''अफ्रीकी लोगों के बारे में लोगों के बीच पर्याप्त जागरूकता नहीं है। यही सबसे बड़ी दिक्कत है।''

वहीं विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले का कहना है कि सरकार भारत में रह रहे सभी विदेशी लोगों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। हालात को नियंत्रण में रखने के लिए उचित कदम उठाए जा रहे हैं।

बागले ने कहा कि विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर ने नाइजीरियन उच्चायुक्त से इसपर उचित कदम उठाने को लेकर बातचीत की है।

पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल के मुताबिक, इस तरह की घटना अफ्रीका में भारत की छवि को खराब कर सकता है।

लोगों का आरोप है कि अफ्रीकी देशों से स्टूडेंट वीजा पर भारत आने वाले अधिकांश छात्र नशे के कारोबार में जुटे हैं। ये लोग अफ्रीकी देशों से नशीले पदार्थ लाकर भारतीय छात्रों के बीच नशीले पदार्थ सप्लाई करते हैं। वहीं दूरिस्ट वीजा पर लड़कियां भारत में आकर सेक्स के धंधों में लिप्त रहती है। विदेशी नागरिक होने की वजह से पुलिस भी इनपर जल्द कार्रवाई करने से हिचकती है।