विदेश

रूस पर आतंकी हमला: 2 मेट्रो स्टेशनों पर धमाके, 10 की मौत

रूस के पीटर्सबर्ग शहर में दो मेट्रो स्टेशनों (पीटर्सबर्ग मेट्रो स्टेशन और सनाया मेट्रो स्टेशन) पर हुए भीषण धमाकों से 10 लोगों की मौत हो गई। इस धमाके में कम से कम 50 लोगों के घायल होने की भी खबर है।

स्थानीय मीडिया में इन धमाकों को आतंकी हमला बताया गया है।

घटनास्थल की जो भयावह तस्वीरें सामने आई हैं उनमें लोग खून से लथपथ भागते हुए दिख रहे हैं।

यह धमाका ब्लू लाइन अंडरग्राउंड मेट्रो पर हुआ। घटना के बाद से इलाके के तीन मेट्रो स्टेशनों को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है।

स्टेशन को पूरी तरह से खाली करा लिया गया है और घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

घटना सोमवार को स्थानीय समयानुसार दिन के करीब 2:30 बजे की है। यानी भारतीय समयानुसार शाम करीब 5 बजे धमाके हुए।

रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने मामले की हर एंगल से जांच कराने की बात कही है। उन्होंने हादसे में हताहत हुए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।

रूस की आतंकवाद निरोधी समिति ने कहा कि यह एक आईईडी धमाका था जो संभवत: किसी डिब्बे में छिपाकर रखा गया था।

धमाके के लिए इस्तेमाल किए गए बम में कीलें भरी थीं। धमाके के बाद सभी मेट्रो ट्रेनों का संचालन रोक दिया गया।

पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि धमाके के बाद सेन्नाया प्लोश्चड मेट्रो स्टेशन पर आठ एंबुलेस खड़ी थीं। कुछ मीडिया रिपोर्टों में दो मेट्रो स्टेशनों पर धमाके की बात कही गई।

धमाका ऐसे समय हुआ है जब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के साथ बैठक करने के लिए सेंट पीटर्सबर्ग में मौजूद थे। पीटर्सबर्ग मॉस्को के बाद रूस का दूसरा सबसे बड़ा शहर है।

इससे पहले 2010 में रूस में दो महिला आत्मघाती हमलावरों ने मास्को की मेट्रो ट्रेन पर बम धमाके किए थे जिसमें 38 लोगों की मौत हो गई थी।

इसी तरह 2004 में रूस में जब कुछ इस्लामिक कट्टरपंथियों ने एक स्कूल के छात्रों को बंधक बना लिया था तो घटना में आतंकियों समेत 330 लोग मारे गए थे जिनमें आधे से ज्यादा बच्चे थे।

2002 में आतंकियों ने एक थिएटर में घुसकर लोगों को बंधक बना लिया था जिसमें पुलिस कार्रवाई होने पर 120 लोगों की मौत हुई थी।

ये घटनाएं रूस में तब सामने आई थीं जब बतौर प्रधानमंत्री ब्लादिमीर पुतिन ने 1999 में मुस्लिम इलाके चेचन्या की अलगाववादी सरकार को कुचलने का अभियान चलाया था।

इसके बाद राष्ट्रपति बनने के बाद से पुतिन अब तक विद्रोहियों के खिलाफ सख्ती बनाए हुए हैं।

पोलैंड में भारतीय छात्र को हमलावरों ने बेरहमी से पीटा

पोलैंड में भारतीय छात्र को कुछ हमलावरों ने बेरहमी से पीटा है। भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को ट्विटर पर इस घटना की जानकारी मिली थी। हालांकि इस ट्वीट में युवक की मौत की सूचना थी। सुषमा ने तुरंत पोलैंड में भारतीय राजदूत से विस्तृत रिपोर्ट मांगी।

भारतीय राजदूत ने बाद में बताया कि युवक जिंदा है और अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है।

पोलैंड के पोज्नान शहर में बुधवार को अज्ञात हमलावरों ने 21 वर्षीय भारतीय युवक पर हमला बोल दिया। वह अपने एक दोस्त के साथ एक अन्य मित्र के घर जा रहा था। हमलावरों ने बाजार में उसे पीटा और धक्का दिया, जिसके चलते उसका सिर पास की एक दुकान से टकराया और खून बहने लगा। युवक ने मदद के लिए गुहार भी लगाई, लेकिन कोई मदद को आगे नहीं आया।

यही नहीं, युवक की मदद के लिए पहुंची पुलिस को भी पूरा मामला समझने में करीब 24 घंटे लग गए। भारतीय युवक अंग्रेजी और हिंदी भाषा ही जानता था, जबकि पुलिसकर्मी सिर्फ पोलिश भाषा समझते थे।

युवक को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हालांकि अभी हमले के पीछे के कारणों का खुलासा नहीं हो सका है।

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को सबसे पहले एक ट्वीट से घटना की जानकारी मिली। इसमें युवक की मौत का दावा किया गया था। सुषमा ने पोलैंड में भारतीय राजदूत से घटना की पूरी जानकारी मांगी।

देर शाम राजदूत अजय बिसारिया ने सुषमा को बताया कि युवक जिंदा है। कुछ लोगों ने उस पर बुधवार को हमला किया था, पोलिश पुलिस मामले की जांच कर रही है।

आतंकियों के छिपने की जगह न बने व्हाट्सऐप

ब्रिटेन के गृह मंत्री एंबर रुड का कहना है कि चरमपंथी के लिए छिपने की कोई भी जगह नहीं हो सकती है और ख़ुफ़िया एजेंसियों को व्हाट्सऐप के एनक्रिप्टेड मैसेज पढ़ने की अनुमति होनी चाहिए।

ख़ालिद मसूद नाम के शख़्स ने इसी हफ्ते लंदन के वेस्टमिंस्टर में एक हमले में तीन लोगों की जान ले ली थी। सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई में वो मारा गया था।

हमले से दो मिनट पहले तक उनका फ़ोन व्हाट्सएप से कनेक्टेड था।

ब्रिटेन के गृह मंत्री का कहना है कि वो जल्द ही इस सेवाएं देने वाली कंपनियों से मुलाक़ात करेंगी और उनसे साथ मिलकर काम करने के लिए कहेंगी।

वहीं लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कॉर्बिन का कहना है कि जाँच एजेंसियों के पास पहले से ही बहुत-सी शक्तियां हैं।

उन्होंने कहा कि 'जानने के अधिकार' और लोगों की 'निजता के अधिकार' के बीच संतुलन होना चाहिए।

बीबीसी वन के एंड्रयू मार शो पर बात करते हुए ब्रिटेन के गृह मंत्री एंबर रुड ने कहा, ''ये पूरी तरह अस्वीकार्य है। आतंकवादियों के छिपने के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए।''

उन्होंने कहा, ''हमें सुनिश्चित करना है कि व्हाट्सऐप और ऐसी अन्य कंपनियां आतंकवादियों को गुप्त तरीके से बात करने की कोई जगह न दे पाएं।''

रड ने कहा, ''हमें इस स्थिति में ये सुनिश्चित करना है कि ख़ुफ़िया एजेंसियों के पास व्हाट्सऐप के एनक्रिप्टेड संदेश पढ़ने की क्षमता हो।''

व्हाट्सऐप पर भेजे जाने वाले सभी संदेश दोनों ओर से एनक्रिप्टेड होते हैं। यानी इन संदेशों को भेजने वालों के अलावा और कोई नहीं पढ़ सकता है।

इसका मतलब ये है कि ख़ुफ़िया एजेंसियां और ख़ुद व्हाट्सऐप भी इस एप्लीकेशन के ज़रिए भेजे जाने वाले संदेशों को नहीं पढ़ सकती है।

इस बारे में व्हाट्सऐप का कहना है कि लोगों की निजता की सुरक्षा करना उसका आधार मूल्य है।

एपल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टिम कुक भी कह चुके हैं कि सरकार का हमें अपने उत्पादों की जांच के लिए पिछला रास्ता खुला छोड़ने के लिए मजबूर करना ग़लत है।

एपल के उत्पाद भी पूरी तरह एनक्रिप्टेड होते हैं। यानी एपल के फ़ोन में रखी गई जानकारी को फ़ोन मालिक के अलावा और कोई नहीं पढ़ सकता है।

रड का कहना है, ''मैं टिम कुक से कहूंगी कि वो दोबारा सोचें कि किन तरीकों से एपल के फ़ोन पर व्हाट्सएप होने की स्थिति में वो हमारी मदद कर सकते हैं।''

यूरोपोल के निदेशक रॉब वैनराइट भी रड की मांगों का समर्थन करते हैं।

उन्होंने कहा, ''मैं इस बात से सहमत हूं कि हमारे संदेशों को पढ़ने की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए कुछ न कुछ किया जाना चाहिए।''

52 वर्षीय ख़ालिद मसूद ने लंदन में लोगों पर कार चढ़ा दी थी। इस हमले में 52 लोग घायल हुए थे और तीन की मौत हो गई थी।

शनिवार को मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने कहा था कि मसूद ने ये हमला अकेले ही अंजाम दिया।

स्कॉटलैंड यार्ड ने कहा था कि ऐसा भी मुमकिन है कि कभी ये पता ही न चल पाए कि हमले के पीछे उसका मक़सद क्या था ?

बांग्लादेश के सिलहट में दो धमाके, तीन की मौत

बांग्लादेश के अधिकारियों के मुताबिक, देश के उत्तर-पूर्वी शहर सिलहट में हुए दो धमाकों में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई।

सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक, मरने वालों में एक पुलिस अधिकारी शामिल है। धमाके में कई लोग घायल भी हुए हैं।

अधिकारियों ने जानकारी दी है कि धमाके एक इमारत के पास हुए हैं जहां संदिग्ध चरमपंथियों और सेना के कमांडो के बीच संघर्ष जारी है।

सिलहट मेट्रोपोलिटन पुलिस के प्रवक्ता ज़िदान अल मूसा ने बताया कि धमाके में इंस्पेक्टर चौधरी अबू कैसर की मौत हो गई। मारे गए बाकी दो लोगों में एक हमलावर हो सकता है।

मूसा ने कहा कि सिलहट में चरमपंथियों के ख़िलाफ़ सेना अभियान चला रही है।

संदिग्ध चरमपंथियों ने सुरक्षा बलों पर बमों से हमला किया। इस वारदात में 40 लोग घायल हो गए हैं।

स्थानीय पत्रकार अहमद नूर ने बीबीसी बांग्ला को बताया कि जहां बम हमला हुआ, वे वहां से थोड़ी ही दूर थे।

सेना के एक अधिकारी ने बताया कि पूरे शहर में चरमपंथियों की धर पकड़ चल रही है।

पुलिस ने सिलहट के दक्षिण सुरमा इलाक़े में एक पांच मंज़िला मकान की दो दिनों से घेराबंदी कर रखी थी। उसके बाद शनिवार को उस मकान पर कमांडो ने हमला कर दिया।

इसके पहले सेना ने जानकारी दी थी कि उन्होंने चरमपंथियों के कब्ज़े वाली इमारत से 78 आम लोगों को बाहर निकाला है। इनमें 21 बच्चे शामिल हैं।

सेना के प्रवक्ता लेफ़्टीनेंट कर्नल रशीदुल हसन ने बताया, चरमपंथियों की संख्या छह के करीब है। उनके पास बड़ी मात्रा में विस्फोटक और बम हैं। 

पाकिस्तान में बदल रहा आतंकी हमले का स्वरूप

पाकिस्तान में पहले आतंकी सिर्फ सरकारी संस्थानों और सुरक्षाकर्मीयों पर ही हमले करते थे, लेकिन अब उनके हमले का पैमाना लगातार बढ़ता और बदलता जा रहा है। अब वह ज्यादातर धार्मिक संस्थान और आम लोगों को निशाना बनाने लगे हैं।

पाकिस्तान के जाने-माने अखबार 'डॉन' में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, इससे वह सरकार पर और अधिक दबाव बनाना चाहते हैं। डॉन ने पिछले तीन-चार साल में पाकिस्तान में हुए कुछ बड़े आतंकी हमलों के तरीके पर यह रिपोर्ट तैयार की है जिसके मुताबिक, आतंकी लगातार बड़े पैमाने पर भीड़ को निशाना बनाकर हमले कर रहे हैं ताकि ज्यादा नुकसान हो।

आतंकियों का मानना है कि सेना या पुलिस पर हमला करने से सिर्फ राज्य प्रभावित होता है और उनके हमले का ज्यादा प्रचार-प्रसार नहीं हो पाता। लेकिन जैसे ही आम लोग उसका शिकार बनते हैं। आतंक की चर्चा होने लगती है और सरकार पर भी दबाव बनता है। यहां तक कि ऐसी खबरें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सुर्खियां बटोरने लगती हैं।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 2007 के बाद से आतंकियों ने अपने साथियों को सजा देने के लिए कोर्ट पर गुस्सा निकाला। इस दौरान पाकिस्तान में कुल 11 बार कोर्ट को निशाना बनाया गया। खैबर पख्तूनवा में आठ, क्वेटा में दो और इस्लामाबाद एक हमला किया गया। इन हमलों में 62 वकील और तीन जज समेत लगभग 170 लोग मारे गए।

सबसे खास बात यह है कि पाकिस्तान में जो उलेमा धार्मिक स्थलों पर हमले की कड़ी निंदा करते हैं वो कोर्ट पर हमले के समय कुछ नहीं बोलते।

2005 से 2017 के बीच पाकिस्तान के लगभग कई प्रमुख धार्मिक स्थलों पर आतंकी हमले हुए। अब्दुल्ला शाह गाजी, शाह नूरानी, बारी इमाम, बाबा फरीद समेत कुल सात श्राइन को निशाना बनाया गया। इन हमलों में कम से कम 269 लोगों की जान गई। इन हमलों से साफ जाहिर होता है कि आतंकी हमले में धर्म कभी आड़े नहीं आता। आतंकी अफगानिस्तान से लेकर सीरिया और इराक में समान रूप से हमले कर रहे हैं। उनका काम सिर्फ दहशत फैलाना है।

ढाका एयरपोर्ट के पुलिस गेट पर आत्मघाती हमला

बांग्लादेश की राजधानी ढाका का इंटरनेशनल एयरपोर्ट शुक्रवार को बड़ी तबाही से बच गया। एयरपोर्ट की पुलिस चेक पोस्ट पर रोके जाने के बाद एक आत्मघाती हमलावर ने खुद को उड़ा लिया।

हमले में किसी अन्य के मारे जाने की अभी खबर नहीं है।

सशस्त्र बल के सहायक कमांडर तंजिला अख्तर ने कहा कि शाम सात बजे यह धमाका हुआ। हमलावर ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। एयरपोर्ट के सौ मीटर के दायरे में यह धमाका हुआ है।

हवाई अड्डे के पास सैन्य शिविर पर आत्मघाती हमले के एक हफ्ते बाद यह घटना हुई है। आईएस ने उस हमले की जिम्मेदारी ली थी।

ताजा हमले के बाद हवाई अड्डों, कारागारों समेत अहम प्रतिष्ठानों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

ढाका पुलिस के प्रवक्ता मसुदुर रहमान ने कहा कि पुलिस और सैन्य कर्मियों को पास आता देख हमलावर ने धमाका कर दिया। पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर जांच शुरू कर दी है।

लंदन के संसद पर आतंकी हमले के बाद संसद बंद

लंदन के संसद पर आतंकी हमले की कोशिश की गई है। लंदन के संसद के पास वाले इलाके में एक अज्ञात बंदूकधारी ने फायरिंग की है। इस फायरिंग में दो लोगों की मौत की खबर है जबकि दर्जन भर लोगों के घायल होने की खबर है।

लंदन के संसद पर आतंकी हमले की कोशिश, दो लोगों की मौत, हमलावर ढेर

लंदन के संसद पर आतंकी हमले की कोशिश की गई है। लंदन के संसद के पास वाले इलाके में एक अज्ञात बंदूकधारी ने फायरिंग की है। इस फायरिंग में दो लोगों की मौत की खबर है जबकि दर्जन भर लोगों के घायल होने की खबर है।

यह इलाका लंदन के बीचो-बीच स्थित है। जहां पर पर्यटक काफी संख्या में मौजूद होते हैं। इस घटना के बाद वेस्टमिनिस्टर ब्रिज पर यातायात को रोक दिया गया है।

बताया जा रहा है कि संसद के भीतर करीब 200 सांसद मौजूद थे। इसके बाद सुरक्षा के लिहाज से संसद को तत्काल बंद कर दिया गया। पुलिस ने पास के वेस्टमिनिस्टर अंडरग्राउंड रेलवे स्टेशन को भी बंद करा दिया है।

अचानक हुआ फायरिंग से इलाके में अफरातफरी मच गई जिसके बाद पुलिस ने संदिग्ध को मार गिराया है। हमलावर द्वारा की गई फायरिंग में मरने वालों में एक पुलिसकर्मी भी बताया जा रहा है।

घटना के बाद पूरे लंदन में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।

रॉयटर्स की खबर के अनुसार, इसमें कम से कम एक दर्जन लोग घायल हो गए हैं। वेस्‍टमिंस्‍टर पैलेस को बंद कर दिया है। खबरों के अनुसार पुलिस ने हमलावर को मार गिराया है। ब्रिटेन के एक मंत्री ने बताया कि कथित हमलावर को पुलिस ने संसद के बाहर मार गिराया है। हमलावर को करीब से गोली मारी गर्इ है। उसे तीन गोलियां मारी गई है। ब्रिटिश पुलिस और खुफिया एजेंसी एमआई5 ने इस घटना के आतंकी होने से इनकार किया है। उनका कहना है कि अभी गोलीबारी की घटना के रूप में ही इसकी जांच की जाएगी।

ब्रिटेन के एक मंत्री ने बताया कि कथित हमलावर को पुलिस ने संसद के बाहर मार गिराया है। बीबीसी ने हाउस ऑफ कॉमन्‍स के नेता डेविड लिडिंगटन ने कहा कि हमलावर ने एक पुलिसकर्मी पर चाकू से हमला किया। संसद के अंदर मौजूद स्‍टाफ से अंदर ही रहने को कहा गया है।

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने बताया कि सांसदों ने तीन या चार बार गोलियां चलने की आवाज सुनी। ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे की प्रवक्‍ता ने कहा कि वह बिलकुल सुरक्षित हैं।

इंडिपेंडेंट के पत्रकार टॉम पेक ने ट्वीट कर बताया कि बड़ा धमाका हुआ। फिर चीखें सुनी गई। इसके बाद गोलियां चलने की आवाज आई। सब जगह हथियारबंद पुलिस है।

ब्रिटिश संसद के डिप्टी स्‍पीकर ने बताया कि संसद के दोनों सदनों को गोलीबारी के बाद सस्‍पेंड कर दिया गया है। साथ ही वेस्‍टमिंस्‍टर अंडरग्राउंड स्‍टेशन को भी बंद कर दिया गया है।

एक चश्‍मदीद रेडोस्‍लॉ सिकोस्की ने बताया कि वेस्‍टमिंस्‍टर ब्रिज पर एक कार ने पांच लोगों को कुचल दिया। लेकिन यह घटना संसद के बाहर गोलीबारी के वाकये से अलग है।

अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में रूस के हस्तक्षेप की जांच कर रही है एफबीआई

अमेरिका के एफबीआई के प्रमुख ने इस बात की पुष्टि की है कि एजेंसी पिछले साल के राष्ट्रपति चुनाव में रूस के हस्तक्षेप की जांच कर रही है और इस जांच के दायरे में ट्रंप की प्रचार टीम एवं मॉस्को के बीच का संभावित संबंध भी है।

प्रतिनिधि सभा की खुफिया मामले की स्थायी प्रवर समिति के समक्ष एफबीआई निदेशक जेम्स कोमे ने कहा कि चल रही जांच की पुष्टि करने का फैसला विरला है क्योंकि नीति के तहत एजेंसी किसी वर्तमान जांच की पुष्टि नहीं करती है।

उन्होंने कहा कि बहरहाल, न्याय विभाग ने व्यापक जनहित में इस मामले में सहमति दी है। उन्होंने कहा, जांच के दायरे में ट्रंप की प्रचार टीम से जुड़े लोगों और रूस सरकार के बीच के किसी तरह के संपर्क की बात भी है। इसकी भी जांच हो रही है कि क्या ट्रंप की प्रचार टीम और रूस के प्रयासों के बीच किसी तरह का तालमेल था।

कोमे ने मौजूदा जांच के बारे में विवरण देने से इंकार किया। काम के बहुत जटिल होने की बात स्वीकार करते हुए एफबीआई निदेशक ने कहा कि जांच को पूरा करने की कोई मियाद नहीं है।

एफबीआई के निदेशक जेम्स कोमे ने पहली बार इस मामले में सार्वजनिक तौर पर कुछ बोला है। इसके साथ ही ट्रंप की ओर से लगाए गए फोन टैंपिंग के आरोपों की जांच भी किया जाना है।

ट्रंप ने चार मार्च को ट्वीट किया था कि ओबामा ने उनके फोन टैप कराए थे, इन आरोपों के बाद देश में तेज राजनीतिक बहस छिड़ गई थी।

पूरी दुनिया जल्द देखेगी उत्तर कोरिया की जीत का महत्व: किम जोंग

उत्तर कोरिया ने आज उच्च क्षमता वाले एक नए रॉकेट इंजन का परीक्षण किया है। उत्तर कोरिया के सरकारी मीडिया ने यह जानकारी दी है। केसीएनए की खबर के अनुसार, परीक्षण का निरीक्षण करते हुए नेता किम जोंग-उन ने इस बात पर जोर दिया कि पूरी दुनिया जल्द ही देखेगी कि आज की महान विजय का क्या महत्व है।

किम अपनी बात के जरिए यह संकेत दे रहे थे कि उत्तर कोरिया एक नया उपग्रह रॉकेट प्रक्षेपित करने की तैयारी कर रहा है। केसीएनए ने कहा, ''नए इंजन के विकास से बाह्य अंतरिक्ष विकास क्षेत्र में विश्वस्तरीय उपग्रह स्थापित करने की क्षमता के लिए जरूरी वैज्ञानिक एवं तकनीकी नींव रखने में मदद मिलेगी।''

रॉकेट इंजन को आसानी से मिसाइलों में प्रयोग किया जा सकता है। पर्यवेक्षकों का कहना है कि परमाणु हथियारों से लैस प्योंगयांग का अंतरिक्ष कार्यक्रम हथियार परीक्षणों को छिपाने के लिए है।

नए अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन अमेरिका के सहयोगी जापान और दक्षिण कोरिया की यात्रा करने के बाद कल बीजिंग पहुंचे। उन्होंने कहा कि अमेरिका प्योंगयांग के साथ धैर्यपूर्वक कूटनीति चलाने की विफल तरकीब पर अब काम नहीं करेगा। टिलरसन ने यह चेतावनी दी कि उत्तर कोरिया के खिलाफ अमेरिकी सैन्य कार्रवाई का विकल्प मौजूद है।

खबर के अनुसार, माना जा रहा है कि इन मिसाइलों में वह नए इंजन लगाए गए हैं जिनका पिछले साल उत्तर कोरिया ने परीक्षण किया था।

तब प्योंगयांग ने कहा था कि वे अमेरिका में परमाणु हमला करने की गारंटी होंगे।

इससे पहले जो खबरें सामने आई थीं उनमें कहा गया था कि दक्षिण कोरियाई अधिकारियों और दक्षिण कोरियाई एवं अमेरिकी सेना के उच्च स्तरीय सूत्रों के हवाले से दक्षिण कोरिया की योनहैप समाचार एजेंसी ने बताया कि दो नयी मिसाइलों को मोबाइल लांचर पर रखा गया था।