ब्रिटेन के मैनचेस्टर में हुए ब्लास्ट की जिम्मेदारी आतंकी संगठन आईएस (इस्लामिक स्टेट) ने ली है। यह जानकारी न्यूज एजेंसी एएफपी ने दी है।
सोमवार (22 मई) की रात को मैनचेस्टर में हुए विस्फोट में 22 लोगों की मौत हो गई और करीब 50 अन्य लोग घायल हो गए थे।
हमले के वक्त मैनचेस्टर एरीना में अमेरिकी पॉप सिंगर अरियाना ग्रैंडे का कार्यक्रम हो रहा था। हमले पर उन्होंने भी दुख जताया।
23 वर्षीया गायिका अरियाना ग्रैंडे ने घटना के बाद ट्वीट किया, ''टूट गई हूँ। दिल की गहराइयों से बहुत-बहुत माफी मांगती हूँ। मेरे पास शब्द नहीं है।''
हमले में आईएस का नाम आने से पहले ही उसके समर्थक इंटरनेट पर खुशियां मनाने लगे थे। हमले के बाद आईएस के समर्थकों ने खुशी जाहिर की और आपस में बधाई संदेश भेजे थे।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, इस्लामिक स्टेट से जुड़े ट्वीटर अकाउंट से धमाके से जुड़े हैशटैग का इस्तेमाल करके बधाई संदेश भेजे गए और दूसरी जगहों पर ऐसे ही हमलों के लिए हौसला अफजाई की गई।
भारतीय राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मैनचेस्टर धमाके पर शोक व्यक्त करते हुए पीड़ितों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। राष्ट्रपति मुखर्जी ने कहा कि भारत दुख की इस घडी में ब्रिटेन के साथ है।
कुलभूषण जाधव की फाँसी की सजा पर इंटरनेशनल कोर्ट द्वारा रोक लगा दिये जाने के बावजूद पाकिस्तान के रवैये के प्रति भारत की चिंता बरकरार है। भारत को इस बात की चिंता सता रही है कि पाकिस्तान में कुलभूषण जाधव के साथ अनहोनी हो सकती है।
भारत को इस बात की भी आशंका है कि पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट के फैसले का सम्मान नहीं भी कर सकता है। भारत की इस आशंका की वजह भारत के खिलाफ जहर उगलने वाले पाकिस्तान के कुछ सुरक्षा विशेषज्ञों का वो बयान है जो उन्होंने इंटरनेशनल कोर्ट के फैसले के बाद दिया है।
पाकिस्तान के सुरक्षा विशेषज्ञ ने सैयद तारिक पीरजादा ने कहा है कि हमें इंटरनेशनल कोर्ट के फैसले की परवाह नहीं है, हम कुलभूषण जाधव को फांसी पर जरूर चढ़ाएंगे।
अंग्रेजी न्यूज चैनल टाइम्स नाउ से बातचीत में पीरजादा ने कहा, ''हमें इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस की परवाह नहीं है, हम जाधव को फाँसी पर चढ़ा देंगे।''
बता दें कि सैयद तारिक पीरजादा पाकिस्तान के न्यूज़ चैनलों पर आने वाले सुरक्षा विशेषज्ञ हैं और अक्सर भारत के खिलाफ बयानबाजी करते रहते हैं।
बता दें कि कश्मीर के राजनीतिक विश्लेषक सुशील पंडित ने भी कहा है कि हम वैसे देश के साथ डील कर रहे हैं जहां प्रधानमंत्री को भी फांसी दे दी जाती है। लिहाजा भारत को काफी सावधान रहना पड़ेगा।
बता दें कि पाकिस्तान के पूर्व पीएम जुल्फिकार अली भुट्टो को पाकिस्तान में फांसी दे दी गई थी। जुल्फिकार अली भुट्टो 1973 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री थे। जनरल जिया उल हक ने उनका तख्तापलट कर दिया था और उन पर विरोधी नेता की हत्या का आरोप लगाकर मुकदमा चलाया गया और उन्हें मौत की सजा सुनाई गई। पाकिस्तान ने तमाम अंतर्राष्ट्रीय दबावों की परवाह ना करते हुए जुल्फिकार अली भुट्टो को फांसी पर लटका दिया था।
हेग की अंतरराष्ट्रीय अदालत ने पाकिस्तान की जेल में बंद भारत के कुलभूषण जाधव की मौत की सज़ा पर रोक लगा दी है।
अदालत ने कहा कि जब तक उनके मामले में अंतिम फैसला नहीं आ जाता उन्हें फांसी नहीं दी जा सकती।
कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जासूसी के आरोप में फांसी की सज़ा सुनाई है। जहाँ पाकिस्तान का आरोप है कि वो जासूस हैं, वहीं भारत कहता है कि जाधव का ईरान से अपहरण किया गया।
भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव लगभग एक साल से पाकिस्तान में कैद हैं।
जाधव की फ़ांसी टालने को लेकर भारत ने इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस यानी आईसीजे का दरवाज़ा खटखटाया था।
आईसीजे के प्रेसिडेंट ने कहा कि कुलभूषण जाधव की फांसी पर सुनवाई ख़त्म होने तक रोक लगाने का फ़ैसला सभी जजों का सर्वसम्मति से लिया गया फ़ैसला है।
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में 11 जजों की बेंच ने कुलभूषण जाधव की गिरफ्तारी के बारे में कहा कि इस गिरफ्तारी की स्थिति को लेकर अभी भी विवाद है।
आईसीजे ने कहा कि फांसी की सज़ा से माफ़ी के लिए पाकिस्तान में जो 150 दिनों का समय दिया गया है वो अगस्त में ख़त्म हो रहा है।
कोर्ट का फ़ैसला सुनाते हुए जज रॉनी एब्राहेम ने कहा, ''इससे पता चलता है कि अगस्त के बाद कभी भी उन्हें फांसी दी जा सकती है और ये मामला अर्जेंट है।''
अदालत ने पाकिस्तान की उस आपत्ति को खारिज कर दिया कि ये मामला उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। हालाँकि अदालत ने ये भी कहा कि इस पर मतभेद हैं।
अदालत ने भारत और पाकिस्तान के बीच संधियों का हवाला दिया और कहा कि 1977 से ही भारत और पाकिस्तान वियना संधि का हिस्सा हैं।
जाधव के मामले में अदालत ने कहा कि जाधव को काउंसलर मदद मिलनी चाहिए थी।
पाकिस्तान और चीन की दोस्ती दुनिया के लिए नई नहीं है, लेकिन पाकिस्तान में बन रहे चीन-पाकिस्तान इकॉनोमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) को लेकर पाकिस्तानी सरकार कुछ ज्यादा ही उतावलेपन में है।
इस बीच, चीन में चल रहे 'वन बेल्ट, वन रोड समिट' में पाकिस्तान और चीन के बीच सबसे हॉट एजेंडा सीपीईसी के लॉन्ग टर्म प्लान को मंजूरी देना है।
पाकिस्तानी अखबार 'डॉन' की वेबसाइट पर छपी खबर के मुताबिक, चीन ने पाकिस्तान में अपने पांव पसारने का पुख्ता इंतजाम इस कॉरिडोर के सहारे किया है। इस पाकिस्तानी मीडिया को जो पेपर डॉक्यूमेंट हाथ लगे हैं। उसके मुताबिक, चीन का मास्टर प्लान है कि वो पाकिस्तान में हजारों एकड़ जमीन लीज पर लेगा और उसमें सिंचाई के अलग-अलग तकनीक का इस्तेमाल कर खेती करेगा।
इतना ही नहीं, वहां निगरानी का पूरा बंदोबस्त करने की भी चीन की योजना है। इसके तहत पेशावर से लेकर कराची तक शहरों में चौबीसों घंटे वीडियो रिकॉर्डिंग होने वाला सर्विलांस सिस्टम लगाया जाएगा।
इसके तहत सड़कों और प्रमुख बाजारों की निगरानी की जा सकेगी। इस इलाके में नेशनल फाइबर केवल बिछाकर न केवल इंटरनेट बल्कि चीनी टीवी ब्रॉडकास्टिंग को भी पाकिस्तान के घर-घर तक पहुंचाने की चीन सरकार की योजना है ताकि चीनी संस्कृति का प्रसार पाकिस्तान के हरेक हिस्से में हो सके।
चीन की योजना है कि वो चीनी संस्कृति और चीनी इन्टरप्राइजेज के जरिए पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और सामाजिक व्यवस्था के हर मोड़ तक अपनी पहुंच बनाए।
हालांकि, पाकिस्तान के इतिहास में इस तरह के विदेशी निवेश और विदेशी हस्तक्षेप का कोई मिसाल सामने नहीं आया है। पाकिस्तान के कुछ हिस्सों में चीनी कारोबारी मध्यम और छोटे इन्टरप्राइजेज भी स्थापित करेंगे। इनमें घरेलू उपकरण बनाने की यूनिट के अलावा, चीनी मोबाइल का निर्माण भी शामिल है।
इसके अलावा टेलीकम्यूनिकेशन और मेटालर्जिकल सेक्टर में भी चीनी उद्योग लगाएगे जाएंगे ताकि वहां के खनिज संसाधन का दोहन किया जा सके।
चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे में टेक्सटाइल्स एंड गार्मेंन्ट्स, सीमेंट एंड बिल्डिंग मैटेरियल्स, फर्टिलाइजर एंड एग्रीकल्चरल टेक्नोलॉजी से संबंधित प्लांट भी लगाए जाएंगे। इसके लिए वहां नई नीति भी बनाई जा रही है। इसके अलावा वहां इंडस्ट्रियल पार्क, स्पेशल इकोनॉमिक जोन बनाने की भी चर्चा है।
इन सबसे अहम है वहां कृषि, वानिकी के साथ-साथ औद्योगिक विकास को रफ्तार देने के लिए चीन की योजना है कि इस इलाके में रेलवे और हाई स्पीड हाईवे का निर्माण कराया जाय।
चीन की प्रमुख योजनाओं में पाकिस्तानी समुद्री तट का विकास करना शामिल है। इसके तहत वहां नौकायन के लिए मार्ग विकसित करना, रात में मनोरंजन के साधन मुहैया कराना, क्रूज होमपोर्ट्स विकसित करना, सिटी पार्क्स बनाना, पब्लिक स्क्वेयर बनाना, थियेटर और गोल्फकोर्स, स्पा, थियेटर और वाटर स्पोर्ट्स डेवलप करने की भी योजना है। इसके अलावा उत्तर पश्चिमी पाकिस्तान के पेशावर में पायलट सेफ सिटी बनाने की भी चीन की योजना है।
दोनों देशों के बीच आधिकारिक बातचीत के कागजात से पता चलता है कि पाकिस्तान जहां ग्वादर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को जल्द से जल्द बनवाने के लिए चीन पर दबाव डाल रहा है वहीं चीन पूर्वी एक्सप्रेसवे को जल्द से जल्द पूरा कराने का दवाब पाकिस्तान पर दे रहा है।
इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस (आईसीजे) में पाकिस्तान ने कहा है कि कुलभूषण जाधव पर आरोपों को लेकर भारत की तरफ़ से कभी कोई जवाब नहीं आया।
उसने आरोप लगाया कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय अदालत को राजनीतिक ड्रामे के लिए इस्तेमाल किया है।
कुलभूषण जाधव को फांसी की सज़ा दिए जाने पर रोक लगाने को लेकर भारत आईसीजे पहुंचा है और सोमवार को इस पर सुनवाई हुई।
भारत ने पहले अपना पक्ष रखा और पाकिस्तान पर वियना संधि के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए फांसी की सज़ा पर रोक लगाने की मांग की।
जवाब में पाकिस्तान की दलील थी कि वियना संधि आतंकी कार्रवाई में शामिल रहे जासूस पर लागू नहीं होती।
पाकिस्तान ने कहा कि कुलभूषण जाधव के मुस्लिम नाम वाले पासपोर्ट को लेकर भारत ने कोई जवाब नहीं दिया और चुप्पी साधे रखी।
उसने अंतरराष्ट्रीय अदालत से कहा कि कुलभूषण जाधव पर भारत की अपील गैरज़रूरी और ग़लत समझ पर आधारित है।
इससे पहले भारत की ओर से पैरवी कर रहे अटार्नी हरीश साल्वे ने कहा कि जाधव को उनके कानूनी अधिकारों से वंचित रखा गया और कॉन्सुलर उपलब्ध कराए जाने की 16 अपीलों को नज़रअंदाज़ कर वियना संधि का उल्लंघन किया गया है।
भारत का पक्ष रखते हुए हरीश साल्वे ने कहा कि कुलभूषण पर उन बयानों के आधार पर आरोप तय किए गए जो उन्होंने पाकिस्तानी सेना के क़ैद में रहते हुए दिए थे।
उन्होंने कहा कि जाधव को कॉन्सुलर उलब्ध कराए जाने की सारी कोशिशों को पाकिस्तान ने अनसुना कर दिया।
भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को कथित जासूसी के आरोप में पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने मौत की सज़ा सुनाई है।
भारत का कहना है कि कुलभूषण जाधव को कॉन्सुलर उपलब्ध कराए जाने से इनकार कर दिया गया और एकतरफ़ा फ़ैसला सुना दिया गया। अब भारत इस सज़ा पर रोक चाहता है।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने अपना फ़ैसला सुरक्षित रख लिया है।
रविवार को किए गए मिसाइल टेस्ट के बारे में उत्तर कोरिया ने दावा किया है कि वो एक नए तरह का रॉकेट था जो बड़े परमाणु 'वॉरहेड' ले जाने में सक्षम है।
आसमान की ओर दागा गया ये मिसाइल 2000 किलोमीटर की ऊंचाई तक गया।
700 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद ये जापान के पश्चिमी सागर तट पर जाकर गिरा।
उत्तर कोरिया ने सोमवार को कहा कि ये टेस्ट 'नए विकसित किए गए बैलिस्टिक रॉकेट की काबिलियत' को परखने के लिए था।
संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंधों की एक और अवहेलना करके किए गए इस मिसाइल टेस्ट की दुनिया भर में आलोचना हुई है।
इस साल उत्तर कोरिया ने बार-बार मिसाइल टेस्ट किए हैं जिससे दुनिया भर में चिंता का माहौल है और अमरीका के साथ उसका तनाव बढ़ा है।
हालांकि उत्तर कोरिया के सभी टेस्ट कामयाब नहीं रहे हैं।
अमरीका और जापान ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपातकालीन बैठक बुलाई है।
उत्तर कोरियाई समाचार एजेंसी 'केसीएनए' ने सोमवार को कहा कि नए विकसित किए गए 'ह्वॉसॉन्ग-12' का परीक्षण योजना के मुताबिक रहा।
एजेंसी के मुताबिक, 'ह्वॉसॉन्ग-12' मध्यवर्ती/लंबी दूरी तक मार करने वाला 'रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बैलिस्टिक रॉकेट' है।
उत्तर कोरिया के बारे में माना जाता है कि वो परमाणु हथियार और उन्हें टारगेट तक ले जाने वाले मिसाइलों को विकसित कर रहा है।
और ये सब संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंधों के बावजूद हो रहा है।
लेकिन इस बात को लेकर तस्वीर साफ नहीं है कि क्या रॉकेट में लगाए जा सकने लायक हथियार बनाने की काबिलियत उसके पास है या नहीं।
उत्तर कोरिया ने अभी तक 'इंटरकॉन्टिनेंटल (अंतरमहाद्वीपीय) बैलिस्टिक मिसाइल' या 'आईसीबीएम' का परीक्षण नहीं किया है जो टारगेट तक पहुंच सकता हो, उदाहरण के लिए अमरीका।
'इंटरकॉन्टिनेंटल (अंतरमहाद्वीपीय) बैलिस्टिक मिसाइलों' के बारे में कहा जाता है कि ये 6000 किलोमीटर के फ़ासले तक मार कर सकती हैं।
लेकिन जानकारों का मानना है कि रविवार को उत्तर कोरिया ने जिस मिसाइल का टेस्ट किया है उसे सीधा ऊपर दागने के बजाय धरती के समानांतर दागने पर ये 4000 किलोमीटर तक जा सकता है।
कहा जाता है कि कोरियाई शासक किम जोंग-उन ने वैज्ञानिकों को लापरवाह न होने की हिदायत दी है है और जब तक कि अमरीका सही फैसला न ले ले, उनसे परमाणु हथियारों पर अपना काम आगे जारी रखने के लिए कहा गया है।
इससे पहले अमरीका की तरफ़ से सही परिस्थितियों में उत्तर कोरिया से वार्ता के बारे में कहा गया था।
लेकिन रविवार को संयुक्त राष्ट्र में अमरीकी राजदूत निकी हेली ने कहा कि किम जोंग-उन जब तक अमरीकी शर्तें पूरी नहीं करते, हम उनके साथ वार्ता के लिए नहीं बैठने वाले हैं।
यूरोप समेत दुनिया के कई देशों में कुछ संगठनों पर साइबर हमला हुआ है।
इन साइबर हमलों के बाद कंप्यूटर्स ने काम करना बंद कर दिया। प्रभावित कई संगठनों ने कंप्यूटर्स के लॉक होने और बिटकॉइन की मांग करने वाले स्क्रीनशॉट्स साझा किए हैं।
ब्रिटेन, अमरीका, चीन, रूस, स्पेन, इटली, वियतनाम और कई अन्य देशों में रेनसमवेयर साइबर हमलों की खबर है।
साइबर एक्सपर्ट इन घटनाओं को एक साथ जोड़कर देख रहे हैं।
एक साइबर सुरक्षा शोधकर्ता ने ट्वीट किया कि उन्होंने इसके बदले में बिटकॉइन मांगने के 36,000 मामलों का पता लगाया है। ये वानाक्राइ या इससे मिलते-जुलते नाम से किए गए हैं। उन्होंने कहा, ''ये बहुत बड़ा है।''
ब्रिटेन की नेशनल हेल्थसर्विस (एनएचएस) भी रेनसमवेयर से बुरी तरह प्रभावित हुई है।
हैकर्स ने ब्रिटेन की हेल्थ सर्विस से जुड़े कंप्यूटरों को निशाना बनाया है।
एनएचएस के कर्मचारियों ने वानाक्राइ के प्रोग्राम के स्क्रीनशॉट्स साझा किए हैं।
समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक, इंग्लैंड के कई अस्पतालों का कहना है कि उन्हें अपने कंप्यूटर खोलने में परेशानी हो रही है। जो कंप्यूटर्स हैक हुए हैं उन्हें खोलने पर एक मैसेज दिखाई दे रहा है जिसमें कहा गया है कि फ़ाइल रिकवर करना चाहते हो तो पैसे चुकाने होंगे।
रेनसमवेयर एक कंप्यूटर वायरस है जो कंप्यूटर्स फ़ाइल को बर्बाद करने की धमकी देता है। धमकी दी जाती है कि यदि अपनी फ़ाइलों को बचाना है तो फीस चुकानी होगी।
ये वायरस कंप्यूटर में मौजूद फ़ाइलों और वीडियो को इनक्रिप्ट कर देता है और उन्हें फिरौती देने के बाद ही डिक्रिप्ट किया जा सकता है।
ख़ास बात ये है कि इसमें फिरौती चुकाने के लिए समयसीमा निर्धारित की जाती है और अगर समय पर पैसा नहीं चुकाया जाता है तो फिरौती की रकम बढ़ जाती है।
ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन की वेबसाइट हैक होने का मामला सामने आया है। उस वेबसाइट पर हैकर्स ने कुलभूषण जाधव और भारत के खिलाफ मैसेज पोस्ट किए।
पोस्ट में लिखा गया है कि भारत जाधव को वापस मांग रहा है, लेकिन पाकिस्तान भारत को उसकी डेड बॉडी भेजेगा।
हैकर्स ने मैसेज के साथ कुलभूषण जाधव की तस्वीर और फांसी का फंदा भी लगाया था।
फिलहाल वेबसाइट को ठीक कर लिया गया है।
बता दें कि इंटरनेशनल कोर्ट ने पाकिस्तान में भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा पर रोक लगाने को कहा है। जाधव को पाकिस्तान में जासूसी और विध्वसंक गतिविधियों के आरोप में फांसी की सजा सुनाई गई है।
भारत ने जाधव को फांसी के खिलाफ अंतराष्ट्रीय अदालत में अपील की थी।
मंगलवार देर रात मिली खबर के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत ने भारतीय नागरिक जाधव की फांसी की सजा की तामील पर स्टे दिया।
हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (आइसीजे) ने भारत की ओर से यह कहे जाने के बाद कि नौसेना से सेवानिवृत्त होने के बाद व्यवसाय कर रहे जाधव का ईरान से अपहरण किया गया था, उन्हें मिली फांसी की सजा की तामील पर स्थगन लगा दिया है।
कुलभूषण जाधव को मार्च 2016 में जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इसी महीने उन्हें मौत की सजा सुनाई गई है जिसकी पुष्टि खुद पाकिस्तान सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा ने की पुष्टि थी।
कुलभूषण जाधव भारतीय नौसेना के रिटायर्ड अधिकारी हैं, लेकिन पाकिस्तान ने उन पर रॉ का खुफिया एजेंट होने के आरोप लगाए।
रिपोर्टों के मुताबिक, कुलभूषण जाधव पर पाकिस्तान का दावा है कि वह हुसैन मुबारक पटेल के नाम से बलूचिस्तान इलाके में ईरान की सीमा से दाखिल हुए थे।
नाइजीरिया के राष्ट्रपति ने कहा है कि इस्लामी चरमपंथी समूह बोको हराम ने जिन लड़कियों का अपहरण किया था उनमें से एक चिबोक लड़की ने आज़ाद होने से इनकार कर दिया है।
उनका कहना है कि लड़की ने आज़ाद होने की बजाय अपने पति से साथ रहना चुना है। ये शनिवार को बोको हराम की चुंगल से छुड़ाई गई लड़कियों में से एक हैं।
नाइजीरिया के राष्ट्रपति मोहमदू बुहारी के प्रवक्ता गार्बा शेहू ने स्थानीय टीवी चैनल्स को बताया कि उस लड़की ने कहा, ''मैं जहां हूं वहीं खुश हूं। मुझे पति मिल गया है।''
बोको हराम ने तीन साल पहले नाइजीरिया के उत्तर पूर्वी इलाके से 276 लड़कियों को अगवा किया था। इस इलाके में बगावत के दौरान बोको हराम ने कई और लोगों को भी अगवा किया था।
सरकार इस बात पर राज़ी हुई थी कि इनके बदले वो पकड़े गए बोको हराम के कुछ सदस्यों को रिहा करेगी। लेकिन कितने सदस्यों को छोड़ा जाना है इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।
माना जा रहा है कि सौ से अधिक लड़कियां अब भी चरमपंथियों की क़ैद में हैं।
ऐसी ख़बरे हैं कि जो लड़कियां अगवा की गई थीं उनमे से कुछ ने बोको हराम के लड़ाकों से शादी कर ली और अब उनके बच्चे भी हैं।
चिबोक लड़कियों के माता-पिता को धीरे-धीरे उनकी बेटियों के बारे में बताया जा रहा है।
सरकार ने लड़कियों के नाम ट्विटर पर पोस्ट किए हैं, लेकिन चिबोक में सोशल मीडिया की पहुंच सब लोगों तक नहीं है।
गार्बा शेहु का कहना है कि लड़कियों की पहचान की जा रही है ताकि जल्द से जल्द उन्हें उनके परिवारों से मिलाया जा सके।
ब्रिंगबैकअवरगर्ल्स अभियान की संयोजक आयशा यसुफू ने समाचार एजेंसी एएफ़पी को बताया कि वो इन लड़कियों के उनके माता-पिता से मिलाने के काम में जुटे हुए हैं।
भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान में फांसी की सज़ा सुनाए जाने के मामले में भारत ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाया है।
भारतीय समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने इस मामले में पाकिस्तान से ये सुनिश्चित करने को कहा है कि कुलभूषण सुधीर जाधव को सभी विकल्पों पर विचार करने से पहले फांसी न दी जाए। हालांकि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय की तरफ़ से इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है।
पाकिस्तान की मीडिया में भी कहा जा रहा है कि भारतीय मीडिया कुलभूषण जाधव की फांसी रोके जाने की ख़बर को ग़लत रिपोर्ट कर रही है।
पाकिस्तान सरकार की तरफ़ से भी इस पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ज़रूर ट्वीट कर कहा है कि उन्होंने आईसीजे के प्रेसिडेंट के ऑर्डर के बारे में कुलदीप जाधव की मां को जानकारी दी है।
भारतीय अख़बार 'द हिंदू' ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के प्रेसिडेंट रॉन अब्राहम के हवाले से लिखा है कि उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ को निर्देश दिया है कि वो भारत की अपील पर गौर करें और जब तक न्यायालय मामले पर सुनवाई नहीं कर लेता और आदेश पारित नहीं कर देता, तब तक कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक रहेगी।
पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जाधव को जासूसी और विध्वंसक गतिविधियों में शामिल होने के मामले में फांसी की सज़ा सुनाई है।
कुलभूषण जाधव अभी भी पाकिस्तान की जेल में बंद हैं।
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय की तरफ़ से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, भारत ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में कहा कि फांसी के ख़िलाफ़ अपील करने के लिए बहुत कम समय है और पाकिस्तान में सभी विकल्प पर विचार करने के लिए भी समय नहीं है।
भारत ने 15 से ज़्यादा बार कुलभूषण जाधव को क़ानूनी मदद देने के लिए कॉन्सुलर एक्सेस की मांग की है, लेकिन पाकिस्तान ने अभी तक इसकी मंज़ूरी नहीं दी है।
कुलभूषण जाधव की मां भी पाकिस्तान से कुलभूषण की सज़ा पर फिर से विचार करने की अपील कर चुकी हैं।
जाधव की मां ने पाकिस्तान सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप का आग्रह किया था। इसके साथ ही उन्होंने अपने बेटे से मिलने की इच्छा जताई थी।
भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर कहा है कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में भारत की अपील और आईसीजे के प्रेसिडेंट के ऑर्डर के बारे में कुलभूषण जाधव की मां को जानकारी दी है।
उन्होंने ये भी कहा कि वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे अदालत में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
भारत ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में अपनी अपील में कहा था कि कुलभूषण जाधव को ईरान में अगवा किया गया था जहां वो भारतीय नौसेना से रिटायर होने के बाद व्यापार कर रहे थे।
भारत ने इस अपील में कहा है कि उसे कुलभूषण को फांसी की सज़ा सुनाने के बारे में जानकारी प्रेस रिलीज़ से मिली थी।
वहीं पाकिस्तान ने पिछले साल तीन मार्च को बलूचिस्तान से उनकी गिरफ्तारी दिखाई है और इसके बारे में भारत को 25 मार्च 2016 को इस बारे में आधिकारिक जानकारी दी गई।
भारत ने उसी वक्त कॉन्सुलर एक्सेस की मांग की थी, लेकिन पाकिस्तान ने इनकार कर दिया था।
वहीं भारत ने अदालत को बताया है कि 23 जनवरी 2017 को पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव के कथित तौर पर पाकिस्तान में जासूसी और चरमपंथी गतिविधियों में शामिल होने के मामले की जांच में मदद मांगी थी और कहा था कि कॉन्सुलर एक्सेस की मांग पर विचार करते हुए भारत की प्रतिक्रिया को ध्यान में रखा जाएगा।
भारत का दावा है कि जांच में मदद मांगने को कॉन्सुलर एक्सेस की मांग से जोड़ना विएना कन्वेशन के ख़िलाफ़ है।
अंतरराष्ट्रीय अदालत में भारत ने अपील की है कि सैन्य अदालत ने जो सज़ा सुनाई है उसपर पाकिस्तान अमल न करे और सैन्य अदालत के फ़ैसले को निरस्त करने के लिए पाकिस्तान के कानून के मुताबिक क़दम उठाए।









