भारत

68वें गणतंत्र दिवस के मौके पर भारत ने दिखाई ताकत

भारत के 68वें गणतंत्र दिवस के मौके पर आज देश की राजधानी दिल्ली में राजपथ पर देश की सैन्य ताकत, प्रौद्योगिकी और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की झलक देखने को मिली।

परेड में कुल 23 झाकियां, सैन्य बलों, अर्द्धसैनिक बलों, एनसीसी, एनएसएस तथा एनएसजी के 15 मार्चिंग दस्ते, संयुक्त अरब अमीरात का एक मार्चिंग दस्ता और उनके बैंडों ने हिस्सा लिया।

स्वदेशी हल्का लड़ाकू विमान तेजस और देश में ही बनी धनुष तोप, कोर ऑफ मिलिट्री पुलिस के 'श्वेत अश्व' द्वारा मोटरसाइकिल पर हैरतंगेज कर देने वाले करतब और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के कमांडो परेड का मुख्य आकर्षण रहे।

समारोह की शुरुआत इंडिया गेट स्थित अमर जवान ज्योति पर भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ हुई। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने भी तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ शहीदों को अपनी श्रद्धांजलि दी। इसके बाद प्रधानमंत्री ने सलामी मंच पर आकर तीनों सेनाओं के सर्वोच्च कमांडर और राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की अगवानी की।

उनके सम्मान में 21 तोपों की सलामी के साथ ही सुबह 10 बजे परेड शुरू हुई। राष्ट्रपति के साथ आबूधाबी के युवराज एवं संयुक्त अरब अमीरात की सशस्त्र सेनाओं के डिप्टी सुप्रीम कमांडर मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान भी थे जो इस साल गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि थे।

दिल्ली क्षेत्र के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल एम.एम. नरवाने परेड कमांडर तथा दिल्ली क्षेत्र के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल राजेश सहाय परेड के सेकेंड इन कमांड थे। विजय चौक और इंडिया गेट को जोड़ने वाले राजपथ पर लगभग डेढ़ घंटे तक तीनों सेनाओं की ताकत, राष्ट्र की सांस्कृतिक विविधता और ऐतिहासिक धरोहरों का झरोखा देखने को मिला। परेड का समापन आठ किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद लाल किले पर हुआ।

थल सेना के छह मार्चिंग दस्तों तथा छह बैंडों, नौसेना के एक-एक बैंड और मार्चिंग दस्ते तथा एक झाँकी और वायु सेना के मार्चिंग दस्ते, बैंड तथा वाहनों की एक टुकड़ी ने परेड में हिस्सा लिया। इसके अलावा बीएसएफ, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ तथा दिल्ली पुलिस के एक-एक बैंड और मार्चिंग दस्ते, तटरक्षक बल का एक मार्चिंग दस्ता तथा एनसीसी के बालकों और बालिकाओं का एक-एक मार्चिंग दस्ता भी परेड में शामिल हुआ।

मार्चिंग दस्तों से पहले स्वदेशी हल्का लड़ाकू विमान तेजस और देश में ही बनी धनुष तोप ने राजपथ के दोनों ओर मौजूद दर्शकों और अतिथियों की तालियां बटोरी।

धनुष को पहली बार सार्वजनिक तौर पर प्रदर्शित किया गया है। इसे भारतीय सेना के लिए काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि बोफोर्स तोप के बाद सेना को मिलने वाली यह पहली बड़ी तोप है।

इतना ही नहीं, टी-90 टैंक, आकाश और ब्रह्मोस मिसाइल, सीबीआरएन यानी कैमिकल, बायोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल और न्यूक्लिअर रेडिएशन डिटेक्शन मशीन भी राजपथ पर नज़र आये।

वायु सेना की स्वदेशी ताकत का प्रतीक लड़ाकू विमान तेजस भी पहली बार गणतंत्र दिवस परेड का हिस्सा बना। लगभग दो दशक के अंतराल के बाद यह दूसरा मौका है जब कोई स्वदेशी लड़ाकू विमान राजपथ पर वायु सेना की स्वदेशी ताकत राजपथ पर दिखी। है। इससे पहले 1980 के दशक में स्वदेशी लड़ाकू विमान मारुत ने गणतंत्र दिवस परेड के मौके पर फ्लाई पास्ट में अपने जौहर दिखाये थे।

हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा बनाया गया तेजस ऑटो पायलट सुविधा के साथ घातक मिसाइलों, बमों और अन्य हथियारों से लैस अत्याधुनिक विमान है। फ्लाई पास्ट के लिए तीन तेजस विमानों ने बीकानेर के निकट नाल हवाई पट्टी से उड़ान भरी थी।

वायु सेना की मारक क्षमता की रीढ़ माने जाने वाले सुखोई, जगुआर और मिग लड़ाकू विमानों ने भी फ्लाई पास्ट में अपने जौहर दिखाकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर लिया। लड़ाकू हेलिकॉप्टर रुद्र तथा उन्नत हल्के हेलिकॉप्टर ध्रुव के अलावा भारी-भरकम मालवाहक विमान हरक्यूलिस और ग्लोबमास्टर भी फ्लाई पास्ट का हिस्सा रहे। वायु सेना के दस्ते में इस बार चार अधिकारी और 144 आसमानी योद्धा शामिल थे। दस्ते का नेतृत्व स्क्वॉड्रन लीडर अटल सिंह शेखो ने किया। वायु सेना की झांकी का थीम इस बार महिला पायलटों को लड़ाकू भूमिका में शामिल करने और वायु सेना के प्रौद्योगिकी केंद्रित नेटवर्क पर आधारित था।

असम के तिनसुकिया में उग्रवादी हमला, दो शहीद

असम-अरुणाचल सीमा पर जयरामपुर के निकट रविवार को सुरक्षाकर्मियों के एक काफिले पर उग्रवादियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में असम राइफल्स के दो जवान शहीद हो गए और दो अन्य घायल हो गए।

पुलिस के अनुसार, हमलावर युनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) के वार्ता विरोधी गुट और खापलांग के नेतृत्व वाले नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड (एनएससीएन-के) से संबद्ध थे।

असम के पुलिस महानिदेशक मुकेश सहाय ने कहा कि सुरक्षा बलों ने उग्रवादियों के खिलाफ अभियान शुरू किया है।

तिनसुकिया के पुलिस अधीक्षक मुग्धाज्योति महंता ने कहा कि 15-20  उग्रवादियों ने घात लगाकर हमला किया।

गैर सरकारी सूत्रों ने कहा कि हमले के बाद उग्रवादी असम राइफल्स के कुछ हथियार और गोला बारूद लेकर भाग गए।

उल्फा और एनएससीएन-के ने गत साल नवम्बर में तिनसुकिया जिले में सेना के एक काफिले पर घात लगा कर हमला किया था जिसमें तीन जवान शहीद हो गए थे।

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए सपा-कांग्रेस में गठबंधन

कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच रविवार को आने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए गठबंधन हो गया है। लखनऊ में दोनों पार्टियों की ओर से संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में गठबंधन का ऐलान किया गया।

समाजवादी पार्टी 298 तथा कांग्रेस 105 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। यूपी के समाजवादी पार्टी प्रमुख नरेश उत्तम ने यह जानकारी दी। गठबंधन का ऐलान करने के लिए राजबब्बर रविवार शाम लखनऊ आए।

पिछले कुछ दिनों से दोनों पार्टियों के बीच सीटों को लेकर गठबंधन की बात अटकी हुई थी। समाजवादी पार्टी के एक नेता ने बताया था कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कांग्रेस को 120 सीट देने के लिए तैयार थे, पर बाद में वे अपनी बात से पलट गए थे।

वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने रविवार को कहा कि सपा के साथ गठबंधन को लेकर प्रियंका गांधी ने कोशिशें की हैं।

जगदलपुर-भुवनेश्वर एक्सप्रेस हादसे में 39 की मौत

आंध्र प्रदेश में विजियानगरम जिले के कुनेरू स्टेशन के पास शनिवार रात जगदलपुर-भुवनेश्वर हीराखंड एक्सप्रेस ट्रेन का इंजन और सात कोच के पटरी से उतर जाने से मरने वाले लोगों की संख्या 39 तक पहुंच गई है।

यह हादसा शनिवार रात करीब 11 बजे हुआ जब ट्रेन भुवनेश्वर जा रही थी। यह हादसा कुनेरू स्टेशन रायगड़ा से 35 किलोमीटर दूर विजियानगरम में हुआ है और यह इलाका माओवाद से प्रभावित है।

रेलवे सूत्रों का कहना है कि जगदलपुर-भुवनेश्वर एक्सप्रेस हादसे में साजिश से इनकार नहीं किया जा सकता।

भारत के पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, जगदलपुर-भुवनेश्वर एक्सप्रेस के पटरी से उतर जाने के कारण जिन्होंने प्रियजनों को खो दिया है, मैं उनके साथ हूं। यह त्रासदी दुखद है। मैं हादसे में घायल लोगों के जल्द ठीक होने की प्रार्थना करूंगा। रेल मंत्री इस हादसे पर बारीकी से नजर रखे है और जल्द राहत एवं बचाव कार्य सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं।

भारत के रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने इस हादसे में मरने वाले लोगों के परिजनों को 2 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को 50 हजार रुपये और घायलों को 25 हजार रुपये के मुआवजे का ऐलान किया है। रेल मंत्री सुरेश प्रभु और रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ए के मित्तल आंध्र प्रदेश के लिए रवाना हो गए हैं।

पूर्व तटीय रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी जे पी मिश्रा ने कहा कि 18448 जगदलपुर-भुवनेश्वर एक्सप्रेस के सात डिब्बे और इंजन कुनेरू स्टेशन के पास पटरी से उतर गए। पटरी से उतरे डिब्बों में इंजन के साथ सामान का डिब्बा, दो जनरल कोच, दो स्लीपर कोच और दो ऐसी कोच शामिल हैं।

उन्होंने कहा, घटनास्थल पर पहुंचे डॉक्टरों के अनुसार घटना में 23 लोग मारे गए। अधिकारी ने कहा, घटनास्थल पर चार दुर्घटना राहत वाहन भेज दिए गए हैं। घटना के कारण का अभी पता नहीं चला है।

आंध्र प्रदेश रेल हादसे पर चंद्रबाबू नायडू ने कहा, अपनों को खोने वाले परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं। हम दुर्घटना के कारणों की जांच कर रहे हैं।

रेल मंत्री सुरेश प्रभु खुद इस घटना पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने रेल अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से राहत कार्य शुरू करने के निर्देश दिए हैं। पूर्वी तटीय रेलवे (ईस्ट कोस्ट रेलवे) के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी जेपी मिश्रा ने बताया कि दुर्घटना की सूचना मिलते ही घटना स्थल की ओर चार दुर्घटना राहत चिकित्सा वैन रवाना कर दी गईं है।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि जगदलपुर से हर संभव मदद के लिए कहा गया है। हेल्पलाइन नंबर जारी कर दिया गया है और अधिकारी भी घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं।

बहरहाल, रायगड़ा के उप जिलाधीश मुरलीधर स्वैन ने दावा किया कि करीब 100 लोगों के घायल होने की आशंका है। उन्होंने कहा कि हताहतों की संख्या बढ़़ सकती है क्योंकि कई लोग फंसे हुए हैं।

रेल मंत्रालय ने टिवटर पर लिखा, अलग-अलग जगहों से कुल चार दुर्घटना राहत वाहन भेजे गए। हमारी प्राथमिकता इलाज मुहैया कराना और घायल यात्रियों को करीबी अस्पतालों में पहुंचाना है। सुरेश प्रभु (रेल मंत्री) व्यक्तिगत रूप से हालात की निगरानी कर रहे हैं और उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को तत्काल घटनास्थल पर पहुंचने का निर्देश दिया है ताकि त्वरित बचाव एवं राहत अभियान सुनिश्चित किए जा सके।
       
रायगड़ा में हेल्पलाइन नंबर इस प्रकार हैं - बीएसएनएल लैंडलाइन नंबर 06856 223400, 06856 223500, मोबाइल 09439741181, 09439741071, एयरटेल 07681878777 तथा विजयनगरम में हेल्पलाइन नंबर हैं - रेलवे नंबर 83331, 83333, 83334, बीएसएनएल लैंडलाइन 08922221202

भारतीय रेलवे के प्रवक्ता अनिल सक्सेना ने बताया कि इस हादसे में 54 लोग घायल हुए हैं और जिन लोगों को छोटी-मोटी चोटें आई थी उनको प्राथमिक उपचार के बाद भेज दिया गया है। रेल मंत्री ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने बताया कि नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स की एक टीम घटना स्थल पर पहुंच गई है और इस हादसे के चलते विजयनगरम-सिंहपुर के बीच की ट्रेन सेवा प्रभावित हुई है।

रेलवे का कहना है कि वह हर एंगल से मामले की जांच कर रहे है। अगर वहां असामान्य गतिविधि या ट्रैक के साथ छेड़छाड़ की गई है तो जांच की जाएगी। कमिश्नर रेलवे सेफ्टी (सिविल एविएशन मिनिस्ट्री) को मामले की जांच सौंपी गई है।

तमिलनाडु में जल्लीकट्टू पर अध्यादेश जारी

तमिलनाडु के राज्यपाल विद्यासागर राव द्वारा शनिवार को जल्लीकट्टू पर राज्य सरकार के अध्यादेश को मंजूर किए जाने के साथ ही इस खेल पर लगी रोक समाप्त हो गई।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ. पनीरसेल्वम ने घोषणा की कि रविवार को पूरे तमिलनाडु में जल्लीकट्टू का आयोजन किया जाएगा। मुख्यमंत्री खुद मदुरै के आलंगल्लुर में रविवार को जल्लीकट्टू का उद्घाटन करेंगे।

इससे पहले, ट्वीट कर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलों की समृद्ध संस्कृति पर गर्व जताया था और कहा था कि तमिल लोगों की सांस्कृतिक आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं।

मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार तमिलनाडु की प्रगति के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और राज्य को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए काम करती रहेगी। प्रधानमंत्री के इस वक्तव्य से ही इस अध्यादेश को लागू करने का रास्ता साफ हो गया था।

इससे पहले, शुक्रवार को केंद्रीय गृह, पर्यावरण और कानून मंत्रालयों ने राज्य सरकार के इस अध्यादेश को हरी झंडी दे दी थी। इसे विशेष परिस्थितियों में मंजूरी के लिए राष्ट्रपति को न भेजकर सीधे तमिलनाडु सरकार को भेज दिया गया था। इसके बाद इसपर दस्तखत के लिए राज्यपाल विद्यासागर राव शनिवार दिन में मुंबई से चेन्नई पहुंचे। राव महाराष्ट्र और तमिलनाडु दोनों राज्यों के राज्यपाल का कार्यभार संभाल रहे हैं।

जल्लीकट्टू जैसे सांस्कृतिक विषय संविधान के समवर्ती सूची में आते हैं। इस पर केंद्र और राज्य दोनों सरकारों को कानून बनाने का अधिकार है, लेकिन राज्य द्वारा कानून बनाने की स्थिति में इस पर केंद्र की अनुमति जरूरी होती है। इसीलिए इस मसौदे पर केंद्र की मंजूरी ली गई। इस अध्यादेश के बाद तमिलनाडु और पुडुचेरी में पिछले पांच दिनों से चले आ रहे विरोध-प्रदर्शनों के समाप्त होने की उम्मीद है।

वैसे तमिलनाडु में जल्लीकट्टू समर्थकों का विरोध-प्रदर्शन शनिवार को लगातार पांचवें दिन भी जारी रहा। विपक्षी दल द्रमुक के विधायक, सांसद और कार्यकर्ता पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष एम.के. स्टालिन की अगुवाई में यहां अनशन पर बैठे। विभिन्न जिलों के द्रमुक कार्यकर्ता और पार्टी पदाधिकारी भी यहां अनशन पर बैठे। चेन्नई के मरीना बीच समेत कई स्थानों पर युवा और छात्र डटे रहे। प्रदर्शनकारियों ने मदुरै में रेल यातायात को बाधित किया। दक्षिण रेलवे ने कुछ ट्रेनों के मार्ग में परिवर्तन किया और कुछ ट्रेनों को रद्द करने की घोषणा की।

तमिल स्टार सूर्या ने पशु अधिकारवादी संगठन पेटा को उसके इस दावे को लेकर कानूनी नोटिस भेजा है कि अभिनेता अपनी अगली फिल्म सी 3 के प्रचार के लिए जल्लीकट्टू का समर्थन कर रहे हैं।

बीस जनवरी, 2017 को भेजे नोटिस में अभिनेता के वकील आर. विजय आनंदन ने कहा कि सूर्या पहले भी कई मौके पर सांड़ को काबू में करने के खेल जल्लीकट्टू के प्रति अपना समर्थन जता चुके हैं और उन्हें सस्ती लोकप्रियता में शामिल होने की जरूरत नहीं है।

पेटा इंडिया की मुख्य कार्यकारी अधिकारी पूर्वा जोशीपुरा और दो अन्य पदाधिकारियों को नोटिस भेजा गया है। इसमें नोटिस मिलने के सात दिनों के अंदर बिना शर्त्त माफी मांगने एवं मीडिया में माफीनामा जारी करने की मांग की गई है।

वकील ने कहा, अन्यथा उनके मुवक्किल उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने के लिए बाध्य होंगे।

जल्लीकट्टू पर लगाए गए प्रतिबंध को हटाने की मांग को हजारों लोगों के मिले समर्थन पर अभिनेता कमल हासन ने कहा है कि तमिल लोगों ने देश का गौरव बढ़ाया है।

कमल हासन ने जल्लीकट्टू प्रतिबंध का विरोध कर रहे युवाओं का समर्थन करते हुए कई ट्वीट किए। उन्होंने कहा, ''दुनिया के लोग हमें देख रहे हैं। तमिल लोग देश के गौरव को बढ़ा रहे हैं। अपने उद्देश्य के लिए धैर्य बनाए रखें। हमारे साथ इस आंदोलन में महिलाएं और पुरुष शामिल हैं।''

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ''1930 में हुए सविनय अवज्ञा आंदोलन के घोषणा पत्र का मसौदा मद्रास में बनाया गया था, इस बार फिर 2017 में तमिलनाडु में सफलतापूर्वक आंदोलन किया जा रहा है।''

कांग्रेस-सपा में नहीं हो सका गठबंधन, अलग-अलग चुनाव लड़ेंगे

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में गठबंधन को लेकर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच बात बनती नजर नहीं आ रही है। बात सीटों के तालेमल पर अटकी है, लेकिन सपा-कांग्रेस की ओर से विरोधाभासी बयान आने के चलते फिलहाल गठबंधन खटाई में पड़ गया है।

कांग्रेस ने जहां पहले और दूसरे चरण के प्रत्याशियों के नामों को हरी झंडी दे दी है। वहीं सपा नेता नरेश अग्रवाल ने कहा है कि कांग्रेस से गठबंधन लगभग टूट गया है।

हालांकि राज बब्बर ने कहा कि कांग्रेस सभी 403 सीटों पर लड़ेगी और गठबंधन पर बातचीत में कोई रुकावट नहीं है।

माना जा रहा है कि मुलायम सिंह इस गठबंधन से खासे नाराज़ थे। सपा के कई उम्मीदवार भी नहीं चाहते थे कि सपा-कांग्रेस से गठबंधन हो। ऐसे में सपा ने पहले तो अपनी सूची जारी की, फिर शुक्रवार से ही इस मुद्दे पर चुप्पी साध ली। दोनों ओर से कोई ठोस बातचीत न होने के कारण गठबंधन पर शनिवार की शाम होते-होते विरास सा लग गया।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर के शुक्रवार को दिल्ली लौटने के बाद संभावना थी कि गुलाम नबी आजा़द शनिवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश से बात करने लखनऊ आएंगे। शनिवार को दिनभर जहां कांग्रेस मुख्यालय पर उनका इंतजार होता रहा, वहीं मुख्यमंत्री आवास के बाहर सपाइयों में गठबंधन को लेकर तरह-तरह की चिंताएं जताई जाती रहीं। कांग्रेस भी स्टियरिंग कमेटी में पहले व दूसरे चरण के प्रत्याशियों के नाम तय करने में जुटी रही।

शाम को सपा नेता नरेश अग्रवाल ने दिल्ली में बयान दिया कि कांग्रेस से गठबंधन की बात लगभग खत्म हो गई है। हम उन्हें 99 सीटें दे रहे थे, लेकिन कांग्रेस 115-125 सीटें मांग रही है जो नामुमकिन है।

सपा पिछले चुनाव में जीती सीटों को जहां छोड़ने को तैयार नहीं है, वहीं कांग्रेस रायबरेली और अमेठी की सभी सीटें चाहती है। कांग्रेस ने इस बात को सपा नेतृत्व को बता भी दिया था, लेकिन सपा इस पर कतई तैयार नहीं हुई। सपा की तरफ से कांग्रेस को 79 या अधिकतम 85 सीटें देने की बात कही जा रही है, लेकिन कांग्रेस जीती सीटों पर अपना हक छोड़ने को तैयार नहीं है। इसके चलते गठबंधन की बात रुक गई है।

गठबंधन के सवाल पर सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने सिर्फ इतना ही कहा कि इस पर अंतिम फैसला राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव करेंगे। उन्होंने कहा कि सपा चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार है और पदाधिकारियों तथा कार्यकर्ताओं को प्रचार में जुटने का निर्देश दिया जा चुका है।

सपा-कांग्रेस गठबंधन पर शनिवार को मंथन का दौर चलता रहा। दिल्ली में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई, लेकिन सहमति नहीं बन पाई। बताया जाता है कि कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं की अखिलेश से फोन पर बात भी हुई। सपा कांग्रेस को अधिकतम 85 सीटें देने पर ही राजी है, पर कांग्रेस पिछले चुनाव में जीती सीटें छोड़ने को राजी नहीं हो रही है।

कांग्रेस को सपा जीती सीटें देने को तैयार नहीं थी। कांग्रेस 115 से 125 सीटों से कम पर तैयार नहीं हुई। सपा अधिकतम 99 सीटें ही देने को राजी थी। विरोध से बचने के लिए सपा ने कदम पीछे खींचे।  

गठबंधन के विरोध में मुलायम शुरुआती दौर से रहे हैं। शिवपाल ने भी गठबंधन के औचित्य पर सवाल उठाया था। राजा भैया भी कांग्रेस से गठबंधन का विरोध कर चुके हैं।

अखिलेश यादव ने कांग्रेस से गठबंधन की पहल की थी। राम गोपाल भी चाहते थे कि कांग्रेस से गठबंधन हो जाए। किरणमय नंदा भी गठबंधन की वकालत कर चुके हैं।

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव रविवार को पार्टी कार्यालय में विधानसभा चुनाव के लिए घोषणा पत्र जारी करेंगे। अखिलेश के घोषणा पत्र में युवाओं, किसानों, बुजुर्गों, बेसहारा लोगों के साथ उत्तर प्रदेश के विकास का वादा होगा। वह तमिलनाडु की तर्ज पर अम्मा भोजन योजना शुरू करने का भी वादा कर सकते हैं।

अखिलेश पार्टी कार्यालय में 11 बजे घोषणा पत्र जारी करेंगे। बताया जा रहा है कि इसमें आगरा-लखनऊ व पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की तर्ज पर तीन नए एक्सप्रेस-वे शुरू करने की घोषणा की जा सकती है। सभी गरीबों को समाजवादी पेंशन का लाभ देने, लैपटॉप की तर्ज पर स्मार्ट फोन देने की घोषणा भी की जा सकती है।

इसी तरह किसानों व खेती के लिए महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू करने, सरकारी स्कूलों में बच्चों को बेहतर सुविधा देने, प्राइमरी स्कूलों में कुर्सी-मेज देने की घोषणा भी कर सकते हैं। इसके अलावा बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने या उन्हें लाभ देने संबंधी योजना की वादा भी घोषणा पत्र में किया जा सकता है।

समाजवादी पार्टी में शनिवार को बसपा के पूर्व सांसद ब्रह्माशंकर राजभर और पूर्व विधायक विजय कुमार राम समेत कांग्रेस के कई नेता शामिल हुए। सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम और कैबिनेट मंत्री राजेंद्र चौधरी की उपस्थिति में ये नेता शामिल हुए।

राजेंद्र चौधरी ने बसपा पर प्रहार करते हुए कहा कि वह राजनीतिक दल नहीं है और न उसका कोई घोषणा पत्र है।

सपा में गाजीपुर के पूर्व विधायक विजय कुमार राम के साथ बसपा के 64 प्रमुख नेता, लोनी बसपा के पूर्व अध्यक्ष डा. मेहताब अली, मो. तनवीर अहमद (तिलोई), पूर्व सांसद सलेमपुर ब्रह्माशंकर राजभर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता फतेह बहादुर सिंह गिल समेत काफी संख्या में नेता सपा में शामिल हुए।

गंगासागर मेले में भगदड़, 7 श्रद्धालुओं की मौत

मकर संक्रांति पर पुण्य स्नान के बाद स्टीमर पर चढ़ने की होड़ में 7 गंगासागर तीर्थयात्रियों की मौत हो गई। 10 से अधिक श्रद्धालु घायल हुए। मारे गए लोगों में 6 महिलाएं और एक बच्चा है। हालांकि प्रशासन ने पांच श्रद्धालुओं के मरने की पुष्टि की है।

भारत के प्रान्त पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में स्थित सागर द्वीप पर हर साल मकर संक्रांति के मौके पर गंगासागर मेले का आयोजन होता है। रविवार शाम करीब 5.30 बजे कचूबेड़िया में पांच नंबर लंच घाट के पास तीर्थयात्री स्टीमर पर चढ़ने के लिए बैरिकेड के पहले कतार में खड़े थे। कोलकाता लौटने के लिए काफी समय से खड़े लोगों का धैर्य टूट गया। एक साथ स्टीमर पर चढ़ने की होड़ में बैरिकेड टूट गया और भगदड़ मच गई।

भगदड़ की चपेट में आने से गंगासागर से टीएमसी विधायक बंकिम हाजरा भी घायल हुए हैं। उन्हें रुद्रनगर अस्पताल ले जाया गया है। बता दें कि दो दिन में गंगासागर में कुल 16 लाख श्रद्धालुओं ने स्नान किया।

जिला प्रशासन के मुताबिक, नौसेना के गोताखोरों की मदद ली जा रही है। नदी में गिरे लोगों की तलाश जारी है।

पश्चिम बंगाल के पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने कहा, नदी में भाटा का समय था। स्टीमर पर बैठने की होड़ की वजह से यह हादसा हुआ।

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, पश्चिम बंगाल में भगदड़ के दौरान लोगों की मौत से दुखी हूं। मेरी संवेदनाएं मृतकों के परिजन के साथ है। घायल लोगों के जल्द ठीक होने की कामना करता हूं।

उन्होंने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से मृतकों के परिजन को दो-दो लाख और घायलों को 50-50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि देने को मंजूरी दी।

एक दिन पहले ही भारत के प्रान्त बिहार की राजधानी पटना में मकर संक्रांति पर आयोजित पतंजबाजी उत्सव में शामिल होकर नाव से लौट रहे लोगों के साथ हादसा हो गया था। इसमें 24 लोगों की डूबने से मौत हो गई।

डीटीसी का किराया घटाये बिना फाइल उपराज्यपाल ने लौटाई

दिल्ली के नए उपराज्यपाल अनिल बैजल और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच भी रिश्ते सौहार्दपूर्ण रहने के आसार नजर नहीं आ रहे है। दोनों के बीच लड़ाई की शुरुआत दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के किराये में कटौती किये जाने की फाइल दिल्ली सरकार को बिना मंजूरी के वापस किए जाने से शुरू हो गई है।

दिल्ली सरकार ने प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से लोगों का रुझान सार्वजनिक परिवहन की तरफ करने के लिए प्रायोगिक तौर पर जनवरी माह के दौरान डीटीसी की बसों के किराये में 75 प्रतिशत तक कमी करने का प्रस्ताव किया था। सरकार गैर एसी बसों का किराया पांच रुपये और एसी बसों का किराया 10 रुपये करना चाहती थी।

परिवहन मंत्री सत्येन्द्र जैन ने पिछले माह इसकी घोषणा की थी। उपराज्यपाल की मंजूरी के लिए पिछले सप्ताह फाइल भेजी गई थी।

बैजल ने दिल्ली सरकार से फाइल पर पुनर्विचार करने के लिए कहा है। सूत्रों के अनुसार, फाइल लौटाने के पीछे की वजह वित्त विभाग है जो उसकी मंजूरी देना नहीं चाहता है।

डीटीसी पहले ही भारी घाटे में है। डीटीसी के बेड़े में करीब चार हजार बसें है और 35 लाख से अधिक लोग रोजाना इससे सफर करते हैं।

पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग और मुख्यमंत्री केजरीवाल के बीच अधिकारों को लेकर लगातार टकराव बना रहा था।

समाजवादी पार्टी और साइकिल पर सोमवार को चुनाव आयोग का फैसला

उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) के नाम और चुनाव चिन्ह साइकिल पर पार्टी के दोनों गुटों के दावों पर चुनाव आयोग ने शुक्रवार को सुनवाई पूरी कर ली। चुनाव आयोग का फैसला सोमवार को आएगा।

अखिलेश गुट के वकील कपिल सिब्बल ने लगभग पांच घंटे तक चली सुनवाई के बाद दिल्ली में निर्वाचन सदन के बाहर संवाददाताओं को बताया कि सुनवाई पूरी हो गई है और इस पर चुनाव आयोग ने अपना फैसला सुरक्षा रख लिया है। आयोग सोमवार को अपना निर्णय देगा।

उन्होंने कहा कि दोनों गुटों ने आयोग को उसका फैसला स्वीकार करने का आश्वासन दिया है। उनके अनुसार सुनवाई के दौरान अखिलेश गुट ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी के 90 प्रतिशत से अधिक सांसद, विधायक और पदाधिकारी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ हैं इसलिए पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह 'साइकिल' उन्हें ही मिलना चाहिए।

अखिलेश गुट ने आयोग के पास 200 से अधिक विधायकों, सांसदों और विधान परिषद सदस्यों के हलफनामे सौंपे है। इसके अलावा पार्टी के विभिन्न स्तर के छह हजार से अधिक पदाधिकारियों के हलफनामे भी आयोग को दिए गए हैं।

सुनवाई के बाद मुलायम गुट के एक वकील गौरी नेवलेकर ने कहा कि आयोग को उनकी ओर से बताया गया कि मुलायम सिंह यादव पार्टी के अध्यक्ष हैं और वही इसके सर्वोच्च नेता है।

गौरी के अनुसार मुलायम सिंह यादव ने कहा कि जिस सम्मेलन में उन्हें अध्यक्ष पद से हटाया गया था, वह असंवैधानिक और गैर कानूनी था। इसलिए पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह के असली हकदार वही है। मुलायम गुट के वकीलों का नेतृत्व मोहन पारासरण और हरिहरन कर रहे थे।

मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव के बीच सपा के नाम और चुनाव चिन्ह 'साइकिल' पर मचे घमासान पर आज दोनों गुट आयोग के समक्ष पेश हुए।

लगभग 12 बजे शुरू हुई इस सुनवाई में अखिलेश गुट ने तीन बजे तक अपना पक्ष रखा। अखिलेश गुट की ओर से राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव, नरेश अग्रवाल और नीरज शेखर तथा किरणमय नंदा मौजूद थे। तीन बजे के बाद मुलायम गुट की ओर से स्वयं मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव पेश हुए।

मुलायम सिंह यादव के करीबी माने जाने वाले राज्यसभा सांसद अमर सिंह सुनवाई के दौरान मौजूद नहीं थे।

पिछले कई महीनों से समाजवादी पार्टी में वर्चस्व की लड़ाई जारी है और पार्टी दो गुटों में बंट गई है। एक गुट का नेतृत्व मुलायम सिंह यादव कर रहे हैं और उनके साथ वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव और राज्यसभा सांसद अमर सिंह हैं। दूसरे गुट का नेतृत्व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के हाथ में हैं और उनके साथ राज्यसभा सांसद राम गोपाल यादव, नरेश अग्रवाल और नीरज शेखर तथा किरणमय नंदा जैसे वरिष्ठ नेता हैं।

दोनों गुटों ने पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह पर हक जताते हुए चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया है। आयोग दोनों गुटों से इस बारे में हलफनामे ले चुका है।

इस बीच, मुलायम सिंह यादव ने राज्यसभा के सभापति मोहम्मद हामिद अंसारी को पत्र लिखकर रामगोपाल यादव को सदन में सपा के नेता के पद से हटाने का अनुरोध किया है।

उन्होंने कहा कि रामगोपाल यादव को पार्टी से निष्कासित किया जा चुका है।

मुलायम सिंह यादव का कहना है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में लखनऊ में बुलाया गया सपा का आपात राष्ट्रीय अधिवेशन गैर कानूनी था।

इस अधिवेशन में मुलायम सिंह यादव को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था ।

चुनाव आयोग को 17 जनवरी से पहले सपा के नाम और चुनाव चिन्ह 'साइकिल' के बारे में कोई फैसला लेना होगा क्योंकि उत्तर प्रदेश विधानसभा के पहले चरण के चुनाव के लिए 17 जनवरी को ही अधिसूचना जारी होनी है।

जानकारों का कहना है कि चुनाव आयोग पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह जब्त कर सकता है। आमतौर पर ऐसे मामले को निपटाने में छह महीने का समय लग जाता है।

जवान सीधे मुझसे शिकायत कर सकते हैं: आर्मी चीफ बिपिन रावत

बीते दिनों भारत की सुरक्षा में लगे अगल-अलग सुरक्षा एजेंसियों में तैनात जवानों ने अपनी शिकायतों को लेकर सोशल मीडिया पर कई विडियो अपलोड किए गए थे जिसको संज्ञान में लेते हुए भारत के थल सेना अध्यक्ष ने प्रेस वार्ता कर जवानों से यह कहा कि अगर किसी बात को लेकर कोई शिकायत या सुझाव है तो जवान सीधे मुझसे शिकायत कर सकते हैं।

थल सेना अध्यक्ष बिपिन रावत ने कहा कि सेना के सभी कमांड और मुख्यालयों में कंप्लेंट बॉक्स रखे है जिसे भी कोई शिकायत हो, वह उसके माध्यम से प्रत्यक्ष रूप से मुझसे शिकायत कर सकता है। इस बॉक्स में डाले गये सभी शिकायती पत्र सीधे मेरे द्वारा खोले  जाएगा।

इसकी क्या गारंटी है कि बॉक्स में डाले गये सभी शिकायती पत्र थल सेना अध्यक्ष द्वारा ही खोले जाएँ?    

भारतीय सेना में लांस नायक यज्ञ प्रताप सिंह का वीडियो सामने आया है। टीवी चैनल्स पर दिखाए जा रहे एक वीडियो में लांस नायक यज्ञ प्रताप ने अपने बड़े अफसरों पर खुद को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। यज्ञ ने अफसरों के व्यवहार पर कड़ी टिपण्णी करने हुए सवाल किया है कि जवानों से कपड़े धुलवाना और बूट पॉलिश करवाने को कैसे सही कहा जा सकता है?

गौरतलब है कि यज्ञ प्रताप सिंह देहरादून में तैनात है और उसने पिछले साल 15 जून को राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को अधिकारियों द्वारा जवानों के शोषण को लेकर एक चिट्ठी लिखी थी।

बाद में जब यह बात सेना के अधिकारियों को पता चली तो उसको काफी डांटा-फटकारा गया। अब उसे लग रहा है कि इसी मामले पर उसका कोर्ट मार्शल भी हो सकता है।

लांस नायक यज्ञ प्रताप ने बताया कि मैं सेना में 15 साल से नौकरी कर रहा हूं। लेकिन अधिकारियों द्वारा जवानों का शोषण किस तरह किया जाता है, मैंने देखा है। लेकिन कभी हिम्मत नहीं जुटा पाया क्योंकि सारी शक्ति अधिकारियों के हाथ में होती है। अगर मैं कुछ करता हूं तो मेरे ऊपर ही अधिकारी कार्रवाई कर सकते हैं।

यज्ञ प्रताप के मुताबिक, सेना में कई जगहों पर एक सैनिक से कपड़े धुलवाना, बूट पॉलिश करवाना, कुत्ते घुमवाना जैसे काम करवाना गलत है।

यज्ञ प्रताप ने कहा कि सेना में अधिकारी द्वारा जवानों के शोषण किया जाता है, जैसे घर का काम, अधिकारियों के जूते पॉलिस करना, मेम साहब के साथ किचन का काम करना, अधिकारियों के बच्चे को स्कूल छोड़कर आना जैसे कई काम जवानों को करने पड़ते हैं जो एक जवान को कभी अच्छे नहीं लगते हैं, लेकिन मजबूरी में करने पड़ते हैं। इसकी शिकायत को लेकर पीएम, राष्ट्रपति और मानव आयोग को भी खत लिखा, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।